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इश्क़ इश्क करते रहते हो, क्यो रोते हो।
दर्द ने तुमसे इश्क किया है क्यों रोते हो।।
उसके साये में जीने की हसरत थी
वज्मो़ का ये अभ्र घिरा है क्यों रोते हो।।
चलना ,साथ सभलना, गिरना क्या क्या है ?
नजरों से तो नहीं गिरे हो क्यो रोते हो।।
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