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navalshukla · 6 months ago
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navalshukla · 8 months ago
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navalshukla · 1 year ago
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फजाइले जिक्र
अल्लाह कबीर
थाजालीका सहारा लाकुम लीतू कबीरू बुल्लाह आला महादा कुम बसीरी रील मोहसीनीन (3)
इसी तरह अल्लाह जल्ल शानुहू ने तुम्हारे लिए मुसख्खर कर दिया ताकि तुम कबीर अल्लाह की बड़ाई बयान करो।
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navalshukla · 1 year ago
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navalshukla · 1 year ago
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navalshukla · 1 year ago
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navalshukla · 1 year ago
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#Satlok#kabir is god#परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना #kalyug #god #avatar #Satyug #hinduism
#sanatandharma #bhagavadgita
#KabirParmatma_Prakat Diwas
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🎈त्रेतायुग में कबीर परमेश्वर "मुनीन्द्र ऋषि" के रूप में आए थे। उस समय नल-नील तथा हनुमान जी को अपना सत्य ज्ञान बताकर अपनी शरण में लिया और अपने आशीर्वाद मात्र से नल-नील के शारीरिक तथा मानसिक रोग को ठीक किया था।
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navalshukla · 1 year ago
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navalshukla · 1 year ago
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📕पवित्र पुस्तक "जीने की राह" से जानिए कि कैसे भूत-प्रेत, पित्तर-भैरव-बेताल जैसी आत्माऐं परिवार के आसपास भी नहीं आएंगी
Audio Book Available  On Official App 
"SANT RAMPAL JI MAHARAJ"
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navalshukla · 1 year ago
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💥 श्री ज्ञानानंद जी ने गीता अध्याय 18 श्लोक 66 का अनुवाद किया है:
सम्पूर्ण धर्मों को अर्थात सम्पूर्ण कर्तव्य कर्मों को मुझ में त्यागकर तू केवल एक मुझ सर्व शक्तिमान की ही शरण में (व्रज) आजा। 
जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज : व्रज का अर्थ ‘‘जाना’’ है, उसका अर्थ श्री ज्ञानानंद जी ने ‘‘आना’’ किया है।
गीता अध्याय 18 श्लोक 66 में भी गीता ज्ञान कहने वाला (जिसको श्री ज्ञानानंद जी श्री कृष्ण कहते हैं) कह
रहा है कि:-
मेरे स्तर के सब धार्मिक कर्मों का फल मुझमें त्यागकर यानि मुझको देकर तू केवल उस एक समर्थ प्रभु की शरण में (व्रज) जा।
अधिक जानकारी के लिए देखें Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel
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navalshukla · 1 year ago
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💥श्री ज्ञानानंद जी को यह ज्ञान है कि रजगुण श्री ब्रह्मा जी हैं, सतगुण श्री विष्णु उर्फ श्री कृष्ण जी हैं तथा तमगुण श्री शंकर उर्फ महादेव जी हैं। फिर भी उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि गीता अध्याय 7 श्लोक 12 से 15 तथा 20 से 23 में सतगुण श्री कृष्ण जी सहित अन्य सब देवताओं की भक्ति करना गीता में मना किया है।
- जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
अधिक जानकारी के लिए देखें Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel
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