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Dhikr (Remembrance of Allah) is to the Heart as Water is to a Fish;
See What Happens to a Fish when it is taken out of Water.
- Ibn Taymiyyah
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और जब तुम्हारे से मेरे बारे मे पूछा जायगा तो किया जवाब दोगे
सहाबा ने कहा हम गवाही देते है कि आपने अल्लाह का पैगाम पहुंचा दिया है और आपने अपना मिशन पूरा किया
ऐ अल्लाह गवाह रहना आपने आसमान कि तरफ देख कर कहा , और इस दौरान जो आपके खुत बाह ज़ोर आवाज़ मे बुलंद कर रहे थे वो राबियाह बिन उम्मीयाह बिन खलक थे और इसके बाद अंत मे सूरह मायदाह कि आयत उतरी हमने आपके ऊपर आज कर अपना दीन मुकम्मल कर दिया है और हमने आके लिए इस्लाम को पसंद किया है इस आयत को सुनने के बाद हज़रत उमर रो पड़े जब उनसे पुछा आप कियो रो रहे है तो आपने कुछ जवाब नहीं दिया इस खुतबे को पेश करना सर्फ़ मक़सद यह है आपके सामने वो चीज़े आय जो अल्लाह के नबी ने कही थी खुतबा को पेश करना मेरी ज़िम्मेदारी है ताकि हम लोग अपनी असल ज़िन्दगी पर आय हमें ना ही अल्लाह का पता है ना ही मुहम्मद के साथी है और कहते है हम मुसलमान है लिखने मे कुछ कोताही हो सकती है पुरे खुतबा का हवाला ( Book the sealed necter से लिया गया है ) अल्लाह मुझे अमल कि तौफ़ीक़ दे आमीन
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सबसे गंभीर बात यह है जो आख़री खुतबे मे कही है और इसी बात कि सबसे ज़्यादा कोहताई है ऐ लोग औरतों के बारे में अल्लाह से डरते रहो बेशक आपने उन्हें अल्लाह की सुरक्षा में ले लिया है और अल्लाह के शब्दों से उनके व्यक्तित्व को आपके लिए वैध बना दिया है, यह उन पर अनिवार्य है कि वे अपने वैवाहिक अधिकार का सम्मान करें और अनुचित कार्य न करें, जो कि यदि वे करती हैं आपके पास उन्हें सजा देना का अधिकार है, फिर भी गंभीर रूप से नहीं। यदि तुम्हारी पत्नियाँ अभद्र व्यवहार से दूर रहें और तुम्हारे प्रति वफादार रहें। उन्हें अच्छे कपडे पहनाएं और अच्छा खाना दो
मै तुम्हारे दरमियान अल्लाह कि आख़री क़िताब क़ुरान छोड़े जा रहा हूं अगर मज़बूत से पकड़ोगे तो कभी गुमराह नहीं हो सकते हो
हे लोगों, मेरे उत्तराधिकारी कोई पैगम्बर नहीं है और आपके उत्तराधिकारी कोई राष्ट्र नहीं है, इसलिए मैंने आपको अपने प्रभु की पूजा करने, रमज़ान के उपवास के लिए पांच नमाज़ पढ़ने और स्वेच्छा से अपने प्रावधान की ज़कात देने की सिफारिश की है, मैंने आपको पवित्र तीर्थ यात्रा करने की सिफारिश क��� है अपने रब के घर में उन लोगों का आज्ञापालन करो जो तुम्हारे ऊपर ज़िम्मेदार हैं, फिर तुम्हें अपने रब की जन्नत में प्रवेश करने का पुरस्कार मिलेगा
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चाहता तो हूं के आपके सामने आख़री खुतबा पूरा पेश करू लेकिन यह मुमकिन नहीं है 9,10,11 जो खुतबाह है पूरा एक ही है कुछ लफ्ज़ आगे पीछे है हिज़रत के 10 वे साल आपको मालूम हो गया था आपका मिशन अब पूरा हो गया है अब आपको वापस लौटना है यह बात हज़रत मुआध को यमन भेजते हुए शाय हो गई थी ए मुआध तुम मुझे अगले साल नहीं देख पाओगे तुम मेरी मस्जिद और मेरी क़ब्र से गुज़रोगे जब तुम यमन से लौटो गे यह बात सुनकर हज़रत मुआध फूट फूट कर रोने लगे और कहने लगे काश मै भी अल्लाह के नबी के साथ होता |
ऐ इंसानों सुनो मै नहीं जानता मै तुमसे दोबारा मिलूंगा इस जगह तुम्हारा खून, तुम्हारी इज़्ज़त और तुम्हारी मालकियत
आज के दिन मेहफ़ूज़ कर ली गई है इस महीने मे इस जगह मक्का मे |
देखो, बुतपरस्ती और जहालत की सभी प्रथाएं अब मेरे पैरों के नीचे हैं, जहालत के दिनों के खून का बदला, पूर्व इस्लामी समय, खून पर पहला दावा माफ कर दिया गया है, जो इब्ने रबिया बिन हारिश का है, जिसे बनु साद जनजाति में पाला गया था और जिसे हुदैल मारे गए। सूदखोरी हरम है और मैं ब्याज की रकम अब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब को प्मिलने वाल थी हूं, वास्तव में यह पूरी तरह से माफ कर दी जाती है। यानि अब सूद हराम है
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तू न मिट जाएगा ईरान के मिट जाने से
नशा ए मय को ताल्लुक नहीं पैमाने से
है अयां यूरिश ए तातार के अफसाने से
पासबां मिल गए काबे को सनम खाने से
कश्ती ए हक़ का ज़माने में सहारा तू है
अस्रे नो रात है, धुंधला सा सितारा तू है
( जवाबे शिकवा , अल्लामा इक़बाल )
नोट - अल्लामा इक़बाल कहना चाह रहे हैं कि ऐ मुसलमान तुम ईरान या किसी देश के मिट जाने से मिटने वाले नहीं हो जैसे शराब अपना नशा देती है चाहे जिस तरह के बर्तन में रखी हुई हो वैसे तुम कही भी रहो अपने वजूद का एहसास कराते रहोगे
तातारियों के आक्रमण से इतना तो स्पष्ट हो जाता है कि खाने काबा के अगर एक मुहाफिज़ खत्म हुए तो क्या हुआ बुतों के घर से दूसरे मुहाफिज़ मिल गए
मुसलमानो हक़ की नाव का सहारा तुम हो यह नया ज़माना रात है ओर इस में उम्मीद के टिमटिमाते हुए तारे तुम हो
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A life without love is of no account don't ask yourself what kind of love you should seek, spiritual or material, divine or mundane, eastern or western divisions only lead to more divisions love has no label no definition. It is what is, pure and simple. Love is the water of life and lover is a soul of fire!the universe turn differently when fire loves water.
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मै ज़िन्दगी एक बुरे दौर से गुज़र रहा हूं लेकिन उम्मीद है अल्लाह कि ज़ात से वो अच्छा वक़्त भी लाएगा कल तलक मै दूसरों के लिए लिखता था लेकिन आज अपने आप को होउंसला देने के लिए खुद के लिए लिखना पड़ रहा है |
I am born with potential, i am born with goodness, i am born with ideas and dream, i am born with greatness, i am born with confidence, i am born with wings, so i am not made for crawling, i have wings i will fly, i will fly i will fly............
Muhammad shuaib....
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. “Whatever happens in your life, no matter how troubling things might seem, do not enter the neighborhood of despair. Even when all doors remain closed, God will open up a new path only for you. Be thankful!”
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हिरणमयेन पात्रेण सत्यसापिहींत मुख |
तत्व पूषत्रापावृंण सत्य धर्मय दृष्टिये |
सत्ये का मुख सोने के पात्र से ढका हुआ हैहे पूषन!उस सत्ये धर्म के दिखाई देने के लिए तू उस आवरण को हटा दे (ईशावस्योपानीषद)
सच कल्पना मे थोड़ा अजीब होता है कियोकि कल्पना सम्भावनाओ पर टिके रहने होते है लेकिन सच को नहीं मार्क ट्वैन ने बड़े सख़्तीपूर्ण अंदाज़ मे यह बात कही थी |फिर भी हकीकत यह है सत्ये की प्रकृति सादियी से दुनियाभर मे दर्शीनिको को अचंभित करती रही है ईसा मसीह के आख़री भोजन के उस पाक प्याले (होली ग्रेल )की तरह सत्य को अलग अलग दौर व जगहों पर अलग अलग लोगो द्वारा अलग अलग तरीके से प्रकल्पित किया गया है जो लोग एक निष्ट होकर सत्य के रास्ते पर चलते है उन्हें अनिवार्यताया उस रास्ते पर अकेला चलना होता है जिससे तकलीफ व भाधाय होती है जिस राह पर किसी और से मदद की अपेक्षा वह नहीं कर सकते केवल उन्हें अपनी चेतना रास्ता दिखाती है | written by shuaib
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Fret not where the road will take you. Instead concentrate one the first step. That's the hardest part and that's what you are responsible for. Once you take the step let everything do what it naturally does and the rest will follow. Do not go with the flow. Be the flow.
चिंता मत करो कि सड़क आपको कहाँ ले जाएगी। इसके बजाय पहला आप अपना टारगेट सेट करें। यह सबसे कठिन हिस्सा है और इसके लिए आप जिम्मेदार हैं। एक बार जब आप कदम उठा लेते हैं तो हर चीज को वह करने दें जो वह स्वाभाविक रूप से करता है और बाकी का पालन करेंगे। बहाव के साथ मत बहो । खुद बहाव बनो
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एक लेखक, एक्टिविस्ट, डेमोक्रेसी लोकतंत्र मे कितना मायने रखता है | यह बात देश के प्रथम प्रधानमंत्री को रामधारी सिंह दिनकर जी ने समझाई थी |राम धारी सिंह दिनकर जी और देश के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू संसद कि सीडियो से उतर रहे थे तो अचानक पंडित नेहरू का पाव फिसला और वो गिरनो को हुए तो राम धारी सिंह दिनकर जी ने उनका हाथ पकड़ा और गिरने से रोका इसके बाद पंडित नेहरू ने दिनकर जी से कहा आपका शुक्रिया लेकिन दिनकर के जवाब को तमाम कलम कारो का जवाब समझा जाय दिनकर के जवाब को आईपीएस संजीव भट, तीसता सीतलवाड़, गौरी लंकेश, रविश कुमार मुहम्मद ज़ुबैर का जवाब समझा जाय उन्होंने नेहरू जी से कहा जब जब देश कि सियासत के पाओ लड़ खड़ायंगे तो उसको गिरने से रकने का काम देश के लेखक करेंगे |
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अस्सलामु अलेकुम
हिंदुस्तान का संविधान मुझे फ्रीडम ऑफ़ स्पीच कि इज़ाज़त देता है | मै अपनी बात आर्टिकल 19 के तहत रखता हूं मै पोलिटिकल लीडर कि तरह नहीं हूं जो एक चश्मे से देखते है मै सबको संविधान के चश्मे से देखता हूं ज़ुल्म और सितम किसी के भी ऊपर हो मेरा ईमान मुझे इस चीज़ कि इज़ाज़त नहीं देता है मै खमोश रहूं | जिनके लिए हम सोशल मीडिया अकाउंट पर अपनी बात रखते है रिस्क लेते है सरकार से आँख मे आँख मिलाकर बात करते है चाहे फेसबुक हो ट्विटर हो पिंट्रेस्ट हो इंस्टाग्राम टुम्बलर हो,वही मुसलमान मेरे मुँह पर सही से बात करते है और पीछे मुनाफिक़ वाली हरकत करते है अगर अल्लाह ने अपना दिमाक और क़लम कि ताकत दी है तो इसमें मेरी किया गलती है मुझे अफ़सोस है वो आपके पास नहीं है दुसरे कि कमी दखने से पहले खुद इंसान को दखना चाहिए वो खुद किया कर रहा है
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अल्लाह ने अपने बन्दे मुहम्मद को मेराज पर बुलाया था सूरह अल इसरा जिसको सूरह बनी इसराइल भी कहा जाता है जब बैतूल मुकददस यहूदियों कि जंगुल से आज़ाद होगा वो फज़र का वक़्त होगा एक हसीन लड़का इमामत के मुस्ललेह पर होगा उस वक़्त हज़रत ईसा इब्ने मरयम आसमानो से नामुदार होंगे और वो मुजाहिदीन कि कयादत करेंगे | हज़रत मुहम्मद के मेराज से पहले अल्लाह ने खाना ऐ काबा कि ज़िम्मेदारी हज़रत इस्माइल को आता कि थी और बैतूल मुक़ाददस कि ज़िम्मेदारी बनी इसराइल के पास थी लेकिन मेराज के बाद अल्लाह ने इन दोनों जगह कि हिफाज़त कि ज़िम्मेदारी आले मुहम्मद हज़रत मुहम्मद कि उम्मत को आता कि है जिसका इशारा क़ुरान मे सूरह अल इमरान chp, 3 आयात 110 मे मिलता है अब हमारी ज़िम्मेदारी है हम लोग अपने बच्चो को क़िबाल ऐ अव्वल के बारे मे बताय अपनी बहनो को बेटियों को माओ को ताकि कौम मे बेदारी हो अल्लाह मस्जिद अल अक़्सा के लिए हमारी जद्दोह जहद कबूल करें आमीन #alaqsa
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"Allah says, 'I have nothing to give but Paradise as a reward to my slave, a true believer who, if I cause his dear friend (or relative) to die, remains patient (and hopes for Allah's reward).'"

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The prophet Muhammad pbuh said,have a banquet al walimah even if with only one sheep.

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The Pessimist Sees Difficulty in every Opportunity, the Optimist Sees Opportunity in every Difficulty
- Winston Churchill
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If your future scares you and your past still hurts you, then remember Allah who will never fail you.
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