संत रामपाल जी महाराज के गुरु स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने सन् 1993 में उन्हें सत्संग करने की तथा 1994 में नाम दान करने की आज्ञा प्रदान की। जिसके बाद संत रामपाल जी महाराज ने भक्त समाज तक तत्वज्ञान पहुँचाने के लिए जे.ई. की पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया और सन् 1994 से 1998 तक घर-घर, गाँव-गाँव, नगर-नगर में जाकर सत्संग किया और जिससे अज्ञानी संतो का विरोध भी बढ़ता गया और यह संघर्ष संत रामपाल जी का निरंतर जारी है।
🔹 संत रामपाल जी महाराज के संघर्ष
"जो मम संत सत शब्द दृढ़ावै, वाकै संग सब राड़ बढ़ावै।
ऐसे संत महंतन की करणी, धर्मदास में तोसे वरणी॥"
कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि जो मेरा सच्चा संत सतनाम के विषय में दृढ़ता से बताएगा उसके साथ उस समय के संत तथा महंत झगड़ा करेंगे क्योंकि वह सच्चा ज्ञान उन नकलियों के नकली ज्ञान का पर्दाफाश करेगा और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज वे ही संत हैं क्योंकि आज उनके सत्यज्ञान का विरोध वर्तमान के सभी धर्मगुरु कर रहे हैं।#संतरामपालजी_का_संघर्ष
🎈 संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद से 20-22 जून 2024 को 11 सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारा सफल हुआ। इस भंडारे में लाखों श्रद्धालुओं ने नि:शुल्क भंडारा पाया। साथ में पवित्र वेदों, गीता, कुरान, पुराणों से जाना की वास्तव में परमात्मा कबीर साहेब जी ही हैं।#सफल_हुआ_विशाल_भंडारा
Bhandara Invitation ToThe World⚡627 वें कबीर साहेब प्रकट दिवस के उपलक्ष्य पर 20-22 जून 2024 को सभी सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पूरा विश्व आमंत्रित है।
💥शेखतकी ने कबीर परमेश्वर को जान से मारने के लिए गंगा नदी के बीच में ले जाकर उनके हाथ पैरों को जंजीर से बांध कर शरीर पर बड़े बड़े पत्थर बांध कर नदी में डूबो दिया। लेकिन कबीर परमेश्वर नहीं डूबे। गंगा नदी में ऐसे बैठे रहे जैसे पृथ्वी पर बैठे हों।#अत्याचार_की_अति
🔹एक समय गोरख नाथ (सिद्ध महात्मा) काशी में स्वामी रामानन्द जी से शास्त्रार्थ करने के लिए आए। उसी समय बालक रूप कबीर जी ने कहा:- नाथ जी पहले मेरे से चर्चा करें।
गोरख नाथ जी ने कहा तू बालक कबीर जी कब से योगी बन गया। तेरी क्या आयु है? और कब वैरागी बन गए?
कबके भए वैरागी कबीर जी, कबसे भए वैरागी।
नाथ जी जब से भए वैरागी मेरी, आदि अंत सुधि लागी।।
गुरु के वचन साधु की संगत, अजर अमर घर पाया।
कहैं कबीर सुनो हो गोरख, मैं सब को तत्व लखाया।#kabirisgod
#dragon age🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब ने मुनींद्र ऋषि रूप में एक पहाड़ी के आस-पास रेखा खींचकर सभी पत्थर हल्के कर दिये थे। फिर बाद में उन पत्थरों को तराशकर समुद्र पर रामसेतु पुल का निर्माण किया गया था।
इस पर धर्मदास जी ने कहा हैं :-
"रहे नल नील जतन कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।जा सत रेखा लिखी अपार, सिन्धु पर शिला तिराने वाले।धन-धन सतगुरु सत कबीर, भक्त की पीर मिटाने वाले।"
#dragon age🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल - निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ।
#dragon age🔹कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए।
#dragon age🔹कबीर साहेब जी ही त्रेतायुग में लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी को मुनीन्द्र रुप में मिले थे विभीषण जी ने उनसे तत्वज्ञान ग्रहण कर उपदेश प्राप्त किया और मुक्ति के अधिकारी हुए।
0 notes
Statistics
We looked inside some of the posts by
rbdasblog
and here's what we found interesting.
Average Info
Notes Per Post
19
Likes Per Post
12
Reblog Per Post
7
Reply Per Post
0
Time Between Posts
5 days
Number of Posts By Type
Text
17
Explore Tagged Posts
Fun Fact
In February 2021, Tumblr had 518.6 million blog accounts.