Tumgik
#केक उल्टा
loktantraudghosh · 2 years
Text
अकादमी पुरस्कार की दावेदार फिल्म ‘बर्थडे बॉय’ की आईएफएफआई 53 में स्क्रीनिंग की गई
अकादमी पुरस्कार की दावेदार फिल्म ‘बर्थडे बॉय’ की आईएफएफआई 53 में स्क्रीनिंग की गई
मोमबत्तियां, केक, रोशनी और दोस्त… अपने जन्मदिन पर कोई भला और क्या मांग सकता है? जिम्मी ने अपना 45वां जन्मदिन अपने दोस्तों के साथ बीच-हाउस में मनाया। सब कुछ उल्टा हो जाता है जब वह कबूल करता है कि केक काटने के बाद वह खुद को मारने की योजना बना रहा है। बर्थडे बॉय (कमप्लेनेरो) (2022) आर्टुरो मोंटेनेग्रो द्वारा निर्देशित एक पनामियन थ्रिलर फिल्म है। 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, गोवा के…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
everynewsnow · 3 years
Text
सोहा अली खान अनानास अप-डाउन केक बनाती है, और यहाँ है कि आप भी कैसे कर सकते हैं!
सोहा अली खान अनानास अप-डाउन केक बनाती है, और यहाँ है कि आप भी कैसे कर सकते हैं!
सोहा अली खान के स्वादिष्ट पाइनएप्पल केक ने हमें मदहोश कर दिया है।फोटो साभार: छवि @sakpataudi द्वारा इंस्टाग्राम अनानास केक वहाँ से बाहर सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले व्यंजनों में से एक है। ज़ेस्टफुल, मीठे अनानास के स्लाइस ताजे क्रीम और एक नरम और स्पंजी केक के साथ जोड़े जाते हैं जो हर बार एक रमणीय भोग के लिए बनाता है। अनानास केक का एक ही टुकड़ा हमें अपने बचपन में वापस ले जा सकता है, जहां मलाईदार…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
mykrantisamay · 3 years
Text
दिलीप जोशी ने जन्मदिन पर प्रशंसकों को उनके प्यार के लिए धन्यवाद दिया, केक के साथ तस्वीर साझा की
दिलीप जोशी ने जन्मदिन पर प्रशंसकों को उनके प्यार के लिए धन्यवाद दिया, केक के साथ तस्वीर साझा की
तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम अभिनेता दिलीप जोशी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर प्रशंसकों को उनके जन्मदिन पर उनके प्यार और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया। सिटकॉम में लोकप्रिय किरदार जेठालाल गड़ा की भूमिका निभाने वाले जोशी को नेटिज़न्स ने प्यार से नहलाया, जिन्होंने बुधवार को उनके लिए जन्मदिन की शुभकामनाएँ साझा कीं और जेठालाल के उनके ऑन-स्क्रीन अवतार की विशेषता वाले मीम्स बनाए। प्रशंसकों को उनकी…
View On WordPress
0 notes
abhay121996-blog · 3 years
Text
मंगोलपुरी हत्याकांड: न्याय के लिए परिजनों ने निकाला कैंडल मार्च, रेस्टोरेंट मालिक के बयान के बाद आया नया मोड़ Divya Sandesh
#Divyasandesh
मंगोलपुरी हत्याकांड: न्याय के लिए परिजनों ने निकाला कैंडल मार्च, रेस्टोरेंट मालिक के बयान के बाद आया नया मोड़
नई दिल्ली। रिंकू शर्मा की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़ित परिवार पुलिस की दलील से सहमत नहीं है। रिंकू शर्मा के परिजनों ने शुक्रवार शाम कैंडल मार्च निकालकर न्याय की मांग की है।  
रिंकू की हत्या को बीते 24 घंटे से ज्यादा वक्त हो गए हैं, लेकिन पुलिस अब तक परिवार के लोगों को किसी भी तरह का भरोसा नहीं दिला पाई है। परिवार और पुलिस एक दूसरे की दलील को खारिज कर रहे हैं। वहीं ट्विटर पर जस्टिस फॉर रिंकू शर्मा का हैशटैग सुबह से ट्रेंड कर रहा है। इस हैशटैग पर लोग रिंकू शर्मा को न्याय दिलाने के लिए अपनी बात रख रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। 
दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में बुधवार रात को रिंकू शर्मा की लाठी डंडों व धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई थी। दिल्ली पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों में से पांचवें आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है।
इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ बीएसएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है। पुलिस ��धिकारियों का कहना है कि लोगों से कहा गया है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं दें, बल्कि अफवाह फैलाने वाले के बारे में तुरंत पुलिस को खबर दें। पुलिस ने इलाके में शुक्रवार को ड्रोन की मदद से निगरानी रखी।
रेस्टोरेंट मालिक के बयान के बाद आया नया मोड़ घटना में शुक्रवार को एक नया मोड़ रेस्टोरेंट के मालिक के बयान के बाद आया। उसने बताया कि वहां पर कोई केक नहीं कटा और न ही कोई झगड़ा हुआ था। वहां पर रिंकू ने खाना खाया था। उसके बाद सभी वहां से चले गए थे। 
अब पुलिस रेस्टोरेंट मालिक से भी पूछताछ कर रही है। वहां लगे आधा दर्जन से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को जब्त कर लिया गया है और हत्या की वजह तक पहुंचने के लिए पकड़े गए पांचों आरोपितों से दोबारा पूछताछ कर रही है।
अस्पताल में भी चाकू दोबारा घोपा गया! रिंकू के परिवार वालों ने बताया कि आरोपियों ने पूरी कोशिश की थी कि मारपीट के दौरान घर में रखे सिलेंडर में विस्फोट कर परिवार को ही खत्म कर दें। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आरोपियों ने रिंकू को लाठी डंडों से दौड़ा दौड़ाकर मारा। जब वह मूर्छित हो गया तो उसके शरीर पर ताबड़तोड़ चाकू गोदकर उसकी हत्या कर दी। जब परिवार वाले घर से बाहर निकले तो खून से लथपथ शव स्थिति में रिंकू का शरीर गली में पड़ा मिला। 
परिवार के लोगों का यहां तक आरोप है कि जब रिंकू को पड़ोसी की स्कूटी से अस्पताल पहुंचाया गया तो वहां भी जब डॉक्टर रिंकू की पीठ पर गोदा गया चाकू निकाल रहे थे तो आरोपियों में से एक ने डॉक्टरों से हाथापाई की और दोबारा चाकू उसके शरीर में अंदर तक गोद दिया। 
इस मामले में पुलिस मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालकर सच्चाई पता करने की कोशिश कर रही है। इस बारे में पुलिस डॉक्टरों और वहां पर मौजूद सुरक्षा गार्डों का भी बयान दर्ज करने की कोशिश कर रही है। 
दोनों पक्षों की अलग-अलग रेस्तरां में हिस्सेदारी थी- पुलिस  बाहरी दिल्ली के एडिशनल डीसीपी सुधांशू धामा 
बाहरी दिल्ली के एडिशनल डीसीपी ने बताया कि मृतक रिंकू शर्मा के मित्र का रेस्तरां लॉकडाउन की वजह से बंद हो गया था। इसी मामले में झगड़ा शुरू हुआ था। झगड़ा बढ़ते-बढ़ते चिंगू उर्फ जाहिद वहां से चले गए। इसके बाद वह अपने मामा और तीन चार रिश्तेदारों को लेकर रिंकू के घर पहुंचे थे। जाहिद के मामा दानिश उर्फ लाली का घर मृतक के घर की गली में ही था। यहीं पर इनके बीच झगड़ा शुरू हुआ, जिस दौरान रिंकू को चाकू मार दिया गया। 
इसके बाद रिंकू को अ���्पताल ले जाया गया, जिसके बाद इलाज के दौरान रिंकू की मृत्यु हो गई। धामा ने बताया, इस मामले में शामिल लोगों को तभी गिरफ़्तार कर लिया गया था, इन चारों का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। अभी तक इस मामले में किसी भी तरह का सांप्रदायिक एंगल सामने नहीं आया है। ये पूरी तरह एक व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता का मामला है। ये लोग एक दूसरे के पड़ोस में रहते थे और एक दूसरे को जानते थे, ऐसे में कुछ कोई बात नहीं है कि सांप्रदायिक वैमनस्य का मामला हो। 
उन्होंने बताया कि बीते परसों रात कुछ लडक़े बर्थ-डे पार्टी के लिए मंगोलपुरी के इलाके में इकट्ठा हुए थे। इसी पार्टी के दौरान इन लोगों के बीच एक रेस्तरां को लेकर झगड़ा हुआ है। दोनों पक्षों की अलग-अलग रेस्तरां में हिस्सेदारी थी। मृतक की कोई हिस्सेदारी नहीं थी लेकिन इनके मित्र हैं सचिन और आकाश जिनका रेस्तरां था। इसके साथ ही चिंगू उर्फ जाहिद ने रोहिणी में एक रेस्तरां खोला था।
परिवार को पुलिस और पुलिस को परिवार की थ्योरी पर यकीन नहीं रिंकू हत्याकांड के बाद पुलिस और परिवार एक दूसरे की बात पर यकीन नहीं कर रहे हैं। दोनों को एक दूसरे की थ्यौरी पर यकीन नहीं हो रहा है। बाहरी जिला के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त का कहना है कि जयश्री राम के नारे पर विवाद की बात गलत है, रेस्टोरेंट वाली बात सही है। 
दिल्ली पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि अभी जो तथ्य सामने आए हैं, उनको लेकर जांच की जा रही है। वह परिवार के भी संपर्क में हैं। मामले की कई एंगल से जांच चल रही है। पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के लोग एक दूसरे को जानते थे और रेस्टोरेंट बंद करवाने को लेकर यह झगड़ा शुरू हुआ था। पुलिस ने इस घटना के पीछे के बाकी सभी एंगल को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है। 
लेकिन रिंकू शर्मा के परिवार का कहना है कि जैसा पुलिस कह रही है, वह सही नहीं है। पुलिस मामले को हल्का बनाने की कोशिश कर रही है, जिससे वह काफी आहत महसूस कर रहे हैं। शोभा यात्रा पर जय श्रीराम के नारे लगाना और फिर राम मन्दिर के लिए चंदा लेने को लेकर आरोपी गुस्से में थे। वह हमारे सामने  प्रधानमंत्री को भी उल्टा सीधा बोलाकर हमको उकसाते थे। ऐसा कई बार हुआ, लेकिन हर बार उन्होंने संयम से काम लिया था। एक दो बार जब कहासूनी भी हुई तो उन्होंने पुलिस तक मामले को जाने नहीं दिया,बल्कि वहीं पर मामले को शांत कर दिया था। 
आरोपियों और उनके जानकारों के घर तोड़फोड़ शुक्रवार को रिंकू  के जानकारों ने आरोपितयों और उनके जानकारों के घरों पर तोडफ़ोड़ की। उनको धमकियां भी दी, जिससे वहां भगदड़ का माहौल बन गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत किया। लोगों ने बताया कि रिंकू की हत्या के बाद इलाके में काफी दहशत का माहौल है। जिस तरह से रिंकू के घर पर लोगों का आना जाना लग है, उससे आरोपियों और उनके जानकारों में काफी दहशत है। वे लोग अपने-अपने घरों में ताले लगाकर परिचितों के यहां चले गए हैं। 
राम जैसा बेटा था रिंकू रिंकू की मां राधा ने कहा कि मेरे राम जैसे बेटे को मार दिया। वे लोग हम पांचों को मारने आए थे। मेरे बेटे ने आखिरी समय में भी जय श्रीराम का नारा लगाया। मेरे सामने मेरे बेटे को मार दिया। हत्यारे जय श्रीराम के नारे से चिढ़ते थे। मेरा बेटा राम और हनुमान का भक्त था। मां की आंखों के सामने हत्यारे बेटे को चाकू घोंपते रहे। पूरी गली खून से भर गई थी। इस तरह की हिंसक प्रवृत्ति वाले अपराधियों को समाज में खुला छोडऩा समाज के लिए हानिकारक है। इस तरह के लोगों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। 
दो बार दिया था खून  रिंकू ने आरोपी मोहम्मद इस्लाम के भाई का कोविड होने पर इलाज कराया था। यही नहीं, जिस आरोपी इस्लाम ने रिंकू शर्मा की हत्या की, उसकी पत्नी की भी रिंकू ने तीन साल पहले रोहिणी स्थित एक अस्पताल में इलाज कराकर नई जिंदगी दी थी। 
दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई रिंकू की हत्या के बाद उसका परिवार काफी दहशत में है। परिवार वालों ने एक पत्र दिल्ली पुलिस आयुक्त को देकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है। इस पत्र में रिंकू के भाई ने आरोपियों का नाम लेकर कहा कि इन लोगों द्वारा मेरे परिवार पर लाठी-डंडों और चाकू से हमला किया गया था। 
रिंकू के घर पर लगा रहा नेताओं का तांता रिंकू की हत्या के बाद से ही परिवार को सांत्वना देने के लिए नेताओं का तांता लगा रहा, जिसमें बजरंग दल, विश्व हिन्दु परिषद, भाजपा नेताओं और आप के नेता रहे। सांसद हंसराज हंस भी पीड़ित परिवार से मिलने आए। उन्होंने कहा कि रिंकू की हत्या ने पूरी दिल्ली को हिलाकर रख दिया है। भगवान रिंकू की आत्मा को शांति प्रदान करे।
दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, नंद किशोर गुर्जर, सुरेन्द्र जैन आदि लोगों ने मौके पर पहुंचकर परिवार को सांत्वना दी। आप पार्टी से विधायक राखी बिरला ने भी परिवार से मिलकर आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की बात कही है। 
रिंकू की जगह रेहान होता तो बड़ी खबर थी-कपिल मिश्रा दिल्ली से भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वे कह रहे हैं कि अगर रिंकू का नाम रेहान होता तो उसकी हत्या देश की सबसे बड़ी खबर होती। हर नेता उसके दरवाजे पर होता। 
विश्व हिंदू परिषद का ट्वीट वहीं विश्व हिंदू परिषद ने रिंकू शर्मा की हत्या को लेकर एक बयान जारी करते हुए कहा, युवा राम भक्त रिंकू शर्मा की मॉब लिंचिंग कर दिल्ली में नृशंस हत्या करने वाले सभी जिहादियों को अबिलम्ब फांसी पर लटकाओ।  
ऐसी घटनाओं से मन दुखी होता है- योगेश्वर दत्त भाजपा नेता और रेसलर योगेश्वर दत्त ने कहा है कि यह बहुत दुखद है। ये हमारे देश की एकता की बात है और अगर ऐसी घटना होती है तो मन दुखी होता है। इस मामले में सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। इस तरह की घटना और ऐसे असामाजिक तत्व के लोग हमारे देश के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए और हत्या की सही वजह सामने आनी चाहिए।
0 notes
bollywoodnewsstuff · 4 years
Photo
Tumblr media
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ को 12 साल हुए पूरे, टीम ने केक काटकर मनाया जश्न 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) को पूरे हुए आज 12 साल
0 notes
sarkari132 · 4 years
Photo
Tumblr media
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ को 12 साल हुए पूरे, टीम ने केक काटकर मनाया जश्न 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) को पूरे हुए आज 12 साल
0 notes
duniyakelog · 4 years
Text
उमरियन अवशेष 'एक्स अप्रील जोन्स डेट्स बी 2 के बैंडमेट के रूप में' अनबॉइंटेड: '
उमरियन अपनी पूर्व-प्रेमिका और पूर्व लव एंड हिप हॉप के रूप में शेष नहीं है : हॉलीवुड के सह-कलाकार अप्रील जोन्स ने अपने बी 2 के बैंडमेट लिल फ़िज़ के साथ रोमांस जारी रखा है।
35 वर्षीय गायक और उनके पूर्व 33 वर्षीय, उनके 5 वर्षीय बेटे मेगाा और 4 वर्षीय बेटी A'mei के माता-पिता हैं। यह जोड़ी जून 2016 में टूट गई और जोन्स - जो अभी भी लव एंड हिप हॉप पर दिखाई देते हैं : हॉलीवुड - ने पिछले साल 34 साल के लिल फ़िज़ के साथ डेटिंग शुरू की।
उमरियन हाल ही में पीपुल्सटीवी के रियलिटी चेक में शामिल हुए और अपने नए सोशल मीडिया शीर्षक, "अनबॉइंटेड के राजा" के बारे में बात की, जो कि उनके प्रशंसकों ने उनके जटिल पारिवारिक स्थिति के बीच उनके शांत प्रदर्शन के कारण नामित किया - और उनके आगामी नए शो द कनेक्शन।
ओमरियन और लिल फिजा दोनों सहित बी 2 के आगामी द-सीरीज़ में अभिनय कर रहे हैं, जिसका प्रीमियर ज़ीउस नेटवर्क पर मई में होता है। PEOPLE को आगामी शो में विशेष रूप से देखा गया है जो समूह के मिलेनियम टूर और सड़क पर सामने आए सभी नाटक का अनुसरण करता है।
ट्रेलर में कथावाचक कहते हैं, "जिन चार लोगों का एक साथ भ्रमण करने का कोई इरादा नहीं था, उन्होंने उस यात्रा को शुरू करने में बहुत लंबा समय लिया।" "यह सिर्फ किसी ने उन पर पैसा नहीं फेंका था।"
संबंधित: मैरीस ह्यूस्टन ने गर्लफ्रेंड मिया से सगाई की: 'आई लव यू योर लविंग फॉरएवर'
उमरियन ने रियलिटी चेक पर बताया कि उनके बच्चे अपने माता-पिता के बीच अनूठे हालात के बावजूद शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। “आपका घर आपका सुरक्षित आश्रय है, इसलिए यह मेरे और मेरे बच्चों के लिए केक के टुकड़े की तरह है। उनके पास अभी भी हर सुबह स्कूल है, इसलिए हम अभी भी अपने कार्यक्रम पर हैं। हम अभी भी प्रेरित और आशावादी बने हुए हैं ... इसलिए यह ठीक रहा। "
उमरियन कहते हैं कि वह और उनके बच्चे "वीडियो गेम और डांसिंग और फिल्मों की तरह एक साथ मज़ेदार चीजें कर रहे हैं।"
यह पूछे जाने पर कि क्या वह द कनेक्शन ओमरियन पर कमरे में हाथी को संबोधित करेंगे, ने कहा, "हम निश्चित रूप से उस में गोता लगाने वाले हैं।"
संगीतकार को उम्मीद है कि उनकी स्थिति के लिए उनका दृष्टिकोण दूसरों को अपने स्वयं के प्रेम जीवन में समान परिदृश्यों से निपटने में मदद कर सकता है। “बहुत से लोग जानते हैं कि मेरे पास चीजों को संबोधित करने का एक तरीका है। एक रचनात्मक व्यक्ति के रूप में, यह मेरी मुख्य भाषा, रचनात्मकता है। मुझे लगता है कि रचनात्मकता के बारे में दिलचस्प बात यह है कि रचनात्मकता के कई दृष्टिकोण हैं और मुझे लगता है कि जीवन की स्थितियों से हमेशा सबक और टेकअवे हैं। इसे देखते हुए, मैं अपने रिश्तों में बहुत सारे लोगों के लिए उदाहरण बनने में सक्षम होने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। ”
उमरियन ने कहा, "मैं पेचीदगियों और कुछ चुनौतियों में थोड़ा गहरा हो जाऊंगा क्योंकि वास्तव में यह सब है, यह सिर्फ एक चुनौती है।"
ओमारियन ने नवंबर में व्लाद टीवी से कहा, “मुझे कोई रास्ता नहीं लगता। मैं इसके बारे में कोई रास्ता नहीं महसूस करता हूं। मुझे लगता है कि अगर वे खुश हैं, तो उन्हें खुश होना चाहिए। मुझे लगता है कि उन्हें कथा बदलनी चाहिए, हालांकि।
जब उसने इस रवैये को बनाए रखा, तो कुछ प्रशंसकों ने उल्लेख किया कि ओमारियन ने लिल फ़िज़ के 26 नवंबर को द मिलेनियम टूर की घोषणा की , जिसका कोई उल्लेख नहीं है। "कोई फ़िज़ नहीं," एक व्यक्ति ने लिखा।
इस पोस्ट को इंस्टाग्राम पर देखें
हम मिलेनियम टूर 2020 की घोषणा करने के लिए बहुत उत्साहित हैं!
Tumblr media
@Omarion @shadmoss, @therealyingyangtwins @curlyheadedblackboy @sammiealways @prettyricky और @souljaboy के साथ रॉक करें! टूर शहरों की घोषणा सोमवार 2 दिसंबर को की जाएगी। प्री-सेल की शुरुआत गुरुवार, 5 दिसंबर को स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे से होगी। प्री-सेल कोड के साथ अपने टिकट की खरीद पर $ 5 की बचत करें: PARTY। दौरे की ईमेल सूची में शामिल होने से पहले पता करें और टिकट प्राप्त करें
Tumblr media
GSquaredEvents.com। #gsquaredevents # themillenniumtour2020 #omarion #bowwow #yingyangtwins #lloyd #sammie #prettyricky #souljaboy
द्वारा साझा की गई एक पोस्ट
Tumblr media
Omarion
Tumblr media
(@omarion) 26 नवंबर, 2019 को सुबह 9:04 बजे पीएसटी
//www.instagram.com/embed.js
संबंधित: बी 2 के सिंगर रज़ बी शराब और मारिजुआना के प्रभाव में ड्राइविंग के संदेह पर गिरफ्तार
उमरियन ने प्राथमिकता के बारे में अधिक बात की कि जब रियलिटी चेक पर उनकी स्थिति की बात आती है तो यह महत्वपूर्ण है । “मेरे लिए, यह अन्य चीजों के बारे में था। मुझे लगता है कि कभी-कभी जब हम चुनौतियों से गुजरते हैं, तो हम चुनौती से निपटने पर ध्यान केंद्रित करते हैं और चुनौती को पार करने की कोशिश करते हैं कि एक महत्वपूर्ण चीज बहुत सारे लोग भूल जाते हैं ताकि वास्तव में खुद को बाहर न जाने दें और चीजों के साथ भावनात्मक रूप से उलझ जाएं। हो रहा है - आपको अन्य चीजों के बारे में सोचना होगा। ”
"यह बात नहीं है, लेकिन अन्य चीजें," उन्होंने जोर दिया। "मुझे लगता है कि यह बहुत दिलचस्प है कि मैं एक व्यक्ति के रूप में अपनी परिपक्वता में कदम रखने में सक्षम हूं और वास्तव में कहने में सक्षम हूं, 'यह वास्तव में नहीं है कि मैं दिन के अंत में क्या महसूस करता हूं।' जब आप बच्चे होते हैं तो कुछ चीजें आपके लिए जिम्मेदार होती हैं। आपको खुद से बाहर कदम रखना होगा और कहना होगा, 'आप जानते हैं कि क्या है, पकड़ रखें, हमें यहां कुछ चुनौतियां मिलीं। हम इन चुनौतियों से कैसे निपटेंगे? ''
स्टार ने यह भी कहा कि उन्होंने शोध किया है और खुद के बारे में और अधिक जानकारी हासिल की है कि "मुझे स्थिति से बाहर आने में सक्षम होने ��े लिए सबसे अच्छी स्थिति है।" उन्होंने समझाया कि जब जीवन के सीखने के अनुभवों का सामना करना पड़ता है, तो व्यक्ति या तो एक सबक प्राप्त कर सकते हैं, आशीर्वाद, या दोनों "यदि आप अच्छे हैं तो"।
उमरियन ने अपने प्रशंसकों को "अनबॉर्म्ड किंग" बनने के लिए प्रेरित करने के लिए भी धन्यवाद दिया क्योंकि वह अपने नए असम्बद्ध आवश्यक तेल को छोड़ने के लिए तैयार करता है।
उन्होंने कहा, '' पांचों इंद्रियों में अच्छी महक और दोहन हमेशा से मैं कौन हूं, और बहुत सारे पुरुष यह नहीं समझते कि खुशबू का होना कितना जरूरी है। '' “मैं यह प्रकट करने की स्थिति में खुश हूँ, न केवल खुशबू, बल्कि यह रवैया जो खुशबू के साथ जाता है। यह कुछ मीठी चीजों का मिश्रण है और कुछ हीलिंग चीजों का भी।
"हम अभी गंध को पका रहे हैं," उन्होंने हँसने से पहले कहा कि वह उन लोगों की भी सहायता कर रहे हैं जो अभी भी कोरोनोवायरस महामारी में काम कर रहे हैं। "मैं सभी आवश्यक कर्मचारियों को बाहर भेज रहा हूं, जिसे हम एक पूर्व देखभाल पैकेज को असंतुष्ट खुशबू के लिए कह रहे हैं।"
तेल उल्टा ब्यूटी में उपलब्ध होगा जब स्टोर पुनः खुलेगा।
"खुशबू वास्तव में दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करने वाली है और कभी-कभी उस स्थिति को अपनाती है जिसे आपको लेने की आवश्यकता होती है," उन्होंने समझाया। "कभी-कभी आपको चीजों को सिर से निपटने की आवश्यकता होती है, लेकिन कभी-कभी आपको निष्पक्ष रहने की आवश्यकता होती है।"
उमरियन पर अधिक के लिए पूर्ण PEOPLE टीवी रियलिटी चेक एपिसोड देखें , जिसमें उनका नवीनतम एकल "कैन यू हियर मी" टी-दर्द की विशेषता है ।
https://ift.tt/2ArUjCh
0 notes
bollywoodpapa · 5 years
Text
रियल लाइफ में ऐसे दिखते हैं 'तारक मेहता' के 10 एक्टर्स, 'चंपक चाचा' को देख खा जाएंगे धोखा!
New Post has been published on https://www.bollywoodpapa.com/taarak-mehta-ka-ooltah-chashmah-completed-11-years-here-now-know-starcast-real-look-and-family/
रियल लाइफ में ऐसे दिखते हैं 'तारक मेहता' के 10 एक्टर्स, 'चंपक चाचा' को देख खा जाएंगे धोखा!
दोस्तों टीवी जगत के सबसे पॉपुलर कॉमेेडी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा को 11 साल पूरे हो गए हैं। 28 जुलाई 2008 को शो का पहला एपिसोड प्रसारित हुआ था। अब गोकुलधाम सोसायटी में सेलिब्रेशन का मौका हो।
View this post on Instagram
  Last night’s celebrations 🥳. What a surreal journey it has been . Blessed !! . . #aboutlastnight #tmkoc #TMKOCSmileofIndia #Hasohasaodivas #11saalbemisaal #celebrations
A post shared by MUNMUN DUTTA (@mmoonstar) on Jul 29, 2019 at 6:45am PDT
इस खास मौके पर शो की स्टारकास्ट ने केक काटा और तस्वीरें खिंचवाईं। सेलिब्रेशन की कई तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें सभी के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती है। पर्दे पर नजर आने वाले शो के सितारे असल जिंदगी में बेहद अलग नजर आते हैं। आईये आपको दीखते है इन सितारों का रियल लुक।
जेठालाल  
शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा में जेठालाल यानी दिलीप जोशी का हंसमुख स्वभाव और हमेशा किसी नाई मुसीबत का सामना करते नज़र आते है। तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में उनकी पत्नी का किरदार दयाबेन निभा रही हैं लेकिन असल में उनकी पत्नी का नाम जयमाला है। वहीं उनकी एक बेटी और एक बेटा भी है। 
दयाबेन 
शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा में दिशा इसमें जेठालाल की पत्नी का किरदार निभा रही थीं। असल में उनके  पति का नाम मयूर पंड्या है। दिशा ने मयूर से साल 2015 में शादी की थी। उनकी एक बेटी भी है। दिशा वकानी बीते एक साल से शो में नजर नहीं आ रही हैं। मैटरनिटी लीव के बाद से दिशा का शो पर वापसी के लिए इंतजार किया जा रहा था लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि उनकी जगह नई दयाबेन की तलाश की जा रही है।  
चंपक चाचा
तारक मेहता का उल्टा चश्मा शोमें चंपक चाचा का किरदार निभाने वाले एक्टर का असली नाम अमित भट्ट है। अमित भट्ट महज 46 साल के हैं लेकिन सीरियल में वह दोगुनी उम्र का किरदार निभा रहे हैं। सीरियल में बाबू जी बने हैं। असल में वह शादीशुदा है और उनके 2 बच्चे हैं। 
पोपटलाल  
तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में गोकुलधाम के कुंवारेपन से दुखी पोपटलाल शो में पत्रकार का किरदार निभा रहे हैं। असल जिंदगी में पोपटलाल शादीशुदा हैं। पोपटलाल की शादी बचपन की दोस्त रश्मि से हुई है और उनके दो बच्चे हैं। 
आत्माराम तुकाराम भिड़े  
तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में गोकुलधाम सोसाइटी के सेकेट्री आत्माराम तुकाराम भिड़े के किरदार में नजर आने वाले अभिन���ता मंदार की शादी स्नेहल से हुई। इस कपल का एक बेटा है जिसका नाम पार्थ है। 
मिसेज भिड़े 
तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में गोकुलधाम सोसाइटी के सेकेट्री आत्माराम तुकाराम भिड़े की वाइफ माधवी के रोल में नजर आने वाली अभिनेत्री सोनालिका की शादी को 10 साल हो चुके हैं। उनके पति का नाम समीर जोशी है। उनकी दो बेटियां हैं।
तारक मेहता  
तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में गोकुलधाम सोसाइटी में जेठालाल के परम मित्रा और लेखक के रोल में नजर आने वाले अभिनेता शैलेश लोढ़ा की शादी स्वाति से हुई है। दोनों की एक बेटी स्वरा है।
बबीता अय्यर
बता दे की तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में बबीता अय्यर का रोल निभाने वाली मुनमुन कोलकाता की रहने वाली हैं। मुनमुन अपनी मां के साथ रहती हैं और इन्होने अभी शादी नही की है। 
अंजलि मेहता 
तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो म���ं अंजलि तारक की पत्नी का किरदार निभा रही हैं। अंजलि का असली नाम नेहा मेहता है। नेहा अपने पेरेंट्स के साथ रहती हैं। 
 बागा
तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में झेठालाल की दुकान पर काम करने वाले बागा का किरदार निभाने वाले तन्मय वेकरिया गुजराती एक्टर हैं। अरविंद शादीशुदा हैं और उनके 2 बच्चे हैं। 
0 notes
suparna2912 · 7 years
Photo
Tumblr media
एक बुजुर्ग आदमी के सिर पर 8 बाल थे वो नाई की दुकान गया नाई ने गुस्से से पूछा                           गिनू की काटू? बूढ़े ने हँस कर कहा -                              रंग दो!! जीवन आनंद के लिए है चाहे जो हो बस मुस्कुराते रहो !! यदि आप चिंतित हो तो खुद को थोड़ा आराम दो, कुछ आइसक्रीम चाकलेट केक  लो क्यों ?? क्योंकि STRESSED (चिंता)  का उल्टा होता है DESSERTS!!!  (मीठा) अंग्रेजी वर्ण हमें सिखाते हैं... A B C Avoid Boring Company मायूस संगत से दूरी D E F Don't Entertain Fools मूर्खों पर समय व्यर्थ मत करो G H I Go For High Ideas उँचे विचार रखो J K L M Just Keep a friend like Me.. मेरे जैसा मित्र रखो N O P Never Overlook the Poor n Suffering गरीब व पीडित को कभी अनदेखा मत करो Q R S Quit Reacting to Silly tales.. मूर्खों को प्रतिक्रिया मत दो T U V Tune Urself for ur Victory खुद की जीत सुनिश्चित करो W X Y Z We Xpect You to Zoom ahead in life हम आपसे जीवन मे आगे देखने की आशा करते हैं यदि आपने चाँद को देखा तो आपने ईश्वर की सुन्दरता देखी... यदि आपने सूर्य को देखा तो आपने ईश्वर का बल देखा और यदि आपने आइना देखा तो आपने ईश्वर की सबसे सुंदर रचना देखी। इसलिए स्वयं पर विश्वास रखो जीवन में हमारा उद्देश्य होना चाहिए 9 8 7 6 5 4 3 2 1 0 9 - गिलास पानी 8- घंटे नींद 7- यात्रायें परिवार के साथ 6- अंकों की आय 5- दिन हफ्ते में काम 4- चका वाहन 3- बेडरूम वाला फ्लेट 2- अच्छे बच्चे 1- दिलबर 0- चिंता..!! पढ़ कर भूलना मत.... ये सिर्फ MSG नहीँ एक सीख है !! THANQ 😊😊😊😊😊😊😊😊😊 #motivation by Rajjo
0 notes
bhupendravidya · 7 years
Text
My Dairy
यह जो एक छोटी-सी हृदय-वेदना जो मैने यहाँ व्यक्त की है इसमें मेरे अतिरिक्त सभी पात्रों के नाम काल्पनिक है किन्तु घटनास्थल एवं मुझसे सम्बद्ध सारी परिस्थितियाँ एवं घटनाएं वास्तविक हैं। पाठकों से निवेदन हैं कि इसे ही कॉपि-पेस्ट ना करें तथापि मेरी यह परिस्थिति यदि किसी के लिए प्रेरणा-स्त्रोत बन सके तो मुझे अत्यन्त खुशी होगी। इस दास्तान को मै रोजनामचा अथवा संस्करण के रूप में ही यथावत् उल्लेखित कर रहा हूँ। २०/०६/२०१५ (प्रातः लाइब्ररी में) यह माह काफी मानसिक उलाहनाओं एवं उद्वेलनों का रहा है क्योंकि हर्षा शर्मा आई है दिल्ली। उद्देश्य तो नेट एक्जाम क्रैक करने का ही है किन्तु पर्याप्त तौर पर ऐसा लग रहा है कि ये मुझे मेरी औकात याद दिलाने आई है और उसके जीवन में मेरी क्या अहमियत है और कितनी जगह है, बताने आई है। उसके साथ दिनांक २१/०६/२०१५ की बातचित के अनुसार उसे कई लोगों से आकर्षण हुआ इसकी कोई गिनती नहीं पर प्यार किसी से नहीं हुआ (स्पेशियल नाम नहीं लिया सिवाय उसके कोचिंग टीचर के) उसे बहुत लोगों ने प्रपोज किया। उसे यहां तक की मेरे प्रति भी कोई लगाव नहीं ना ही प्यार है बस वो अहसान नहीं भुलती है ऐसे उसके विचार है, अब मुझे अभी तक यही लग रहा था कि मेरी कुछ तो अहमियत होगी इसके जीवन में, पर ऐसा नहीं है। मेरा हृदय बहुत आहत हुआ। अच्छा, उसे थोड़ा सा बोल दो तो तुरन्त मुह फुला लेती है और उल्टे-पुल्टे सन्देह तर्क-वितर्क करने लगती है। मैने उसे वसुन्धरा राजे क्या कह दिया मैडम उफन पडी एकदम। मेरी आँखें नम हुईं पर मै न कुछ बोल पाया न ही कर पाया। जब से आई है तब से मैनर्स का पाठ पढा़ती जा रही है – आपको बोलने की तमिज़ नहीं है, आपको खाने की तमिज़ नहीं है, आपको हँसने की तमिज़ नहीं है। जैसे सारे तमिज़ों का ठेका इस अकेली ने ही ले रखा है। खैर, ये तो मेरी कमी भी है, सबसे बड़ी कमी कि मै बड़बोला हूँ मै स्वीकार करता हूँ। ऐसा लगता है कि कमरे में सबसे बड़ा गदहा मै ही हूँ और बाकि सारे विद्वान्। चलो मान लेता हुँ कि हो भी सकता है किन्तु उलाहना सहन करने की भी एक हद्द होती है जो अब खतम होने को है उपर से मज़ाल है किसी की कि मैडम की किसी एक कमी को ‘कमी है’ ये बताकर टोककर दिखायें, लाशें बिछ जायेगी लाशें। खैर, वैसे उसे मुझे बोलने का कोई हक्क तो नहीं है जब वो म��झे कुछ मानती ही नहीं। अब ये भी सोचने की बात है जैसे कि उसने कहाँ कि मै अहसानों को नहीं भुलती, अब सोचने की बात ये है कि उन अहसानों को अदा कैसे करेगी। सच में, मै बहुत बड़ा मूर्ख हूं लेकिन मै भी क्या कर सकता हूँ दिल आगया इस पर। इसे कितनी बार मैने ‘आई लव यू’ बोला इसने भी कोई नकारात्मक प्रत्युत्तर नहीं दिया लेकिन डिप्लोमेटिकली जवाब जरूर देती थी – “ हाँ, ठीक है ना”, तुरन्त वस्तुस्थिति स्पष्ट करती तो कम से कम दूरी बरतते हम, गर्त में ना जाते। अब हालत ये है कि डेजर्टेशन लिखना है और हर रोज़ नया नया मानसिक आघात हो रहा है। आँखों की पुतलियों तक आँसु आते हैं पर रो नहीं सकता और ना ही काम ही कर सकता हूँ। उसी दिन शाम को भी खाना खाते समय उसने विनय से पूछा कि मै ये नोटबुक ले जाउं ? उसको यद्यपि पढना था और ये दो झोलें भरकर पुस्तकें पहलें ही ले जा रही थी तो मैने बोला क्या उसे पढना नहीं है, तभी मैडम उफन पड़ी कुछ पुछो मत। रास्ते में उसे छोडने जाते वक्त मुझसे बोली, आपको प्रोब्लम क्या है मुझसे ? मैने कहा मुझे तो नहीं पर तुम्हे जरूर है मुझसे। फिर पता नहीं क्या क्या सोचने लगी। अच्छा, इसकी तो मदत करना भी बुरा है बहुत। इसका पीएच डी का फोर्म इसी के कहने पर एल. बी. एस. में भरा, पर इसके अनुसार मैने भरा। सबसे पहले इसने ईच्छा जताई कि मुझे नेट की तैयारी के लिये आपके पास दिल्ली आना है पर मैड़म के अनुसार मैने बुलाया उसे दिल्ली, कमाल है, उल्टा चोर कोतवाल को डाँटें। १९ को हम लोग अंकुश और मै आपस में ही हँसी मजा़क में कह गये कि देरी से उठने वाले ही सफल होते हैं। मैने इसे बुरा ना लगे इसलिए कहा कि इसका मतलब है कि हर्षा सुबह से मेहनत करती है तो वो सफल नहीं होगी। ये बस साधारण हम लोगों की चर्चा थी पर मैड़म को मिर्च लग गयी और तुरन्त अपने पी.जी. की ओर जाने लगी। पूछा तो कहाँ कि तबियत खराब है, कसम खाने को कहा तो बड़ा अजीबोगरीब बयान दिया कि मै कसमों को मानती नहीं हूँ मै तो अपनी मम्मी की झूँटी कसम भी खा लेती हूँ, कमाल है! मै आर्यसमाजी होकर भी अपने माँ-बाप की झूँटी कसम नहीं खा सकता और इसका तो वैसे भी बाप नहीं है फिर भी कोई शरम नहीं और प्यार से बोलना तो कभी आया ही नहीं ऐसे बोलती है जैसे मै इसका ऋणी हुँ या खाया-पिया हुँ इसी के टूकड़ों पर पलता हूँ। कुछ अच्छा भी सजेस्ट करो तब भी चिड़ जाती है। वैसे किसी ने सच कहा है कि गरीब का कोई दोस्त नहीं होता। जाहिर सी बात है जाति-सम्पत्ति यौवनता का घमण्ड तो हरेक को होता ही है तो इसे क्यों न हो। मुझे तो आज २०/०६/१५ की सुबह बातचित के दौरान पता चला कि इसके चुचों के गाठों वाली बिमारी का इसके सभी दोस्तों को पता है। मुझे लगा था मै स्पेशल हूँ। फिर एक बड़ा धक्का लगा! जी कर रहा था अपना कुछ भला बुरा कर लूं वो अजय सैनी, तरूण मोदी! मैडम उनकी गाथा गाते नहीं थकती। वो ऐसा है, वैसा है, इन्टेलिजेन्ट है, अमीर है। ’टच वुड हमारी दोस्ती को नजर ना लगे किसी की’ और पता नही क्या क्या। अब ये सब तो फोटों में भी दिख ही रहा था कि अजय कैसा फ्रैण्ड है तो, जो मैडम का गुलाम है बिल्कुल, हर हफ्ते मैडम जहाँ कहे, ले जाता है। आधी रात को भी बुलाये तो आजाता है और सुनता भी है मोल में हर हफ्ते फिल्म दिखाने ले जाता है और उस्ताद का अधिकार मैडम के कमर तक है (जो कि फोटो में दिखता है अब वैसे पता नहीं कहा तक अधिकार है।) अब मुझे तो नहीं लगता कि कोई व्यक्ति इस दुनियां में बिना किसी हेतु और प्रयोजन और लाभ के कोई काम करता हो जो इसके लिए रिश्ते में न रहकर भी कर रहा हों। अच्छा, बुद्धिमान तो इतनी है कि उसका फोन नम्बर भी सेव नही है , अब इतना अच्छा दोस्त है तो फोन नम्बर तो सेव होना ही चाहिये उपर से भाई दिन में चार बार फोन तो कर ही लेता है। ऐसे है दोस्त मैडम के और ये है स्पेस मेरी इनकी लाईफ में। बस, किसी तरह से ये २८ तक निभ जायें उसके बाद सोच तो यही रहा हूँ कि इस रिश्ते में अब कोई प्यार तो रहा नहीं तोडने में ही भलाई है पर अब यही है कि मै भी एक इन्सान हूँ बहुत सारी नहीं तो कुछ अपेक्षायें मेरी भी थी क्योंकि प्यार किया है नाटक नहीं और इसके लिए मेरे से जो बन पड़ा मैने किया पैसे नहीं होते थे उधार लिए इसे दिये पर इसे निराश नहीं किया कभी, पर इसका ये सिला मिल रहा है मुझे। वाह रे ईश्वर! मैने तो पढा और सुना था कि तुम न्यायप्रिय हो। मेरे समय क्या तुम्हारे इन्साफ के तराजु में किसी ने चुम्बक लगा दिया जो हर बार एक ही साइड में झुक जाता है? खैर, अब किसी को दोष देकर कोई फायदा नहीं। एक तो पता नही ये वासना की बिमारी क्यों लगा दी मुझे जब कुछ जुगाड़ है ही नहीं। बिना वजह के कुमार्गगामी बन रहा हूँ। मुझे तो अपने आप से ही नफ्रत होने लग गई है पर फिर भी सामाजिक कर्तव्यों को निभाना तो है। मूह नहीं मोड़ा जा सकता इस सब से। पर इतने सारे अनुभवों से एक बात तो साफ है कि पैसा, बहुत मायने रखता है अजकल जमाने में। २३/०६/१५ प्रातः (लाइब्ररी में) २१से २२ तक मैडम खुश थी। कोई ऐसी बात नहीं हुई। हाँ, २० की रात को जब मै इसे इसके पि.जी. छोड़कर आया तो रूम पर आते ही इसका मैसेज आया ‘मुझे लगता है कि हमारा रिलेशन शायद मजबुरी का ही रह गया है’ अब मन तो कर रहा था कि समर्थन कर ही दूँ। हो ही जाने दूँ आज आर या पार। फिर सोचा ये ठीक नहीं है क्योंकि उसका नेट का एक्जाम है आगे और मेरा लिखने का काम। सो मैने एक सान्त्वना पर सन्देश भेजा उसे ‘मैने पहले भी कहा और अब भी कह रहा हूँ don’t mix your aim and relation both are valuable in their own place don’t worry everything will be better after sometime be happy’ किन्तु अन्दर से तो आवाज यहीं कह रही थी जो उसने कहा। लेकिन उस मैसेज से इतना तो असर हुआ कि सुबह वह नोर्मल हुई और पढ़ने आगई। मुझे भी लगा कोई फायदा है नहीं इसकी केयर करके तो मैने अपनी पुरानी दिनचर्या को अपना लिया सुबह ही लाइब्ररी आ गया और उपर्युक्त सारा मैटर लिख दिया था २१ को ही। सीधे दोपहर को खाना खाने ही गया वापस आया ५ बजे। मैडम पढ़कर के ऊब गई थी तो उसी ने कहा चलो पी एस आर चलते है, फिर यहां आकर उसे समझाना पड़ा। अब मै भी कमजोर दिल का इन्सान। जल्दी ही पसीज़ जाता हूँ लेकिन वहाँ पर भी बातों बातों में यह पता चला कि वो प्रतिस्पर्धा की भावना मन में रखकर के ही यहां आई है। उसने कहाँ कि इसी तरह पढती रही तो आप लोगों को मै छः महिनों में पिछे छोड़ दूँगी। मै मन ही मन हँस दिया कि सारे जिन्दगी की हमारी मेहनत ये छः महिनों में पुरी करेगी और समझाया कि प्रतिस्पर्धा से कुछ नहीं होता सिवाय मानसिक अशान्ति के। खैर, मेरा बताना काम था अब सच तो ये है कि मेरा पढा हुआ सारा ही लगभग गोल हो गया था कितने ही प्रश्नों के मुझे जवाब देने नहीं आयें। अब एक उतना ही काम तो है नहीं। यहा डेजर्टेशन का भी कब से काम कर रहा हूँ उपर से मै आलसी बहुत हूँ। अब वैसे तो सब स्पष्ट ही है कि वह केवल अपना काम निकालने आई है पर फिर भी दिल्लगी करने का खामियाजा तो मुझे ही भुगतना होगा। मुझे इमानदारी से उसने कभी एक किस्स तक नहीं दिया और मै पता नहीं उसके लिए क्या क्या सोच लेता हूँ। इतना सब कुछ होने के बाद भी मैने उससे पूछा कि इस जन्मदिन पर कोई गिफ्ट चाहिये तो बताओ मै दिलाउंगा। हालांकि उसने ना ही किया है अभी तक पर अब कुछ तो देना ही पडेगा। चलो ये तो पूर्णतः सिद्ध हो ही गया है कि चाह कर भी नसीब में स्त्री सुख का अभाव है। ऐसे ही पापमय जीवन बिताने पर मजबूर हूँ। २२/६ मतलब कल दोपहर को शायद विनय ने ये कहाँ कि हर कोई जो भी करता है किसी के लिए उसके पिछे कोई न कोई हेतु तो जरूर होता ही है फिर मै विनय के नोट्स और अनिल आर्य के नोट्स की मैडम के लिये फोटोकॉपि करने चला गया तो उसी दिन ओटो में जब मै उसे छोड़ने जा रहा था तब उसने बताया कि मैने उसे डाँटा मेरा पक्ष लेकर। लेकिन मेरी दृष्टि में इसका कोई मतलब नहीं है कुछ तो सच्चाई विनय के बातों में भी थी किन्तु उन बातों का भी को�� तात्पर्य नहीं है। मेरी खुद की मान्यता है कि सम्पूर्ण संसार Dealing पर ही चल रहा है ये भी कम अधिक मात्रा में Dealing ही है। फिर २६ को ममता मैम, अनु, निहारिका, विनय, अंकुश, नीतिन, लवकेश ने मिलकर मैडम हर्षा का जन्मदिन बड़े धुमधाम से मनाया। इससे पहले मै उसे जे. एन. यू. के इस्ट गेट के पास के कामाख्या मन्दिर भी ले गया पर वह अन्दर न जा सकी क्योंकि उसकी डेट चल रही थी तो मैने ही जो कभी मन्दिर में मत्था नहीं टेकता पर मैडम के लिए उसकी खुशहाल जिन्दगी के लिए मैने माता से दुआ माँगी जो बन पाया वो दान भी दिया। कुल-मिलाकर मैडम आज खुश थी उसे प्लाजो और वन पीस गिफ्ट भी किया पर गलती ये हुई कि उसके ड्रेस में चोकलेट केक के दाग लग गये जो जयपुर में ड्राई क्लीन करने पर भी नहीं निकल पायें। २७ को मैडम मन मारकर ही सही पर पडने आई रूम पर किन्तु मैडम का आज बिल्कुल भी जी नहीं लग रहा था। ११:३० पर ही बोल पड़ी कि मुझे रूम जाना है मेरी पड़ाई नही हो पा रही है आज। मैने भी फोर्स नहीं किया और उसे पी.जी. छोड़ने के लिए उसके साथ चलने लगा। रास्ते में मेरे लिए ड्रेस खरिदने के बारे में और सबसे जरूरी उसे एक बैगपैक की जरूरत थी उसे लेने की चिन्ता हुईं तो मैने कहाँ चलो मॉल, और हम एम्बियन्स मॉल गये क्योंकि मुझे पता था मैडम अभी नई नई मोडर्न बन रही है तो इसे तो साधारण बैग तो पसन्द नहीं आयेगी तभी वहाँ ले गया और वैसे भी मै जल्दी ही इमोशनल भी हो जाता हूँ जिसके चलते बहुत बार बहुत बड़ा बीड़ा उठा लेता हूँ और फिर पुछो मत ये भी ऐसा ही एक बीड़ा था। तो हम मॉल गये वहाँ पर सबसे पहले इसका बैग देखना शुरू किया कई दुकानों पर देखें पर उसके मन को कोई भी नहीं भायें। फिर उपर पुमा के शो रुम में गये तो वहाँ मैडम को एक चमड़े का बैग पसन्द आया अब मैडम को लेना तो वहीं था मुझे लगा होगा २००० या २५०० तक पर वो तो ५५०० तक का निकला। भई निकले भी क्यों न, पुमा का जो ठहरा। अब मै पहले ही भावुक बन कटने को तैयार मैने भी अपना कार्ड दिया और बस खरीद लिया बैग। फिर हम आगे बढे़ं तो मैडम को एक छोटा पर्स भी पसन्द आया गया था पुमा का जिसका जिक्र चलते हुए उसने मुझसे किया अब फिर मै और ज्यादा भावुक हो गया और काले कलर का वैसा पर्स भी ले ही लिया। फिर हम आगे बढ़े। वैसे जो आवश्यकता थी वो पुरी हो ही गई थी पर नही मेरी खुजली अभी मिटी काहा थी मैने कहा मेरे लिए ड्रेस और पर्स ढुंढ दो अच्छी सी। फिर से भ्रमण शुरू। पाण्टलून गये वहाँ मैडम ने देड घण्टे तक चेन्जिंग रूम के चक्कर लगवाये मुझसे। अब मुझे तो कपड़ों का क-ख भी नहीं पता था तो बडी मुश्किल से उसे एक जिन्स और एक शर्ट पसन्द आई लेकिन इतनी सस्ति की किमत सुनकर ही मेरे होश उड़ गये पर अब प्रतिष्ठा की बात थी मरता क्या न करता आखीर ले ही ली वो ड्रेस ४६०० से उपर की ही होगी मेरे जिन्दगी की आजतक की सबसे महंगी ड़्रेस लेकिन इस दरम्यान इतना तो हुआ कि जब मै कपड़े चेन्ज कर रहा था तब इसने एक बार और पहली बार मुझे भुपेन्द्र कहकर आवाज लगाई बाहर से। थोड़ा अजीब पर अच्छा लगा। वैसे पुरे माल में बहुत बार मेरे इमोशन्स जगे पर मेरे जिन्दगी का सबसे सुखद अनुभव था वो जो अब आगे जिन्दगी में कभी किसी के साथ मुझे न मिले। खैर, फिर वहीं से मैने मेरे बहन के लिए कान के आभूषण भी ले ही लिए सम्भवतः ८५० के होंगे पर अच्छे थे। फिर वहां से आरहे थे तो टैडी बीयर और फुलों की शोप मिली मेरे मन के भाव फिर से उमड़-घुमड़ कर आये। मैने सोचा आजतक कभी किसी को टैडीबीयर नहीं दिया तो उसी से पसन्द करवाया और एक गुलाब का फुल भी उसे दिया। वैसे वो सब अच्छा था मेरे दिल को बड़ा सुकून मिला। अच्छा तो उसे भी लगा ये उसके चेहरे से साफ झलक रहा था फिर भले चाहे वो झुट-मुट का घुस्सा कर रही थी मुझ पर कि खाँमखा १४०० फूँक दिये, क्या करूं मै आपका? सच में पागल हो आप पागल, पर बहुत अच्छा लग रहा था। फिर कुछ खाने का मन कर रहा था तो सबसे उपर जाकर दो वेज बर्गर और दो आइसक्रिम खाई हमने। फिर मैने उसे कहाँ कि अब तुम्हारे लिए बड़ी पर्स ढुंढते है क्योंकि उसकी वो बैग खराब हो चुकी थी। फिर गये सोपर्स स्टोप की दुकान में वहां उसने आधा घण्टा लगाया मै परेशान हुये जा रहा था लेकिन फाइनली एक उसे पसन्द आ ही गयी जो कि मुझे पसन्द नहीं थी वैसे पर बोलता कौन? सो खरीद ली गई। फिर मैडम का दिल मेरे पर्स के लिए पसीज गया उसने वहीं से एक Baggit कम्पनी की नीले कलर की पर्स मेरे लिए खरीदी जिसके ७५० रुपये भी उसी ने दिये। फिर हम वापस मुनिरिका उसके पीजी लौट आये मैडम बीच बीच में इमोशनल हो रहीं थी पर एक बात और हुई ओटो में उसने मुझे उसके कन्धों पर हाथ रखने दिया जो कि सच में आश्चर्यजनक था मेरे लिए। फिर मै वापस रूम लौटा दोस्तों को झूठ बोला कि ये ड़्रेस मैडम ने दिलाया क्योंकि मैडम की प्रतिष्ठा का सवाल था जबकि अंकुश मेरा भाई समझ ही गया था कि किसने किसको दिया पर वो बोला कुछ नहीं। फिर शाम को ७ बजे जब मै उसके पीजी गया फिर वही इमोशनल ड्रामा शुरू – मुझे बहुत बुरा लग रहा है, अरे! ऐसी तो मै थी ही नहीं पता नही मुझे हो क्या गया था इतने सारे रुपए आपके खर्च करा दिये, सच में मुझे बहुत बुरा लग रहा है। अब देखा आपने गर्लफ्रैण्ड रखना कितनी मुश्किल बात है और मै तो… मैने उसकी बात बीच में काट दि और बोला तुम भी तो मेरी गर्लफ्रण्ड ही हो। वो चुप। जब भी मै इजहार करने की बात करता हूं। मैडम चुप हो जाती है। फिर भी इमोशनलड्रामा तो चल ही रहा था उसने कहां मुझे पेन खरीदना है मुझे लगा कल के एक्जाम के लिए खरीदेगी मैडम, पर नहीं उसने छल्ले वाला ३५० रुपयों का पेन मुझे गिफ्ट देने के लिए खरीदा। मै हैरान, ऐसा है क्या इस पेन में जो इतना महन्गा। ये भी मेरी जिन्दगी का सबसे महन्गा पेन। खैर, मैने रख लिया वैसे भी ना कहने की हिम्मत किसमें थी। २८/६/१५ written in (८/७/१५); 307 Room आज नेट का पेपर था। रुम में सुबह से ही चहल- पहल थीं। सारे अंकुश को छोड़कर एक्जाम देने के लिए जाने को तैयार थे। मै भी सुबह तैयार हुआ और मैडम के पीजी की ओर निकल पड़ा। रास्ते में यशोदा, जितेन्द्र और रमेश भी मिलें। उन्हें ओल द बेस्ट कहकर पैदल ही निकल पड़ा क्योंकि ओटो सारे व्यस्त थें। वहां पीजी ७:०५ पर पहुंच गया। मैड़म भी सारा समान पैककर के तैयार थी फिर उसी के पुमा वाली चमड़े की बैग में मै कुछ सेव रखे नमकिन के पैकेट और कुछ सामान लेकर ७६४ बस पकडी जिससे हम दोनों पालम रेल्वे फ्लाई ओवर बस स्टाप पर पहुंच गये। उसके बाद नीचे से रिक्शा पकड़नी चाही तो वहां रिक्शा वाला १० मिनट के रास्ते को आधे घण्टे तक घुमाता रहा और मैडम अपनी बुद्धिमानी दिखाते हुए ताने मार रही थी। चलो जैसे तैसे एक्जाम सेन्टर पहुंचे जिन्दल पब्लिक स्कूल पर आस पास वहा ना पेड न बैठने के लिए कोई जगह और धुप इतनी कि खा जाय कच्चा ही। ओटो से उतरते ही सामने यज्ञतिर्थ (मेरे गुरुकुल का पुराना मित्र) और मुकेश मौर्य ( मेरा जे एन यु का जूनियर) हम लोग फिर कुछ नाश्ता करने गये तो पेट की रिस्क ना लेते हुए क्योंकि मैडम को पहले ही एक्जाम के ड़र से लूज़ मोशन लग गये थे तो केले ले लिए और चारों ने मिलकर खाये फिर वो लोग तो थोडी देर रुककर अन्दर चले गये इस दरम्यान मेरी यज्ञतिर्थ से कुछ गुरुकुल की बातें होती रही जिसका शेष दोनों से कोई सम्बन्ध नहीं था। मैने जगह देखी बैठने के लिए तो थॊड़ी दूरी पर कुछ पेड़ थे थोड़ी ही दूरी पर कुछ बन्दे खेल रहे थें। फिर मै गया तो देखा छाव में लोगो ने अपनी गाडियां पार्क कर रखी थी। कुछ लोग वहीं खड़े थे। मै भी गाड़ी के सहारे वहीं खड़ा रहा बोर हो रहा था तो मन में एक खुरापात सुझी। हालांकि ये नैतिक दृष्टि से गलत है तथापि अब खुरापात कर ही ड़ाली। मैने उसकी पर्स से उसका मोबाइल निकाला जो बन्द था। ओन किया और कोल लोग देखने लगा तो पाया कि मैडम ने तो कईयों के नम्बर सेव ही नहीं किये यहां तक कि उसकी मां के भी ��हीं। फिर मैसेज देखे तो काम का और दिल को लगने वाला बस एक ही मैसेज मिला तरुण मोदी का जिसके बारे में मैड़म ने मुझे झुठी कहानी बतायी थी कि यह मेरा बचपन का फ्रैण्ड है और इससे सारे क्लास के बच्चे चिडते थे मै ही इसकी अच्छी फ्रैण्ड थी वैगैर वगैरह। जबकि सच्चाई इसी ने बताई कि इसको मै ट्रेन में मिली DDLJ movie के तर्ज पर भाई ने अपनी बहन को ट्रेन से हाथ दिया वरना मैड़म की ट्रेन छुट जाती। खैर उस मैसेज का सार यहीं था कि “अन्ततः हम एक दूसरे के मूड फ्रेश्नर है”। फिर बर्थडे का था कि “मुझे पता नहीं ये कब तक चलेगा पर अच्छा है फिर एक बार हैपी बर्थ डे”। मैने खैर, नम्बर ले ही लिया। ऐसे ही जिन जिन पर भी मुझे थोड़ा सन्देह लगा उन के नंबर्स मैने लिए। पर मैड़म ने तो कईयों के नम्बर्स ही सेव नहीं किये थे जबकि हो सकता है उनके रोज ही फोन आते हो जैसे कि उसकी मां। फिर मैने मेमोरी कार्ड की पिश्चर्स भी देख ली कि जैसे सबसे पहले दिन मुझे उसकी अर्धनग्न फोटो दिखी थी वैसे कुछ मिलता है क्या। लेकिन कुछ नहीं मिला तो दिल को सुकून भी मिला फिर फोन स्वीच ओफ कर के रख दिया। फिर वहीं बोरींग टाइम शुरु हुआ। जैसे तैसे मैने किसी की स्कूटी पर अपनी जगह बना ली। फिर १२:३० बजे ये लोग बाहर आये। मैडम ने बताया कि उसे एक्जाम से पहले उसे उल्टी भी हुई और फिर हमने स्कूल के अन्दर ही खाने में जो नमकिन सेव और केले बचे थे। हम चारों ने मिलकर खाये। फिर मैडम की और मेरी आगे की प्लानिंग सीधे दिल्ली कैण्ट स्टेशन पर मिलने की हो गई और यज्ञतिर्थ को बोल दिया कि मैडम को ओटो में बिठाकर ही तुम यहां से जाना और वो मान भी गया। मै सीधे मुनिरिका पहुंचा। भुख लग रही थी तो एक ग्लास मैंगो शेक पिया और ओटो वाले से १५० रुपयों में बात फिक्स की। और पीजी आया। वहां के भैया से उपर से सामान मंगवाया। दो भारी भरकम बैग्स थी और एक टैडिबियर का थैला अलग से। मेरी हालत डाउन हो गई उनको उठाते उठाते। खैर, फिर मै कैण्ट पहुंचा। उस ओटो वाले हरामजादे ने १० रुपये पार्किंग के तो लिए ही और मैने कहां भाई थोड़ी दूर कम से कम सामान ले जाने की हेल्प कर ले तो भाई ना बोलकर टरक लिया। वहां फिर मैने टिकिट काउन्टर के पास अपना सामान जैसे तैसे ले गया तो देखा रविवार होकर भी वहां टिकिट के लिए झगडे हो रहे थे। एक तो गरमी इतनी कि पुछो मत सारा शरीर पसीने से तरबतर हो गया सारे रूमाल भीग गये। फिर एक चिज जब मै सामान लेकर जा रहा था तो मेरे जांघों को खटक रही थी बैग के अन्दर की। मैने खोलकर देखा तो सच्चाई पता चली कि इतना सामान भारी क्यों है क्योंकि मैडम ने हैण्ड वाश तक जयपुर से लाये थे और एक नजर उस हैण्ड वाश के नीचे रखे कपडे पर पड़ी तो देखा वो मैड़म की चड्डी थी जो गन्दी ही पडी थी उस पर पीला सा कुछ लगा हुआ था शायद वो उसके डेट्स का कुछ हो। मैने एकदम हाथ पिछे कर लिये। फिर लेकिन मै ठिठक गया कि पता नहीं अब देखूंगा तो और क्या-२ मिलेगा सो रहने दिया। ३:४५ पर ही यज्ञतिर्थ का कोल आया कि पेपर खतम हो गया है मैडम बोली कि वो ओटो से आरही है आप बाहर ही मिलना स्टेशन के। मैने भी लोकेशन बता दिया। ४:१५ तक वो आ भी गई। बड़ी ही प्यारी लग रहीं थी और मन में दुःख भी था कि पता नहीं अब दुबारा ये पल आयेंगे भी कि नहीं क्योंकि भले ही उसने मुझे थोड़ा झकझोरा हो पर फिर भी मेरा उससे प्यार था जो वासना से युक्त कभी था ही नहीं। खैर , वो आई मैने काहा प्लैटफोर्म टिकट के लिए बहुत भीड़ है मैने एक दो से कहां तो उन्होंने नहीं ली तो उसने देखा लड़कियों की अलग से लाईन है वो घुस गई और एक टिकिट ले ली। मैने कहा तुम ये पिठ्ठु बैग को और छोटे थैले को पकड़ो मै ले आता हुं इन बैग्स को पर वो नहीं मानी और पकडकर चलने लगी जब अन्दर गये तो आखीर उसने मेरे पौरुषत्व पर वार कर ही दिया कि आपका स्टेमिना नहीं है अब इसके लिये क्या स्टेमिना रखना मै कौन सा कूली हूं। मैने उसका पेपर देखा तो उसने ३ प्रश्न अग्नीसूक्त को समझकर गलत कर आई थी जैसे ही मैडम को याद आया एकदम चिड़कर हर्षा मैडम ने पेपर को ��ाड़ने का प्रयास किया फिर मैने ही उसके हाथ से पेपर को छीना। और सारा घुस्सा अपने जयपुर वाली छोटी मैसी और उसकी बेटी पिंकि के उपर निकाल रही थी कि वो ही लोग कमिने है मुझे नजर लगाते रहते है ये वो, मै सुनता रहा। फिर पता किया कि जयपुर डबल डेकर गाड़ी कोन्से प्लेटफोर्म पर आती है तो पता चला कुछ भी फिक्स नहीं है किसी पर भी आजाती है १० मिनट पहले पता करना फिर भी हम लोग २ नम्वर पर चले गये। जाते हुए भी सीड़ियो से एक बैग मैडम ने उठायी। मै उसके बैग की नीचे से हेल्प करने लगा तो मुझ पर गुस्से से बोली कि मै गिर जाती तो मैने कहा देखो कितनी एहसान फरामोश है। खैर, घुस्सा तो बहुत आ रहा था पर पी गया। वहां पहुंचे उससे कहां मैडम आप जा रहीं है वैसे तो मैडम मन ही मन बहुत खुश थी साफ चेहरे पर झलक रहा था जैसे कोई अतिप्रिय उसका वहां इन्तजार कर रहा हो पर दिखा ऐसे रहीं थी कि बहुत दुख हो रहा हो “ मै जाना नहीं चाहती, मै यहीं रहना चाहती हूं वगैरा-२” मैने कहा मेरी एक किस्सी तुम पर उधार है उसे कब दोगी ? दर असल मेरे मन में फिल्मी अन्दाज चल रहा था कि गाड़ी रुकेगी इसका सामान मै अन्दर रखुंगा और इसे एक किस्स दूंगा पर जैसे ही मै कुछ सोचता हूँ उस पर ग्रहण लगे बगैर कभी नहीं रहता सो इस पर भी लग ही गया। तुरन्त ही उसके अलवर के जाननेवाले सुनार मामा अपने बेटे के साथ घर जा रहे थे। मुझे लगा होंगे कोई मै खुर्सी पर से उठा ही नहीं। इनकी थॊड़ी बातें हुईं फिर वो चले गये तो मेरी खींचाई शुरु हुई। आप कैसे है मेरे जानकार आये तब भी आप खड़े नहीं हुए ये बहुत अमीर है कई बार विदेश जाकर आये इनकी बेटी मेरे ही जैसी सिम्पल है अच्छा हुआ मै सूट पहनकर आई थी वरना पता नहीं ये लोग क्या सोच लेते वगैरह-२। सारे मेरे ख्वाब पर रायता फैल गया अब तो कह रही थी मेरे से २ फीट दूर रहो कही वो देख न लें। फिर अब हम दोनों का बोलना चुप। बस गाडी का इन्तजार हो रहा था। आसपास के लोगों की बातें मै सुन रहा था कैसे वो डींगे हाँक रहे थे अपनी-२। चलो छोडो, गाडी की अनाउन्समेण्ट हो गई गाडी उसी २ नं, पर आ रही थी। मैने देखा सब डब्बे उल्टे –पुल्टे लगे हुए है जहां ३ नम्बर कोच आना चाहिए वहा १० नम्बर आगया और वहाँ पर अफरातफरी मच गई। मै एक बैग और टैडी बीयर का थैला लेकर भागा और वो भी एक बड़ी और एक पिठ्ठु बैग। पर ज्यादा दूर तक भाग न सके। ५ वे कोच के लास्ट गेट पर मै और पिछले गेट तक वो भागी। मामला यही गड़बड हुआ। फिर मैने कहा चड़ जा क्योंकि ज्यादा देर नही रुकेंगी ट्रेन तो वो चढ गयी और मैने सामान गेट के अन्दर डाल दिया और एक आदमी को कहाँ ध्यान रखना सामान का वो लडकी आ रही है। अब मुझे टेन्शन कि अन्दर वो बिचारी अकेली इतना सामान ३ नम्बर कोच तक कैसे ले जायेगी? पर मै कुछ कर तो सकता नहीं था। मैने ट्रेन के आंखों से ओझल होने तक इन्तजार किया। दिल रोने को हो रहा था ऐसे लग रहा था कि अब हम दुबारा कभी नहीं मिलेंगे और एक शरीर का हिस्सा अलग हो रहा हो, खैर जैसे तैसे मैने अपने एमोशन्स को कन्ट्रोल किया। और निकल पड़ा अपने रास्ते की और बाहर आते समय उसे सोरि का मैसेज भेज दिया कि ये मेरी ही गलती है। अब ओटो को ढुंडा तो एक बेवकूफ का ओटो मिल गया मिटर से चलने को तैयार हो तो गया और मिटर ओन करके बोलता है कि २० रुयये ज्यादा दे देना वहां से सवारी नहीं मिलेगी। अब मेरा मन तो पहले से ही क्षुब्ध हो रखा था मैने कहा जय हो अरविन्द केजरीवाल के भ्रष्टाचार मुक्त चेलों की। पहले तो टेबल के नीचे से घुस चलती थी लेकिन अब खुले आम मांग रहे है कमिने। उसे रास्ता भी पता नहीं था मैने जीपिआरएस चलाया। लेकिन फिर भी अगला बोला नहीं कि मुझे रास्ता पता नहीं है करके। फिर भाई ने आखीरकार गड़बड कर ही दी आइ आइ टी होस्टल बस स्टोप से उसे सीधे से मुडना था भाई नेहरूप्लेस की तरफ से मुडा अव वैसे ही मेरा दिमाग खराब उपर से ये फिर रेड लाईट पर उसको मैने रुकवाया तो एक छक्का आकर पैसे मांगने गला था मेरे ही उम्र के आसपास मैने कहा मै स्टुडेन्ड हूं तब भी नहीं माना छोटी बहन समझकर कुछ दे दो एसे बोला मैने कहा तु बहन नहीं कुछ और बन फिर उसे १० रुपये दे ही दिये। फिर ऒटो वाले पर बरसना शुरु किया। खैर, मेरी हालत बत से बत्तर हो गई थी घुस्से से। फिर गंगा स्टॉप पर ओटो को रोका उसे १६० दिये फिर भी कमिना २० ज्यादा मांग ही रहा था। दिल तो किया कि उसे दो जड़ दूं उसके गालों पर । पर कन्ट्रोल किया थोड़ा ताण्डव किया रुम की ओर चल पड़ा। जैसे ही उपर पहुंचा। मैडम की कॉल आगई कि अन्दर सामान सर्व करनेवाले को ४० रुपये देकर सामान सीट तक पहुंचाया। सुनकर अच्छा लगा शान्ति मिली। अब मेरी बैटरी खतम होने वाली थी फोन की। उसने मुझे निहारिका का नम्बर मांगा। मैने उसे मैसेज कर दिया। फिर कपडे धोने के लिए और नहाने के लिए चल पड़ा। रूम पर सारे पहुंच चुके थे और विनय का चेहरा उतरा हुआ था क्यों कि उसका पेपर अछा नहीं गया था। मै कपडे धोने गया इस बीच मैडम के २ मिसकॉल आ भी गये थे। मैने कॉल लगाया और रुम पर जितने भी थे सबसे बात करवाई क्यों कि मुझसे बात करते नहीं बन रहा था। रात को मै जल्दी ही सो गया बहुत थका होने से नीन्द भी जल्दी ही आगई। यहां तक की उसके पहुंचने पर कॉल की वो भी रिसिह्व नहीं कर पाया। २९/६/१५ से ६/७/१५ के प्रातः तक की। २१/१०/२०१५ रहस्योद्घाटन एवं सम्बन्धोच्छेददिवस ( किन्तु हुआ नहीं ) सब कुछ सामान्य चल रहा था दोपहर के खाने तक तभी मेस में रोटी की कतार में खड़े रहते हुए ही राम नाथ सर का फोन आया और उन्होने मुझे आज ४ बजे बुलाया था सेन्टर। मुझे लगा था कि किसी का पेपर है आज या फिर कोई अन्य काम होगा मै ३:४५ पर सेन्टर पहुंचा तब सर पढा़ रहे थे ठीक ४ बजे मै उनके चेम्बर गया और देखा सर थके हुए थे और फिर उन्होंने कहां कि तुमसे एक गलती हुई है मैने तुम्हे समझाने के लिए बुलाया है उतने में ही प्रवीण जी आगए तभी मै समझ गया कि यह सब इसी का किया धरा कुछ है फिर वह एक दिन पौराणिकों पर किए गये कटाक्षों की बात सामने आई और उससे भी बड़ी बात कि एक दिन मैने प्रचेतस के साथ उसकी निन्दा-चुगली की बातों में साथ देते हुए अनिता मैड़म के बारे कुछ बोल दिया होगा, वह बात सामने आई और वहीं मुख्य बात थी। सर ने इसी बात पर मुझे समझाया और अच्छे और बुरे लोगों में फर्क करने को कहां। मुझे बहुत अच्छा भी लगा कि गुरुजी ने मन में खुन्नस का भाव न रखते हुए जो कि कोई अन्य अध्यापक होता तो निश्चित् रूप से रखता, मुझे समझाया और साथ ही प्रवीण सर को भी समझाया और आगे से ऐसी गलती न करने की सलाह भी दी। आश्चर्य हुआ कि कैसे-२ लोग इस दुनिया में रहते हैं । मनस्ताप बहुत हो रहा था पर जाहिर नहीं कर पा रहा था फिर चेम्बर से आकर थोड़ी हम दोनों की बातूनी नुमाईश हुई और फिर मै रूम आ गया – यहां तक था रहस्योद्घाटन प्रकरण। रूम पर आ ही रहा था कि हर्षा मैड़म का सन्देश आया कि फ़्री हो तो कॉल करना। फिर मै रूम पर पहुंचा और उसे फोन किया उसने बताया कि डॉक्टर के यहां गई थी उसने कहां कि तुम्हें कैन्सर तो है नहीं फिर तुम क्यों परेशान हो रहीं हो?’ इसके बाद वो अपने आप ही बोलने लग पड़ी ’ निगेटिविटी तो मुझे आने ही नहीं देनी, इसीलिए मुझे इरिटेटिंग होती है वगैरह-२’ फिर मैने भी उसी बात पर किन्तु थोड़ा अलग तरह से कहा कि ’ते जात्यायुर्भोगाः’ कि तुम्हारा जन्म, तुम्हारी आयु और इस संसार में तुम्हारे भोग सब पहले से ही फिक्स है तुम अपनी मर्जी से कुछ भी नहीं कर सकती बस अपना कर्म किए जाओ’ परन्तु उसे इन सब बातों का प्रसङ्ग समझ में नहीं आया तो मैने कहां मै तो उसी बारे में सङ्केत रूप में बोल रहा हूं आगे बोलते हुए ही फोन कट गया अब मुझे लगा घुस्सा होकर उसने काटा जैसा कि वह हमेशा करती है और उसे लगा कि मैने काटा। अब मेरा मन तो खिन्न था ही सो मैने दिल हल्का करने के लिए पिता जी से और मां से बात की क्योंकि इस दुनिया में सबसे सच्चा और सबसे सस्ता प्यार माँ-बाप का ही है बाकि तो सब फरेब है एक कीमत हरेक रिश्ते की है। माँ को सारी घटना बताई और फिर मेरा दिल थोड़ा शान्त हुआ। फिर ९:३० के दरम्यान उस का सन्देश आया और सारी बातें मैसेजेस के माध्यम से ही हुई वो सारे मैसेजेस में as it is लिख रहा हूं और शायद मुझे लगा कि हम दोनों के रिश्ते का यह एक भावनाविहीन एवं समझदारी विहीन अन्त है अथवा अन्तिम बोलचाल है – She :Aapane cl q disconnect kiya Me : Mdm.. hm b khaanaa hi khaate h smz me aataa h hmaare b fon kAtne or disconnect hone ka frk, tension mt lo dobara mere vallo cl nhi hogi She: had h aapki cl khud ne disconnect kiya bol muze rhe ho ye to vhi bat hui na ultra choor kotwal ko dantte Me: Tumne shayad muze chu.. smz rkha h She : Esi baat h na to ab to cl ni krne vali n itna faltu to m kisi ka ni sunti hu 1 ka 10 hi bolti hu n rhi cl disconnect krne ki baat to meri maa ki kasam maine ni disconnect kiya tha n aage apki marji n ab kuch bolna ho na to cl krke bolna ab me vo bolungi jo apne kbi socha b nhi hoga jhut bolne ki b had hoti h jyada hi smzdar ho n mere no. Delete kr dena ab to koi jarurat ni h rkhne ki n aapne pata ni mujhe kya smjh rkha h ki kuch b ulta boll u ye cl to kr hi legi but ab ni aayegaa cl yaad rkhna shayd jante ni ho mujhe Me: thk h… See u in the field Tum kbi kisi k emotions ko nhi smz skti ho or ye b yAd rkhna chahe sari duniya khoj lena bt me or mere jesa b koi nhi milega. Challenge N ksam pr to tumne khud kha ta ki ksm ko ni manti bt me manta hu mene b cl disconnect ni kiya ta tume hi jaldi mirchi lg jati h kisi b bat ki She: Mujhe acche ye yaad h m kasam ni manti but m jhut b ni bol rhi hu n aap kya mujhe bologe ki mujhe lgti h mirchi khud ko dekha h kbi ye jo 5 saal baat ho rhi h na vo meri vajha se h m ni chahti baat krna to aap kuch b kr lete mujh se baat ni kr skte kbi n rhi emotion ki baat to vo mujhe ni aate kisi k b smjh qki m hi emotionless hu N shayd aapko maine kuch jyda hi respect de di n ghr me b sb jante h aapko sb aapke bare me accha hi sochte h n vo sb isliye achhaa sochte h qki maine aapki image unke samne esi bana rkhi h aapki n mujhe bolte hue aapko shram ni aati n m aapke senior girls jeisi ni hi jo kisi b trike ki bekar baat sunn lu n un pr hanshu Me: Hm… Thnks fr accepting ths fact Bat to shi h ye tumhare e efforts h jisse hm rhe sath n I thnk ab ye b tumhare hi efforts honge ki ab hm alg ho re h Thnk God! Mera isme jyada roll nhi h yAd rkhna – bura hmesha vhi bnta h jo achha bnkr tuut chukka hota h She : k m hi vajah hu khush Me: Mene to kbi uska b buran hi kiya jo jisne muze jan se marna chaha jb mene kisi ka bura kiya e nhi to koi mere bare me bura kyu krega or rhi bat image ki to na mene itne acche krm kiye or na me kahta hu ki image bnAye rkho Jo bovoge vo katoge Me burA hota to kya tb b tum achi imag rkhti meri? Ni kbi b nhi Mene kbi koi swarth dekha h tumse rishta nibhane btao kisi trh ka b? Kbi kisi bat k liye force kiya tume? Bat krti ho hmesha single vision rkhti ho Me : Vese tum abi b apni glti sudhar skti ho jis trh se tumne meri gud image rkhi usi trh bad imag rkh do ye bat mene tumse dhAi sAl pahle b khi ti. Lekin mere ek bat smz ni ari h ki fon nA tumne kAta na mene jb ye clear ho gya to fr hm log jhagad kyu rhe h Ya fr dono k dilo me pahle se ta zagdnA. Thnkable point [Last msg time- 10:28pm] फिर अगले दिन उसका फोन आ गया। मैनीपुलेशन फिर से शुरू। ४/१/२०१६ की दोपहर कक्ष में, ४ बजे दोपहर २ तारिख को मै जैसे की मेरे मन में पहले से ही चल रहा था कि इस हर्षा को क्या पता किसी ने कुछ करनी वगैरह कुछ की हो तो मुझे जो प्रवीण सर ने गोगा जाहर वीर बाबा, पुरानी सीमापुरी का पता दिया था, वहां गया। वहां उनके नियमॊं के अनुसार पहले दिन रिपोर्ट लिखवाओं और फिर अगले दिन बाबा जी बताएंगे ऐसा नमूद था तो उस दिन मै बाबाजी से मिला व सारी बातें लिखी प्रसाद चढ़ाया बतासे का और वापस आगया। ३ तारिख को मै पुनः शाम को निकल गया बाबा के आश्रम वहां उन्होंने मुझे एक नीबू दिया व बडी-२ २५ सूईयां दी और कहां गया कि इन सूईयों को इस नीबू में से आर-पार पीरो दो चूंकि आज रविवार था। अतः भीड़ भी बहुत थी तो काम आराम से ही हो रहा था पहले भक्तजनों को एकनाथ सम्प्रदाय के होने के कारण समाधी सदृश कुछ था उसे दूध से धोने का अवसर दिया और फिर पानी से तदुपरान्त भस्म से। इस प्रकार सारी प्रक्रिया पुरी हुई व भक्तजन बाबाजी के पास से दर्शन लेते हुए लौटने लगे जब कोई भक्त बाबाजी के पास आता तब वो या तो उसकी पीठ पर आशीर्वाद के समान थपथपाते या फिर अपने मोर के पंखों वाली झाडु से झाडते ऐसा चलता रहा तब तक जब तक भक्त जनों का ताँता खतम न हुआ फिर बचे हम जैसे जिन्होंने अपने हाथ में वो सूईयां पिरोयां हुआ नीबू लिया हुआ था। अतः हमें बुलाया गया और जब मेरा नम्बर आया तब बाबा ने बताया कि इसे ३साल ३ महिने से बिमारी है और किसी आदमी ने किया है आपको तीन दिन आना पड़ेगा। मैने कहां ठीक है और वह नीबू कुछ फूँककर मेरे हाथ में पुनः थमाने लगे तब मैने निवेदन किया कि मै छात्रावास में रहता हूं वहां हटका-हटकी भी हो सकती है और इसे रखने की समस्या है तब उन्होंने मुझे कहां कि यहीं इसी आश्रम के दीवार के उपर लगे तारों को बाँधते जाना। मैने ठीक है कहां और उन्होंने द�� बतासे मुझे दिये और दो समाधी के चरणों में फेंके और मै चल दिया। रास्ते में मेरे मन में खयाल आया कि ‘स्त्रीयां चरित्रं देवोऽपि न जानाति’ के आधार पर कि हर्षा से राज खुलवाने का यहीं एक अच्छा तरिका है तब जब मै मेट्रो में था तो उसका कॉल आया उस समय तो मैने इतना ही कहां कि ३ साल ३ महिनों से किसी आदमी ने तुमे कर रखा है अब तुम मुझे बताओ कि उस समय तुम किस- किसके सम्पर्क में थी? तब वो कही कि मेरी एक ही से फैण्डशिप थी बस उन दिनों। तब मेरा शक सही होता नजर आया किन्तु भीड़ होने की वजह से मैने कहां कि मै जे. एन. यु. पहुंचकर बात करता हुं। और मै जैसे ही होस्टल पहुंच ही रहा था कि उसका फोन आ गया। मैने रूम पर जाने से पहले नीचे ही उसका फोन उठाया और विस्तार से बताने को कहां तो उसने झिझकते हुए बताना शुरू किया कि मेरा एक क्लास मेट था मै बताती थी ना आपको कि उससे मेरी बनती नहीं है हम हमेशा झगड़ते रहते है वहीं लड़का। मैने पुछा नाम क्या है उसका? तो कहने लगी ‘महेश शर्मा’ । मैने कहां कब से था तो कहने लगी २०१२ से शुरु हुआ और कहने लगी मैने सोचा मेरी कास्ट का भी है पढ़ने में भी ठीक-ठाक है प्यार किया जा सकता है फिर वो मुझे जैसे कहता मै वैसे ही करती उसने मुझे हर तरह से युज किया मैने कभी बुरा नहीं माना। अगर मै कमीज के नीचे जिन्स ड़ालती तो ऐसे मत पहना कर, होस्टल में मत रहो, इसके साथ मत रहो, ये मत करो, वो मत करो, रात को ६ बजे के बाद बाहर मत निकलो, तुममें लड़कियों के कोई गुण ही नहीं है और पता नहीं क्या क्या और मै जो क्लासेस् जॉईन की थी उसके वो नोट्स मांगता मै दे देती मतलब पुरी तरह से युज करने वाली बातें और उधर उसकी एक नेहा नाम की गर्लफ्रेण्ड भी थी वो उससे भी बात करता पुछने पर कहता कि यार वो मेरे पिछे पड़ गयी थी बोलता नहीं तो क्या करता और मै ही पागल थी जो उसकी बातों पर यकीन कर लिया करती आचार्य के अन्तिम समय तक हम दोनों हर तरह से घुल-मिल गये थे मै भी उसके साथ अपना भविष्य देख रही थी फिर २०१३ मार्च में जब हम लोगों के एक्जाम्स शुरु हुए तब मैने आपको बताया था ना कि एक रौशन मीणा नाम का लड़का मेरे पीछे पड़ा हुआ है मैने कहां हां। तो बताने लगी कि वो ये सव बाते जानता था क्यों कि वो मेरे साथ के ही मकान में रहता था। वो मुझे रोज ही युनिवर्सिटी ले जाता था अपनी बाइक पर। एक दिन मै पेपर के लिए गेट से घुसी तो उसकी दूसरी गर्लफ्रैण्ड से चिपक रहा था मेरा दिल एकदम टूट गया आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे समझ नहीं आरहा था क्या करूं मेरा तो पेपर देने का भी मन नहीं था रोए जा रहीं थी तब उस समय मुझे रौशन ने बहुत सम्भाला। मै पेपर भी देना नहीं चाह री थी पर उसने कहां कि उसके चक्कर में आप अपना साल बर्बाद करेंगी देखो मै तो बस आपको गेट तक ही छोड़ सकता हूं अन्दर तो आपने ही पेपर देना है फिर मै हिम्मत करके अन्दर गयी मेरे तो आंसू ही नहीं रुक रहे थे। पेपर में मेरे जस्ट पिछे वो बैठा था और उसके पिछे मेरी फ्रैण्ड मनिषा तो मैने उसे ओल द बेस्ट कहा उसे लगा कि मुझे भी करेंगी पर मैने उसे नहीं किया और बड़ी हिम्मत से पेपर देकर आई। पेपर से बाहर आते ही रौशन ने मुझे और भी बहुत समझाया मै भी उसके पास बैठकर बहुत रोई। मुझे तो ॠचा दीदी हमेशा कहती थी कि वो तेरा युज कर रहा है पर मै ही पागल थी उसके पिछे उन दिनों दीदी ने और रौशन ने मेरा बहुत साथ दिया और रात को मै आपसे पढ़ती थी अपने आप को सम्भालकर ।फिर मैने कहां रौशन के साथ तुम्हारा क्या रिश्ता है तो कहने लगी वो भले ही मुझे लेकर सीरियस हो पर मै नहीं हूं उसे मैने पहले भी बोला था और आज भी बोलती हूं फिर मैने कहां इतना सबकुछ हुआ और तुमने मुझे कुछ भी नहीं बताया। कहने लगी मुझे लगा पता नहीं आप मेरे बारे में क्या सोचेंगे। मैने कहा मैने तो तुमे २०११ में ही प्रपोज किया था उसके बाद भी तुमने मुझे कभी नहीं बताया कि तुम एंगेज हो कहीं पर। ये तो बाबा का धन्यवाद कि उन्होने तुम्हारे सारे राज मेरे सामने खोल दिये। फिर वहीं मलहम पट्टी कि पता नहीं आप मेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे। अब मन में तो मेरे भावनाओं का तुफान चल रहा था मेरे तो पैर के नीचे की जमीं खिसकती हुई नजर आ रही थी तव भी मैने इतना ही कहां कि नहीं, मै कुछ नहीं सोच रहा बस यहीं सोच रहा हूं कि तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया जब कि मै तुम्हारे साथ पिछले ६ साल से हूं। चलो, मैने कहां कोई नहीं मै अब खाना खाता हूं रुम पर पहुंच गया हूं। और फोन काट दिया। अब मेरे दिली की हालत बुरी एक अजीब सा प्रेशर बन रहा था पेट में अजीब सी मुड़न लग रहीं थी जी घबरा रहा था heart bit बड़ गयीं थी। अंकुश ने खाना रखा था पर मुझसे बड़ी मुश्किल से एक रोटी खाई गयी मैने ये बात अंकुश को भी बताई उसे भी दुख लगा उसने यहीं कहां कि यार तुम बहुत सीधे रह गये जब तक लड़की के साथ कुछ कर न लो वह रिश्ता कमजोर ही बना रहता है मैने कहां यार मै तो लड़की के कन्धों पर भी हाथ रखने से ड़रता हूं बाकि सब तो बहुत दूर की बात है। फिर मै आकर अपने लैपटॉप पर कुछ देखने लग गया हालांकि दिल कहीं पर भी नहीं लग रहा था पर क्या करूं कुछ तो करना ही था। मुझे रात भर नीन्द नहीं आई जैसे तैसे रात कटी और रात को मैने उसे नवाज़ देवबन्दी शायर का एक शेर भेजा – ये बार-ए-फ़लक हमने जमीं पर नहीं रखा, थककर किसी कान्धे पर कभी सर नहीं रखा। और क्यों ठोकरें लगती हैं हमें अक्सर कि हमने कभी किसी के रास्ते में कोई पत्थर नहीं रखा ॥ अगले दिन ४ की शाम को फिर मै बाबा के दरबार की तरफ चल पड़ा वही प्रक्रिया १ नीबू और २५ सूइयां पिरोने वाली चलती रही मै वहीं पर वो थैली टांग दी और वापसी की ओर चल पड़ा इस बीच उसका फोन आया तो कहने लगी कहां हो, मैने कहां मै बाबाजी के पास आया था तो कहीं के मुझे आपका पिन कोड़ कन्फर्म करना था और आपका फोन नहीं लग रहा था तो मैने ममता जी को फोन किया “आपने उन्हे बता दिया सब कुछ?” मैने कहां कि मेरे पास कन्धा रखने के लिए एक ही जगह थी तो कल रोया बहुत उन के पास जाकर फिर मैने कहां कि अभी मै बाबा जी के मन्दिर में हूं वापस पहुंचकर कॉल करता हूं। फिर मैट्रो में भी उसका बहुत बार फोन आया मैसेज् भी आया कि बट् ये तो गलत है ना कि आपने उन्हें बताया पर मैने किसी भी फोन का रिस्पॉन्स नहीं दिया और मैसेज कर दिया कि जे एन यू पहुंचकर कॉल करता हूं और मै फिर ग्रीनपार्क उतरा और नागेश को अब तक की ये सारी घटना बतायी क्योंकि वो पुरानी भी सारी घटनाओं से वाकिब था और फिर उसे अपनी बहन की शादी के लिए २५०००/- उधार दिये और जे एन यु आगया और ममता मैम को फोन किया मैम नीचे आई उन्हे आज की सारी बात बताई और फिर उन्होंने धीरज बँधाया और मैने उसे कॉल किया मैने उसे बहुत कुछ बोला कि तुमसे मै पिछले ६ साल से बात कर रहा हूं पर तुम्हें मुझ पर जरा भी तरस नहीं आया तुमने जरा भी जरूरी नहीं समझा कि मुझे बताये या साफ-२ बोल देती कि मै किसी और से प्यार करती हूं आप दूर ही रहें पर नहीं तुम्हे दोनों तरफ की मलाई खानी थी इसे मैड़म! जानबूझकर की गई बदमाशी कहते है। वो तब भी ये मानने के लिए राजी नहीं थी कि उससे गलती हुई है करके मुझे कह री कि नीची आवाज में बात करों मैने कहां आज तो होकर रहेगा आर या पार धोखेबाज कहीं की अरे! मै तो तुमसे इतना वफादार था कि एक सिगरेट का कश्त मैने गलती से क्या मार लिया था वो भी तुम्हे बताया मैने और तुमने मुझसे धोखा किया तेरी हर ख्वाहिश पुरी करने की कोशिश की मैने पर तुमने तो मेरा ही गला काट दिया। फिर भी इतना बोलने पर भी उसे इसकी चिन्ता नहीं कि मेरे पर क्या बीत रहीं है उसे ये चिन्ता कि ममता मैम उसके बारे में क्या सोच रही होगी मैने कहां हां तुम उन सबकी चिन्ता करो कि ममता मैम क्या सोच री है अंकुश क्या सोच रहा है पर ये मत सोचो कि जिसके साथ तुमने दगा किया है वो क्या सोच रहा होगा मर रहा कि जी रहा होगा मुझे बीच में ही कहती है कि आपका भी तो अपनी क्लास की संगीता के साथ चक्कर था। मेरा एकदम खून खौल गया मैने कहा कमिनी ! अपनी तरह ही सोंच रही हो क्या लोगों को तुम, उसके बारे में मैने क्या तुम्हे बताया नहीं कि कैसे उसने मेरा यूज़ किया और तुम! अपने आप को देखॊ कि तुमने कितनी बड़ी सच्चाई छुपाई है मुझसे। सारी दुनियां को खबर है तेरे करतूतों के बारे में पर जो सबसे ज्यादा चाहता है उसे कोई खबर नहीं। झूठ पर झूठ बोलती रहीं और मुझे यूज करती रही फिर जब इतना लैक्चर दिया मैने तो सिसकियां भरते हुए कहती है कि हां मुझसे ये गलती हुई है मुझे आपको बता देना चाहिए था पर ये नहीं मान रहीं थी कि उसने धोखा दिया है करके। फिर जब वो रो रही थी मैने अपना फोन काट दिया और ममता मैम से बात करने लगा मैम इस सारी बातों की साक्षी थी। लेकिन मै नरम पड़ता नजर आया अब ये जाहिर सी बात थी कि जिसे हमने दिल से चाहा हो उसे हम दुखी कैसे देख सकते है। फिर थोड़ी देर बाद उसका कॉल आया और मै तो पहले से ही नरम पड़ा हुआ था तो मैने नॉर्मली ही उससे बात करी कि और तुम ठीक हो, तबियत ठीक है। चलो, अब कल के दिन जाना है बाबा ने आज मुझे वैसे भी पुछ लिया कि इसके लिए तुम क्या त्याग सकते हो( जब कि ऐसा कुछ भी बाबा ने नहीं बोला था) तो मैने उन्हें कहां है कि बाबाजी ! मै दारु,बीड़ी, सिगारेट, आदी कुछ भी नहीं करता कि मै उसे छोड़ दूं बस! ले देकर यहीं एक हमारा रिश्ता है जिसमें अब विश्वास बिल्कुल भी नहीं रहा है। मै फिर भी एक बार सोंच कर बता देता हूं कल आपको। लेकिन आश्चर्य कि बात तो ये है कि इतना बोलने पर भी अगली ने ये नहीं कहां कि ऐसा मत करो या ऐसा क्यु कर रहे हों। इसी से बात स्पष्ट हो गई थी कि उसे मेरी जरूरत नहीं है उसके पास बहुत से विकल्प है पर वो सिसकियां भर रही थी फोन पर। मैने फिर कहां मैड़म ! मैने तुम पर खुद से ज्यादा यकीन किया है तो कहने लगी कि मैने कब आपसे कहां कि मै आपसे शादी करूंगी करके या आपसे प्यार करती हूं करके? मैने कहां, कहां नहीं लेकिन ना भी तो नहीं किया ना मुझे हूक अप करके रखा समस्या तो हां ना के जवाब में ही है। तो कहने लगी जब ऐसा कहां ही नहीं तो ना कि बात ही नहीं उठती। मैने कहां तो फिर बातें क्यों करती रहीं और अपनी डीमाण्ड्स क्यो रखती रही मेरे सामने? इसका मतलब कोई भी बन्दा क्या समझेगा? मैने कहां तुम जरा सोंचकर देखो तुममें और उस तुम्हारे आशिक में फर्क क्या है? जो उसने तुम्हारे साथ किया वहीं सेम तुमने मेरे साथ किया है वहां तुम उससे प्यार करती थी और वो तुम्हारा युज़ करता रहा और यहां मै तुमसे प्यार करता था और तुमने मेरा युज किया। फिर दोनों में फर्क क्या है। और मैने कहां तुम्हे दुख फिर भी नहीं है। चलो कोई नहीं अब अपने रिश्ते के बस दो ही दिन बचे है। खूश रहो मैड़म तुम जी लो अपनी जिन्दगी। आगे से बस किसी को ऐसे मत फंसाना क्यों कि सारे भूपेन्द्र नहीं हुआ करते मैने कहां अभी तुमने दुनियां देखी कहां है मैड़म ! ऐसे ही नहीं कोई किसी की मदत करता है यहां? मैने कहां मै तुम्हे बताता हुं दुनियां क्या है कि एक छोटा लड़का एक अधेड उम्र के बडे आदमी के पास जाता है कि ‘बाबूजी ! कुछ खाने को दे दो भूख लगी है और वो आदमी जानती हो क्या कहता है कि बेटा मै तो तुम्हारी भूख मिटा दूंगा पर पहले तुम्हें मेरी जिस्मानी भूख मिटानी होगी।‘ ये है दुनियां! इसलिए कोई नहीं। जो हो गया सो हो गया अबके से किसी पर भी विश्वास मत कर लेना। और मैने कहां कि ये जो नकार है ये कोई मुझे मेरी कास्ट के कारण थोड़े ही मिल रहा है? बल्कि ये मै आर्थिक रूप से कमजोर हूं इस कारण मिल रहे है। यहां फिकर है किसे मेरी, मेरे खुद के माँ-बाप मेरे ना हो सके तो कोई और कैसे हो सकता है। खैर! चलो छोड़ो कोई बात नहीं, वैसे भी नेकी करने वालों के कदमों में हमेशा ही काँटे ही बिछे होते है। इन सारी बातों दौरान वो हामियां भर रही थी और सिसक रहीं थी। फिर मैने अन्त में कहां ठीक है तुम अपना ख्याल रखना, कल जो भी बाबाजी कहेंगे वो मै तुम्हें बता दूंगा। फिर रुम पर आया अंकुश ने खाना रखा ही हुआ था और खाकर कुछ करने का प्रयास कर रहा था पर कुछ भी करने का मन ही नहीं कर रहा था। तो ये भी रात ऐसे ही बीती। ५/१/१६ – सारे दिन भर बस सोचता ही रहा। न मैने उसे फोन या मैसेज किया और न ही उधर से कोई आया। शाम फिर मै बाबाजी के दरबार गया और वहां से उसे मैसेज किया कि –जी पाओगी अकेले मेरे बगैर? मेरा तो जीना मुश्किल सा हो गया है बट फिर भी, अभी बाबाजी को बताने का वक़्त आगया है. तब उधर से प्रत्युत्तर आया कि – अरे मैने हमेशा चाहा है कि एक फ्रैण्ड के तरह तो आप हमेशा साथ रहो पता नहीं अब ये क्या हो गया है समझ नहीं आरहा क्या करुं. मैने फिर कहां कि – हाहाहा.. इस पर बात तो हो ही चुकी है कई बार कि जिस लेवल पर तुमे चाहा है उसके नीचे सोचना मेरे लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है एनिवे आई थिंक तुम्हारे पास ओप्शन्स हैं तुम जी लोगी कोई ना थैंक्स. हर्षा – देखो मुझे पता है आपकी हालत बहुत बुरी हो रही है प्लीज़. अरे मै किसी का दिल नहीं दुखाना चाहती हूं मुझे अच्छे से पता है वो दर्द वो तकलीफ़ क्या होती है. मैं (लगभग एक घण्टा २२ मीनट के बाद) – चलो जी तुम्हारी सिरदर्दी खतम हुई कल अपने रिश्ते का लास्ट डे है मम्मी को बता देना कि इस रिश्ते को बाबा के पास डैडिकेट किया है कल ही लास्ट बात उनको कहना कि कर लें. कोई और बात या कन्फेशन हो तो वो भी कल तक कर लेना उसके बाद डाइरेक्टली कम से कम छः मन्थ तक तो भी कोई कोन्टैक्ट न हो ये ध्यान करना इनडाइरेक्ट चलेगा. इसके बाद फ्युचर में अगर टकराए हम तो उसका पिछले से कोई मतलब नहीं होगा ऐसा बाबा ने कहां है. परसों से चालिस दिन के बाद क्या कुछ असर हो तो ममता जी के थ्रू बता देना. चालिस दिन उठने के बाद सोने पहले कम से कम दिन में दो बार बाबा गोरक्षनाथ का नाम लेना. बाकी मै इधर का देख लुंगा. हर्षा – ठीक है मै बता दूंगी आप अपना ध्यान रखना. इसके इस लास्ट मैसेज के बाद मेरी उससे कोई बातचित नहीं हुई और मै उस हालात में भी नहीं था कि बात करूं और करूं तो कौन्सी बातें करूं. अतः रात इसी उधेड़बुन में निकली कि कैसे होगा मेरा. और एक डर भी सताने लगा कि सुनते रहते है हम कि बच्चे पी.एचडी करते करते फ्रस्टेटेड हो जाते हैं और उसका कारण यह भी एक है जो मेरे साथ अभी हो रहा है तो क्या मै भी ऐसे ही हो जाउंगा. अतः अब मुझे ड़र भी लगने लगा था क्योंकि अब तो प्यार के दो मीठे बोल भी बोलने वाला कोई न था लेकिन रात तो कट ही गयी। ६/१/२०१६ दिन भर मेरी उससे कोई बात नहीं हुई। जब मै वहां बाबा के दरबार पहुंचा तो उसका मैसेज आया कि – अपना ध्यान रखना. फिर मैने थोड़ी देर सोचकर रिप्ले दिया कि – वेन्टीलेशन पर रखकर बोल रहीं हो आप अपना ध्यान रखना. चलो कोई ना. एक बात तुमे और बता देता हूं जो बाबा ने बताई कि तुम्हारी डेथ होने वाली थी ८ साल ३ महिने के बाद अब कम से कम कुछ ना हो तो भी डेथ टाल दी गई है. तुम मेरा कर्ज नहीं चुका पाओगी मैडम लाख कोशिश कर लो. और तुमने अपनी मम्मी को बताया कि नहीं ? कॉज कॉल नहीं आया. हर्षा – माँ हरियाणा है एण्ड उनसे क्या बोलुंगी कुछ नहीं समझ आरहा है एण्ड माँ मामा के घर पर है कुछ बता भी नहीं सकती अभी. एण्ड डेथ होने वाली थी तो ये तो अच्छा ही था ना. मैं – हम्…. सोच तो मै भी रहा हूं कि अच्छा ही था बट दिल मेरा फरेब नहीं कर सकता ना वो नहीं मानता ना. हर्षा - मेरे पास कोई भी वर्ड नहीं है जो आपको बोल सकूं. मैं – कोई ना. वैसे कुछ किसी तरह का असर है ? वैसे एक बात बता दूं अगर असर हो तो भी शान्त रहना और ना हो तो भी हाय-तोबा ना करना. कॉज ये चीजें कई देर बाद भी असर करती रहती है विश्वास की बाते है सब. हर्षा – अरे , डेथ वाली बात तो अच्छी ही थी ना तो क्यों बोला उन्हें टालने के लिए. मैं – हम्म्…. कोई नहीं अब नैचुरल डेथ होगी ये बेमौत थी ये होकर भी यहीं रहती कहीं न जाती. हर्षा – पता नहीं क्या हो. मै. – जिसने बराबर से अपनी मतलब की चीजों को ही चुना है उसका क्या कुछ बुरा हो सकता है? अच्छा ही होगा उसका तो डेफिनेटली. दुनियां बेवकुफों से भरी पड़ी है एक कट जाएं १० आजाते हैं. हर्षा - ठीक बात बोल रहे हो ये तो आप. मैं- अच्छा है बेबी तुम जीयो हजारों साल. कभी कोई कमी न खले किसी चीज की बस यहीं दुआ है. हर्षा - अरे नहीं जीना इतना. मैं – आज सारा सामान लाया हूं बाबाजी के पास ये लास्ट दिन है फिर जो वो आदेश देंगे वो मै तुमे बता दूंगा. ( आज सामान लाने की दास्तां बहुत बुरी रहीं क्योंकि अजीबोगरीब सामान की लिस्ट थी जो एक जगह पर मिलना मुश्किल था और उपर नोंक-झोंक का भी ड़र था। अतः शाम को जाते समय मैने के.सी. से गीला नारीयल छीला हुआ ले लिया और दो खाने वाले पान भी ले लिए और चल पडा पुरानी सीमापुरी की तरफ। वहाँ पहुँचकर पुरानी सिमापुरी का मार्केट मेरे लिए अपरिचित था पूर्णतः। अतः लोगों से पुछते पुछते रास्ते में एक मिठाई कि दुकान मिली वहां से ७ तरह की मिठाईयां २५० ग्राम के उपर होनी थी वह ले ली हालांकि एक एक पिस ही आ सका सभी मिठाइयों का। उसके बाद आगे बढ़ा तो एक पूजा की दुकान पर ७ जायाफल, दो फूल मालाएं, एक चन्दन डीब्बी, एक माचिस, एक धूपबत्ती का पैकेट ये सब ले लिया। अब बचे १ इन्च साईज १० नम्बर के ७ किल। इसके लिए पता नहीं कितने दूर निकल गया मै और तो और रास्ता भी भूल गया था पर मिले ही ना, फिर किसी एक बड़ी सी दुकान पर वो मुझे मिले और मै लेकर सीधे बैटरी वाला रिक्शा किया और बाबाजी के दरबार पहुंच गया।) हर्षा – ठीक है मेरा कुछ भी बोलना गलत ही लगेगा आपको शायद आपको ये ही लग रहा होगा कि मुझे दुख नहीं होगा क्या मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. ठीक है. मै. – मै जानता हूं तुम्हे दुख होगा बट तुम्हारा कोई अफेक्शन था ही नहीं मेरे लिए तो बस मामूली ही होगा. कल से तुम फिर अपनी लाईफ जियोगी बट मेरा क्या? मैने अपना एम.ए. का गोल्डन पीरियड खाली तुम्हारे लिए फूंक दिया वरना आज मेरा भी कोई हमसफर होता. तुमने कभी ऐसा सोचा है. आज मै इस दुनियां की भीड़ में बिल्कुल अकेला हूं. इस २७ साल में मैने क्या पाया क्या खोया इस बारे में जब सोचता हूं तो पाता हूं कुछ नहीं पाया अभी तक अकेला हूं बट खोया बहुत कुछ. लेकिन खैर, अच्छा अनुभव रहा. जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है. मुझे वैसे तुमसे रिश्ता रखने के लिए सबने मना किया था सिवाय एक ममता के बट मैने भी तो किसी की भी नहीं सुनी ये वहीं हुआ जो उन सबने प्रीडिक्ट किया था. अब जबकि जीत उन सबकी हुई है समझ नहीं आरहा किस मुँह से उनसे कहूँ कि सॉरी दोस्तो. लेकिन इन सबमें भी एक बात तुमने मिसाल रखी कि दोस्ती की डेफिनीशन ही बदल कर रख दी. अगला बन्दा एण्ड तक कन्फ्यूज रहा कि वो बॉयफ्रैण्ड था या फ्रैण्ड! कॉज दोनों के अपने-२ लिमिटेशन्स होते हैं बट तुम तो फ्रैण्ड से भी बॉयफ्रैण्ड की तरह पेश आई. धन्य हो मैडम तुम धन्य हो. हर्षा - ठीक, सब चीजों के लिए मै ही दोषी हूं बट मैने हमेशा ही मना किया इनसब के लिए. मैने आपको कभी बॉयफ्रैण्ड नहीं बोला था ना हीं इस धोखे में रखा था. मै तो कितनी बार आपको मना कर चुकी थी इन सब के लिए. मैने आपको पहले ही बोला था कि मै आपसे शादी नहीं कर सकती अगर मै ये आपको ना बोलती फिर बात करती तब तो आप मुझे झुठा बोलते ना. अगर आपको लगता है कि मै धोखेबाज हूं तो मै कहती हूं कि मेरी डेथ हो वो भी आने वाले २ ईयर में. मै किसी का दिल नहीं दुखाना चाहती हूं. पहले ही पता नहीं कितनी बद्दुआ ले रखी है जो ये हालत हो रखी है. मुझे अच्छे से पता है दर्द क्या होता है. क्या गुजरती है. क्या हालत हो जाती है इन्सान की. आप ये बताओं मैने आपको कहाँ धोखे में रखा. मैने तो आपको बताया तो था. अब ऐसी बद्दुआ भी लेकर क्या जीना. मै. – बाबा ने तावीज दिया है उसकी विधि बता रहा हूं. – तावीज़ पर पहले पन्नी चढाना फिर लाल कपड़े में लपेटकर उसे लाल सिलाई वाले धागे से बाँधना है और काला मोटा कलाई वाला धागा उसके दोनों छेदों से निकालकर गले में पहनना है. कभी भी नहीं उतारना. किलें दी हैं ७. उसे भी लाल कपडे़ में लपेटकर उसे लाल ही कलर का कलावे वाला धागा बाँधकर उसे छुपाकर या मन्दीर में रखना है मै ये सब ममता मैम के हाथों भेज रहा हूं. उसमें फिर से एक चिठ्ठी में समझा दूंगा. कल वो आजायेंगी ये काम कल रात के १२ बजे तक ही पुरा हो जाना चाहिए. सो उससे ले लेना. हर्षा – लाल धागा कोन्सा होता है कुछ समझ नहीं आरहा. मैं. – एक होता है जिससे कपड़े सिलते है और एक जो मोटा होता है लोग अक्सर कलाई में बाँधते हैं. तुमने देखा होगा लाल और काला धागा स्टेशनरी की दुकान पर पता कर लेना. हर्षा – मुझे तो कुछ समझ नहीं आरहा. मैं. – लाल धागा नहीं देखा तुमने कभी ? चलो फिर मै रुम में पहुंचकर कॉल करके बता दूंगा उसे तुम लिख लेना. उसके बाद मैने ममता मैम को फोन कर लॉन में बुलाया और सारे मैसेजेस् उसे दिखाये तभी उसका भी कॉल आ गया। तब मैने उसे वहीं सारी बातें समझायी ठीक से और कहां कि कल मैम से किसी भी हालत में इसे लेलेना और जैसे कहां वैसे बना लेना, उसने ठीक है कहकर हामी भरी। फिर मैने उसके मैसेजेस् के उत्तर देने शुरू किये। मैने कहां तुमने बेशक मुझे अपना बॉयफ्रैण्ड नहीं माना पर कभी ना भी तो नहीं बोला मूँह से, हमेशा गोले देते रहीं। तुमने हर्षा मुझे नहीं बल्कि स���्चे दिल को तार-तार किया है पर फिर भी मै तुमे कुछ नहीं कहूंगा सिवाय इसके कि ऐसी भद्दी मजाक दोबारा किसी से मत करना वरना हर कोई भूपेन्द्र नहीं है जो हल्के में छोड़ देगा तुम्हे। फिर ऐसी ही कुछ बाते करके मैने फोन काट दिया और मैम को वो सारी चीजें देकर रूम पर पहुंचा। तकरीबन तब ११ बज रहे थे। फिर उसका कॉल आया। अब तो जो बोलना और सुनाना है सुनाकर मै भी फ्रि हो चुका था कुछ अपनी भी गलतियाँ समझ में आ ही गयी थी अतः मैने इस किस्से को प्यार भरी विदाई में परिणत करना ही उचित समझा और तब मैने उससे प्यार भरी और उपदेशात्मक बातें की उसने भी मेरे हितचिन्तन की ही बातें कहीं, इस दरम्यान वह जुकाम से सिसक रही थी और उसे माईग्रेन भी हो रहा था हाथों का दर्द भी बढ़ गया था। मैने उसे समझाया और अन्त में उसके जीवन के लिए मंगल कामना कर के फोन काट दिया तब ११:५५ बज चुके थे और अन्त में मैने एक शेर मैसेज किया और मेरे इस एक तर्फा प्यार का अन्त हुआ : हो अजब तरह की इनायतें हो अजब तरह की शिकायतें। तुझे मुझसे शिकवे हज़ार हो मुझे तुझसे कोई गिला न हों॥
0 notes