*🙇🏽♂️ बन्दीछोड सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय 🙇🏽♂️*
*📚 भक्ति बोध*
*📚 असुर निकंदन रमैणी का सरलार्थ*
*🍁 वाणी :-*
धर्मराय आदि युगादि चेरा।
चौदह कोटि कटक दल तेरा।।(54)
*➡️ सरलार्थ :- धर्मराय अर्थात् काल ब्रह्म का न्यायधीश भी परमात्मा (सतपुरूष) का चेरा (नौकर) है। धर्मराय की सेना में 14 करोड़ धर्मदूत हैं जो मृत्यु के समय मनुष्य के जीव को निकालकर पकड़कर धर्मराज के दरबार में पेश करते हैं। धर्मराज की महिमा बताई है कि आपके 14 करोड़ तो सैनिक हैं।(54)*
*🚨 मालिक की दया से इससे आगे की वाणी का सरलार्थ कल सुबह 9 बजे ग्रुप में डाला जाएगा जी।*
नरसिंहनाथ मंदिर ओडिशा Nrusinghanath Temple Odisha नृसिंहनाथ मंदिर narsingh nath mandir odisha cgr नृसिंहनाथ मंदिर भारतीय राज्यों ओडिशा का एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह बारामगढ़ के पैइकमाल के पास गंधमर्धन पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। यह मंदिर एक लोककथा किंवदंती मारजारा केशरी को समर्पित है। भारत के महानतम मंदिरों में से एक के रूप में प्रसिद्ध; नृसिंहनाथ मंदिर में विचित्र वातावरण है और इसकी रमणीयता के कारण, भक्त सभी मौसमों में इसके दर्शन करते हैं। इतिहास किंवदंती के अनुसार, जब लोग मुसिका दैत्य (अवतार माउस दानव) से बहुत पीड़ित थे, तो मारजारा केशरी के रूप में विष्णु मणि राक्षसी मूषक रूप में भोजन करने के लिए दौड़े - मुसिका दैत्य सुरंग से कभी बाहर नहीं आए और मरजारा केशरी ने इंतजार किया। उस दिन। इस पौराणिक इतिहास के साथ मंदिर उसी दिन से प्रतिष्ठित है। यह कहानी अत्याचार और यातना की राक्षसी दुष्ट शक्ति के आधार पर है जो कभी भी आगे आने की हिम्मत नहीं करती है और भगवान नृसिंहनाथ उर्फ मरजारा केशरी तब से इसकी रक्षा कर रहे हैं। वास्तुकला पाटनागढ़ के राजा बैजल सिंह देव ने 1313 ईस्वी में इस ऐतिहासिक मंदिर की नींव रखी। यह केवल 45 फीट की ऊंचाई पर है, जिसे दो भागों में विभाजित किया गया है: पहला भगवान नृसिंहनाथ की सीट है, दूसरा जगमोहन को आवंटित किया गया है (एंटीचैबर जिसमें 3 गेट हैं और प्रत्येक में 4 खंभे हैं। ओडिया और देवनागरी शिलालेख के अनुसार, मंदिर था) 15 वीं शताब्दी की शुरुआत में बैजल देव द्वारा निर्मित। यह मंदिर भारत के ओडिशा क्षेत्र में प्रचलित देवला शैली की कलिंग वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति है। पूजा और त्यौहार नृसिंह चतुर्दशी के अवसर पर यहां पवित्र बैसाख मेला लगता है। हर साल यह एक विशाल सभा को आकर्षित करता है। त्यौहार यहाँ सौर और चंद्र ग्रहण के अवसरों पर भी होते हैं। यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। कैसे पहुंचा जाये वायु द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा बीजू पटनायक हवाई अड्डा, भुवनेश्वर। रेल द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन बरगढ़। सड़क मार्ग द्वारा: ओडिशा के सभी प्रमुख शहरों - भुवनेश्वर, बोलनगीर, कटक और रायपुर से बसें उपलब्ध हैं। वीडियो लिंक - https://youtu.be/JgipcRgeauE #nursinghnath #paikmal #bargarh #odisha #odishabyroad #narsinghnath #odishatemple (at Nursinghnath Temple) https://www.instagram.com/p/CmJF_ztrfku/?igshid=NGJjMDIxMWI=
train molestation : उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन में दिव्यांग महिला यात्री के साथ दुष्कर्म का प्रयास, चलती ट्रेन में पैंट्रीकार के कर्मचारी ने दिया घटना को अंजाम
रामगोपाल जेना,चक्रधरपुर:उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के बाथरूम में दिव्यांग महिला यात्री के साथ पेंट्रीकार कर्मी ने दुष्कर्म का प्रयास किया. ट्रेन के चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने पर रेलवे पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया. जीआरपी आगे की कार्रवाई कर रही है. घटना के संबंध में बताया जाता है कि दिव्यांग महिला ओडिशा के पुरी से योगनगरी ऋषिकेश जा रही उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन से जा रही थी. ट्रेन जब कटक व जाजपुर के…
Direct Selling Industry: कटक में ऐतिहासिक Tersel Mega Seminar-2024 का आयोजन
Direct Selling Industry: रविवार, 25 अगस्त 2024 को, Cuttack में आयोजित Tersel Mega Seminar डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री (Direct Selling Industry) के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। Tercelherb Pvt Ltd ने Dynamic Support System (DSS) के साथ मिलकर एक भव्य Tersel Mega Seminar का आयोजन किया गया था।
Direct Selling Industry News In Hindi
इस seminar में प्रमुख industry leaders की उपस्थिति…
जहाँ ओंकार निरंजन नाहीं, ब्रह्मा विष्णु वेद नहीं जाहीं।
जहाँ करता नहीं काल भगवाना, काया माया पिण्ड न प्राणा।।
पाँच तत्त्व तीनों गुण नाहीं, जोरा काल दीप नहीं जाहीं।
अमर करूं सतलोक पठाँऊ, तातैं बन्दी छोड़ कहाऊँ।।
कबीर परमेश्वर (कविर्देव) की महिमा बताते हुए आदरणीय गरीबदास साहेब जी कह रहे हैं कि हमारे प्रभु कविर् (कविर्देव) बन्दी छोड़ हैं। बन्दी छोड़ का भावार्थ है काल की कारागार
से छुटवाने वाला, काल ब्रह्म के इक्कीस ब्रह्माण्डों में सर्व प्राणी पापों के कारण काल के बंदी हैं।
पूर्ण परमात्मा (कविर्देव) कबीर साहेब पाप का विनाश कर देते हैं। पापों का विनाश न ब्रह्म, न परब्रह्म, न ही ब्रह्मा, विष्णु, शिव जी कर सकते हैं। केवल जैसा कर्म है, उसका वैसा ही फल दे
देते हैं।
इसीलिए यजुर्वेद अध्याय 5 के मन्त्र 32 में लिखा है ‘कविरंघारिरसि‘ कविर्देव (कबीर परमेश्वर) पापों का शत्रु है, ‘बम्भारिरसि‘ बन्धनों का शत्रु अर्थात् बन्दी छोड़ है।
इन पाँचों (ब्रह्मा-विष्णु-शिव-माया और धर्मराय) से ऊपर सतपुरुष परमात्मा (कविर्देव) है। जो सतलोक का मालिक है। शेष सर्व परब्रह्म-ब्रह्म तथा ब्रह्मा-विष्णु-शिव जी व आदि माया
नाशवान परमात्मा हैं। महाप्रलय में ये सब तथा इनके लोक समाप्त हो जाएंगे। आम जीव से कई हजार गुणा ज्यादा लम्बी इनकी उम्र है। परन्तु जो समय निर्धारित है वह एक दिन पूरा
अवश्य होगा।
आदरणीय गरीबदास जी महाराज कहते हैं :-
शिव ब्रह्मा का राज, इन्द्र गिनती कहां। चार मुक्ति वैकुंण्ठ समझ, येता लह्या।।
संख जुगन की जुनी, उम्र बड़ धारिया। जा जननी कुर्बान, सु कागज पारिया।।
येती उम्र बुलंद मरैगा अंत रे। सतगुरु लगे न कान, न भैंटे संत रे।।
चाहे शंख युग की लम्बी उम्र भी क्यों न हो वह एक दिन समाप्त जरूर होगी। यदि सतपुरुष परमात्मा (कविर्देव) कबीर साहेब के नुमाँयदे पूर्ण संत(गुरु) जो तीन नाम का मंत्र (जिसमें एक ओउम + तत् + सत् सांकेतिक हैं) देता है तथा उसे पूर्ण संत द्वारा नाम दान करने का आदेश है, उससे उपदेश लेकर नाम की कमाई करेंगे तो हम सतलोक के अधिकारी हंस हो सकते हैं। सत्य साधना बिना बहुत लम्बी उम्र कोई काम नहीं आएगी क्योंकि निरंजन लोक में दुःख ही दुःख है।
कबीर, जीवना तो थोड़ा ही भला, जै सत सुमरन होय। लाख वर्ष का जीवना, लेखै धरै ना कोय।।
कबीर साहिब अपनी (पूर्णब्रह्म की) जानकारी स्वयं बताते हैं कि इन परमात्माओं से ऊपर असंख्य भुजा का परमात्मा सतपुरुष है जो सत्यलोक (सच्च खण्ड, सतधाम) में रहता है
तथा उसके अन्तर्गत सर्वलोक ख्ब्रह्म (काल) के 21 ब्रह्माण्ड व ब्रह्मा, विष्णु, शिव शक्ति के लोक तथा परब्रह्म के सात शंख ब्रह्माण्ड व अन्य सर्व ब्रह्माण्ड, आते हैं और वहाँ पर सत्यनाम-सारनाम के जाप द्वारा जाया जाएगा जो पूरे गुरु से प्राप्त होता है। सच्चखण्ड (सतलोक) में जो आत्मा
चली जाती है उसका पुनर्जन्म नहीं होता। सतपुरुष (पूर्णब्रह्म) कबीर साहेब (कविर्देव) ही अन्य लोकों में स्वयं ही भिन्न-भिन्न नामों से विराजमान हैं। जैसे अलख लोक में अलख पुरुष, अगम लोक में अगम पुरुष तथा अकह लोक में अनामी पुरुष रूप में विराजमान हैं। ये तो उपमात्मक नाम हैं, परन्तु वास्तविक नाम उस पूर्ण पुरुष का कविर्देव (भाषा भिन्न होकर कबीर साहेब) है।
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
खेलों इंडिया ताइक्वांडो लीग में कैडेट वर्ग में म.प्र. के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाली गोल्डन गर्ल "अस्मि" इकलौती खिलाड़ी
//कटक में होने वाले नेशनल खेलो इंडिया वोमेन लीग के फाइनल फेज के लिए गोल्डन गर्ल का हुआ चयन//
एकैडमिक हाइट्स पब्लिक स्कूल सतना 9वी कक्षा में अध्ययनरत छात्रा अस्मि भारती खेलो इंडिया ताईक्वांडो वोमेन लीग फेज 02 में गोल्ड मैडल जीता । यह जानकारी एकेडमिक हाईट स्कूल की पी.आर.ओ. अनामिका सिंह ने दी। श्री रामाकृष्णा ग्रुप के प्रशासक और अस्मि भारती के कोच प्रोफेसर संदीप भारती ने बताया की लखनऊ में खेलो…
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज के सैनिकों ने मणिपुर में अंग्रेजों को हराकर 1944 में ही तिरंगा फहरा दिया था। इनका जन्म ओडिशा के कटक शहर में 23 जनवरी 1897 को हुआ था। आज नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जयंती है।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी, वीर सपूत नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी की जयंती पर नमन 🙏🏽
सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक, ओड़ीसा में हुआ था। सुभाष चंद्र बोस को लोग प्यार से नेताजी भी कहते थे।
tata steel sustainablity journey : टाटा स्टील मे फेरोक्रोम प्लांट में शुरू किया बायोमास का इस्तेमाल, भारत में यह अपने तरह का पहला प्रयोग
जमशेदपुर : टाटा स्टील ने शनिवार को ओडिशा के कटक जिले के अथागढ़ में अपने फेरोक्रोम प्लांट में फेरोक्रोम बनाने में बायोमास के उपयोग का सफलतापू��्वक परीक्षण पूरा किया है. कंपनी के फेरो अलॉयज एंड मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) के तहत संचालित यह प्लांट पारंपरिक कार्बन स्रोतों के अपने स्थायी विकल्प के रूप में ट्रायल रन करने वाला भारत का पहला प्लांट बन गया है. सस्टेनेबल फेरोक्रोम उत्पादन और कार्बन फुटप्रिंट को…
Direct Selling Latest News: कटक में लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम का सफल आयोजन
Direct Selling Latest News: कटक, ओडिशा में लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम का सफल आयोजन हुआ, जिसे Dynamic Support System (DSS) और टेरसेल हर्ब्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में डायनेमिक सपोर्ट सिस्टम के संस्थापक डॉ. हेमंत पैकराई ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इसके अलावा कार्यक्रम में डीएसएस के टॉप लीडर सुभ्रजीत सिंह, प्रशांत दास और प्रदीप्त पांडा ने भी ख़ास तौर पर मौजूद…
Three Letter Words: मित्रों, आज हम आपके लिऐ तीन अक्षर वाले शब्द पर एक लेख लिखा है। सभी छोटी कक्षाओं में पडह ने वाले बच्चों को यह शब्द सिखाया जाता है। सभी बच्चों को इन शब्दों को सिखना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इन शब्दों की सहायता से ही बच्चे वाक्य बनाना सिख सकते हैं।
हमने इस लेख में 100 से अधिक Teen Akshar Wale Shabd Hindi Mein लिखे हैं, इन शब्दों को ध्यान से सीख सकें।
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस (Subhas Chandra Bose) का जन्म 23 जनवरी सन् 1897 को ओड़िशा के कटक शहर में हिन्दू कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माँ का नाम प्रभावती था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वकील थे। पहले वे सरकारी वकील थे मगर बाद में उन्होंने निजी प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। उन्होंने कटक की महापालिका में लम्बे समय तक काम किया था और वे बंगाल विधानसभा के सदस्य भी रहे थे। अंग्रेज़ सरकार ने उन्हें रायबहादुर का खिताब दिया था। प्रभावती देवी के पिता का नाम गंगानारायण दत्त था। दत्त परिवार को कोलकाता का एक कुलीन परिवार माना जाता था। प्रभावती और जानकीनाथ बोस की कुल मिलाकर 14 सन्तानें थी जिसमें 6 बेटियाँ और 8 बेटे थे। सुभाष उनकी नौवीं सन्तान और पाँचवें बेटे थे। अपने सभी भाइयों में से सुभाष को सबसे अधिक लगाव शरद चन्द्र से था।