सोशल मिडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है एक वीडियो इस विडियो में एक वृद्ध महिला को अत्यंत निर्दयता से पीटा जा रहा है।
वायरल वीडियो जनपद गोरखपुर के लाल बहादुर शास्त्री हाई स्कूल, ग्राम राखुखोर थाना कैंपियरगंज का बताया जा रहा है।
वीडियो में सड़क किनारे गलन, कोहराभरी ठण्ड में बैठी एक वृद्ध महिला को एक दूसरी महिला द्धारा डण्डे से पिता जा रहा है।
इस दर्दनाक वीडियो को समाजसेवी श्री बसंत कुमार सक्सैना जी ने राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण संरक्षण संगठन को प्रेषित किया, जिस पर संज्ञान लेते हुए संस्थापक / राष्ट्रीय सुश्री आस्था माथुर जी ने इस प्रकरण में क़ानूनी कार्यवाही हेतु गोरखपुर जिले के पुलिस कप्तान तथा जिलाधिकारी सहित केन्द्र व उत्तर प्रदेश शासन को पत्र / ईमेल भेज क्र कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया है।
विषय - RTI एक्टिविस्ट श्री राजन निषाद जी को हथकड़ी लगाए जाने का हम विरोध करते है।
महोदय,
उत्तर प्रदेश के थाना ओबरा सोनभद्र में तैनात उप-निरीक्षक श्री अमित त्रिपाठी (मोबाइल -- 9956856474) द्धारा RTI एक्टिविस्ट श्री राजन निषाद को झूठे मुकदमे में अवैधानिक गिरफ्तारी एवं हथकड़ी लगाकर ले जाना भारतीय संविधान के अनुच्छेद - 21, 22 का स्पष्ट उल्लंघन हैं, संविधान प्रदत्त अधिकारों पर कुठाराघात है।
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सुनील बत्रा बनाम दिल्ली प्रशासन (1978) 4 SSC 409 तथा अंजनी कुमार सिन्हा बनाम स्टेट ऑफ बिहार 1992 के केस में स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस किसी व्यक्ति को हथकड़ी नहीं लगा सकती और अगर वह ऐसा करती है तो यह पूरी तरह से अंवैधानिक होगा, अतः उप-निरीक्षक श्री अमित त्रिपाठी द्धारा एक निर्दोष RTI एक्टिविस्ट श्री राजन निषाद को हथकड़ी लगाना माननीय सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है।
हम इस ईमेल / पत्र के माध्यम से आपसे उप-निरीक्षक श्री अमित त्रिपाठी के विरुद्ध कार्यवाही कराये जाने का निवेदन करते है।
RTI एक्टिविस्ट श्री राजन निषाद जी (9336955917) पुत्र श्री दुखरन निषाद, निवासी - ग्राम - बलुआ टोला, पोस्ट - ओबरा, परसोई, जिला - सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) को न्याय दीजिये।
मानवाधिकार एवं सूचनाधिकार कार्यकर्ता से पुलिसिया दुर्व्यवहार पर लिया संज्ञान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने !
उत्तर प्रदेश : सोनभद्र
13 अक्टूबर 2022 : प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोनभद्र जिले के मानवाधिकार एवं सूचनाधिकार कार्यकर्ता श्री चन्द्रजीत सिंह जी, समाज में व्याप्त कुरीतियों / भ्रस्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाते रहते है, जिस कारण थाना ओबरा के पुलिसकर्मी उनसे रंजिश मानते है तथा उन्हें सबक सिखाने के लिए मौका तलाश करते रहते है ।
घटनाक्रम दिनाँक 11/10/2022 का हैं कि श्री चन्द्रजीत सिंह जी एक जमीनी प्रकरण में पीड़ित व्यक्ति की सहायता, जानकारी के लिए थाना ओबरा पर गए, जहाँ उपस्थित उप-निरीक्षक श्री अमित त्रिपाठी ने अकारण बिना किसी अपराध के श्री चन्द्रजीत सिंह जी को धक्का - मुक्की करते हुए हवालात में बन्द कर उनका मोबाइल छीन कर स्विचऑफ कर दिया ।
उप-निरीक्षक श्री ��मित त्रिपाठी का श्री चन्द्रजीत सिंह जी के साथ यह कृत्य पुलिसिया हनक, मनमाने आचरण, जनप्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार का प्रतीक है ।
"राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण संरक्षण संगठन" की संस्थापक सुश्री आस्था माथुर जी को सोनभद्र जिले के मानवाधिकार एवं सूचनाधिकार कार्यकर्ताओं ने अवगत कराया तथा उप-निरीक्षक श्री अमित त्रिपाठी के विरुद्ध कार्यवाही कराये जाने की न्यायिक मांग की, जिस पर "राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण संरक्षण संगठन" की संस्थापक सुश्री आस्था माथुर जी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहित केन्द्रीय तथा उत्तर प्रदेश शासन एवं सोनभद्र जिले के आलाअफसर को घटना से अवगत कराते हुए उप-निरीक्षक श्री अमित त्रिपाठी के विरुद्ध कार्यवाही कराये जाने तथा आमजनता से दुर्व्यवहार किये जाने पर विभागीय संज्ञान लिए जाने हेतु फैक्स / ई-मेल / रजिस्ट्रर्ड डाक से पत्र प्रेषित किया ।
सुश्री आस्था माथुर जी संस्थापक "राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण संरक्षण संगठन" की सक्षम पैरवी, गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले को दिनाँक 13-10-2022 को दर्ज कर लिया है ।
"स्वर विद्रोह टाइम्स" की सुश्री आस्था माथुर जी से हुई वार्ता में उन्होंने कहा कि पुलिसिया उत्पीड़न तथा जनता से दुर्व्यवहार करने वाले किसी भी अधिकारी के विरुद्ध वह सूचना प्राप्त होने पर उसके विरुद्ध कार्यवाही अवश्य करायेंगी ।
अब देखना हैं कि मानवाधिकार एवं सूचनाधिकार कार्यकर्ता श्री चन्द्रजीत सिंह जी बनाम उप-निरीक्षक श्री अमित त्रिपाठी, थाना ओबरा के विरुद्ध क्या कार्यवाही हो पाती है ।
"स्वर विद्रोह टाइम्स" ने जब अन्य जनप्रतिनिधियों, मानवाधिकार, सूचनाधिकार कार्यकर्ताओ से बात कि तो उन्होंने बताया कि उप-निरीक्षक श्री अमित त्रिपाठी का जनता के प्रति व्यवहार अच्छा नहीं है तथा उन्होंने पुलिस नौकरी के बाद से बहुत धन, सम्पदा, चल अचल सम्पत्ति अर्जित की है जिसकी नियमानुसार जाँच कराया जाना नितान्त आवश्यक है ।
"स्वर विद्रोह टाइम्स" ने थाना प्रभारी ओबरा से भी इस सम्बन्ध में जानकारी हेतु उनके CUG नंबर पर सम्पर्क किया, जिसे सिपाही कुलदीप ने अटैण्ड किया, सिपाही कुलदीप से जब पूछा गया कि CUG नंबर थानेदार का तुम्हारे पास कैसे हैं ? तो उन्होंने फोन काट दिया ।
वोडाफोन मोबाइल कम्पनी कर रही है अपने उपभोक्ताओ का शोषण !
उत्तराखण्ड : काशीपुर
21 सितम्बर 2022 : वोडाफोन मोबाइल कम्पनी में अजब दस्तूर चल निकला है अब, पैसा लेकर भी अपने उपभोक्ता को नहीं दे रहे है सेवाएं, काशीपुर शहर में रामभरोसे चल रही है वोडाफोन कम्पनी ।
"राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण संरक्षण संगठन" ने बताया कि वोडाफोन में कोई सुनवाई न होने के कारण वह फिर से उपभोक्ता अदालत का सहारा लेंगे और राहत प्राप्त करेंगे ।
"राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण संरक्षण संगठन" ने यह भी बताया कि वोडाफोन कंपनी के काशीपुर में VI मिनी स्टोर संचालक माँ भगवती इंटरप्राइजेज के संचालक योगेश चंद्र जोशी "राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण संरक्षण संगठन" से धोखा देकर रूपये 500/- ऑनलाइन ट्रांसफर करा हड़प लिए, योगेश ने पैसा 500/- रूपये प्राप्त करने के बाद न तो उपभोक्ता को कोई रसीद ही दी और न अनेक बार लिखत - पढ़त करने के बाद पैसा ही वापिस किया जिसके सम्बन्ध में FIR कराये जाने हेतु भी "राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण संरक्षण संगठन" ने अपना प्रार्थना पत्र पुलिस विभाग को भेज दिया है ।
अब देखना यह है कि धोखा देकर धन हड़पने वाले VI मिनी स्टोर संचालक योगेश चंद्र जोशी के विरुद्ध पुलिस क्या कार्यवाही करती है और उपभोक्ता का शोषण करने पर उपभोक्ता अदालत क्या दण्ड देता है ।
"स्वर विद्रोह टाइम्स" के साथ बने रहे, और देखते जानते रहे कि समाज में लोग पैसे के लिए कितना ज़मीर खोते है और कानून उन्हें क्या सजा देता है ।
श्री रोहित कुमार जी, जिलाध्यक्ष - जिला हरदोई कार्यकारिणी एवं सदस्य - राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने संगठन द्धारा चलाई जा रही योजना में एक सदस्य को संगठन से जोड़ा हैं।
श्री रोहित कुमार जी, को संगठन की तरफ से आभार व्यक्त करते हुए, प्रोत्साहन राशि Rs. 500/- का एक चैक भेजा जा रहा है।
फर्जी खबर प्रसारित करने पर किया समाचार प्रतिनिधि पर 55 लाख का मानहानि दावा !
उत्तर प्रदेश : महाराजगंज
04 सितम्बर 2022 : एक गुमनाम से समाचार पत्र में फर्जी प्रकाशित बिना किसी आधार के रमन वर्मा द्धारा समाचार पत्रों / न्यूज़ पोर्टल / व्हाट्सप ग्रुप तथा सोशल साइट्स पर द्धेषवश मात्र सामाजिक प्रतिष्ठा को क्षतिग्रस्त करने, मानसिक पीड़ा, यातना, उत्पीड़न और भय पहुंचाने के लिए मनगढंत समाचार प्रसारित किया जो अब एक सार्वजनिक दस्तावेज है, रमन वर्मा द्धारा झूठे, तुच्छ, काल्पनिक और आधारहीन आरोप लिखते हुए समाचार प्रसारित - प्रचारित - प्रकाशित होने के कारण सामाजिक छवि बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए सूचनाधिकार कार्यकर्ता कृष्ण कुमार गुप्ता ने रमन वर्मा को भेजा 55 लाख का मानहानि दावा नोटिस ।
"स्वर विद्रोह टाइम्स" से वार्ता में श्री कृष्ण कुमार गुप्ता ने बताया कि रमन वर्मा ने निराधार आरोप लगाते हुए उन पर आरोप लगाया था कि वह मेडिकल स्टोर से धन उगाही का कार्य करते है, इस फर्जी प्रकाशन से मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा, सामाजिक कार्यकर्ता कि छवि को आघात पंहुचा है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती, परन्तु भारतीय कानून के प्रकाश में आरोपी रमन वर्मा को सजा दिलाये जाने हेतु, प्रतिष्ठा पर आघात कर छवि ख़राब करने के लिए क़ानूनी नोटिस भेज कर अनुच्छेद 226 का अनुसरण कर पचपन लाख पांच हजार रूपये मात्र का दावा हाई कोर्ट नैनीताल उत्तराखण्ड में दावा दायर कर सामाजिक छवि बिगाड़ने वाले छदम, पीत पत्रकारिता करने वाले फर्जी पत्रकारों को क़ानूनी सबक सिखाया जायेगा ।
श्री कृष्ण कुमार गुप्ता जी ने यह भी बताया कि उनकी सामाजिक छवि को बिगाड़ने वाले रमन वर्मा के अन्य सहयोगीयों के विरुद्ध भी उन्होंने क़ानूनी कार्यवाही की है तथा वह पुरे प्रयास करेंगे कि फर्जी समाचार प्रकाशित करने वाले पत्रकारों के विरुद्ध जिला महाराजगंज सूचना अधिकारी भी मुकदमा दर्ज कराये ।
"स्वर विद्रोह टाइम्स" को सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रमन वर्मा व उनके कतिपय सहयोगी जो श्री कृष्ण कुमार गुप्ता जी कि सामाजिक छवि बिगाड़ना चाहते है उन्होंने एक फर्जी समाचार व्हाट्सप्प ग्रुप, मिडिया, पोर्टल, समाचार पत्र में प्रसारित इस उद्देश्य से किया कि श्री कृष्ण कुमार गुप्ता जी की सामाजिक छवि ख़राब हो और वह मानसिक तनाव, क्लेश में उलझे परन्तु प्रकरण में मामला उल्टा पड़ गया श्री कृष्ण कुमार गुप्ता जी ने कानून का सहारा लेकर तथा माननीय उच्च न्यायालय में परिवाद सक्षम धाराओं में प्रस्तुत कर अपने विरोधियों को सशक्त और करारा जवाब दिया है ।
अब देखना यह है कि इस फर्जी समाचार मामले में दिए गए नोटिस का क्या जवाब आता है, माननीय न्यायालय किसके पक्ष में फैसला देता है, तब तक जुड़े रहे "स्वर विद्रोह टाइम्स" की ताजा जानकारी और खबरों के लिए हमसे ।
राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण सरंक्षण संगठन लेगा हाई कोर्ट की शरण
उत्तर प्रदेश : महाराजगंज
सूत्रों के मुताबिक महाराजगंज जिले कि तहसील नौतनवां, में कार्यरत कानूनगो जैनुद्दीन ने अपनी आय से अधिक चल - अचल सम्पत्ति अर्जित की है और इस अर्जित चल-अचल सम्पत्ति की कोई घोषणा नहीं की है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली – 1956 के नियम - 24 उपनियम – (3) (4) के तहत उक्त कानूनगो जैनुद्दीन को अपनी प्रथम नियुक्ति के समय और तदुपरांत हर 5 वर्ष की अवधि बीतने पर ऐसी सभी चल-अचल सम्पत्ति की घोषणा करनी चाहिए थी जिसे उन्होंने खुद अर्जित किया हो या जो उन्हें उपहार में प्राप्त हुई हो।
इस कथित अनियमितता कि शिकायत राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण सरंक्षण संगठन कि संस्थापक सुश्री आस्था माथुर ज��� को जब हुई तो उन्होंने इस भ्रस्टाचार को उजागर करने तथा सरकार के शासनदेशो का उल्लंघन रोकने के लिए एक जनसूचना आवेदन पत्र तहसीलदार नौतनवां को भेजा, किन्तु तहसीलदार नौतनवा के कार्यालय में भी गोपनीयता का अभाव हैं, उनके कार्यालय से सुश्री आस्था माथुर जी की भेजी गई RTI के कागजात लीक / सार्वजनिक हो गए।
RTI की कॉपी तहसीलदार नौतनवा के कार्यालय से प्राप्त होते ही कानूनगो जैनुद्दीन कि पुत्री मरियम ने सुश्री आस्था माथुर जी के कार्यालय नंबर पर धमकिया, और व्हाट्सप करना शुरू किया।
*स्वर विद्रोह टाइम्स* ने जब इस बारे में सुश्री आस्था माथुर जी से वार्ता कि तो उन्होंने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय, भारत एवं माननीय उच्च न्यायालय कोलकत्ता में दायर रिट याचिका संख्या – WP33290 (W) of 2013 श्री अविषेक गोयनका वनाम यूनियन ऑफ इंडिया में पारित निर्णय दिनांक – 20.11.2013 का जनसूचना आवेदकों के सम्बन्ध में दी गई व्यवस्था का पालन उनके प्रश्नगत RTI में नहीं किया गया, साथ ही शासनादेश संख्या – (महत्वपूर्ण) मुoसo10/43/-2-2014 लखनऊ दिनांक – 17 फरवरी 2014 जो श्रीमान मुख्य सचिव महोदय उत्तर प्रदेश द्वारा जारी किया गया है, का भी पालन नहीं किया गया है ।
उपरोक्त संदर्भित न्यायिक आदेश व शासनादेश में यह कहा गया की - जिस व्यक्ति विशेष से सम्बंधित जनसूचना आवेदन किया गया, उसे जनसूचना आवेदक के नाम, पते की जानकारी अथवा व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी जाएगी / साझा नहीं की जाएगी
परन्तु तहसीलदार कार्यालय नौतनवा ने मेरा पूर्ण विवरण कानूनगो श्री जैनुद्दीन को उपलब्ध कराया गया, यह कार्य माननीय उच्चतम न्यायालय और कोलकत्ता उच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेशों का पालन न कर स्पष्ट रूप से न्यायिक अवमानना की गई है, और उपरोक्त वर्णित शासनादेश का उल्लंघन किया गया है।
राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण सरंक्षण संगठन एक जागरूक, निर्भीक, निष्पक्ष संस्था है जो किसी भी तरह की सरकारी अनियमितता, भरस्टाचार के विरुद्ध अलख जगाती है।
इस सम्बन्ध में शिकायत दर्ज कराई गई है सुश्री आस्था माथुर जी कि तरफ से।
*स्वर विद्रोह टाइम्स* ने जब इस न्यायिक अवमानना और तहसील कार्यालय में हो रही अनियमितता के सम्बन्ध में वार्ता करनी चाही तो उनका फोन नहीं उठा।
अब देखना यह हैं कि सुश्री आस्था माथुर जी को अपनी RTI पर कानूनगो जैनुद्दीन की सूचनाएं प्राप्त होगी, या तहसीलदार इनका बचाव करते हुए खुद न्यायिक अवमानना का सामना करेंगे फिलहाल यह बात अभी भविष्य पर छोड़ते है।
*"स्वर विद्रोह टाइम्स"* के *यूट्यूब चैनल* पर *माह - जून 2022* में सबसे ज्यादा व्यूस *जिला ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी, श्री अनूप कुमार भास्कर जी* के वीडियो पर आये है ।
*"स्वर विद्रोह टाइम्स"* द्वारा माह - जून 2022 हेतु *श्री अनूप कुमार भास्कर जी, जिला ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी* को *कलम का सिपाही सम्मान पत्र* एवं *"स्वर विद्रोह टाइम्स"* का *स्मृति चिन्ह* ससम्मान प्रदान किया जाता है ।
राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण संरक्षण संगठन की तरफ से पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक हरेला पर्व की आपको हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं !
प्रकृति को पर्व से जोड़ने वाले लोकपर्व हरेला पर पर्यावरण संरक्षण संकल्प के साथ संस्थापक / राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री आस्था माथुर जी तथा संस्थापक सदस्य / राष्ट्रिय वरिष्ठ उपाध्यक्ष, श्रीमती गरिमा माथुर जी ने माँ तुलसी देवी जी का पौधा लगा कर संयुक्त कार्यालय में रखा ।
पौधारोपण कर दीप प्रजवल्लित कर संयुक्त कार्यालय के बाहरी द्वार पर माँ तुलसी देवी जी का पौधा पर जल अर्पित कर स्थापित किया गया ।
इसके साथ ही राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण संरक्षण संगठन करेगा कार्य जल स्रोतो एवं नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने हेतु जनजागरण अभियान ताकि आने वाली भावी पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण, जल, वायु मिले यह सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है ।