Tumgik
#बगड़
jyotis-things · 8 months
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( #Muktibodh_part183 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part184
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 351-352
पारख के अंग की वाणी नं. 1037-1062 का सरलार्थ :- कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास को समझाया कि हे धर्मदास! अब ऐसा ज्ञान सुनाता हूँ जिसको सुनकर कहीं भी भटकना नहीं पड़ेगा। ध्यानपूर्वक दिल लगाकर सुन। जो सर्दी के मौसम में जलधारा (झरने) के नीचे बैठकर सिर के ऊपर शीतल जल बरसाते हैं तथा गर्मी के मौसम में पाँच धूंने अग्नि के लगाकर उनके मध्य में बैठकर तप करते हैं। जो श्वांस को रोकते हैं। जो दिन-रात धूनि
(अग्नि) जलाकर रखते हैं। चिलम में तम्बाकू पीते हैं, उसमें करोड़ों जीव मर जाते हैं। जो तीर्थ यात्रा करते हैं, वे जन्म-जन्म यानि असँख्यों जन्म काल जाल में उलझकर रह जाते हैं। जो तीर्थ पर जाकर दान करते हो। पहले उस तीर्थ में स्नान करते हो। उसमें करोड़ों
जीवों की हिंसा का पाप लग जाता है। पुण्य एक, पाप अनेक लगे।
दुनिया वाले प्रभी लेने सैंकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर जाते हैं। हमारा ज्ञान किसी ने नहीं सुना कि इससे पाप मिलते हैं, पुण्य नहीं मिलता। तीर्थ के जल में जितने गोते (डुबकी) लगाते हैं, प्रत्येक में जीव हिंसा होती है। पाती तोड़कर पत्थर की मूर्ति पर चढ़ाते हैं, वे ज्ञान नेत्रहीन (अंधे) हैं। उनके फंदे यानि काल का जाल कभी नहीं छूट सकता।
तीर्थों के नाम बताए हैं :- जो साधक लोहागिर, पुष्कर पर जाकर स्नान करते हैं। उनको महापाप लगता है। काशी, गया, प्रयाग, द्वारका, हर की पैड़ी हरिद्वार में जाने व तीर्थ में स्नान-दान करने से मोक्ष बताते हैं। उन गुरूओं की गर्दन पर जूते मारने चाहिए। जो जीवों को (आचार-विचार)
कर्मकांड में भ्रमित करते हैं। शास्त्रविधि विरूद्ध साधना का ज्ञान देते हैं। जो पिहोवा (हरियाणा) में पिंड भरवाने की कहते हैं, बद्रीनाथ पर जाने की कहते हैं। (सरजू) सूर्य नदी में स्नान से मोक्ष बताते हैं। यह साधना व्यर्थ है। पिंडदान करने से भूत की योनि छूट जाती है, मोक्ष नहीं मिलता। भूत की जूनि छूटकर गधे की मिल गई तो क्या लाभ हुआ पिंडदान करने का?
जगन्नाथ के दर्शन करने जाते हैं। एक भवन (महल) में काली मूर्ति रखी है उस जगन्नाथ की। जो जगन्नाथ सर्वव्यापक है, उसको कोई नहीं खोजता। वह किसी को गलत भक्ति से नहीं मिलता।
गोदावरी नदी तथा गोमती नदी में स्नान करते हैं। कहते हैं कि हम अड़सठ तीर्थों का फल प्राप्त करेंगे यानि अड़सठ तीर्थ स्नान करके मोक्ष प्राप्त करेंगे। यह गलत धारणा है।
जिन्होंने पूर्ण संत की (पूजा) सेवा नहीं की तो उसके सब स्नान व्यर्थ हैं। करोड़ अश्वमेघ यज्ञ करो, संत के चरण की रज (धूल) के समान भी नहीं है। करोड़ गऊ दान दो, कोई लाभ नहीं। एक पल संतों के साथ ज्ञान चर्चा रूपी प्रभी लेने से जीवन बदल जाता है। जिनके मेहमान संत नहीं हुए यानि जिन्होंने पूरे संत का सत्संग नहीं सुना, उनको यथार्थ भक्ति (पद) पद्धति का ज्ञान नहीं हो सकता। उसके बिना मोक्ष नहीं होगा।
जो तीर्थ तथा व्रत करते हैं, उनकी चारों खानि यानि चौरासी लाख प्रकार के प्राणियों के शरीर में जाना नहीं बचेगा। चौदस, नौमी, द्वादशी आदि किसी भी व्रत से जम का दूत नहीं डरता। जो एकादशी का व्रत करते हो। करवा चौथ की कहानी कहती हैं, व्रत रखती
हैं, वे गधी की योनि प्राप्त करती हैं। (आन धर्म) आन-उपासना नर या नारी कोई करो, वह नरक में जाएगा। जो दुर्गा देवी की पूजा करते हैं, भैरव, भूत की पूजा करते हैं। पुत्र होने पर रात जगाते हैं। ये सब नरक के भागी बनेंगे, नरक में गिरेंगे। जो करवाचौथ का व्रत
रखने वाली को कहानी सुनाती हैं, दोनों गधी का जीवन प्राप्त करेंगी। जिस बगड़ (कालौनी) में दुर्गा देवी का जागरण होता है, उसके कारण सारा नगर डूब जाता है क्योंकि वह साधना
शास्त्राविधि त्यागकर मनमाना आचरण है जो व्यर्थ है। परंतु उसका अनुष्ठान करने वाले सुरीली आवाज वाले होते हैं, नाचते हैं, बाजा बजाते हैं। मन को मोहने वाला जागरण करते हैं। देखा-देखी सारा नगर उस अनुष्ठान को करवाने लगता है। जिस कारण से वह नगर ही नरक में जाता है।
उदाहरण :- एक रात्रि में एक घर के आंगन में टैंट लगा था जिसमें जागरण करने वाली मंडली रूकी थी। मौसम न गर्मी थी, न सर्दी। अक्तूबर का महीना था। आंगन में टैंट से बाहर जागरण चल रहा था। जो मुख्य गायक था, वह कह रहा था कि सारे बोलो जय
माता दी। अगले बोलो जय माता दी, पिछले बोलो जय माता दी। यूं कहता-कहता टैंट में गया और शराब की बोतल से एक कप शराब पीकर तुरंत बाहर आ गया। आते ही बोला
मैं नहीं सुनियां जय माता दी, ओए! मैं नहीं सुनिया। श्रोता बोल रहे थे जय माता दी। उसने पी रखी शराब, उसको कैसे सुनेगा? बोलने वालों का गला सूख गया। वह कह रहा था मैं नहीं सुनिया। इस कारण से दुर्गा का अनुष्ठान (जागरण) जहाँ भी होगा, उसका प्रभाव पड़ेगा। आध्यात्मिक लाभ कुछ नहीं मिलता। केवल मन खुश करके नरक में जाना है।
क्रमशः_______________
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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pradeepdasblog · 8 months
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हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 351-352
पारख के अंग की वाणी नं. 1037-1062 का सरलार्थ :- कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास ���ो समझाया कि हे धर्मदास! अब ऐसा ज्ञान सुनाता हूँ जिसको सुनकर कहीं भी भटकना नहीं पड़ेगा। ध्यानपूर्वक दिल लगाकर सुन। जो सर्दी के मौसम में जलधारा (झरने) के नीचे बैठकर सिर के ऊपर शीतल जल बरसाते हैं तथा गर्मी के मौसम में पाँच धूंने अग्नि के लगाकर उनके मध्य में बैठकर तप करते हैं। जो श्वांस को रोकते हैं। जो दिन-रात धूनि
(अग्नि) जलाकर रखते हैं। चिलम में तम्बाकू पीते हैं, उसमें करोड़ों जीव मर जाते हैं। जो तीर्थ यात्रा करते हैं, वे जन्म-जन्म यानि असँख्यों जन्म काल जाल में उलझकर रह जाते हैं। जो तीर्थ पर जाकर दान करते हो। पहले उस तीर्थ में स्नान करते हो। उसमें करोड़ों
जीवों की हिंसा का पाप लग जाता है। पुण्य एक, पाप अनेक लगे।
दुनिया वाले प्रभी लेने सैंकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर जाते हैं। हमारा ज्ञान किसी ने नहीं सुना कि इससे पाप मिलते हैं, पुण्य नहीं मिलता। तीर्थ के जल में जितने गोते (डुबकी) लगाते हैं, प्रत्येक में जीव हिंसा होती है। पाती तोड़कर पत्थर की मूर्ति पर चढ़ाते हैं, वे ज्ञान नेत्रहीन (अंधे) हैं। उनके फंदे यानि काल का जाल कभी नहीं छूट सकता।
तीर्थों के नाम बताए हैं :- जो साधक लोहागिर, पुष्कर पर जाकर स्नान करते हैं। उनको महापाप लगता है। काशी, गया, प्रयाग, द्वारका, हर की पैड़ी हरिद्वार में जाने व तीर्थ में स्नान-दान करने से मोक्ष बताते हैं। उन गुरूओं की गर्दन पर जूते मारने चाहिए। जो जीवों को (आचार-विचार)
कर्मकांड में भ्रमित करते हैं। शास्त्रविधि विरूद्ध साधना का ज्ञान देते हैं। जो पिहोवा (हरियाणा) में पिंड भरवाने की कहते हैं, बद्रीनाथ पर जाने की कहते हैं। (सरजू) सूर्य नदी में स्नान से मोक्ष बताते हैं। यह साधना व्यर्थ है। पिंडदान करने से भूत की योनि छूट जाती है, मोक्ष नहीं मिलता। भूत की जूनि छूटकर गधे की मिल गई तो क्या लाभ हुआ पिंडदान करने का?
जगन्नाथ के दर्शन करने जाते हैं। एक भवन (महल) में काली मूर्ति रखी है उस जगन्नाथ की। जो जगन्नाथ सर्वव्यापक है, उसको कोई नहीं खोजता। वह किसी को गलत भक्ति से नहीं मिलता।
गोदावरी नदी तथा गोमती नदी में स्नान करते हैं। कहते हैं कि हम अड़सठ तीर्थों का फल प्राप्त करेंगे यानि अड़सठ तीर्थ स्नान करके मोक्ष प्राप्त करेंगे। यह गलत धारणा है।
जिन्होंने पूर्ण संत की (पूजा) सेवा नहीं की तो उसके सब स्नान व्यर्थ हैं। करोड़ अश्वमेघ यज्ञ करो, संत के चरण की रज (धूल) के समान भी नहीं है। करोड़ गऊ दान दो, कोई लाभ नहीं। एक पल संतों के साथ ज्ञान चर्चा रूपी प्रभी लेने से जीवन बदल जाता है। जिनके मेहमान संत नहीं हुए यानि जिन्होंने पूरे संत का सत्संग नहीं सुना, उनको यथार्थ भक्ति (पद) पद्धति का ज्ञान नहीं हो सकता। उसके बिना मोक्ष नहीं होगा।
जो तीर्थ तथा व्रत करते हैं, उनकी चारों खानि यानि चौरासी लाख प्रकार के प्राणियों के शरीर में जाना नहीं बचेगा। चौदस, नौमी, द्वादशी आदि किसी भी व्रत से जम का दूत नहीं डरता। जो एकादशी का व्रत करते हो। करवा चौथ की कहानी कहती हैं, व्रत रखती
हैं, वे गधी की योनि प्राप्त करती हैं। (आन धर्म) आन-उपासना नर या नारी कोई करो, वह नरक में जाएगा। जो दुर्गा देवी की पूजा करते हैं, भैरव, भूत की पूजा करते हैं। पुत्र होने पर रात जगाते हैं। ये सब नरक के भागी बनेंगे, नरक में गिरेंगे। जो करवाचौथ का व्रत
रखने वाली को कहानी सुनाती हैं, दोनों गधी का जीवन प्राप्त करेंगी। जिस बगड़ (कालौनी) में दुर्गा देवी का जागरण होता है, उसके कारण सारा नगर डूब जाता है क्योंकि वह साधना
शास्त्राविधि त्यागकर मनमाना आचरण है जो व्यर्थ है। परंतु उसका अनुष्ठान करने वाले सुरीली आवाज वाले होते हैं, नाचते हैं, बाजा बजाते हैं। मन को मोहने वाला जागरण करते हैं। देखा-देखी सारा नगर उस अनुष्ठान को करवाने लगता है। जिस कारण से वह नगर ही नरक में जाता है।
उदाहरण :- एक रात्रि में एक घर के आंगन में टैंट लगा था जिसमें जागरण करने वाली मंडली रूकी थी। मौसम न गर्मी थी, न सर्दी। अक्तूबर का महीना था। आंगन में टैंट से बाहर जागरण चल रहा था। जो मुख्य गायक था, वह कह रहा था कि सारे बोलो जय
माता दी। अगले बोलो जय माता दी, पिछले बोलो जय माता दी। यूं कहता-कहता टैंट में गया और शराब की बोतल से एक कप शराब पीकर तुरंत बाहर आ गया। आते ही बोला
मैं नहीं सुनियां जय माता दी, ओए! मैं नहीं सुनिया। श्रोता बोल रहे थे जय माता दी। उसने पी रखी शराब, उसको कैसे सुनेगा? बोलने वालों का गला सूख गया। वह कह रहा था मैं नहीं सुनिया। इस कारण से दुर्गा का अनुष्ठान (जागरण) जहाँ भी होगा, उसका प्रभाव पड़ेगा। आध्यात्मिक लाभ कुछ नहीं मिलता। केवल मन खुश करके नरक में जाना है।
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dainikuk · 2 years
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पहाड़ से नाबालिग को भगाकर ले गया 30 वर्षीय यूपी का व्यक्ति, शातिर वांछित को पुलिस ने बरेली से किया गिरफ्तार
पहाड़ से नाबालिग को भगाकर ले गया 30 वर्षीय यूपी का व्यक्ति, शातिर वांछित को पुलिस ने बरेली से किया गिरफ्तार
Uttarakhand News: यूपी का 30 वर्षीय व्यक्ति पहाड़ से नाबालिक बच्ची को भगा ले गया। नाबालिक को बहला फुसलाकर कर ले जाने वाले शातिर वांछित अभियुक्त को चमोली पुलिस ने बरेली उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस टीम ने आरोपित को पकड़ने के लिए कई बार उसके घर और अन्य जगह पर दबिश दी, लेकिन वह लगातार छिपता रहा। आखिरकार अब पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, ग्राम नंदप्रयाग बगड़,…
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uttarakhandjan · 2 years
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पहाड़ से नाबालिग को भगाकर ले गया 30 वर्षीय यूपी का व्यक्ति, शातिर वांछित को पुलिस ने बरेली से किया गिरफ्तार
पहाड़ से नाबालिग को भगाकर ले गया 30 वर्षीय यूपी का व्यक्ति, शातिर वांछित को पुलिस ने बरेली से किया गिरफ्तार
Uttarakhand News: यूपी का 30 वर्षीय व्यक्ति पहाड़ से नाबालिक बच्ची को भगा ले गया। नाबालिक को बहला फुसलाकर कर ले जाने वाले शातिर वांछित अभियुक्त को चमोली पुलिस ने बरेली उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस टीम ने आरोपित को पकड़ने के लिए कई बार उसके घर और अन्य जगह पर दबिश दी, लेकिन वह लगातार छिपता रहा। आखिरकार अब पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, ग्राम नंदप्रयाग बगड़,…
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tazacoverage · 2 years
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पहाड़ से नाबालिग को भगाकर ले गया 30 वर्षीय यूपी का व्यक्ति, शातिर वांछित को पुलिस ने बरेली से किया गिरफ्तार
पहाड़ से नाबालिग को भगाकर ले गया 30 वर्षीय यूपी का व्यक्ति, शातिर वांछित को पुलिस ने बरेली से किया गिरफ्तार
Uttarakhand News: यूपी का 30 वर्षीय व्यक्ति पहाड़ से नाबालिक बच्ची को भगा ले गया। नाबालिक को बहला फुसलाकर कर ले जाने वाले शातिर वांछित अभियुक्त को चमोली पुलिस ने बरेली उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस टीम ने आरोपित को पकड़ने के लिए कई बार उसके घर और अन्य जगह पर दबिश दी, लेकिन वह लगातार छिपता रहा। आखिरकार अब पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, ग्राम नंदप्रयाग बगड़,…
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swarajtv · 2 years
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पहाड़ से नाबालिग को भगाकर ले गया 30 वर्षीय यूपी का व्यक्ति, शातिर वांछित को पुलिस ने बरेली से किया गिरफ्तार
पहाड़ से नाबालिग को भगाकर ले गया 30 वर्षीय यूपी का व्यक्ति, शातिर वांछित को पुलिस ने बरेली से किया गिरफ्तार
Uttarakhand News: यूपी का 30 वर्षीय व्यक्ति पहाड़ से नाबालिक बच्ची को भगा ले गया। नाबालिक को बहला फुसलाकर कर ले जाने वाले शातिर वांछित अभियुक्त को चमोली पुलिस ने बरेली उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस टीम ने आरोपित को पकड़ने के लिए कई बार उसके घर और अन्य जगह पर दबिश दी, लेकिन वह लगातार छिपता रहा। आखिरकार अब पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, ग्राम नंदप्रयाग बगड़,…
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liajayeger1 · 3 years
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आज की ताज़ा और ताज़ा ख़बरें हिंदी में लाइव 16 मार्च 2022 - पढ़ें 16 अक्टूबर के मुख्य और ताज़ा समाचार - लाइव ब्रेकिंग न्यूज़
आज की ताज़ा और ताज़ा ख़बरें हिंदी में लाइव 16 मार��च 2022 – पढ़ें 16 अक्टूबर के मुख्य और ताज़ा समाचार – लाइव ब्रेकिंग न्यूज़
11:59 पूर्वाह्न, 10-मार्च-2022 होली की कथा: शिव और कामदेव से होली की पवित्र कथा, ऐसे त्योहारों के को की सौंदर्य हिन्दू धर्म में प्रमुख त्योहारों में से एक है। साल में ये बड़े ही धूम से हर्ल्य है। होली का त्योहार होली के साथ होली खेल शुरू हो रहा है, फिर भी इस दिन-बगड़ के साथ होली खेली पार्टी है। और आगे 11:32 पूर्वाह्न, 06-मार्च-2022 ब्रज की होली 2022 : गोकुल में इस मेनेई शुमार होली, इससे ब्रज…
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पिथौरागढ़ जनपद के जुम्मा गाँव में बदल फटा भारी नुक़सान!
पिथौरागढ़ जनपद के जुम्मा गाँव में बदल फटा भारी नुक़सान!
लोकजन टुडे Breaking- पिथौरागढ़ धारचूला के जुम्मा गाँव मे बादल फटने से मची तबाही। 7 घर हुए जमींदोज, 1 महिला घायल 8 लोग लापता। एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम मौके को रवाना। धारचूला से सटे नेपाल के श्री बगड़ में भी फटा बादल। बादल फटने से धारचूला के एनएचपीसी कॉलोनी तपोवन में हुआ जल भराव । कई आवासीय परिसर खतरे की जद में आये । तपोवन में झील बनने से धारचूला को हुआ खतरा ।  
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jyotis-things · 8 months
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पेज नंबर 351-352
पारख के अंग की वाणी नं. 1037-1062 का सरलार्थ :- कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास को समझाया कि हे धर्मदास! अब ऐसा ज्ञान सुनाता हूँ जिसको सुनकर कहीं भी भटकना नहीं पड़ेगा। ध्यानपूर्वक दिल लगाकर सुन। जो सर्दी के मौसम में जलधारा (झरने) के नीचे बैठकर सिर के ऊपर शीतल जल बरसाते हैं तथा गर्मी के मौसम में पाँच धूंने अग्नि के लगाकर उनके मध्य में बैठकर तप करते हैं। जो श्वांस को रोकते हैं। जो दिन-रात धूनि
(अग्नि) जलाकर रखते हैं। चिलम में तम्बाकू पीते हैं, उसमें करोड़ों जीव मर जाते हैं। जो तीर्थ यात्रा करते हैं, वे जन्म-जन्म यानि असँख्यों जन्म काल जाल में उलझकर रह जाते हैं। जो तीर्थ पर जाकर दान करते हो। पहले उस तीर्थ में स्नान करते हो। उसमें करोड़ों
जीवों की हिंसा का पाप लग जाता है। पुण्य एक, पाप अनेक लगे।
दुनिया वाले प्रभी लेने सैंकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर जाते हैं। हमारा ज्ञान किसी ने नहीं सुना कि इससे पाप मिलते हैं, पुण्य नहीं मिलता। तीर्थ के जल में जितने गोते (डुबकी) लगाते हैं, प्रत्येक में जीव हिंसा होती है। पाती तोड़कर पत्थर की मूर्ति पर चढ़ाते हैं, वे ज्ञान नेत्रहीन (अंधे) हैं। उनके फंदे यानि काल का जाल कभी नहीं छूट ���कता।
तीर्थों के नाम बताए हैं :- जो साधक लोहागिर, पुष्कर पर जाकर स्नान करते हैं। उनको महापाप लगता है। काशी, गया, प्रयाग, द्वारका, हर की पैड़ी हरिद्वार में जाने व तीर्थ में स्नान-दान करने से मोक्ष बताते हैं। उन गुरूओं की गर्दन पर जूते मारने चाहिए। जो जीवों को (आचार-विचार)
कर्मकांड में भ्रमित करते हैं। शास्त्रविधि विरूद्ध साधना का ज्ञान देते हैं। जो पिहोवा (हरियाणा) में पिंड भरवाने की कहते हैं, बद्रीनाथ पर जाने की कहते हैं। (सरजू) सूर्य नदी में स्नान से मोक्ष बताते हैं। यह साधना व्यर्थ है। पिंडदान करने से भूत की योनि छूट जाती है, मोक्ष नहीं मिलता। भूत की जूनि छूटकर गधे की मिल गई तो क्या लाभ हुआ पिंडदान करने का?
जगन्नाथ के दर्शन करने जाते हैं। एक भवन (महल) में काली मूर्ति रखी है उस जगन्नाथ की। जो जगन्नाथ सर्वव्यापक है, उसको कोई नहीं खोजता। वह किसी को गलत भक्ति से नहीं मिलता।
गोदावरी नदी तथा गोमती नदी में स्नान करते हैं। कहते हैं कि हम अड़सठ तीर्थों का फल प्राप्त करेंगे यानि अड़सठ तीर्थ स्नान करके मोक्ष प्राप्त करेंगे। यह गलत धारणा है।
जिन्होंने पूर्ण संत की (पूजा) सेवा नहीं की तो उसके सब स्नान व्यर्थ हैं। करोड़ अश्वमेघ यज्ञ करो, संत के चरण की रज (धूल) के समान भी नहीं है। करोड़ गऊ दान दो, कोई लाभ नहीं। एक पल संतों के साथ ज्ञान चर्चा रूपी प्रभी लेने से जीवन बदल जाता है। जिनके मेहमान संत नहीं हुए यानि जिन्होंने पूरे संत का सत्संग नहीं सुना, उनको यथार्थ भक्ति (पद) पद्धति का ज्ञान नहीं हो सकता। उसके बिना मोक्ष नहीं होगा।
जो तीर्थ तथा व्रत करते हैं, उनकी चारों खानि यानि चौरासी लाख प्रकार के प्राणियों के शरीर में जाना नहीं बचेगा। चौदस, नौमी, द्वादशी आदि किसी भी व्रत से जम का दूत नहीं डरता। जो एकादशी का व्रत करते हो। करवा चौथ की कहानी कहती हैं, व्रत रखती
हैं, वे गधी की योनि प्राप्त करती हैं। (आन धर्म) आन-उपासना नर या नारी कोई करो, वह नरक में जाएगा। जो दुर्गा देवी की पूजा करते हैं, भैरव, भूत की पूजा करते हैं। पुत्र होने पर रात जगाते हैं। ये सब नरक के भागी बनेंगे, नरक में गिरेंगे। जो करवाचौथ का व्रत
रखने वाली को कहानी सुनाती हैं, दोनों गधी का जीवन प्राप्त करेंगी। जिस बगड़ (कालौनी) में दुर्गा देवी का जागरण होता है, उसके कारण सारा नगर डूब जाता है क्योंकि वह साधना
शास्त्राविधि त्यागकर मनमाना आचरण है जो व्यर्थ है। परंतु उसका अनुष्ठान करने वाले सुरीली आवाज वाले होते हैं, नाचते हैं, बाजा बजाते हैं। मन को मोहने वाला जागरण करते हैं। देखा-देखी सारा नगर उस अनुष्ठान को करवाने लगता है। जिस कारण से वह नगर ही नरक में जाता है।
उदाहरण :- एक रात्रि में एक घर के आंगन में टैंट लगा था जिसमें जागरण करने वाली मंडली रूकी थी। मौसम न गर्मी थी, न सर्दी। अक्तूबर का महीना था। आंगन में टैंट से बाहर जागरण चल रहा था। जो मुख्य गायक था, वह कह रहा था कि सारे बोलो जय
माता दी। अगले बोलो जय माता दी, पिछले बोलो जय माता दी। यूं कहता-कहता टैंट में गया और शराब की बोतल से एक कप शराब पीकर तुरंत बाहर आ गया। आते ही बोला
मैं नहीं सुनियां जय माता दी, ओए! मैं नहीं सुनिया। श्रोता बोल रहे थे जय माता दी। उसने पी रखी शराब, उसको कैसे सुनेगा? बोलने वालों का गला सूख गया। वह कह रहा था मैं नहीं सुनिया। इस कारण से दुर्गा का अनुष्ठान (जागरण) जहाँ भी होगा, उसका प्रभाव पड़ेगा। आध्यात्मिक लाभ कुछ नहीं मिलता। केवल मन खुश करके नरक में जाना है।
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trendingpark · 4 years
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नवलगढ़ और बगड़ नगरपालिका के वार्डों की फिर से लाॅटरी, दिग्गजों को बदलना पड़ेगा वार्ड https://bit.ly/3mSRcKE
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hindistoryblogsfan · 4 years
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शुक्रवार की सुबह 3 बजे से बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 4.30 बजे कृष्ण अष्टमी तिथि धनिष्ठा नक्षत्र में बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि गुरुवार को पांडुकेश्वर से रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल के साथ आदि गुरु शंकराचार्यजी की गद्दी, उद्धवजी, कुबेरजी की डोली, गाडू घड़ी यानी तिल के तेल का कलश बद्रीनाथ धाम पहुंच गए हैं।
यात्रा में सभी ने पालन किया सोशल डिस्टेसिंग का
इस साल लॉकडाउन की वजह से पांडुकेश्वर से बद्रीनाथ यात्रा में रावल नंबूदरी, धर्माधिकारी, डिमरी पंचायत के प्रतिनिधि, सीमित संख्या में हकूकधारियों ने सोशियल डिस्टेसिंग का ध्यान रखा और मास्क पहने। इस बार लाम बगड़ और हनुमान चट्टी क्षेत्र में इन देव डोलियों ने विश्राम नहीं किया और ना ही इन स्थानों पर भंडारे का आयोजन हुआ। बद्रीनाथ धाम पहुंच कर भगवान बद्रीविशाल के जन्म स्थान लीला ढूंगी में रावल नंबूदरी द्वारा पूजा-अर्चना की गई।
सुबह 3 बजे से शुरू हो जाएगी कपाट खोलने की प्रक्रिया
डॉ. गौड़ ने बताया कल सुबह 3 बजे से कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कुबेरजी, उद्धवजी गाडू घड़ा दक्षिण द्वार से मंदिर परिसर में रखा जाएगा। इसके बाद रावल, धर्माधिकारी, हकहकूकधारियों की उपस्थिति में कपाट खोलने हेतु प्रक्रिया शुरू होगी। ठीक 4.30 बजे कपाट खोले दिए जाएंगे। कपाट खुलने के बाद लक्ष्मी माता को परिसर स्थित मंदिर में स्थापित किया जाएगा। इस साल कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन है। जोशी मठ के एसडीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कपाट खोलते समय लगभग 30 लोग ही उपस्थित रहेंगे।
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बद्रीनाथजी की पूजा करने का अधिकार सिर्फ रावल को होता है। बद्रीनाथ के रावल शंकराचार्य के कुटुंब से ही होते हैं।
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imsaki07 · 4 years
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बरमाणा में सड़क किनारे खड़ी कार दिनदहाड़े चोरी ..
पुलिस थाना बरमाणा के तहत एक व्यक्ति ने सड़क के किनारे खड़ी की कार कि चोरी होने की शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस को दी शिकायत में प्रकाश चंद गांव बगड़ सलनू ने कहा है कि उसने 2 अगस्त को अपनी कार को अपने घर के नजदीक सड़क के किनारे खड़ा किया था, लेकिन जब वह तीन अगस्त शाम को कहीं जाने के लिए कार लेने वापिस गए तो वहां कार को गायब पाकर हैरान रह गए। उन्होंने कार को अपने स्तर पर खोजने की कोशिश की लेकिन…
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newshindiplus · 4 years
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नहीं मान रहा नेपाल! सीमाई इलाकों में जगह-जगह बनाए हेलीपैड, नेपाली आर्मी बना रही 285 KM लंबी सड़क
नहीं मान रहा नेपाल! सीमाई इलाकों में जगह-जगह बनाए हेलीपैड, नेपाली आर्मी बना रही 285 KM लंबी सड़क
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भारत के साथ उठे सीमा विवाद के बाद नेपाल झूलाघाट से तिंकर तक 6 बीओपी बना चुका है. बीते दिनों नेपाल ने मालपा के ठीक सामने घाटी बगड़ में एक हैलीपेड तैयार किया है. इस हैलीपेड में आए दिन नेपाली हैलीकॉप्टर सड़क…
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laluyadav123 · 4 years
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सब्जी के ट्रक में मीलों सफर तय कर आखिर किसे छिपाकर ला रहा था ड्राइवर, शक हुआ तो पुलिस ने किया गिरफ्तार
सब्जी के ट्रक में 12 मजदूरों को छिपा कर ला रहे ड्राइवर को थराली पुलिस ने पकड़ कर गिरफ्तार कर दिया है। आरोपी को न्यायालय में पेश किया जायेगा। थराली के थानाध्यक्ष सुभाष जखमोला ने बताया गुरुवार को नारायण बगड़ परखाल के तिराहे बैरियर में जब एक ट्रक की तलाशी की गई  तो ट्रक के पीछे 12 मजदूर छिपा कर रखे पकड़े गये।
बताया कि ट्रक ड्राइवर ट्रक से सामान खाली करने के बाद  12 मजदूरों को ले जा रहा था ।…
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uttranews · 5 years
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भाजपा शासन में घुटन महसूस कर रही प्रदेश की जनता: हरीश रावत, सरयू बगड़ में लगे राजनैतिक पंडाल में पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा पर किए तीखें वार
भाजपा शासन में घुटन महसूस कर रही प्रदेश की जनता: हरीश रावत, सरयू बगड़ में लगे राजनैतिक पंडाल में पूर्व सीएम हर���श रावत ने भाजपा पर किए तीखें वार
बागेश्वर सहयोगी मकर संक्रांति के अवसर पर सरयू बगड़ में लगे राजनैतिक पंडाल में पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर कई तीखें वार किए। रावत ने कहा कि जनता भाजपा शासन में घुटन महसूस कर रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से 2022 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटने का आहवान किया।
मकर संक्रांति पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नगर में रैली निकाली। कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत…
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indiawriters-blog · 6 years
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राजस्थान के गांव की बहू बनेंगी ईशा अंबानी, ऐसी है ससुराल की पुश्तैनी हवेली
राजस्थान के गांव की बहू बनेंगी ईशा अंबानी, ऐसी है ससुराल की पुश्तैनी हवेली
आनंद पीरामल, पीरामल ग्रुप के संस्थापक सेठ पीरामल के प्रपौत्र हैं और अजय पीरामल के बेटे हैं. आनंद पीरामल मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनू के बगड़ कस्बे के रहने वाले हैं. भारत के सबसे अमीर व्यक्ति की बेटी ईशा अब इस कस्बे की ही बहू बनेंगी. यह भी तय है कि वह शादी के बाद यहां जरूर जाएंगी. क्योंकि, पीरामल परिवार का यह पैतृक गांव है. बगड़ भले ही एक छोटा कस्बा है. लेकिन, यहां की हवेलियां दुनियाभर में…
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