Tumgik
#पटना हाईकोर्ट
todaypostlive · 1 year
Text
 पटना हाई कोर्ट ने बिहार में जाति गणना पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक
Patna: बिहार में नीतीश सरकार की जाति आधारित गणना पर गुरुवार को पटना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने आदेश दिया है कि गणना को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए। इसके पहले हाई कोर्ट में मामले को लेकर दो दिन तक सुनवाई हुई थी। इसके बाद चीफ जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस फैसले के बाद नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है। दूसरी ओर जातीय गणना पर…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
countryinsidenews · 13 days
Text
पटना /नीतीश सरकार को मुआवजा उपलब्ध कराने का दिया सख्त निर्देश,पटना हाईकोर्ट ने समस्तीपुर की विधवा को दी बड़ी राहत
प्रियंका भारद्वाज /नीतीश सरकार को मुआवजा उपलब्ध कराने का दिया निर्देश,पटना हाईकोर्ट ने समस्तीपुर की विधवा को दी बड़ी राहत- दिया सख्त आदेश.पटना हाईकोर्ट ने समस्तीपुर की विधवा को बड़ी राहत दी है। समस्तीपुर जिले के रोसड़ा थाना क्षेत्र के शारदा नगर की रहनेवाली शंकर देवी के पति ��िशेश्वर महतो की कोरोना से 2021 में मौत हो गयी। जिससे महिला पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।  पति की मौत के बाद शंकर देवी ने 4 लाख रुपए…
0 notes
lallulalnews · 3 months
Video
youtube
#lallulal #lallulalnews @lallulalnews Bihar News: बिहार में रद्द हुआ 65 प्रतिशत आरक्षण कानून, नीतीश सरकार को पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका Bihar News पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए आरक्षण कानून में किए गए हालिया संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को स्वीकृति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने विगत 11 मार्च को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे गुरुवार को सुनाया गया।  #biharreservationbill #biharreservation #biharnews bihar reservation,bihar reservation bill,bihar reservation news,bihar reservation system,reservation in bihar,bihar reservation limit,bihar caste reservation,bihar reservation bill pass,bihar 65% reservation bill pass,bihar news,reservation,patna hc on bihar reservation,patna hc on bihar reservation cancel,bihar,bihar reservation bill news,bihar reservation increase,bihar reservation 75 percent,nitish kumar bihar reservation bill #viralvideo   #pmmodi #bjp #congressparty #priyankagandhi #rahulgandhi    #aap #aapneta #delhiaap Lallu Lal (लल्लू लाल)- हे भैया सच्ची खबर तो लल्लू लाल ही देंगे..भारत के हर कोने से चुनी गई खबरों का संग्रह। भारत के राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर गहराई से जानकारी देना हमारा लक्ष्य है। हम यहाँ पर हर विषय को गहराई से देखते हैं, ताकि भारत के करोड़ों Online User के पास सही खबर मिले।
0 notes
sirjitendrayadav · 3 months
Text
Tumblr media
0 notes
shyamjai · 5 months
Link
0 notes
dainiksamachar · 6 months
Text
UP के इस अफसर का बिहार में जलवा, 'कड़क' IAS केके प��ठक का प्रयागराज से क्‍या है नाता?
बलिया: बिहार में एक IAS अफसर का इन दिनों खूब जलवा है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्‍य सचिव केके पाठक को बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी जिम्‍मेदारी सौंपी है। वे अपने कार्यशैली को लेकर लगातार सुर्खियों में रहते हैं। केके पाठक का जन्‍म 1968 में यूपी में हुआ था। 1990 बैच के अधिकारी पाठक ने अपनी पढ़ाई-लिखाई प्रयागराज से की है। उनका परिवार मूलरूप से बलिया का रहने वाला बताया जाता है। वर्ष 2021 में फेम इंडिया मैगजीन ने देश के 50 असरदार ब्‍यूरोक्रेट्स की सूची जारी की थी, जिसमें केके पाठक का नाम भी शामिल था। 1990 में केके पाठक को पहली नियुक्ति बिहार के कटिहार जिले में मिली थी। इसके बाद वह गिरिडीह में एसडीओ रहे। इसके बाद वह बेगूसराय, शेखपुरा और बाढ़ में भी एसडीओ पर तैनात रहे। 1996 में पहली बार केके पाठक डीएम बने और उन्‍हें गिरिडीह में नियुक्‍त किया गया। जब राबड़ी देवी बिहार की मुख्‍यमंत्री थीं, तब पाठक को लालू यादव के गृह जिले गोपालगंज की जिम्‍मेदारी भी मिली। इसी दौरान पहली बार पाठक चर्चा में आए क्‍योंकि उन्‍होंने गोपालगंज में एमपी फंड से बने एक अस्‍पताल का शुभारंभ एक सफाईकर्मी से करवा दिया था। यह फंड गोपालगंज के तत्‍कालीन सांसद और राबड़ी देवी के भाई साधु यादव ने दिया था। केके पाठक के इस फैसले से बिहार में काफी बवाल मचा था। इसके बाद उन्‍हें डीएम के पद से हटाकर वापस सचिवालय बुला लिया गया था। नीतीश कुमार के खास अफसरों में शुमार कहा जाता है कि केके पाठक मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते अफसरों शामिल हैं। 2005 में नीतीश की सरकार बनने पर केके पाठक को बड़ा पद मिला। उन्‍हें बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण का प्रबंध निदेशक बनाया गया। नीतीश के करीबी अफसर अरुण कुमार के निधन के बाद पाठक को शिक्षा विभाग की जिम्‍मेदारी दी गई। 2010 में केके पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। महागठबंधन की सरकार बनने पर नीतीश कुमार ने पाठक को 2015 में दिल्‍ली से वापस बिहार बुला लिया था। 2017 में एक बार फिर पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्‍ली भेजे गए। फिर 2021 में वह प्रमोशन के साथ बिहार वापस लौटे। बिहार में शराबबंदी लागू करने की कमान उन्हें ही सौंपी गई। दागदार भी रहा है करियर केके पाठक जहां एक तरफ अपने कड़क फैसलों के लिए जाने जाते हैं, दूसरी तरफ उनका करियर दागदार भी रहा है। 2018 में पटना हाईकोर्ट ने केके पाठक पर 1.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। SBI के सात बैंक मैनेजरों ने उन पर मनमानी का आरोप लगाया था। स्टैंप ड्यूटी देर से जमा करने से जुड़े इस मामले में कोर्ट ने आरोप सही पाए थे। पटना हाईकोर्ट में हाजिरी ना लगाने को लेकर वॉरंट से लेकर विभागीय बैठक में अपशब्दों के कथित इस्तेमाल तक केके पाठक के खिलाफ आरोपों की लंबी फेहरिस्त है। http://dlvr.it/T4xpD3
0 notes
shivamsrv · 10 months
Text
फर्जी जस्टिस बन कर डीजीपी को फोन करवाने वाले IPS अफसर ने किया सरेंडर, सात महीने से थे फरार
फर्जी जस्टिस बन कर डीजीपी को फोन करवाने वाले IPS अफसर ने किया सरेंडर, सात महीने से थे फरार बांधवभूमि न्यूज, देश संक्षिप्त पटना पटना हाईकोर्ट के फर्जी चीफ जस्टिस से बिहार की नीतीश कुमार सरकार के पुलिस महानिदेशक से अपनी पैरवी कराने वाले आईपीएस आदित्य कुमार को सात महीने में पुलिस नहीं ढूंढ़ सकी। आदित्य ने अब खुद सरेंडर कर दिया है। विस्तृत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह विभाग के मातहत काम करने…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
sharpbharat · 1 year
Text
Telco workers union court decision - टेल्को वर्कर्स यूनियन के निबंधन रद्द करने पर लगी रोक, बिहार सरकार के फैसले पर पटना हाईकोर्ट के रोक लगने से जीत की स्थिति
जमशेदपुर : बिहार के ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार द्वारा झारखंड के 980 यूनियनों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आदेश से प्रभावित टेल्को वर्कर्स यूनियन के निबंधन पर को लेकर पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को टेल्को वर्कर्स यूनियन के निबंधन रद्द करने के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दिया है. जस्टिस ए अभिषेक रेड्डी की एकल बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि रजिस्ट्रार, ट्रेड यूनियन, बिहार…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
webvartanewsagency · 1 year
Text
ज्ञानवापी का ASI सर्वे शुक्रवार को होगा शुरू, जिलाधिकारी ने की पुष्टि
वाराणसी (उत्तर प्रदेश), (वेब वार्ता)।  वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम शुक्रवार की सुबह सात बजे से फिर शुरू करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही जिला व पुलिस प्रशासन ने गुरुवार को एएसआई के सहयोग और सुरक्षा की जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं। ज्ञानवापी में सर्वे के मद्देनजर जिले की पुलिस और प्रशासनिक महकमा हाई अलर्ट पर है। सोशल मीडिया की भी निगरानी की जा रही है। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि अदालत के आदेश का पालन कराया जाएगा। एएसआई टीम का सर्वे में हर तरह का सहयोग दिया जाएगा।
पुलिस आयुक्त ने लिया सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद एएसआई की टीम ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क साधा है। एएसआई की टीम वाराणसी पहुंच चुकी है। टीम में आगरा, लखनऊ, दिल्ली, प्रयागराज, पटना सहित कई शहरों के विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं। यह टीम सुबह सात बजे से ही सर्वे में जुट जाएगी। इसी सिलसिले में पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया। पुलिस आयुक्त ने करीब तीन घंटे तक सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखने की रणनीति बनाई। पुलिस आयुक्त ने कहा कि सर्वे में किसी तरह का व्यवधान नहीं आएगा। हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। ज्ञानवापी के आसपास सुरक्षा के सख्त इंतजाम रहेंगे। 10 दिन रुका रहा सर्वे का काम एएसआई की 43 सदस्यीय टीम ने 24 जुलाई की सुबह सात बजे से ज्ञानवापी में लगभग साढ़े पांच घंटे तक सर्वे किया था। दोपहर लगभग 12:30 बजे सर्वे पर रोक लगाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी हुई तो काम रोक दिया गया। उस दिन से अब तक 10 दिन सुप्रीम कोर्ट और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से ज्ञानवापी में सर्वे का काम रुका रहा। अब शुक्रवार से सर्वे शुरू होगा। चार अगस्त तक एएसआई को देनी थी रिपोर्ट जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी की मौजूदा संरचना को नुकसान पहुंचाए बगैर एएसआई को सर्वे का आदेश देकर चार अगस्त तक रिपोर्ट देने को कहा था। एएसआई को सर्वे कर बताना था कि क्या मंदिर को ध्वस्त कर उसके ढांचा के ऊपर मस्जिद बनाई गई है, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट चला गया। अब हाईकोर्ट ने सर्वे पर मुहर लगाई है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी जिला ��ज की अदालत में होनी है। जिला अदालत का आदेश बरकरार मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी के प्रार्थना पत्र पर बीते 21 जुलाई को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी में सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से के सर्वे का आदेश एएसआई को दिया था। जिला जज की अदालत ने कहा था कि सर्वे रिपोर्ट चार अगस्त तक अदालत में पेश की जाए। इसी तिथि में अगली सुनवाई होगी। जिला जज की अदालत के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की अपील पर 24 जुलाई की दोपहर से सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट के आदेश से अब तक सर्वे का काम रुका हुआ था। गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्याय हित में ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वे को जरूरी बताया और एएसआई को सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया। Read the full article
0 notes
youthjagrannews · 1 year
Text
Patna High Court से नीतीश सरकार की बड़ी जीत, Bihar में फिर से शुरू होंगी जाति जनगणना
Bihar Politics: बिहार में नीतीश सरकार (Nitish government) को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) से मंगलवार को बड़ी राहत मिली है जातीय जनगणना (caste enumeration) से सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। महागठबंधन सरकार को इस मामले में बड़ी राहत मिली है। बिहार में जातीय जनगणना फिर से शुरू होगा।
पटना हाईकोर्ट ने बीते 4 मई को जातीय जनगणना (caste census) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इसपर अस्थायी रोक लगाई थी। हालांकि, अब अदालत से महागठबंधन सरकार को हरी झंडी मिल गई है। पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार के जातीय जनगणना (caste census) कराने के फैसले को सही करार दिया है।
0 notes
lallulalnews · 3 months
Video
youtube
#lallulal #lallulalnews @lallulalnews Bihar News: बिहार में रद्द हुआ 65 प्रतिशत आरक्षण कानून, नीतीश सरकार को पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका Bihar News पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए आरक्षण कानून में किए गए हालिया संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को स्वीकृति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने विगत 11 मार्च को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे गुरुवार को सुनाया गया।  #biharreservationbill #biharreservation #biharnews bihar reservation,bihar reservation bill,bihar reservation news,bihar reservation system,reservation in bihar,bihar reservation limit,bihar caste reservation,bihar reservation bill pass,bihar 65% reservation bill pass,bihar news,reservation,patna hc on bihar reservation,patna hc on bihar reservation cancel,bihar,bihar reservation bill news,bihar reservation increase,bihar reservation 75 percent,nitish kumar bihar reservation bill #viralvideo   #pmmodi #bjp #congressparty #priyankagandhi #rahulgandhi    #aap #aapneta #delhiaap Lallu Lal (लल्लू लाल)- हे भैया सच्ची खबर तो लल्लू लाल ही देंगे..भारत के हर कोने से चुनी गई खबरों का संग्रह। भारत के राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर गहराई से जानकारी देना हमारा लक्ष्य है। हम यहाँ पर हर विषय को गहराई से देखते हैं, ताकि भारत के करोड़ों Online User के पास सही खबर मिले।
0 notes
sirjitendrayadav · 4 months
Text
0 notes
nbs-hindi-news · 1 year
Text
बिहार में जारी रहेगी जातीय जनगणना, पटना हाईकोर्ट में नीतीश सरकार की बड़ी जीत
बिहार में जारी रहेगी जातीय जनगणना, पटना हाईकोर्ट में नीतीश सरकार की बड़ी जीत
बिहार। पटना हाई कोर्ट जातीय जनगणना को लेकर मंगलवार को सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने बिहार में सरकार द्वारा जाति सर्वेक्षण कराने को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. बिहार में जातीय सर्वेक्षण चलता रहेगा. सरकार इसे स्वैच्छिक सर्वेक्षण वाली जनगणना मान रहा है, जिसका लगभग 80 फीसदी कार्य पूरा हो गया है. पटना हाई कोर्ट जातीय जनगणना को लेकर मंगलवार को सुनवाई के दौरान बड़ा…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
shyamjai · 5 months
Link
0 notes
dainiksamachar · 1 year
Text
'उम्र 70 साल! तब तो भगवान ही मालिक है', प्रभुनाथ सिंह मामले में कोर्ट का कमेंट पढ़िए
पटना: दो वोट के लिए दो लोगों की हत्या कर दी गई। बाहुबली नेता से जुड़े इस केस को लेकर ने भी हैरानी जताई। जजों ने कहा कि उन्होंने ऐसा केस कभी नहीं देखा। उम्र कैद की सजा सुनाने के बाद बाकी भगवान पर छोड़ा दिया। छपरा के मशरख में 28 साल पहले यानि 1995 में दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक में प्रभुनाथ सिंह बच गए। मगर सुप्रीम कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत देखा। उम्र कैद की सजा सुना दी। साथ ही मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए और घायल के परिवार को 5 लाख मुआवजा देने का आदेश भी दिया। 1995 में मतदान के दिन क्या हुआ था? 1995 में बिहार पीपु��्स पार्टी (बीपीपी) के उम्मीदवार के रूप में सारण जिले के मशरख विधानसभा क्षेत्र से प्रभुनाथ सिंह चुनाव लड़ रहे थे। वोटिंग के दिन माहौल देखने निकले प्रभुनाथ सिंह ने 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दारोगा राय से पूछा कि किसे वोट दिया? दोनों ने उनके विरोधी कैंडिडेट का नाम ले लिया। इसके बाद आपे से बाहर प्रभुनाथ सिंह ने बंदूक की नाल खोल दी। इसी डबल मर्डर केस में पूर्व सांसद को सुप्रीम कोर्ट ने सजा सुनाई है। फैसला सुनाते वक्त जजों ने क्या-क्या कहा? प्रभुनाथ सिंह पर मर्डर केस में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने सजा के सवाल पर सुनवाई की। सुनवाई में जस्टिस कौल ने कहा कि सजा या उम्रकैद, दो ही विकल्प हैं। तब प्रभुनाथ सिंह के वकील आर. बसंत ने कहा कि बच्चन सिंह के मामले में ये कहा गया है कि सजा का गंभीर विकल्प तब चुना जाता है, जब छोटा विकल्प निर्विवाद रूप से समाप्त हो जाता है। इसके बाद न्यायमूर्ति ओका ने वरिष्ठ वकील आर. बसंत से पूछा कि क्या आप गंभीरता से सोचते हैं कि हम मृत्युदंड पर विचार कर रहे हैं? फिर कोर्ट को बताया गया कि प्रभुनाथ सिंह की उम्र 70 साल है। इसके बाद जस्टिस कौल ने कहा कि तब तो भगवान पर निर्भर है कि वो उसे जो भी देता हो। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने टिप्पणी की कि इस तरह का मामला पहले कभी नहीं देखा। अभी किस केस में सजा काट रहे प्रभुनाथ? 1995 में मशरख विधानसभा का चुनाव प्रभुनाथ सिंह हार गए। जनता दल के अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। कहा जाता है प्रभुनाथ सिंह ने अशोक सिंह को धमकी दी थी कि 90 दिन के भीतर तुम्हारी हत्या हो जाएगी। ठीक 90वें दिन 3 जुलाई 1995 को पटना में विधायक अशोक सिंह का मर्डर हो गया। अशोक सिंह हत्याकांड में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद प्रभुनाथ सिंह को उम्र कैद की सजा हुई है। फिलहाल हजारीबाग के जेल में बंद हैं। http://dlvr.it/SvV9nt
0 notes
famethename · 1 year
Text
हाईकोर्ट ने एंबुलेंस टेंडर मामले की सुनवाई 24 जून को तय की
पटना उच्च न्यायालय ने बिहार के महाधिवक्ता (एजी) के अनुरोध पर मंगलवार को उस मामले की सुनवाई 24 जून के लिए सूचीबद्ध की जिसमें दो बोली लगाने वालों ने एक मामले में अपनी अयोग्यता को चुनौती दी है। ₹पूरे बिहार में राष्ट्रीय डायल 102 आपातकालीन सेवाओं की 2,125 एंबुलेंस के बेड़े को संचालित करने के लिए 1,600 करोड़ रुपये का अनुबंध। पटना हाई कोर्ट. (एचटी फोटो) याचिकाकर्ता बीवीजी इंडिया लिमिटेड के वकील निर्भय…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes