🚩क्या महिलाओं के कम कपड़े पहने पर पुरुषों पर कोई असर होता है? - 16 जुलाई 2021
🚩सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जो आये दिन महिलाओं के कम कपडे पहनने पर सोशल मीडिया पर कमेंट आती रहती है, उससे संबंधित है। महिलाओं के कम कपड़े पहनने को लेकर जो मैसेज खूब वायरल हो रहा है वो समझने लायक है।
🚩एक दिन मोहल्ले में किसी ख़ास अवसर पर महिला सभा का आयोजन किया गया, सभास्थल पर महिलाओं की संख्या अधिक और पुरुषों की कम थी!!
मंच पर तकरीबन पच्चीस वर्षीय खुबसूरत युवती, आधुनिक वस्त्रों से सुसज्जित, माइक थामें कोस रही थी पुरुष समाज को!!
🚩वही पुराना आलाप... कम और छोटे कपड़ों को जायज तथा कुछ भी पहनने की स्वतंत्रता का बचाव करते हुए, पुरुषों की गन्दी सोच और खोटी नीयत का दोष बतला रही थी!!
🚩तभी अचानक सभास्थल में तीस बत्तीस वर्षीय सभ्य, शालीन और आकर्षक से दिखते नवयुवक ने खड़े होकर अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति मांगी!!
🚩अनुमति स्वीकार कर माइक उसके हाथों मे सौप दिया गया। हाथों में माइक आते ही उसने बोलना शुरु किया...
"माताओं, बहनों और भाइयों, मैं आप सबको नहीं जानता और आप सभी मुझे नहीं जानते कि आखिर मैं कैसा इंसान हूं??
लेकिन पहनावे और शक्ल सूरत से मैं आपको कैसा लगता हूँ बदमाश या शरीफ??
सभास्थल से कई आवाजें गूंज उठीं... पहनावे और बातचीत से तो आप शरीफ लग रहे हो... शरीफ लग रहे हो... शरीफ लग रहे हो...
बस यही सुनकर, अचानक ही उसने अजीबोगरीब हरकत कर डाली... सिर्फ हाफ पैंट टाइप की अपनी अंडरवियर छोड़ कर के बाक़ी सारे कपड़े मंच पर ही उतार दिये!!
ये देखकर पूरा सभास्थल आक्रोश से गूंज उठा- मारो-मारो गुंडा है, बदमाश है, बेशर्म है, शर्म नाम की चीज नहीं है इसमें... मां बहन का लिहाज नहीं है इसको, नीच इंसान है ये, छोड़ना मत इसको...
ये आक्रोशित शोर सुनकर... अचानक वो माइक पर गरज उठा...
"रुको... पहले मेरी बात सुन लो, फिर मार भी लेना, चाहे तो जिंदा जला भी देना मुझको!!
अभी अभी तो...ये बहनजी कम कपड़े, तंग और बदननुमाया छोटे-छोटे कपड़ों की पक्ष के साथ साथ स्वतंत्रता की दुहाई देकर, गुहार लगाकर "नीयत और सोच में खोट" बतला रही थीं!!
तब तो आप सभी तालियां बजा-बजाकर सहमति जतला रहे थे, फिर मैंने क्या किया है??
सिर्फ कपड़ों की स्वतंत्रता ही तो दिखलायी है!!
"नीयत और सोच" की खोट तो नहीं ना और फिर मैंने तो, आप लोगों को... मां, बहन और भाई भी कहकर ही संबोधित किया था, फिर मेरे अर्द्धनग्न होते ही आपमें से किसी को भी मुझमें "भाई और बेटा" क्यों नहीं नजर आया??
मेरी नीयत में आप लोगों को खोट कैसे नजर आ गया??
मुझमें आपको सिर्फ "मर्द" ही क्यों नजर आया? भाई, बेटा, दोस्त क्यों नहीं नजर आया? आप में से तो किसी की "सोच और नीयत" भी खोटी नहीं थी, फिर ऐसा क्यों??"
🚩सच तो यही है कि झूठ बोलते हैं लोग कि...
"वेशभूषा" और "पहनावे" से कोई फर्क नहीं पड़ता।
हकीकत तो यही है कि मानवीय स्वभाव है कि किसी को सरेआम बिना "आवरण" के देख लें तो कामुकता जागती है मन में...
🚩रूप, रस, शब्द, गन्ध, स्पर्श ये बहुत प्रभावशाली कारक हैं इनके प्रभाव से “विश्वामित्र” जैसे मुनि के मस्तिष्क में विकार पैदा हो गया था, जबकि उन्होंने सिर्फ रूप कारक के दर्शन किये थे। आम मनुष्यों की बिसात क्या??
दुर्गा सप्तशती के देवी कवच में श्लोक 38 में भगवती से इन्हीं कारकों से रक्षा करने की प्रार्थना की गई है।
“रसेरूपे च गन्धे च शब्दे स्पर्शे च योगिनी।
सत्त्वंरजस्तमश्चैव रक्षेन्नारायणी सदा।।”
रस, रूप, गंध, शब्द, स्पर्श- इन विषयों का अनुभव करते समय योगिनी देवी रक्षा करें तथा सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण की रक्षा नारायणी देवी करें!!
🚩अब बताइए, हम भारतीय हिन्दू महिलाओं को "हिन्दू संस्कार" में रहने को समझाएं तो स्त्रियों की कौन-सी "स्वतंत्रता" छीन रहे हैं??
🚩सोशल मीडिया पर अर्ध-नग्न होकर नाचती 90% कन्याएँ-महिलाएँ हिंदू हैं और मज़े लेने वाले 90% कौन हैं⁉️ ये बताने की भी ज़रूरत है क्या‼️?
🚩आँखे खोलिए, संभालिए अपने आप को और अपने समाज को, क्योंकि भारतीय समाज और संस्कृति का आधार नारीशक्ति है और धर्मविरोधी, अधर्मी, चांडाल (बॉलीवुड, वामपंथी, मिशनरी) ये हमारे समाज के आधार को तोड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं!!
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सभी हिन्दू भाइयों को गौ हत्या के विरोध में जयहिंदमंच का आह्वाहन : नवीन जयहिंद (Naveen Jaihind)
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#भारत की #संस्कृति को बचाना है और #गौमाता को बचाना है तो अधिक से अधिक #गौपालन करें और #गौरक्षक दलों का सहयोग करें
ये #देश का दुर्भाग्य है की जिस देश में 1857 की #क्रांति #गौमांस लगे #कारतूस को दांतों से काटने के कारण हुई थी उसी देश में नेताओं ने अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेंकने के लिए #गाय को ही सड़क पर काट दिया ताकि वो #केंद्रीयसरकार का विरोध कर सकें
विपक्ष सिर्फ #सरकार का विरोध करने के लिए आये दिन #भारतीयसेना का अपमान करते है तो कभी #आर्मीचीफ को "#सड़क का #गुंडा" बुला कर सेना की गरिमा को छिन्न भिन्न करते है, #शहीदों की शहादत का मज़ाक उड़ाया जा रहा है सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए
#सैनिक #सरहदों पर तो देश की रक्षा कर ही लेंगे इसका हमे पूरा विश्वास है पर देश के अंदर बैठे #देशद्रोहियों जो ना सेना का सम्मान करते है ना शहीदों का और ना देश की संस्कृति और पूजनीय गौ माता का उनसे देश को बचाने के लिए आप और हम सबको एक जुट होना पड़ेगा
#जयहिंद
#नवीनजयहिंद
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UP से पान-मसाला खाने वाले और तिलकधारी गुंडे को बुला रही बीजेपी: ममता Divya Sandesh
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UP से पान-मसाला खाने वाले और तिलकधारी गुंडे को बुला रही बीजेपी: ममता
विष्णुपुर
पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर है। ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों एक दूसरे पर जवाबी हमला कर रहे हैं। बंगाल पहुंचे पीएम मोदी ने ममता पर निशाना साधा और टीएमसी के कार्यकर्ताओं को गुंडा बताया। अब ममता बनर्जी ने कहा है कि बीजेपी यूपी से अपने गुंडे बंगाल बुला रही है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी विष्णुपुर रैली में पहुंची थीं। यहां उन्होंने कहा, ‘पान-मसाला खाने वाले और तिलक लगाने वाले लोगों को उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से, चुनाव के पहले यहां समस्या पैदा करने के लिए भेजा गया और वे हमारे लिए बाहरी गुंडे हैं। हम बरसों से बंगाल में रह रहे दूसरे राज्यों के लोगों पर बाहरी होने का ठप्पा नहीं लगाते।’
‘सम्मान करती थी पीएम का लेकिन अब…’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को झूठा कहा और भाजपा पर राज्य में गुंडों को लाने का आरोप लगाया। विष्णुपुर में एक सार्वजनिक रैली में बोलते हुए, ममता ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री की कुर्सी का बहुत सम्मान करती थी, मुझे नहीं पता था कि वह ऐसे हैं। मैंने पीएम मोदी जैसा झूठा नहीं देखा। यह कहते हुए अफसोस हो रहा है कि नरेंद्र मोदी झूठ बोलते हैं। कौन हैं गुंडे? आज बीजेपी की प्रताड़ना के कारण यूपी में आईपीएस अधिकारी अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं।’
‘मोदी, शाह और अडानी करेंगे लूट, लोग बहाएंगे आंसू’
ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी बंगाल की संस्कृति को नष्ट करने के लिए उत्तर प्रदेश से गुंडे ला रही है। का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसान एक साल से अधिक समय से सड़कों पर हैं। यह पीएम मोदी, अमित शाह और अडानी के तीन सिंडिकेट्स के कारण है। अडानी सारा पैसा और उत्पाद लूट लेंगे, केवल मोदी, शाह और अडानी को खाना मिलेगा। बाकी लोग केवल आंसू बहाएंगे।’
‘किसी को कुछ नहीं दिया’
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यह भी कहा कि उन्होंने (पीएम मोदी) ने सभी को 15 लाख रुपये देने का वादा किया था। क्या उन्होंने किसी को कुछ दिया? फिर अ��� 15 लाख रुपये नहीं तो बीजेपी को वोट भी नहीं। वह बोलीं, ‘बीजेपी ने कहा कि बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, फिर भी वे एक भी रुपया खर्च नहीं कर सके। हमारी सरकार लड़कियों को 1000-2500 रुपये की छात्रवृत्ति दे रही है।’
टीएमसी और बीजेपी के बीच हो रह जुबानी जंग
विधानसभा चुनावों में, भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच कई मुद्दों पर जुबानी जंग देखने को मिल रही है। बंगाल में 294 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग 27 मार्च से आठ चरणों में होगी। वोटिंग के परिणाम 2 मई को आएंगे।
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लेफ्ट और कांग्रेस नेताओं की तारीफ कर रहे शुभेन्दु अधिकारी, ये है इनसाइड स्टोरी!
पश्चिम बंगाल में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का दल-बदल जोरों पर है, सत्ताधारी टीएमसी के कई नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, इन्हीं में से एक नाम शुभेन्दु अधिकारी का है, अधिकारी ने हाल ही में एक रैली के दौरान वामदल और कांग्रेस के कुछ नेताओं की तारीफ की है, हुगली जिले के चंदननगर में 20 जनवरी को अधिकारी ने सीपीआई एम के नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य की तारीफ की, तो वहां मौजूद लोग भी है���ान रह गये।वामदलों के नेताओं की तारीफइसके बाद 25 जनवरी को पूर्वी मिदनापुर के तमलुक में एक चुनावी रैली में बीजेपी के नेता ने सीपीआई एम के बड़े नेताओं जैसे प्रोमोद दासगुप्ता, बिनॉय चौधरी, गीता मुखर्जी, बिस्वनाथ मुखर्जी और सुकुमार सेनगुप्ता के बारे में अपनी राय दी, ऐसे में सवाल ये उठता है कि टीएमसी से बीजेपी में आये शुभेन्दु अधिकारी आखिरकार वामदल और कांग्रेस के नेताओं की प्रशंसा क्यों कर रहे हैं।क्या कहाशुभेन्दु अधिकारी ने कहा कि मैं वाम मोर्चा की राजनीति के खिलाफ कभी नहीं था, बुद्धदेव भट्टाचार्य एक अच्छे इंसान थे, मैं लक्ष्मण सेठ सरीखे मार्क्सवादी नेता तथा गुंडा संस्कृति के खिलाफ था, शुभेन्दु इतने में ही नहीं रुके, उन्होने माकपा नेता बिमान बोस, बुद्धदेव और कांग्रेस की बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की प्रशंसा करते रहे, बीजेपी में शामिल होने के बाद शुभेन्दु लेफ्ट और कांग्रेस नेताओं की आलोचना करने से बचते रहे हैं, कई राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शुभेन्दु इस कोशिश में लगे हुए हैं कि 2016 और 2019 में लेफ्ट और कांग्रेस के 33 फीसदी वोट जो बीजेपी के पक्ष में आये थे, वो इस चुनाव में भी बरकरार रहे, इन सालों में टीएमसी के वोट शेयर में तीन फीसदी की बढोतरी हुई, ऐसे में बीजेपी के प्रति 33 प्रतिशत वाम तथा कांग्रेस के वोट वास्तव में टीएमसी विरोधी वोट थे।33 फीसदी वोट शेयर हासिल करने की कोशिशटीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी भी 33 फीसदी वोट शेयर हासिल करने के लिये कड़ी मेहनत कर रही है, 2016 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर 10.2 फीसदी था, 2019 लोकसभा चुनाव में ये 40.3 फीसदी हो गया, पिछले तीन सालों में बीजेपी ने बंगाल में धर्म आधारित राजनीति करने में कामयाबी हासिल की है, ये बीजेपी के वोट शेयर में बंगाल में वृद्धि के साथ स्पष्ट दिख रहा है।आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप बॉलीकॉर्न.कॉम (bollyycorn.com) के सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें।
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