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#कश्मीर की सैर
prabudhajanata · 2 years
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मोदी जी के विरोधियों के एंटी-नेशनल होने का अब और क्या सबूत चाहिए! मोदी जी को विश्व शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिलते-मिलते रह गया। अब मोदी जी नोबेल सम्मानित हो जाते, तो क्या सिर्फ मोदी जी की ही शान बढ़ती? भारत की भी तो शान में चार-चांद लग जाते। पर नहीं लग पाए। वर्ना नोबेल कमेटी वाले एस्ले तोजो साहब तो बाकायदा चल कर यहां तक आए थे, मोदी जी की प्रजा को इसकी खुशखबरी देने के लिए। बेचारे ने कुछ गोदी मीडिया भाईयों के कान में तो कूक कर बता भी दिया था। अमृतकाल में नये इंडिया को पुरस्कार पर पुरस्कार उठाने थे। उधर, ऑस्कर। इधर नोबेल। साल भर जी-20। नये इंडिया के डंके ही डंके, बल्कि मंदिर वाले घंटे ही घंटे। सब अच्छा ही अच्छा होना था। नोबेल वालों का भी गांधी जी को पुरस्कार न दे पाने का कलंक मिट जाता। भारत के इतिहास की तरह, नोबेल पुरस्कारों का भी इतिहास दुरुस्त हो जाता। एक गुजराती को न सही, दूसरे गुजराती को सही, पर किसी गुजराती को तो शांति का नोबेल मिल जाता। पर ये हो ना सका। विरोधियों ने भांजी मार दी। पता नहीं इन एंटी-नेशनलों ने बेचारे नोबेल कमेटी के डिप्टी के कान में क्या मंतर फूंका कि पट्ठा भारत से पलटते-पलटते, मोदी जी के नोबेल के आइडिया से ही पलट गया। उल्टे मोदी के नोबेल सम्मान की खुशखबरी देशवासियों को सुनाने वाले गोदी मीडिया भाईयों को ही झूठा बना दिया। कह दिया -- ये तो बिल्कुल ही फेक न्यूज है। किसी नोबेल-वोबेल का जिक्र मैंने तो कभी नहीं किया। वैसे भी विश्व शांति के लिए नोबेल, भला इसकी बात ही कहां से आ गयी। बाकी छोड़ भी दें तो, दो-चार घंटे के लिए यूक्रेन-रूस युद्ध रुकवाने की बात तक आखिर में फेक न्यूज निकली। खुद जयशंकर जी के विदेश मंत्रालय तक ने लिखा-पढ़ी में इसे फेक न्यूज बताया था। फिर भी नोबेल की आस! पर मोदी जी के नोबेल में भांजी मारने तक ही बात रहती, तब तो मोदी जी फिर भी माफ कर देते। पर ये एंटी-नेशनल तो मोदी जी का विरोध करते-करते, उनके गुजरात को भी बदनाम करने तक चले गए हैं। हिंडनबर्ग के बहाने से अडानी घोटाला-अडानी घोटाला तो पहले ही कर रहे थे। अब किरण पटेल के मामले को खामखां में तूल देकर, ग से गुजरात और घ से घोटाला ही पढ़ाने पर तुले हैं। माना कि किरण जे पटेल ने गलती की है। किरण जे पटेल ने, गुजराती होकर भी एक और गुजराती के राज में गलती की है। किरण जे पटेल ने एक गुजराती पीएम के पीएमओ का विशेष दूत होने का स्वांग भरने की गलती की है। किरण जे पटेल ने पीएमओ का विशेष दूत होने का स्वांग, ऐन कश्मीर में भरने की गलती की है। लेकिन, उसने की सिर्फ गलती है, एक बचकानी सी गलती। अब यह बचपना नहीं तो और क्या था कि कश्मीर की सैर का अपना शौक पूरा करने के लिए, बंदे ने जैड प्लस सुरक्षा का बंदोबस्त करा लिया। बंदा घुटने-घुटने बर्फ में टहलने निकले, तो आजू-बाजू गनमैन। बंदा श्रीनगर के लाल चौक पर फोटो खिंचाए, तो आजू-बाजू गनमैन। बंदा कहीं भी आए-जाए, तो सरकारी बख्तरबंद गाड़ी में। ठहरे तो सरकारी मेहमान बनकर पांच सितारा होटल में। और कश्मीर की सैर का शौक इतना जबर्दस्त कि बंदा एक-दो बार से संतुष्ट नहीं हुआ, बार-बार कश्मीर की सैर के लिए जाता रहा। तब तक जाता रहा, जब तक कि सरकार ने ताड़ नहीं लिया कि बंदा न तो जैड प्लस सुरक्षा का हकदार है और न उसे जैड प्लस सुरक्षा देने का कोई फायदा है। एक्स्ट्रा नरमी दिखाना तो दूर, इस शाकाहारी-सी गलती के लिए सरकार ने उसे गिरफ्तार भी करा दिया। तब मोदी विरोधी नाहक इसे तिल का ताड़ बनाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? न किसी ने कोई फर्जीवाड़ा किया है और न पीएमओ से इसका कोई कनैक्शन है। सब कुछ के बावजूद, था यह एक मामूली प्रैंक यानी फिरकी लेने का ही मामला। पुलवामा मामले की तरह, एक बार फिर सुरक्षा चूक या सुरक्षा खतरे का विपक्ष वालों का शोर एकदम फालतू बात है। कश्मीर में सुरक्षा चूकें होती थीं, नेहरू-गांधी सरनेम वालों के जमाने में। यह मोदी जी का जमाना है। जब कश्मीर में धारा-370 तक नहीं रही, फिर कोई सुरक्षा खतरा, सुरक्षा चूक कैसे बची रह सकती है। वैसे भी जब बंदा पक्की देशभक्त पार्टी का बाकायदा मेंबर हो, वह फर्जीवाड़ा चाहे लाख कर ले, लाख ठगी कर ले, उससे देश की सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं हो सकता है। उल्टे पटेल तो इतना पक्का देशभक्त निकला कि सैर-सपाटे के बीच से टैम निकालकर, हर बार सरकारी अधिकारियों के साथ मीटिंगें कर के, सुरक्षा इंतजामात को चाक-चौबंद भी कराता था और अग्रिम चौकियों का दौरा कर, सुरक्षा बंदोबस्तों को ठोक-बजाकर खुद परखकर भी आता था। और सब मुफ्त तथा स्वत:प्रेरणा से। हम तो कह रहे हैं कि उसकी जो रिपोर्टें पीएमओ तक नहीं पहुंचीं, उन्हें असली पीएमओ अगर मंगवा ले और उनका गंभीरता से अध्ययन करवा ले, तो जम्मू-कश्मीर में
सुरक्षा और पुख्ता करने में, ऐसी रिपोर्टों से काफी मदद भी मिल सकती है। असामान्य समस्याओं के उपाय, बहुत बार ल��क से हटकर चलने से ही मिलते हैं! फिर भी किरण भाई ने भी नहीं सोचा होगा कि उसके नटवारलाल बनने के किस्से पढ़-सुनकर, बाहर वाले उसके मोदी जी के इंडिया पर हंसेंगे। सच पूछिए तो पकड़े जाने की मिस्टेक तो वह भी मानता है और इसके लिए सजा भुगतने के लिए भी तैयार है। आखिर वह पटेल है, नेहरू-गांधी नहीं, जो माफी तक मांगने के लिए तैयार हैं; भले ही इनके चक्कर में बेचारी संसद हफ्ते भर से जहां-की-तहां रुकी खड़ी है। इन विरोधियों से डैमोक्रेसी की चिंता से बातें इतनी बड़ी-बड़ी करा लो, पर करने के नाम पर एक माफी मांगकर, संसद की रुकी हुई गाड़ी चलवा कर देने तक को तैयार नहीं होंगे। और नड्डा जी ने एकदम सही कहा, यह एंटीनेशनल टूलकिट का हिस्सा है। टूलकिट ये है कि माफी के इंतजार में संसद जब तक रुकी रहेगी, परदेस में देश की बदनामी चालू रहेगी। माफी की मांग करने वाले, माफी शब्द के बिना और कुछ नहीं सुनेंगे, तो संसद में सिर्फ शोर सुनाई देगा और देश की बदनामी चालू रहेगी। रुकी हुई संसद बाहर वालों को शोर भी ज्यादा देर क्यों सुनने देगी और म्यूट हो जाएगी और परदेस में देश की बदनामी चालू रहेगी। और नोबेल समिति भी बार-बार यूं ही रास्ता बदलती रहेगी।
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crazynewsindia · 2 years
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आई टी के क्षेत्र में भारत ने अमेरिका की सिलिकॉन वैली को भी पिछड़ा : अनुराग
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    • बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर 10 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है इससे 33% सीधी नौकरियां देश के युवाओं को प्राप्त होने जा रही है • जी 20 की अध्यक्षता भारत कर रहा है और इसको लेक�� पूरे देश में 55 स्थानों पर 200 से अधिक बैठके होने जा रही है जिसमें से कुछ बैठके हिमाचल के धर्मशाला में भी होगी   ऊना, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भाजपा कार्यसमिति को संबोधित करते हुए कहा की आज से 9 साल पूर्व जब कांग्रेस की सरकार केंद्र में सत्ता में थी तो 12% महंगाई दर था, पूरे देश में भ्रष्टाचार का बोलबाला था और देश नीतिगत पक्षाघात की ओर अग्रसर था। तब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में चुनावी रण में उतारा और उन्होंने संकल्प लिया की वह ना खाएंगे, ना खाने देंगे और तब से अब तक भाजपा की केंद्र सरकार पर किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लग पाया है।   कांग्रेस के नेता केवल झूठे आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पर चिपकाने का प्रयास करते है पर उनके सभी प्रयास फेल हो जाते है। केंद्र की मजबूत सरकार ने कोविड के कठिन समय में देश में 220 करोड़ कोरोना वैक्सीन जनता को मुफ्त में लगाई, 28 महीने तक 80 करोड़ गरीबों को अनाज मुफ्त में देने का कार्य किया और इसके लिए 4 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने खर्चे किया। भाजपा अंत्योदय को ध्यान में रखकर काम करती है और अंतिम पंक्ति में जो व्यक्ति खड़ा होता है उसकी सहायता के लिए योजना बनाती है।   आज यूनाइटेड स्टेट्स जैसे देश महंगाई से जूझ रहे हैं और वहां की महंगाई दर 8.3% है और भारत की महंगाई दर आज 5.7% है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था 7% की दर से बढ़ने जा रही है, भारत में अगर कांग्रेस साशनकाल के समय के साथ तुलना की जाए तो फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट 2 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है और आज देश में 90 हजार स्टार्टअप चल रहे हैं।   आज देश डिजिटल इकोनामी की ओर बढ़ रहा है चाहे वह चाय वाला हो या रेडी फड़ी वाला, सब गूगल पर के माध्यम से व्यापार कर रहे हैं। देश में 12 लाख 62 हजार करोड़ की डिजिटल ट्रांजैक्शंस रिकॉर्ड हुई है। आज हमारे देश की विश्वसनीयता पूरे विश्व में बढ़ रही है। आज भारत का कोविद वैक्सीन का सर्टिफिकेट डिजिटली फोन पर उपलब्ध है और बाकी देशों का आज भी कागज पर है इस मामले में , आज भारत में अमेरिका की सिलिकॉन वैली को भी पीछे छोड़ दिया है।   कांग्रेस केंद्र में भी केवल प्रदेश सरकारों की बात करती है पर केंद्रीय मुद्दों पर बात नहीं कर पाती, कांग्रेस पार्टी ने अपने शासनकाल में केवल जनता को गुमराह करने का कार्य किया था। मोदी सरकार ने 3.50 करोड़ पक्के मकान गरीबों को स्वीकृत किए थे जिसमें से 2 करोड से ज्यादा बन कर गरीबों को दे दिए गए हैं। आज प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट 66% बढ़ा दिया गया है यह दिखाता है कि मोदी सरकार गरीबों से किए गए वादे को लेकर संकल्पित रूप से कार्य कर रही है।   आज बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर 10 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है इससे 33% सीधी नौकरियां देश के युवाओं को प्राप्त होने जा रही है। किसानों के लिए 20 लाख करोड़ के किसान क्रेडिट कार्ड का प्रावधान इस बजट में किया गया है इससे किसानों को बहुत लाभ होगा।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दमदार नेता है जब से जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35ए को हटाया गया है तब से प्रतिवर्ष दो करोड़ पर्यटक जम्मू कश्मीर की सैर करने जा रहे है।   जी 20 की अध्यक्षता भारत कर रहा है और इसको लेकर पूरे देश में 55 स्थानों पर 200 से अधिक बैठके होने जा रही है जिसमें से कुछ बैठके हिमाचल के धर्मशाला में भी होगी इसके साथ-साथ शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्षता भी भारत कर रहा है। यह हमारे लिए गर्व की बाथ है।   केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है कॉविड के समय कई ठेके ऐसे वितरित किए गए थे जिनका काम पूरा नहीं हो पाया और उनके 95% पैसे फंस गए थे, अब केंद्र सरकार उन ठेकेदारों को 95% पैसा वापस करने जा रही है।   देश में 2024 लोकसभा चुनावों के लिए 400 दिन रह गई और हम एक बार फिर केंद्र में एक मजबूत सरकार बनाने जा रहे और हिमाचल प्रदेश में सभी चारों सीटों को एक बार फिर भाजपा जीतेगी। Read the full article
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rudrjobdesk · 2 years
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यूनेस्को के क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में आया श्रीनगर, कश्मीर की इन वादियों में आप भी आएं घूमने
यूनेस्को के क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में आया श्रीनगर, कश्मीर की इन वादियों में आप भी आएं घूमने
creative city network Srinagar tourist destination: हाल ही में यूनेस्को ने (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization-UNESCO) ने श्रीनगर (Srinagar) को क्रिएटिव सिटी नेटवर्क (creative city network) में शामिल किया है. यानी श्रीनगर अब रचनात्मक और कलात्मक शहर के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाएगा. यूनेस्को ने श्रीनगर को हस्त एवं लोककला की श्रेणी में यह दर्जा दिया है. यूनेस्को…
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tezlivenews · 3 years
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यूनेस्को के क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में आया श्रीनगर, कश्मीर की इन वादियों में आप भी आएं घूमने
यूनेस्को के क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में आया श्रीनगर, कश्मीर की इन वादियों में आप भी आएं घूमने
creative city network Srinagar tourist destination: हाल ही में यूनेस्को ने (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization-UNESCO) ने श्रीनगर (Srinagar) को क्रिएटिव सिटी नेटवर्क (creative city network) में शामिल किया है. यानी श्रीनगर अब रचनात्मक और कलात्मक शहर के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाएगा. यूनेस्को ने श्रीनगर को हस्त एवं लोककला की श्रेणी में यह दर्जा दिया है. यूनेस्को…
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chaitanyabharatnews · 5 years
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पीएम मोदी चीन से बोले- मतभेद को कभी झगड़े की वजह नहीं बनने देंगे, भारत में हुए स्वागत से बेहद खुश हैं जिनपिंग
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चैतन्य भारत न्यूज महाबलिपुरम. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दो दिवसीय भारत दौरे पर आए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शनिवार सुबह करीब 50 मिनट तक बातचीत हुई। इस दौरान दोनों नेताओं के साथ सिर्फ ट्रांसलेटर ही मौजूद थे। इस मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); आपसी विवाद को झगड़े की वजह नहीं बनने देंगे- पीएम मोदी प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि, '21वीं शताब्दी में भारत और चीन साथ-साथ नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहे हैं। चीन के साथ मतभेद को झगड़े की वजह नहीं बनने दिया जाएगा। हमने तय किया था कि हम मतभेद को मिटाएंगे और कोई विवाद उत्पन्न नहीं होने देंगे। चेन्नई समिट में हमारे बीच वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हुई। इसके जरिए दोनों देशों के बीच सहयोग का एक नया दौर शुरू होगा। हम एक दूसरे की चिंताओं के बारे में संवेदनशील रहेंगे और हमारे संबंध विश्व में शांति और स्थिरता के कारक होंगे।' Chinese President Xi Jinping: Yesterday Prime Minister as you said, you and I had engaged in candid conversations like friends, heart to heart discussions on bilateral relations pic.twitter.com/OiPaztXoNy — ANI (@ANI) October 12, 2019 यह दौरा हमेशा याद रहेगा - जिनपिंग  चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने वार्ता में कहा कि, 'तमिलनाडु में हुए स्वागत से काफी खुश हूं। भारत का यह दौरा हमेशा यादगार रहेगा। मेरे इस दौरे से भारत और चीन के बीच भावनात्मक जुड़ाव काफी गहरा हुआ है। कल और आज हमारे बीच काफी अच्छी बातचीत हुई। हमने एक दूसरे से दोस्त की तरह बात की।' जिनपिंग ने यह भी कहा कि, 'चीनी मीडिया ने दोनों देशों के संबंधों पर बहुत कुछ लिखा है। पिछले साल हुई वुहान बैठक का क्रेडिट पीएम मोदी को जाता है। वुहान की पहल पीएम मोदी की थी और यह बहुत अच्छी कोशिश साबित हो रही है।' PM Narendra Modi: The Wuhan summit instilled a new momentum and trust in our relations and today's 'Chennai vision' is the start of a new era in India-China relations. #Modixijinping pic.twitter.com/kd7kboLUdd — ANI (@ANI) October 12, 2019 भारत और चीन अहम पड़ोसी - जिनपिंग  उन्होंने यह भी कहा कि, 'चीन और भारत एक-दूसरे के अहम पड़ोसी हैं। दोनों दुनिया के ऐसे देश हैं, जिनकी आबादी एक अरब से ज्यादा है। द्विपक्षीय संबंधों पर हमारे बीच दिल से दिल की बातें शेयर हुईं।' PM Narendra Modi and Chinese President Xi Jinping at an exhibition on artefacts and handloom at Taj Fisherman's Cove hotel in Kovalam, Tamil Nadu. https://t.co/b2b8nLb5dg pic.twitter.com/H8EPIBnzDs — ANI (@ANI) October 12, 2019 राष्ट्रपति शी जिनपिंग को खास भेंट बता दें पीएम मोदी और जिनपिंग ताज फिशरमैन होटल में लगी एक हैंडलूम और कलाकृतियों की प्रदर्शनी में भी शामिल हुए। इस प्रदर्शनी में पीएम मोदी ने जिनपिंग को भारतीय कलाकृतियों के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को सिल्क के कपड़े पर बनी उनकी एक तस्वीर भी भेंट की। ये भी पढ़े... चेन्नई पहुंचे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत, पीएम मोदी ने किया खास ट्वीट महाबलिपुरम में पीएम मोदी ने किया राष्ट्रपति जिनपिंग का जोरदार स्वागत, दिखाया पंच रथ-अर्जुन तपस्या स्थल सुबह की सैर के दौरान पीएम मोदी को बीच पर दिखा कूड़ा तो खुद करने लगे सफाई, देखें वीडियो महाबलीपुरम में मोदी-जिनपिंग की मुलाकात, विकास और सहयोग पर होगी बात, नहीं छिड़ेगा कश्मीर मुद्दा Read the full article
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best24news · 2 years
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उपभोक्ताओ को झटका, अब मोबाइल के साथ नही मिलेगी ये सविधा
उपभोक्ताओ को झटका, अब मोबाइल के साथ नही मिलेगी ये सविधा
दिल्ली: भले फोन कंपनिया मोबाइल मे नए नए फीचर देकर गाहको लुभावने का कार्य रही हो। लेकिन Samsung, Apple और शाओमी उसके बाद अब Oppo ने भी भी एक बड़ा फैसला लिया है। अब आपको Oppo के स्मार्टफोन के साथ चार्जर नहीं मिलेगा। अब IRCTC करवाएगा कश्मीर की सैर, जानिए रूट व किराया पडेगी दोहरी मार: जल्द ही इसकी घोषणा किसी ओप्पो के फोन लॉन्च के दौरान की जाएगी. अभी तक इसके बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, वहीं…
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shaileshg · 4 years
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आज दो प्रसिद्ध हस्तियों का जन्मदिन है। पहले तो लोकनायक जयप्रकाश नारायण और दूसरे हैं सदी के महानायक अमिताभ बच्चन। दोनों ने अपनी-अपनी विधा में अलग पहचान कायम की है।
जयप्रकाश नारायण यानी जेपी का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार में सारन के सिताबदियारा में हुआ था। पटना से शुरुआती पढ़ाई के बाद अमेरिका में पढ़ाई की। 1929 में स्वदेश लौटे और स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय हुए। तब वे मार्क्सवादी होते थे। सशस्त्र क्रांति से अंग्रेजों को भगाना चाहते थे। हालांकि, महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू से मिलने के बाद उनका नजरिया बदला।
नेहरू की सलाह पर कांग्रेस से जुड़े। लेकिन, आजादी के बाद वे आचार्य विनोबा भावे के सर्वोदय आंदोलन से जुड़ गए। ग्रामीण भारत में आंदोलन को आगे बढ़ाया और भूदान को सपोर्ट किया। जेपी ने 1950 के दशक में राज्य व्यवस्था की पुनर्रचना नाम से किताब लिखी। इसके बाद ही नेहरू ने मेहता आयोग बनाया और विकेंद्रीकरण पर काम किया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जेपी ने कभी सत्ता का मोह नहीं पाला। नेहरू चाहते थे, लेकिन कैबिनेट से जेपी दूर ही रहे।
1975 में निचली अदालत में गांधी पर चुनावों में भ्रष्टाचार का आरोप सही साबित हुआ तो जेपी ने उनसे इस्तीफा मांगा। उन्होंने इंदिरा गांधी के खिलाफ एक आंदोलन खड़ा किया, जिसे जेपी आंदोलन भी कहते हैं। उन्होंने इसे संपूर्ण क्रांति नाम दिया था। इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी और जेपी के साथ ही अन्य विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
जेपी की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में एक लाख से अधिक लोगों ने हुंकार भरी थी। उस समय रामधारी सिंह “दिनकर” ने कहा था “सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। जनवरी-1977 में इमरजेंसी हटी। लोकनायक के “संपूर्ण क्रांति आंदोलन” के चलते देश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी। जेपी को 1999 में भारत सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया।
2000 में नासा के स्पेस शटल प्रोग्राम का 100वां मिशन
इस प्रोग्राम को स्पेस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम या एसटीएस के तौर पर भी जाना जाता है। यह दुनिया का पहला प्रोग्राम था, जिसमें लोगों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए दोबारा इस्तेमाल होने वाले स्पेसक्राफ्ट शामिल किया। स्पेस शटल बेड़े की पहली फ्लाइट ने 12 अप्रैल 1981 को उड़ान भरी है। इसमें कोलंबिया, चैलेंजर, डिस्कवरी, एटलांटिस और एंडीवर शामिल थे। 100वीं फ्लाइट डिस्कवरी की थी और इस मिशन को STS-92 दिया गया था। 30वीं बार डिस्कवरी को अंतरिक्ष भेजा गया था।
इतिहास में आज का दिन इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः
1869ः अमेरिकी नागरिक थॉमस एडीसन ने अपने पहले आविष्कार पर एक पेटेंट के लिए आवेदन किया। इस इलेक्ट्रिक मशीन का इस्तेमाल वोटों की गिनती के लिए किया गया था।
1881ः अमेरिकी आविष्कारक डेविड हेंडरसन हॉस्टन ने कैमरों के पहले रोल फिल्म का पेटेंट कराया।
1916ः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे समाज सेवी नानाजी देशमुख का जन्म।
1932ः न्यूयॉर्क में राजनीतिक अभियान के लिए पहला प्रसारण किया गया।
1939ः अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने अल्बर्ट आइंस्टीन को पत्र लिखकर अमेरिका के परमाणु कार्यक्रम को तेजी से विकसित करने का आग्रह किया।
1942ः फिल्म एक्टर अमिताभ बच्चन का जन्म।
1968ः अमेरिका का पहला मानवयुक्त ओपोलो मिशन ‘अपोलो 7’ के प्रक्षेपण का कक्षा से पहली बार टेलीविजन प्रसारण किया गया।
1984ः अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक कैथरीन डी सुलिवन अंतरिक्ष में सैर करने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनी। वह अंतरिक्ष शटल चैलेंजर पर सवार थीं।
1994ः अमेरिका में कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में समलैंगिक विरोधी अधिकारों को असंवैधानिक घोषित कर दिया।
2000ः दक्षिण अफ़्रीकी क्रिकेट बोर्ड द्वारा हैन्सी क्रोन्ये पर आजीवन प्रतिबंध।
2001ः त्रिनिदाद में जन्में भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक विद्याधर सूरज प्रसाद नॉयपाल को वर्ष 2001 के नोबेल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा।
2002ः नेपाल नरेश ज्ञानेन्द्र ने लोकेन्द्र बहादुर को प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
2005ः तीसरे अंतरिक्ष पर्यटक ग्रेगोरी ओल्सन पृथ्वी पर लौटे।
2007ः ब्रिटेन के उपन्यासकार डोरिस लैसिंग को वर्ष 2007 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया।
2008ः प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नौगांव स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर कश्मीर की घाटी में चलने वाली पहली रेलगाड़ी को रवाना किया।
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Today History for October 11th/ What Happened Today | Jaiprakash Narayan Birthday | All You Need To Know About Sampurna Kranti JP Movement | Amitabh Bachchan Birthday | 100th Mission of NASA’s Space Shuttle Program
from Dainik Bhaskar /national/news/today-history-october-11th-loknayak-jayprakash-narayan-birthday-amitabh-bachchan-birthday-127801744.html via IFTTT
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rudrjobdesk · 2 years
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नए ट्रैवलर्स उत्तर भारत की इन जगहों से करें अपने सफर की शुरुआत, दिल में बस जाएगी याद
नए ट्रैवलर्स उत्तर भारत की इन जगहों से करें अपने सफर की शुरुआत, दिल में बस जाएगी याद
North India Travelling Destinations: देश-विदेश के विभिन्न इलाकों की सैर करना किसे पसंद नहीं होता. कहते हैं कि घूमने से न सिर्फ शरीर स्वस्थ (Healthy) रहता है बल्कि दिल और दिमाग भी हेल्दी रहते हैं. शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए जिस तरह से एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट जरूरी होता है ठीक वैसे ही घूमने जाना भी बहुत ही जरूरी होता है. घूमने से माइंड फ्रेश होता है और मन भी खुश होता है.…
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best24news · 2 years
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अब IRCTC करवाएगा कश्मीर की सैर, जानिए रूट व किराया
अब IRCTC करवाएगा कश्मीर की सैर, जानिए रूट व किराया
दिल्ली: कश्मीर घूमने का चाहत रखने वालो के लिए खुशी की खबर है। अब IRCTC कश्वरी यात्रा के लिए एक बड़ा Offer लेकर आई है।. ये यात्रा चंडीगढ़ से 17 सितम्बर से शुरू हाूेगी और 6 दिनों और 5 रातों के लिए होगा। इस टूर का नाम ज्वेल्स ऑफ कश्मीर ह। . कश्मीर की सुंदरता की किसी परिचय की मोहताज नही है। पूरा देश की इस की सुंदरता केा जानता है। लेकिन महंगी यात्रा के चलते हर आदमी यहां पर धूमने का सपना साकार नही होता…
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kisansatta · 4 years
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नेहरु ने वसीयत में लिखा था कि उनका शव दहन हो और राख आसमान से भारत के खेतों में बिखराया जाय|”
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  अपने निधन के ठीक पांच दिन पूर्व जवाहरलाल नेहरु ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी| लम्बे सार्वजानिक जीवन की अंतिम (22 मई 1964) थी| उस शुक्रवार को उनकी काबीना के सूचना, प्रसारण एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. सत्यनारायण सिन्हा काफी आकुल थे| प्रधान मंत्री का स्वास्थ्य क्लांत था| फालिज का अंदेशा था| सभागार में जमा करीब दो सौ संवाददाता कई प्रश्न पूछने को उतावले थे| पहला प्रश्न कश्मीर पर था| प्रधान मंत्री ने ऐलान किया कि जेल से रिहा किये गए शेख मोहम्मद अब्दुल्ला “परसों इस्लामबाद जा रहे हैं| मार्शल मोहम्मद अयूब खान से वार्ता करेंगे|” फिर कुछ अन्य विषयों पर भी सवाल हुए| उनमें अंतिम था कि : “पण्डित जी, आपने रिटायरमेंट के बारे में क्या सोचा है?” उत्तर सधा हुआ था : “जब भी यह प्रश्न पूछा जाता है, मैं रिटायरमेंट की सोचने लगता हूँ !” अगला जु��ा हुआ प्रश्न था: “आराम करने कहीं पहाड़ पर जा रहे हैं क्या ?” नेहरु का जवाब था: “कल देहरादून जाऊंगा|” मगर गढ़वाल हिमालय से वे शीघ्र दिल्ली लौट आये| फिर 27 मई की प्रातः 4:30 बजे उनके ह्रदय की महाधमनी (Aorta) फट गई| कठिनाई से सांस लेते रहे| अपरान्ह 1:20 बजे, बुधवार 27 मई, वे चल बसे|
नास्तिक नेहरु अंतिम महीनों में आस्था और अनास्था के दरम्यान डोल रहे थे| अतः सत्यनारायण बाबू जो अपनी फितरतों के लिए विख्यात थे, पिछले साल भर से प्रधान मंत्री के दिल में प्राच्य विज्ञान के प्रति लगाव सर्जा रहे थे| आयुर्वेद को नेहरु भरोसेमंद नहीं मानते थे | मगर तब सेवन करने लगे थे| हालाँकि शीर्षासन बंद कर दिया था|
नेहरू की ज्योतिष में रूचि पैदा करने में सत्येन्द्रबाबू कई संयोगों के कारण सफल हुए| ��हला इत्तिफाक था मौलाना अबुल कलाम आजाद की अकस्मात् मौत का| हिन्दुस्तान टाइम्स के संपादक रहे दुर्गा दास की किताब “इंडिया फ्रॉम नेहरु टू कर्जन एण्ड आफ्टर” (रूपा प्रकाशन 1981, पृष्ठ 375) में मौलाना आजाद की मृत्यु का उल्लेख है| सत्येन्द्रबाबू ने नेहरु से कहा था कि एक भविष्यवक्ता ने उनके स्नानागार में गिरने के बाद मौलाना का निधन निकट बताया है| नेहरु ने उन्हें झिड़का कि “विधान बाबू (डॉ. विधानचन्द्र राय, पश्चिम बंगाल के मुख्य मंत्री) ने मौलाना की जांच की और बताया कि वे खतरे से बाहर हैं|” पर आजाद चौथे दिन जन्नतनशीन हो गये| सत्येन्द्रबाबू की विनय पर कि नेहरु की जन्मकुंडली ज्योतिषी को दिखा दी जाय, प्रधान मंत्री ने डांट लगायी| पर गुलजारीलाल नंदा के आग्रह पर नेहरु राजी हो गये| ज्योतिषी ने बताया कि चीन भारत पर हमला करेगा| दूसरा पूर्वानुमान था कि प्रधान मंत्री का कोई इष्ट मित्र उन्हें धोखा देगा| वीके कृष्ण मेनन, रक्षा मंत्री, लगातार पाकिस्तान द्वारा हमले की आशंका जता रहे थे| चीन के प्रति आश्वस्त थे| दोनों भविष्यवाणियाँ सच हुईं| जब मई 1964 को नेहरु भुवनेश्वर की यात्रा से लौट आये थे तो एक पण्डित ने कालकाजी मन्दिर (दिल्ली) में महामृत्युंजय पाठ कराया था| रोज शाम तीन मूर्ति भवन आकर पुजारीजन नेहरु के माथे पर लाल तिलक लगाते थे| हालाँकि निश्चयात्मक तरीके से बता दिया गया था कि नेहरु जी मई का अंत नहीं देख पाएंगे| नेहरु के साथ 1925 से आजीवन परिचित रहे दुर्गा दास ने लिखा (पृष्ठ 376) कि नेहरु का भविष्य वक्ताओं की ओर आखिरी दिनों में आकृष्ट होना उन्हें खुद अचंभित करता था|
यहाँ मेरे अपने अनुभव का भी जिक्र मैं कर दूं| नेहरू सच्चे सोशलिस्टों की भांति अनीश्वरवादी और भौतिकवादी रहे| लखनऊ के दैनिक “नेशनल हेराल्ड” के चेयरमैन होने के नाते वे यदा कदा संपादक (मेरे पिता स्व. के. रामा राव) के निवास (दीक्षित बिल्डिंग, नजरबाग) पर आया करते थे| (अब वह सड़क “के. रामा राव मार्ग” कहलाती है|) नेहरु का बच्चों से अतीव स्नेह रहा था| वे चाचा कहलाते थे| इसी सिलसिले में बम्बई की घटना बता दूं| अपने जीवन में आल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC ) के अंतिम अधिवेशन में शामिल होने महाराष्ट्र की राजधानी नेहरु आये| उत्तर ��ुंबई के दक्षिण भारतीय-बहुल माटुंगा में षड्मुखानन्द सभागार में 14 मई 1964 के दिन अधिवेशन था| समीप के ब्राह्मणवाडा रोड पर मैं रहता था| टाइम्स ऑफ़ इंडिया के चीफ रिपोर्टर वी. नागभूषण राव ने मुझे एक रपट तैयार करने को कहा| तब उत्तर प्रदेश तथा पंजाब के भूभाग को काट कर नया हिंदीभाषी राज्य हरियाणा प्रस्तावित था| मुझे उत्तर प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं का अभिमत संकलित करना था| तभी पं. कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, बाबू बनारसी दास, चरण सिंह आदि से साक्षात्कार हुआ।
भव्य मंच के समीप मैं मंडराता रहा| हमेशा की भांति मसनद को टेककर पद्मासन में बैठने के बजाय, नेहरु एक कुर्सी पर विराजे थे| थके, पस्त दिख रहे थे| तभी एक बालक उनके पास ऑटोग्राफ के लिए आया| किसी नेता का पुत्र था| नेहरु ने उस बालक को न छुआ, न चूमा, न आशीर्वाद दिया| शुष्क रहे| मैंने साथियों से चर्चा की कि “14 नवम्बर (बाल दिवस) वाले चाचा नेहरु” अब निश्शेष लग रहे हैं| भुवनेश्वर में हुए पक्षाघात का प्रभाव दिख रहा था| बस तेरहवें दिन वे चले गए|
बुधवार, 27 मई 1964, अविस्मर्णीय रही| हम तीन पत्रकार साथी मुंबई में एक टैक्सी से गेटवे ऑफ़ इंडिया जा रहे थे| साप्ताहिक अवकाश का दिन था| दोपहर का समय था| एलिफेंटा तक समुन्दरी सैर का इरादा था| दादाभाई नवरोजी रोड पर से हम गुजरे| फ्लोरा फाउंटेन के पास मैंने देखा पीटीआई ऑफिस की बालकोनी पर तिरंगा आधा झुका था| तत्काल मैंने टैक्सी घुमवाई| वापस दफ्तर (टाइम्स ऑफ़ इंडिया) आये| लोकसभा में कुछ देर पूर्व ही वित्त मंत्री सी. सुब्रह्मण्यम ने रुंधे गले से प्रधान मंत्री के निधन की सूचना दी थी| चीफ रिपोर्टर ने काम सौंपा कि मुम्बई में बसे उत्तर प्रदेश के प्रमुख नागरिकों का संदेशा मुझे संकलित करना है | पण्डित राममनोहर त्रिपाठी ने बड़ी मदद की| वे नवभारत टाइम्स के प्रिय समाचार स्रोत थे| महाराष्ट्र कांग्रेस काबीना में मंत्री रह चुके थे| तभी धर्मयुग के संपादक डॉ. धर्मवीर भारती ने अपने साप्ताहिक में विशेष श्रद्धांजलि लेख मुझसे लिखवाया था|
उस दौर में कई पत्रकार साथियों ने बताया कि डॉ. राममनोहर लोहिया ने नेहरु के निधन पर कोई शोक संवेदना नहीं व्यक्त की| यह भ्रामक है, असत्य है| लोहिया मई 1964 में जैक्सन नगर (मिसीसिपी प्रदेश, दक्षिणी अमेरिका) के एक रेस्तरां में अश्वेतों पर लगे प्रवेश निषेध का विरोध करने पर गिरफ्तार किये गए थे| अमरीकी जेल में थे | इस वारदात पर राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने डॉ. लोहिया से क्षमा याचना भी की थी| पर लोहिया ने अपील की कि समतामूलक लोकतंत्र में इस नस्लभेद पर स्टेच्यू ऑफ़ लिबर्टी (स्वतंत्रता की देवी) से राष्ट्रपति क्षमा याचना करें| भारत वापस आने पर डॉ. लोहिया ने नेहरु की मृत्यु पर हार्दिक शोक व्यक्त किया| उनके शब्द थे : “यदि बापू मेरा सपना थे, तो जवाहरलाल मेरी अभिलाषा|” पत्रकारों ने विस्तृत (नमकीन) संदेशा माँगा तो लोहिया ने कहा कि छः माह तक वे नेहरु पर कुछ नहीं बोलेंगे| पर प्रेस की जिद पर लोहिया बोले : “नेहरु ने अपनी संपत्ति अपने परिवार को दे दी| भस्म देश को दिया|” नेहरु ने वसीयत में लिखा था कि उनका शव दहन हो और राख आसमान से भारत के खेतों में बिखराया जाय|” आनंद भवन पुत्री को दे दिया|
https://is.gd/EirKfY #NehruWroteInAWillThatHisBodyBeBurntAndTheAshesScatteredFromTheSkyInTheFieldsOfIndia Nehru wrote in a will that his body be burnt and the ashes scattered from the sky in the fields of India. In Focus, Top #InFocus, #Top KISAN SATTA - सच का संकल्प
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chaitanyabharatnews · 5 years
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राष्ट्रीय एकता दिवस : पीएम मोदी ने सरदार पटेल को दी श्रद्धांजलि, कहा- जो लोग युद्ध नहीं जीत सकते वो फूट डाल रहे हैं
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चैतन्य भारत न्यूज अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। पटेल की जयंती को हर साल 31 अक्टूबर को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2014 में की गई थी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); पीएम मोदी ने पिछले साल आज ही के दिन सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण किया था। खास बात यह है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह पहली जयंती है। लिहाजा सरकार ने सरदार पटेल की जयंती पर देशभर में कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है। Gujarat: PM Modi administers unity pledge in Kevadia on the 144th birth anniversary of #SardarVallabhbhaiPatel. #RashtriyaEktaDiwas https://t.co/XJDnfVMe6V pic.twitter.com/VMmCReuW42 — ANI (@ANI) October 31, 2019 इस मौके पर पीएम मोदी के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह सहित अनेक नेताओं ने देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कोविंद, शाह, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। Gujarat: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to #SardarVallabhbhaiPatel at Statue of Unity in Kevadia. #RashtriyaEktaDivas pic.twitter.com/nMkJdrUB5c — ANI (@ANI) October 31, 2019 इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, 'देश के अलग-अलग कोने से, किसानों से मिले लोहे से, अलग-अलग हिस्सों की मिट्टी से इस प्रतिमा का आधार बना है। इसलिए ये प्रतिमा हमारी विविधता में एकता का भी जीता-जागता प्रतीक है। अब से कुछ देर पहले ही एकता के मंत्र को जीने के लिए, उसके भाव को चरितार्थ करने के लिए, राष्ट्रीय एकता का संदेश दोहराने के लिए राष्ट्रीय एकता दौड़ देश के हर कोने में संपन्न हुई है। देश के अलग-अलग शहरों में, गांवों में, अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों ने इसमें हिस्सा लिया है।' Delhi: Union Home Minister Amit Shah flags off ‘Run For Unity’ at National Stadium, on the occasion of Rashtriya Ekta Diwas. pic.twitter.com/SpjcE7HJYv — ANI (@ANI) October 31, 2019 उन्होंने कहा कि, 'जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नई व्यवस्थाएं जमीन पर लकीरें खींचने के लिए नहीं है, बल्कि विश्वास की एक मजबूत कड़ी बनाने के लिए है। यही विश्वास है जिसकी कामना सरदार पटेल ने भी जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए की थी। सरदार साहेब की प्रेरणा से ही हम संपूर्ण भारत के भावुक, आर्थिक और संवैधानिक एकीकरण पर बल दे रहे हैं। ये वो प्रयास हैं जिसके बगैर 21वीं सदी के विश्व में भारत की मजबूती की कल्पना हम नहीं कर सकते हैं।' Prime Minister Narendra Modi in Kevadia, Gujarat: I am happy that from today all the govt employees of Jammu, Kashmir & Ladakh will be getting the benefits under the 7th Pay Commission as granted to the employees of other Union Territories. pic.twitter.com/PinQw7hRwA — ANI (@ANI) October 31, 2019 प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'आज विश्व मंच पर हमारा प्रभाव और सदभाव, दोनों बढ़ रहा है, तो उसका कारण हमारी एकता है। आज पूरी दुनिया, भारत की बात गंभीरता से सुनती है, तो उसका कारण हमारी एकता है। आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत है, तो उसका कारण, हमारी एकता है। जो लोग युद्ध नहीं जीत सकते वो फूट डाल रहे हैं। हमारी एकता को ललकारा जा रहा है। एकजुट रहकर ही दुश्मनों से मुकाबला संभव है। अनुच्छेद 370 ने कश्मीर को केवल आतंकवाद दिया है। 370 की दीवार गिरा दी गई है।' ये भी पढ़े... पीएम मोदी ने की बॉलीवुड सेलिब्रिटीज से मुलाकात, शेयर की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पीएम मोदी के 3 करोड़ फॉलोअर, ट्रंप और ओबामा भी पीछे सुबह की सैर के दौरान पीएम मोदी को बीच पर दिखा कूड़ा तो खुद करने लगे सफाई, देखें वीडियो Read the full article
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khabarhimachal · 5 years
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पर्यटक कश्मीर की वादियों में सैर करने जा सकते है, घाटी से हटाई गईं पाबंदियां अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कश्मीर के हालात में तेजी से हो रहे सुधार को देखते हुए राज्य सरकार ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने से पहले पर्यटकों को कश्मीर घाटी छोड़ने की एडवाइजरी वापस ले ली है। नई व्यवस्था आज से प्रभावी होगी। यानी आज से पर्यटक कश्मीर की वादियों में सैर करने जा सकते हैं।
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toldnews-blog · 6 years
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जम्मू: रोप-वे केबल कार हादसे का शिकार, 2 लोगों की मौत, 4 जख्‍मी - Jammu ropeway accident two death and four injured
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जम्‍मू में रविवार को निर्माणाधीन जम्मू रोपवे परियोजना के केबल कार के बचाव कार्य की प्रैक्‍ट‍िस के दौरान हादसा हो गया. इस हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई और चार अन्य जख्‍मी हो गए. कुछ दिनों बाद ही इस रोप का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों किए जाने की बात भी कही जा रही थी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रविवार शाम महामाया मंदिर के नजदीक तकनीकी खराबी के कारण ये हादसा हुआ. परियोजना पर काम कर रही कंपनी बचाव काम की प्रैक्‍टिस कर रही थी.
इसी दौरान छह मजदूरों को लेकर जा रही एक ट्रॉली का संतुलन बिगड़ गया और ट्रॉली मजदूरों समेत नीचे गिर गई. इस हादसे में बिहार निवासी 45 वर्षीय राकेश कुमार की मौके पर ही मौत हो गई.
बाकी के पांच लोगों में से पश्चिम बंगाल के हरिकिशन (45), मंजीत सिंह (32), लवली और उत्तर प्रदेश के रविंदर (30) और जम्मू के इंजीनियर बालकीरत सिंह (32) को अस्पताल ले जाया गया. जहां इलाज के दौरान किशन की भी मौत हो गई.
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए है. साथ हादसे में ही मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की.
सरकार के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि प्रशासन को हादसे में जख्‍मि‍यों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का भी निर्देश दिया गया है.
बता दें कि इस प्रोजेक्‍ट के तहत शिवधाम पीरखोह से महामाया मंदिर होते हुए बाहूफोर्ट तक रोपवे बनाया गया है.
पर्यटन के लिहाज से जम्मू के लिए यह केबल कार प्रोजेक्ट काफी अहम माना जा रहा है. इससे पहले राज्य में सैलानियों के लिए केवल गुलमर्ग में केबल कार की सुविधा दी गई है.
करीब 1.6 किलोमीटर लंबी इस केबल कार प्रोजेक्ट में तीन टर्मिनल बनाए जा रहे हैं.  पहला टर्मिनल पीरखोह, दूसरा टर्मनिल महामाया पार्क और तीसरा बाहूफोर्ट में बनाया जा रहा है. टूरिस्‍ट बाहूफोर्ट या पीरखोह से गंडोले में बैठ कर बावे वाली माता, पीरखोह गुफा, महामाया मंदिर समेत अन्य जगहों की सैर कर सकते हैं.
पीरखोह से महामाया पार्क तक केबल कार की लंबाई 1137 मीटर और इसमें 8 केबिन लगाए जाना प्रस्‍तावित है. वहीं, महामाया पार्क से बाहूफोर्ट की 453 मीटर लंबाई में 10 केबिन बनाए जाने हैं.
जानकारी के मुताबिक, इस रोप-व�� के हर केबिन छह लोगों के बैठने की क्षमता है. इस रोप वे से हर घंटे करीब 400 लोगों को लाया ले जाया सकेगा. साथ ही सैलानियों की सुविधा के लिए रेस्‍टारेंट-होटल भी बनाए जाने की योजना है.
कुछ दिन पहले ही इस प्रोजेक्‍ट वर्क को 31 दिसंबर तक पूरा करने के आदेश दिए गए थे. साथ ही तब तक इसका ट्रायल भी करने की बात कही गई थी. इसी के मद्देनजर 18 दिसंबर को इसका ट्रायल शुरू किया गया.
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livekhabarabtak11 · 3 years
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उदय सक्सेना की रिपोर्ट -
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journalistcafe · 4 years
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बड़ी खबर : जम्मू-कश्मीर में एक और BJP नेता की हत्या
बड़ी खबर : जम्मू-कश्मीर में एक और BJP नेता की हत्या
कश्मीर में आतंकवादी हमले में गोली लगने के कारण गंभीर रूप से घायल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकता की सोमवार को मौत हो गई।
बडगाम जिले के ओमपोरा के रहने वाले अब्दुल हमीद नजर को आतंकवादियों ने रविवार की सुबह उनके घर के पास गोली मार दी थी। वह सुबह की सैर के लिए घर से निकले थे।
गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हुए नजर को अस्पताल ले जाया गया जहां सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई।
इस घटना को लेकर पुलिस…
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viralnewsofindia · 4 years
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जम्मू-कश्मीर के बडगाम में आतंकवादियों ने BJP नेता को मारी गोली
जम्मू-कश्मीर के बडगाम में आतंकवादियों ने BJP नेता को मारी गोली
श्रीनगर:  जम्मू-कश्मीर के बडगाम में रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता को आतंकवादियों ने गोली मारकर घायल कर दिया। पुलिस सूत्रों ने कहा अब्दुल हमीद नजार सुबह की सैर पर निकले थे, जब आतंकवादियों ने रेलवे स्टेशन के पास उन पर गोलियां चलाई। (more…)
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