Tumgik
newspluss · 3 years
Photo
Tumblr media
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर काशी की जनता को समर्पित कर दिया है। रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर भारत और जापान की दोस्ती को और मजबूती प्रदान करेगा। पूर्व जापानी पीएम शिंजो आबे ने गंगा की सौगंध लेकर बनारस में अपने मजबूत रिश्तों की सुनहरी इबारत लिखी थी। काशी और जापान की कला संस्कृति का प्रतीक रुद्राक्ष दुनिया के सामने नित नए आयाम लिखेगा।
186 करोड़ की लागत से तैयार रुद्राक्ष शिवलिंग के आकार में बनाया गया है। जापानी और भारतीय वास्तु शैलियों का संगम वाले रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर की डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने तैयारी की है। निर्माण का काम भी जापान की ही फुजिता कॉरपोरेशन कंपनी ने किया है। यहां बड़े म्यूजिक कॉन्सर्ट, कांफ्रेंस, नाटक हो सकेंगे और प्रदर्शनियां भी लगेंगी।  
प्रधानमंत्री मोदी आज रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर पहुंचेंगे। सेंटर पर प्रधानमंत्री एक घंटे रहेंगे। उनके साथ जापान के राजदूत सतोषी सुजुकी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद होंगे। कंवेंशन सेंटर पहुंचते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री परिसर में एक पौधा लगाएंगे। पौधरोपण के बाद उनके द्वारा रिबन काटकर सेंटर का उद्घाटन किया जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री शिलापट्ट का अनावरण कर रुद्राक्ष को देश को समर्पित कर अपना संबोधन करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री के द्वारा प्रधानमंत्री को स्मृति चिह्न भेंट किया जाएगा
वातानुकूलित सेंटर में एक साथ 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था, दो भागों में बांटने की भी सुविधा
- बड़े हॉल के अलावा 150 लोगों की क्षमता वाला एक मीटिंग हॉल, एक वीआईपी कक्ष, चार ग्रीन रूम
- दिव्यांगजनों की सुविधा की दृष्टि से पूरा परिसर फ्रेंडली
- सेंटर के बाहरी हिस्से में एल्युमिनियम के 108 सांकेतिक रुद्राक्ष लगाए गए हैं
- तीन एकड़ में तैयार कंवेंशन सेंटर परिसर में जापानी शैली का गार्डेन व लैंडस्केपिंग
- बेसमेंट में 120 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था, सेंटर में सीसीटीवी कैमरे भी
- विद्युत आपूर्ति के लिए बिजली कनेक्शन के साथ-साथ सौर ऊर्जा भी
- निर्माण 10 जुलाई 2018 को आरंभ हुआ था और मार्च 2021 में तैयार
- शिवलिंग के आकार में दिखती है रुद्राक्ष की छत
जापानी फूलों की सुगंध रुद्राक्ष में फैलेगी। जापान के खास फूल के अलावा जापानी छाते, जापानी बंबू और जापान के सजावटी सामानों से इस पूरे परिसर को सजा दिया गया है। जापान से आए खास फूलों में प्रिमूला, बाना, इकेबाना, ब्लूबेल, कैमलिया, कारनेटरसन समेत भारतीय फूलों में रजनीगंधा, गेंदा, गुलाब, बेला और अन्य तरह के सजावटी फूलों का इस्तेमाल किया गया है। पूरे परिसर को जापान और भारत के झंडों से सजाया गया है।
समारोह के दौरान जापान के पारंपरिक खानपान को भी यहां पर शामिल किया गया है। जापान में तैयार होने वाले खास तरह के सूप भी मेहमानों को परोसे जाएंगे। इनमें मीसो सूप, टोफू के अलावा जापान के नूडल्स और शोरबा को भी परोसने की तैयारी की गई है। जापानी संस्कृति के अनुरूप जापान के पारंपरिक संगीत का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
जापान के राजदूत सतोषी सुजुकी अपने 11 सदस्यीय जापानी डेलीगेटस के साथ वाराणसी पहुंचे। लालबहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। शाम को जापानी प्रतिनिधिमंडल ने सारनाथ समेत कई स्थानों का भ्रमण भी किया।
0 notes
newspluss · 3 years
Text
अब जेब में होगी आक्सीजन-आईआईटी कानपुर के डॉ. संदीप पाटिल ने बनाई ऑक्सीराइज नाम की बोतल
कोरोना से खुद को बचाने के लिए मास्क और सैनिटाइजर की तरह अब आप ऑक्सीजन भी अपनी जेब में रख सकेंगे। जी हां, यह सच है। आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र और ई-स्पिन नैनोटेक प्राइवेट लिमिटेड के डॉ. संदीप पाटिल ने ऑक्सीराइज नाम की बोतल बनाई है।
इसमें 10 लीटर ऑक्सीजन रखी जा सकती है। इमरजेंसी में इस बोतल से ऑक्सीजन के शॉट्स देकर मरीज को अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता है। महज 499 रुपये की इस बोतल की ऑनलाइन बिक्री शुरू हो गई है।
डॉ. संदीप पाटिल की कंपनी ई-स्पिन ने पांच लेयर का एन-95 स्वासा मास्क भी बनाया है। अब यह ऑक्सीजन बोतल बनाई है। इस टीम में नितिन चरहाठे, सोहिल पटेल, मयूर भी शामिल हैं। 300 ग्राम की बोतल में 10 लीटर ऑक्सीजन कंप्रेस (भरी) की गई है। एक बोतल से ऑक्सीजन के 200 शॉट लिए जा सकते हैं। डॉ. संदीप ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत ने सभी को झकझोर कर रख दिया था।
इस भीषण समस्या को देखते हुए ख्याल आया कि क्यों न ऐसा विकल्प तैयार किया जाए जो पोर्टेबल हो औ और इमरजेंसी में काम आ सके। तब टीम के साथ मिलकर ऑक्सीराइज बोतल तैयार की। इसमें एक डिवाइस लगी है, जिसकी मदद से मरीज मुंह में स्प्रे करके ऑक्सीजन ले सकता है। इसकी बिक्री कंपनी की वेबसाइट swasa.in से शुरू कर दी गई है। रोजाना 1000 बोतलों का प्रोडक्शन हो रहा है।
अस्थमा मरीजों, जवानों के लिए भी कारगर
यह बोतल न केवल कोरोना में बल्कि अस्थमा मरीजों, ऊंची जगहों पर तैनात सेना के जवानों के लिए भी काफी कारगर है। इसके अलावा मेडिकल किट में इसे आसानी से रखा जा सकता है। अगर रोगियों का ऑक्सीजन लेवल अचानक से गिरता है तो अस्पताल तक ले जाने में यह बोतल कारगर रहेगी।
0 notes
newspluss · 3 years
Photo
Tumblr media
आज हम आपको हरियाणा की रहने वाली ऐसी ही एक आईपीएस अफसर की कहानी बताने जा रहे हैं, जोकि अपनी खूबसूरती से बॉलीवुड हीरोईनों को भी मात देती हैं।
कनाड़ा और जर्मनी में की नौकरी
इस आईपीएस अफसर की पर्सनेलिटी के साथ साथ आज हम आपको उनके द्वारा की गई अथक मेहनत की कहानी से भी रूबरू करवाएंगे। आईपीएस अफसर बनने से पहले हरियाणा की रहने वाली पूजा यादव ने खुद का कैरियर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। 20 सितंबर 1988 को हरियाणा में जन्मीं पूजा यादव 2018 बैच की आईपीएस अफसर हैं और इन दिनों गुजरात कैडर में अपनी सेवाएं दे रही हैं। मगर बता दें कि पुलिस सेवा में आने से पहले पूजा ने एम.टेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए नौकरी करने के लिए कनाड़ा और जर्मनी चली गईं। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पूजा यादव के परिवार की आर्थिक हालत बहुत बेहतर नहीं थी। इसलिए उन्होंने नौकरी कर अपने परिवार का सहयोग करने का निर्णय लिया।
रिसेप्शनिस्ट की नौकरी की और टयूशन पढ़ाया
अपने परिवार का सहयोग करने के लिए पूजा ने बच्चों को टयूशन भी पढ़ाया और रिसेप्शनिस्ट की नौकरी भी की। मगर उन्होंने हार मानने की बजाए आगे बढऩे का लक्ष्य ही तय किया था। कनाडा और जर्मनी में नौकरी करने के दौरान ही पूजा यादव को अहसास हुआ कि उसे अपने देश की सेवा करनी चाहिए। विदेशों की उन्नति में अपना योगदान देने की बजाए अपने देश की सेवा का जज्बा आते ही पूजा ने विदेश में नौकरी छोड��र अपने देश की ओर रूख कर लिया। यहां आकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करनी शुरू कर दी। हालांकि परिवार की स्थिति को देखते हुए यह इतना आसान नहीं था। इसके बावजूद उन्होंने बच्चों को टयूशन पढ़ाया और एक कंपनी में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी भी की।
पहली बार फेल तो दूसरी बार हुई पास
पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में वह सफल नहीं हो पाई। पंरतु दूसरी बार में जब उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी तो वह सफल रही। वर्ष 2018 में प���स होने पर उन्हें गुजरात कॉडर में पुलिस सर्विस सेवा का आप्शन मिला, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। पूजा की लाईफ स्टाईल की बात करें तो वह किसी फिल्मी हीरोईन से कम नहीं लगती। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली पूजा का मानना है कि यूपीएससी की प्रक्रिया और तैयारी थकाऊ और लंबी तो हो सकती है, लेकिन उसे पास करने पर जो सम्मान मिलता है, वह किसी दूसरी नौकरी में नहीं है। कैंडिडेटस कई बार निराशा में फंस जाते हैं, लेकिन जो लोग यूपीएससी करना चाहते हैं, वह इसकी कतई चिंता ना करें और लगातार खुद को मोटिवेट रखते हुए अपनी तैयारी में जुटे रहें।
महिलाओं को मिलते हैं ताने
पूजा यादव ने कहना है कि यूपीएससी की तैयारी करने वाली महिलाओं को कई बार समाज में निराशा का सामना भी करना पड़ता है। लोग ताने भी मारते हैं, मगर उन्हें इन सबसे दूर रहकर अपनी तैयारी की ओर ध्यान देना चाहिए। यदि वह इन बातों से प्रभावित होकर अपने लक्ष्य से भटकी तो फिर उनका सपना रास्ते में ही टूट सकता है। यदि आप अपने लक्ष्य को हासिल कर लेती हैं तो फिर समाज आपको सम्मानित करने की होड में लग जाता है। उन्हें समाज में सम्मान भी मिलने लगता है। इसलिए महिलाओं को बिना भटके अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में ही काम करना चाहिए।
आईएएस अफसर से हुई शादी
आईपीएस अफसर बनने के बाद पूजा यादव ने इसी वर्ष 18 फरवरी को आईएएस अफसर विकल्प भारद्वाज से शादी कर ली है। विकल्प भारद्वाज से पूजा की मुलाकात मसूरी स्थित आईएएस प्रशिक्षण सेंटर में हुई थी। पूजा के पति विकल्प 2016 बैच के केरल कैडर के आईएएस अफसर हैं। फिलहाल पूजा यादव आईपीएस ऑफिसर के रूप में शानदार कार्य कर रही हैं और अपने परिवार में भी उन्हें बराबर का संतुलन बनाया हुआ है। पूजा सोशल मीडिया पर भी लगातार सक्रिय रहती हैं। इसलिए इंस्टाग्राम पर उनके 2.5 लाख फॉलोअर्स हैं। उनका यह भी कहना है कि लोगों से कनैक्ट रहने के लिए सोशल मीडिया सबसे बेहतर प्लेटफार्म हैं और इस जरिए सभी लोग अपनी बात समाज के सामने रख सकते हैं
0 notes
newspluss · 3 years
Text
कानपुर- पुलिस भर्ती के अभ्यर्थियों ने डीएम को दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 2009-10 के अभ्यार्थियों ने उत्तर प्रदेश भर्ती प्रोन्नति बोर्ड पर कोर्ट के आदेशों के अवेहलना करने का आरोप लगाते हुए भर्ती न कराये जाने व समानता का अधिकार न मिलपाने के कारण इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए डीएम कानपुर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजा है।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 2009-10 के अभ्यार्थियों ने कानपुर कलक्ट्रेट पहुंचकर देश के राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें उन्होने कहा कि 2009-10 के अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ के खिलाफ दो बार सुप्रीम कोर्ट से केस जीत चुके है, लेकिन फिर भी बोर्ड कोई आवश्यक कार्यवाही नही करना चाहता। जिसके चलते बोर्ड द्वारा कोर्ट के निर्देशों की अवेहलना करते हुए अन्याय किया जा रहा है। जिसमें अभ्यर्थी आर्थिक व मानसिक रूप से निराश व हताश हो चुका है। कोर्ट मे मुकदमा लडते लडते सभी अभ्यर्थियों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है। जिसके कारण अभ्यर्थियों की समक्ष अपनी आजीविका चलाने का संकट हो गया है। अन्य कोई विकल्प शेष नही है। अभ्यर्थियों के पास भर्ती देखने की आयु भी समाप्त हो चुकी है। ज्ञापन में उन्होने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की अनुमति मांगते हुए चेतावनी दी है कि 14 अगस्त तक कोई कार्यवाही नही की जाती तो सभी अभ्यर्थी आत्महत्या कर लेगे। इस अवसर पर नीरज दिवाकर अमित गुप्ता  राजीव व  सनी दिवाकर आदि मौजूद रहे।
0 notes
newspluss · 3 years
Photo
Tumblr media
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज यशपाल शर्मा का निधन हो गया है। 66 वर्षीय यशपाल शर्मा का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ है। यशपाल भारत की 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कभी शून्य पर पवेलियन नहीं लौटने का अनोखा रिकॉर्ड कायम करने वाले यशपाल शर्मा ने अब हमेशा के लिये शून्य पर चले गये अब वो इस दुनिया से अलविदा कह गये
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर यशपाल शर्मा को श्रद्धांजलि दी है
पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आज हमारा परिवार टूट गया है , वह यशपाल शर्मा ही थे , जिन्होंने 1983 विश्वकप जीत का एजेंडा तय किया था । मिली जानकारी के अनुसार , आज सुबह यशपाल शर्मा अपनी मॉर्निंग वॉक करने के बाद जब घर लौटे तो उन्हें सीने में दर्द की शिकायत की । उन्होंने अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन तब तक उन्होंने दम तोड़ दिया था । डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया था , जिसके चलते उनका निधन हुआ है । उनके निधन पर उनके साथी खिलाड़ी रहे मदनलाल ने कहा कि यह काफी दुखद खबर है । यशपाल अपने पीछे अपनी पत्नी और तीन बच्चों को छोड़कर गए हैं । हालांकि उनके बच्चे विदेश में पढ़ाई करते हैं ।
यशपाल शर्मा 1983 में वनडे का पहला वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे. उन्होंने अपने करियर में भारत के लिए 37 टेस्ट और 42 वनडे खेले हैं. टेस्ट क्रिकेट में 2 शतक के साथ उन्होंने 1606 रन बनाए हैं. जबकि वनडे क्रिकेट में 89 रन दर्ज है. यशपाल शर्मा को 13 जुलाई के तड़के दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उनका निधन हुआ. उनकी उम्र अभी 66 साल थी.
इंटरनेशनल क्रिकेट में यशपाल शर्मा का डेब्यू पाकिस्तान के खिलाफ सियालकोट में खेले वनडे मुकाबले से साल 1978 में हुआ था. इसके बाद अगले ही साल उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच भी इंग्लैंड के खिलाफ क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर खेला. शर्मा ने अपना आखिरी वनडे साल 1985 में इंग्लैंड के खिलाफ चंडीगढ़ में जबकि आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली में साल 1983 में खेला था
यशपाल शर्मा 1983 में भारत के लिए वनडे का पहला विश्व कप जीतने वाली टीम के हीरो रहे थे. ओपनिंग मैच में 89 रन की पारी खेलकर उन्होंने वर्ल्ड कप की पिच पर वेस्ट इंडीज की पहली हार की स्क्रिप्ट लिखी थी. वहीं सेमीफाइनल में 61 रन बनाकर वो टीम के टॉप स्कोरर रहे थे. बॉब विलिस की यॉर्कर जैसी गेंद पर लेग साइड में जमाया उनका छक्का आज भी क्रिकेट इतिहास के यादगार शॉट्स में शुमार है.
रिटायर होकर भी क्रिकेट से जुड़े रहे यशपाल शर्मा
भारत के मीडिल ऑर्डर की रीढ़ रहे यशपाल शर्मा का लगभग पूरा जीवन क्रिकेट को समर्पित रहा. क्रिकेट से रिटायर होकर भी वो इस खेल से जुड़े रहे. वो टीम इंडिया के नेशनल सेलेक्टर भी बने. उनका पहला फेज सेलेक्टर की भूमिका में 2003 से दिसंबर 2005 तक का रहा. इसके बाद 2008 में इस रोल में उनकी दोबारा से वापसी हुई. बतौर सेलेक्टर उन्होंने भारतीय क्रिकेट से जुड़े कई अहम फैसलों में अपना योगदान दिया, जिसमें सौरव गांगुली बनाम ग्रेग चैपल विवाद भी शामिल है. टीम इंडिया के सेलेक्टर बनने से पहले उन्होंने कुछ वक्त तक अंपायरिंग भी की थी.
0 notes
newspluss · 3 years
Text
लखनऊ में आतंकवादी गिरफ्तारी के बाद पीएम के दौरे को लेकर सतर्कता अभियान जारी
राजधानी लखनऊ में विस्फोटक के साथ आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद वाराणसी में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद की सुरक्षा में तैनात पुलिस-पीएसी व सीआरपीएफ के जवानों को निगरानी में किसी भी स्तर पर चूक न होने के लिए आगाह किया गया है। वहीं घाट, प्रमुख धर्मस्थल, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा व एयरपोर्ट पर सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
काशी विश्वनाथ कारिडोर निर्माण कार्य में लगे मजदूरों और सामग्रियां लाने वालों की हर-एक गतिविधि पर नजर रखने की हिदायत दी गई है। वहीं 15 जुलाई को वाराणसी आ रहे प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर अभी से ही अतिरिक्त सतर्कता बरतने के की हिदायत दी गई है। साथ ही लखनऊ आने-जाने वाली ट्रेनों पर मुस्तैदी से नजर रखी जा रही है।
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश के मुताबिक पुलिस वैसे तो रोजाना ही शहर में गश्त करती है। वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए और मुस्तैदी के साथ गश्त करने को कहा गया है। सभी एसीपी को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी सर्किल के थानेदारों को लेकर होटलों और गेस्ट हाउस में औचक निरीक्षण करें। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और गंगा घाट के किनारे के गेस्ट हाउस और लाज का भी औचक निरीक्षण किया जाय। यह सब नियमित तौर पर जारी रहे। एसपी ज्ञानवापी सुरक्षा को निर्देशित किया गया कि विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में जो भी आए उसकी विधिवत तलाशी हो और कंट्रोल रूम से सभी सीसीटीवी कैमरों की मानिटरिंग में किसी किस्म की लापरवाही न होने पाए।
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी नईम नवंबर 2017 में लखनऊ में गिरफ्तार होने से पहले कई दिन तक बनारस में ठहरा था। नईम से पूछता��� में एटीएस को पता लगा था कि उसने गंगा घाटों, रेलवे स्टेशनों, मंदिरों जैसे भीड़-भाड़ वाले कई स्थानों की रेकी की थी। इसके बाद जनवरी 2020 में एटीएस ने वाराणसी से राशिद अहमद को गिरफ्तार किया था। राशिद आईएसआई को हिंदुस्तान के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों, सीआरपीएफ कैंप और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की फोटो खींच कर भेजता था। चंदौली जिले के मुगलसराय थाना के चौरहट पड़ाव का मूल निवासी राशिद वाराणसी के छित्तूपुर में रहता था।
बनारस में 23 फरवरी 2005 को दशाश्वमेध घाट पर पहला आतंकी धमाका हुआ था। इसमें नौ लोगों की मौत हुई थी और नौ लाेग घायल हुए थे। सात मार्च 2006 को संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन में आतंकी धमाका हुआ था। इन दोनों धमाकों में 28 लोगों की मौत हुई थी और 48 लोग घायल हुए थे। 23 नवंबर 2007 को वाराणसी, लखनऊ और फैजाबाद कचहरी में सीरियल ब्लास्ट हुआ था। वाराणसी कचहरी में हुए ब्लास्ट में नौ लोगों की मौत हुई थी और 157 लोग घायल हुए थे। सात दिसंबर 2010 को शीतला घाट पर धमाका हुआ था। इसमें दो लोगों की मौत हुई थी और 48 घायल हुए थे। यानी पांच वर्ष नौ माह और 14 दिन के भीतर पांच आतंकी हमले हुए, जिसमें 48 लोगों की मौत हुई और 262 घायल हुए थे।
0 notes
newspluss · 3 years
Text
" हिंदुओं पर होगा योगी सरकार की जनसंख्या नीति का सबसे बड़ा प्रभाव "- डॉ एस टी हसन
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ एस टी हसन ने यूपी में योगी सरकार की जनसंख्या नीति पर टिप्पड़ी करी. हसन ने कहा कि, इसका सबसे बड़ा असर बहुसंख्यक हिन्दुओं पर ही पड़ेगा. मुसलमानों को इस कानून से घबराने या डरने की कोई ज़रूरत नहीं है. इससे मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं होने वाला है. ये कानून किसानों और मजदूरों को टारगेट कर बनाया जा रहा है. उन्हें ही इस से सबसे ज्यादा नुकसान होने वाला है.
बीजेपी यह सब चुनाव के लिए कर रही है, लेकिन अब किसान और मजदूर का बीजेपी से मोह भंग हो जायेगा और चुनाव में भाजपा को इस से नुकसान होगा .
सपा सांसद ने कहा कि, अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना ही है तो कम से कम 3 बच्चों वाला कानून बनना चाहिए. सपा सांसद ने कहा कि, मुसलमान तो सिर्फ दो प्रतिशत ही सरकारी नौकरियों में हैं, इसलिए जो 98 प्रतिशत हिन्दू सरकारी नौकरियों में हैं, उन पर इस का सबसे अधिक असर पड़ेगा. हिन्दू भी हमारे भाई हैं, उनका नुकसान भी तो हमारा नुकसान है, इसलिए हम इस कानून का स्वागत नहीं करेंगे. हमे उनकी भी फ़िक्र है. हमारी जनसंख्या देश की संपत्ति है.  
हसन ने कहा क्योंकि, हमारा देश कृषि प्रधान देश है, जो हमारे खेतों पर काम करने वाले किसान लोग हैं, उनके परिवार में अगर 5-7 लड़के हैं. तो वह सब अपने खेतों में काम करते हैं और बाहर से लेबर नहीं लगानी पड़ती, लेबर बहुत महंगी है. खेत की खुदाई और फसल कटाई में लेबर की ज़रूरत पड़ती है. हमारे यहां छोटे किसान हैं और मशीनरी से यहां काम नहीं होता, इसलिए यहां छोटे किसान खुद ही अपने खेतों में परिवार के साथ काम करते हैं.
उन्हीं किसानों और मजदूरों को निशाना बना कर यह कानून बनाया है. मुसलमानों को निशाना बना कर ये कानून नहीं बनाया है. किसानों और मजदूरों में ये एक धारणा है कि, जितने बच्चे ज्यादा होंगे उतने कमाने वाले हाथ ज्यादा होंगे. जनसंख्या बढ़ने का हिन्दू या मुस्लिम से कोई सम्बन्ध नहीं है, इसका सम्बन्ध शिक्षा से है.
सपा सांसद ने कहा कि, हिंदुस्तान को जवान रखने और जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए कम से कम 3 बच्चों वाला कानून बनना चाहिए .
एस टी हसन ने कहा कि, देश की जनसंख्या हमारी संपत्ति है. बड़ी जनसंख्या की वजह से ही देश के बैंक डूबने से बच गये. क्योंकि मंदी में मोदी सरकार ने सस्ता डीजल, पेट्रोल ख़रीदा और देश की जनता को महंगा बेच कर पैसा कमाया और देश की महिलाओं के गहने तक बिकवा दिए.
देश में बड़ी जनसंख्या की वजह से करोड़ों वाहन हैं और उन्हें डीजल पेट्रोल की ज़रूरत होती है, जिस से सरकार के बैंक खाते में रुपया जमा हुआ. चीन जैसे जिन देशों ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया था वह देश दोबारा उसी पर आ गये और जनसंख्या नियंत्रण कानून ख़त्म कर लोगों को जितने बच्चे चाहें उतने पैदा करने की छूट दे दी. हिंदुस्तान बूढा हो जायेगा अगर आपने दो बच्चों का कानून बनाया.
0 notes
newspluss · 3 years
Photo
Tumblr media
केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब यूपी में भी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि ब्लाक प्रमुख चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। इसमें ओबीसी जातियों में से निषाद समाज को समायोजित किया जा सकता है। वहीं मनोनीत किए जाने वाले विधान परिषद सदस्यों में भी निषाद समाज को प्रतिनिधित्व दिए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में चर्चा थी कि निषाद पार्टी के सांसद प्रवीण निषाद को समायोजित किया जा सकता है। प्रवीण निषाद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला। लिहाजा, चर्चा है कि अब निषाद समाज को यूपी में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिल सकती है या फिर पार्टी मनोनीत किए जाने वाले चार विधान परिषद सदस्यों के नामों में से एक डा. संजय निषाद हो सकते हैं।
पार्टी का मानना है कि पूर्वांचल में ओबीसी की प्रमुख जातियों में से एक निषाद समाज को पार्टी अपने साथ रखना चाहती है। वैसे केंद्रीय मंत्रिमंडल में निषाद समाज से सांसद ज्योति निरंजन ज्योति को पहले से स्थान प्राप्त था।
भाजपा कार्यसमिति के बाद हो सकता है विस्तार
पार्टी सूत्रों की मानें तो ब्लाक प्रमुख चुनावों के बाद ही एक दिवसीय भाजपा की कार्यसमिति की बैठक होगी। इसकी तिथि केंद्रीय नेतृत्व को तय करनी है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी प्रदेश दौरा होना है। इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर विचार किया जा सकता है।
योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में मानकों के हिसाब से कुल 60 सदस्य हो सकते हैं, जबकि अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 53 ही हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। इस तरह अभी सात मंत्रियों की जगह तो सीधे-सीधे खाली है। अगले वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले इन सात सीटों पर नए मंत्री बनाकर किसी जाति वर्ग या क्षेत्र को प्रतिनिधित्व सरकार बिना किसी नुकसान की आशंका के, चुनावी रणनीति के तहत दे सकती है।
इसके साथ ही दूसरी संभावनाओं की चर्चा भी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि मोदी ने सत्तर वर्ष की उम्र वाले या काम में कमजोर पाए गए ऐसे मंत्रियों का भी इस्तीफा ले लिया, जो चर्चित और दिग्गज नेता हैं। इसी लाइन पर चलते हुए चाहे तो योगी आदित्यनाथ सरकार भी सत्तर वर्ष वाले या कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। सत्तर के आसपास या उससे ऊपर वाले दायरे में सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, दुग्ध विकास, पशुधन, मत्स्य मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, खादी एवं ग्रामोद्योग और एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह व लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय हैं।
सूत्रों का कहना है कि चुनाव को निकट देखते हुए किसी को नाराज न करने की सोच से यदि इन्हें मंत्रिमंडल से नहीं भी हटाया जाता है तो इसकी प्रबल संभावना है कि अगले विधानसभा चुनाव में इन्हें टिकट न दिया जाए। विवादों में रहे कुछ मंत्रियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इस तरह जितनी भी सीटें खाली होंगी, वहां क्षेत्रीय-जातीय संतुलन को देखते हुए ही समायोजन किया जाएगा।
0 notes
newspluss · 3 years
Text
वाराणसी -सपा के 'खेला होई' के जवाब में भाजपा ने लगाया 'खेला खत्म होई' पोस्टर
मिशन 2022 का बिगुल बज चुका है। वाराणसी में भाजपा और सपा का पोस्टर वार शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल की तर्ज पर यूपी में भी 2022 में खेला की तैयारी में राजनैतिक पार्टियां जुट गई हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले सियासी दलों में पोस्टर वार शुरू हो गया है। सपा के पूर्व विधायक ने पिछले दिनों शहर में खेला होई का पोस्टर लगाया तो भाजपा कार्यकर्ता ने खेला न होई से लेकर खेला खत्म होई के जरिये ताल ठोक दी है।
पश्चिम बंगाल के चुनाव में खेला होबे की तर्ज पर अब यहां भी सियासत गर्माने लगी है। पिछले दिनों सपा के पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने घर के बाहर खेला होई का पोस्टर लगाकर इसे हवा दे दी थी। अब भाजपा के सारनाथ मंडल के पूर्व महामंत्री एचपी यादव ने उत्तर प्रदेश 2022 में खेला ना होई और गुंडा, माफिया, भूमाफिया, भ्रष्टाचारियों और देशद्रोहियों का खेला खत्म होई का पोस्टर जारी किया है।
कुछ बदलाव के साथ बनारस पहुंचा पश्चिम बंगाल का स्लोगन
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के दौरान मशहूर हुआ स्लोगन खेला होबे अब बंगाल से थोड़े बदलाव के साथ उत्तर प्रदेश के बनारस पहुंच गया है। बनारस में पहले जहां समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने घर पर उम्मीद की साइकिल, 2022 में खेला होई... स्लोगन लिखवाया। वहीं भाजपा ने अब इसका जवाब पोस्टर के जरिये ही दिया है। भाजपा के एचपी यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश 2022 में खेला नहीं होगा। प्रदेश से गुंडा, माफिया, भूमाफिया, भ्रष्टाचारियों और देशद्रोहियों का खेल खत्म होगा।
वहीं पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने  विगत दिनों पोस्टर लगाने के बाद कहा था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी में बदलाव होगा। यहां की जनता सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से काफी उम्मीद लगाए बैठी है। जनता ने मन बना लिया है कि जिस तरह से बंगाल में खेला होबे, अब उसी तरह उत्तर प्रदेश में 2022 में खेला होई...।
0 notes
newspluss · 3 years
Photo
Tumblr media
भारत में साड़ी पुरातन काल से चली आ रही एक पारंपरिक परिधान है। साड़ी ही एक मात्र ऐसा परिधान है जिसे भारतीय नारी की अस्मिता और शक्ति की पहचान दिलाती है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला है मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान जहां 11 महिलाओं को शामिल कर नारी शक्ति को उंचा किया है। खास बात यह कि ये सभी महिला नेत्रियां शपथ लेने साड़ी पहनकर पहुंचीं।
मोदी कैबिनेट के विस्तार के दौरान मंत्रियों ने शपथ ली  तब भारतीय नारी शक्ति की झलक भी दिखाई दी। मोदी मंत्रिमंडल में 11 महिलाओं को जगह दी गई है। ये सभी शपथ लेने साड़ी पहनकर पहुंचीं। शपथ लेने वालों में 15 कैबिनेट मंत्री और 28 राज्यमंत्री शामिल रहे। राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ दिलाई।  ।
नए कैबिनेट विस्तार में इस बार सबसे अधिक 11 महिलाओं को शामिल किया गया है। 2014 में मोदी कैबिनेट में सात तो 2019 में 6 महिलाओं को मंत्री बनाया गया था। दूसरे कैबिनेट विस्तार की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें प्रोफेशनल्स को अधिक तरजीह दी गई है। डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, टेक्नोक्रेट्स और अन्य प्रोफेशनल्स को मंत्रीमंडल में जगह मिली है।
महिला मंत्रियों के विभाग
निर्मला सीतारमण-फाइनेंस मिनिस्ट्री, कॉरपोरेट अफेयर्स(कैबिनेट मंत्री)
स्मृति ईरानी-वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट(कैबिनेट मंत्री)
दर्शना जरदोश-टेक्सटाइल और रेलवे
शोभा करंदले-एग्रीकल्चर एंड फार्मर वेलफेयर
मीनाक्षी लेखी-एक्सटर्नल अफेयर्स, कल्चर
प्रतिमा भौमिक-सोशल जस्टिस एंड इंपावरमेंट
भारती प्रवीण पवार-हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर
अनुप्रिया पटेल-कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
अन्नपूर्णा देवी-एजुकेशन
रेणुका सिंह-ट्राइबल अफेयर्स
साध्वी निरंजना ज्योति-कंज्यूमर अफेयर, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन, रूरल डेवलपमेंट
0 notes
newspluss · 3 years
Text
केन्द्र की तर्ज पर अब यूपी में भी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं
केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब यूपी में भी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि ब्लाक प्रमुख चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। इसमें ओबीसी जातियों में से निषाद समाज को समायोजित किया जा सकता है। वहीं मनोनीत किए जाने वाले विधान परिषद सदस्यों में भी निषाद समाज को प्रतिनिधित्व दिए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में चर्चा थी कि निषाद पार्टी के सांसद प्रवीण निषाद को समायोजित किया जा सकता है। प्रवीण निषाद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला। लिहाजा, चर्चा है कि अब निषाद समाज को यूपी में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिल सकती है या फिर पार्टी मनोनीत किए जाने वाले चार विधान परिषद सदस्यों के नामों में से एक डा. संजय निषाद हो सकते हैं।
पार्टी का मानना है कि पूर्वांचल में ओबीसी की प्रमुख जातियों में से एक निषाद समाज को पार्टी अपने साथ रखना चाहती है। वैसे केंद्रीय मंत्रिमंडल में निषाद समाज से सांसद ज्योति निरंजन ज्योति को पहले से स्थान प्राप्त था।
भाजपा कार्यसमिति के बाद हो सकता है विस्तार
पार्टी सूत्रों की मानें तो ब्लाक प्रमुख चुनावों के बाद ही एक दिवसीय भाजपा की कार्यसमिति की बैठक होगी। इसकी तिथि केंद्रीय नेतृत्व को तय करनी है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी प्रदेश दौरा होना है। इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर विचार किया जा सकता है।
योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में मानकों के हिसाब से कुल 60 सदस्य हो सकते हैं, जबकि अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 53 ही हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। इस तरह अभी सात मंत्रियों की जगह तो सीधे-सीधे खाली है। अगले वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले इन सात सीटों पर नए मंत्री बनाकर किसी जाति वर्ग या क्षेत्र को प्रतिनिधित्व सरकार बिना किसी नुकसान की आशंका के, चुनावी रणनीति के तहत दे सकती है।
इसके साथ ही दूसरी संभावनाओं की चर्चा भी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि मोदी ने सत्तर वर्ष की उम्र वाले या काम में कमजोर पाए गए ऐसे मंत्रियों का भी इस्तीफा ले लिया, जो चर्चित और दिग्गज नेता हैं। इसी लाइन पर चलते हुए चाहे तो योगी आदित्यनाथ सरकार भी सत्तर वर्ष वाले या कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। सत्तर के आसपास या उससे ऊपर वाले दायरे में सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, दुग्ध विकास, पशुधन, मत्स्य मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, खादी एवं ग्रामोद्योग और एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह व लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय हैं।
सूत्रों का कहना है कि चुनाव को निकट देखते हुए किसी को नाराज न करने की सोच से यदि इन्हें मंत्रिमंडल से नहीं भी हटाया जाता है तो इसकी प्रबल संभावना है कि अगले विधानसभा चुनाव में इन्हें टिकट न दिया जाए। विवादों में रहे कुछ मंत्रियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इस तरह जितनी भी सीटें खाली होंगी, वहां क्षेत्रीय-जातीय संतुलन को देखते हुए ही समायोजन किया जाएगा।
0 notes
newspluss · 3 years
Photo
Tumblr media
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का आज यानी बुधवार को विस्तार होने जा रहा है। शाम 6 बजे नए मंत्री शपथ लेंगे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने के बाद पहली बार कैबिनेट में बदलाव होने जा रहा है। नई कैबिनेट में कई युवा चेहरों को मौका मिल सकता है। साथ ही अगले साल जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, उनको भी कैबिनेट विस्तार में अहमियत मिल सकती है।
कैबिनेट विस्तार से पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन समेत दर्जन भर मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में निशंक और हर्षवर्धन के अलावा स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौधरी, महिला बाल विकास मंत्री देबोश्री चौधरी, उर्वरक और रसायन मंत्री सदानंद गौड़ा, श्रम राज्य मंत्री संतोष गंगवार, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, बाबुल सुप्रियो, प्रताप सारंगी और रतन लाल कटारिया से भी इस्तीफा लिया जा चुका है। केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने मंगलवार को ही इस्तीफा दे दिया था। उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट विस्तार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश के चार चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। इन चेहरों में से दा को कैबिनेट और दो को राज्य मंत्री का पद दिया जा सकता है। अभी तक यूपी से जिन नामों की चर्चा हो रही है, उसमें अनुप्रिया पटेल और कौशांबी से सांसद विनोद सोनकर का नाम लगभग फाइनल हो चुका है। वहीं खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्र और राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा का भी नाम लिस्ट में बताया जा रहा है। सभी प्रधानमंत्री आवास पर पहुंचे हैं।
मोदी की टीम में युवाओं को वरीयता
राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, मंत्रिमंडल में बदलाव के बाद ये मोदी की सबसे युवा और टैलेंटेड टीम होगी। मोदी के मंत्रिमंडल में आज शामिल होने वाले मंत्रियो में 12 अनुसूचित जाति, 8 आदिवासी और 27 पिछड़े वर्ग से हो सकते हैं।
पीएम मोदी की कैबिनेट के लिए आज शाम 6 बजे शपथ लेने वाले संभावित चेहरों में  ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनोवाल, अजय भट्ट, कपिल पाटिल, शांतनु ठाकुर, पशुपति पारस, नारायण राणे, मीनाक्षी लेखी, शोभा करांडलजे, अनुप्रिया पटेल, हिना गावित, अजय मिश्रा, सुनीता दुग्गल, भागवत कराड, भारती पवार , भानु प्रताप वर्मा, मनोज तिवारी और आरसीपी सिंह शामिल है।
बिहार की राजधानी पटना मे केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है, हम वहां भाग लेने जा रहे हैं। एनडीए की सरकार अखंड रहेगी, हमारी सरकार चल रही है, आगे भी लंबी अवधि तक चलती रहेगी।
पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार में 13 इंजीनियर, 5 डॉक्टरों को मौका मिलेगा। इसके साथ मोदी की नई टीम में 11 महिलाओं को मौका मिल सकता है। कैबिनेट में चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को शामिल किया जाएगा।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने के बाद पहली बार कैबिनेट में बदलाव होने जा रहा है। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बुधवार की शाम को होने वाले फेरबदल व विस्तार से पहले, मंत्री पद के संभावित चेहरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आधिकारिक आवास पर पहुंचे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा भी प्रधानमंत्री आवास पर मौजूद हैं।
0 notes
newspluss · 3 years
Text
वाराणसी -सपा के 'खेला होई' के जवाब में भाजपा ने लगाया 'खेला खत्म होई' पोस्टर
मिशन 2022 का बिगुल बज चुका है। वाराणसी में भाजपा और सपा का पोस्टर वार शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल की तर्ज पर यूपी में भी 2022 में खेला की तैयारी में राजनैतिक पार्टियां जुट गई हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले सियासी दलों में पोस्टर वार शुरू हो गया है। सपा के पूर्व विधायक ने पिछले दिनों शहर में खेला होई का पोस्टर लगाया तो भाजपा कार्यकर्ता ने खेला न होई से लेकर खेला खत्म होई के जरिये ताल ठोक दी है।
पश्चिम बंगाल के चुनाव में खेला होबे की तर्ज पर अब यहां भी सियासत गर्माने लगी है। पिछले दिनों सपा के पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने घर के बाहर खेला होई का पोस्टर लगाकर इसे हवा दे दी थी। अब भाजपा के सारनाथ मंडल के पूर्व महामंत्री एचपी यादव ने उत्तर प्रदेश 2022 में खेला ना होई और गुंडा, माफिया, भूमाफिया, भ्रष्टाचारियों और देशद्रोहियों का खेला खत्म होई का पोस्टर जारी किया है।
कुछ बदलाव के साथ बनारस पहुंचा पश्चिम बंगाल का स्लोगन
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के दौरान मशहूर हुआ स्लोगन खेला होबे अब बंगाल से थोड़े बदलाव के साथ उत्तर प्रदेश के बनारस पहुंच गया है। बनारस में पहले जहां समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने घर पर उम्मीद की साइकिल, 2022 में खेला होई... स्लोगन लिखवाया। वहीं भाजपा ने अब इसका जवाब पोस्टर के जरिये ही दिया है। भाजपा के एचपी यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश 2022 में खेला नहीं होगा। प्रदेश से गुंडा, माफिया, भूमाफिया, भ्रष्टाचारियों और देशद्रोहियों का खेल खत्म होगा।
वहीं पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी ने  विगत दिनों पोस्टर लगाने के बाद कहा था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी में बदलाव होगा। यहां की जनता सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से काफी उम्मीद लगाए बैठी है। जनता ने मन बना लिया है कि जिस तरह से बंगाल में खेला होबे, अब उसी तरह उत्तर प्रदेश में 2022 में खेला होई...।
0 notes
newspluss · 3 years
Photo
Tumblr media
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के स्कूल के कक्षा 12वी साइंस के छात्र तुषार ने बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास चेयर टेबल तैयार किया है. स्मार्ट चेयर ऑनलाइन क्लास में लापरवाही करने वाले बच्चों की पहचान करने के लिए बनाया गया. कोरोना वायरस की वजह से बच्चों का ऑनलाइन क्लास जारी है. क्लास में बच्चें ऐसे होते हैं जो ठीक से क्लास नहीं करते और ऑनलाइन क्लास में लापरवाही करते हैं, कभी सोना तो कभी क्लास चालू कर छोड़ देना.
कोरोना की दूसरा लहर अभी समाप्त भी नहीं हुई है और तीसरी लहर की आशंका भी जताई जा रही है. ऐसे में बच्चों की ऑनलाइन क्लास को और स्मार्ट बनाने की जरूरत है. इसमें एक स्मार्ट ऑनलाइन (कुर्सी-टेबल) का प्रोटोटाइप तैयार किया गया है. लोग इस आइडिया को काफी पसंद कर रहे हैं, जो बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं करते, टीचर की बात नहीं सुनते और होमवर्क नहीं करते, ऐसे बच्चों को ये स्मार्ट चेयर उन्हें ऑनलाइन डिसिप्लिन बनाए रखने में मदद करेगा.
स्मार्ट कुर्सी-टेबल का पूरा सिस्टम इंटरनेट से संचालित होने के साथ स्कूल के टीचर्स के मोबाइल फोन से जुड़ा होता है. इस टेबल और कुर्सी में एक 14 इंच का एलसीडी डिस्प्ले लगा है, जिसमें बच्चे अपने मोबाइल फोन के स्क्रीन को कनेक्ट कर मोबाइल स्क्रीन को बड़ा कर सकते हैं. जिससे उन्हें ऑनलाइन क्लास को समझने में और आसानी होगी. इसमें कैमरा भी लगा है, जिसके ज़रिए टीचर्स बच्चों पर ऑनलाइन नजर रख सकते है.
इस स्मार्ट टेबल कुर्सी में एक चैनल गेट भी है, जिसका कमांड टीचर्स के पास होता है. स्टूडेंट के कुर्सी पर बैठते ही सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है और टीचर्स को मोबाइल फोन पर इसकी नोटिफिकेशन के साथ स्मार्ट कुर्सी-टेबल का चैनल गेट लॉक हो जाता है. जिससे की बच्चे बिना टीचर्स से पूछे बगैर ऑनलाइन क्लास छोड़ कर कहीं जा नहीं सकते.
ऑनलाइन क्लास खत्म होने के बाद स्मार्ट चेयर का गेट अपने आप अनलॉक यानी खुल जाता है. इसके पहले अगर स्टूडेंट को स्मार्ट कुर्सी से उठना हो या वाशरूम जाना हो तो उन्हें अपने टीचर्स से इजाजत लेनी होगी. अगर बिना परमिशन के स्मार्ट कुर्सी से स्टूडेंट उठते हैं या ऑनलाइन क्लास छोड़ते हैं तो टीचर को इसकी जानकारी फोन पर मिल जाएगी, जिससे बच्चे ऑनलाइन क्लास में लापरवाही नहीं करेंगे. ये स्टूडेंट और टीचर्स के लिंक को बढ़ाने में मदद करेगा.
0 notes
newspluss · 3 years
Text
आमिर खान और किरण राव की अधूरी कहानी
बॉलीवुड के तीन खानों में से एक आमिर खान और किरण राव 15 साल के सफर के बाद अलग हो गए. दोनों ने एक स्टेटमेंट जारी कर अपने तलाक की जानकारी दी. इस खबर से बॉलीवुड जगत के ही लोग नहीं बलकि फैन्स को भी गहरा धक्का लगा. बॉलीवुड एक्टर आमिर खान और किरण राव की शादी 2005 में हुई थी. दोनों के एक बेटा आजाद भी है जिसका जन्म सरोगेसी से हुआ था. किरण राव की मुलाकात आमिर खान से आशुतोष गोवारिकर की फिल्म लगाने के दौरान हुई थी. 'लगान' फिल्म में किरण राव असिस्टेंट डायरेक्टर थीं. आमिर खान की यह दूसरी शादी थी. इससे पहले आमिर खान ने रीमा दत्ता से शादी की थी और उनके साथ भी 15 साल बाद उनका तलाक हो गया था. आमिरी की पहली शादी से उनके एक बेटा जुनैद और बेटी इरा. 2002 में, खान ने तलाक के लिए अर्जी दी और दत्ता ने दोनों बच्चों की कस्टडी ली. आमिर खान और किरण राव ने संयुक्त वक्तव्य में कहा है, 'इन 15 खूबसूरत वर्षों में हमने एक साथ जीवन भर के अनुभव, आनंद और हँसी साझा की है और हमारा रिश्ता केवल विश्वास, सम्मान और प्यार में बढ़ा है. अब हम अपने जीवन में एक नया अध्याय शुरू करना चाहेंगे, अब पति-पत्नी के रूप में नहीं, बल्कि एक-दूसरे के लिए सह-माता-पिता और परिवार के रूप में. हमने कुछ समय पहले एक प्लांड सेपरेशन शुरू किया था, और अब इस व्यवस्था को औपचारिक रूप देने में सहज महसूस कर रहे हैं, अलग-अलग रहने के बावजूद अपने जीवन को एक विस्तारित परिवार की तरह साझा करेंगे. हम अपने बेटे आजाद के समर्पित माता-पिता हैं, जिनका पालन-पोषण हम मिलकर करेंगे. हम फिल्मों, पानी फाउंडेशन और अन्य परियोजनाओं पर भी सहयोगी के रूप में काम करना जारी रखेंगे, जिनके बारे में हम भावुक महसूस करते हैं. हमारे रिश्ते में इस विकास के बारे में उनके निरंतर समर्थन और समझ के लिए हमारे परिवारों और दोस्तों का बहुत-बहुत धन्यवाद जिनके बिना हम यह कदम लेने में इतने सुरक्षित नहीं करते. हम अपने शुभचिंतकों से शुभकामनाएं और आशीर्वाद की उम्मीद करते हैं और आशा करते हैं कि - हमारी तरह - आप इस तलाक को अंत की तरह नहीं, बल्कि एक नए सफ़र की शुरुआत के रूप में देखेंगे".
0 notes
newspluss · 3 years
Photo
Tumblr media
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का आज जन्मदिन है। वह 48 साल के हो गए हैं। अखिलेश यादव के जन्मदिन पर सुबह से पार्टी कार्यकर्ता और तमाम राजनेता उन्हें बधाई दे रहे हैं।
अखिलेश यादव के इंजीनियरिंग से राजनीति में आने और फिर देश के सबसे बड़े प्रदेश का सीएम बनने तक के सफर के बारे में कई लोग जानते होंगे लेकिन आज हम आपको एक आम इंसान के रूप में अखिलेश के जीवन से जुड़े किस्से बता रहे हैं।
अखिलेश की सादगी, मिलनसार और साधारण व्यक्तित्व हमेशा से चर्चा में रहता है. वे हमेशा सफेद कुर्ता-पायजामा के साथ लाल नेहरू जेकेट और लाल गांधी टोपी में दिखते हैं. उनकी पार्टी का चिन्ह ‘साइकिल’ उन्हें हमेशा से पसंद रहा है. उनके कार्यालय में भी प्रतीक चिंह के तौर पर लाल रंग की साइकिल रखी है. उन्हें साइकिल से इतना प्यार है कि फुर्सत के क्षणों में नदी किनारे, उनके फार्म हाउस पर अखिलेश को साइकिल चलाते देखा गया है.
समाजवादी पार्टी ने इस दौरान प्रदेश में बड़े आयोजन का कार्यक्रम तय किया है। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा दिल दिखाते हुए पूर्व सीएम अखिलेश यादव को फोन पर बधाई दी और साथ ही उन्होंने ट्वीट किया है कि
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई। प्रभु श्री राम से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं।
अखिलेश का जन्म सैफई में हुआ था। गांव के प्रधान ने उनका नाम 'टीपू' रखा था। राजस्थान के धौलपुर के मिलिट्री स्कूल से उन्होंने शुरुआती पढ़ाई की। फिर मैसूर के जेएसएस साइंस ऐंड टेक्नॉलजी यूनिवर्सिटी से सिविल इन्वायरमेंट इंजीनियरिंग से ग्रैजुएशन किया लेकिन क्या आपको पता है कि कॉलेज के दिनों में अखिलेश यादव की कई बार बैक लग चुकी है। उन्होंने खुद 2017 में एक न्यूज वेबसाइट के साथ इंटरव्यू में इसका जिक्र किया था।
उनके नाम सबसे कम आयु में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री होने का भी रिकार्ड है। वह 38 वर्ष की उम्र के उत्तर प्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री बने। आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के सांसद पहले विधान परिषद सदस्य भी थे। इससे पूर्व वह लगातार दो बार कन्नौज से सांसद थे।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक तथा संस्थापक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। उनकी पार्टी को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद, 15 मार्च 2012 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने इस बार कार्यकर्ताओं से अपने जन्मदिन को सादगी से मनाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना काल में कार्यकर्ता प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सादगी से मनाएं। बावजूद इसके लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी मुख्यालय पर नेताओं और कार्यकतार्ओं ने भारी संख्या में बधाई के होर्डिंग्स लगाए हैं।
खेल के मैदान में पहली बार हुई थी डिंपल से मुलाकात पत्नी डिंपल के साथ पहली मुलाकात पर अखिलेश ने बताया कि तो डिंपल से पहली बार खेल के मैदान में मुलाकात हुई थी। अखिलेश वहां खेलने जाया करते थे। एक इंटरव्यू के दौरान जब अखिलेश से पूछा गया कि How to approach a girl तो अखिलेश बोले, 'ये जमाना कैसा है हमें नहीं पता लेकिन इनके (युवाओं के) मोबाइल छीन लो तो सब पता लग जाएगा। हमारे समय में मोबाइल नहीं था, वॉट्सऐप नहीं था, फेसबुक अकाउंट नहीं था तो हम सीधे-सीधे बात करते थे।'
'जिप्सी होगी तो माहौल अलग होगा' कॉलेज के ही दिनों में हर युवा की तरह अखिलेश का भी सपना था कि उनके पास कार हो। अखिलेश ने उस वक्त जिप्सी खरीदी थी। अखिलेश ने बताया, उस समय जिप्सी सबसे बड़ी जीप होती थी। मैंने सोचा था कि अगर कॉलेज में जिप्सी होगी तो माहौल अलग होगा। फिर जब आगे अखिलेश ने पूछा कि 'जिप्सी होने का मतलब क्या है?' तो दर्शकों में सब भौकाल चिल्लाने लगे। इस पर अखिलेश बोले, 'ये लखनऊ वाले भौकाल से आगे नहीं जा रहे हैं।' सीधे-सीधे बात करते थे।'
सिडनी में अमिताभ बच्चन के साथ दिलचस्प किस्सा एक इंटरव्यू के दौरान अखिलेश ने सिडनी से जुड़ा एक रोचक किस्सा भी बताया। अखिलेश ने कहा, सिडनी में एक फैमिली के साथ मैं पेइंग गेस्ट के रूप में रहता था। पति ऑस्ट्रेलियन थे पत्नी फिजियन। स्वाभाविक है कि वह जानते थे कि अमिताभ बच्चन हमारी फिल्म इंडस्ट्री की कितनी बड़ी शख्सियत हैं। जब अमिताभ बच्चन सिडनी आए थे तो मैं उनसे मिलने गया था। वहां के एक अखबार ने मेरी एक तस्वीर छाप दी जिसमें अमर अंकल (अमर सिंह), अमिताभ अंकल (अमिताभ बच्चन) और मैं था। उस दिन से सब जान गए कि मैं कितने बड़े लोगों को जानता हूं।'
0 notes
newspluss · 3 years
Text
नवजोत सिंह सिद्धू मिलें कांग्रेस महासचिव प्रियंका से –क्या बात हुई ?
पंजाब कांग्रेस में आंतरिक कलह के बीच नवजोत सिंह सिद्धू आज दिल्ली में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी से मिले। बैठक के बाद उन्होंने इस मुलाकात की तस्वीर भी ट्वीट की और लिखा कि उनकी बैठक लंबी रही।बैठक में क्या बातचीत हुई, ये अभी स्पष्ट नहीं है।खबर है कि इस बैठक के बाद प्रियंका ने राहुल गांधी के साथ बैठक की और अब वे पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने पहुंची हैं।
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत कर दी है। कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चुनावों से पहले दोनों नेताओं के बीच की कलह को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है लेकिन अभी तक सिद्धू और कैप्टन के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हो पाए हैं।
कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सिद्धू और कैप्टन के बीच की लड़ाई खत्म करने के लिए पार्टी के 3 नेताओं की एक कमेटी बनाई थी और उस कमेटी के सामने पंजाब कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता, कांग्रेस विधायक और सांसद पेश हुए थे। सिद्धू और कैप्टन की भी कमेटी के सामने पेशी हुई थी। सभी नेताओं की पेशी के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी को सौंप दी थी। जिस समय कमेटी के सामने पेश होने के लिए सिद्धू और कैप्टन दिल्ली आए थे उस समय राहुल और प्रियंका गांधी ने उनसे मुलाकात नहीं की थी लेकिन आज प्रियंका गांधी ने सिद्धू के साथ मुलाकात की है और इस मुलाकात के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं।
दरअसल 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले सिद्धू ने भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी और उस साल कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कह दिया था कि वह उनका अंतिम चुनाव होगा। लेकिन अब कैप्टन अमरिंदर सिंह कह रहे हैं कि वे इस बार भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
0 notes