प्रॉपर्टी बेचकर हुई कमाई पर भी देना होता है टैक्स:दूसरी हाउस प्रॉपर्टी खरीदकर बचा सकते है इनकम टैक्स, यहां जानें इससे जुड़े नियम
जब भी हम कोई प्रॉपर्टी, इक्विटी या म्यूचुअल फंड बेचते हैं, मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाना पड़ता है। हालांकि ये टैक्स बचाने के कुछ विशेष नियम हैं, जो अधिकतम 10 करोड़ रुपए की कटौती की अनुमति देते हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54 के मुताबिक, अगर आप कोई मकान बेचते हैं और इस तरीके से हुई आय तय अवधि के भीतर (2 साल के भीतर खरीद या 3 साल के भीतर नई प्रॉपर्टी का कंस्ट्रक्शन) कोई अन्य घर खरीदने में खर्च…
View On WordPress
0 notes
2 लाख तक का इनकम टैक्स बचाने के 6 तरीके
2 लाख तक का इनकम टैक्स बचाने के 6 तरीके
दोस्तों , अभी जनवरी शुरू हो चुका है और मेरी तरह आप में से काफी लोग है जिनको ये चिंता सताने लगी है की कहाँ पर पैसा लगाए ताकि बचत भी हो और टैक्स भी या तो देना ही ना पड़े या फिर काफी कम देना पड़े ।
इसी कड़ी में फाइनैन्स वाला बाबा लाए है आपके लिए आज कुछ खास टिप्स जिससे आप अपनी टैक्स देनदारी में से काफी पैसा बचा सकते है कुछ सामान्य से इनवेस्टमेंट करके जो बनेंगे आपके लिए वेल्थ क्रीऐटर ओवर द पीरीअड ऑफ…
View On WordPress
0 notes
Income tax Saving Tips on parents Insurance and Investment SSND
Income tax Saving Tips on parents Insurance and Investment SSND
Income Tax Saving Tips: इनकम टैक्स जमा (income tax) करने के समय हम बचत योजनाओं में निवेश करके, सार्वजनिक भविष्य निधि (public provident fund-PPF), बीमा पॉलिसी (insurance), होम लोन (home loan) और किराए जैसी मदों के आधार पर छूट हासिल कर सकते हैं. टैक्स में बचत के तमाम तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर आप टैक्स बचाने के साथ-साथ अपनी बचत और निवेश में भी इजाफा कर सकते हैं.
इनके अलावा कुछ अप्रत्यक्ष तरीके भी…
View On WordPress
0 notes
80C है टैक्स बचाने का सबसे कारगर जरिया, देखिए टैक्स छूट पाने के 10 तरीके
80C है टैक्स बचाने का सबसे कारगर जरिया, देखिए टैक्स छूट पाने के 10 तरीके
[ad_1]
नई दिल्ली: कोरोना संकट काल में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भले ही इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) जमा करने की तारीख को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया है, यानि आपके पास अच्छा खासा वक्त है कि आप बेहतर तरीके से टैक्स बचाने की प्लानिंग कर सकें. हम यहां पर आपको सिर्फ इनकम टैक्स के सेक्शन 80C में होने वाले टैक्स बचत के बारे में बताएंगे. जिसमें कई निवेश ऐसे हैं जिससे आप 1.5 लाख रुपये तक की बचत को क्लेम कर सकते…
View On WordPress
0 notes
Depreciation क्या है, किसको छूट मिलती है, रेट्स और अन्य नियम क्या होते है ? Depreciation meaning in hindi.
depreciation meaning in hindi – अगर आप कोई बिज़नेस या प्रोफेशन करते है तो आपके लिए इनकम टैक्स बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप depreciation के खर्चे को क्लेम करे। हालाँकि depreciation का खर्चा आपके द्वारा कैश में किये जाने वाला खर्चा नहीं है, लेकिन फिर भी आपको इसकी छूट दी जाती है।
लेकिन, काफी लोग depreciation की इनकम टैक्स एक्ट में मिलने वाली छूटों के सम्बन्ध में पूरी तरह क्लियर नहीं होते है। इसलिए या तो वे इसे क्लेम नहीं कर पाते है या गलत क्लेम करते है।
what is depreciation – depreciation meaning in Hindi
depreciation का हिंदी में मतलब होता है, मूल्यहास।
किसी भी बिज���नेस या प्रोफेशन में जब कोई assets काम में ली जाती है, तो उसको काम में लेने की वजह से या उसके पुराने होने की वजह से धीरे – धीरे उसकी वैल्यू कम होती जाती है। और जब ये assets पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है, तो एक बिज़नेसमैन को उसके स्थान पर नहीं assets खरीदनी पड़ती है। जिससे उस बिज़नेसमैन (Businessman) बिज़नेस Business सही तरीके से चल सके।
लेकिन, नयी assets को खरीदने की वजह से उसका काफी पैसा खर्च हो जाता है और साथ ही उस नयी assets को खरीदने की उसको इनकम टैक्स में छूट भी नहीं मिलती है। इस वजह से उस बिज़नेसमैन (Businessman) के बिज़नेस Business की आर्थिक गतिविधियाँ भी ख़राब हो जाती है।
इसलिए, सरकार द्वारा लोगो के बिज़नेस को सपोर्ट करने के लिए depreciation meaning in Hindi की छूट दी जाने लगी। जिसका मतलब यह है कि एक बिजनेसमैन एक निश्चित प्रतिशत का हर साल अपनी असेट्स Business के मूल्य में कमी आने की इनकम टैक्स में छूट ले सकता है।
यह निश्चित प्रतिशत हर assets के लिए अलग -अलग होता है, जिसकी लिस्ट इनकम टैक्स एक्ट में बताई गयी है। डेप्रिसिएशन की छूट किसी भी assets की खरीद लागत पर ली जाती है।
जैसे – आपने कोई मशीनरी 1 लाख की खरीदी और उस पर depreciation की रेट 15 % है। तो आप उस फाइनेंसियल ईयर का प्रॉफिट कैलकुलेट करते समय Rs 15000 (100000 *15 %) की छूट ले सकते है।
0 notes
New Post has been published on https://toldnews.com/hindi/%e0%a4%a6%e0%a5%82%e0%a4%b0-%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%87-%e0%a4%87%e0%a4%a8%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%9f%e0%a5%88%e0%a4%95%e0%a5%8d%e2%80%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%9c/
दूर होंगे इनकम टैक्स से जुड़े कन्फ्यूजन, जान लें इन 6 सवालों के जवाब - Income tax claim tax benefit tuition fees standard deduction tut
वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले नौकरीपेशा लोगों से कंपनियां इन्वेस्टमेंट प्रूफ मांग रही हैं. वहीं लोगों में इसको लेकर कई तरह के कन्फ्यूजन हैं. अधिकतर लोगों को यह नहीं समझ में नहीं आ रहा कि वह इन्वेस्टमेंट प्रूफ में क्या-क्या दे सकता है. तो वहीं बहुत ऐसे भी लोग हैं जो स्टैंडर्ड डिडक्शन को लेकर कन्फ्यूज हैं. आज हम इस रिपोर्ट में आपकी इस कन्फ्यूज को दूर करने वाले हैं.
1. सवाल – इन्वेस्टमेंट प्रूफ क्यों मांग रही कंपनियां ?
जवाब- दरअसल, इन्वेस्टमेंट प्रूफ के जरिए कंपनियां आपके द्वारा टैक्स बचाने के लिए किए गए इंवेस्टमेंट की जानकारी लेती हैं. कंपनी ऐसा आपको टैक्स ज्यादा या कम देने के झंझट से बचाने के लिए करती हैं. ऐसे में एक निश्चित तारीख तक आपको इन्वेस्टमेंट प्रूफ की कॉपी अपनी कंपनी को देनी होगी. अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपकी सैलरी कट सकती है.
2. सवाल- इन्वेस्टमेंट प्रूफ में क्या-क्या दे सकते हैं ?
जवाब – इन्वेस्टमेंट प्रूफ के तौर पर अपने लाइफ या हेल्थ पॉलिसी या फिर टैक्स सेविंग निवेश की रसीद देती पड़ेगी. वहीं किराए के मकान में रहने वाले लोगों को किराए के घर की रसीद जमा करानी होती है. इसके अलावा होम लोन ले रखी है तो इससे जुड़े दस्तावेज भी कंपनी को देने होंगे.
3. सवाल- क्या ट्यूशन फीस भी दे सकते हैं ?
जवाब – इन्वेस्टमेंट प्रूफ के तौर पर आप बच्चों की ट्यूशन फीस भी दे सकते हैं. लेकिन इसकी कुछ शर्तें भी हैं. पहली शर्त के मुताबिक सिर्फ भारत सरकार के साथ रजिस्टर्ड स्कूल, कॉलेज या अन्य शिक्षा संस्थान में दाखिले के समय या वित्त वर्ष में किसी भी समय भरी गई फीस टैक्स लाभ के लिए मान्य हैं. इसके अलावा यह छूट सिर्फ दो बच्चों की स्कूल फीस तक ही सीमित है. अगर माता-पिता दोनों ही जॉब में हैं, तो वे अलग-अलग तरीके से इस छूट का फायदा उठा सकते हैं. कई बार अभिभावकों को ट्यूशन फीस के अलावा भी कई प्रकार के शुल्क जमा कराने होते हैं. बता दें कि आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 80C के तहत ट्यूशन फीस पर टैक्स में छूट मिलती है.
4. सवाल – स्टैंडर्ड डिडक्शन क्या होता है?
जवाब- स्टैंडर्ड डिडक्शन आपकी सालाना कमाई का वो हिस्सा है, जिस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. इस छूट का फायदा उठाने के लिए आपसे आयकर विभाग किसी भी तरह का डॉक्युमेंट भी नहीं मांगता है. आसान भाषा में समझें तो आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत मिलने वाली 40 हजार रुपये तक की छूट का कोई इन्वेस्टमेंट प्रूफ देने की जरूरत नहीं होगी.
5. सवाल- कैसे तय होगा स्टैंडर्ड डिडक्शन ?
जवाब- स्टैंडर्ड डिडक्शन वो एक एकमुश्त रकम है जिसे सैलरी से हुई आपकी कुल कमाई में से घटा दिया जाता है और उसके बाद टैक्सेबल इनकम की कैलकुलेशन किया जाता है. उदाहरण के लिए आपकी सालाना कमाई 5 लाख रुपये है तो आप इस रकम में से 40,000 रुपये तक (5 लाख -40 हजार = 4,60,000 ) कम कर लें. यानि आपकी 4 लाख 60 हजार रुपये की सालान इनकम टैक्सेबल है. आपको कितना स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा, ये इस पर निर्भर करेगा कि आप टैक्स स्लैब के किस दायरे में आते हैं.
इस कैल्कुलेशन से समझें
सालाना इनकम – 5 लाख रुपये
स्टैंडर्ड डिडक्शन – 40,000 रुपये
टैक्सेबल इनकम – 4,60,000 रुपये (5 लाख -40 हजार)
टैक्स स्लैब- 5 फीसदी
6. सवाल- स्टैंडर्ड डिडक्शन का किसको कितना फायदा ?
जवाब- आम बजट 2018 में 40 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को लागू किया था. स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू होने से पहले मेडिकल अलाउंस के तौर पर 15 हजार और ट्रांसपोर्ट अलाउंस के नाते 19200 रुपये मिलते थे. ये दोनों मिलाकर 34,200 रुपये होते थे. अब इसे स्टैंडर्ड डिडक्शन की 40 हजार रुपये से कम कर दें तो आपको सिर्फ 5800 रुपये का फायदा मिलता है. आसान भाषा में समझें तो आप अगर 5 फीसदी के टैक्स स्लैब में आते हैं तो आपका टैक्स सिर्फ 290 रुपये बचता है. वहीं अगर 10 फीसदी टैक्स भर रहे हैं तो आपके 1160 रुपये बचेंगे जबकि 30 फीसदी का टैक्स दे रहे हैं तो 1740 रुपये बचा सकेंगे. बता दें कि इसका फायदा नौकरीपेशा और पेंशनभोगियों को सबसे ज्यादा मिलता है.
पाएं आजतक की ताज़ा खबरें! news लिखकर 52424 पर SMS करें. एयरटेल, वोडाफ़ोन और आइडिया यूज़र्स. शर्तें लागू
आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें. डाउनलोड करें
amazing)
0 notes
Income Tax बचाना है आसान, इन 5 तरीकों को अपनाकर बचाएं लाखों रुपये का टैक्स
Income Tax बचाना है आसान, इन 5 तरीकों को अपनाकर बचाएं लाखों रुपये का टैक्स
[ad_1]
नई दिल्ली: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक है. ऐसे में हर आयकरदाता इनकम टैक्स (Income Tax) बचाने की कोशिश कर रहा है. हम आपको बता रहे हैं पांच तरीके जो बड़ी आसानी से टैक्स बचाने में मददगार साबित हो सकते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि सभी निवेश आपके पास ही उपलब्ध हैं.
1. हेल्थ इंश्योरेंस
हमारे आसपास लगातार बढ़ रहे संक्रमण और बीमारियों से बचाव के लिए हर कोई हेल्थ…
View On WordPress
0 notes