कभी SC तो कभी हाई कोर्ट.. गुजरात दंगों पर जब अदालतों ने तीस्ता की मंशा पर उठाए सवाल
अहमदाबाद: सामाजिक कार्यकर्ता और दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के आरोपों का सामना कर रही तीस्ला सीलतवाड़ (Teesta setalvad) को लेकर गुजरात हाई कोर्ट की नाराजगी नई नहीं है। तीस्ता सीतलवाड़ की मंशा पर पहले भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से टिप्पणियां की गई हैं। एक बार तो सुप्रीम कोर्ट ने को जांच में सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तारी के लिए तैयार रहने की सख्त हिदायत देने पड़ी थी। ताजा मामला में गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि कथित सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta setalvad) को मामले में किसी प्रकार की राहत नहीं दी जाएगी। 2005 में गोधरा हिंसा के बाद पंचमहल जिले के पंडरवाड़ा के पास एक कब्रिस्तान से कब्र खोदने और 28 शवों को निकालने के मामले में तीस्ता का नाम दर्ज है। कोर्ट ने इस बार राजनीतिक उत्पीड़न की दलील को खारिज कर दिया और कहा कि ये आजकल सब बोलते हैं। कड़ी शर्तों पर मिली है रेगुलर बेल सुप्रीम कोर्ट से रेगुलर बेल पाने तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta setalvad) को शीर्ष कोर्ट ने कड़ी शर्तों पर जमानत दी है। कोर्ट ने पांच महीने पहले जब सीतलवाड़ की जमानत मंजूरी की थी। तब गुजरात गुजरात पुलिस को गुजरात पुलिस को छूट दी थी कि कहीं भी गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की जाए तो सीधे सुप्रीम कोर्ट आएं। इतना ही नहीं तीस्ता का पासपोर्ट अहमदाबाद सेशन कोर्ट में ही जमा रहने का आदेश दिया था। इससे पहले भी तीस्ता सीतलवाड़ की मुश्किलें भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही बढ़ी थीं। इस टिप्पणी के बाद हुई थीं अरेस्ट सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ याचिका को 24 जून, 2022 को खारिज कर दिया था। इसे जकिया जाफरी ने दाखिल किया था। जकिया जाफरी के पति और कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की इन दंगों में मौत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जकिया की याचिका में मेरिट नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि मामले में को-पिटीशनर तीस्ता ने जकिया जाफरी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। कोर्ट ने तीस्ता की भूमिका की जांच की बात कही थी। इसके बाद तीस्ता को मुंबई से गिरफ्तार किया गया। जांच में करें सहयोग नहीं तो...आठ साल पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta setalvad) को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने गुजरात की गुलबर्ग सोसाइटी में म्यूजियम बनाने के नाम पर इकट्ठा की गई राशि में कथित हेराफेरी मामले में तीस्ता और उनके पति की गिरफ्तारी पर रोक तो लगाई थी लेकिन न्यायमूर्ति अनिल आर दवे, न्यायमूर्ति फकीर मोहम्मद कलीफुल्ला और न्यायमूर्ति वी गोपाल गौड़ा की खंडपीठ आगाह भी किया कि वे जांच में पुलिस को सहयोग करें अन्यथा गिरफ्तारी के लिए तैयार रहें। सीतलवाड़ गुलबर्ग सोसाइटी में ‘म्यूजियम ऑफ रेसिस्टेंस’ के लिए जमा राशि का के गबन के आरोपों का भी सामना कर चुकी हैं। तुंरत सुनवाई का नहीं आधार... इसी साल अगस्त महीने में गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta setalvad) की अर्जी पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया था। तब गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस संदीप भट्ट ने कहा था कि तुंरत सुनवाई का कोई आधार नहीं है। जब 2018 के मामले अभी अटके हुए हैं। तीस्ता सीतलवाड़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों में फंसाने और इसकी साजिश रचने के मामले में राहत के लिए हाई कोर्ट पहुंची थीं। इससे पहले तीस्ता द्वारा सेशन कोर्ट में अपील लगाई गई थी उसके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है, इस खारिज कर दिया था। जिसे सेशन कोर्ट नामंजूर कर दिया था। इसी मामले में गुजरात हाई कोर्ट एक और जस्टिस निर्जर देसाई ने तीस्ता की रिट याचिका खारिज करते हुए कहा था कि तीस्ता को बेल देने से गुजरात में सांप्रदायिक धुव्रीकरण हो सकता है। बाद में तीस्ता सुप्रीम कोर्ट गईं थीं। जहां उन्हें राहत मिली थी। http://dlvr.it/T0s2sY
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गुजरात सरकार ने कुछ दोषियों की रिहाई का किया विरोध, अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी
गुजरात सरकार ने कुछ दोषियों की रिहाई का किया विरोध, अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी
गुजरात सरकार ने 2002 के गोधरा दंगों में 15 पत्थरबाजों की रिहाई का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया था। गुजरात सरकार ने अदालत को बताया कि वे सिर्फ पथराव करने वाले नहीं थे और उनकी हरकतें लोगों को जलती हुई बोगियों से नहीं बचा सकतीं।
27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई और राज्य में दंगे भड़क उठे। यह मामला शुक्रवार को पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए…
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गुजरात कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
गुजरात कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते ने मुंबई में गिरफ्तार किया था। (फ़ाइल)
अहमदाबाद:
गुजरात की एक अदालत ने शनिवार को कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व पुलिस महानिदेशक आरबी श्रीकुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिन्हें 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में कथित तौर पर सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद दोनों को मेट्रोपोलिटन…
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2002 के दंगों में बड़ी साजिश का कोई सबूत नहीं, विचार 'मटका उबाल' रखने का है: एसआईटी से एससी
2002 के दंगों में बड़ी साजिश का कोई सबूत नहीं, विचार ‘मटका उबाल’ रखने का है: एसआईटी से एससी
2002 के गुजरात दंगों के संबंध में गुलबर्ग सोसाइटी मामले का फैसला करने वाली निचली अदालत ने कोई बड़ी साजिश नहीं पाई थी और सांप्रदायिक घटनाओं की जांच करने वाले एक विशेष जांच दल ने कहा कि “मटका उबलने” के लिए पहले से ही निपटाए गए मुद्दों को फिर से उठाया जा रहा था। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट।
एसआईटी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया,…
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Bilkis Bano Case | बिलकिस बानो मामला: SC ने गुजरात सरकार से कार्यवाही का रिकॉर्ड पेश करने को कहा
Bilkis Bano Case | बिलकिस बानो मामला: SC ने गुजरात सरकार से कार्यवाही का रिकॉर्ड पेश करने को कहा
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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शुक्रवार को कहा कि वह 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार (Bilkis Bano Case) और उनके परिवार के सात लोगों की हत्या के मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट तथा रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर तीन हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।
शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार के वकील से दो सप्ताह के भीतर संबंधित रिकॉर्ड पेश करने को कहा।…
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तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से की पूछताछ
नई दिल्ली, 1 सितंबर (SK)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चिंता व्यक्त की कि गुजरात हाईकोर्ट ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए छह सप्ताह के लिए नोटिस जारी किया है और गुजरात सरकार से उन मामलों का रिकॉर्ड ब्योरा लाने को कहा है। एक महिला से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने इतना लंबा स्थगन दिया है।
सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने मौखिक टिप्पणी की कि क्या तीस्ता को जमानत देनी है, लेकिन उसने कोई आदेश पारित नहीं किया। राज्य में 2002 के दंगों के मामलों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उच्च पदस्थ अधिकारियों को फंसाने के लिए कथित रूप से दस्तावेज गढ़ने के आरोप में तीस्ता सीतलवाड़ 25 जून से हिरासत में है।प्रधान न्यायाधीश यू.यू. ललित और जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद उनसे कहा, हमें अभी भी उनके खिलाफ सबूत नहीं मिला है और याचिकाकर्ता 2 महीने से अधिक समय से हिरासत में है।हाईकोर्ट ने तीस्ता की जमानत याचिका पर तीन अगस्त को नोटिस जारी किया था और नोटिस को छह सप्ताह के लिए वापस करने योग्य बनाते हुए एक लंबा स्थगन दिया था। पीठ ने गुजरात सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे मेहता से ऐसा उदाहरण देने को कहा, जहां एक महिला को इस तरह के आरोपों में कैद किया गया हो और हाईकोर्ट ने विचार करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया हो।पीठ ने पूछा : क्या आप इस महिला के मामले में अपवाद बना रहे हैं .. हाईकोर्ट नोटिस वापस करने के लिए 6 सप्ताह का समय कैसे दे सकता है। क्या हाईकोर्ट में कोई मानक अभ्यास है?मेहता की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, हम अंतरिम जमानत देते हैं और मामले को 19 सितंबर के लिए सूचीबद्ध करते हैं। इस पर मेहता ने कहा, मैं इसका कड़ा विरोध करता हूं, मैं तर्क दूंगा कि यह हत्या के मामले से ज्यादा गंभीर है।प्रधान न्यायाधीश ललित ने मौखिक रूप से कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ आरोप सामान्य आईपीसी अपराध हैं, जिनमें जमानत देने पर कोई रोक नहीं है।उन्होंने कहा, ये हत्या या शारीरिक चोट जैसे अपराध नहीं हैं, बल्कि दस्तावेजों में जालसाजी का मामला है। ऐसे मामलों में सामान्य विचार यह है कि पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद फिर से हिरासत पर जोर देने के लिए पुलिस के पास कुछ भी नहीं है ..।शीर्ष अदालत ने विस्तृत सुनवाई के बाद मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को दोपहर 2 बजे निर्धारित की। सुनवाई का समापन करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा, हमें ऐसे उदाहरण दें जहां ऐसे मामलों में महिला आरोपी को हाईकोर्ट से ऐसी तारीखें मिली हों। या तो इस महिला को अपवाद बनाया गया है .। मेहता ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं के लिए तिथियां समान हैं।सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून को 2002 में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में हिंसा के दौरान मारे गए कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी द्वारा दायर उस अपील को खारिज कर दिया था, जिसमें राज्य में हुए दंगों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को एसआईटी की क्लीन चिट मिलने को चुनौती दी गई थी।न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर (अब सेवानिवृत्त) ने कहा था कि इस मामले में कार्यवाही पिछले 16 वर्षो (8 जून, 2006 को शिकायत दर्ज करने से लेकर 67 पृष्ठों की रिपोर्ट आई और फिर 15 अप्रैल, 2013 को 514 पृष्ठों की विरोध याचिका दायर की गई) से चल रही है। यह दुस्साहस सहित अपनाई गई कुटिल चाल को उजागर करने की प्रक्रिया में शामिल प्रत्येक पदाधिकारी की सत्यनिष्ठा पर प्रश्नचिह्न् लगाती है।
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PM मोदी के गृहराज्य गुजरात में रोजाना 20 लोग करते हैं खुदकुशी - Pm narendra modi home state gujarat 14702 suicide cases registered last two years murder rioting
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PM मोदी के गृहराज्य गुजरात में रोजाना 20 लोग करते हैं खुदकुशी - Pm narendra modi home state gujarat 14702 suicide cases registered last two years murder rioting
पिछले 2 साल में दंगों की रोजाना 4 से 5 घटनाएं
दंगों के मामले में अहमदाबाद शीर्ष पर, 408 केस
राज्य में 2,720 रेप केस, रोजाना 4 वारदात दर्ज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में भी खुदकुशी करने के मामले में स्थिति भयावह है. गुजरात विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक रोजाना करीब 20 लोग खुदकुशी करते हैं.
गुजरात विधानसभा में इस समय बजट सत्र चल रहा है और इसी सत्र के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश आंकड़ों के अनुसार पिछले 2 सालों में चोरी की 25,723 घटनाएं हुईं जबकि इस दौरान 14,702 लोगों ने खुदकुशी की है. इस हिसाब से देखा जाए तो हर दिन गुजरात में करीब 20 लोग खुदकुशी कर रहे हैं.
विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक खुदकुशी करने के मामले में 2018 और 2019 में सबसे अधिक खुदकुशी के मामले सूरत (2,153) में मामले दर्ज किए गए हैं. इसके बाद अहमदाबाद (1,941) और राजकोट (1,651) का नंबर आता है.
2 हजार से ज्यादा हत्या के मामले
गुजरात विधानसभा में कांग्रेस विधायक की ओर से राज्य सरकार से राज्य में अपराध दर की जानकारी भी मांगी गई थी, जिसके जवाब में राज्य के गृह मंत्रालय ने बताया कि 2 सालों में 2,491 लूट, 2,034 हत्या, 559 डकैती, 25,723 चोरी, 2,720 बलात्कार, 5,879 अपहरण, 14,702 आत्महत्या, 3,305 दंगे, 28,298 आकस्मिक मृत्यु, 46,264 अप्राकृतिक मृत्यु दर के मामले दर्ज किए गए हैं.
गुजरात विधानसभा में सरकार की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2 साल में गुजरात में 14,720 खुदकुशी के मामले दर्ज किए गए हैं. इस तरह देखा जाए तो हर दिन 20 लोग खुदकुशी कर अपनी जिंदगी खत्म कर रहे हैं.
जिग्नेश मेवाणी ने की आलोचना
राज्य सरकार की ओर से पेश आंकड़ों पर निर्दलीय नेता जिग्नेश मेवाणी ने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘दिए तले अंधेरा’. इससे याद आया कि जिस मॉडल का पूरे देश में ढिंढोरा पीटा जाता है. आज विधानसभा में उसी ‘गुजरात मॉडल’ का खुलासा हुआ. यह मॉडल कुछ इस प्रकार हैं. आंकड़े बताते हैं कि एक दिन में गुजरात में लगभग 3 हत्या, 4 रेप और 5 दंगे होते हैं.
इसी तरह राज्य में 2 साल में 2,034 हत्याएं हुई हैं. इस तरह देखा जाए तो हर दिन 2-3 हत्याएं होती हैं. इसी तरह इस दौरान राज्य में 2,720 बलात्कार के मामले सामने आए. राज्य में पिछले 2 सालों में 3,305 दंगों की घटनाएं दर्ज की गईं यानी हर दिन 4-5 घटनाएं होती हैं.
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‘बेरोजगारी पर कोई खुदकुशी नहीं’
राज्य में पिछले दो सालों में दंगों के कुल 3,305 मामले दर्ज किए गए, जिसमें सबसे ज्यादा मामले अहमदाबाद (408) में दर्ज किए गए. इसके बाद सूरत (277), वडोदरा (215) और भावनगर (203) 3 अन्य प्रमुख जिले हैं.
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गुजरात के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने सदन के सामने जवाब देते हुए कहा कि गुजरात एक समृद्ध राज्य है जो रोजगार देने के मामले में देश में सबसे आगे है. जडेजा ने यह भी कहा कि बेरोजगारी के कारण आत्महत्या का एक भी मामला नहीं है. जबकि खेड़ा और आनंद जिले में खेती से संबंधित मामलों या बेरोजगारी को लेकर खुदकुशी की कोई घटना नहीं हुई है.
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iindian muslims in current situation: कहां हैं क़ौन के रहनुमा?
न्यूज विद आजाद खालिद के खास शो प्राइम टाइम न्यूज विद आजाद खालिद में आपका स्वागत है। क्या मुस्लिम समाज एहसान फरामोश है या फिर बुज़दिल। दरअसल ये सवाल इसलिए कि विनोद दुआ के खिलाफ दिल्ली मे एफआईआर दर्ज कराई गई। उन्होने अपने एक शो में (जो हम आपको दिखा चुके हैं आप उसको हमारे चैनल पर जाकर देख सकते हैं या सीधे विनोद दुआ जी के शो पर देख सकते हैं) में कई मामले दिखाए थे। उन्होने मध्य प्रदेश में सरकार बनाने और गिराने के खेल पर चर्चा की थी साथ ही उन्होने दिल्ली हिंसा पर भी तीखे सवाल पूछे थे। दिल्ली हिंसा मामले में उन्होने कई गंभीर सवाल उठाए थे। ये वही सवाल थे जो असददुद्दीन ओवेसी को उठाने थे, देवबंदी और बरेलवी मौलानाओं को उठाने थे, अखिलेश यादव को उठाने थे, बहन मायावती को उठाने थे, लेकिन विनोद दुआ ने उठाए तो उन पर एफआईआर दर्ज कराई गई। इसके बावजूद ओवेसी साहब, इमाम साहब, मौलाना साहब मुस्लिम रनुमा सभी खामोश रहे। बिल्कुल ऐसे ही जैसा कि मेऱठ दंगों पर, मुरादाबाद, गुजरात और एहसान जाफरी के मामले पर। तो क्या ये सवाल नहीं उठता कि मुस्लिम समाज के ये रहनुमा समाज की छवि को या तो एहसना फरामोश या फिर बुजदिल की तरह पेश कर रहे हैं। इसके अलावा आज हमने शाहिद आफरीदी के एक ट्वीट की भी चर्चा की है। जिसमें उन्होने अपने को कोरोना पॉजिटिव बताते हुए दुआ की बात कही है। लेकिन इस पर उड़ीसा के सासंद सांरगी साहब ने आफरीदी की जमकर क्लास ली है, और कहा है कि पाकिस्तान के अस्पतालों की हालत मुझे मालूम है अगर कोरोना से बचना है तो मोदी जी का सहारा लो। दरअसल सारंगी साहब की शायद आफरीदी को लेकर नाराजगी की एक वजह ये भी हो सकती है कि हाल ही में आफरीदी ने हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी जो हमें स्वीकार्य नहीं है। लेकिन इस के बाद लोगों की ज़ुबान पर चर्चा गर्म हुई और मामला सारंगी के जवाब से होता हुआ देश में तीन लाख के करीब कोरोना संक्रमितों की संख्या र लगभग 9 ह़जार लोगों की मौत से होता हुआ उड़ीसा में 1999 में ईसाई मिशनरी के ग्राह्म स्टेम और उनके दो नाबालिग बच्चों की जलाकर मारने की जघन्य हत्या तक जा पहुंचा जिसमें खुद सासंद सांरगी का नाम उस समय चर्चा में आया था। लेकिन हमारा मानना है कि इस तरह की चर्चाओं से परहेज करना चाहिए। साथ ही यूपी में एक इंसान के शव को कूड़ा गाड़ी में ले जाने के मामले पर भी बात की गई है। तो आइए देखते हैं आज का प्राइम टाइम न्यूज विद आजाद खालिद।
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मोदी को क्लीन चीट देने का मामला, SC में जकिया जाफरी की याचिका पर टली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 गुजरात दंगों के दौरान राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को एसआइटी और गुजरात हाईकोर्ट द्वारा दी गई क्लीन चीट के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई को टाल दिया है। मामले की अगली सुनवाई 14 अप्रैल को होगी। सु्प्रीम कोर्ट ने इस दौरान कहा कि मामले की सुनवाई को कई बार स्थगित किया गया है, ऐसा कबतक होगा। इसपर किसी दिन तो सुनवाई करनी ही होगी। दंगा में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी ने 2018 में गुजरात हाईकोर्ट और एसआईटी के द्वारा मोदी को दी गई क्लीन चीट को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था।
इससे पहले बीते दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में गुजरात की गुलबर्ग सोसायटी पर हुए हमले सहित गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में कथित निष्क्रियता के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और विशेष जांच दल (एसआईटी) को क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ जकिया एहसान जाफरी की याचिका पर सुनवाई जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया था। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी ने गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा मोदी और एसआईटी के अन्य सदस्यों को क्लीन चिट बरकरार रखने के फैसले को चुनौती दी थी। जस्टिस ए एम खानविलकर और दिनेश महेश्वरी की पीठ ने मामले को अप्रैल तक सुनवाई टाल दिया, जब जाकिया के वकील ने स्थगन की मांग की और अदालत से होली की छुट्टी के बाद इसपर सुनवाई करने का आग्रह किया। इसी के बाद कोर्ट ने यह टिपण्णी की।
जाकिया ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी। इसमें गुजरात हाई कोर्ट के 5 अक्टूबर, 2017 के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने विशेष जांच दल के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था। उनके वकील ने पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि याचिका में एक नोटिस जारी करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह 27 फरवरी, 2002 से मई 2002 तक एक कथित ‘बड़ी साजिश’ से संबंधित है.गौरतलब हो कि 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद के चमनपुरा इलाके में मौजूद गुलबर्ग सोसाइटी को दंगाईयों ने निशाना बनाया था और सोसायटी में रहने वाले कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 68 लोगों को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार दिया था।
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गुजरात कैडर के बर्खास्त आईपीएस को उम्रकैद
http://bit.ly/2ZcHNSY
अहमदाबाद। भाजपा कार्यकर्ता की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में गुजरात कैडर के बर्खास्त आईपीएस संजीव भट्ट को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है। यह घटना 1990 में लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा के दौरान ही हुई थी।
भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने हिन्दू जन जागरण के लिए रथ यात्रा का आयोजन किया था। इस यात्रा के दौरान ही गुजरात के जामनगर में एक पुलिस थाना में भाजपा कार्यकर्ता की पुलिस की पिटाई से मौत हो गयी थी। आज आईपीएस और अन्य कर्मचारी को सजा सुनायी गयी। उस समय भट्ट अंडर ट्रेनिंग आईपीएस थे।
गरीबों के लिए समर्पित रहेगी सरकार : राष्ट्रपति कोविंद
समाचार एजेंसी यूनिवार्ता ने समाचार दिया है कि श्री भट्ट ने जामनगर के तत्कालीन सहायक पुलिस अधीक्षक के तौर पर जामजोधपुर शहर में 30 अक्टूबर, 1990 को भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा और भारत बंद के दौरान दंगे की कथित आशंका के चलते 133 से अधिक लोगों को हिरासत में लेने के आदेश दिये थे। हिरासत से मुक्त किये जाने के बाद इनमें से एक प्रभुदास वैष्णानी की उसी साल 18 नवंबर को अस्पताल में मौत हो गयी थी। उनकी हिरासत के दौरान पिटायी की गयी थी। मृतक के भाई अमृत वैष्णानी ने इस मामले में श्री भट्ट समेत सात पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाते हुए मामला दर्ज कराया था।
अदालत ने श्री भट्ट को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का दोषी ठहराते हुए आज उम्रकैद की सजा सुनायी। एक अन्य आरोपी तथा तत्कालीन कांस्टेबल प्रवीण झाला को भी उम्रकैद की सजा दी गयी। पांच अन्य आरोपियों को धारा 323 के तहत एक साल के कैद की सजा सुनायी गयी।
श्रीगंगानगर जिले में खेत में दबे रॉकेट लॉन्चर बम मिले
ज्ञातव्य है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर गुजरात के 2002 के दंगों के दौरान दंगाई के खिलाफ पुलिस पर नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाने वाले श्री भट्ट को लंबे समय तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण 2011 में निलंबित किया गया था तथा अगस्त 2015 में बर्खास्त कर दिया गया था। उन्होंने इस मामले में 12 जून को उच्चतम न्यायालय में याचिका देकर 10 अतिरिक्त गवाहों के बयान लेने का आग्रह किया था पर अदालत ने इसे खारिज कर दिया था। राज्य सरकार ने इसे ऐसे समय में मामले को विलंबित करने का प्रयास करार दिया था जब निचली अदालत फैसला सुनाने वाली थी।
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'आसमान नहीं टूट पड़ेगा', जमानत पर रात 10 बजे तक बैठा सुप्रीम कोर्ट, SC में दोनों ओर से क्या दी गईं दलीलें
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर शनिवार रात करीब सवा नौ बजे सुनवाई शुरू की। सीतलवाड़ ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने की गुहार लगाई थी। यह 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए साक्ष्य गढ़ने का मामला था। तीस्ता सीतलवाड़ इसमें आरोपी हैं। सीतलवाड़ को अंतरिम राहत देने पर दो न्यायाधीशो�� की अवकाश पीठ में मतभेद के बाद मामला तीन जजों की पीठ में गया। न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने विशेष बैठक में मामले की सुनवाई की। रात करीब 10 बजे सुप्रीम कोर्ट ने सीतलवाड़ की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। इस दौरान तीखी दलीलें चलीं। आइए, जानते हैं कोर्ट में क्या-क्या हुआ। गुजरात हाईकोर्ट की ओर से नियमित जमानत याचिका खारिज किए जाने के तुरंत बाद सीतलवाड़ ने राहत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। शाम के समय सुनवाई हुई तो दो जजों की पीठ में मतभेद हो गया। दो जजों की इस पीठ में न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्र शामिल थे। उन्होंने याचिका को बड़ी पीठ को भेज दिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने केस पर रात करीब 10 बजे तक सुनवाई की। तीस्ता की ओर से एडवोकेट सीयू सिंंह ने रखा पक्षतीस्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट सीयू सिंह पेश हुए। तीन जजों की पीठ से वह बोले कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दी थी। उन्होंने अंतरिम बेल की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया। गुजरात हाईकोर्ट को उनकी जमानत याचिका पर फैसला लेना था। हाईकोर्ट ने सीतलवाड़ को तुरंत सरेंडर करने के लिए कहा। साथ ही 30 दिन तक आदेश के अमल पर रोक लगाने के अनुरोध को भी मानने से इनकार कर दिया। तीस्ता के वकील ने इस बात को भी हाईलाइट किया कि केस में पिछले साल चार्जशीट दाखिल हुई थी। ट्रायल अब तक नहीं शुरू हुआ है। सॉलिसिटर जनरल ने जमानत का किया विरोधगुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने कहा कि सीतलवाड़ के साथ सामान्य नागरिक जैसा ही बर्ताव होना चाहिए। उनकी जमानत याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। क्या आसमान टूट पड़ेगा अगर कुछ दिनों के लिए... हालांकि, गुजरात हाईकोर्ट ने सीतलवाड़ को जिस तरह तुरंत सरेंडर करने को कहा उस पर बेंच ने असहमति जताई। जस्टिस गवई ने कहा- सीतलवाड़ को कस्टडी में लेने की इतनी अर्जेंसी क्या है? क्या आसमान टूट पड़ेगा अगर कुछ दिनों के लिए अंतरित सुरक्षा दे दी जाएगी? हाईकोर्ट ने जो किया उसने हमें चौंकाया है। ऐसी अर्जेंसी क्या है? http://dlvr.it/SrXJkH
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गुजरात दंगा मामला: अहमदाबाद की अदालत ने तीस्ता सीतलवाड़, श्रीकुमार की जमानत याचिका पर फैसला टाला
गुजरात दंगा मामला: अहमदाबाद की अदालत ने तीस्ता सीतलवाड़, श्रीकुमार की जमानत याचिका पर फैसला टाला
द्वारा एएनआई
अहमदाबाद: अहमदाबाद की एक अदालत, जिसने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में पिछले हफ्ते कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार की जमानत याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था, ने फैसला गुरुवार तक के लिए टाल दिया।
दोनों पक्षों ने पिछले हफ्ते अपनी दलीलें पेश की थीं, जिसके बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था और मंगलवार या बुधवार को फैसला सुनाने की संभावना है।
गुजरात…
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देश की केंद्रीय जांच एजेंसी, केंद्रीय जांच ब्यूरो या CBI में तीन महीने की उथल-पुथल के बाद आज उसे एक पूर्णकालिक निदेशक मिलेगा. एजेंसी के लिए एक नए प्रमुख को नियुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आज एक उच्चस्तरीय चयन समिति की बैठक होगी. आलोक वर्मा को 2:1 की बहुमत वाले फैसले में उच्चस्तरीय पैनल द्वारा सीबीआई चीफ के रूप में हटाए जाने के लगभग दो सप्ताह बाद यह बैठक हो रही है. इस बैठक में तीन पैनल के सदस्य हैं, पीएम मोदी, भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे. मुंबई पुलिस आयुक्त सुबोध जायसवाल का नाम भी शामिल है एनडीटीवी की खबर के अनुसार पीएम कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि 1982-1985 बैच के आईपीएस अधिकारी पद के लिए विवाद में थे. खबर है कि सरकार ने अपनी वरिष्ठता, अखंडता, भ्रष्टाचार विरोधी मामलों की जांच मे��� अनुभव और सबसे अहम सीबीआई में काम करने या सतर्कता मामलों को संभालने के अनुभव के आधार पर 12 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया है. पीएम कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- सरकार इस बार मौका नहीं लेना चाहती है. इसीलिए उन्होंने 12 अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट किया है. जिनके नाम शॉर्टलिस्ट किए गए हैं, उनमें 1983 बैच के अधिकारी शिवानंद झा जो डीजीपी गुजरात हैं, बीएसएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा, सीआईएसएफ के महानिदेशक राजेश रंजन, महानिदेशक एनआईए वाईसी मोदी और मुंबई पुलिस आयुक्त सुबोध जायसवाल के नाम शामिल हैं. वाईसी मोदी गुजरात दंगों की जांच कर रहे विशेष जांच दल का हिस्सा हैं एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- अगर मामला वरिष्ठता पर अटका हुआ है, तो सरकार झा के साथ जा सकती है. पीएम उन्हें भी जानते हैं क्योंकि उन्होंने केवल झा को पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया था. झा 2021 में रिटायर होंगे. इस बात पर भी बहस हो रही है कि अगर डीजीपी गुजरात का पद खाली हो जाता है तो मोदी सरकार वहां पूर्व सीबीआई नंबर 2 ऑफिसर राकेश अस्थाना के लिए प्रयास कर सकती है. वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, महानिदेशक एनआईए वाईसी मोदी इस पद के लिए एक और मजबूत दावेदार हैं. उन्होंने बताया वह आरएसएस से भी जुड़े हैं और सीबीआई में लंबे समय तक काम किया है. वहीं वाईसी मोदी गुजरात दंगों की जांच कर रहे विशेष जांच दल का भी हिस्सा हैं. सूत्रों का कहना है कि महानिदेशक बीएसएफ आरके मिश्रा को सीबीआई के शीर्ष पद के लिए भी माना जा रहा है. खड़गे ने वर्मा के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए असहमति व्यक्त की थी सूत्रों का कहना है कि वह पीएम के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के करीबी हैं. सूत्रों के मुताबिक मुंबई के पुलिस कमिश्नर सुबोध जायसवाल भी अपने आरएसएस लिंक के लिए जाने जाते हैं. बता दें कि आलोक वर्मा के शीर्ष पद से हटने से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था. विशेष पैनल का फैसला आलोक वर्मा के खिलाफ आरोपों पर एंटी करप्शन वॉच डॉग केंद्रीय सतर्कता आयोग की एक रिपोर्ट पर आधारित था. हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने आलोक वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए असहमति व्यक्त की थी. आलोक वर्मा ने दावा किया कि उन्हें एक व्यक्ति द्वारा अयोग्य, झूठे और भद्दे आरोप के आधार पर स्थानांतरित किया गया था. उन्हें इस महीने के अंत तक रिटायर होना था. उन्हेंने फायर चीफ के रूप में कार्यभार संभालने से इनकार कर दिया और इस्तीफा दे दिया.
from Latest News राजनीति Firstpost Hindi http://bit.ly/2R8xuL9
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दलित प्रेमी की निर्मम हत्या: फिल्मों में प्रेमियों को नायक मानने वाले लोग असल में खुद खलनायक क्यों बन जाते हैं ?
जुलाई 2018 में ‘धड़क’ नाम की एक फिल्म रिलीज हुई थी।’धड़क’ नागराज मंजुले द्वारा निर्देशित मराठी फिल्म ‘सैराट’ का हिंदी वर्जन था। इस फिल्म को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों सम्मानित किया गया। सैराट की कहानी भारतीय समाज की क्रूर हकीकत है।
सैराट में जिस जातिवाद की क्रूरता को नागराज मंजुले ने पर्दे पर दिखाया था, उसका ताजा उदाहरण दक्षिण भारत स्थित राज्य तेलंगाना में देखने को मिला है। हैदराबाद से करीब 150 किलोमीटर दूर नलगोंडा जिले प्रणय कुमार और अमृता वर्षिणी अपनी शादीशुदा जीवन बिता रहे थे।
‘थे’ इसलिए लिखा क्योंकि प्रणय जातीय अंहकार की बलि चढ़ चुके हैं।
शुक्रवार यानी 14 सितंबर को प्रणय की बीच सड़क पर हत्या कर दी गई। प्रणय और अमृता ने छह महीने पहले ही अंतरजातीय विवाह किया था। 23 वर्षीय प्रणय दलित थे जबकि अमृता कथित ऊंची जाति माने जाने वाले सवर्ण समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। लेकिन दोनों ने जाति की जंजीरों को तोड़कर उन्मुक्त प्रेम किया।
अगर राहुल गांधी 1984 के दंगों के लिए माफ़ी मांग लें तो क्या मोदी ‘गुजरात दंगों’ के लिए माफ़ी मांगेंगे? : सागरिका घोष
दोनों स्कूल के दिनों से एक-दूसरे से प्यार करते थे और लड़की के माता-पिता की इच्छा के खिलाफ जाकर दोनों ने शादी की थी। तब से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं।
पांच महीने की गर्भवती अमृता का कहना है कि प्रणय की हत्या उनके पिता मारुति राव ने की है।
हॉनर किलिंग का ये मामला शर्मसार करने वाला तो है ही साथ ही डरावना भी है कि हिंसक होता ये समाज आखिर चाहता क्या है।
रूढ़ियों से निकलकर नई सोच का विकास करने के बजाय हिंसक और कट्टर वारदातों को अंजाम देता ये समाज एक अपराधी है, जिसे इसकी सजा मिलनी चाहिए।
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हम न बलात्कार से परेशान होते हैं न छलात्कार से नई दिल्ली: उन्नाव, कठुआ और सूरत में सामने आई बलात्कार की घटनाओं के विरुद्ध देश भर में फूटा रोष सच्चा है, इसमें संदेह नहीं. इन सभी मामलों में पीड़ित के साथ जो जघन्य क्रूरता हुई, वह किसी भी सभ्य इंसान और व्यवस्था को सिहरा देने-शर्मिंदा कर देने के लिए काफ़ी है. लेकिन जब धीरे-धीरे यह गुस्सा बैठ जाएगा, उसके बाद क्या होगा? क्या हम फिर किसी निर्भया या किसी 11 साल की बच्ची के साथ बलात्कार का इंतज़ार करेंगे ताकि फिर प्रदर्शन करके अपनी शर्मिंदा अंतरात्मा के लिए थोड़ी राहत खोजें? क्योंकि 2012 से 2018 के बीच के क़रीब साढ़े पांच साल में बलात्कार की कम से कम 1.5 लाख घटनाएं इस देश में रिपोर्ट की जा चुकी हैं. अगर हिसाब लगाएं तो हर 18 मिनट पर एक बलात्कार इस देश में हो रहा होता है. यानी जितनी देर में यह लेख लिखा जा रहा होगा और जब आप इसे पढ़ रहे होंगे तब भी कोई न कोई लड़की कहीं बलात्कार की शिकार हो रही होगी. राम होते तो उन्नाव देख शर्मसार होते... तो क्या यह बलात्कार नहीं, बलात्कार की जघन्यता है जो हमें द्रवित करती है? अमूमन रोज़ और चंद मिनटों में होने वाले बलात्कार से हम क्यों आहत नहीं होते? हमारा विवेक जागे, इसके लिए हमें किसी निर्भया या आसिफ़ा की ही ज़रूरत क्यों पड़ती है? क्या हमारा समाज वाकई बलात्कार के विरोध में है? क्या वह हर बलात्कार का उसी तीव्रता से प्रतिरोध करता है जिस तीव्रता से कुछ मामलों का करता है? यह सवाल बलात्कार के विरुद्ध चल रहे मौजूदा आंदोलनों को कहीं कमतर साबित करने के लिए नहीं उठाए जा रहे हैं? निर्भया आंदोलन ने निश्चय ही भारतीय स्त्री को एक नया साहस दिया और पहली बार वह खुलकर अपने विरुद्ध होने वाले अत्याचारों पर बात करने की हिम्मत जुटा सकी. संभव है, आसिफ़ा का मामला लैंगिक बराबरी और सम्मान की उसकी लड़ाई को कुछ और आगे ले जाए. लेकिन यह सवाल फिर भी बचा रहता है कि आख़िर सामाजिक-लैंगिक न्याय और बराबरी की लड़ाई हम कितने तर्कसंगत ढंग से आगे बढ़ा रहे हैं? क्या हम स्त्रियों के साथ हो रहे अपराध की समाजशास्त्रीय समझ विकसित करने या अपनी न्याय प्रणाली की उन विसंगतियों का सामना करने को तैयार हैं जिनकी वजह से ऐसे मामले बढ़ते जाते हैं और इंसाफ़ दूर छिटकता जाता है? छोले-भटूरे, पकौड़े और बिरयानी बलात्कार को लेकर मौजूदा गुस्से को देखते हुए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल धरने पर बैठ गई हैं। वे चाहती हैं कि बलात्कार के मामलों में छह महीने की सज़ा हो। क्या यह पूरी न्याय प्रणाली से एक नाजायज़ मांग नहीं है? बलात्कार के मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट या जल्द सुनवाई की मांग तो की जा सकती है लेकिन यह कैसे पहले से तय किया जा सकता है कि छह महीने में किसी भी मामले का निबटारा निचली अदालत से सर्वोच्च अदालत तक में हो जाए? यह काम कंगारू कोर्ट्स ही कर सकती हैं या वे सैनिक अदालतें जहां इतने सबूत और प्रमाण ज़रूरी नहीं होते। किसी लोकतंत्र के भीतर ऐसी मांग सिर्फ अलोकतांत्रिक ही कही जा सकती है. इसी तरह कई लोग यह कहते पाए जाते हैं कि बलात्कार के आरोपियों को सीधे फांसी दे देनी चाहिए या गोली मार देनी चाहिए। यह गुस्सा चाहे जितना सात्विक हो, न विवेकसम्मत है और न ही न्यायसंगत। सिर्फ इसलिए नहीं कि इसमें किसी आरोपी को अपना पक्ष रखने का पूरा मौक़ा नहीं मिलता, बल्कि इसलिए भी कि ऐसी सारी व्यवस्थाएं अंततः बेहद अन्यायपूर्ण और क्रूर साबित होती हैं. झटपट और फटाफट न्याय चाहने की कामना दरअसल अन्याय के चुपचाप पोषण की कामना भी है. राहुल का उपवास या उपवास का उपहास? कठुआ के मामले में यह बात बार-बार दुहराई गई कि न बलात्कार पीड़ित का कोई मज़हब होता है न मुजरिम का. उत्पीड़क शैतान होता है, जबकि उत्पीड़ित इंसान. सुनने में यह बात बहुत अच्छी लगती है, लेकिन मजहब देखने निकलता कौन है? कठुआ मामले में जिन लोगों को आरोपियों से सहानुभूति थी, य जिन्हें लग रहा था क��� उनके साथ नाइंसाफ़ी हो रही है, उन्हें विरोध के लिए न्याय मंच बनाना चाहिए था हिंदू एकता मंच नहीं. इस पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देने का काम ऐसे ही लोगों ने किया. लेकिन क्या यह नई बात है? 3 मार्च 2002 को गुजरात में 5 महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ 14 लोगों ने गैंगरेप किया. उसकी आंख���ं के सामने उसके परिवार के कई लोग मार दिए गए। लोगों ने इसे गोधरा के जवाब में हुए सांप्रदायिक दंगों का मामला मान कर किनारे कर दिया. बिलकिस बानो के मुजरिमों को सज़ाए मौत देने की मांग के साथ कहीं कोई आंदोलन नहीं दिखा. इत्तिफ़ाक से उसी के आसपास निर्भया मामले में मुजरिमों की मौत की सज़ा को सबने न्याय माना. अंबेडकर के साथ रामजी को जोड़ने से क्या होगा? यह अकेला मामला नहीं है. जम्मू-कश्मीर से छत्तीसगढ़ तक महिलाओं से बलात्कार के ढेर सारे मामले पिछले दिनों सामने आए- कुछ में कार्रवाई हुई, कुछ दबा और भुला दिए गए. कई बार यह संदेह भी होता है कि बलात्कार को हमारे सत्ता और सैन्य प्रतिष्ठान ने राजनीतिक दमन का एक हथियार बना रखा है. लेकिन ऐसे तमाम मामलों में राष्ट्रीय रोष दिखाई नहीं पड़ता. क्या इसलिए कि जिनके साथ बलात्कार हुआ, वे हमारे लिए राजनीतिक रूप से कुछ असुविधाजनक, सामाजिक तौर पर कुछ पराये और वैचारिक तौर पर कुछ अग्राह्य थीं? जन्मदिन पर महादेवी का स्मरण : मोतियों की हाट और चिनगारियों का एक मेला जाहिर है, बलात्कर हमें तभी चुभता है जब वह एक क्रूर कर्म की तरह हमारे बीच आता है. एक सामाजिक-राजनैतिक व्यवस्था के भीतर घट रहे अन्याय के तौर पर रेप पर हमारी नज़र नहीं पड़ती. क्यों नहीं पड़ती है? शायद इसलिए कि स्त्री के प्रति हो रहे बहुत सारे अत्याचारों को लेकर हम बेख़बर रहते हैं- कई बार तो उसमें शामिल भी होते हैं. यह सभ्यता स्त्री को लगातार उपभोग के सामान में बदलती जाती है. दरअसल हमारा जो पूरा मनोरंजन उद्योग है, वह स्त्री को देह तक सीमित करने में तुला है. इस दौर में संगीत के जो एलबम आते हैं, उनमें जैसे दृश्यों के नाम पर कटे-छंटे कंधों, आंखों, बांहों का जो पूरा कोलाज होता है, वह स्त्री को बस एक कामना में बदलता है. विज्ञापनों में तमाम सामान स्त्री के नाम पर बेचे जाते हैं. क्रिकेट की कमेंटरी के कार्यक्रमों में पुरुष प्रस्तोता पूरे सूट-कोट में होते हैं, जबकि महिला प्रस्तोता के कंधे-घुटने खुले होते हैं। जाहिर है, स्त्री की बौद्धिकता का इस्तेमाल भी उसकी दैहिकता के दायरे में ही होता है. उपचुनावों के नतीजे : सांप-छछूंदर बन गए गले की हड्डी मामला यहीं तक सीमित नहीं है. मोबाइल क्रांति के साथ जो पोर्न क्रांति हुई है, वह भी पूरे माहौल को स्त्री-विरोधी बना रही है. बेशक, इस दौर ने स्त्रियों को बड़ी आज़ादी दी है. लेकिन इसी दौर ने उसे सामान में भी बदला है. आज़ादी और निजी चुनाव के नाम पर वह दरअसल बाज़ार की कठपुतली है जो बाज़ार की भाषा बोलती है. उसके साथ काम कर रहे पुरुष उसे संदिग्ध ढंग से देखते हैं. ज़रूरत पड़ने पर उस पर छींटाकशी से भी गुरेज़ नहीं करते और दूसरी तरह के यौन हमलों से भी. वीडियो : रोहतक में भी दरिंदगी की आशंका टिप्पणियां ये सब बलात्कार से पहले के छलात्कार हैं. हम इन छलात्कारों की अनदेखी करते हैं, बलात्कारों की भी अनदेखी करते हैं. अचानक किसी एक मामले में हमरा आक्रोश अपने चरम पर होता है. काश, इस ज्वालामुखी में कुछ दीर्घ दहनशीलता भी होती- हम उस लैंगिक संवेदना को कुछ और विस्तार दे पाते जिसमें स्त्री हमारी सखी ही हो हमारे लिए उपभोग का सामान नहीं. नहीं तो बलात्कार भी होते रहेंगे और ऐसे प्रदर्शन भी चलते रहेंगे. स्त्री छली जाती रहेगी.
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एक क्लिक में पढ़िए 13 मार्च दिनभर की सभी बड़ी खबरें - Breaking news 13 march 2020 friday top news big news
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11:04 PM ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जानलेवा हमला, वाहन पर बरसाए गए पत्थर- शिवराज
10:28 PM कोरोना वायरस से कर्नाटक के बाद दिल्ली में भी एक मौत
09:51 PM WHO के डायरेक्ट जनरल ने कहा- कोरोना वायरस का केंद्र बन गया है यूरोप
09:39 PM कोरोना वायरस का कहरः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रीय आपातकाल की कर सकते हैं घोषणा
09:36 PM कोरोना वायरसः आईआईटी खड़गपुर ने 31 मार्च तक सभी शैक्षिक क्रियाकलाप किया बंद
09:09 PM महाराष्ट्र विस में औरंगाबाद एयरपोर्ट का नाम छत्रपति सम्भाजी महाराज रखने का प्रस्ताव पास
09:05 PM कोरोना संक्रमित एक मरीज हुआ ठीक, देश में अब कन्फर्म मामलों की संख्या 84
08:46 PM UP में बारिश और बिजली गिरने से 28 लोगों की मौत, योगी सरकार ने 4-4 लाख रुपये मुआवजे का किया ऐलान
08:22 PM कोरोना वायरस का कहर, मध्य प्रदेश के सभी सिनेमाघर 31 मार्च तक के लिए किए गए बंद
08:02 PM PFI के परवेज, इलियास और दानिश को दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने जमानत दी
07:55 PM पश्चिम बंगालः विश्व भारती यूनिवर्सिटी ने कक्षा 10 की परीक्षाओं को टाला
07:34 PM भारत में अब तक कोरोना वायरस के 89 मामले आए सामने, एक व्यक्ति की मौत
07:32 PM कोरोना वायरस का कहर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात दौरा रद्द
07:18 PM केरल में कोरोना वायरस के 3 और मामले आए सामने
07:15 PM अब यूपी में प्रदर्शन के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचने पर होगी वसूली, योगी सरकार लाई कानून
07:03 PM कोरोना वायरसः गौतमबुद्ध नगर के क्लास 1 से 8 तक के सभी स्कूल 14 से 22 मार्च तक बंद
07:01 PM स्पेन में कोरोना वायरस की चपेट में आने वालों का आंकड़ा 4209 हुआ, अब तक 120 लोगों की मौत
07:00 PM जम्मू-कश्मीरः बारामूला में सुरक्षा बलों ने एक आतंकी को किया ढेर, हथियार भी बरामद
06:58 PM फारूक अब्दुल्ला को बिना किसी आरोप के 7 महीने तक क्यों नजरबंद रखा गयाः चिदंबरम
06:53 PM कोरोना वायरसः यूक्रेन ने विदेशियों की एंट्री बंद की, सीमा को किया सील
06:40 PM जम्मू में सभी मॉल, जिम सेंटर और स्वीमिंग पूल को किया गया बंद
06:38 PM दिल्ली विधानसभा में NPR और NRC के खिलाफ प्रस्ताव पास
06:22 PM कोरोना वायरस: 14-15 मार्च को राजगीर में होने वाला राष्ट्रीय जनता दल का प्रशिक्षण शिविर हुआ रद्द
06:21 PM संकट से जूझ रहे यस बैंक में एक हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा HDFC बैंक
06:09 PM CBI ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया है
05:56 PM दिल्ली विधानसभा के 70 सदस्यों में से 61 के पास नहीं हैं जन्म प्रमाण पत्रः केजरीवाल
05:55 PM दिल्ली विधानसभा में बोले केजरीवाल- मेरी कैबिनेट के पास नहीं जन्म-प्रमाण पत्र
05:54 PM विधानसभा में बोले केजरीवाल- दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास नहीं है जन्म प्रमाण
05:50 PM कोरोना वायरस: लखनऊ और कोलकाता में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले मैच हुए रद्द
05:46 PM कोरोना वायरस: SC में सिर्फ अर्जेंट केस की होगी सुनवाई, बाहरी लोगों के प्रवेश पर लगाई गई रोक
05:41 PM ईरान की राजधानी तेहरान से कल भारतीयों को विमान से लाया जाएगा दिल्ली
05:40 PM कोरोना वायरस के चलते दिल्ली HC ने दिल्ली हायर ज्यूडिशियल सर्विस (मेन) 2019 की परीक्षा को टाला
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05:15 PM भारत में कोरोना वायरस की चपेट में आने वालों की संख्या बढ़ी, अब तक 81 मामलों की हुई पुष्टि
05:12 PM कोरोना वायरस: एयर इंडिया ने इटली, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इजरायल के लिए फ्लाइट रद्द की
04:59 PM मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान
04:21 PM जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी खत्म करने के फैसले का किया स्वागत
04:02 PM मध्य प्रदेशः भोपाल एयरपोर्ट में लगाई गई धारा 144
03:57 PM मैं आजाद हुआ, पर पूरी आजादी तब मिलेगी, जब सभी नेताओं की नजरबंदी होगी खत्मः फारूक
03:56 PM नजरबंदी खत्म होने के बाद बोले फारूक अब्दुल्ला- उम्मीद है कि सभी नेताओं की नजरबंदी होगी खत्म
03:51 PM केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बोले- सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 फीसदी बढ़ाया
03:42 PM तेजी के साथ शेयर बाजार बंद, सेंसेक्स में 1325 अंक और निफ्टी में 365 अंकों की बढ़त
03:34 PM कोरोना वायरस: बिहार में 31 मार्च तक स्कूल-कॉलेज बंद
03:06 PM मध्य प्रदेश: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा के लिए दाखिल किया नामांकन
02:54 PM कोरोना वायरस के चलते 15 अप्रैल तक टला IPL
02:31 PM अंकित शर्मा मर्डर केस: सलमान को 4 दिन की पुलिस रिमांड
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01:50 PM कोरोना वायरस के चलते यूपी के सभी जिलों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए: सीएम योगी
01:41 PM IPL शेड्यूल के मुताबिक होगा: राजीव शुक्ला
01:39 PM कोरोना वायरस: यूपी के सभी स्कूल-कॉलेज 22 मार्च तक बंद
01:35 PM शेयर बाजार: एक दिन में अपने निचले स्तर से रिकॉर्ड 5 हजार अंक तक बढ़ा सेंसेक्स
01:30 PM फारूक अब्दुल्ला से पीएसए हटाया गया
01:24 PM जम्मू कश्मीर सरकार ने फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी खत्म करने का दिया आदेश
01:22 PM सरकार और लोग मिलकर कोरोना से लड़ रहे हैं: पीएम मोदी
01:15 PM कोरोना वायरस को रोकना हम सबकी जिम्मेदारी: प्रियंका गांधी
12:54 PM दिल्ली हिंसा: अंकित शर्मा हत्या केस में आरोपी सलमान को कोर्ट में पेश किया गया
12:36 PM शेयर बाजार में रिकवरी, सेंसेक्स में 950 अंक और निफ्टी में 270 अंकों की बढ़त
12:19 PM कोरोना वायरस के कारण दिल्ली में सभी खेल कार्यक्रमों पर रोक: मनीष सिसोदिया
12:19 PM दिल्ली में सभी प्रकार के सेमिनार, सम्मेलन पर रोक: मनीष सिसोदिया
12:15 PM कोरोना वायरस के चलते दिल्ली में IPL के मैच नहीं होंगे: मनीष सिसोदिया
12:11 PM कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोर्ट के हस्तक्षेप की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका
11:41 AM मध्य प्रदेश: सीएम कमलनाथ की राज्यपाल से विधायकों की रिहाई की मांग
11:15 AM मध्य प्रदेश: राज्यपाल से मिलने पहुंचे सीएम कमलनाथ
11:07 AM उन्नाव केस: पीड़िता के पिता के मौत मामले में सभी दोषियों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना
10:40 AM मध्य प्रदेश: आज राज्यपाल से मुलाकात करेंगे मुख्यमंत्री कमलनाथ
10:25 AM शेयर बाजार में थोड़ी रिकवरी, सेंसेक्स 31000 और निफ्टी 9000 के स्तर से ऊपर
10:20 AM शेयर बाजार: ट्रेडिंग फिर से शुरू, सेंसेक्स में 1600 अंक तो निफ्टी में 500 अंक की गिरावट
09:58 AM शेयर बाजार: 10.20 AM से दोबारा शुरू होगी ट्रेडिंग, 10.05 AM से प्री-ओपन सेशन
09:47 AM कोरोना इफेक्ट: यूपी के सभी स्कूल हो सकते हैं बंद, योगी कैबिनेट थोड़ी देर में लेगी फैसला
09:27 AM शेयर बाजार पर कोरोना का असर, ट्रेडिंग रोकी गई
09:25 AM कोरोना इफेक्ट: शेयर बाजार में लगा लोअर सर्किट
09:17 AM कोरोना इफेक्ट : शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 2500 अंक लुढ़का, निफ्टी 9000 के नीचे
09:17 AM शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 2500 अंक तो निफ्टी 750 अंक गिरा
09:03 AM चीन से लाए गए 112 लोगों का कोरोना टेस्ट नेगेटिव
08:42 AM मध्य प्रदेश: स्पीकर ने 22 बागी विधायकों को आज पेश होने के लिए कहा
08:09 AM कोरोना वायरस: बिहार में पीएमसीएच के सभी डॉक्टर की छुट्टियां रद्द
07:42 AM कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की पत्नी सोफी कोरोना वायरस से पीड़ित
06:30 AM पुणे में सामने आया कोरोना का एक और पेशेंट, देश में मरीजों की संख्या 75 हुई
05:49 AM इटली में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 1000 के पार पहुंची
05:04 AM लुधियाना: शिवसेना हिन्दुस्तान नाम की संस्था का नेता गिरफ्तार, खुद पर हमला करवाने का आरोप
03:42 AM कैलिफोर्निया- कोरोनावायरस की खतरे की वजह से बंद किया गया डिजनीलैंड
02:41 AM लंदन में होने वाली ���्रेक्जिट वार्ता कोरोनावायरस की वजह से रद्द
01:56 AM पाकिस्तान: कोरोनावायरस की वजह से सिंध में 30 मई 2020 तक स्कूल बंद
01:23 AM पाकिस्तान: रावलपिंडी में कबाड़ी बाजार में धमाका, 5 लोग घायल
12:56 AM छत्तीसगढ़ के सभी स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय 31 मार्च तक बंद
12:44 AM दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन के 2 करीबियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
12:04 AM ज्योतिरादित्य सिंधिया आज दोपहर 2 बजे राज्यसभा के लिए दाखिल करेंगे नॉमिनेशन
12:00 AM कोरोना वायरस की चपेट में आईं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पत्नी
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