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#फेड
newsdaliy · 2 years
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मार्केटमाइंड: डॉलर का अगला टेस्ट यूएस जॉब्स रिपोर्ट है
मार्केटमाइंड: डॉलर का अगला टेस्ट यूएस जॉब्स रिपोर्ट है
यील्ड कम होने के कारण, डॉलर येन पर भारी गिरावट की ओर सप्ताहांत की ओर बढ़ रहा है। टॉम वेस्टब्रुक से यूरोपीय और वैश्विक बाजारों में आने वाले दिनों पर एक नजर: 2010 के बाद से अपने सबसे खराब महीने को बंद करने के बाद, डॉलर का बुल रन समाप्त हो सकता है। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने इस सप्ताह बिक्री को हरी झंडी दी, पिछले कुछ हफ्तों में बाजार की वित्तीय स्थिति में गिरावट के खिलाफ वापस नहीं आने…
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trader-sg112 · 3 months
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एशियाई कारोबार में सोने की कीमतों में मामूली गिरावट
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मंगलवार, 2 जुलाई, 2024 को एशियाई कारोबार में सोने की कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई। सीमित कारोबार के बीच, निवेशक अमेरिकी ब्याज दरों के संकेतों का इंतजार कर रहे थे।
जून महीने में, सोने की कीमतों में गिरावट आई थी क्योंकि उच्च अमेरिकी ब्याज दरों की उम्मीदों ने डॉलर और ट्रेजरी यील्ड को मजबूत किया था। सोना 2,300 डॉलर प्रति औंस के आसपास संघर्ष कर रहा था।
कारक:
ब्याज दर की उम्मीदें: निवेशक इस सप्ताह ब्याज दरों पर संकेतों के लिए फेडरल रिजर्व अध्यक्ष जेरोम पॉवेल और फेड मिनटों के भाषणों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
मजबूत अमेरिकी अर्थव्यवस्था: गैर-कृषि पेरोल डेटा शुक्रवार को जारी किया जाएगा, जो मजबूत श्रम बाजार का संकेत दे सकता है, जिससे ब्याज दर में कटौती की संभावना कम हो सकती है।
सुरक्षित आश्रय की मांग: हालांकि, सितंबर में दर में कटौती की उम्मीदों ने सोने को कुछ सहारा दिया है।
केंद्रीय बैंक की खरीदारी: विशेष रूप से एशियाई केंद्रीय बैंकों द्वारा बढ़ी हुई खरीदारी के कारण, सोना सालाना आधार पर मजबूत लाभ बनाए हुए है।
अन्य कीमती धातुएं:
मंगलवार को अन्य कीमती धातुओं में गिरावट आई। प्लैटिनम वायदा 0.3% गिरकर $990.15 प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी वायदा 0.2% गिरकर $18.53 प्रति औंस हो गया।
निष्कर्ष:
सोने की कीमतें ब्याज दरों के संकेतों और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति के प्रति संवेदनशील बनी हुई हैं। सितंबर में दर में कटौती की संभावना पर सोने को समर्थन मिल सकता है, लेकिन मजबूत डॉलर और उच्च ब्याज दरें कीमतों पर दबाव डाल सकती हैं।
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muthoot1 · 4 months
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बेच नहीं रहे हैं, सोने की बढ़ी कीमतों ने बढाया गोल्ड सेविंग का चलन
■ मुंबईः गोल्ड की कीमतों में लगातार रेकॉर्ड तेजी देखी जा रही है। गोल्ड 75,000 के करीव पहुंच रहा है, लेकिन गोल्ड खरीदारों में इसका क्रेज कम नहीं हुआ है। ऊंची कीमतों के वावजूद ग्राहक तेजी से निवेश कर रहे हैं। Muthoot Exim के सीईओ केयूर शाह ने बताया, 'हमारे एग्जिम ऑफिस के अलावा मूथुट फिनकॉप के ऑफिस में भी इस ऊंची कीमतों पर भी लोग गोल्ड सेविंग स्कीम के जरिए जूलरी, बुलियन में तेजी से निवेश कर रहे हैं। पिछले दो महीने में हमारे यूज्ड गोल्ड वाइंग विजनेस (पुराना गोल्ड रिसाइकल करना) में 30 पर्सेट वॉल्यूम ग्रोथ आई है, तो वहीं स्वर्णवर्षम योजना के तहत गोल्ड सेविंग स्कीम में 60-70 पसेंट ग्रोथ वॉल्यूम वाइज बढ़ी है। लोगों के मन में भरोसा है कि गोल्ड की कीमतें आगे बढ़नी ही हैं।' वहीं, तनिष्क की सेविंग स्कीम में अच्छी ग्रोथ दर्ज हो रही है। पीएनजी जूलर्स की ऐसी स्कीम्स में खरीदारी में ग्रोथ 40-44% की ग्रोथ देख रहे। रिलायंस रिटेल ने भी ऐसी योजनाओं के माध्यम से खरीदारी में ग्रोथ दर्ज की है। 
कीमतें आई नीचे : राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को सोने और चांदी की कीमतें अपने रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आई। कमजोर वैश्विक रुख और मुनाफावसूली के कारण सोने की कीमत में 550 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज हुई।
 क्यों बढ़ रहीं कीमतें : IBJA के नैशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता के अनुसार अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना के प्रवल होने के साथ ही जियो- पॉलिटकल वजह से गोल्ड की कीमतों में रेकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। केयूर शाह के अनुसार महंगाई को देखते हुए शायद यूएस फेड सितंबर की अपनी बैठक में ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत करे। इस साल के अंत तक में गोल्ड के दाम 78000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक दिख सकते हैं, क्योंकि 70,000 तो अब वेस प्राइस बन चुका है।
Publication Name: Navbharat Times
Website Link: https://www.muthootexim.com/index.php
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goldsilverreports · 8 months
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gamepassofficial · 9 months
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ChatGPT killer by Google | Google vs Microsoft explained
[संगीत] द कार ऑन द राइट वड बी फास्टर इट इज मोर एरोड ये देखने पर लगा कि अब फाइनली हम सबके पास आयरन मैन जैसा जर्विस आ जाएगा एंड आई वाज वेरी वेरी एक्साइटेड क्योंकि यह है google3 को मुंह तोड़ जवाब लेकिन ऑल ऑफ दिस इज फेक गगल बेस्ट जेमिना डेमो वाज फेड द स्टॉक इज नाउ नेगेटिव बा % क्लिक डैन इनटू द डिस्क्रिप्शन यूल नोटिस दै वी एक्ली फेड द ए आ प्लेन फोटोस एंड टेक्स प्रॉम्स इंस्टेड सम ऑफ वच एक्ली इंक्लूडेड…
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dainiksamachar · 1 year
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महंगे लोन, बढ़ी हुई EMI, क्या आपको भी सता रही यह चिंता? जानिए RBI के बड़े फैसले से पहले के संकेत
नई दिल्ली : क्या लोन (Loan) महंगा होने वाला है? अब ईएमआई (EMI) में ज्यादा रकम देनी होगी? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो (RBI MPC Meeting) से पहले लोगों के मन में रहते हैं। इस हफ्ते आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक होने वाली है। बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर रेपो रेट (Repo Rate) में बदलाव से जुड़ी घोषणा करेंगे। उम्मीद है कि इस बार आरबीआई रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकती है। हालांकि, महंगाई को लेकर सतर्क रुख अपनाया जा सकता है। क्योंकि अमेरिका में आगे ब्याज दरों में सख्त रुख के संकेत हैं। दूसरी तरफ कच्चे तेल की कीमतें 10 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। लगातार चौथी बार रेपो रेट रह सकती है अपरिवर्तित आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4 से 6 अक्टूबर के बीच होगी। 12 बाजार प्रतिभागियों के ईटी पोल से पता चलता है कि आरबीआई एमपीसी रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रख सकती है। इस तरह लगातार चौथी बार आरबीआई रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकता है। ऐसा हुआ तो लोन पर ब्याज दरें प्रभावित नहीं होंगी। बैंक आमतौर पर रेपो रेट में बदलाव होने पर ही लोन की ब्याज दरों में बदलाव करते हैं। काफी बढ़ गए कच्चे तेल के भाव डीबीएस बैंक के सीनियर इकोनॉमिस्ट राधिका राव ने कहा, 'आरबीआई एमपीसी रेपो रेट में यथास्थिति बनाए रखने की अपनी नीति को आगे बढ़ा सकती है। क्रूड ऑयल के वैश्विक भाव नवंबर, 2022 के हाई पर पहुंच चुके हैं। ये आरबीआई के 85 डॉलर प्रति बैरल के अप्रैल अनुमान को पार कर गए हैं।' यूएस फेड हाई रखना चाहता है रेट कच्चे तेल की कीमतों में उछाल डॉलर में मजबूती के साथ-साथ आया है। डॉलर इसलिए मजबूत हुआ, क्योंकि यूएस फेड ब्याज दरों को लंबे समय तक उच्च स्तर पर बनाए रखना चाहता है। इससे वैश्विक निवेशकों में उभरते बाजारों की सिक्योरिटीज के प्रति आकर्षण कम हो गया है। विदेशी फंड्स ने सितंबर में पहली बार इस वित्त वर्ष में भारतीय शेयरों में शुद्ध बिकवाली की, भले ही निफ्टी पहली बार 20,000 के स्तर को पार कर गया। http://dlvr.it/SwszxY
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wnewsguru · 1 year
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marketinvestor-mi · 1 year
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सोने की कीमत का पूर्वानुमान: सोने में तेजी लाने के लिए $1,930 से ऊपर निरंतर बढ़ने की आवश्यकता है
सोने की कीमत का पूर्वानुमान: गुरुवार के कारोबार में अब तक सोने की कीमत 1,920 डॉलर के अवरोध को फिर से हासिल करने के लिए मामूली सुधार का प्रयास कर रही है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) द्वारा संयुक्त राज्य डॉलर (यूएसडी) को अधिक समर्थन देने की उम्मीदों के साथ जोखिम-रहित बाजार का मूड संयुक्त राज्य डॉ���र (यूएसडी) को समर्थन दे रहा है, जबकि अमेरिकी ट्रेजरी बांड की पैदावार नए कई महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच…
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राज्य जुआ नियामक अवैध अपतटीय सट्टेबाजी से निपटने में मदद के लिए फेड से पूछते हैं
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stevecommodity · 2 years
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Gold Price Forecast: XAU/USD fades rebound ahead of Federal Reserve Interest Rate Decision : Reports on Wednesday by Steve Commodity.!!
FOR DAILY SURESHOT ADVISORY TIPS & DAILY MARKET REPORTS, JOIN STEVE COMMODITY TODAY.!!
Gold price (XAU/USD) struggles to extend the previous day’s recovery beyond $1,930-28 as the market braces for the key Federal Reserve (Fed) verdict on Wednesday. The yellow metal managed to cheer the broad US Dollar weakness, backed by the United States data and firmer equities, as traders brace for a dovish hike from the US central bank. सोने की कीमत (XAU/USD) पिछले दिन की रिकवरी को $1,930-28 से आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही है क्योंकि बुधवार को प्रमुख फेडरल रिजर्व (फेड) के फैसले के लिए बाजार तैयार है। संयुक्त राज्य अमेरिका के आंकड़ों और मजबूत इक्विटी द्वारा समर्थित, पीली धातु व्यापक अमेरिकी डॉलर की कमजोरी को खुश करने में कामयाब रही, क्योंकि व्यापारी अमेरिकी केंद्रीय बैंक से डोविश बढ़ोतरी के लिए तैयार हैं।
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sabkuchgyan · 2 years
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अमेरिका में, फेड रिजर्व ने फिर से ब्याज दरें बढ़ाईं, जो 15 साल के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई
अमेरिका में, फेड रिजर्व ने फिर से ब्याज दरें बढ़ाईं, जो 15 साल के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा एक बार फिर मुख्य ब्याज दर में वृद्धि की गई है। पिछले कुछ दिनों में महंगाई के रुख में नरमी के बाद इस बार फेड रिजर्व ने ब्याज दर में महज 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इससे पहले फेड ने 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। फेड ने बुधवार रात यह फैसला लिया। सेंट्रल बैंक ऑफ अमेरिका ने भी निकट भविष्य में ब्याज दर में और इजाफा करने के संकेत दिए हैं। आज होगी बैंक ऑफ…
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nityanewsnation · 2 years
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Sensex Opening Bell Share Market Opening Today Nifty Opening Today Nifty Opening - Sensex Opening Bell: फेड के ब्याज दर बढ़ाने के बाद बाजार पर दबाव, सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ खुले
Sensex Opening Bell Share Market Opening Today Nifty Opening Today Nifty Opening – Sensex Opening Bell: फेड के ब्याज दर बढ़ाने के बाद बाजार पर दबाव, सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ खुले
शेयर बाजार – फोटो : iStock ख़बर सुनें ख़बर सुनें फेड के ब्याज दर बढ़ाने के बाद बाजार पर दबाव दिखा और सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ लाल निशान पर खुले। फिलहाल सेंसेक्स 137.09 अंकों की गिरावट के साथ 62,529.42 अंकों के लेवल पर कारोबार कर रहा है। इसमें 0.22 प्रतिशत की गिरावट दिख रही है। वहीं दूसरी ओर निफ्टी 39.30 अंकों की गिरावट के साथ 18,621.00 अंकों पर ट्रेड कर रहा है, इसमें 0.23 प्रतिशत की…
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dearsociety01 · 2 years
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या महारेराचा करायचं का?
रेरा नियमामुळे रेरा नोंदणीकृत प्रकल्पातील फेजनिहाय नोंदणी होणाऱ्या गृहनिर्माण संस्थांना जमिनीचे अभिहस्तांतरण मिळण्यास अडथळा निर्माण झाला आहे. त्या नियमात बदल होणे अतिशय आवश्यक आहे. अन्यथा फेजनिहाय बांधकामातील सदनिकाधारकांवर अन्याय होणार आहे. राज्यात जवळपास अडीच कोटी जनता सदनिकेत राहते, मागील ५० वर्षात बिल्डरने सोसायटीच्या नावावर जमिनीची अभिहस्तांतरण करून दिले नाही म्हणून राज्यशासनाने मोफा अधिनियमाच्या कलम ११ अन्वये मानीव अभिहस्तांतरण करून देण्याचा अधिनियम केला. त्यानुसार अनेक बांधकाम प्रकल्पाना त्यांच्या जमिनीचे हक्क प्राप्त झाले. आतामात्र फेजनिहाय बांधल्या जाणाऱ्या प्रकल्पातील सदनिका धारकांना जमिनीची मालकी या रेरा नियमातील तरतुदीमुळे मिळणार नाही. फेज निहाय बांधल्या गेलेल्या प्रकल्पातील संस्थांचे दोन प्रकार होतात. १) रेरा अधिनियम लागू होण्यापूर्वी भोगवटा मिळालेला फेज २) रेरा अधिनियम लागू झाल्यानंतर भोगवटा मिळालेला फेज
इमारतसांगाडा मालक होऊन काय फायदा?:
फेज निहाय निर्मिती होणाऱ्या प्रकल्पातील संस्थांना रेरा नियमानुसार केवळ सांगाड्याचं (Structure) अभिहस्तांतरण करून घेऊन काहीही लाभ नसून खालील नुकसान होणार आहे. त्यामुळे बिल्डरकडून केवळ इमारत सांगड्याचं अभिहस्तांतरण करून घेऊ नये.
१) जमिनीची मालकी मिळणार नसल्याने अभिहस्तांतरण कुचकामी असेल. त्या प्रक्लपातील वाढीव FSI चा लाभ बिल्डर लुटत राहील. सदनिकाधारकांचे आर्थिक नुकसान होईल. मानीव अभिहस्तांतरण करा.
२) जमिनींची मालकी संपूर्ण प्रकल्प पूर्ण झाल्यावर मिळणारं असल्याने जमीन मालकी अमर्याद आणि अनिश्चित काळासाठी डावलली जाते.
३) बिल्डर संपूर्ण प्रक्लपावर वारंवार कर्ज काढत राहील तसेच कर्ज फेड न केल्यास सदनिकाधारक प्रचंड आर्थिक संकटात लोटले जातील.
४) बिल्डर`वर्षानुवर्षे जमिनीचा मालक राहिल्याने  वारंवार बांधकाम नकाशे मंजूर करून  आणखी मजले बांधून गर्दी वाढवत राहील, मोकळ्या जागा गिळंकृत करत राहील.
जिल्हा उपनिबंधकांचा संधीसाधूपणा:
राज्यातील अनेक बांधकाम प्रकल्प रेरा अधिनियम अमलात येण्याच्या काळात निर्माणाधीन होते. त्यापैकी अनेक प्रकल्पातील काही फेजचे काम पूर्ण झाले होते. पूर्ण झालेल्या फेजला रेरा अधिनियम लागू होत नाही. तरीही राज्यातील काही जिल्हा उपनिबंधक बिल्डरशी हातमिळवणी करून रेरा अधिनियम लागू असल्याची बतावणी करून सहकारी गृहनिर्माण संस्थांना केवळ बांधकामाचे (स्ट्रक्चरचे) अभिहस्तांतरण करून देऊ असे सांगत आहेत.
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goldsilverreports · 8 months
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newsdaliy · 2 years
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छोटे फेड रेट हाइक के दांव पर तीन में सर्वश्रेष्ठ सप्ताह के लिए गोल्ड सेट
छोटे फेड रेट हाइक के दांव पर तीन में सर्वश्रेष्ठ सप्ताह के लिए गोल्ड सेट
इस हफ्ते की शुरुआत में, जेरोम पॉवेल ने कहा था कि यह ब्याज दरों में बढ़ोतरी को धीमा करने का समय है। (फाइल) प्रमुख अमेरिकी नौकरियों की रिपोर्ट से पहले आज सोने की कीमतों में गिरावट आई, लेकिन तीन में अपने सबसे अच्छे सप्ताह के लिए निर्धारित किया गया क्योंकि डॉलर में धीमी अमेरिकी फेडरल रिजर्व दर वृद्धि की संभावनाओं और ठंडा मुद्रास्फीति के संकेतों पर कमजोर हो गया। हाजिर सोना 0.3% गिरकर 1,796.71 डॉलर…
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dainiksamachar · 1 year
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फ्राइडे से शुरू हो जाती है वीकेंड की मस्ती, फिर शुक्रवार से क्यों घबराते हैं बैंकर?
नई दिल्ली: अधिकांश दफ्तरों में शनिवार और रविवार को छुट्टी होती है। इसलिए दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी शुक्रवार से ही वीकेंड की मस्ती के मूड में आ जाते हैं। कई दफ्तरों में तो शुक्रवार को वीकेंड पार्टी का आयोजन भी किया जाता है। लेकिन बैंकर्स इससे खौफ खाते हैं। इसकी वजह यह है कि अधिकांश बैंक फ्राइडे को ही डूबे हैं। इससे बैंकरों की ही नहीं बल्कि बैंकिग रेगुलेटर्स, वकील और जर्नलिस्ट्स का भी वीकेंड खराब हुआ है। रेगुलेटर्स की जिम्मेदारी बैंक का अकाउंट्स खंगालने की होती है, वकीलों को भी इसके लिए जरूरी कागजात तैयार करने पड़ते हैं और जर्नलिस्ट्स को हरेक डेवलपमेंट पर नजर रखनी होती है। अमेरिका में हाल में दो बैंक रातोंरात डूब गए थे और यूरोप का दिग्गज बैंक क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) भी डूबने के कगार पर पहुंच गया था। इससे दुनिया एक बार फिर (Banking Crisis) गहराने की आशंका में जी रही है। मार्केट कमेंटेटेर Kobeissi Letter ने एक ट्वीट में बताया कि अधिकांश बैंक शुक्रवार को ही डूबे हैं। मसलन 14 मार्च 2008 को Bear Stearns पर नकदी संकट आया। वह शुक्रवार का दिन था। इसी तरह लीमन ब्रदर्स (Lehman Brothers) के खुद को दिवालिया घोषित करने से पहले लास्ट ट्रेडिंग डे शुक्रवार ही था। यह 12 सितंबर, 2008 की बात है। अमेरिका के इतिहास में डूबने वाला सबसे बड़ा बैंक वॉशिंगटन म्यूचुअल को रेगुलेटर्स ने 26 सितंबर, 2008 को अपने कब्जे में लिया था। इत्तेफाक से उस दिन भी शुक्रवार ही था। हाल में 10 मार्च को अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) को रेगुलेटर्स ने अपने कब्जे में किया था। उस दिन भी शुक्रवार था। यह अमेरिका के इतिहास में डूबने वाला दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। 26,000 से ज्यादा बैंक डूबे इसी तरह सिग्नेचर बैंक (Signature) से 10 मार्च को ही 10 अरब डॉलर विदड्रॉ किए गए। उस दिन शुक्रवार था। दो दिन बाद ही अमेरिका के रेगुलेटर्स ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। क्रेडिट सुइस को डूबने से बचाने के लिए यूबीएस (UBS) ने 17 मार्च, 2023 को बोली लगाई। उस दिन भी शुक्रवार था। अमेरिकी फेड रिजर्व के आंकड़ों के मुताबिक 8 से 22 मार्च के दौरान अमेरिका बैंकों ने 225 अरब डॉलर का डिपॉजिट गंवाया। पिछले हफ्ते यह आंकड़ा 126 अरब डॉलर रहा। इससे साफ है कि बैंकिंग संकट अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। पिछले 100 साल में अमेरिका में 26,000 से अधिक बैंक डूब चुके हैं। 1920 में देश में बैंकों की संख्या 31,000 थी जो 2022 में घटकर 4,200 रह गई है। अब भी दुनिया में सबसे ज्यादा बैंक अमेरिका में ही हैं।जब किसी बैंक की हालत खस्ता होती है तो रेगुलेटर्स कोई ऐसा काम नहीं करना चाहते जिससे ग्राहकों में अफरातफरी फैले। इसलिए वे तसल्ली से टेकओवर का प्लान बनाते हैं और वीकेंड में यह काम करते हैं। अमेरिका में डूबने वाले बैंकों को टेकओवर करने की जिम्मेदारी फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) के पास है। इसके प्रवक्ता डेविड बार के मुताबिक पहले अधिकांश बैंक वीकेंड में बंद रहते थे। इससे एफडीआईसी को अपना काम करने के लिए 60 घंटे का समय मिल जाता था। तब 45 से 6 लोगों की टीम प्रिंटर्स, कंप्यूटर्स, कॉपीयर्स लेकर घुसती थी। लेकिन अब छोटी टीम साइट पर होती है। अधिकांश लोग घर या ऑफिस से काम करते हैं। वीकेंड पर आफत ये टीमें रातभर जागकर डूब चुके बैंक के अकाउंट्स को खंगालती हैं और यह पता लगाती है कि किस एसेट्स को बेचा जा सकता है। इस कवायद के पीछे मकसद यह होता है कि सोमवार को बाजार खुलने से पहले सबकुछ दुरुस्त कर लिया जाए। अमूमन सोमवार को बाजार खुलने से पहले बैंक का नया मालिक सामने आ जाता है। जैसा कि हमने क्रेडिट सुइस के मामले में देखा। स्विस सरकार इस कोशिश में लगी थी कि सोमवार को बाजार खुलने से पहले सबकुछ सही हो जाए। आखिरकार उसकी कोशिश रंग लाई और क्रेडिट सुइस अपने प्रतिद्वंद्वी यूबीएस के हाथों बिक गया। http://dlvr.it/SlrzNf
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