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राजनीति बड़ी खुदगर्ज़ होती है ! अपनों पे नरम , गैरों पे सितम..... सियासी खुदगर्ज़ी की ये शायद सबसे बड़ी मिसाल है ! आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू इस सितम के ताज़ा शिकार हैं..... कहा जाता है कि जब से नायडू ने एनडीए से अपना नाता तोड़ा है तब से केंद्र की सत्ताधारी पार्टी उनके काम-काज पर पैनी नज़र रखने लग गई है.....रिश्ता ख़त्म होते ही रिश्तेदारी ख़त्म !  खबरों के मुताबिक़.... अमित शाह ने राम माधव और राज्यसभा के नए नवेले सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव को ये ज़िम्मेदारी सौंपी है कि वो आंध्र में एक्टिव रहते हुए चंद्रबाबू पर नज़र रखें.....बॉस का आदेश-निर्देश पाकर ये दोनों नेता, विजयवाड़ा में जम गए हैं...अपनी ड्यूटी में लग गए हैं..चंद्रबाबू के खिलाफ स्थानीय पत्रकारों को चुग्गा डाल रहे हैं.....सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि नायडू-विरोधी मुहिम....सात समंदर पार तक पहुँच गयी है..... कहते हैं कि पिछले दिनों जीवीएल तो अमेरिका की भी यात्रा कर आए हैं..... अमेरिका में, प्रभावी आंध्र एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मिले.... सिर्फ मिले भर नहीं, बल्कि, उन्हें सख्त हिदायत भी दे डाली कि वे चंद्रबाबू से दूरी बनाकर रखें.......हालांकि GVL का ये पासा उलटा पड़ गया क्योंकि मुलाक़ात के बाद एसोसिएशन के एक प्रमुख पदाधिकारी का चंद्रबाबू के पास फोन आया- भरोसा दिया गया.... ’यदि आपको पीएम सपोर्ट नहीं कर रहे हैं, तो हम करेंगे, आप आंध्र के विकास के कार्यक्रमों को जारी रखिए.... चंद्रबाबू खुश हैं...उन्हें तिनके का सहारा मिल गया है..बेसहारा होते-होते बच गए.....   एन टीआई पॉकेट टीवी के लिए त्रिदीब रमण की रिपोर्ट  
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