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omkarverma8880 · 4 months ago
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#झूठेगुरुकेआसरे_कदे_न_उधरेजीव
गुरु बिन मोक्ष नहीकबीर जी ने गुरु की महिमा बताई है:-गुरु ते अधिक न कोई ठहरायी। मोक्षपंथ नहिं गुरु बिनु पाई।। गुरु से अधिक किसी को नहीं मानें। गुरु के बिना मोक्ष का रास्ता (भक्ति विधि) प्राप्त नहीं हो सकती।True Guru Sant Rampal Ji
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omkarverma8880 · 4 months ago
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राम कृष्ण से कौन बड़ा, उनहूँ भी गुरु कीन्ह परमात्मा कबीर जी ने गुरु की महिमा बताई हैः-राम कृष्ण बड़ तिहुँपुर राजा। तिन गुरु बंदि कीन्ह निज काजा।। श्री राम तथा श्री कृष्ण तो तीन लोक में बड़े हैं। उन्होंने भी गुरु को प्रणाम करके अपने निजी कार्यों को किया, उनकी आज्ञा मानी। तो आप जी को भी गुरु बनाकर उपदेश दीक्षा लेकर साधना करनी चाहिए।
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omkarverma8880 · 10 months ago
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Struggle In our world today, conflicts fueled by caste and religious divisions are all too common. Yet, Sant Rampal Ji Maharaj tirelessly strive to usher in a global era of peace, breaking down the barriers erected by caste and religion. His mission is to reawaken the dormant spirit of brotherhood within humanity.
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omkarverma8880 · 1 year ago
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परमेश्वर कबीर जी करुणामय नाम से जब द्वापरयुग में प्रकट थे तब काशी में रह रहे थे। सुदर्शन नाम का एक युवक उनकी वाणी से प्रभावित होकर उनका शिष्य बन गया। एक दिन सुदर्शन ने करुणामय जी से पूछा कि आप जो ज्ञान देते हैं उसका कोई ऋषि-मुनि समर्थन नहीं करता है, तो कैसे विश्वास करें? उन्होंने सुदर्शन की आत्मा को सत्यलोक का दर्शन करवाया। सुदर्शन का पंच भौतिक शरीर अचेत हो गया। उसके माता-पिता रोते हुए परमेश्वर करूणामय के घर आए और उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया।तीसरे दिन सुदर्शन होश में आया और कबीर जी को देखकर रोने लगा। उसने सबको बताया कि परमेश्वर करूणामय (कबीर साहेब जी) पूर्ण परमात्मा हैं और सृष्टि के रचनहार हैं।
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omkarverma8880 · 1 year ago
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omkarverma8880 · 1 year ago
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परमेश्वर कबीर जी करुणामय नाम से जब द्वापरयुग में प्रकट थे तब काशी में रह रहे थे। सुदर्शन नाम का एक युवक उनकी वाणी से प्रभावित होकर उनका शिष्य बन गया। एक दिन सुदर्शन ने करुणामय जी से पूछा कि आप जो ज्ञान देते हैं उसका कोई ऋषि-मुनि समर्थन नहीं करता है, तो कैसे विश्वास करें? उन्होंने सुदर्शन की आत्मा को सत्यलोक का दर्शन करवाया। सुदर्शन का पंच भौतिक शरीर अचेत हो गया। उसके माता-पिता रोते हुए परमेश्वर करूणामय के घर आए और उन पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया।
तीसरे दिन सुदर्शन होश में आया और कबीर जी को देखकर रोने लगा। उसने सबको बताया कि परमेश्वर करूणामय (कबीर साहेब जी) पूर्ण परमात्मा हैं और सृष्टि के रचनहार हैं।
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