पुरुषोत्तम मास की कमला एकादशी का माहात्��्य
युधिष्ठिर ने पूछा – भगवन् ! अब मैं श्रीविष्णु के व्रतों में उत्तम व्रत का, जो सब पापों को हर लेने वाला तथा व्रती मनुष्यों को मनोवांछित फल देने वाला हो, श्रवण करना चाहता हूँ।
जनार्दन! पुरुषोत्तम मास की एकादशी की कथा कहिये, उसका क्या फल है ? और उसमें किस देवता का पूजन किया जाता है?
प्रभो ! किस दान का क्या पुण्य है? मनुष्यों को क्या करना चाहिये ? उस समय कैसे स्नान किया जाता है ? किस मन्त्र का जप…
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योगिनी एकादशी व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। साल में कुल 24 एकादशी आती हैं, और हर एक का अपना अलग ही महत्व और मान्यताएं हैं। इनमें से योगिनी एकादशी का व्रत अपने अनोखे प्रभाव और लाभों के लिए जाना जाता है। आइए, इस लेख में हम 2 जुलाई 2024 को आने वाली योगिनी एकादशी के बारे में विस्तार से जानें, जिसमें इसकी तिथि, शुभ मुहूर्त, और पूजा विधि शामिल हैं।
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देवशयनी एकादशी 29 जून 2023 पर विशेष
देवशयनी एकादशी हिंदी धर्म मे विशेष महत्त्व है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। इसे हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
देवशयनी एकादशी पूजा मुहूर्त
देवशयनी एकादशी तिथि का आरंभ 29 जून को सुबह 3 बजकर 18 मिनट से होगी और अगले दिन 30 जून को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक रहेगी।
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निर्जला एकादशी व्रत विशेष महत्व रखती है और यह पूरे विश्व में हिंदू समुदाय द्वारा मान्यता प्राप्त है। इस एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है "निर-पान" या "निर-जल" एकादशी। इस दिन उपवासी एक बूंद जल भी नहीं पीते हैं। यह व्रत विशेष रूप से श्रीकृष्ण भक्तों द्वारा पालन किया जाता है और उनकी आराधना और भक्ति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
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परिवर्तिनी एकादशी: तिथि, दान का महत्व और नारायण सेवा स���स्थान में दान
परिवर्तिनी एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
परिवर्तिनी एकादशी का महत्व
धार्मिक महत्व: यह एकादशी विशेष इसलिए है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु अपने रूप को बदलते हैं, इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पाप मोचन: इस दिन व्रत रखने और दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
धन वृद्धि: मान्यता है कि इस दिन दान करने से धन में वृद्धि होती है और सुख-समृद्धि आती है।
परिवर्तिनी एकादशी पर कौन सा दान करें?
परिवर्तिनी एकादशी पर अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करना शुभ माना जाता है। विशेष रूप से, गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन दान करना बहुत पुण्यदायी होता है।
नारायण सेवा संस्थान में दान करें
आप परिवर्तिनी एकादशी के शुभ अवसर पर नारायण सेवा संस्थान में दान करके पुण्य कमा सकते हैं। यह संस्थान जरूरतमंद लोगों की सेवा में लगा हुआ है और आपके दान से कई लोगों का जीवन बदल सकता है।
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पुरुषोत्तम मास की शुक्लपक्ष एकादशी का माहात्म्य
युधिष्ठिर बोले – जनार्दन ! पाप का नाश और पुण्य का दान करने वाली एकादशी के माहात्म्य का पुनः वर्णन कीजिये, जिसे इस लोक में करके मनुष्य परम पद को प्राप्त होता है।
भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा – राजन् ! शुक्लपक्ष या कृष्णपक्ष में जब भी एकादशी प्राप्त हो, उसका परित्याग न करे, क्योंकि वह मोक्षरूप सुख को बढ़ाने वाली है। कलियुग में तो एकादशी ही भव-बन्धन से मुक्त करने वाली, सम्पूर्ण मनोवांछित कामनाओं को…
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आमलकी एकादशी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, और वसंत के आगमन का संदेश देने वाली आमलकी एकादशी इनमें से एक अत्यंत पवित्र त्योहार है। यह दिन आध्यात्मिकता, स्वास्थ्य और परोपकार का संगम है, जहां श्रद्धालु वरदायिनी देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं और पवित्र आमलकी फल का सेवन करते हैं। 2024 में, यह पावन पर्व 20 मार्च को मनाया जाएगा।
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माघ महीने की शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि. सं. 1575 को कबीर साहेब के मगहर से सशरीर सतलोक गमन के समय जो सुगंधित फूल पाए गए थे
#कबीरसाहेब_की_प्रमाणित_लीला
7Days Left Kabir Prakat Diwas
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अविश्वसनीय "जया एकादशी व्रत कथा: 2024" (मोक्ष प्राप्ति)
जया एकादशी व्रत कथा एक प्राचीन और महत्वपूर्ण कथा है जो ��क्ति, उपासना, और भगवान की कृपा के प्रति विश्वास को प्रकट करती है। इस कथा के माध्यम से हमें यह सिखने को मिलता है कि भगवान की भक्ति और सात्विक आचरण से कैसे व्यक्ति अपने कष्टों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, इंद्र लोक में एक महान सभा थी, जिसमें सभी देवता और संत उपस्थित थे। वहां एक दिव्य गायन और नृत्य कार्यक्रम चल रहा था जिसमें गंधर्व माल्यवान नामक गायक भी शामिल थे। माल्यवान के सुरीले स्वर और दिव्य नृत्य से सभी को मोहित कर लिया गया। इसके बाद माल्यवान और गंधर्व कन्या पुष्यवती के बीच प्रेम उत्पन्न हुआ, जिससे उनका ध्यान विचलित हो गया और उनका नृत्य विघ्नित हुआ। इसके परिणामस्वरूप, इंद्र ने उन्हें स्वर्ग से निकाल दिया और प्रेत योनि में भेज दिया।
अविश्वसनीय "जया एकादशी व्रत कथा: 2024" (मोक्ष प्राप्ति)
प्रेत योनि में उन्होंने अनेक कष्ट सहा, लेकिन उन्होंने जब जया एकादशी का व्रत निषेध किया और भगवान विष्णु की आराधना की, तब भगवान ने उनकी भक्ति को देखकर उन्हें मोक्ष प्रदान किया। उन्हें फिर से दिव्य शरीर प्राप्त हुआ और वे स्वर्ग की ओर चले गए। इस कथा से यह सिखने को मिलता है कि एकादशी व्रत का पालन करने से हम भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने पापों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
अविश्वसनीय "जया एकादशी व्रत कथा: 2024" (मोक्ष प्राप्ति)
जया एकादशी व्रत का पालन करने से व्रती को आध्यात्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह व्रत उनकी भक्ति को बढ़ाता है और उन्हें धार्मिक संज्ञान, शांति, और समृद्धि का अनुभव कराता है। इसके माध्यम से हम यह समझते हैं कि ध्यान, साधना, और धार्मिक नियमों का पालन हमें जीवन में सही दिशा देता है और हमें उच्चतम आध्यात्मिक स्थिति की ओर ले जाता है।
अविश्वसनीय "जया एकादशी व्रत कथा: 2024" (मोक्ष प्राप्ति)
इस प्रकार, जया एकादशी व्रत कथा हमें धार्मिक नैतिकता और भक्ति के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझने में सहायक होती है। यह व्रत हमें अपने जीवन को धार्मिकता, संतुलन, और समृद्धि की ओर ले जाने में मदद करता है और हमें दिव्य अनुभव की प्राप्ति का मार्ग दिखलाता है।
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