पब्लिक राइट्स एसोसिएशन –
हमारे संविधान में जाति, धर्म, वंश, मूल, लिंग, अमीरी-गरीबी, शिक्षित-अशिक्षित किसी भी प्रकार का विभेद नहीं किया गया है। संविधान में देश के प्रत्येक व्यक्ति को दैहिक, एवं प्राणित स्वतन्त्रता के अधिकार के साथ गरिमामय जीवन यापन करने की भावना निहित की गयी है। इसको व्यवहारिक रूप में लाने के लिये संविधान में विधायिका, न्यायपालिका एवं कार्यपालिका की व्यवस्था की गयी है। इसी आधार पर हमारे देश का संविधान विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान माना जाता है। परन्तु विडम्बना यह है कि इसका लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा है।सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत वर्ष के प्रत्येक नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय मिल सका है। उपरोक्त समस्याओं के निराकरण के लिये हमारा संगठन प्रयासरत है तथा इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पब्लिक राइट्स एसोसिएशन का गठन किया गया है। पब्लिक राइट्स एसोसिएशन के कार्यकर्ता उपरोक्त समस्याओं के निवारण के लिये कई राज्यों में नागरिको को एकजुट कर रहे हैं। आप सभी से अनुरोध है कि हमारे संगठन पब्लिक राइट्स एसोसिएशन के कार्यकर्ताओ का सहयोग करें और पब्लिक राइट्स एसोसिएशन से जुड़कर संगठन को और अधिक मजबूत करें।
मानवाधिकारों के संरक्षण ,जागरूकता एवं सेवाभाव को लेकर “पब्लिक राइट्स एसोसिएशन” का गठन किया गया।
“पब्लिक राइट्स एसोसिएशन” संगठन पूर्णत: गैर राजनीतिक है, जो धर्म-जाति के भेदभाव से ऊपर उठकर केवल मानवाधिकारों के संरक्षण ,जागरूकता एवं मानव कल्याण के लिए कार्य करेगा। सबका सम्मान , सबकी सेवा, सबकी सुरक्षा संगठन का मूल सिद्धान्त है । अन्याय अव्यवस्था शोषण के विरूद्ध संगठन की स्पष्ठ नीति हैं । अन्याय करने नही देगे, अन्याय सहने नही देगे । पब्लिक राइट्स ऐसोसिएशन का कार्यक्षेत्र- सम्पूर्ण भारत वर्ष है ।
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