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गर्भपात (Abortion) को रोकने के घरेलू उपाय (home remedies) Stock Photos गर्भपात को रोकने के लिए कुछ घरेलू उपाय कभी-कभी मदद करते हैं। चलिये कुछ (some) प्रमुख 9 घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं। यह भी पढ़ें -: Menstrual । मासिक धर्म संबंधी विकार 1. हिंग गर्भपात रोकने (To prevent) का घरेलू उपाय हींग से प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अपने खाने में हींग का प्रयोग करना चाहिए। जिससे महिलाओं (Women) में गर्भपात की समस्या कम (bacha rokne ke upay) हो जाती है इसलिए शुरुआती महीनों में महिलाओं को गर्भपात के खतरे से बचने के लिए हींग को अपने खाने में शामिल करना चाहिए। 2. अनार के पत्ते (Pomegranate leaves) अनार का पत्ता गर्भपात रोकने में करे मदद (help)अगर अचानक से महिला को रक्तस्राव (खून) बहने लगा हो तो अनार के ताजा पत्ते (100 ग्राम) लेकर पानी मिलाकर अच्छी तरह से पीसकर छान लें। छने हुए पानी या जूस को गर्भवती महिला को पिला दीजिए। छने हुए पानी के बाद बचे हुए लेप को पेट के नीचे भाग यानि पेडू पर लगा दे। ऐसा करने से रक्तस्राव या खून बहना रुक जायेगा। 3. विटामिन C (Vitamin C) संतुलित मात्रा में करें विटामिन सी का सेवन प्रेंग्नेंसी के समय महिलाओं को विटामिन-सी की बहुत जरूरत होती है। क्योंकि ये आयरन की कमी को पूरा करता है और भ्रूण का विकास होने में मदद करता है। शिशु की इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है। जैसे; पत्ता गोभी, टमाटर, स्ट्रॉबेरी, संतरा आदि खाना चाहिए लेकिन इस बात का हमेशा ध्यान में रखें कि विटामिन-सी का इस्तेमाल बहुत अधिक मात्रा में ना करें 4. गाजर (carrot) Stock Photos यह भी पढ़ें -: excitement | यौन उत्तेजना।टैबलेट्स का असर सही या गलत? गाजर का सेवन गर्भपात रोकने में फायदेमंद गर्भावस्था में एक गिलास दूध में एक गाजर का रस मिलाकर उबालें, जब आधा रह जाए तो इसे गर्भवती महिला को पीने के लिए देना चाहिए। इसका प्रयोग प्रतिदिन (every day) करना फायदेमंद (Beneficial) होता है। जिन महिलाओं का गर्भ नहीं ठहर रहा हो वह इस नुस्खे क�� आजमा सकते हैं,इससे अवश्य फायदा मिलेगा। यह नुस्खा बहुत-सी महिलाओं के लिए कारगर साबित हुआ है 5. काला चना काला चना का सेवन गर्भपात रोकने में फायदेमंद गर्भपात का भय अगर लगातार बना रहता है तो ऐसे हालात में काले चने का काढ़ा बहुत लाभप्रद होता है। यह भी गर्भपात की संभावनाओं को टालता है। 6. सोंठ (Dry gourd) गर्भपात रोकने के लिए सोंठ का इस्तेमाल गर्भधारण करते ही महिलाओं को रोजाना 250 ग्राम दूध में आधी चम्मच सौंठ, चौथाई चम्मच मुलहठी मिलाकर पीने से भी गर्भपात का खतरा नहीं रहता है। 7. पलाश के पत्ते पलाश के पत्तों से गर्भपात पर रोक गर्भधारण के लिए पलाश के पत्ते वरदान से कम नहीं है। गर्भधारण के पहले महीने में एक पत्ता, दूसरे महीने में दो पत्ते इसी तरह हर महीने के हिसाब से उतने पत्ते दूध में मिलाकर गर्भवती स्त्री को दिया जाए तो गर्भ सुरक्षित रहता है। 8. लौकी का जुस (Gourd jus) गर्भपात को रोकें लौकी के जूस से जिन महिलाओं को बार-बार गर्भपात की समस्या होती है उन महिलाओं को नियमित तौर पर लौकी का जूस या सब्जी खिलानी चाहिए। जिन महिलाओं को गर्भावस्था के कुछ समय बाद खून आने लगता है। जिनके कारण गर्भपात होने का अंदेशा लगता है तो उस समय एक चम्मच पिसी हुई फिटकरी को कच्चे दूध के साथ पानी मिलाकर लेने से गर्भपात रुक जाता है। 9. जौ जौ का सेवन गर्भपात रोकने में फायदेमंद 12 ग्राम जौ के आटे को 12 ग्राम पिसे काले तिल और 12 ग्राम पिसी मिश्री मिलाकर आधा-आधा चम्मच रोज शहद के साथ चाटने को दें। इससे बार-बार होने वाला गर्भपात रुक जाता है। डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? महिलाओं को जब गर्भवती होने की जानकारी मिलती है उसी समय डॉक्टर से सम्पर्क कर लेना चाहिए क्योंकि गर्भपात 80 प्रतिशत महीने के शुरुआती दिनों में ज्यादा होता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को महीने की शुरुआती दिनों में डॉक्टर से सम्पर्क कर लेना चाहिए, जिससे पता चल सके कि आप और आपका बच्चा स्वस्थ है या नहीं।
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पपीता के पत्ते के जूस के फायदे और नुकसान – Papaya Leaf Juice Benefits and Side Effects in Hindi
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पपीता के पत्ते के जूस के फायदे और नुकसान – Papaya Leaf Juice Benefits and Side Effects in Hindi
पपीता के पत्ते के जूस के फायदे और नुकसान – Papaya Leaf Juice Benefits and Side Effects in Hindi vinita pangeni Hyderabd040-395603080 October 28, 2019
सब्जियों के साथ-साथ फलों का सेवन भी संतुलित आहार का हिस्सा होता है। फलों की बात करें, तो पपीता भी गुणकारी फलों में से एक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ पपीता ही नहीं, बल्कि पपीते के पत्ते भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। स्टाइक्रेज के इस लेख में हम आपको पपीते के पत्तों के जूस के फायदे के बारे में प्रमाण के साथ जानकारी देने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं सेहतमंद रहने के लिए आप किस तरीके से पपीते के पत्तों का रस बनाकर उपयोग कर सकते हैं, यह भी आपको इस लेख में पढ़ने को मिलेगा। तो अब विस्तार से पपीता के पत्ते के जूस के फायदे के बारे में जान लेते हैं।
विषय सूची
पपीता के पत्ते के जूस के फायदे – Benefits of Papaya Leaf Juice in Hindi
1. डेंगू बुखार
डेंगू के प्रकोप से लगभग हर कोई परेशान है। डेंगू वायरस के कारण अक्सर लोगों को बुखार हो जाता है। यह बुखार हर वर्ष देशभर में कई लोगों की जिंदगी छीन लेता है। इस जानलेवा वायरस की वजह से तेज बुखार, दाने और तेज सिरदर्द, जोड़ों व मांसपेशियों मे��� दर्द, कंपकंपी और आंख में दर्द की समस्या होती है। डेंगू वायरस आखिर में शरीर में प्लेटलेट को इतना कम कर देता है कि लोगों की मौत भी हो जाती है।
ऐसे में आप पपीते के पत्ते का 25 एमएल रस दिन में दो बार ले सकते हैं। इससे आपके प्लेटलेट काउंट बढ़ने में मदद मिल सकती है और संक्रमण की गंभीरता कम हो सकती है। दरअसल, पीपते के पत्ते के अर्क में आवश्यक बायोएक्टिव यौगिक होते हैं, जैसे पपैन (Papain), कायमोपोपीन (Chymopapain) और कैरिकेन (Caricain), जो डेंगू बुखार के प्रभाव को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं (1)।
2. एंटीमलेरिया
पपीते का सेवन मलेरिया के लिए भी बेहतर माना जाता है। पपीते के पत्ते, फल, बीज और जड़ में एंटीमलेरियल (Antimalarial) गुण होते हैं (1)। खासकर, पपीते के पत्ते के एंटीमलेरियल (Antimalarial) गुण रक्त में मौजूद पैरासाइट्स को खत्म करने का काम कर सकते हैं, जिस कारण मलेरिया की रोकथाम में मदद मिलती है। आप पपीते के पत्ते के रस का रोजाना सेवन कर सकते हैं (2) (3)।
3. पाचन प्रक्रिया और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर
पपीते की पत्तियों में कारपैन (Karpain) के रासायनिक यौगिक होते हैं, जो पाचन क्रिया में बाधा डालने वाले सूक्ष्मजीवों (माइक्रोऑर्गेनि��्म) को खत्म करने का काम करते हैं, जिससे पाचन क्रिया में सुधार हो सकता है (5)। इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (Gastrointestinal Disorder) जैसे इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से राहत पाने में मदद मिल सकती है (6)। साथ ही इसके सेवन से अल्कोहल की वजह से होने वाले गैस्ट्रिक की समस्या या गैस्ट्रिक अल्सर को भी ठीक करने में मदद मिल सकती है (7)।
4. लिवर
लिवर संबंधी रोग का कारण कई बार हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (Hypercholesterolemia) यानी उच्च कोलेस्ट्रोल हो सकता है (8)। आप इस समस्या को पपीते के पत्ते के रस का सेवन करके कम कर सकते हैं। पपीते के पत्ते का जूस कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करके आपके रक्त को साफ करता है और आपको लिवर संबंधी परेशानियों से बचाए रखने में मदद कर सकता है (9)। इसके साथ आपको अपनी जीवनशैली और खान-पान में भी बदलाव करने जरूरी हैं।
5. इम्यूनिटी को बढ़ाए
पपीते के पत्ते का जूस आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाकर आपको बीमारियों से बचाने में मदद करता है। दरअसल, इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (Immunomodulatory) गुण होते हैं, जिसकी मदद से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली, शरीर की जरूरत के अनुरूप काम करती है (10) (1)। इससे कई बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है।
6. एंटी-कैंसर
पपीते के पत्ते के जूस में मौजूद इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (Immunomodulatory) प्रभाव की वजह से यह कैंसर जैसे प्राणघातक बीमारी से भी लड़ने में मदद कर सकता है। इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव शरीर में बढ़ रहे कैंसर सेल्स और ट्यूमर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकता है (10)। साथ ही इसमें ऐंटी-कैंसर गुण भी मौजूद हैं, जो कैंसर के जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं (11)।
7. एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीनोसाइसेप्टिव
पपीते के पत्ते में भरपूर मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह गुण शरीर में किसी भी तरह के सूजन (लालिमा, सूजन और दर्द) के प्रभाव को कम कर सकते हैं (12)। साथ ही इसमें एंटीनोसाइसेप्टिव (Antinociceptive) प्रभाव भी होते हैं। एंटीनोसाइसेप्टिव एजेंट न्यूरोन्स और तंत्रिका तंत्र में दर्द पैदा करने वाले और हानिकारक तत्व का पता लगाकर उन्हें रोकने मदद कर सकते हैं (13) (14)।
8. त्वचा के लिए
पपीते के पत्ते का ��ेवन आपकी त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी और ई आपकी त्वचा क�� सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने के साथ-साथ झुर्रियों को भी दूर करने में मदद कर सकते हैं (15) (16)। खासकर, विटामिन-सी आपके कोलेजन (त्वचा के लिए जरूरी प्रोटीन) को बनाने में मदद करता है और त्वचा में कसावट लाता है (17)।
9. डैंड्रफ
डैंड्रफ न सिर्फ बालों के लिए नुकसानदायक है, बल्कि कई बार शर्मिंदगी का कारण भी बन जाता है। ऐसे में आप पपीते के पत्ते के घरेलू नुस्खे को अपनाकर डैंड्रफ से छुटकारा पा सकते हैं। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है कि पपीते की पत्तियां डैंड्रफ को पूरी तरीके से दूर कर सकती हैं या नहीं, लेकिन आप पपीते के पत्ते से निकले रस से स्कैल्प की मसाज कर सकते हैं। इसके अलावा, पपीते के पत्तों को पीसकर इसके पेस्ट को स्कैल्प पर लगाकर इसका असर देख सकते हैं। यह सुझाव हम आपको लोगों के अनुभव के आधार पर दे रहे हैं।
इसके अलावा, पपीते के फल का इस्तेमाल सीधे तौर पर आपके स्कैल्प को साफ करके रूसी की समस्या को दूर करने के लिए किया जा सकता है (18)। ऐसे में माना जाता है कि पपीते की पत्तियां भी रूसी की समस्या में असरदार साबित हो सकती है। पपीते के फल में पाए जाने वाले अधिकतर गुण पपीते के पत्तों में भी मौजूद होते हैं।
10. बालों के लिए
बालों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी पपीते के पत्ते के रस का इस्तेमाल किया जा सकता है। पपीते की पत्तियों को आपको पानी में उबालकर ठंड़ा होने के लिए रखना होगा। इसके बाद इस पानी को आप बाल साफ करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। माना जाता है कि इससे बाल अच्छी तरह से साफ हो जाते हैं। बालों से गंदगी दूर होने की वजह से बाल स्वस्थ रहते हैं। आप इसका लेप बनाकर बतौर हेयर मास्क भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
दरअसल, पपीते के पत्ते में मौजूद विटामिन-ई और सी दोनों पोषक तत्व बालों के लिए जरूरी होते हैं। यह झड़ते बालों की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं (15)। खासकर, विटामिन-ई बालों को फ्री-रेडिकल्स की वजह से बालों को होने वाली क्षति (असमय सफेद होना और झड़ना) से बचाने में मदद कर सकता है (19)।
पपीते के पत्ते का रस किस तरह आपको फायदा पहुंचाता है, यह तो आप जान ही चुके हैं। अब हम आपको पपीते के पत्ते के जूस में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में बताएंगे।
पपीता के पत्ते के जूस के पौष्टिक तत्व – Papaya Leaf Juice Nutritional Value in Hindi
पपीते के पत्ते में अल्कल��इड कार्पेन (Alkaloids carpain), स्यूडोकार्पैन (pseudocarpain), डीहाइड्रोकार्पाइन I व II (dehydrocarpaine I and II), कोलीन (choline), कारपोसाइड (carposide) और विटामिन सी व ई (vitamin C and E ) पाए जाते हैं। इसके अलावा, पपीते के पत्ते में पाए जाने वाले पोषक तत्व और गुण कुछ इस प्रकार हैं (15) (13)।
फ्लेवोनोइड्स (काएफेरफेरोल और माइरिकेटिन)
अल्कलॉइड्स (कारपाइन, स्यूडोकार्पाइन, डीहाइड्रोकार्पाइन I और II)
फेनोलिक कंपाउंड (फेरुलिक एसिड, कैफिक एसिड, क्लोरोजेनिक एसिड)
सिनोजेनिक यौगिक (बेंजिलग्लुकोसिनोलेट)
कैरोटीनॉयडज जैसे कैरोटीन, लाइकोपीन व एंथ्राक्विनोन ग्लाइकोसाइड
एंटी-इंफ्लेमेटरी, हाइपोग्लाइकेमिक, एंटी-फर्टिलिटी, गर्भपात, हेपेटोप्रोटेक्टिव व घाव भरने जैसे गुण।
इसके अलावा एंटीहाइपरटेंसिव और एंटीट्यूमोर गतिविधियां भी पपीते की पत्तियों में पाई जाती हैं।
पपीते के पत्ते के जूस के बारे में इतना जानने के बाद अब आपके में पपीता के पत्ते के जूस का उपयोग कैसे किया जाए, यह सवाल भी आ ही रहा होगा। आपके इस सवाल का जवाब हम लेख के इस भाग में देंगे।
पपीता के पत्ते के जूस का उपयोग – How to Use Papaya Leaf Juice in Hindi
पपीते के पत्ते के जूस का उपयोग एक ही है कि बस इसे बनाकर आप सीधे पी लें, लेकिन यह स्वाद में इतना कड़वा होता है कि काफी देर तक आपके मुंह का स्वाद बिगड़ा रह सकता है। इसलिए, नीचे हम आपको इसे पीने के कुछ अन्य तरीके भी बताएंगे।
पपीते के पत्ते का जूस बनाते वक्त उसमें कुछ मीठे फल भी मिला सकते हैं।
कच्चे पत्ते के रस की कड़वाहट को कम करने के लिए इसमें आप थोड़ी मिश्री मिला सकते हैं।
आप इसमें चीनी भी डालकर पी सकते हैं।
चीनी की जगह आप पौष्टिक शहद या अन्य स्वीटनर मिला सकते हैं।
नोट : आप इसकी कड़वाहट कम करने के लिए इसमें बेहिचक कुछ मीठा मिला सकते हैं। हम आपको सलाह देंगे की आप बिना कुछ मीठा मिलाएं इसका सेवन करें। अगर आप बिना कुछ मीठा मिलाएं इसे नहीं पी पा रहे हैं, तो आप धीरे-धीरे पपीते के पत्ते के रस में मीठे की मात्रा को कम करते जाएं। इसके अलावा, अगर आपको एलर्जी की समस्या है, तो इसके सेवन से पहले विशेषज्ञ की राय लें या इसके उपयोग से पहले पैच टेस्ट करें।
कितनी मात्रा का सेवन करें:
उपचार के रूप में उपयोग किए जाने वाले पपीते के पत्ते की उपयुक्त खुराक उपयोगकर्ता की आयु, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती हैं। वैसे तो इस समय पपीते के पत्ते के जूस की खुराक की उचित सीमा निर्धारित करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक शोध मौजूद नहीं हैं, लेकिन आप एक छोटा कप पपीते के पत्ते का रस पी सकते हैं। इसे पीते समय ध्यान रखें कि प्राकृतिक उत्पाद हमेशा पूरी तरह सुरक्षित नहीं होते हैं और इनका ज्यादा सेवन ��ानिकारक हो सकता है। किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए चिकित्सक से सलाह जरूर लें। अगर आप बाजार से पपीते के पत्ते का जूस खरीद रहे हैं, तो उत्पाद के लेबल पर लिखे निर्देशों का पालन करें। अगर आप घर में इसका जूस बना रहे हैं, तो पत्तों को अच्छे से धो लें और पूरी सफाई का ध्यान रखें।
अब हम आपको पपीते के पत्ते के नुकसान के बारे में बताएंगे।
पपीता के पत्ते के जूस के नुकसान – Side Effects of Papaya Leaf Juice in Hindi
पपीते के पत्ते के जूस के फायदे तो यकीनन अनेक हैं, लेकिन इसके सेवन से नुकसान भी हो सकते हैं। पपीते के पत्ते के जूस के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं (17)।
यह गर्भपात का कारण बन सकता है।
बांझपन की वजह भी बन सकता है।
कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है।
पपीते के पत्ते का घरेलू औषधि के रूप में इस्तेमाल करने का चलन दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। आप भी इस लेख से समझ गए होंगे कि पपीते के पत्ते का जूस कितना लाभकारी है। अब आप बिना देर किए स्वास्थ्य लाभ के लिए पपीता के पत्ते के जूस का उपयोग शुरू कर सकते हैं। साथ ही ध्यान रहे कि पपीता के पत्ते के जूस के फायदे के साथ ही नुकसान भी हैं, इसलिए आपको दोनों पहलूओं को अच्छे से देख-समझकर ही पपीता के पत्ते के जूस का उपयोग करना चाहिए। आप पपीते के पत्ते के जूस से संबंधित इस लेख को लेकर अपने सवालों और सुझावों को कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं।
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vinita pangeni
विनिता पंगेनी ने एनएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में बीए ऑनर्स और एमए किया है। टेलीविजन और डिजिटल मीडिया में काम करते हुए इन्हें करीब चार साल हो गए हैं। इन्हें उत्तराखंड के कई पॉलिटिकल लीडर और लोकल कलाकारों के इंटरव्यू लेना और लेखन का अनुभव है। विशेष कर इन्हें आम लोगों से जुड़ी रिपोर्ट्स करना और उस पर लेख लिखना पसंद है। इसके अलावा, इन्हें बाइक चलाना, नई जगह घूमना और नए लोगों से मिलकर उनके जीवन के अनुभव जानना अच्छा लगता है।
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Pregnancy Rokne ke Upay - अनचाहे गर्भ से बचने के उपाय
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Pregnancy Rokne ke Upay - अनचाहे गर्भ से बचने के उपाय
Pregnancy rokne ke upay – आज इस लेख में अनचाहे गर्भ को रोकने के कुछ घरेलु नुस्खे के बारें में जानेंगे। किसी भी शादीशुदा महिला के लिए, जो बच्चा चाहती है। उनके लिए प्रेग्नेंट होना ख़ुशी की बात होती है। लेकिन ऐसे शादीशुदा कपल है, जो कुछ साल के बाद बच्चा चाहते है। ऐसे में अगर गर्भ ठहर जाये। तो उस पति-पत्नी के लिए समस्या उत्पन्न हो जाती है। क्यूंकि गर्भपात ही एक उपाय बचता है। जिससे महिला के शरीर यानी सेहत पर असर पड़ सकता है।
अनचाहे गर्भ को रोकने के उपाय – आज कल के युवा पश्चिमी संस्कृति (Western Culture) से कुछ ज्यादा ही प्रभावित है। कई ऐसे लड़के और लड़कियां है, जो बिना शादी के साथ रहते है। जाहिर सी बात जब साथ रहते है, तो उनके बीच सेक्स भी होता है। अब कभी सेक्स के दौरान सावधानी न बरतने के कारन गर्भ ठहर जाता है। अब उनके बीच यह सवाल रहता है की अब क्या करें। हालाँकि भारतीय सभ्यता इसके विरुद्ध है। मतलब लड़के और लड़की को शादी के बाद ही एक-दुसरे के साथ संभोग करना चाहिए।
Missed Abortion क्या है – जब भ्रूण 16 वें सप्ताह में गर्भ में ही मर जाता है। तब उसे ही Missed Abortion कहा जाता है।
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Pregnancy rokne ke upay – अब ��ात यहाँ आती है की अनचाहे गर्भ से कैसे बचा जाये। जिससे गर्भपात कराने की नौबत न आये। कुछ ऐसे गर्भ रोकने के उपाय है। जिसके जरिये अनचाहे गर्भ की समस्या से छुटकारा मिल सके। तो चलिए जानते है – “Pregnancy Rokne ke Upay Hindi me”
नोट : गर्भ के शुरुआती महीने में ही गर्भपात करा लेना चाहिए। क्यूंकि गर्भ ज्यादा माह के होने पर, इसे गिराना खतरनाक हो सकता है।
अनचाहे गर्भ को रोकने के उपाय – Pregnancy Rokne ke Upay in Hindi
1. Pregnancy Rokne ke Upay
गर्भ गिराने के उपाय, पपीता द्वारा – पपीता गर्भपात के घरेलू उपचार में से एक है। बिना प्रोटेक्शन के अगर आपने संभोग किया। तब सेक्स करने के पश्चात् लगातार 4 से 6 दिनों तक महिला को पपीता का सेवन करना चाहिए। ऐसा सुबह और शाम करें। इसके अलावा आप चाहे तो, पपीता का जूस भी पी सकते है। इससे काफी हद तक गर्भवती होने की संभावना कम हो सकती है।
इसे भी अवश्य पढ़े : पपीता खाने से क्या-क्या लाभ हो सकता है।
2. Pregnancy Rokne ke Upay
तिल के जरिये, गर्भपात के घरेलू उपचार – अगर संभोग के दौरान आपके पार्टनर से गलती हो गयी हो। मतलब वीर्य योनी के अंदर चला गया हो। तब गर्भ ठहरने का खतरा बढ़ जाता है। उस स्थिति में तिल (Sesame Seeds) का सेवन करना फायदेमंद होता है। इसके अलावा तिल का उपयोग भोजन कुछ दिनों तक लगातार करें। इससे गर्भ ठहरने की संभावना कम हो जाएगी।
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3. Pregnancy Rokne ke Upay
अदरक के द्वारा, गर्भपात के घरेलू उपचार – यह एक बेहतरीन गर्भ निरोधक औषधि है। संभोग के पश्चात् कुछ दिनों तक अदरक (Ginger) की चाय का सेवन करें। ऐसा रोजाना दिन में 2 बार करें। इससे गर्भ ठहरने का खतरा कम हो जायेगा।
यह भी अवश्य पढ़े : अदरक के गुण और उसके फायदे की जानकारी हिंदी में।
4. Pregnancy Rokne ke Upay
गर्भपात के घरेलू उपचार, प्याज के रस के द्वारा – अनचाहे गर्भ की समस्या में प्याज का रस फायदेमंद होता है। सबसे पहले प्याज का रस निकाल लें। अब पिचकारी की तरह रस को योनी में लगाये। ऐसा करने के बाद आप सेक्स करते है। तो गर्भ ठहरने का खतरा काफी कम हो जाता है।
इसे भी जरुर पढ़े : प्याज के रस के बेहतरीन फायदे हिंदी में।
Pregnancy Rokne ke Upay | गर्भपात के घरेलू उपचार
5. Pregnancy Rokne ke Upay
सीताफल के बीज के द्वारा, गर्भपात के घरेलू उपचार – यह प्रेगनेंसी रोकने का बेहतरीन उपाय है। सीताफल के बीज की तासीर काफी गर्म होती है। इसीलिए सीताफल (शरीफा) के बीज को पीसकर इसका सेवन करें। इसके अलावा इसके बीज का लेप योनी में लगाये। ऐसा करने के बाद आप संभोग करें। गर्भ ठहरने की संभावना कम हो जाएगी।
यह भी जरुर पढ़े : सीताफल खाने के बेहतरीन फायदे और लाभ।
6. Pregnancy Rokne ke Upay
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करेले के रस के जरिये, गर्भपात के घरेलू उपचार – यह सेहत के लिए लाभकारी होता ही है। उसके साथ-साथ यह ��नचाहे गर्भ की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है। पीरियड्स के पांचवे दिन तक करेले का रस पीजिये। इससे गर्भ ठहरने की सम्भावना कम हो जाती है।
इसे भी अवश्य पढ़े : करेले के जूस पीने अद्भुत फायदे हिंदी में।
7. Pregnancy Rokne ke Upay
गर्भपात के घरेलू उपचार, नीम के जरिये – नीम का इस्तेमाल भी एक उत्तम उपाय है। यह शुक्राणु की मोटिलिटी को कम करने का काम करता है। जिससे गर्भ ठहरने की संभावना न के बराबर हो जाती है। जिन स्त्रियों को लगता है की वह गर्भवती हो सकती है। उन स्त्रियों को नीम का पत्ता चबाना चाहिए। इसके अलावा इसके तेल का भी उपयोग कर सकते है।
यह भी अवश्य पढ़े : नीम के लाभ और उसके गुण की जानकारी हिंदी में।
8. Pregnancy Rokne ke Upay
हींग के जरिये, गर्भपात के घरेलू उपचार – यह एक बेहतरीन घरेलु नुस्खा है। जिसके द्वारा गर्भवती होने की आशंका को कम कर सकते है। सबसे पहले 1 गिलास पानी लें। अब उसमे हींग डालकर पिए। ऐसा करने से गर्भ नहीं ठहरता है। यह उपाय आपके काम का होगा, इसे जरुर आजमाए।
गर्भपात के घरेलू उपचार – Pregnancy Rokne ke Upay
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9. Pregnancy Rokne ke Upay
गर्भपात के घरेलू उपचार, सुखी अंजीर के द्वारा – अनचाहे गर्भ से बचने के लिए आप सुखी अंजीर का उपयोग कर सकते है। कई बार सेक्स के दौरान सावधानी नहीं बरतने के कारण, गर्भवती होने का खतरा बढ़ जाता है। तब संभोग के बाद तुरंत सुखी अंजीर का सेवन करन शुरू कर दें। पीरियड्स आने तक लगातार अंजीर का सेवन करें। आपको लाभ मिलेगा।
10. Pregnancy Rokne ke Upay
हल्दी पाउडर के जरिये, गर्भपात के घरेलू उपचार – जब आपको आशंका हो की गर्भ रुक सकता है। तब पुरे पीरियड्स के दौरान रोजाना 1 गिलास पानी में हल्दी पाउडर घोल कर पीजिये। यह अनचाहे गर्भ को रोकने में मदद करता है। आप चाहे तो दूध के साथ भी सेवन कर सकते है।
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11. Pregnancy Rokne ke Upay
गर्भपात के घरेलू उपचार, लहसुन के द्वारा – वैसे तो जब पति-पत्नी बच्चा नहीं चाहते है। तब उन्हें सम्भोग के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए। लेकिन कभी-कभी ऐसा नहीं हो पता है। अगर ऐसी आशंका रहे की गर्भ ठहर सकता है। तब पीरियड्स के समय लहसुन 2 se 3 कली को निगल जाये। यह गर्भपात में सहायता करता है।
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pregnancy rokne ke gharelu upay in hindi | गर्भधारण से बचने के उपाय
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12. Pregnancy Rokne ke Upay
तुलसी के जरिये, गर्भपात के घरेलू उपचार – गर्भधारण को रोकने के लिए, तुलसी एक बेहतरीन उपाय है। तुलसी के पत्ते का काढ़ा बनाकर कुछ दिनों तक पिए। इससे गर्भ रुकने की संभावना कम हो जाएगी। लेकिन ध्यान रहे की काढ़ा संतुलित मात्रा में सेवन करे।
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13. Pregnancy Rokne ke Upay
गर्भपात के घरेलू उपचार, गाजर के बीज द्वारा – इस समस्या में जंगली गाजर बहुत ही फायदेमंद होता है। सम्भोग के बाद अगर प्रेग्नेंट होने की संभावना रहे। तब 1 गिलास पानी के साथ लगभग 1 चम्मच जंगली गाजर के बीज का सेवन करें। यह एक उत्तम घरेलु उपाय है।
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14. Pregnancy Rokne ke Upay
Smartweed Leaves के द्वारा, गर्भपात के घरेलू उपचार – इसकी पत्तियों में योगिक तत्व पाए जाते है। जैसे – Gallic Acid, Quercetin और Rutin इत्यादि। यह सभी अनचाहे गर्भ की ठहरने नहीं देता है। सबसे पहले 3 से 4 कप पानी लें। अब उसमे लगभग 100 ग्राम Smartweed के पत्ते को डालकर कुछ देर उबाले। उसके बाद पानी छानकर पी लें। पीरियड्स के आने तक ऐसा लगातर करें।
pregnancy rokne ke upay | गर्भधारण से बचने के उपाय | Home Remedies
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15. Pregnancy Rokne ke Upay
गर्म पानी के द्वारा, गर्भपात के घरेलू उपचार – ऐसी आशंका हो की गर्भ रुक सकता है। तब महिलाओं को रोजाना गर्म पानी से स्नान करना चाहिए। इसके अलावा उन महिलाओं को गर्म पानी यानी गुनगुने पानी से भरे टब में कुछ समय बैठना चाहिए। ऐसा करने से गर्भवती होने की आशंका कम हो जाती है।
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अन्य गर्भपात के घरेलू उपचार | Anya Garbhpat ke Gharelu Upchar
Pulpit Root भी गर्भ रोकने का काम करता है। आधा कप पानी में लगभग 1 छोटी चम्मच Pulpit Root मिलाकर कुछ देर रखे। फिर छानकर उसे पी जाये, फायदा होगा।
अनचाहे गर्भ की समस्या में इलायची का सेवन करें, लाभ मिलेगा।
इस समस्या में दालचीनी का भी प्रयोग कर सकते है।
Sadab या Sudapa से बनी चाय का सेवन करें। दिन में 2 se बार चाय पीजिये, लाभ मिलेगा।
विटामिन सी युक्त पदार्थ का सेवन करें। विटामिन सी बेहतरीन गर्भ निरोधक के रूप में काम करता है।
जब गर्भ ज्यादा महीने का हो, तो डॉक्टर से सलाह लेकर गर्भपात कराना चाहिए।
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