सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला,अब अविवाहित महिलाओं को भी होगा गर्भपात का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला,अब अविवाहित महिलाओं को भी होगा गर्भपात का अधिकार
भारत में अविवाहित महिलाओं को भी MTP एक्ट के तहत गर्भपात का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी महिलाओं को यह चुनने का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि भारत में अविवाहित महिलाओं को भी MTP एक्ट के तहत गर्भपात का अधिकार है। देश में सभी महिलाओं को सुरक्षित और कानूनी रूप से मान्य गर्भपात का अधिकार है।
कोर्ट ने कहा कि अविवाहित महिलाओं को भी गर्भपात का अधिकार है।…
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मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेगनेंसी (संसोधन) विधेयक 2020, गर्भपात के अधिकतम समयसीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने का प्रावधान
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भाई द्वारा दुष्कर्म का शिकार हुई थी 14 वर्षीय बहन, अब देना होगा बच्चे को जन्म
चैतन्य भारत न्यूज
अपने ही भाई द्वारा दुष्कर्म का शिकार हुई 14 वर्षीय किशोरी को अब बच्चे को जन्म देना होगा। हाई कोर्ट ने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट देखकर उसे गर्भपात कराने की अनुमति नहीं दी है। दरअसल, पीड़िता का गर्भ 28 माह का हो चुका है। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के मुताबिक, 20 हफ्तों के गर्भ के बाद गर्भपात सिर्फ तभी किया जा सकता है जब मां या बच्चे की जान बचाने के लिए ऐसा करना जरुरी हो।
मामला इंदौर के भवरकुआं थाना क्षेत्र का है। यहां एक किशोरी अपने 16 वर्षीय भाई से दुष्कर्म का शिकार हुई थी। इसके बाद माता-पिता ने पीड़िता के गर्भपात के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी थी। पीड़िता तीन दिनों तक एम.वाय अस्पताल में भर्ती रही, जहां उसकी कई जांचे भी की गई। इसके बाद मंगलवार को कोर्ट में सभी जांच रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़िता का गर्भ 28 हफ्ते का हो चुका है, इसलिए उसकी जान को खतरा भी हो सकता है। ऐसे में माता-पिता ने अपनी बेटी की जान खतरे में डालने से इंकार कर दिया। पीड़िता को बाल कल्याण समिति ने आश्रय गृह में संरक्षण दिलाया है। डिलीवरी होने तक वह यहीं पर रहेगी। हालांकि, बच्चे को परिवार पालेगा या उसे समिति को सौंपा जाएगा इसका निर्णय परिवार द्वारा लिया जाएगा।
आरोपित भाई को गिरफ्तार किया जा चुका है। पीड़िता की मां ने कहा कि, 'हमारा तो घर ही बर्बाद हो गया है। बेटा जेल चला गया और बेटी को संस्था में रखा गया है। समाज और रिश्तेदारों की आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है।'
टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट के तहत गर्भपात इन स्थितियों में कराया जा सकता है-
- अगर बलात्कार की वजह से कोई गर्भवती हो।
- गर्भवती स्त्री की जान को खतरा हो।
- गर्भपात से बचने के यंत्र फेल हो जाने पर गर्भवती होने की स्थिति में।
- होने वाले बच्चे को किसी भी प्रकार की मानसिक बीमारी होने पर।
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कैबिनेट की बैठक में हुए अहम फैसले, चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक 2020 को मिली मंजूरी
कैबिनेट की बैठक में हुए अहम फैसले, चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक 2020 को मिली मंजूरी
केन्द्र सरकार ने आज कई बडे फैसले लिये है जिसमें गर्भपात अधिनियन में बदलाव शामिल है, तो पूर्वोत्तर के विकास को भी गति दी गई है। मोदी सरकार ने क्या बडे फैसले लिये है,पढिए ये रिपोर्ट..
बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में महिलाओं के अधिकारों के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गर्भपात अधिनियम (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट) 1971 में संशोधन को हरी झंडी दे दी है।
इसके लिए कैबिनेट ने…
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मोदी सरकार का फैसला : अब 24 सप्ताह में भी कराया जा सकेगा गर्भपात
केंद्र की मोदी सरकार ने महिलाओ के हित में एक और बड़ा फैसला लेते हुए यह फैसला किया है की अब 20 सप्ताह के बजाय 24 सप्ताह के गर्भ को भी निकाल करने के लिए सरकार की अनुमति लेनी नहीं पड़ेगी। महिला संगठनो द्वारा इस निर्णय का स्वागत किया गया है।
देश में गर्भपात कानून को आसान बनाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गर्भपात कराने की अनुमति के लिए अधिकतम सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने की अनुमति दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस उद्देश्य के लिए गर्भपात अधिनियम (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट) 1971 में संशोधन किया जाएगा । इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा।
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिमंडल ने गर्भपात कराने की अनुमति के लिए अधिकतम सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि 20 सप्ताह में गर्भपात कराने पर मां की जान जाने के कई मामले सामने आए हैं, 24 सप्ताह में गर्भपात कराना सुरक्षित होगा।
जावड़ेकर ने गर्भ���ात कराने की सीमा 24 सप्ताह करने पर कहा कि इस कदम से दुष्कर्म पीड़िताओं और नाबालिगों को मदद मिलेगी। वहीं कैबिनेट ने पूर्वोत्तर परिषद के 30 प्रतिशत बजट को नई परियोजनाओं के लिए आवंटित करने को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जो वंचित क्षेत्र एवं वंचित वर्गो पर केंद्रित होगा।जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि पूर्वोत्तर राज्य के बजट का 30 प्रतिशत आवंटन उपेक्षित क्षेत्र, उपेक्षित वर्ग एवं उभरते हुए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए होगा।
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Union Cabinet approved the Medical Termination of Pregnancy Bill to amend the Medical Termination of Pregnancy Act - गर्भपात कराने की अनुमति सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह की गई, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
Union Cabinet approved the Medical Termination of Pregnancy Bill to amend the Medical Termination of Pregnancy Act – गर्भपात कराने की अनुमति सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह की गई, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक 2020 को बुधवार को मंजूरी दे दी जिसमें गर्भपात कराने की सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने का प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इस उद्देश्य के लिये गर्भपात अधिनियम (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट) 1971 में संशोधन किया जायेगा.…
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गर्भपात प्रदान करने की अनुमति सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह की गई, केंद्रीयता ने दी मंजूरी
गर्भपात प्रदान करने की अनुमति सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह की गई, केंद्रीयता ने दी मंजूरी
नई दिल्ली:
केंद्रीय कृषि ने चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक 2020 को बुधवार को मंजूरी दे दी जिसमें गर्भपात कराने की सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बैठक में हुई आलोचना की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस उद्देश्य के लिए गर्भपात अधिनियम (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट) 1971 में संशोधन किया जाएगा। इसके संसद के…
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