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navhinduindia · 5 years
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जय माँ संतोषी फिल्म – 4 Jai Santoshi Mata Movies भक्तों, आज हम देखेंगे संतोषी माता की हिंदी पिक्चर फिल्म जय संतोषी मां| Jai Santoshi Mata Movie…
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navhinduindia · 5 years
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Somvati Amavasya Ki Katha - सोमवती अमावस्या की कथा
Somvati Amavasya Ki Katha – सोमवती अमावस्या की कथा
सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। ये वर्ष में लगभग एक अथवा दो ही बार पड़ती है। इस अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व होता है। विवाहित स्त्रियों द्वारा इस दिन अपने पतियों के दीर्घायु कामना के लिए व्रत का विधान है। इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का फल मिलता है। शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गयी है। अश्वत्थ यानि पीपल वृक्ष।
इस दिन…
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navhinduindia · 5 years
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हिन्दू धर्म के बारे में जानना चाहते हो तो पढ़ो यह किताबें
हिन्दू धर्म के बारे में जानना चाहते हो तो पढ़ो यह किताबें
दुनिया में सैकड़ों धर्म हैं लेकिन सबसे ज़्यदा शांतिप्रिए धर्म शुरू से एक ही रहा है और वह है हिन्दू धर्म। हिन्दू धर्म की शुरुवात हिंदुस्तान से ही हुई थी. आपको यह जानकार हैरानी होगी के हिन्दू धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म भी है.
हिन्दू धर्म को सनातन धर्म भी कहा जाता है. जानकार कहते हैं की सनातन धर्म तो इंसान ही नहीं देवी देवताओं के भी परे है. ज्ञानियों का तो यह भी कहना है की हिन्दू धर्म तो जीवन,…
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navhinduindia · 5 years
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सूर्यदेव अमृतवाणी – Suryadev Amritvaani – Special Bhajans for Sunday रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है. वैसे तो रोज़ सूर्यदेव की आराधना करनी चाहिए, परन्तु रविवार का इसका अलग महत्व होता है.
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navhinduindia · 5 years
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सोमवार व्रत विधि - कैसे रखते हैं सोमवार का व्रत
सोमवार व्रत विधि – कैसे रखते हैं सोमवार का व्रत
सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित है। त्रिदेवों में एक माने जाने वाले भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हिन्दू धर्म में सोमवार व्रत का विधान है। माना जाता है कि सोमवार का व्रत पूरे विधि- विधान के साथ करने से मन की सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं।
प्राचीन शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सोमवार, सोलह सोमवार और सौम्य प्रदोष। तीनों तरह के व्रतों की पूजा विधि एक ही है पर व्रत कथा…
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navhinduindia · 5 years
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शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी के पूजा का महत्व
शुक्रवार के द��न वैभव लक्ष्मी के पूजा का महत्व
शुक्रवार मां वैभव लक्ष्मी व्रत’ को ‘वरदलक्ष्मी व्रत’ भी कहा जाता है। इस व्रत को जो कोई सदभावना पूर्वक करता है एवं ‘वैभवलक्ष्मी व्रत कथा’ पढता है अथवा सुनता है और दूसरों को भी सुनाता है तो मां लक्ष्मी देवी उसकी सभी मनोकामना पूर्ण करती है और उसकी सदैव रक्षा करती है। वैभवलक्ष्मी बड़ा सीधा-साधा व्रत है और इस व्रत की पूजा विधि भी बड़ी सरल है।
व्रत के दिन प्रातःकाल उठकर स्नानादि करके ‘जय माँ लक्ष्मी’,…
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navhinduindia · 5 years
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द्रौपदी और भीष्म पितामह
द्रौपदी और भीष्म पितामह
महाभारत का युद्ध चल रहा था। भीष्म पितामह अर्जुन के बाणों से घायल हो कर बाणों से ही बनी हुई एक शय्या पर पड़े हुए थे। कौरव और पांडव दल के लोग प्रतिदिन मिलने जाते थे।
एक दिन की बात है कि पांचो भाई और द्रौपदी चारों तरफ बैठे थे और पितामह उन्हें उपदेश दे रहे थे। सभी श्रद्धापूर्वक उनके उपदेशों को सुन रहे थे कि अचानक द्रौपदी खिलखिलाकर कर हंस पड़ी। पितामह इस हरकत से बहुत आहात हो गए और उपदेश देना बंद कर…
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navhinduindia · 6 years
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देवी सीता जी की आरती – Devi Sita Ji ki aarti प्रभु श्री राम की धर्मपत्नी देवी सीता जी को कौन नहीं जानता। माता सीता बहुत ही मधुर स्वाभाव की थीं| माता अपने सभी भक्तों को मनचाहा फल देती हैं आईये माता की आरती गायें। आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की॥ आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥ सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त वन वन चारिणी, पति हित पति वियोग स्वीकारिणी, त्याग धर्म मूर्ति धरी की॥ आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥ विमल कीर्ति सब लोकन छाई, नाम लेत पवन मति आई, सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई, शरणागत जन भय हरी की॥ आरती श्री जनक दुलारी की। सीता जी रघुवर प्यारी की॥
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navhinduindia · 6 years
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शीतला माता की यह पांच बाते जरुर जाने
शीतला माता की यह पांच बाते जरुर जाने
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शीतला माता को चेचक रोग की देवी बताया गया है| आपने सुना भी होगा की उस व्यक्ति या बच्चे के माता निकल गयी, और शरीर पर बहुत सारी फुंसियां हो गयी|
1) शीतला माता के चार हाथ बताये गये है जिसमे झाड़ू, कलश, नीम के पत्ते और सूप है| इन चारो का अपना महत्त्व है| चेचक के रोगी को ठंडा जल प्रिय है अत: माँ के हाथ में कलश है| झाड़ू से फोड़े फट जाते है, नीम के पत्ते फोड़ो को पकने नही देते| सूप से रोगी को हवा मिलती…
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navhinduindia · 6 years
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A Collection of 5 stories related to Lord Krishna
A Collection of 5 stories related to Lord Krishna
Krishna and the Witch Putana
Krishna’s uncle Kansa was desperate to kill him, so he told a witch called Putana to go ahead with the task. The witch dressed up as a beautiful woman and flew to Krishna’s nursery.
She had smeared poison on her nipples and offered to feed Krishna some milk. Krishna’s mother did not know her real intentions, and she allowed Putana to feed him. But Krishna closed his…
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navhinduindia · 6 years
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What is Veda? What are the various forms of Veda?
What is Veda? What are the various forms of Veda?
Veda is a Sanskrit word from the root, vid, meaning “to know.” Thus, veda means “knowledge” or “wisdom.”
The Vedas are the most ancient Hindu and yogic texts. Written in Sanskrit, they are considered to have no author. Rather, it is believed that the texts were revealed to the ancient sages who passed them on orally for many years until they were written down on palm leaves around 500 BCE.…
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navhinduindia · 6 years
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When Shri Hanuman Refused To Obey Lord Rama
When Shri Hanuman Refused To Obey Lord Rama
Lord Hanuman was morose after the coronation ceremony. He sat in the corner, meditating on Lord Rama with closed eyes. Tears were flowing incessantly from his eyes.
Sita Ji noticed and informed Lord Rama at once about it. Rama went near to Hanuman and said, “I couldn’t give you anything in return for your Bhakti and Devotion. The only thing I can do is take you along with me to Vaikunta”.…
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navhinduindia · 6 years
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स्वतंत्रता के लिए प्रेरित करनेवाला महामंत्र ‘वन्दे मातरम्’ और इस का अर्थ
स्वतंत्रता के लिए प्रेरित करनेवाला महामंत्र ‘वन्दे मातरम्’ और इस का अर्थ
हर देश का एक राष्ट्रीय गीत होता है, उसी तरह हमारे भारत देश का राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम’ है जिसे हमारे देश में बहुत महत्व दिया जाता है । राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम’ बकिमचंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया था|
सारे क्रांतिकारी, आंदोलनकर्ता, उपोषणकर्ता आदि द्वारा उच्चारे गए इस महामंत्र से ब्रिटिशों के ह्रदय डर से कांप उठते उठते थे । इस महामंत्र को किसी रणघोषणा जैसा महत्त्व प्राप्त हुआ था । स्वतंत्रता…
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navhinduindia · 6 years
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ऋषि कश्यप, हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष की कहानी - कौन थे और क्या मेह्त्व है
ऋषि कश्यप, हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष की कहानी – कौन थे और क्या मेह्त्व है
ऋषि कश्यप एक ऐसे ऋषि थे जिन्होंने बहुत-सी स्त्रियों से विवाह कर अपने कुल का विस्तार किया था। आदिम काल में जातियों की विविधता आज की अपेक्षा कई गुना अधिक थी। ऋषि कश्यप ब्रह्माजी के मानस-पुत्र मरीचि के विद्वान पुत्र थे। सुर-असुरों के मूल पुरुष ऋषि कश्यप का आश्रम मेरू पर्वत के शिखर पर था, जहां वे परब्रह्म परमात्मा के ध्यान में लीन रहते थे। समस्त देव, दानव एवं मानव ऋषि कश्यप की आज्ञा का पालन करते थे।…
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navhinduindia · 6 years
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How did Vasudev saved Krishna’s life?
How did Vasudev saved Krishna’s life?
Krishna was born in the form of Vishnu, and his parents prayed that he would turn into an ordinary baby so they could hide him from Kansa. The Lord advised his father to take him to Vrindavan and exchange him with a new-born baby girl. Then, magically, the guards at the prison fell into a slumber and all the locks and chains opened by themselves.
Vasudev took little Krishna and left for…
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navhinduindia · 6 years
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भजले राम राम राम - Bhajle Ram Ram Ram भजले राम राम राम - Bhajle Ram Ram Ram
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navhinduindia · 6 years
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Who were the parents of Lord Krishna and how was he born?
Who were the parents of Lord Krishna and how was he born?
The Story of Krishna’s Parents
A long time ago, there was a King named Ugrasen, who had two children – a son named Kansa and a daughter named Devaki. Devaki was a gentle person, but Kansa was evil. When he grew up, he put his father in jail and took over the king’s throne, while his sister got married to King Vasudev.
One fine day, Kansa heard a warning from the skies (akashvaani) – “The eighth…
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