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#इनकम टैक्स सेविंग स्कीम्स
vilaspatelvlogs · 4 years
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टैक्स सेविंग टिप्स: टैक्स बचाने और ज्यादा रिटर्न के लिए PPF और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट सहित पोस्ट ऑफिस की इन 6 स्कीम्स में कर सकते हैं निवेश
टैक्स सेविंग टिप्स: टैक्स बचाने और ज्यादा रिटर्न के लिए PPF और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट सहित पोस्ट ऑफिस की इन 6 स्कीम्स में कर सकते हैं निवेश
Hindi News Business Tax Saving ; Tax Saving Investment ; Income Tax ; PPF ; Post Office Saving Scheme ; Senior Citizen Saving Scheme ; You Can Invest In These 6 Schemes Of The Post Office, Including PPF And National Savings Certificate, To Save Tax And Higher Returns Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप नई दिल्ली20 मिनट पहले कॉपी लिंक 2020-21 के लिए इनकम टैक्स…
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gujarati9-blog · 4 years
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नई दिल्ली: टैक्स सेविंग और शानदार रिटर्न के लिए PPF, किसान विकास पत्र, मंथली इनकम स्कीम, ELSS या FD में करें निवेश
नई दिल्ली: टैक्स सेविंग और शानदार रिटर्न के लिए PPF, किसान विकास पत्र, मंथली इनकम स्कीम, ELSS या FD में करें निवेश
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इन दिनों अगर आप कहीं ऐसी जगह निवेश करने का प्लान बना रहे हैं जहां निवेश करने पर आपको बेहतर रिटर्न के साथ इनकम टैक्स छूट का भी लाभ मिले तो ऐसी कई योजनाएं हैं जहां आपको ये दोनों फायदे मिलेंगे। आप टैक्स सेविंग FD, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, किसान विकास पत्र और म्यूचुअल फंड की ELSS कैटेगरी में निवेश कर सकते हैं। आज हम आपको इन तीनों स्कीम्स के बारे में बता रहे हैं ताकि आप अपने हिसाब से सही जगह…
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gokul2181 · 4 years
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investment ; PF ; PPF ; ELSS ; VPF ; provident fund ; You can also create great retirement funds by investing in VPF, ELSS and PPF, getting more interest in these schemes | VPF, ELSS और PPF में निवेश करके आप भी तैयार कर सकते हैं शानदार रिटायरमेंट फंड, इन स्कीम्स में मिल रहा ज्यादा ब्याज
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investment ; PF ; PPF ; ELSS ; VPF ; provident fund ; You can also create great retirement funds by investing in VPF, ELSS and PPF, getting more interest in these schemes | VPF, ELSS और PPF में निवेश करके आप भी तैयार कर सकते हैं शानदार रिटायरमेंट फंड, इन स्कीम्स में मिल रहा ज्यादा ब्याज
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Investment ; PF ; PPF ; ELSS ; VPF ; Provident Fund ; You Can Also Create Great Retirement Funds By Investing In VPF, ELSS And PPF, Getting More Interest In These Schemes
नई दिल्ली9 मिनट पहले
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तीनों ही जगह निवेश करके इनकम टैक्स बचाया जा सकता है
VPF में 8.5 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है
PPF अकाउंट पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है
फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में लगातार कटौती हो रही है। ऐसे में अगर आप अपने रिटायरमेंट फंड के लिए कहीं ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जहां आपको बेहतर रिटर्न मिले, तो वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF), ELSS या पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश कर सकते हैं। आज हम आपको इन तीनों योजनाओं के बारे में बता रहें, ताकि आप अपने हिसाब से सही जगह निवेश कर सकें।
वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) से जुड़ी खास बातें
EPF में बेसिक सैलरी का सिर्फ 12 फीसदी ही कॉन्ट्रीब्यूट किया जा सकता है लेकिन VPF में निवेश करने की कोई सीमा नहीं होती। यानी अगर कर्मचारी अपनी ��न-हैंड सैलरी को कम रखकर भविष्य निधि में योगदान बढ़ाता है तो इस विकल्प को VPF कहते हैं। VPF में 8.5 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है।
यह ईपीएफ का ही एक्सटेंशन है। इस कारण सिर्फ नौकरीपेशा ही इसे ओपन कर सकते हैं। इसमें बेसिक सैलरी का 100 फीसदी और डीए निवेश किया जा सकता है। VPF की ब्याज दर सरकार हर वित्तीय वर्ष में तय करती है।
आपको अपनी कंपनी के एचआर या फाइनेंस टीम से संपर्क करना होगा और VPF में कॉन्ट्रीब्यूशन की रिक्वेस्ट करनी होगी। प्रॉसेस होते ही आपके EPF अकाउंट से VPF को जोड़ दिया जाएगा। VPF का अलग से कोई अकाउंट ओपन नहीं होता।
VPF के योगदान को हर साल संशोधित किया जा सकता है। हालांकि VPF के तहत नियोक्ता पर यह बंदिश नहीं है कि वह भी कर्मचारी के बराबर ही EPF में उच्च योगदान करे।
यदि आप जॉब चेंज करते हैं तो इस अकाउंट को आसानी से ट्रांसफर करवा सकते हैं। इस पर लोन भी लिया जा सकता है। बच्चों के एजुकेशन, होम लोन, बच्चों की शादी आदि के लिए भी इससे लोन लिया जा सकता है।
VPF खाते से रकम की आंशिक निकासी के लिए खाताधारक का 5 साल नौकरी करना जरूरी है, वर्ना टैक्स कटता है। VPF की पूरी रकम केवल रिटायरमेंट पर ही निकाली जा सकती है।
VPF पर आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है। इसमें निवेश, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाला पैसा पूरी तरह टैक्स फ्री है।
PPF से जुड़ी खास बातें
इस स्कीम को बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहीं भी खोला जा सकता है। इसके अलावा इसे किसी भी बैंक में या किसी भी पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
इसे खोला तो केवल 100 रुपए से जा सकता है, लेकिन फिर बाद में हर साल 500 रुपए एक बार में जमा करना जरूरी है। इस अकाउंट में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं।
यह स्कीम 15 साल के लिए है, जिससे बीच में नहीं निकला जा सकता है। लेकिन इसे 15 साल के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
इसे 15 साल के पहले बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन 3 साल बाद से इस अकाउंट के बदले लोन लिया जा सकता है। अगर कोई चाहे तो इस अकाउंट से 7वें साल से नियमों के तहत पैसा निकाल सकता है।
ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन माह में सरकार करती है। यह ब्याज दरें कम या ज्यादा हो सकती है। फिलहाल इस अकाउंट पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है।
इन योजना में निवेश क��� जरिए 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स की छूट का लाभ लिया जा सकता है। इनमें कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है।
ELSS की खास बातें
देश में 42 म्युचुअल फंड कंपनियां टैक्स सेविंग स्कीम चलाती हैं। हर कंपनी के पास इनकम टैक्स बचाने के लिए ELSS है। इसे ऑनलाइन घर बैठे-बैठे या किसी एजेंट के माध्यम से खरीदा जा सकता है।
इसमें अगर इनकम टैक्स बचाने के लिए एक बार में निवेश करना है तो आम तौर पर न्यूनतम 5 हजार रुपए और अगर हर माह निवेश करना है तो आमतौर पर न्यूनतम 500 रुपये महीने का निवेश शुरू किया जा सकता है। हालांकि इसमें 1.5 लाख रुपए की अधिकतम टैक्स छूट ली जा सकती है, लेकिन अधिकतम निवेश की इसमें कोई सीमा नहीं है।
इस इनकम टैक्स बचाने वाली स्कीम में निवेश 3 साल के लिए लॉक-इन रहता है। इसके बाद निवेशक चाहे तो यह पैसा निकाल सकता है। तीन साल के बाद चाहें तो पूरा निकाल लें या जितनी जरूरत हो उतना पैसा निकाल ले और बाकी पैसा इस ELSS में जब तक चाहे बना रहने दें।
ELSS केवल 3 साल के लिए लॉक-इन होती है, यानी इसमें निवेश किए हुए पैसों को आप 3 साल तक नहीं निकाल सकेंगे।
इसमें निवेश पर ब्याज दर की जगह मार्केट लिंक रिटर्न मिलता है। बीते 10 साल में ELSS म्यूचुअल फंड कैटेगरी ने करीब 8.5 फीसदी का रिटर्न दिया है।
कहां करें निवेश? तीनों ही जगह निवेश करके इनकम टैक्स बचाया जा सकता है। इसके अलावा तीनों ही स्कीम की अपनी खासियत और कमियां हैं। अगर आप नौकरीपेशा है तो VPF में निवेश करना सही रहेगा क्योंकि यहां से आपको PPF और ELSS की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलेगा। वहीं अगर आप थोड़ा रिस्क ले सकते हैं तो उनके लिए ELSS बेहतर विकल्प हैं। इसमें पैसा एसआईपी (SIP) के माध्यम से लगाना चाहिए, जिसमें हर महीने निवेश किया जाता है। इससे जहां निवेश पर रिस्क कम हो जाता है और अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। वहीं अगर आप मार्केट के रिस्क से दूर रहना चाहते हैं तो PPF में निवेश करना सही रहेगा।
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digimakacademy · 4 years
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investment in tax saving schemes could done upto 30th june, no change in financial year says nirmala sitharaman - वित्त वर्ष में कोई बदलाव नहीं, 30 जून तक के निवेश को इस साल के इनकम टैक्स रिटर्न में कर सकते हैं क्लेम, जानें- जरूरी बातें
investment in tax saving schemes could done upto 30th june, no change in financial year says nirmala sitharaman – वित्त वर्ष में कोई बदलाव नहीं, 30 जून तक के निवेश को इस साल के इनकम टैक्स रिटर्न में कर सकते हैं क्लेम, जानें- जरूरी बातें
वित्त वर्ष 2019-20 के टैक्स में बचत के लिए आपके पास इस साल 30 जून तक का मौका होगा। सरकार ने टैक्स सेविंग स्कीम्स में इन्वेस्टमेंट की तारीख को 30 जून, 2020 तक के लिए बढ़ा दिया है। इसका अर्थ यह हुआ कि आप 30 जून तक भी कोई निवेश करते हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न में आयकर विभाग उसे फाइनेंशियल ईयर 2019-20 के दायरे में मानेगा। इससे पहले इन्वेस्टमेंट स्कीम्स में निवेश के लिए आखिरी तारीख 31 मार्च ही थी।…
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rohtakmedia-blog · 6 years
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5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम टैक्स फ्री
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5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम टैक्स फ्री : इस अंतरिम बजट में छोटे करदाताओं पर टैक्स का बोझ घटाने का प्रस्ताव दिया गया है। साल में पांच लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स नहीं देना होगा। यहां तक कि इससे ज्यादा कमाई वाले भी टैक्स देने से बच सकते हैं, बशर्ते आयकर कानून की विभिन्न धाराओं में टैक्स डिडक्शंस क्लेम करने के बाद उनकी इनकम पांच लाख रुपये से कम रह जाए। अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण में कहा था, '6.5 लाख रुपये की सकल आमदनी वालों को भी टैक्स नहीं देना होगा, बशर्ते वे एक सीमा तक निवेश तय इंस��ट्रूमेंट्स में कर दें।' उदाहरण के लिए, सात लाख रुपये तक की कमाई वाले ऐसे शख्स को टैक्स नहीं देना होगा, अगर वह सेक्शन 80C में 1.50 लाख रुपये का निवेश करे और सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपये एनपीएस में लगा दे। इन्हे भी पढ़े :- रिस्क लिए बिना बेहतर रिटर्न के, ये हैं निवेश के अच्छे विकल्प स छूट ने सेक्शन 87A के तहत मौजूदा बेनेफिट को बढ़ा दिया है। अब तक साल में 3.5 लाख रुपये तक कमाने वालों को 2,500 रुपये की टैक्स छूट मिलती थी। इस बार के प्रस्ताव में इसे बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दिया गया है और इसे पाने की पात्रता सीमा 5 लाख रुपये तक की कमाई को कर दिया गया है। इस छूट का असर ज्यादा कमाई करने वालों पर नहीं पड़ेगा, लेकिन लोअर इनकम ग्रुप के टैक्सपेयर्स इस प्रस्ताव से टैक्स के रूप में 13 हजार रुपये तक की बचत कर सकते हैं। करीब तीन करोड़ टैक्सपेयर्स के टैक्स नेट से बाहर निकल जाने का अनुमान है। इससे सरकार को करीब 18,500 करोड़ रुपये के राजस्व से हाथ धोना पड़ेगा। टैक्स फाइलिंग पोर्टल टैक्सस्पैनरडॉटकॉम के को-फाउंडर सुधीर कौशिक ने कहा, 'इस छूट से केवल लो-इनकम टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। दूसरों के मामले में मामूली बदलाव ही आएगा।' ज्यादा कमाई करने वालों के लिए एकमात्र फायदा यह है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को 10 हजार रुपये बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है। इससे वेतनभोगी करदाताओं का सालाना टैक्स 3000 रुपये घट जाएगा। एक्सपर्ट्स ने इस कदम का स्वागत इस वजह से किया है कि ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल रीइंबर्समेंट पर टैक्स इग्जेंप्शन खत्म कर पिछले साल स्टैंडर्ड डिडक्शन का असर खत्म कर दिया गया था। क्लीयरटैक्सडॉटकॉम के फाउंडर और सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा, 'स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने से यह बेनिफिट ज्यादा सार्थक हो जाएगा। इस कदम से 80-90 प्रतिशत वेतनभोगी करदाताओं को फायदा होगा।' टैक्स प्लानिंग पर फोकस अंतरिम बजट के प्रस्तावों से टैक्स प्लानिंग पर जोर बढ़ने की संभावना है। थ्रेशोल्ड लिमिट के करीब वाले करदाताओं को यह पक्का करना होगा कि उनकी इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा न हो जाए। अभी सालाना 3.5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वाले हर शख्स को सेक्शन 87A के तहत 2,500 रुपये की टैक्स छूट मिलती है। हालांकि यह इनकम 3.5 लाख रुपये से एक रुपया भी ज्यादा होने पर टैक्स छूट खत्म हो जाती है। कई टैक्सपेयर्स को यह भी पता नहीं है कि फिक्स्ड डिपॉजिट्स, बॉन्ड्स और कुछ लघु बचत योजनाओं (स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स) से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है। इसे टैक्सपेयर की आमदनी में जोड़ा जाता है औ�� नॉर्मल रेट से उस पर टैक्स लगाया जाता है। ऐसे करदाता अपने रिटर्न में इस आमदनी का जिक्र करना भूल सकते हैं और इस पर एक सीमा तक मिलने वाली टैक्स छूट का दावा करने से चूक सकते हैं। इन्हे भी पढ़े :- SAMSUNG के फोल्डेबल स्मार्टफोन का इंतजार खत्म, इस तारीख को हो सकता है लॉन्च हालांकि इस ब्याज को जोड़ने पर अगर उनकी टोटल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा हो जाए तो वे टैक्स छूट पाने लायक नहीं रह जाएंगे। क्लीयरटैक्सडॉटकॉम के गुप्ता ने कहा, 'अधिकतर करदाता इस रिबेट का क्लेम अपना रिटर्न फाइल करते वक्त ही कर सकते हैं। उसी वक्त उन्हें पता लगेगा कि उनकी कुल आमदनी और डिडक्शंस का आंकड़ा क्या है।' एक्सपर्ट्स का कहना है कि बजट प्रस्तावों से टैक्स सेविंग के उपायों का इस्तेमाल बढ़ सकता है। उदाहरण के लिए, 80CCD(2) के तहत एनपीएस बेनिफिट से टैक्सेबल इनकम काफी कम हो सकती है। इसके तहत एंप्लॉयी की बेसिक पे का 10 प्रतिशत तक हिस्सा एंप्लॉयर एनपीएस में रखे तो उस पर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। टैक्सस्पैनरडॉटकॉम के कौशिक ने कहा, 'अब एनपीएस का 60 प्रतिशत तक मच्योरिटी कॉर्पस टैक्स फ्री है और आपात स्थिति में उसे निकाला जा सकता है। लिहाजा टैक्स सेविंग के लिए इस पेंशन स्कीम का सहारा लिया जा सकता है।' हालांकि, इस बजट में 60 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजंस और 80 साल से ऊपर के बहुत सीनियर सिटीजंस के लिए कुछ खास नहीं है। पिछले साल के बजट में सीनियर सिटीजंस के लिए टीडीएस थ्रेशोल्ड बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया था। साथ ही, 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए 5 लाख रुपये की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट है। लिहाजा ताजा प्रस्तावों से उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम टैक्स फ्री स्त्रोत :- navbharattimes छायाचित्र भिन्न हो सकता है Read the full article
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mastereeester · 4 years
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इनकम टैक्स छूट और अच्छे रिटर्न के लिए सीनियस सिटीजन पीएम वय वंदना और पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट योजना सहित इन 5 स्कीम में कर सकते हैं निवेशDainik Bhaskar
इनकम टैक्स छूट और अच्छे रिटर्न के लिए सीनियस सिटीजन पीएम वय वंदना और पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट योजना सहित इन 5 स्कीम में कर सकते हैं निवेशDainik Bhaskar
अगर आप सीनियर सिटीजन हैं और कहीं ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जहां आपको अच्छे रिटर्न के साथ टैक्स छूट का लाभ मिले, तो ऐसी योजनाएं हैं जहां निवेश करने पर आपके दोनों काम हो जाएंगे। इन योजनाओं में पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना सहितहां ऐसी कई स्कीम्स हैं जहां आपको ज्यादा ब्याज के साथ आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स का लाभ भी मिलता है। हम आपको इन…
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टाइम डिपॉजिट और पीपीएफ सहित पोस्ट ऑफिस की इन 5 स्कीम्स पर मिलता है एफडी से ज्यादा ब्याज, इनकम टैक्स में भी मिलती हैं छूट
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दैनिक भास्कर
Apr 13, 2020, 02:35 PM IST
नई दिल्ली. हाल ही में स्मॉल सेविंग स्कीम पर मिलाने वाले ब्याज को कम किया गया है। हालांकि इसके बाद भी कई स्मॉल सेविंग स्कीम्स में एफडी से ज्यादा ब्याज मिल रहा है। पोस्ट ऑफिस की कई स्कीम्स में आपको ज्यादा ब्याज के साथ आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स का लाभ भी मिलता है। इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C में बहुत से ऐसे विकल्प हैं जिसमें निवेश…
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sonita0526 · 5 years
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वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS): इनकम टैक्स में छूट मिलेगी, और सबसे ज्यादा ब्याज मिलेगा
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS): इनकम टैक्स में छूट मिलेगी, और सबसे ज्यादा ब्याज मिलेगा
नई दिल्ली:
भारत सरकार आम लोगों के लिए कई तरह की बचत योजनाएं चलाती है, जिनमें से पोस्ट ऑफिस बचत योजनाएं (पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम्स) काफी लोकप्रिय हैं। डाकघर बचत योजनाओं के उपभोक्ता बड़े शहरों में नहीं, देश के कस्बों और गांवों तक में हैं। इन योजनाओं में न सिर्फ ब्याज वृद्धि मिलती है, बल्कि ज्यादातर योजनाओं में निवेश के ज़रिये इनकम टैक्स में भी खासी बचत की जा सकती है।
देश की डाक सुविधा, यानी डाक…
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gujarati9-blog · 4 years
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पर्सनल फाइनेंस: टैक्स सेविंग के साथ बढ़िया रिटर्न के लिए ELSS, FD या टाइम डिपॉजिट स्कीम में करें निवेश
पर्सनल फाइनेंस: टैक्स सेविंग के साथ बढ़िया रिटर्न के लिए ELSS, FD या टाइम डिपॉजिट स्कीम में करें निवेश
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अगर आप कहीं ऐसी जगह निवेश करने का प्लान बना रहे हैं जहां निवेश करने पर आपको बेहतर रिटर्न के साथ इनकम टैक्स छूट का भी लाभ मिले तो टैक्स सेविंग FD, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड की ELSS कैटेगरी में निवेश कर सकते हैं। आज हम आपको इन तीनों स्कीम्स के बारे में बता रहे हैं ताकि आप अपने हिसाब से सही जगह निवेश कर सकें।
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम
यह एक तरह की फिक्स डिपॉजिट (FD) है।…
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gokul2181 · 4 years
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mutual fund ; income tax ; tax saving ; tax saving scheme ; Invest in ELSS scheme of mutual funds for better returns and tax saving, gains of more than 10% in 1 year | बेहतर रिटर्न और टैक्‍स सेविंग के लिए म्‍यूचुअल फंड की ELSS स्कीम में करें निवेश, 1 साल में मिला 10% से ज्यादा का फायदा
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mutual fund ; income tax ; tax saving ; tax saving scheme ; Invest in ELSS scheme of mutual funds for better returns and tax saving, gains of more than 10% in 1 year | बेहतर रिटर्न और टैक्‍स सेविंग के लिए म्‍यूचुअल फंड की ELSS स्कीम में करें निवेश, 1 साल में मिला 10% से ज्यादा का फायदा
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Mutual Fund ; Income Tax ; Tax Saving ; Tax Saving Scheme ; Invest In ELSS Scheme Of Mutual Funds For Better Returns And Tax Saving, Gains Of More Than 10% In 1 Year
नई दिल्ली3 मिनट पहले
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इसमें निवेश करने पर 3 साल का लॉक-इन पीरियड रहता है
इसमें निवेश करने पर 1.5 लाख रुपए तक टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं
अगर आप कहीं ऐसी जगह अपना पैसा लगाना चाहते है जहां आपको बेहतर रिटर्न के साथ टैक्स छूट का फायदा भी मिले, तो आप टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। यह स्‍कीम म्यूचुअल फंड की ही एक कैटेगरी है। इन्‍हें इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीम यानी ELSS भी कहा जाता है। म्यूचुअल फंड की इस स्कीम में निवेश करने पर इनकम टैक्‍स कानून के सेक्‍शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक निवेश कर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं।
इसमें कम रहता है लॉक-इन पीरियड ELSS में 3 साल का लॉक-इन पीरियड रहता है यानी आप जो पैसा इसमें इन्वेस्ट करेंगे वो 3 साल बाद ही निकाल सकेंगे। यह इन स्कीम्स का एक बहुत ही अच्‍छा फीचर है। ये सरकार द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं के लॉक-इन पीरियड से काफी कम है। PPF में 15 साल का लॉक-इन होता है।
लॉक-इन पीरियड पूरा होने के बाद भी जारी रख सकते हैं निवेश ELSS निवेशकों को यह सुविधा मिलती है कि वह 3 साल पूरा होने के बाद भी इसमें निवेश को जारी रख सकते हैं, और जब भी जरूरत हो पैसा निकाल सकते हैं। ऐसा विकल्‍प अन्‍य योजनाअें में नहीं मिलता है। अन्य इनकम टैक्‍स बचा��े वाले ज्‍यादातर विकल्‍प में निवेश का समय पूरा पूरा होने पर या तो उसे निकालना पड़ता है।
500 रुपए से शुरू कर सकते हैं निवेश ELSS में सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP या सिप) से 500 रुपए से भी निवेश की शुरुआत की जा सकती है। वहीं अधिकतम की कोई सीमा नहीं है। निवेशकों को इन फंड में दो तरह के ऑप्शन मिलते हैं। इनमें पहला है ग्रोथ और दूसरा है डिविडेंड पे आउट। जहां ग्रोथ ऑप्शन में पैसा लगातार स्कीम रहता है, वहीं डिविडेंड ऑप्शन में कंपनियां समय-समय पर लाभांश के रूप में फायदा बांटती रहती हैं। डिविडेंड ऑप्शन वाली योजनाओं में साल में एक बार डिविडेंड मिल सकता है। कुछ योजनाओं ने तो साल में एक बार से भी ज्‍यादा डिविडेंड दिया है।
इन ELSS फंड्स ने दिया शानदार रिटर्न
फंड का नाम 1 साल में रिटर्न (%) 3 साल में रिटर्न (%) 5 साल में रिटर्न (%) 7 साल में रिटर्न (%) 10 साल में रिटर्न (%) मिराए एसेट टैक्स सेवर 10.46 6.63 – – – इनवेस्को इंडिया टैक्स प्लान 9.76 5.53 9.19 16.10 11.19 आदित्य बिड़ला सन लाइफ टैक्स रिलीफ 96 8.96 3.71 8.88 16.13 10.12 एक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी 5.44 5.75 9.14 17.78 14.25 कोटक टैक्स सेवर 5.24 2.64 8.11 14.51 8.59
सोर्स: पैसाबाजारडॉटकॉम
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news4me · 5 years
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best elss schemes: 2020 में सबसे ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं ये ELSS या टैक्स बेचाने वाले म्यूचुअल फंड्स - here are some best elss or tax saving mutual fund schemes for the year 2020
best elss schemes: 2020 में सबसे ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं ये ELSS या टैक्स बेचाने वाले म्यूचुअल फंड्स – here are some best elss or tax saving mutual fund schemes for the year 2020
[ad_1] Published By Naveen Kumar Pandey | ET Online | Updated: 09 Jan 2020, 12:58:00 PM IST
ELSS स्कीम्स जो दे सकते हैं अच्छा रिटर्न।
नई दिल्ली इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचाने के लिए इक्विटि लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड्सकी तलाश कर रहे हैं? हमने आपके लिए कुछ टैक्स बचाने वाले कुछ शानदार म्यूचुअल फंडों का चुनाव किया है। विभिन्न कसौटियों पर कसरते हुए नए…
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