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#पालक में कौन सा विटामिन पाया जाता है
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आयरन युक्त खाद्य सामग्री और उनके फायदे – Iron Rich Foods in Hindi
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आयरन युक्त खाद्य सामग्री और उनके फायदे – Iron Rich Foods in Hindi
आयरन युक्त खाद्य सामग्री और उनके फायदे – Iron Rich Foods in Hindi Saral Jain Hyderabd040-395603080 January 31, 2020
हमारे शरीर में हर पोषक तत्वों की अपनी अलग भूमिका होती है, चाहे वो विटामिन हो, मिनरल हो या फिर फैट। इन्हीं में से एक पोषक तत्व है आयरन। आयरन शरीर के लिए इसलिए जरूरी माना जाता है, क्योंकि यह विभिन्न तरीकों से स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम करता है। इसका महत्व इस प्रकार समझा जा सकता है कि आयरन की कमी से रोग और कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए, डॉक्टर अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ आयरन युक्त भोजन लेने की सलाह देते हैं। वहीं, शरीर में आयरन की अधिकता विभिन्न परेशानियों की वजह बन सकती है। आयरन से जुड़ी सभी जानकारियां आपको वैज्ञानिक प्रमाण सहित स्टाइलक्रेज के इस लेख में पढ़ने को मिलेंगी। इसलिए, यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें। इस लेख में विभिन्न आयरन के स्रोत के विषय में भी बताया गया है।
सबसे पहले हम आपको यहां आयरन के बारे में बता रहे हैं।
विषय सूची
आयरन क्या है? – What is Iron in Hindi
आयरन एक प्रकार का खनिज है। यह कई खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है, तो वहीं कई खाद्य उत्पादों में इसे जोड़ा जाता है। डायटरी आयरन के दो रूप हैं, एक हेम आयरन और दूसरा नॉन-हेम आयरन। मीट, चिकन और मछली हेम आयरन के मुख्य स्रोत माने जाते हैं। इन उत्पादों में लगभग 55 से 70 प्रतिशत तक आयरन की आपूर्ति हो सकती है। इसके विपरीत नॉन-हेम आयरन को अनाज, बीन्स, सब्जियों, फल, नट्स और बीज जैसे खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है (1) (2)।
यहां हम बता रहे हैं कि आयरन की शरीर में क्या भूमिका होती है।
आपके शरीर में आयरन की भूमिका क्या है?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार, शरीर में आयरन की एक अहम भूमिका होती है। हीमोग्लोबिन के स्तर को ठीक करने के लिए आयरन जरूरी घटक माना जाता है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है, जो ऑक्सीजन को पूरे शरीर में ले जाने का काम करता है। आयरन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि शरीर में इसकी कमी एनीमिया (लाल रक्त कोशिकाओं की कमी) का कारण बन सकती है। मांसपेशियों के चयापचय और स्वस्थ ऊतक यानी टिश्यू के लिए भी आयरन फायदेमंद होता है। आयरन शारीरिक और मानसिक विकास के साथ ही कुछ हार्मोन के लिए भी आवश्यक है (1)। इसलिए, खानपान में आयरन युक्त भोजन का होना बहुत जरूरी है।
यहां हम बता रहे हैं कि हमें राेजाना आयरन की कितनी मात्रा जरूरी होती है।
आपको आयरन की कितनी आवश्यकता है?
रोजाना आयरन की मात्रा लिंग और आयु के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। नीचे हम टेबल के माध्यम से आयरन की मात्रा बता रहे हैं (1):
आयु आयरन की मात्रा
पुरुष
आयरन की मात्रा
स्त्री
जन्म से लेकर 6 माह तक 0.27 मिलीग्राम 0.27 मिलीग्राम 7 माह से 12 माह तक 11 मिलीग्राम 11 मिलीग्राम 1 साल से 3 साल तक 7 मिलीग्राम 7 मिलीग्राम 4 साल से 8 साल तक 10 मिलीग्राम 10 मिलीग्राम 9 साल से 13 साल तक 8 मिलीग्राम 8 मिलीग्राम 14 साल से 18 साल तक 11 मिलीग्राम 15 मिलीग्राम 19 साल से 50 साल तक 8 मिलीग्राम 18 मिलीग्राम 50 साल से ऊपर आयु के लिए 8 मिलीग्राम 8 मिलीग्राम 14 साल से 18 साल तक
गर्भवती
– 27 मिलीग्राम 19 साल से 50 साल तक
गर्भवती
– 27 मिलीग्राम
नोट: हर किसी के शरीर को आयरन की अलग-अलग मात्रा की जरूरत होती है। इसलिए, आयरन की सही मात्रा के लिए चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है।
यहां हम आयरन के स्रोत के साथ ही सेहत के लिए उनके फायदों के बारे में बता रहे हैं।
आयरन युक्त खाद्य पदार्थ – Iron Rich Foods in Hindi
शरीर में आयरन की पूर्ती के लिए आयरन के स्रोत के साथ-साथ आयरन रिच फूड को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं, आयरन के कुछ प्रमुख स्रोतों के बारे में।
1. पालक
आयरन की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 2.71 मिलीग्राम (3)।
पालक के फायदे सेहत के लिए कई प्रकार से हो सकते हैं। आयरन के साथ-साथ पालक कई विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है। एनसीबीआई (नेशनल स���ंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, इसमें एंटी कैंसर, एंटी ओवेसिटि गुणों के साथ ही हाइपोग्लाइसेमिक (रक्त शुगर को कम करने वाला गुण) और हाइपोलिपिडेमिक (वसा को कम करने का गुण) गुण भी पाए जाते हैं। पालक में पाए जाने वाले गुणों के कारण ही ज्यादातर डॉक्टर पालक को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं (4)। आयरन युक्त भोजन के रूप में पालक का उपयोग सलाद, सूप और सब्जी बनाने के लिए आसानी से कर सकते हैं।
2. फलियां
आयरन की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 2.77 मिलीग्राम (5)।
फलियां कई प्रकार से सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, फलियों के सेवन से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम कुछ हद तक कम हो सकता है। फलियों के कुछ सामान्य प्रकारों में किडनी बीन्स, कैनेलिनी बीन्स, नेवी बीन्स, फावा बीन्स, क्रैनबेरी बीन्स, ब्लैक बीन्स, पिंटो बीन्स, सोया बीन्स आदि शामिल हैं। फलियों में फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी, आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। (6)। फलियों का उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है।
3. ब्रोकली
आयरन की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 0.88 (7)।
ब्रोकली को आयरन रिच फूड के श्रेणी में भी रखा जाता है। एनीसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार ब्रोकली में विटामिन-ई, विटामिन-सी, विटामिन-के, आयरन, जिंक, सेलेनियम और पॉलीफेनोल जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसे अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण और फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं। ब्रोकली में पाए जाने वाले ये पोषक तत्व सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं (8)। ब्रोकली का उपयोग सब्जी बनाने में, सूप और सलाद के लिए आयरन युक्त भोजन के रूप में किया जा सकता है।
4. लाल मांस (बीफ)
आयरन की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 1.97 मिलीग्राम (9) (10)।
मानव विकास में लाल मांस आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है। लाल मांस आयरन और प्रोटीन के साथ ही आवश्यक पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है। एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार लाल मांस कई प्रकार से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। ये कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के साथ ही बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में भी कारगर हो सकता है (11)।
5. शेलफिश
आयरन की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 4.05 मिलीग्राम (12)।
शेलफिश में प्रोटीन, कई प्रकार के विटामिन, कॉपर, जिंक, आयरन, सोडियम व पोटैशियम सहित अमीनो एसिड, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड व कैरोटीनॉयड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटीवायरल, एंटीट्यूमर, एंटीऑक्सीडेंट, कार्डियोप्रोटेक्टिव, एंटीडायबिटिक और न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं। शेलफिश में पाए जाने वाले ये गुण संयुक्त रूप से शरीर को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं (13)।
6. कद्दू के बीज
आयरन की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 3.31 मिलीग्राम (14)।
अगर बात करें कद्दू के बीज के फायदे की, ताे ये भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। कद्दू के बीज आयरन के अलावा, प्रोटीन, विटामिन, कैरोटिनॉइड, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, फाइटोस्टेरॉल, सेलेनियम और जिंक जैसे पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट जैस गुणों का स्रोत माने जाते हैं। ये हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल संबंधी हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है। इसके अलावा, शोध में पाया गया है कि कद्दू के बीज का तेल उच्च रक्तचाप, गठिया और कैंसर के जोखिम से बचाव में मदद कर सकता है (15)। इसका उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। कई लोग इन बीजों को सेंक कर ड्राई फ्रूट्स की तरह खाना पसंद करते हैं।
7. क्विनोआ
आयरन की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 4.65 मिलीग्राम (16)।
क्विनोआ का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। यह सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। क्विनोआ प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कई विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है। इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं। क्विनोआ मधुमेह और हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद तो है ही, साथ ही इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन किशोरावस्था और गर्भावस्था के दौरान विकास के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। क्विनोआ को कई तरह से पकाया और खाया जा सकता है। इसको टमाटर के साथ स्टफ करके सेवन किया जा सकता है (17)।
8. टोफू
आयरन की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 5.36 मिलीग्राम (18)।
मैश किए हुए सोयाबीन से बने दही को टोफू कहा जाता है। इसे आयरन रिच फूड भी कहा जा सकता है। एनीसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, टोफू, प्रोटीन, सभी 9 आवश्यक अमीनो एसिड, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, सेलेनियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक और विटामिन-बी1 का अच्छा स्रोत है। ये सभी पोषक तत्व स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसके साथ ही ये कैंसर, डायबिटीज और हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। इसका उपयोग मांस के स्थान पर कई पकवान और सब्जियां बनाने के लिए किया जा सकता है (19)।
9. टर्की
आयरन की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 5.92 मिलीग्राम (20)।
टर्की मांस प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। यह सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसमें प्रोटीन, आयरन, जिंक, पोटैशियम, फास्फोरस, विटामिन-बी6, नियासिन और एमिनो एसिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भी भरपूर होता है। कई पोषक तत्वों और गुणों से भरपूर टर्की शरीर को ऊर्जा प्रदान करने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के साथ ही डायबिटीज की समस्या को रोकने के लिए फायदेमंद माना गया है (21)। फिलहाल, इसके बताए गए लाभ की सटीकता के लिए और गहन वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।
10. डार्क चॉकलेट
आयरन की मात्रा: प्रति 100 ग्राम में 7.71 मिलीग्राम (22)।
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, डार्क चॉकलेट सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है। डार्क चॉकलेट का उपयोग थकान, अपच, और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (आंतों का विकार) की समस्या को दूर करने के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग बलगम और अवसाद को कम करने, मूत्रवर्धक और कामोत्तेजक के लिए भी फायदेमंद माना गया है। ये फ्लेवोनोइड और कैफीन के साथ-साथ मैग्नीशियम, आयरन और जिंक जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत भी है (23)।
आयरन के स्रोत के बाद यहां हम आपको बता रहे हैं आयरन के कुछ सप्लीमेंट के बारे में।
कुछ भरोसेमंद आयरन सप्लीमेंट – Iron Supplements in Hindi
आयरन सप्लीमेंट्स को कैप्सूल, टैबलेट व तरल पदार्थ के रूप में लिया जा सकता है। फेरॉस और फेरिक आयरन सॉल्ट (Ferrous and Ferric Iron Salts) ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले आयरन सप्लीमेंट हैं। वैसे आपके लिए कौन-सा आयरन सप्लीमेंट ज्यादा फायदेमंद होगा, इसकी सही जानकारी डॉक्टर ही दे सकते हैं। हमारी सलाह यही है कि आप बिना डॉक्टरी परामर्श के किसी भी आयरन सप्लीमेंट का सेवन शुरू न करें (24) (1)।
आयरन के सप्लीमेंट के बाद यहां पर जानते हैं आयरन की कमी के लक्षण के बारे में।
आयरन की कमी के लक्षण – Iron Deficiency Symptoms in Hindi
लंबे समय तक आयरन युक्त खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स का सेवन नहीं करने से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। आयरन की कमी से एनीमिया की समस्या हो सकती है। एनीमिया, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में कमी हो जाती है। आयरन की कमी के कारण होने वाले एनीमिया में ऊर्जा की कमी, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, चक्कर आना और वजन कम होना शामिल हो सकता है (25)।
यहां हम बता रहे हैं कि शरीर में आयरन की मात्रा अधिक होने पर क्या असर हो सकता है।
शरीर में अधिक मात्रा में आयरन होने के दुष्प्रभाव
आयरन की पर्याप्त मात्रा ही सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन शरीर में अगर आयरन की अधिकता हो जाए, तो इसके कई दुष्प्ररिणाम सामने आ सकते है। शरीर में आयरन की अधिकता को हेमोक्रोमैटोसिस के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, आयरन की अधिक मात्रा शरीर में जहर का विकास कर सकती है। अधिक आयरन से होने वाली विषाक्तता के लक्षण इस प्रकार हैं (25):
थकान
एनोरेक्सिया (Anorexia, भूख न लगना)
चक्कर आना
जी मिचलाना
उल्टी
सिरदर्द
वजन घटना
सांस लेने में परेशानी
त्वचा का काला रंग होना
दोस्तों, आपने इस लेख में जाना कि शरीर के लिए आयरन के फायदे किस प्रकार काम करते हैं। अब आप समझ गए होंगे कि आयरन की कमी और इसकी अधिकता से कौन-कौन सी शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए, अपने दैनिक आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करें। साथ ही आयरन सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। अगर आप इस विषय के संबंध में कुछ और जानना चाहते हैं या कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते हैं।
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Saral Jain
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से पत्रकारिता में बीए किया है। सरल को इलेक्ट्रानिक मीडिया का लगभग 8 वर्षों का एवं प्रिंट मीडिया का एक साल का अनुभव है। इन्होंने 3 साल तक टीवी चैनल के कई कार्यक्रमों में एंकर की भूमिका भी निभाई है। इन्हें फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, एडवंचर व वाइल्ड लाइफ शूट, कैंपिंग व घूमना पसंद है। सरल जैन संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी व कन्नड़ भाषाओं के जानकार हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/iron-yukt-khadya-samagri-aur-unke-fayde-in-hindi/
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मोतियाबिंद के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for Cataracts in Hindi
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मोतियाबिंद के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for Cataracts in Hindi
Saral Jain Hyderabd040-395603080 August 28, 2019
आंखें अनमोल हैं, इन्हें खास देखभाल की जरूरत है। जरा-सी लापरवाही भी आंखों की बीमारियों का कारण बन सकती है और मोतियाबिंद भी उन्हीं में से एक है। मोतियाबिंद आंख के लेंस का धुंधलापन है, जो दुनिया भर में अंधेपन का प्रमुख कारण है। मोतियाबिंद किसी भी उम्र में विभिन्न कारणों से हो सकता है। मोतियाबिंद से ग्रस्त लोगों की कुल संख्या 2020 तक बढ़कर 3.01 करोड़ होने का अनुमान है (1)। सिर्फ सही जानकारी और बेहतर इलाज से ही हम इस बीमारी से बच सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम मोतियाबिंद के कारण, लक्षण और कुछ घरेलू उपायों के बारे में ही बात करेंगे।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि मोतियाबिंद कितने प्रकार का होता है।
विषय सूची
मोतियाबिंद के प्रकार – Types of Cataracts in Hindi 
मोतियाबिंद के कई प्रकार हो सकते हैं, लेकिन इनमें से चार प्रकार के मोतियाबिंद सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं, जो इस प्रकार हैं (2): 
जन्मजात मोतियाबिंद (Congenital cataract) : इस प्रकार का मोतियाबिंद जन्म के समय से ही मौजूद रह सकता या फिर आपके शिशु को बाल्यावस्था के दौरान हो सकता है।
सेकंडरी मोतियाबिंद (Secondary Cataract) : सेकंडरी मोतियाबिंद मधुमेह, ग्लूकोमा (नेत्र समस्या) सर्जरी या स्टेरॉयड जैसी दवाओं की वजह से हो सकता है।
रेडियेशन मोतियाबिंद (Radiation Cataract): इस प्रकार का मोतियाबिंद कैंसर के इलाज के लिए कीमोथैरेपी प्रक्रिया के बाद रेडियेशन के कारण हो सकता है।
ट्रॉमेटिक मोतियाबिंद (Traumatic Cataract): इस प्रकार का मोतियाबिंद आंखों के किसी घाव की वजह से हो सकता है। इसे दर्दनाक मोतियाबिंद भी कहा जाता है।
मोतियाबिंद के प्रकार जानने के बाद अब इसके कारणों के बारे में बात करते हैं।
मोतियाबिंद होने का कारण – Causes of Cataracts in Hindi
मोतियाबिंद के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं (2):
प्रोटीन के कारण लैंस में धुंधलापन आना
घाव या चोट
रेडियेशन
स्टेरॉयड
धूम्रपान
पराबैंगनी विकिरण
मधुमेह या ग्लूकोमा
यहां हम जानेंगे कि अगर मोतियाबिंद हो जाता है, तो कौन से मोतियाबिंद के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
मोतियाबिंद के लक्षण – Symptoms of Cataracts in Hindi 
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मोतियाबिंद के सबसे आम लक्षण कुछ इस प्रकार हैं (2):
धुंधला नजर आना।
रंग फीके दिखाई दे सकते हैं।
गाड़ियों की हेडलाइट्स, लैंप या धूप चमकदार दिखाई दे सकती है।
रोशनी के आसपास एक धुंधला-सा गोला दिखाई दे सकता है।
रात के समय कुछ ठीक से नजर न आना।
डबल विजन दिखाई देना। यह स्पष्ट लक्षण हो सकता है, क्योंकि इस समय मोतियाबिंद आंखों में फैल जाता है।
आपके चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस का नंबर बार-बार बदलना।
नाेट: ये लक्षण आंखों की अन्य समस्याओं का संकेत भी हो सकते हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आता हैं, तो तुरंत डॉक्टर से आंखें चेक करवाएं।
मोतियाबिंद के लक्षणों को जानने के बाद आइए जानते हैं कि इसे घरेलू उपाय से कैसे कम किया जा सकता है।
मोतियाबिंद कम करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies To Cure Cataracts in Hindi 
मोतियाबिंद का इलाज अस्पताल में सर्जरी के द्वारा किया जाता है, लेकिन इसके जोखिम को कम करने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों का उपयोग कर सकते हैं। यहां हम आपको मोतियाबिंद का घरेलू उपचार बता रहे हैं, जो मोतियाबिंद को कम करने में मदद कर सकते हैं।
1. लहसुन से मोतियाबिंद का इलाज
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सामग्री
एक-दो लहसुन की कलियां 
क्या करें?
एक या दो लहसुन की कलियों को चबाएं।
आप अपने पसंदीदा व्यंजनों में भी लहसुन को शामिल कर सकते हैं। 
कब करें सेवन?
आप राेजा एक या दो बार इसका सेवन कर सकते हैं। 
कैसे है कारगर?
लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यह आंखों में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाले प्रभाव को कम कर मोतियाबिंद को रोकने में मदद कर सकता है (3)।
2. नींबू का रस
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सामग्री :
आधा चम्मच नींबू का रस
1 चम्मच पानी
कॉटन बॉल
 क्या करें?
नींबू के रस को एक चम्मच पानी के साथ मिलाएं।
फिर इसमें कॉटन बॉल को भिगोएं।
बंद पलकों के ऊपर कॉटन बॉल रखें और उसे लगभग 20 मिनट तक रहने दें।
अब कॉटन को हटाएं और सादे पानी से अपनी आंखें को धो लें।
कब करें उपयोग?
आप रोज कम से कम एक बार जरूर इसे करें।
कैसै है कारगर?
नींबू में साइट्रिक एसिड की मौजूदगी के कारण इसका नियमित उपयोग आंखों में जलन और अन्य लक्षणों को शांत करने में मदद कर सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो म��तियाबिंद को कम करने में मदद कर सकते हैं (4)।
3. ग्रीन टी करे मोतियाबिंद का इलाज
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सामग्री :
1 चम्मच ग्रीन टी
1 कप पानी 
क्या करें?
एक कप पानी में एक चम्मच ग्रीन टी मिलाएं और इसे उबाल लें।
इसे पीने से पहले इस चाय को थोड़ा ठंडा होने दें। 
कब करें उपयोग?
ग्रीन टी को रोजाना दो बार पिया जा सकता है। 
कैसे है कारगर?
ग्रीन टी में ईजीसीजी (epigallocatechin-3-gallate) नामक तत्व होता है, जो आपकी आंखों के लेंस को खराब से बचाने और मोतियाबिंद को कम करने में मदद कर सकता है (5)।
4. शहद
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सामग्री :
1 चम्मच शहद
2 चम्मच पानी
क्या करें?
शहद को पानी के साथ मिलाएं।
इस घोल को अपनी आंखों में डालें और अतिरिक्त पानी को बहा दें।
आप नियमित रूप से एक चम्मच शहद का सेवन भी कर सकते हैं।
कब करें उपयोग?
ऐसा आप रोजाना 1 से 2 बार कर सकते हैं। 
कैसे है कारगर?
शहद में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह आंखों के लेंस में आई खराबी को ठीक करने में मदद कर सकता है। साथ ही भविष्य में आंखों को होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति से बचा सकता है (6)।
5. विटामिन
विटामिन ई, विटामिन सी, विटामिन ए व विटामिन बी एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होते हैं। ये मोतियाबिंद से आंखों की सुरक्षा करने में कारगर हो सकते हैं। इन विटामिन्स से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन आंखों के कई रोगों को दूर कर सकता है। इस खाद्य पदार्थों में खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, पनीर, अंडे, एवोकाडो और बादाम शामिल हैं (7)। अगर आप इन विटामिन्स के सप्लीमेंट लेना चाहते हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
6. मोतियाबिंद का घरेलू उपचार गाजर का रस
Shutterstock
सामग्री :
1 गिलास गाजर का रस
क्या करें?
एक गिलास गाजर के रस का सेवन करें। 
कब करें उपयोग?
आप इस रस का सेवन रोजाना कर सकते हैं। 
कैसे है कारगर?
गाजर विटामिन, खनिज और बीटा-कैरोटीन (एंटीऑक्सीडेंट) से समृद्ध होता है, जो आपकी आंखों की रोशनी बढ़ाने और सेल-डैमेज से लड़ने में मदद कर सकता है (8)। इसलिए, कहा जा सकता है कि गाजर मोतियाबिंद के जोखिम से बचाव कर सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
7. बादाम 
सामग्री :
5-6 बादाम 
क्या करें?
बादाम को एक कटोरी पानी में डालकर रात भर के लिए रख दें।
दूसरे दिन भीगे हुए बादाम के छिलके उतारकर सेवन करें। 
कब करें उपयोग?
आप इसका सेवन रोजाना कर सकते हैं।
कैसे है कारगर?
बादाम विटामिन-ई का अच्छा स्रोत है, जो आंखों की देखभाल के साथ ही मोतियाबिंद को दूर करने में कारगर हो सकता है (9)।
8. पालक से हो मोतियाबिंद का घरेलू उपचार 
सामग्री :
1 गिलास पालक का जूस 
क्या करें?
1 गिलास पालक के जूस का सेवन करें। 
कब करें उपयोग?
आप इसका सेवन रोजाना कर सकते हैं। 
कैसे है कारगर?
पालक में ल्यूटन नामक पदार्थ पाया जाता है, जो आंखों के स्��ास्थ्य को बढ़ाता है और मोतियाबिंद से आंखों की रक्षा करने में भी कारगर हो सकता है (8)।
9. मोतियाबिंद के इलाज के लिए अरंडी का तेल 
सामग्री :
अरंडी के तेल की 1-2 बूंदें
क्या करें?
रात को अरंडी के तेल की एक बूंद को आंखों में डाल कर सो जाएं। 
कब करें उपयोग?
ऐसा 1 से 6 महीने तक रोजाना करें। 
कैसे है कारगर?
अरंडी के तेल में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है (10)। यह आपकी आंखों को होने वाले ऑक्सिडेटिव क्षति को ठीक करने में मदद करता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव मोतियाबिंद के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है (5)।
10. सेब का सिरका 
सामग्री :
1 बड़ा चम्मच सेब का सिरका
1 गिलास गर्म पानी
1 बड़ा चम्मच शहद
क्या करें?
एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद और सेब का सिरका मिलाएं।
अच्छी तरह से मिल जाने पर इसका सेवन करें।
आप पानी के बजाय गाजर के रस का भी उपयोग कर सकते हैं। 
कब करें उपयोग?
इसे रोजाना एक बार सेवन कर सकते हैं।
कैसे है कारगर?
सेब का सिरका एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। सेब के सिरका का नियमित सेवन क्षतिग्रस्त आंखों के लेंस की मरम्मत में मदद कर सकता है (11)
11. एसेंशियल ऑयल से मोतियाबिंद का इलाज 
सामग्री :
हल्दी के तेल की 1-2 बूंदें
क्या करें?
हल्दी के तेल की एक या दो बूंदें लें और इसे अपनी हथेलियों पर लेकर रगड़ें।
इसे बंद आंखों पर लगाएं और कुछ मिनटों के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
इसके बाद आंखों को सादे पानी से धो लें। 
कब करें उपयोग?
ऐसा आप रोजाना 1 से 2 बार कर सकते हैं। 
क��से है कारगर?
हल्दी के तेल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मोतियाबिंद के इलाज में सहायक हो सकते हैं। यह तेल आंखों को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद करता है। साथ ही आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने और मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है (12)।
12. एलोवेरा
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सामग्री :
1 बड़ा चम्मच एलोवेरा जेल
क्या करें?
ताजे एलोवेरा जेल को कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें
जब यह ठंडा हो जाए, तो इसे बंद पलकों पर लगाएं।
इसे 15 से 20 मिनट के लिए ऐसा ही छोड़ दें और बाद में पानी से धो लें। 
कब करें उपयोग?
इसे रोजाना उपयोग किया जा सकता है। 
कैसे है कारगर?
एलोवेरा में कई औषधीय गुण होते हैं। इसके इथेनॉल और एथिल एसीटेट (Ethanol and Ethyl Acetate) एक्सट्रेट (अर्क) को आंखों के लिए आई ड्रॉप के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जो आंखों में सूजन और आंखों के बाहरी हिस्से जैसे कॉर्निया (Cornea) का इलाज कर सकता है (13)। हालांकि, मोतियाबिंद के लिए यह कितना फायदेमंद होगा, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
13. नारियल पानी
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सामग्री :
नारियल पानी
क्या करें?
राेजाना नारियल पानी का सेवन करें।
कब करें उपयोग
इसका सेवन आपको रोजाना कम से कम एक बार करना चाहिए।
कैसे है कारगर?
माना जाता है कि नारियल पानी मोतियाबिंद के लिए कारगर हो सकता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व आपकी आंखों को तुरंत पोषण प्रदान कर सकते हैं। यह आपकी आंखों के लेंस को पोषण देने के साथ ही तेजी से ठीक करने में मदद कर सकता है। लेंस को पोषण देने से यह न्यूक्लियर मोतियाबिंद को दूर करने में कारगर हो सकता है (14)। 
14. अलसी का तेल 
सामग्री :
आधा चम्मच अलसी का तेल
क्या करें?
आप अपने पसंदीदा पकवान बनाते समय अलसी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। 
कब करें उपयोग?
इसे दैनिक आहार के रूप में उपयोग किया जा सकता है। 
कैसे है कारगर?
अलसी का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक समृद्ध स्रोत है, जो इसे मोतियाबिंद के इलाज के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक बनाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड एंटीऑक्सीडेंट और एंटीफ्लेमेंटरी गुणों से समृद्ध होता है। यह मोतियाबिंद से हाेने वाले आंखों के विकारों, जैसे मैक्यूलर डी-जनरेशन के खिलाफ अच्छी तरह से काम कर सकता है (15)। मैक्यूलर डी-जनरेशन उम्र के साथ होने वाली आंखों की समस्या है, जिसमें देखने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है।
15. अदरक
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सामग्री :
आधा चम्मच अदरक का रस
आधा चम्मच नींबू का रस
1 चम्मच पानी
कॉटन बॉल
 क्या करें?
नींबू और अदरक के रस को मिलाएं।
फिर इस मिश्रण में एक चम्मच पानी मिलाएं।
अब मिश्रण में दो कॉटन बॉल को भिगोकर अपनी बंद आंखों पर रखें।
इन्हें 15 से 20 मिनट तक ऐसे ही रहने दें और फिर हटा लें।
कब करें उपयोग?
ऐसा रोजाना 1 से 2 बार करें। 
कैसे है कारगर?
अदरक में एंटीफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं (16), (17)। ये गुण आपकी आंखों में आई सूजन को कम करने और मोतियाबिंद को दूर करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही आंखों को ऑक्सिडेटिव क्षति से बचा सकते हैं (7)।
16. गिंको बाइलोबा 
सामग्री :
40-120 मिलीग्राम गिंको बाइलोबा
क्या करें?
40 से 120 मिलीग्राम गिंको बाइलोबा की खुराक लें।
कब करें उपयोग?
इसे रोजाना दिन में एक बार लें।
कैसे है कारगर?
गिंको बाइलोबा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो रेडियेशन से होने वाले मोतियाबिंद को कम करने में सकारात्मक प्रभाव दिखा सकते हैं (18)।
17. प्याज का रस
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सामग्री
10 ग्राम प्याज का रस
10 ग्राम अदरक का रस
10 ग्राम नींबू का रस
50 ग्राम शहद
 क्या करें?
इन सभी सामग्रियों को आपस में मिक्स करके किसी साफ बोतल में डालकर ठंडी जगह पर रख दें। आप इसे एक महीने तक फ्रिज में स्टोर करके भी रख सकते हैं।
अब आप इस मिश्रण में दो-दो बूंदें अपनी दोनों आंखों में डाल सकते हैं।
 कब करें उपयोग?
इस घरेलू उपचार का इस्तेमाल रोज किया जा सकता है।
 कैसे है कारगर?
एक अध्ययन के अनुसार, प्याज के रस को नियमित रूप से इस्तेमाल करने से आंखों की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है। 2009 में इंडियन जर्नल ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च में भी कहा गया है कि प्याज के रस का इस्तेमाल करने से मोतियाबिंद से बचा जा सकता है (19)।  
18. व्हीटग्रास जूस
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सामग्री :
1 गिलास व्हीटग्रास का जूस
क्या करें?
रोजाना 1 गिलास व्हीटग्रास जूस का सेवन करें। 
कब करें उपयोग?
कुछ हफ्तों तक इसका सेवन करें। 
कैसे है कारगर?
व्हीटग्रास मोतियाबिंद के इलाज के लिए एक प्रभावी घरेलू उपचार है। यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है (20)। ये दोनों गुण आपकी दृष्टि दोष को दूर करने, नजर को बढ़ाने और मोतियाबिंद को रोकने में मदद कर सकते हैं (7)।
19. जैतून का तेल 
सामग्री :
जैतून का तेल (आवश्यकतानुसार)
क्या करें?
अपने पसंदीदा व्यंजनों और सलाद में जैतून का तेल मिला सकते हैं।
आप अपनी आंखों में जैतून के तेल की एक बूंद डाल सकते हैं। 
कब करें उपयोग?
आपको यह नियमित रूप से करना चाहिए। 
कैसे है कारगर?
अगर आप मोतियाबिंद से लड़ना चाहते हैं, तो जैतून का तेल आपके लिए सही विकल्प हो सकता है। जैतून के तेल में ल्यूटिन व जेक्सैन्थिन नामक घटक होता है (21), जो क्षतिग्रस्त आंखों को ठीक करने में मदद करता है और आपकी आंखों को मोतियाबिंद से सुरक्षा प्रदान करता है (22)।
नोट : अगर आपकी आंखों की सर्जरी हुई है, तो इन घरेलू उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
मोतियाबिंद से बचने कि लिए घरेलू उपाय के बाद जानते हैं कि किन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
मोतियाबिंद के लिए आहार – Diet For Cataracts in Hindi
बढ़ती उम्र के साथ-साथ शरीर में पोषक तत्वों की कमी मोतियाबिंद का कारण बन सकती हैं। नीचे कुछ चुनिंदा खाद्य पदार्थों की सूची दी जा रही है, जिनका सेवन आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है (23)
ल्यूटिन व जेक्सैथीन : ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स (Brussels sprouts), कोलार्ड साग (collard greens), मकई, केल (Kale), संतरा, पपीता, पालक व अंडे आदि।
ओमेगा-3 फैटी एसिड : अलसी, अलसी का तेल, सैलमन मछली व अखरोट आदि।
विटामिन्स 
विटामिन ए : खुबानी, गाजर, आम, लाल मिर्च, रिकोटा पनीर (पार्ट-स्किम), पालक व शकरकंद।
विटामिन सी : ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, अंगूर, कीवी, संतरा, लाल मिर्च व स्ट्रॉबेरी।
विटामिन ई : बादाम, ब्रोकली, पीनट बटर, पालक, सूरजमुखी के बीज आदि। 
जिंक : काबूली चना, पोर्क, रेड मीट व दही आदि। 
मोतियाबिंद के लिए स्वस्थ आहार जानने के बाद आगे जानिए मोतियाबिंद से बचने के कुछ जरूरी सुझाव।
मोतियाबिंद से बचने के उपाय – Prevention Tips for Cataracts in Hindi
मोतियाबिंद से बचने के लिए आप निम्नलिखित बातों का जरूर ध्यान रखें (2):
नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं।
धूम्रपान न करें।
मधुमेह जैसी चिकित्सा स्थिति मोतियाबिंद का जोखिम बढ़ा सकती हैं। इसलिए, इसका उपचार ठीक से करवाएं।
स्वस्थ आहार का चुनाव करें।
सनग्लास का इस्तेमाल करें।
अल्कोहल का सेवन न करें।
मोतियाबिंद से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह भी जरूरी है, जानते हैं कि डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए।
डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए? 
धुंधला दिखाई देना, रात के समय देखने में परेशानी होना, डबल विजन की समस्या जैसे मोतियाबिंद के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें (2)।
इस आर्टिकल के माध्यम से आपको पता चल गया होगा कि मोतियाबिंद दुनिया में अंधेपन का एक प्रमुख कारण है। इससे बचने का एक ही उपाय है, इसके बारे में सही जानकारी और जागरूकता, जिसे इस लेख के माध्यम से आपके साथ साझा किया गया है। इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप जान गए होंगे कि मोतियाबिंद किस प्रकार फैलता है और इसके क्या-क्या कारण हो सकते हैं। साथ में आप यह भी जान गए होंगे कि घर में ही मोतियाबिंद का इलाज और इससे बचाव किस प्रकार किया जाए। आशा है कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। अन्य जानकारी के लिए या किसी सुझाव के लिए आप नीचे कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मोतियाबिंद होने कि औसत आयु क्या है?
40-60 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्ति आमतौर पर मोतियाबिंद से प्रभावित होते हैं। उम्र का बढ़ना इसके जोखिम कारक में से एक है (2)।
अगर मोतियाबिंद का इलाज न किया जाए तो क्या होगा?
अगर इलाज न किया जाए तो मोतियाबिंद के कारण व्यक्ति अंधा हो सकता है (2)।
क्या सर्जरी के बिना मोतियाबिंद ठीक हो सकता हैं?
मोतियाबिंद को ठीक करने के लिए पहले इससे संबंधित कुछ रोगों जैसे मधुमेह आदि का इलाज करना जरूरी है। इससे मोतियाबिंद ठीक हो सकता है। साथ ही मोतियाबिंद की दवाइयां दी जाती हैं (2)। इसके अलावा, ऊपर बताए गए मोतियाबिंद का घरेलू उपचार भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
मोतियाबिंद को ठीक होने में कितना समय लगता है?
ज्यादातर मामलों में उपचार के बाद मोतियाबिंद आठ सप्ताह में ठीक हो जाता है। वहीं, सर्जरी के बाद कुछ महीनों के भीतर ही मोतियाबिंद ठीक हो सकता है (2)।
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Saral Jain
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/motiabind-ke-karan-lakshan-gharelu-ilaj-in-hindi/
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