Tumgik
nainadubey · 2 years
Text
मेरी माँ और पति की तकरार
दोनों ही लोग अपने अपने छेत्र के हुनरबाज़ हैं, किंतु पटरी नहीं बैठती! माँ एक अनुशासित तरीक़े से जीवन व्यतीत करती है, सुबह जल्दी उठना, पूजा करना ,अत्यंत साफ़ सफ़ाई करना, बहुत हो ज़्यादा कर्मठी हैं इस उम्र में भी।
पति जी भी बहुत अच्छे हैं, लेकिन उनकी दिनचर्या अलग हैं। वो कर्म करने में विश्वास रखते हैं ना की अगरबत्ती जलाने में। ख़ुद को अपटूडेट रखते हैं हर विषय में, चाहे स्टॉक मार्केट हो या राजनीति ।
पिता का रोल निभाने में भी वो पीछे नी रहे। आमतौर पर पिता लोग बच्चे की पॉटी साफ़ करने में कतराते हैं, लेकिन हमारे पति हमे और सफ़ाई रखने कि लिए बच्चे कि प्रति इंस्ट्रक्शंस देते रहते हैं। की किन किन बातों का ध्यान देना चाइए।
पति आधुनिक विचार कि हैं, माँ भक्ति विचार की। बीएस वही समीकरण गड़बड़ा जाता है।
दामाद होकर भी वो चाय बना कि पिलाने से लेकर पूरा ख़ाना बनाने में वो कभी पीछे नी रहते। और ये गुण तो कुम ही पाया जाता है लड़कों में। शादी शुदा आदमी अपनी बीवी पे निर्भर रहता है हर छोटी चीज़ कि लिए।
हमारे साथ उल्टा है। वो गलती से एक काम बोल देते हैं और गुरंती है ,हम वो भी करना भूल जाते हैं।
हर छोटी चीज का ख़याल रखते है, ख़ाना बनाने निकालने से लेकर, बटन ताकने तक का टैलेंट है। फाइनेंसियल , नोन फाइनेंसियल सब संभले रहते है। मेरा मूड ठीक करना है,हमे हसन सारी ज़िम्मेदारी हमारे पति की है। और हाँ अपने माँ बाप से भी लैड जाते है मेरे लिए। जहां मेरी गलती है, वहाँ डाँट भी पड़ती है हमे।
प्रभु की महिमा इतना सुंदर जीवन देने कि लिए, और यी मानते हैं कि माँ और पति कि संबंध और खूबसूरत हों। ये ग़ुस्सा एक दूसरे के प्रति कुम हो।
दोनों ही अपनी अपनी जगह सही तो है, लेकिन विचारों का क्लेश हो ही जाता है। देखे कब वो दिन आएगा , जब दोनों लोग एक ही पटरी पे तालमेल बिठा पाएँगे।
2 notes · View notes
nainadubey · 2 years
Text
मेरी बिटिया रानी जा कॉलर दूध कैसा सफ़ेद तो नहीं है। ये बहुत बड़ी बात होती है हमारे देश में। क्यूकी जब लोग बहुओं का चुनाव करते हैं, तो वो एकदम गोरी चिट्टी सुशील होनी चाइए, की जो देखे वो देखता रह जाए।
इसके रंग की चिंता बाक़ी लोगो को है। सभी सांत्वना दे रहे है जेबीएसई ये पैदा हुई है, की इसका रंग साफ़ हो जाएगा।हमने भगवान से स्वस्थ बच्चा माँगा था। मेरे लिए तो वो दुनिया सबसे खूबसूरत बिटिया है।
साँवला रंग होना हमारे समाज में एक ऊँच नीच का भाव पैदा करता है। जो बच्चा गोरा होता तो उसे लोग ज़्यादा प्रेम करते है।
उससे कम वालों को दूर से , खिला लेते है।पीठ पीछे बोलते की का हो कैसन बा रे उनकर लैकिया, टानिको नीक ना है!!!
मेरी बेटी इन सब भेद भाव से दूर रहे, ख़ुद को कभी भी कम ना आंके, इतना हौसला देना उपरवाले।जो उसके रंग का मज़ाक़ उड़ाए, उन सब से काबिल इंसान वो बन कि दिखाए।
Tumblr media
2 notes · View notes
nainadubey · 2 years
Text
#कन्यादान# माँ- पापा ने कन्यादान क्या कर दिया,इंस्टैंटली पराया भी कर दिया।माँ ने बोला की नैना को अपने यहाँ छोड़ आओ।मेरी और माँ की लड़ाई ख़त्म नहीं होती ईसी मुद्दे पे। माँ -पापा का जो घर है वही मेरा भी घर है।
माँ जब बात भी करती है तो यही शब्दावली होती है उनकी , की तुम *अपने यहाँ* देख लो ,की क्या होता है वही करना।अरे जन्म दिया माँ जे,पढ़ाया, लिखाया और कैसे ख़ुद की औलाद को अपने परिवार की डिक्टोनरी से अलग कर दिया!
मेरे चाचा कोविड की चपेट में आने से, चल बसे २०२१ में। ख़ुद भी कोविद हुआ था,तो माँ कि अंडर ही देख भाल हो रही थी मेरी।चाचा की मृत्यु कि बाद १३ दिन का छुटका पड़ा।
माँ ने हमे बराने नहीं दिया, क्यूकी उस घर के हम सदस्य रह नहीं गये। बहुत तकलीफ़ हुई, चाचा तो हमारे भी थे, तो क्या हम १३ दिन तक वो सब नियम क़ानून क्यों नी फॉलो कर सकते!!
ख़ाना तो सदा खा सकते थे, लेकिन नहीं ,पड़ोसी वाले मेरा ख़ाना दे जाते थे अलग से।
लेकिन शादी हो गई तो घर ,माँ बाप की डेफ़िंशन बदल दी है दुनियावालों ने । पति के माँ बाप रियल माँ बाप बन जाते , उनके प्रति सारी ज़िम्मेदारी हो जाती है।
पति को तो कभी नहीं करना पड़ता ये सब। फ़ॉर्मलिटी पे थोड़े देर के लिए मुखौटा दिखा लिए हमारे माँ पापा को,एंड काम ख़त्म,ना कोई नियम क़ानून फॉलो करने की बंदिश ,ना रुकने का झंझट।
1 note · View note
nainadubey · 2 years
Text
#दादीसा# दादी सॉस की तानाशाही आज भी क़ायम है।90 की उम्र में भी आँखें दुरुस्त हैं।बुशर्ट पेहन के हम कैसे हॉस्पिटल चले गए घर से इसकी जवाबदेही मेरी सास को देना था। मेरी सासजी को बहुत डांट पड़ी कि उनका कोई कंट्रोल नी है बहुओं पे।
मेरी सास जी ने कुछ नी बोला हमे। आरामदायक कपड़े पहनने में कोई आपत्ति नी है मेरी सास जी को। मेंटल सुकून तो कम से कम है।
1 note · View note
nainadubey · 2 years
Text
विजयदशमी है आज,ख़ुद मैंने किस चीज़ पे विजय पा ली,ये कह पाना मुश्किल है।हिंदू धर्म के लोगो ने नौ दिन ,माँ कि विभिन्न रूपो की पूजा , अर्चना की। माँ के पास लंबी लिस्ट होगी मन्नतों कि।ये नौ दिन माँ की पूजा में सब लीन हो जाते है व्रत करते है, जो नौ दिन व्रत रहता है ,उसे लोग अचंभित हो कर पूछते है ,की अरे आप नौ दिन व्रत है,बड़ी हिम्मत वाले है!
ये इज़्ज़त ,माँ का दर्जा असल ज़िंदगी में कहा चला जाता है!! मुझे भी सौभाग्य मिला माँ बनने का! नौ महीने मेडिकल कॉम्प्लिकेशंस कि बाद, प्यारी से बिटिया आई.
पैदा होते ही हक़ जताने ससुराल पक्ष आ खड़ा होता है।बहुत से रिवाज मेरी माँ भी करवाना चाहती थी , लेकिन मना कर दिया गया , मेरी माँ को बड़ा कष्ट हुआ।
मुझे भी अपने रीति रिवाज करवाने थे जैसे मेरे पैदा होने पे हुए थे!! लेकिन अब नए घर या ऐसा कहूँ की कन्वर्टेड घर की ही बात माननी पड़ेगी। कहा का न्याय है ये।
जो माँ बाप ने सिखाया वो ये यहाँ रिजेक्ट कर दीया जाता है,की अब हम इस घर का ही सब फॉलो करेंगे, वो तो मायका हो गया हैं।
ख़ुद की बेटी ख़ुद का संससंस्कार रीति रिवाज को सिखाने कि लिए सबका परमिशन चाइए।रिजेक्शन का बेसिस ये है की बाबू तो अपने पापा कि घर की हुई।
एक ही सवाल मैं भगवान से भी करती हूँ , की इतनी परीक्षा सिर्फ़ औरत ही क्यों दे रही है अभी तक।
नौ महीने हमने पाला अपनी बिटिया को, कहा है मेरा हक़ उसपे।
औरत को कंट्रोल करने का बटन सबके पास है लेकिन, जो बटन दबाओगे वो वैसे ही करने लगती हैं!
1 note · View note
nainadubey · 2 years
Text
आज माँ ने अपने दोनों बच्चों की राह देखी. बेटा तो घर आ गया .लेकिन बेटी तो अपने ससुराल की ओर रवाना हो गई.कितना मन मचल रहा होगा कि एक बार बेटी, को नातिनी को देख ले गले लगा ले.
पंडितजी के बताए शुभ दिन में अभी देर है। तब तक बेटी भी तड़प रही अपनी माँ कि लिए. और ये बेटी पढ़ी लिखी इंडिपेंडेंट औरत है.लेकिन रिवाज़ो की बेडियो में कैद है।डंके की चोट पे वो ये कह नी पा रही पहले कदम मेरे माँ बाप कि यहाँ उतरेंगे एंड उसके बाद कही और.
काहे की आज़ादी का अमृत महोत्सव , ना विचारों की आज़ादी है, ना ख़ुद से डिसिशन लेने की।
4 notes · View notes
nainadubey · 2 years
Text
Apna ghar badal jata h shadi k baad!!
Everyone is consistently reminding married woman ki in laws ka ghar hi apna ghar h.
Jha wo aurat 30 years apne parents k pas apne ghar me ti!! Shadi karte hi sab change ho jata h and sab ensure karte ki change ho b jae
8 notes · View notes