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#बुखार और सर्दी में क्या खाना चाहिए?
sehatgyantips · 9 months
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astrovastukosh · 6 months
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*🌞~ आज दिनांक - 20 मार्च 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - एकादशी मध्य रात्रि 02:22 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - पुष्य रात्रि 10:38 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*⛅योग - अतिगण्ड शाम 05:01 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:47 से 02:18 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:43*
*⛅सूर्यास्त - 06:51*
*⛅दिशा शूल - उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:08 से 05:56 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:10 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - आमलकी एकादशी, पयोव्रत समाप्त*
*⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹आमलकी एकादशी - 20 मार्च 2024🌹*
*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*
*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*
*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*
*🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*
*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*
*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*
*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*
*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
*🔹पेठे का रस🔹*
*🔸सफेद पेठा (प्रचलित नाम – कुम्हड़ा, गुजराती – भूरूं कोहलु, मराठी – कोहळा, अंग्रेजी – Ash Gourd) आयुर्वेद के अनुसार अत्यंत लाभदायी फल, सब्जी तथा अनेकों रोगों में उपयोगी औषधि भी है ।*
*🔸यह रस में शीतल, पित्त एवं वायु का शमन करनेवाला, शरीर पुष्टिकर, वजन बढ़ाने में सहायक एवं वीर्यवर्धक है ।*
*🔸यह अम्लपित्त (hyperacidity), शरीर की जलन, सिरदर्द,  नकसीर (नाक से खून आना), टी.बी. के कारण कफ के साथ खून आना, खूनी बवासीर, मूत्र की रुकावट एवं जलन, नींद की कमी, प्यास की अधिकता, श्वेतप्रदर एवं अत्यधिक मासिक स्राव आदि पित्तजनित समस्याओं में अक्सीर औषधि है ।*
*🔸स्मरणशक्ति की कमी, पागलपन, मिर्गी आदि मानसिक समस्याओं, चर्मरोग, पुराना बुखार, शारीरिक एवं मानसिक कमजोरी आदि में भी अत्यंत लाभदायी है ।*
*🔸आधुनिक अनुसंधानों के अनुसार यह कैल्शियम, आयरन, जिंक एवं मैग्नेशियम का अच्छा स्रोत है । इसमें निहित एंटी ऑक्सीडेंट मधुमेह (diabetes), उच्च रक्तचाप (High B.P.), कैंसर आदि रोगों से सुरक्षा करने में सहायक है ।*
*🔸सेवन-विधि : 15 से 25 मि.ली. रस सुबह खाली पेट लें ।*
*🔹सावधानी - सर्दी, जुकाम, दमा (asthma) आदि कफ-संबंधी समस्याओं में तथा भूख कम लगती हो तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए ।*
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gotrending-blog · 2 years
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सर्दियों में जरूर खाएं ये चीजें,सर्दियों मे क्या खाना चाहिए?
सर्दियों में जरूर खाएं ये चीजें,सर्दियों मे क्या खाना चाहिए?
 सर्दी के मौसम में फिट और हेल्दी रहने के लिए आप कुछ चीजों का सेवन कर सकते हैं। इस मौसम में अकसर लोगों को जुकाम, खांसी, बुखार और दर्द का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सर्दियों की छोटी-छोटी समस्याओं से बचने के लिए इम्यूनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए आपको हेल्दी खाना, एक्सरसाइज आदि पर ध्यान देने की जरूरत होती है। What to Eat in Winter 1. तुलसी और शहद सर्दी…
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बारिश के मौसम में सीजनल फ्लू, वायरल या खांसी-जुकाम से कैसे बचें
बारिश का मौसम अपने साथ कई बीमारियों की सौगात लाता है. इस बदलते मौसम बुखार, खांसी, जुकाम और फ्लू  जैसी बीमारियां ज्यादा होती हैं. बारिश के मौसम में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. जिसकी वजह से शरीर किसी भी बीमारी के चपेट में जल्दी आ जाता है. इस मौसम में बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा बीमार पड़ते हैं. लेकिन थोड़ा एहतियात और डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल कर लें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है.
भारत सरकार की ओर से आयुष  मंत्रालय ने भी कुछ गाइडलान्स जारी की हैं जिनको अमल में लाने से आप साधारण फ्लू या सर्दी खांसी से बच सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि इस मौसम में ऐसी बीमारियां फैलती हैं, जिनके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं. इसलिए हमें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. आपको  बुखार, खांसी, जुकाम या फ्लू न हो, इसके लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कुछ आसान घरेलू नुस्खे बताए हैं, जिन्हें अपनाकर आप खुद को और अपने पर���वार को फ्लू और कॉमन कोल्ड से बचा सकते हैं. आइये आपको बताते हैं क्या हैं वो घरेलू नुस्खे.
क्या है सीजनल फ्लू और उसके लक्षण ?
सामान्य फ्लू और कोविड-19 के लक्षण काफी हद तक एक जैसे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बात का जिक्र किया है कि कोरोना वायरस के ज्यादातर मरीजों में बेहद सामान्य लक्षण नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि कई लोग नॉर्मल सीजनल फ्लू होने की वजह से भी काफी परेशान हो रहे हैं. अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की संख्या काफी बढ़ रही है, लेकिन कोविड-19 के मरीजों की वजह से इन लोगों को सही ट्रीटमेंट नहीं मिल पा रहा. वैसे सामान्य फ्लू 5-6 दिन में ठीक हो जाता है इसलिए बेहतर है कि आप घर पर  ही अपना ट्रीटमेंट लें. यहां हम आपको सामान्य फ्लू के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं- बुखार आना पूरे शरीर में दर्द होना मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना बार-बार खांसी आना नाक बंद हो जाना नाक में चुभन या दर्द महसूस होना सिर में दर्द होना अगर ये लक्षण आपको महसूस हो रहे हैं तो आपको सीजनल फ्लू भी हो सकता है बेहतर होगा 2-4 दिन इंतजार करें उसके बाद ही कोविड-19 का टेस्ट कराएं.
सीजनल फ्लू  के लिए आयुष मंत्रालय के घरेलू नुस्खे
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने वायरल बुखार, फ्लू और वायरस से बचने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताए हैं. ये आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जरूरी है. इसके लिए आपको अपने खानपान में थोड़े बदलाव करना होगा.
हल्दी वाला दूध पिएं
सबसे पहले आपको रोज हल्दी वाला दूध पीना है. हल्दी का दूध चूंकि गर्म होता है और हल्दी एंटीबायोटिक का काम करती है इसलिए इसे सर्दियों में ज्यादा पीया जाता है. लेकिन इन दिनों चारों तरफ फैली बीमारियों की वजह से आप रोजाना रात में सोने से पहले एक ग्लास हल्दी वाला दूध जरूर पिएं. इसे बनाना बहुत आसान है आप एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाएं और इसे पी लें. अगर आपको इसका स्वाद अच्छा नहीं लग रहा हो तो आप हल्दी डालकर दूध को एक बार उबाल लें. इससे हल्दी की महक खत्म हो जाएगी. इस दूध को पीने से आप सर्दी खांसी और वायरल से बचे रहेंगे.
च्वनप्राश जरूर खाएं
वैसे तो च्वनप्राश भी लोग सर्दियों के मौसम में ही खाते हैं लेकिन बदलते मौसम में आपको च्वनप्राश जरूर खाना चाहिए. आयुर्वेद में च्वनप्राश को एक औषधि माना जाता है जो आपको कई तरह के इनफेक्शन से बचाता है रोज रात को दूध से एक चम्मच च्वनप्राश खाने की कोशिश करें.
जुकाम- खासी के लिए भाप लें
अगर आपको जुकाम खांसी की समस्या हो गई है. तो आपके लिए भाप लेने से बेहतर कोई दूसरा घरेलू उपाय नहीं है.  भाप लेने से बंद नाक खुलती है और सांस नली की सूजन भी कम होती है. आप चाहें तो नॉर्मल पानी की भाप लें या फिर पानी में कुछ बूंदें टी ट्री ऑयल, यूकेलिप्टस ऑयल, लेमनग्रास ऑयल, लौंग का तेल भी डाल सकते हैं.
भाप लेने से आपकी बंद नाक खुल जाएगी और सीने में जकड़न में भी आराम पड़ेगा. अगर आपको खांसी और गले में खराश या दर्द है तो आयुष मंत्रालय के अनुसार आपको दिन में एक बार गर्म पानी में पुदीने की पत्तियां या फिर अजवाइन की पत्तियां डालकर भाप लेनी चाहिए. इसके अलावा लौंग का सेवन करें आप चाहें तो लौंग को पीसकर इसे शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार खा लें. इससे खांसी में काफी आराम मिलेगा. इसके अलावा खांसी जुकाम में तुलसी अदरक की चाय पीने से भी बहुत फायदा मिलता है. आप चाहें तो इस चाय में चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल भी कर सकते हैं
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abhay121996-blog · 3 years
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कोरोना से ठीक होने के बाद सीने में दर्द, पहले डोज के बाद बुखार.. मन में है उलझन तो यहां हर जवाब Divya Sandesh
#Divyasandesh
कोरोना से ठीक होने के बाद सीने में दर्द, पहले डोज के बाद बुखार.. मन में है उलझन तो यहां हर जवाब
लखनऊ जो लोग एलर्जिक हैं, वे डॉक्टरी परामर्श के बाद ही कोरोना का टीका लगवाएं। ऐसे लोगों की टीके से भी एलर्जी हो सकती है, लेकिन जानना जरूरी है कि एलर्जी लेवल क्या है। इन दिनों ऐसे लोगों के लिए दूसरों के मुकाबले मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग अधिक अनिवार्य है। इसके साथ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले ड्राई फ्रूट, मौसमी फल और सब्जियों का ज्यादा उपयोग करें।
ये सुझाव एनबीटी सपोर्ट ग्रुप लखनऊ और आईएमए के अभियान ‘हम साथ हैं’ के तहत विशेषज्ञ डॉक्टरों ने मंगलवार को दिए। इस दौरान हेल्पलाइन पर लखनऊ के आलमबाग, सहारा स्टेट, इंदिरा नगर, मानस बिहार, चौक के अलावा चित्रकूट, साहिबाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, बाराबंकी, दिल्ली, फरीदाबाद, गुडगांव, वल्लभगढ़ और बिहार के सहरसा से भी लोगों ने डाक्टरों से परामर्श लिया।
सवाल- कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गया था। अब रिपोर्ट निगेटिव आ गई है, लेकिन अब भी पेट के आसपास की नसों में दर्द रहता है। जवाब- आप पहले अल्ट्रासाउंड करवा लें। हल्का खाना खाएं और व्यायाम करें। मॉर्निंग वॉक को भी नियमित दिनचर्या में शामिल करें।
सवाल- मेरी उम्र 32 साल है। मेहंदी लगाने या कोई भी प्रॉडक्ट इस्तेमाल करने से एलर्जी हो जाती है। क्या मुझे कोविड वैक्सीन लगवानी चाहिए? जवाब- वैक्सीन लगवाना पूरी तरह सुरक्षित है, हालांकि अगर आपको इंजेक्शन से स्किन एलर्जी है तो विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श ले लें।
सवाल- कोविड की कौन सी वैक्सीन लगवाना ज्यादा बेहतर होगा। क्या यह सही है कि कोविड वैक्सीन लगवाने से खून गाढ़ा हो जाता है? जवाब- कोविड की कोई भी वैक्सीन लगवा सकते हैं। दोनों वैक्सीन फायदेमंद है। यह अफवाह है कि कोविड वैक्सीन लगने से खून गाढ़ा होता है।
सवाल- कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद कमजोरी और सीने में दर्द है। क्या करें? जवाब- डरने की कोई बात नहीं। धीरे-धीरे रिकवरी हो जाएगी। हाई प्रोटीन डाइट लें। लंबी सांस लेने की आदत डालें और योगासन करें।
सवाल- मेरी उम्र 19 वर्ष है। कोविड वैक्सीन का पहला डोज लिया है। बुखार आ गया। अब दूसरी डोज लगवाने से डर लग रहा है। क्या करें? जवाब- परेशान न हों। बुखार आने पर पैरासिटामॉल ले सकते हैं। दूसरी डोज समय से लें।
सवाल- कोविड निगेटिव होने के कितने दिन बाद वैक्सीन ले सकते हैं। कुछ साल पहले बाईपास सर्जरी भी हुई थी ? जवाब- निगेटिव होने के दो माह बाद वैक्सीन ले सकते हैं।
सवाल- बुखार और जुकाम हुआ था। साथ में खांसी भी थी। दवा खाने के बाद ठीक हो गए, लेकिन किसी चीज का स्वाद नहीं आ रहा? जवाब- जरूरी है कि समय-समय पर ऑक्सिजन लेवल चेक करते रहें। सुबह-शाम भाप लें। कुछ दिनों में स्वाद भी आने लगेगा ।
सवाल- दो सप्ताह पहले बुखार-खांसी और सर्दी हुई थी। टायफॉइड टेस्ट कराने पर प्लेटलेट्स कम मिले। अब ठीक हो चुका हूं। क्या कोविड टेस्ट करवाना चाहिए? जवाब- आपको दोबारा बुखार आता है और सांस लेने में दिक्कत होती है तो कोविड टेस्ट जरूर करवा सकते हैं।
सवाल- कोविड वैक्सीन की पहला डोज लेने के बाद आरटीपीसीआर टेस्ट कराया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अब निगेटिव हो चुका हूं। अब दूसरी डोज कब तक ले सकता हूं? जवाब- निगेटिव होने के बाद पहले एंटीबॉडी टेस्ट करवा लेना चाहिए। इसी आधार पर तय होगा कि आप वैक्सीन तुरंत ले सकते हैं या 2 माह बाद।
सवाल- टीबी के मरीज को वैक्सीन लगवानी चाहिए या नहीं? जवाब- पहले टीबी जांच करवा लें। अगर टीबी सही हो गई है तो वैक्सीन ले सकते हैं।
सवाल- 2 अप्रैल को वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी। दूसरी डोज कब तक ले सकते हैं? जवाब- 6 से 8 सप्ताह के बीच दूसरी डोज ले सकते हैं।
सवाल- अगर मरीज की बीपी, शुगर बढ़ी है तो वैक्सीन लगवा सकता है? जवाब- हां, वैक्सीन लगवा सकते हैं।
इन विशेषज्ञों ने दी सलाह डॉ. राजेश प्रजापति, सीनियर फिजिशन डॉ. शाश्वत विद्याधर, जनरल फिजिशन डॉ. सीमा यादव, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अलका जैन, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रिया कुमारी केशरी, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अफसर आलम, फिजिशन डॉ. अनुराधा अग्रवाल, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रांशु अग्रवाल, मनोचिकित्सक डॉ. श्वेता श्रीवास्तव, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋतु सक्सेना, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. नूपुर श्रीवास्तव, आंख कान गला विशेषज्ञ डॉ. जिमी मित्तल, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रांजल अग्रवाल, निदेशक-निर्वाण अस्पातल डॉ विपुल गुप्ता, त्चचा रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋचा गोयल, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋतु, महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय निरंजन, पीडियाट्रिशिन डॉ. अकांक्षा गुप्ता
बाराबंकी से केजीएमयू लाई हम साथ हैं कोविड संक्रमण से जूझ रहे बाराबंकी निवासी को केजीएमयू पहुंचाने के लिए घंटों इंतजार के बाद भी कोई एम्बुलेंस नहीं आई तो उन्होंने ‘हम साथ हैं’ अभियान की ऐंबुलेंस को फोन नंबर 9878040236 पर कॉल किया। यह ऐंबुलेंस फैजाबाद रोड से करीब आधे घंटे में पहुंची और मरीज को परिवार के साथ सुरक्षित केजीएमयू पहुंचा दिया। सर्वेभ्यो फांडेशन के आलोक सिंह ने बताया कि इस अभियान के लिए एसयूवी को अस्थायी ऐंबुलेंस में तब्दील किया गया है। जरूरतमंद 9878040236 या 8756222696 पर कॉल कर मुफ्त मदद पा सकते हैं।
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shaileshg · 4 years
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सर्दियों का मौसम आ चुका है। सुबह और रात के वक्त अब हम ठंड महसूस करने लगे हैं। यह मौसम खाने-पीने, छुट्टियों और आनंद के लिए जाना जाता है, लेकिन इस मौसम में बीमार पड़ने का खतरा भी बना रहता है। एम्स भोपाल में डॉक्टर विनीत द्विवेदी के मुताबिक, इस मौसम में खुद को गर्म रखकर बीमार पड़ने से बचा जा सकता है।
सर्दियों के मौसम में अस्थमा और जोड़ों को दर्द के पीड़ितों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं। सीनियर सिटीजन और बच्चों पर विशेष ध्यान देना होता है। इस मौसम में काढ़ा, तुलसी और हल्दी युक्त दूध बहुत कारगर उपाय हैं, जो आपको बीमार पड़ने से बचा सकते हैं।
सर्दी से बचने के उपाय
काली मिर्च और लौंग लें
तुलसी का इस्तेमाल करें
अदरक लें
जायफल का इस्तेमाल करें
हल्दी युक्त गर्म दूध लें
शहद लें
सर्दी में हो सकती हैं ये 8 समस्याएं, जानें इनसे बचने के उपाय
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1- कब्ज
सर्दियों के मौसम में कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। तापमान कम होने की वजह से हमारा पाचन तंत्र थोड़ा धीरे काम करता है। इससे बचने के लिए इस मौसम में पानी खूब पीना चाहिए। खाना खाने के बाद जीरा पाउडर खाएं, यह आपके शरीर को गर्म रखेगा, जिससे आपकी पाचन क्रिया ठीक रहेगी।
सर्दियों के मौसम में ज्यादा ठंडा खाने से बचना चाहिए और खाने के बाद वॉक जरूर करनी चाहिए। शरीर को गर्म बनाए रखने के लिए काली मिर्च और लौंग भी लेते रहें।
2- माइग्रेन
कई लोगों को ठंडी हवा और ठंड के कारण सिरदर्द होता है, जो आसानी से कम नहीं होता। ऐसा होने पर दूध में जायफल घिसकर माथे पर इसका लेप करें। इससे काफी जल्दी सिरदर्द से आराम मिलेगा।
सर्दियों में जुकाम बहुत आम है, ऐसे में माइग्रेन के पीड़ितों की दिक्कतें इस मौसम में और भी बढ़ जाती हैं। इससे बचने के लिए काढ़ा और डॉक्टर की सलाह पर एंटी एलर्जिक दवाएं लेते रहें।
यह भी पढ़ें- सर्दी में छोटी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है, 4 तरह के बिस्तर और 3 इलेक्ट्रिक उपकरण हमें ठंड से बचा सकते हैं...
3- ड्राई स्किन
सर्दी में त्वचा के साथ-साथ होंठों का फटना आम बात है। फटे होंठों पर कोकम का तेल लगाने से काफी फायदा होता है। इससे होंठों की त्वचा नर्म और मुलायम हो जाती है।
सर्द मौसम में एड़िया फटने की समस्या भी बहुत होती है, जिसे बिवाइयां फटना कहते हैं। ऐसा होने पर एड़ियों पर प्याज का पेस्ट या फिर मोम लगाने से आराम मिलेगा।
4- खांसी और बलगम
सर्दियों में आमतौर पर छाती में बलगम जमा हो जाता है और ऐसा होने पर काफी परेशानी होती है। इसके लिए अंजीर का सेवन करें। इससे बलगम निकलेगा और खांसी से राहत मिलेगी। शरीर को गर्म रखकर भी ऐसी समस्याओं से बचा जा सकता है। इसके लिए आप हल्दी युक्त गर्म दूध भी ले सकते हैं।
5- बुखार
सर्दी अधि‍क लग जाने पर बुखार आना भी आम है। इससे बचने के लिए दिन में तीन बार अजवाइन के चूर्ण लेना फायदेमंद होता है। तुलसी युक्त काढ़ा भी इसके रोकथाम में बहुत कारगर है।
6- वायरल
वायरल यानी खांसी, जुकाम, बुखार एक साथ होने पर पुदीने के पत्तों की चाय बनाकर पीने से आराम मिलता है। इससे बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने आप को सुरक्षित रखें।
सर्दियों में वायरल से ऐसे बच सकते हैं
गर्म कपड़े पहनें
खाने में गर्म चीजों का इस्तेमाल करें
बाइक चलाने वाले ग्लव्स और जूते पहनें
मास्क लगाएं
गर्म पानी पिएं
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1. सर्दियों में आ सकती है वायरस की दूसरी लहर, जानिए बचने लिए क्या करें...
2. फ्लू की वैक्सीन लें, बच्चों का ध्यान रखें; इन 5 तरीकों से कोरोना रोक सकते हैं...
7- अस्थमा के पीड़ित ज्यादा सावधानियां बरतें
कफ अधि‍क जमा हो जाने से अस्थमा पीड़ितों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं। अजवायन के साथ छोटी पीपर और पोस्तदाना का काढ़ा बनाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है। अदरक और सूखे अदरक भी अस्थमा के पीड़ितों के लिए बहुत कारगर है। खाने और चाय में अदरक का इस्तेमाल करें। सूखे अदरक को शहद के साथ लें।
8- जोड़ों का दर्द
सर्दियों के मौसम में अक्सर जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती है। सरसों के तेल में 3-4 लहसुन की कली डालकर पका लें और ठंडा होने पर इससे मालिश करें। इस तेल की मालिश से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है और गर्माहट बनी रहती है।
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Winter asthma and migraine sufferers need to be more alert, know ways to stay healthy in winter
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kisansatta · 4 years
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क्या सीने में दर्द भी है कोरोना का लक्षण ?
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कोरोना वायरस एक ऐसी महामारी जिससे रोज़ लाखों लोग मर रहे हैं। इसकी चपेट में बॉलीवुड के दिग्गज लोग भी आये है, साथ बड़े बड़े नेता भी।
डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना वायरस से होने वाला संक्रमण एक तरह का वायरल इन्फेक्शन है जो मुख्यरूप से श्वसन तंत्र, नाक और गले को प्रभावित करता है। यानी सर्दी, जुकाम, गला खराब होना और बुखार इसके सामान्य लक्षण हैं। इन सामान्य लक्षणों के बीच कुछ अन्य लक्षण भी सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के मुताबिक अब तक अलग-अलग तरह के 12 लक्षण सामने आ चुके हैं। एक सवाल यह भी उठता है कि क्या सीने में दर्द भी कोरोना वायरस का लक्षण है? डब्ल्यूएचओ कहता है कि सीने में दर्द स्पष्ट रूप से सिर्फ कोरोना वायरस का लक्षण नहीं है, लेकिन अगर किसी को सीने में भारीपन महसूस हो रहा है या ऐसा महसूस हो कि गहरी सांस लेने में परेशानी हो रही है तो यह कोरोना वायरस हो सकता है। यह स्थिति बिना किसी अन्य लक्षण के सामने आ सकती है।
क्या करें अगर सीने में दर्द है?
डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के मुताबिक अगर मरीज घर में अकेला रहता है और उसे सीने में दर्द या भारीपन के साथ बुखार और खांसी है तो उसे ये लक्षण सामने आने के सात दिन तक खुद को घर में ही आइसोलेट कर लेना चाहिए। अगर स���दिग्ध परिवार के साथ रह रहा है तो उसे 14 दिन के लिए खुद को एक कमरे में कैद कर लेना चाहिए। अगर मरीज स्वस्थ्य है और बीमारियों से लड़ने की उसकी ताकत (इम्यून सिस्टम) ठीक है तो ये लक्षण धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे। इस दौरान पौष्टिक खाना खाएं, आराम करें और जितना संभव हो व्यायाम करें। अगर इस दौरान सांस की परेशानी बढ़ती है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं, लेकिन सबसे जरूरी है बाकी लोगों से अलग रहना।
https://kisansatta.com/is-chest-pain-also-a-symptom-of-corona/ #Covid19, #ChestPain, #CoronaVirus, #CoronaVirusSymptoms, #Pandemic #covid19, chest pain, Corona virus, corona virus symptoms, pandemic Corona Virus, Trending #CoronaVirus, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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gaanaliveent · 4 years
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जेनेलिया डिसूजा ने शनिवार शाम को खुलासा किया था कि उन्होंने तीन हफ्ते पहले कोरोनावायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया था, लेकिन अब ठीक है। कुछ मिनट पहले ईटाइम्स उसके संपर्क में आया।
बातचीत के कुछ अंश:
ये सब कैसे शुरु हुआ?
खैर, हम लातूर गए थे । घर में किसी ने सकारात्मक परीक्षण किया था। इसलिए हम सभी को अपने COVID-19 परीक्षण करवाने थे। मैंने अपने बेतहाशा सपने में कभी नहीं सोचा था कि मैं सकारात्मक परीक्षण करूंगी क्योंकि मेरे पास बिल्कुल कोई लक्षण नहीं थे- कोई खांसी / बुखार / सर्दी / मतली / सांस-वास्तव में सिर्फ कु�� भी नहीं।
हमने लातूर में अपने परीक्षण किए और हमें उसी दिन वापस आना था। और यह मेरी यात्रा पर था कि मुझे एक कॉल आया जिसे मैंने सकारात्मक परीक्षण किया था। शुक्र है कि रितेश और बच्चों ने नकारात्मक परीक्षण किया था।
और तब?
मैं घर नहीं गया। मैं सीधे लीलावती अस्पताल पहुंचा, भर्ती होने के लिए तैयार है। मैं इससे निपटने के लिए तैयार था। लेकिन जब उन्होंने जाँच की और देखा कि मैं पूरी तरह से स्पर्शोन्मुख था और यहां तक ​​कि मेरा एक्स-रे भी स्पष्ट था- तो मुझे घर पर खुद को शांत करने की सलाह दी गई।
जाओ ...
मैंने जाना और एक अलग जगह पर रहना चुना, हमारे दूसरे फ्लैट। मैं किसी को जोखिम में नहीं डालना चाहती थी । मैं उम्मीद कर रही थी  कि मैं 3 वें दिन बुखार या किसी अन्य लक्षण को अनुबंधित कर सकती  हूं। लेकिन वहां भी, कुछ नहीं हुआ।
अलग फ्लैट में रहना कैसा था?
वह सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा था। मेरे विचार से, मुझे लगता है कि मुझे अपने घर में ही एक अलग कमरे में खुद को अलग करना चाहिए था। किसी के नक्शेकदम पर भी न सुनना, अकेले रहना बहुत कठिन था। यह परिवेश में होने के लिए भयानक है जो पूरी तरह से आपकी दिनचर्या और आराम के लिए नहीं है और बस वहां बैठकर लगभग कुछ भी नहीं करते हैं।
हालाँकि, मेरे दोस्तों ने मुझे हर बार फोन करके खुश किया। और आपको बता दूं कि जिस तरह से रितेश ने बच्चों को संभाला, वह उल्लेखनीय था। वह बेहद चिंतित था  रितेश एक बेहतरीन पति और पिता हैं।
आपके शनिवार की पोस्ट से जाने पर, नकारात्मक परीक्षण करने में आपको 3 सप्ताह का समय लगा ...
हां, मुझे तीन सप्ताह का समय लगा। मैंने 14 दिनों के बाद एक परीक्षण किया था, लेकिन वह भी सकारात्मक आया था।
आपको बिल्कुल कोई लक्षण नहीं था, मामूली बुखार भी नहीं था?
जब मैं लातूर से वापस आ रहा था, तब थोडी ज्वर महसूस कर रहा था, लेकिन वह भी कुछ ही घंटों में गायब हो गया।
सुनने के बाद मनोवैज्ञानिक होना चाहिए कि आपने सकारात्मक परीक्षण किया था ...
मुझे लगता है हां।
अलगाव के दौरान टीवी आपका मुख्य साथी होना चाहिए?
नहीं, मैं टीवी शख्स नहीं हूं। मैं टीवी पर ज्यादा उपभोग नहीं करता। निश्चित दिनों पर सिर्फ एक घंटा।
और तुम्हारे खाने का क्या? आपने इसे किस तरह से मैनेज़ किया?
खैर, मैं खाना बना सकती  हूं और मैं कभी नहीं फंस सकती । मैंने कोई बाहरी मदद नहीं ली। चाहे खाना पकाने की बात हो या सफाई की।
बाहर आने और इस बारे में बात करने में आपको कितना समय लगा?
मुझे लगने लगा कि पब्लिक डोमेन में कोरोनोवायरस पर बहुत अधिक जानकारी और गलत सूचना है। जिसके कारण मैं आखिर बोल रही  हूं।
बिदाई शॉट?
यह मनोबल को इतने नीचे चारों ओर देखने में पीड़ा देता है। और यह और भी अधिक दुखद है, जब मैं देखती  हूं कि कुछ लोग अभी भी COVID-19 को कलंक मानते हैं।
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gethealthy18-blog · 5 years
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लव कोट्स और प्यार भरी शायरी हिंदी में – Love Quotes and Shayari in Hindi
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लव कोट्स और प्यार भरी शायरी हिंदी में – Love Quotes and Shayari in Hindi
लव कोट्स और प्यार भरी शायरी हिंदी में – Love Quotes and Shayari in Hindi Arpita Biswas Hyderabd040-395603080 November 19, 2019
प्यार के दो शब्द ही एक-दूसरे के रिश्ते को और गहरा करने के लिए काफी होते हैं। स्टाइलक्रेज के इस खास आर्टिकल में हम आपके लिए रोमांटिक लव कोट्स लेकर आए हैं। इसकी मदद से आप अपने प्रेमी या प्रेमिका, पति या पत्नी और चाहने वालों के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं। आप खूबसूरत लव शायरी को अपने चाहने वालों को भेजकर अपने रिश्ते की गहराई को और बढ़ा सकते हैं। ये लव कोट्स पढ़कर उन्हें भी इस बात का एहसास होगा कि वो आपके लिए कितने मायने रखते हैं। लव शायरी हिंदी में जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
विषय सूची
लड़कों के लिए
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1. क्यों न गुरूर हो खुद पर, मुझे उसने अपनाया, जिसे अपनाने वाले लाखों थे।
2. जब नहीं करना है इज़हार, तो क्यों करते हो प्यार, बहुत हो गई नैनों की लुका-छिपी अब लबों से करो इकरार।
3. तेरे दिल की धड़कन बनकर तेरे साथ रहने का इरादा है, इश्क़ में मरते तो सब हैं, लेकिन हमारा तेरे साथ जीने का वादा है।
4. एक दिन तुमसे बात न हो, तो पल-पल मरते हैं हम, कसम तुम्हारी तुमसे बहुत इश्क करते हैं हम।
5. अगर दिल में आए कभी सवाल कि मुझे कितनी जरूरत है तुम्हारी, एक बार सांस रोककर देख लेना जीने के लिए सांसों की जितनी तलब है, उतनी ही मुझे जरूरत है तुम्हारी।
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6. मुहब्बत तुमसे करती हूं ज़िन्दगी से ज्यादा, आजमाकर देख ले मुझे किसी और से ज़्यादा, तू भी जान जाएगा मेरी ज़िन्दगी में कुछ भी नहीं है तेरे प्यार से ज़्यादा।
7. कैसे कहूं दिल में क्या भूचाल है, मन में कितने उलझे से सवाल हैं, सबकी तरह तुमने भी पूछा मेरा हाल, नजरे चुराकर हमने भी कह दिया सही है हाल-चाल।
8. खुदा से हर वक्त आपकी खुशियां मांगते हैं, हर वक्त आपके चेहरे पर मुस्कान मांगते हैं, खुद के लिए क्या मांगें खुदा से, सोचा अपने लिए आपकी मुहब्बत मांगते हैं।
9. सब कहते थे ज़िन्दगी खूबसूरत है, जब आपसे मिले तो यकीन हो गया।
10. न खाना न पीना, न जागना न सोना, जानू बस आप ही मेरे होना।
11. लाखों महफ़िल हैं, हजारों मेले हैं, पर जहां नहीं हो आप हम वहां बिल्कुल अकेले हैं।
12. इश्क वो नहीं जो हर वक्त जताया जाए, ये वो ख़ुशी है, जिसे ख़ूबसूरती से निभाया जाए।
13. न है चांद-सितारों की चाहत, न है हीरे-ज़ेवर की फरमाइश, पहचान जाऊ��� तेरी हर आहट, हर पल रहे तू साथ बस यही है ख्वाहिश।
14. हमसे हमारी सारी खुशियां मांग लो, हमारे दिल के सारे राज़ मांग लो, बस इतनी इल्तज़ा है कि कभी धोखा न देना, चाहे हंसकर हमारी जान मांग लो।
15. जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो किसी हसीं शाम के साथ, वैसा ही लगता है तेरा नाम मेरे नाम के साथ।
16. तुम्हें पता ही नहीं कि कितना प्यार है तुमसे हर रोज जाने-अनजाने में और ज्यादा जुड़ जाते हैं तुमसे।
17. अच्छा लगता है जब तुम मेरी ख़ामोशी को पढ़ लेते हो, ताज्जुब होता है आखिर तुम ऐसा कैसे कर लेते हो।
18. होली के हर गुलाल में तेरा रंग है तू साथ न होकर भी मेरे संग है।
19. तुम्हें पाना हमारी मंजिल है, तुम्हारा दिल है हमारा घर, अब नहीं है किसी का डर, क्योंकि हमारे पास आपका दिल है।
20. आपके लिए न गुस्सा है न गुरूर है, बस आपको ही पाने का सुरूर है, अगर इश्क करना गुनाह है, तो आपके लिए यह गुनाह भी मंजूर है।
अब कुछ रोमांटिक लव कोट्स लड़कों के लिए। अपने व्यस्त वक्त से थोड़े पल निकालकर अपनी प्रेमिका के लिए लिख भेजें नीचे लिखे गए लव मैसेज में से आपका फेवरेट लव मैसेज।
लड़कियों के लिए
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1. कितना प्यार है तुमसे ये कभी कह नहीं पाते, बस इतना पता है कि तुम्हारे बिना हम रह नहीं पाते।
2. हमारा टकराना, एक हो जाना कोई इत्तेफाक नहीं, हमें कोई अलग कर दे इतनी किसी की औकात नहीं।
3. जिस दिन भी तेरा दीदार हो जाता है, मेरे लिए वो दिन त्योहार हो जाता है।
4. देखा उसे तो रंगीन हो गए, बेज़ार ख्वाब भी हसीन हो गए। कुछ अदाओं का था असर, कुछ उसकी कशिश भरी आंखों का कि दबे-कुचले अरमां भी आसमानी हो गए।
5. जिंदगी के मुश्किल में तेरा हाथ न छोड़ूंगा, चाहे आए कितने भी तूफान तेरा साथ न छोड़ूंगा।
6. तुम्हारी आंखे हसीन ख़्वाब दिखाती हैं, इस बंजर रेगिस्तान में आब दिखाती है, इन्हें अल्फ़ाज़ों में समेटना मुमकिन नहीं, सोचते ही ख्यालों का सैलाब बनाती है।
7. आपकी क्या तारीफ करूं शब्द नहीं मिलते, आप वो फूल हो जो डाल पे नहीं खिलते।
8. हर वक्त तुम ऐसे ही खिलखिलाया करो, हर दिन हमसे यूं ही मिला करो, हमसे न कोई गिला करो, हमारे साथ मुहब्बत ऐसे ही निभाया करो।
9. तेरी खूबसूरती को निहारने का दिल करता है, तेरी सादगी में डूब जाने का दिल करता है, खुदा का बनाया वो करिश्मा है तू, जिसे सबसे छुपाकर रखने का दिल करता है।
10. तेरे एक हां का है इंतज़ार मुझे, जाने क्यों तुझसे इतना प्यार है मुझे, जाने कब आएगा वो दिन, जब तुम खुद कहोगी, तुमसे इश्क है मुझे।
11. मुहब्बत होने लगी है तुमसे, अब क्या किया जाए, रोक लें खुद को या कर ले ये गुनाह, यही सवाल कर रहे हैं हम हर वक्त खुद से।
12. तुम्हारे लिए मेरा ख्याल नहीं बदलेगा, दिन बदले��गे साल बदलेगा, लेकिन आपके लिए हमारा प्यार नहीं बदलेगा।
13. कभी अपने शब्द भूल जाऊं, कभी अपने ख्याल भूल जाऊं, तुझे इस तरह टूटकर चाहूं कि सांस लेना भूल जाऊं, तुझसे दूर भी रहूं, तो तेरे पास खुद को भूल जाऊं।
14. एक बार सीने से लगा लो मुझे, मेरी हर धड़कन में तेरा ही नाम सुनाई देगा तुझे।
15. ये तेरी चाहत का ही असर था जो लोग मुझे पागल समझते रहे, और मैं खुद को तेरा आशिक।
16. ये मुहब्बत आम न हो जाए, औरों की तरह सरेआम न हो जाए, इन अफसानों को मुझ तक ही रहने दो, कहीं ये बात चर्चा-ए- बाजार न हो जाए।
17. कोई पूछे कि इश्क का चेहरा कैसा है, हमारा यही जवाब होगा, देख लो मेरे यार की तस्वीर, क्योंकि वो मेरे यार जैसा है।
18. ए सुबह, मेरे प्यार को पैगाम देना खूबसूरत दिन, हसीं शाम देना, जब भी वो देखे मेरे मैसेज को, उनके लबों पे खूबसूरत मुस्कान देना।
19. खुद का खास ख्याल रखा करो, सांसे बेशक तुम्हारी हैं, लेकिन तुम्हारे अंदर बसने वाली जान हमारी है, खुद को संभालकर रखा करो।
20. हमें पता न था तुझसे मुहब्बत हो जाएगी, तुझे खुश देखना हमारी आदत बन जाएगी।
इनमें से जो भी आपका फेवरेट लव मैसेज है, उसे बिना देर करते हुए अपने जीवन के खास व्यक्ति को भेजें और उन्हें एहसास दिलाएं कि आपके मन में हर वक्त उनका ख्याल रहता है। याद रखें कि प्यार का इजहार करने के लिए कोई स्पेशल दिन या वक्त नहीं होता है। जब भी आप अपने खास व्यक्ति के सामने प्यार के दो मीठे शब्द बोलें, बस वही दिन और वही वक्त ख़ास हो जाता है। साथ ही अगर आपके अंदर भी छुपा हुआ शायर है, तो बेझिझक लव शायरी हमारे साथ नीचे कमेंट बॉक्स में साझा करें।
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Arpita Biswas
अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/love-quotes-aur-shayari-in-hindi/
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abhay121996-blog · 3 years
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डायबीटीज, बीपी, हाइपरटेंशन... ये बीमारियां हैं और कोरोना हो गया? मन में उलझन का हर जवाब यहां Divya Sandesh
#Divyasandesh
डायबीटीज, बीपी, हाइपरटेंशन... ये बीमारियां हैं और कोरोना हो गया? मन में उलझन का हर जवाब यहां
लखनऊ अगर आपको डायबीटीज, बीपी और हाइपरटेंशन जैसी दिक्कत के साथ मामूली लक्षणों के साथ कोविड है और आपका ऑक्सिजन लेवल 95 से ऊपर है तो घबराने की जरूरत नहीं है। अपने डॉक्टर के संपर्क में रहिए और उनके परामर्श पर पुरानी बीमारी के साथ कोविड की बताई हुई दवाएं खाते रहिए। हेल्दी डाइट लीजिए और खाली बैठने के बजाय खुद को पढ़ने या छोटे-मोटे कामों में व्यस्त रखिए।
होम आइसोलेशन में ऐसे मरीज बड़ी संख्या में ठीक हो रहे हैं। एनबीटी, लखनऊ सपोर्ट ग्रुप लखनऊ, आईएमए के विशेषज्ञों ने मरीजों की देखभाल को लेकर पूछे गए सवालों पर ये टिप्स दिए। ‘हम साथ हैं’ मुहिम के तहत चल रही हेल्पलाइन पर शुक्रवार को लखनऊ के अलावा उत्तर प्रदेश कई जिले वाराणसी, कानपुर, देवरिया, नोएडा, गाजियाबाद से फोन आए। वहीं, उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, फरीदाबाव, गुड़गांव से भी लोगों ने परामर्श के लिए फोन किया। इस दौरान डॉक्टरों ने लोगों की कोविड से जुड़ी परेशानियों और शंकाओं का समाधान किया।
सवाल: पिछले एक महीने से टाइफाइड का इलाज करवा रहे हैं। तीन दिन से सीने में भारीपन लग रहा है। क्या करें?जवाब: सीने में भारीपन कोरोना की समस्या हो सकती है। इसलिए डॉक्टर से सलाह लें और कोरोना जांच जरूर करवाएं। इसके बाद डॉक्टरी सलाह पर कोरोना का इलाज करें। लापरवाही न करें।
सवाल: तीन दिन से बुखार आ रहा है। खांसी, जुकाम भी हुआ है। मुझे लग रहा है यह कोरोना नहीं सामान्य वायरल है। जल्दी ठीक हो जाएगा?जवाब: कोरोना भी एक वायरल ही है। कोरोना से डरें नहीं, जांच करवाएं। सही समय पर जांच होने से कोरोना के मुताबिक इलाज हो जाएगा। अन्यथा सामान्य वायरल समझकर इलाज करेंगे तो तबीयत बिगड़ सकती है।
सवाल: मेरे अंकल डायबिटिक हैं। ब्लडप्रेशर हाई रहता है। पिछले तीन दिन से बुखार, खांसी, जुकाम, गले में खराश की समस्या है। क्या यह कोरोना हो सकता है? जवाब: तीन दिन से यह समस्या है तो आप जांच करवा लीजिए। कोविड की आरटीपीसीआर जांच के अलावा डॉक्टर के परामर्श पर खून की कुछ जांचें करवा लें, जिससे संक्रमण की स्थिति का पता चल जाएगा।
सवाल: दो दिन से हल्का बुखार, जुकाम हो गया है। गले में खराश और खांसी है। क्या करें?जवाब: दिन में दो बार भाप लें। माउथ वॉश करें। पौष्टिक आहार लें। डॉक्टर की सलाह से दवा लें। ठीक न होने पर कोरोना जांच करवाएं। यह जरूरी नहीं है कि हर बुखार कोरोना हो।
सवाल: मुझे बुखार आ रहा था। दवाएं लेने के बाद भी बुखार नहीं सही हुआ। कोरोना जांच करवाने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्सीसाईक्लीन दवा ले रहे हैं, क्या और दवाएं ले सकते हैं?जवाब: प्रोटोकॉल के मुताबिक कोविड की दवाएं तय हैं। अपने मुताबिक कोई भी दवा न तो बंद करिए और न ही शुरू कीजिए। कोई दिक्कत है तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें उसके बाद ही कोई दवा खाएं।
सवाल: मेरी पत्नी पॉजिटिव हैं। उनकी उम्र 61 साल है। पॉजिटिव होने के बाद दस दिन पूरे हो चुके हैं। मुझे चिंता हो रही है क्योंकि उनकी सीटी वैल्यू 20 है। क्या करें?जवाब: मरीज की स्थिति सही है, रिकवरी हो रही है तो घबराने की जरूरत नहीं है। अस्पताल की भागदौड़ न करें। घर पर ही ऑक्सिजन का लेवल नापते रहें। इसके अलावा मरीज से कहें कि घबराएं बिल्कुल नहीं। इससे शारीरिक क्षमता कमजोर होती है।
सवाल: मेरे घर में पापा, मम्मी, बहन और मुझे बुखार आ गया है। सर्दी खांसी भी हो गई है। डॉक्टर से दवाएं ली हैं, लेकिन शारीरिक रूप से कमजोरी बहुत आ गई है?जवाब: अगर बुखार ठीक हो गया है तो शारीरिक कमजोरी धीरे-धीरे जाएगी। खानपान बेहतर रखें। पानी खूब पीएं। खाने में हरी सब्जियां, दाल, प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम लेते रहें।
सवाल: दो दिन से बुखार आ रहा है। खांसी और जुकाम की समस्या है?जवाब: दो दिन से ज्यादा बुखार आ रहा है तो कोरोना की जांच करवाएं। इसके अलावा घर पर रहकर डॉक्टर से संपर्क करके दवाएं लें। ऑक्सिजन लेवल जांचते रहें। 95 से कम ऑक्सिजन होने पर सीटी स्कैन करवा लेना चाहिए। खांसी के लिए कफ सीरप पीएं।
सवाल: मेरी पत्नी चार माह की गर्भवती है। उसे कोरोना के लक्षण मालूम हो रहे हैं। ऐसे में घर पर ही आइसोलेट कर दिया है। डॉक्टर से बात करके दवाएं भी ले रहे हैं?जवाब: तीन दिन से अधिक समय के बाद तबीयत में सुधार न होने पर कोरोना की जांच करवाएं। जच्चा-बच्चा का ध्यान रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करवाएं। गर्भवती को एनीमिया न हो इसका विशेष ध्यान रखें। गर्भावस्था में अपने मुताबिक कोई भी दवा नहीं दी जा सकती। इसलिए जिस डॉक्टर के यहां नियमित चेकअप करवाते हैं उससे परामर्श जरूर लें।
सवाल: मेरी दादी की उम्र 90 साल है। उन्हें तीन दिन से बुखार आ रहा है। दवाएं देने के बाद बुखार सही हो गया है, लेकिन खांसी बहुत आ रही है। इसके अलावा उनको पहले भी खांसी आती रहती है। उन्हें खांसी की पुरानी बीमारी है?जवाब: खांसी की बीमारी का ठीक से इलाज करवाइए। इसके अलावा बुजुर्ग शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है इसलिए पौष्टिक आहार का सेवन करवाइए। सही ढंग से खाना न खा पाती हों तो दाल पिलाइए। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह पर ताकत की सीरप भी दे सकते हैं।
सवाल: मुझे कोरोना पॉजिटिव हुए एक हफ्ता हो गया है। बुखार सही है। कभी-कभी आ जाता है। आंख लाल हो जाती है। आंख में हल्की चुभन या गड़न होती है?जवाब: कोविड के मरीज बिना डॉक्टरी सलाह के आंख की दवा न लें। कोरोना संक्रमण के साथ मरीजों में आंखों की समस्या भी देखने को मिल रही है। अच्छी बात यह है कि यह समस्या ठीक हो रही है। इसमें आंख लाल होना, आंख से पानी आने की समस्या, आंख में हल्की चुभन या गड़न होती है।
सवाल: मेरी पत्नी गर्भवती है, उसे वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए?जवाब: 18 साल से अधिक और 45 साल से कम उम्र के लोगों के लिए कोरोना की वैक्सीन लगनी शुरू हो गई है। गर्भवती के लिए अभी कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। गर्भवतियां अपना खयाल रखें। उम्मीद है इनके लिए भी जल्द ही गाइडलाइन जारी होंगी।
सवाल: मेरे माता-पिता को कैंसर की समस्या है। क्या वो वैक्सीन लगवा सकते हैं?जवाब: हां, वैक्सिनेशन जरूर करवाएं। कैंसर का इलाज भी जारी रखें।
सवाल: मेरी पत्नी पॉजिटिव है और इंटरनेट में देखकर दवाई ले रही है। अब वह क्या खाए और कितने दिन तक एकांत में रहे?जवाब: दवा बगैर किसी डॉक्टर के परामर्श के नहीं लें। कोई परेशानी नहीं है तो 14 दिन तक कोविड प्रोटोकॉल में रहने के बाद बाहर जा सकते हैं। साथ ही प्रोटीन डाइट और पानी पीते रहें।
सवाल: मुझे बंदर ने काटा था, रेबीज के इंजेक्शन ले रहे हैं, क्या कोरोना वैक्सीन लगवा सकते हैं?जवाब: अगर शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं तब वैक्सीन लगवा सकते हैं। बस यह ध्यान दें एक ही दिन रेबीज और कोरोना वैक्सीन न लगवाएं।
सामान्य टिप्स-आरटीपीसीआर की सिटी वैल्यू देख कर घबराएं नहीं, यदि ऑक्सिजन लेवल ठीक है और सांस लेने में दिक्कत नहीं है तब आप ठीक हो रहे हैं। -कोविड होने के बाद कमजोरी एक महीने तक रह सकती है, इसलिए खाने पीने पर बहुत ध्यान दें। प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए, अंडा, दाल, राजमा, पनीर आदि का सेवन करें। -कोविड पॉजिटिव व्यक्ति कम से कम 5 लीटर पानी जरूर पीएं। इसके साथ ही द्रव्य पदार्थ ग्रीन टी या नींबू पानी, सूप, जूस आदि लें। पानी की कमी बिलकुल न होने दें। -यदि आप कोविड पॉजिटिव हैं और बुखार नहीं है तब पैरासिटामोल लेने की जरूरत नहीं है। बुखार होने पैर 6-6 घंटे के अंतराल पर पैरासिटामोल लिया जा सकता है। -किसी भी प्रकार के बुखार को अनदेखा बिलकुल न करें, बुखार और ऑक्सिजन लेवल देखते रहें। ऑक्सिजन अगर 90-92 से नीचे होता है तब तुरंत अस्पताल में भर्ती हो जाएं। -सांस के व्यायाम करें। तकिया लगाकर, अनुलोम विलोम और 6 मिनट तक कमरे में वॉक कर सकते हैं।
इन विशेषज्ञों ने दिए परामर्शडॉ. राजेश प्रजापति, डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव, प्रफेसर आरबी सिंह, डॉ. शाश्वत विद्याधर, डॉ. मनोज गोविला, डॉ. अनूप अग्रवाल, डॉ. नीलम सिंह, डॉ़ यशपाल सिंह, डॉ. अशोक अग्रवाल, डॉ. शिव शिंगारी, डॉ. अलका जैन, डॉ. प्रिया कुमारी केशरी, डॉ. शाह जकी, डॉ. अनुराधा अग्रवाल, डॉ. प्रांशु अग्रवाल, डॉ. एसके सक्सेना, डॉ. वैभव, डॉ. नूपुर, डॉ. जिमी मित्तल, डॉ. स्वप्निल सिंह, डॉ. अली आतिफ, डॉ. अफसर आलम, डॉ. ऋतु, डॉ. संजय निरंजन, डॉ. उत्सव दीप
इन पर करें कॉल7307351811, 7307334898, 05224113494
3 पालियांपहली: सुबह 7 से 9 बजे दूसरी: सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तीसरी: दोपहर 3 से शाम 5 बजे
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abhay121996-blog · 3 years
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जब कोई मुश्किल पड़ जाए, जब कोई बात बिगड़ जाए... दर्द की इस घड़ी में कोरोना मरीजों की हिम्मत हैं ये अपने-पराए Divya Sandesh
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जब कोई मुश्किल पड़ जाए, जब कोई बात बिगड़ जाए... दर्द की इस घड़ी में कोरोना मरीजों की हिम्मत हैं ये अपने-पराए
इन दिनों कोरोना के मामले दिल्ली में इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि लगभग एक लाख एक्टिव मरीज हो गए हैं और 52 हजार से ज्यादा लोग होम आइसोलेशन में है। कोविड पॉजिटिव मरीज के घर में रहने और इनका केयर करने वाले तीमारदारों पर काफी दबाव है। कई बार तीमारदार इन मरीजों का ख्याल रखते रखते खुद संक्रमित हो जाते है, वो अपना ख्याल नहीं रख पाते। कई बार ऐसा देखा जा रहा है कि तीमारदार पैनिक हो जाते हैं, एक साथ दो-दो मरीज का ख्याल रखना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर का कहना है कि तीमारदार का बहुत अहम रोल है, न केवल उन्हें खुद को संक्रमण से बचाना है बल्कि मरीज का सही ख्याल भी रखना है ताकि अगर दिक्कत बढ़े तो उनका सही समय पर इलाज हो सके।घर मे अगर कोई कोरोना पॉजिटिव निकल आए तो साथ वालों को घबराना नहीं चाहिए क्योंकि अगले 14 दिन तक आप लोगों को एक योद्धा की तरह लड़ना है और पैनिक भी नहीं करना है। आज ऐसे ही हिम्मतवालों की कहानियां हैं जो आपको वायरस से लड़ने की ताकत देंगी।इन दिनों कोरोना के मामले दिल्ली में इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि लगभग एक लाख एक्टिव मरीज हो गए हैं और 52 हजार से ज्यादा लोग होम आइसोलेशन में है। कोविड पॉजिटिव मरीज के घर में रहने और इनका केयर करने वाले तीमारदारों पर काफी दबाव है। कई बार तीमारदार इन मरीजों का ख्याल रखते रखते खुद संक्रमित हो जाते है, वो अपना ख्याल नहीं रख पाते। कई बार ऐसा देखा जा रहा है कि तीमारदार पैनिक हो जाते हैं, एक साथ दो-दो मरीज का ख्याल रखना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर का कहना है कि तीमारदार का बहुत अहम रोल है, न केवल उन्हें खुद को संक्रमण से बचाना है बल्कि मरीज का सही ख्याल भी रखना है ताकि अगर दिक्कत बढ़े तो उनका सही समय पर इलाज हो सके।पति की देखभाल करते हुए खुद और बेटा भी हो गए पॉजिटिव, पर न हिम्मत हारी, न हारने दीकोरोना पीड़ित पति की देखभाल करत��� हुए मैं और मेरा 15 साल का बेटा रुद्रप्रकाश त्रिवेदी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए। पति की हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें इलाज के लिए राजीव गांधी हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें सीधे आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा। हॉस्पिटल में उन्हें कई दिन तक 104 फीवर रहा। हालात जवाब दे रहे थे, लेकिन हिम्मत पूरी थी। उस वक्त मेरे हिम्मत हारने का असर सिर्फ मुझ पर नहीं, मेरे बेटे पर भी पड़ता। उसका ख्याल कौन रखता। आज ही हम तीनों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है।आनंद त्रिवेदी परिवार के साथ खजूरी खास में रहते है। शुरुआत में उन्हें हल्के फीवर के साथ खांसी हुई। जांच कराई तो 12 अप्रैल को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्होंने खुद को ग्राउंड फ्लोर पर क्वारंटीन कर लिया। उनकी पत्नी सुनीता त्रिवेदी और बड़ा बेटा रूद्र उनकी देखभाल में जुट गए। सुनीता ने बताया कि घर पर पहले से ही ऑक्सीमीटर वगैरह मंगा रखा था। दिन में चार बार ऑक्सिजन लेवल चेक करती थी। उन दिनों मेरी सुबह की शुरुआत उन्हें गर्म पानी के गरारे कराने से होती थी। इसके बाद काढ़ा और दिनभर का रूटीन फॉलो करवाती। कुछ दिन तक सब कुछ नॉर्मल चलता रहा, लेकिन इसके बाद मेरे साथ बेटे को भी हल्का फीवर शुरू हो गया। जांच कराई तो हमारी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए छोटी बेटी प्राची को करीबी रिश्तेदार के घर भेजना पड़ा।इसी दौरान पति की हालत ज्यादा बिगड़ गई। हालत खराब होते ही एक बार तो हिम्मत जवाब दे गई, लेकिन अगले ही पल खुद को संभालते हुए करीबियों की मदद से पति को इलाज के लिए 16 अप्रैल को राजीव गांधी कोविड सेंटर में भर्ती कराया। खुद पॉजिटिव होने के बाद भी हॉस्पिटल में एडमिट पति से मोबाइल के माध्यम से टच में रहती। उनकी हिम्मत बढ़ाती। उनसे कहती कोरोना को हराकर सही सलामत हमारे पास लौटना है। सुनीता बताती है कि उधर हॉस्पिटल में पति कोरोना से लड़ाई लड़ रहे थे इधर मैं और मेरा बेटा कोरोना को हराने के लिए पूरी ताकत से लड़ रहे थे। चार दिन बाद 20 अप्रैल को आनंद त्रिवेदी को हॉस्पिटल से छुट्टी देकर घर भेज दिया। दो दिन घर पर हल्का फीवर रहा, लेकिन धीरे धीरे हालत में सुधार हो रहा था। इसके बाद तीनों ने अपनी कोरोना जांच कराई। 26 अप्रैल को परिवार के तीनों सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आई और चेहरे पॉजिटिव मुस्कान के साथ खिल उठे।पति और बड़ी बेटी हैं संक्रमित, पर पूरी हिम्मत से अकेले लड़ रहीं जंगकोरोना पॉजिटिव पति और बेटी की देखभाल करते हुए खुद को और छोटी बेटी को संक्रमित होने से बचाना इस समय मेरी सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए मैं पूरी कोशिश कर रही हूं… द्वारका सेक्टर-3 के हेरिटेज अपार्टमेंट में रहने वाली नमिता चौधरी के अनुसार यह मुश्किल है, पर मुमकिन है। नमिता के अनुसार, उनके पति आलोक को 19 अप्रैल को कुछ लक्षण नजर आए। फीवर और पेट खराब हुआ। उन्होंने बताया कि उस समय मेरी सास हमारे साथ ही रहती थीं। इसलिए उनकी सेफ्टी हमारे लिए सबसे जरूरी रही। उन्हें हमने एक रूम में शिफ्ट किया, दोनों बच्चियों को एक रूम में, पति अलग रूम में और मैं खुद हॉल में शिफ्ट हो गई। शाम को जैसे ही पति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो किसी भी तरह के रिस्क से बचने के लिए हमने अपनी सास को रिश्तेदारों के यहां शिफ्ट कर दिया। पति अटैच बाथरूम वाले रूम में शिफ्ट हो गए। मैं हॉल में और दोनों बच्चे एक रूम में शिफ्ट हो गए।उन्होंने बताया कि पति का डायट चार्ट डॉक्टरों ने ही बनाया हुआ है जिसके हिसाब से उन्हें खाना देती हूं। पति जब बर्तन बाहर रखते हैं तो वह उन्हें सैनिटाइज करते हैं। आधा घंटे बाद मैं भी उन पर केमिकल डालती हूं और उसके बाद बर्तन साफ करती हूं। यह बर्तन दूसरे बर्तनों के साथ मिक्स नहीं होते। पति के कपड़े भी बाहर बास्केट में एक से दो घंटे तक ऐसे ही रहते हैं। फिर डिटॉल में भिगाते हैं। अभी उन्हें वॉशिंग मशीन में नहीं धोते। कपड़े धोकर बालकनी में इस तरह टांगते हैं कि उसका पानी हमारी बालकनी में ही गिरे। जब पानी पूरा सूख जाता है तो कपड़े बालकनी में आ रही धूप में ही सूखा देती हैं। इसके अलावा टाइम टाइम पर ऑक्सिजन, टेंपरेचर चेक करती हूं और दवाएं देती हूं।अब उनकी बड़ी बेटी साक्षी भी कोरोना पॉजिटिव हो गई हैं। इसलिए वह भी अलग कमरे में रहती है। इसकी वजह से छोटी बेटी अपेक्षा भी अलग रूम में अकेली रह रही है। वह क्रिकेट खेलती है और काफी एनर्जेटिक है, तो उसे संभालना काफी मुश्किल है। वह कई बार इरिटेट होती है, डाउन होती है। मैंने उसके कमरे में हैंगिंग बॉल लटका दी है, जिस पर वह दिन भर ठोका-पिटी करती रहती है। जब लगता है वह डाउन हो रही है, तो हम अलग-अलग तरह के कुछ क्रिएटिव गेम दूर-दूर से खेलते हैं। जैसे अंताक्षरी, नेम प्लेस थिंग एनिमल आदि। उन्होंने बताया कि अपना पूरा घर केमिकल से तीन बार खुद सैनिटाइज करती हैं। घर में भी हर समय मास्क पहनकर रहती हैं। खाने-पीने के लिए ही मास्क हटता है। बेटी कभी वॉशरूम आदि के लिए बाहर आती है तो वह मास्क पहनती है।​‘वो रात बहुत मुश्किल थी, मगर मैं पैनिक नहीं हुई’‘पिछले हफ्ते एक-एक दिन निकालना मुश्किल था। मेंटल प्रेशर बढ़ता जा रहा था। एक तरफ कोविड 19 से पति की तबियत बिगड़ती जा रही थी, दूसरी तरफ डरे हुए दो बच्चों को संभालना एक चुनौती थी।‘ द्वारका में रहने वालीं श्वेता सिन्हा का यह अनुभव बताता है कि कोविड से संक्रमित मरीजों के तीमारदारों का रोल कितना बड़ा है। वह कहती हैं, कोविड को हराने के लिए सबसे पहले यही चाहिए कि मरीज ही नहीं, तीमारदार भी पैनिक ना हों, बस धैर्य रखें।रिपोर्ट के बाद लक्षण और उभरकर सामने आने लगेएक अलग कमरे में मरीज की देखभाल, उसे हिम्मत दिलाते रहना, बच्चों को समझाना, दवाइयों से लेकर ऑक्सिजन, अस्पताल में बेड का इंतजाम और इन सबसे जरूरी हार ना मानना, बतौर तीमारदार श्वेता के लिए ऐसी कई चुनौतियां सामने थीं। कोविड की इस दूसरी लहर में अप्रैल में उनके पति जितेंद्र कुमार सिन्हा संक्रमित हुए। श्वेता कहती हैं, वेा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में हैं, उन्हें उत्तराखंड को अपनी पोस्टिंग में जाना था। उसी बीच सर्दी-खांसी-बुखार की दिक्कत हुई तो कोविड टेस्ट करवाया। रिपोर्ट पॉजिटिव थी और उसके बाद लक्षण और उभरकर सामने आने लगे। अच्छा यह था कि मैं और बच्चे निगेटिव थे।ऑक्सिजन लेवल घटा, मुश्किल से हुई डॉक्टर से बातश्वेता बताती हैं, जिस दिन पति ने टेस्ट करवाया था, उसी दिन वो अलग हो गए थे। मगर अगला एक हफ्ता बहुत मुश्किल था। हमें एक बार ही सरकारी डॉक्टर का कॉल आया, तो मैंने प्राइवेट डॉक्टर ढूंढा। पूरा हफ्ता उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, बुखार था, खांसी थी। एक रात ऑक्सिजन का लेवल 90 तक पहुंच गया था। उस रात भी डॉक्टर से मुश्किल से बात हुई। ऑक्सिजन लेवल में फ्लक्चुएशन देखकर उन्होंने मुझसे अलग से कहा कि हो सकता है एडमिट करना पड़े। बेड का इंतजाम कीजिए। मैं डर गई थी। कई लोगों को कॉल किया मगर बेड और ऑक्सिजन की स्थिति सब जानते ही हैं! श्वेता कहती हैं, मेरे 15 साल और 10 साल के बेटे डर रहे थे। उधर, पति पूछ रहे थे कि डॉक्टर ने क्या कहा? अब मरीज को क्या बताएं! कहा, सब ठीक है। फिर डॉक्टर ने रात 11 बजे नेबुलाइजर लेने को कहा। सोसायटी में किसी की मदद की और नेबुलाइजर पहुंचाया। उससे उन्हें कुछ आराम मिला मगर फिर उल्टियां शुरू हो गईं। वो रात बहुत बुरी बीती। शुक्र है, वो सुबह बेहतर महसूस कर रहे थे। आज वो ठीक हैं, रिकवर कर रहे हैं।तीमारदार को भी धैर्य और हिम्मत रखना बहुत जरूरी हैश्वेता कहती हैं, मैंने इस दौरान कुछ चीजों पर गौर किया। पहला, कोविड मरीज के साथ साथ तीमारदार को भी धैर्य और हिम्मत रखना बह���त जरूरी है। दूसरा, परिवार और दोस्तों का सपोर्ट जरूरी है, क्योंकि तीमारदार खुद मेंटल प्रेशर में होता है। फोन पर ही सही अगर वे हौसला देंगे, तो तीमारदार का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। तीसरा, अगर बहुत दिक्कत नहीं है तो घर पर ही शांत और अलर्ट रहकर मरीज की देखरेख कीजिए। जो केयर घर पर है, वो हॉस्पिटल में नहीं मिलेगी। इस आपाधापी में तो बिल्कुल नहीं।कोरोना से बचने के लिए तीमारदार रखें इन बातों का ख्यालमरीज को सबसे पहले आइसोलेट करें: आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर पंकज कुमार ने कहा कि ऐसे समय में सबसे ज्यादा जरूरी है कि तीमारदार अपने आपको संक्रमण से बचा कर रखें। सबसे पहले अगर किसी के परिवार में किसी एक सदस्य में कोई भी लक्षण दिखे तो उन्हें सबसे पहले आइसोलेट कर दें, ताकि अगर संक्रमण हो तो बाकी परिवार के लोग इससे बच सकें। आइसोलेट के बाद उनकी जांच कराएं, जब तक रिपोर्ट न आ जाए तब तक उन्हें आइसोलेट ही रखें। अगर रिपोर्ट नॉर्मल बाती है तो कोई बात नहीं। अगर पॉजिटिव आती है तो उन्हें पूरी तरह से आइसोलेशन में रखें। मरीज को ऐसे कमरे में रखें जिसमें अटैच बाथरूम हो, ताकि वो बाहर न निकल सकें। बाथरूम व रूम में प्रोपर वेंटिलेशन हो।​मरीज से बनाकर रखें दूरीडॉक्टर पंकज ने कहा कि इसके बाद तीमारदार का रोल आता है। परिवार में बाकी सभी सदस्यों को घर में भी मास्क पहन कर रहना होगा। तीमारदार को इस बात का ख्याल रखना होगा कि वो संक्रमित मरीज के रूम में नहीं जाएं। उन्हें खाना या बाकी जरूरत के सामान या दवा दरवाजे पर रखें। मरीज खुद समान उठाए। हमेशा मास्क व 6 गज की दूरी बनी रहे। ऐसे समय में तीमारदार परेशान हो सकता है, बार बार मरीज का ख्याल रखना आसान नहीं होता है। मरीज की दवा, ऑक्सिजन सेचुरेशन, टेंपरेचर आदि की चेकलिस्ट बना लें और मरीज का हालचाल मोबाइल से बात करके या विडियो कॉल से लें। मरीज के रूम में बिल्कुल नहीं जाएं।तीमारदार अपनी इम्युनिटी पर भी दें ध्यानतीमारदार खुद को मजबूत रखने के लिए विटामिन सी और जिंक सप्लीमेंट लें। काढ़ा पीएं। प्रोपर डाइट लें। योगा करें। पैनिक न हों। अगर मरीज की हालत खराब होती है या कोई जरूरत होती है तो पैनिक होने के बजाय संयम से काम लें। सेचुरेशन कम हो तो दोबारा चेक कर लें और किसी भी दिक्कत में पहले अपने डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर के सलाह पर ही इलाज लें। पैनिक में बिना वजह अस्पताल न जाएं।
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kisansatta · 4 years
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किस करने से संक्रामक रोग फैल सकते हैं, जानिए क्या हैं इसके संकेत
एक किस करना एक बीमारी को न्योता दे सकता है। यह है किसिंग डिसीज जो कि किस के दौरान मुंह से निकले लार की वजह से होती है। इस बीमारी के कारण शरीर में एप्सटीन-बार नाम का वायरस फैलने लगता है। यह वायरस शरीर में मोनोन्यूक्लिओसिस इन्फेक्शन फैलाता है और यह इन्फेक्शन लार के जरिए लोगों तक पहुंचता है। किसिंग गोनोरिया जैसी यौन संचारित बीमारी का कारण बन सकती है। स्टडी में यह संकेत दिया गया है कि जीवाणु संक्रमण के फैलने का एक महत्वपूर्ण जरिया ‘किस’ है।  एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि इससे एनिमिया, लिवर प्रॉब्लम, हेपेटाइटिस, जॉइन्डिस की समस्या हो जाती है।
यह बीमारी किस करने के अलावा एक-दूसरे का जूठा खाने या जूठा पानी पीने की वजह से भी फैलाती है। यह वायरस लार में पाया जाता है, इसलिए अगर संक्रमित व्यक्ति का टूथब्रश इस्तेमाल किया या उनके साथ एक बर्तन में खाना खाया तो हो सकता है कि इसका शिकार हो जाएं। यह वायरस रक्त और वीर्य में भी होता है, इसलिए अंग प्रत्यारोपण या यौन संबंध से भी फैल सकता है।आमतौर पर ये संक्रमण लार से होता है। ये किस करने, एक दूसरे का झूठा खाने या पीने से हो सकता है। सिर्फ 35 से 50 फीसदी मामलों में इस संक्रमण के लक्षण सामने आ पाते हैं। इसलिए ये भी हो सकता है कि आप इस वायरस से बहुत ही यंग एज में संक्रमित हुए हों।
लेकिन इसके लक्षण न पहचान गए हों और आपका शरीर खुद ही इसके प्रति इम्यून हो गया हो।मोनोन्यूक्लियोसिस या मोनो, जिसे ‘चुंबन रोग’ भी कहा जाता है- एक संक्रामक बीम���री है। यह आमतौर पर लार और करीबी संपर्क के माध्यम से फैलता है, जैसे चुंबन, इसलिए इस बीमारी का नाम है किस्सिंग डिजीज।यह आमतौर पर एक गंभीर या खतरनाक बीमारी नहीं है और यह भी आम भी नहीं है। मोनो वाले लोगों में बुखार, गले में दर्द और कमजोरी जैसे लक्षण होते हैं। लेकिन ये लक्षण सामान्य सर्दी या नियमित वायरल बीमारी के मुकाबले ज्यादा गंभीर हैं।
मानव लार 98 प्रतिशत पानी से बनी है, जबकि बाकी बचा 2 प्रतिशत अन्य यौगिक जैसे इलेक्ट्रोलाइट, बलगम, जीवाणुरोधी यौगिक और एंजाइम होते हैं। भोजन पाचन की प्रक्रिया में शुरुआती हिस्से में लार के एंजाइम भोजन के कुछ स्टार्च और वसा को आणविक स्तर पर तोड़ते हैं। लार दांतों के बीच फंसे खाने को भी तोड़ती है और उन्हें नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया से बचाती है। लेकिन लार में मौजूद वायरस अन्य के संपर्क में आने पर उन्हें भी संक्रमित कर सकता है।
मोनो के लक्षण :-
यह वायरस ज्यादातर युवा लोगों को प्रभावित करता है और साथ ही जो स्कूलों या कॉलेजों जैसे स्थानों में दूसरों के साथ घनिष्ठ संपर्क में काफी समय बिताते हैं। यह खतरनाक नहीं है लेकिन यह दर्दनाक जरुर है.
चुंबन रोग के लक्षण सामान्य ठंड या वायरल के समान हैं-
तेज बुखार
 गले में ज्यादा खराश
निगलने में कठिनाई
शरीर दर्द
निर्जलीकरण
थकान
मांसपेशी में कमज़ोरी
सूजी हुई ग्रंथियां
ये लक्षण हल्के हो सकते हैं लेकिन यदि वे गंभीर हैं तो यह आपकी दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल सकता है और आपको कुछ हफ्तों तक पीछे डाल देता है. प्रासंगिक परीक्षण करने के बाद मोनो का एक मामला पुष्टि होता है.
उपचार:-
खैर, मोनो के लिए कोई इलाज नहीं है. आपको इसे ठीक होने तक इंतजार करना होगा. तो आराम और हाइड्रेटेड रहना और और अगर यह असहनीय है तो आप पैनकिलर ले सकते है. इससे संक्रमण से बचने में मदद मिलेगा. संक्रमण जाने के लिए आमतौर पर एक या दो महीने लगते हैं|अगर आपको ये बीमारी है तो एंटीबायोटिक्स कभी ना ले. यह आपको फंगल संक्रमण या माध्यमिक संक्रमण का खरता अधिक प्रवण कर देगा|
सावधान रहे:-
कभी-कभी कंडोम का इस्तेमाल रिश्ते के बीच में किया जाता है। यह सही नहीं है। कंडोम रिश्ते की शुरुआत से ही करें। ताकि बैक्टीरिया किसी भी तरह से आपको संक्रमित न कर सके।
ओरल सेक्स से बचें:-
90 प्रतिशत गोनोरिया में ओरल सेक्स किया जाता है। ओरल सेक्स बैक्टीरिया के संक्रमण का मुख्य कारण है। यदि यह संभव है, तो मुख मैथुन से बचें। वैसे भी ओरल सेहत के लिए हानिकारक है।
कन्डोम का प्रयोग करे:-
ओरल सेक्स करते समय भी कंडोम का इस्तेमाल करें। ताकि बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश न कर सकें। यह आपके साथी के लिए भी सही रहेगा।
जागरूक बने:-
अगर आप कैजुअल सेक्स में विश्वास करते हैं, तो इससे जुड़ी जानकारी को अपने पास रखें। आकस्मिक यौन विकारों और संक्रमणों के बारे में जानकारी रखें। इससे आपको सावधान रहने में आसानी होगी।
आपके साथी को सूजाक के लिए भी परीक्षण और उपचार किया जाना चाहिए, भले ही उसके कोई लक्षण न हों। आपके साथी को वैसा ही इलाज मिलता है जैसा आप करते हैं। यहां तक कि अगर आपके गोनोरिया का इलाज किया गया है, भले ही आपके साथी का इलाज न किया गया हो, तो आप फिर से संक्रमित हो सकते हैं।
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gethealthy18-blog · 5 years
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खसरा रोग के कारण, लक्षण और इलाज – Measles Symptoms and Treatment in Hindi
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खसरा रोग के कारण, लक्षण और इलाज – Measles Symptoms and Treatment in Hindi
Arpita Biswas Hyderabd040-395603080 October 9, 2019
बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम या अन्य कई तरह के वायरल इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है। इन्हीं में से एक खसरा रोग भी है, जो एक तरह का वायरल इंफेक्शन होता है। यह काफी संक्रामक होता है और कुछ मामलों में जानलेवा तक हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते इसके लक्षणों को जानकर इसका तुरंत इलाज शुरू किया जाए। स्टाइलक्रेज के इस लेख के माध्यम से हम न सिर्फ आपको खसरा रोग क्या है इसकी जानकारी देंगे, बल्कि खसरा के लक्षण और उपचार के बारे में भी बताएंगे, ताकि आपको वक्त रहते इसका इलाज करने में आसानी हो।
खसरा के लक्षण और उपचार के बारे में बात करने से पहले हम खसरा रोग क्या है यह जान लेते हैं। इलाज से पहले रोग के बारे में सही तरीके से जानना जरूरी है। इसलिए, लेख की शुरुआत खसरा रोग क्या है, इससे कर रहे हैं।
विषय सूची
खसरा रोग क्या है? – What is Measles in Hindi
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खसरा रोग संक्रामक वायरस के कारण होता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है। इसमें पूरे शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं। ये लाल दाने अक्सर पहले सिर पर होते हैं और फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। खसरा रोग को रूबेला (rubeola) भी कहा जाता है (1)।
लेख के इस भाग में हम खसरा रोग का कारण क्या है, इस बारे में बता रहे हैं।
खसरा के कारण – Causes of Measles in Hindi
खसरा रोग के कारण कुछ इस प्रकार हैं (2):
खसरा जिसे मीसल्स (Measles) भी कहते हैं, मीसल्स वायरस के कारण होता है।
अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित है, तो उसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति को भी खसरा रोग हो सकता है।
खसरा संक्रमित व्यक्ति अगर खांसता, छींकता या किसी को छूता है, तो उसके आसपास रहने वाले व्यक्ति को भी खसरा रोग हो सकता है।
ऊपर आपने खसरा रोग का कारण जानें, अब बारी आती है खसरा के लक्षण जानने की।
खसरा के लक्षण – Measles Symptoms in Hindi
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खसरा के लक्षण जान लेना जरूरी है। आमतौर पर मीसल्स वायरस की चपेट में आने के बाद तीन-पांच दिन में खसरा के लक्षण दिखने लगते हैं। इसके प्रमुख लक्षणों के बारे में हम नीचे बता रहे हैं (1) (2)।
मांसपेशियों में दर्द
सर्दी-जुकाम
बुखार
मुंह के अंदर छोटे सफेद धब्बे
आंखे लाल होना या आंख आना (conjunctivitis)
गले में दर्द
लेख के आगे के भाग में जानिए खसरा रोग के जोखिम कारक क्या-क्या हो सकते हैं।
खसरा रोग के जोखिम कारक – Risk Factors of Measles in Hindi
यहां हम कुछ ऐसी परिस्थितियों व व्यक्तियों का जिक्र कर रहे हैं, जिन्हें खसरा होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है (3) (4) (5)।
पांच साल की उम्र से छोटे बच्चे
20 साल तक के युवा
गर्भवती
ऐसे व्यक्ति जिनकी किसी भयानक बीमारी के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हुई हो।
जिन्हें खसरा रोग के टीके न लगे हों।
जो ज्यादातर अन्य शहरों में घूमते रहते हैं।
जो उस व्यक्ति के संपर्क में आया हो, जिसे खसरा रोग हुआ हो।
लेख के इस अहम हिस्से में हम घरेलू तरीके से खसरा के उपचार बता रहे हैं।
खसरा के लिए कुछ घरेलू उपाय – Home Remedies for Measles in Hindi
खसरा रोग काफी कष्टदायक होता है, खासकर के बच्चों के लिए। ऐसे में जरूरी है कि इसके प्रभाव को कम या थोड़ा-बहुत राहत दिलाने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय करें। यहां घर में ही किए जाने वाले खसरा के उपचार के बारे में विस्तार से जानें।
1. खसरा रोग के लिए नीम के पत्ते
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खसरा रोग में शरीर में खुजली होना सामान्य है। खुजली से न सिर्फ रोगी की त्वचा को नुकसान होता है, बल्कि इससे वो चिड़चिड़े भी हो जाते हैं। इस खुजली को कम करने के लिए नीम के पत्ते लाभकारी साबित हो सकते हैं। आप रोगी की खुजली को कम करने के लिए गुनगुने पानी में नीम के पत्तों को डालकर उस पानी से रोगी को नहला सकते हैं। नीम में एंटीबैक्टीरियल व एंटीफंगल गुण होते हैं, जो खसरा रोग से होने वाली खुजली से राहत दिला सकते हैं (6)।
2. खसरा रोग के लिए नींबू पानी
अगर रोगी को प्यास लगे, तो उसे नींबू पानी दिया जा सकता है। इसके अलावा, अगर सर्दी-जुकाम की समस्या हो, तो नींबू और शहद की चाय दे सकते हैं। ध्यान रहे कि आप 12 महीने से छोटे बच्चे को शहद न दें और 12 माह से ज्याद उम्र के बच्चे को यह मिश्रण देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें (7)। कई बच्चों को खसरा रोग के दौरान विटामिन-ए की आवश्यकता होती है। वहीं, नींबू में विटामिन-ए होता है, जो रोगी के लिए लाभकारी हो सकता है। साथ ही इसमें विटामिन-सी भी होता है, जो रोगी की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने में मदद कर सकता है (2) (8) (0)।
3. खसरा रोग के लिए नारियल पानी
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खसरा के रोगी को पीने के लिए नारियल पानी दिया जा सकता है। इसके सेवन से रोगी का शरीर हाइड्रेट भी रहेगा। इसके अलावा, रूई की मदद से नारियल पानी को शरीर पर लगा भी सकते हैं। यह शरीर को ठंडक का एहसास दिलाएगा और खुजली या किसी भी प्रकार की जलन से राहत दिलाएगा (10)।
4. खसरा रोग के लिए हल्दी
हल्दी न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि कई वर्षों से इसे औषधि के रूप में भी उपयोग किया जा रहा है। कहीं चोट लग जाए, किसी को सर्दी-जुकाम हो जाए या अन्य शारीरिक समस्या हो, हल्दी हर मामले में गुणकारी है। ठीक उसी तरह खसरा रोग में भी हल्दी का उपयोग लाभकारी हो सकता है। खसरा रोग में आप हल्दी-दूध का सेवन कर सकते हैं। साथ ही चंदन और हल्दी का लेप लगा सकते हैं। इसके अलावा, करेले के पत्ते के रस में थोड़ा शहद और हल्दी मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। अगर आपका यह मिश्रण पीने का मन न करे, तो गर्म पानी में हल्दी और नीम को उबालकर उस पानी से नहा भी सकते हैं। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो खसरा में होने वाली परेशानियों से राहत दिला सकते हैं (9) (10)।
5. खसरा रोग के लिए गुनगुना पानी
खसरा रोग में सर्दी-जुकाम भी हो जाता है। ऐसे में गुनगुने पानी का सेवन करने से खसरा के दौरान होने वाले सर्दी-जुकाम या गले में दर्द से राहत मिल सकती है (11)।
नोट : जरूरी नहीं है कि ऊपर बताए गए खसरा रोग के घरेलू इलाज से खसरा पूरी तरह से ठीक हो जाए। ये घरेलू उपचार खसरा रोग के दौरान होने वाली परेशानियों और उसके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। इससे आपको खसरा रोग के दौरान कुछ राहत मिल सकती है।
कुछ मामलों में खसरा रोग के दौरान कुछ जटिलताएं भी हो सकती हैं। लेख के इस भाग में हम आपको खसरा रोग के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए, इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।
खसरा रोग के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?
अगर वक्त रहते खसरा रोग की जटिलताओं को समझकर डॉक्टर की सलाह न ली जाए, तो व्यक्ति की जान पर भी बात आ सकती है। इसलिए, नीचे बताए गए जोखिम कारकों पर ध्यान द��कर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें (4) (12)।
सबसे पहले अगर आपको लगातार बुखार है और आपको शरीर पर कुछ दाने दिख रहे हैं, तो इस बात की पुष्टि के लिए कि वो खसरा है या नहीं डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर छोटे बच्चे को खसरा हुआ है, तो बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करें।
गर्भवती को खसरा होने पर तुरंत इलाज की जरूर है।
अगर मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही हो।
अगर खसरा के दौरान रोगी को डायरिया हो गया हो।
अगर आप या आपका बच्चा या परिवार का कोई सदस्य खसरा रोगी के संपर्क में आया हो।
निमोनिया होने पर भी लापरवाही न बरतें।
इन्सेफेलाइटिस (encephalitis) यानी दिमागी बुखार। ऐसा खसरा से प्रभावित 1 हजार लोगों में से किसी 1 को हो सकता है।
अगर कैंसर व एचआईवी जैसी जानलेवा बीमारी से ग्रस्त मरीज को खसरा हुआ हो।
आगे जानिए कि खसरा रोग का निदान कैसे किया जा सकता है।
खसरा रोग का निदान – Diagnosis of Measles in Hindi
जरूरी नहीं कि हर बुखार और सर्दी-जुकाम खसरा के संकेत हों, इसलिए वक्त रहते इसका निदान आवश्यक है, ताकि खसरा का उपचार सही वक्त और सही तरीके से हो सके (4)।
ब्लड टेस्ट यानी खून की जांच करके
शारीरिक जांच करके
आगे जानिए खसरा का उपचार कैसे-कैसे कर सकते हैं।
खसरा का इलाज – Treatment of Measles in Hindi
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खसरे का कोई इलाज नहीं है। इसमें कोई एंटीबायोटिक्स तक काम नहीं करती है, क्योंकि खसरा वायरस से होता है। सिर्फ इस दौरान मरीज का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि उसकी हालत स्थिर रहे। यहां हम खसरा का उपचार के तहत कुछ काम की बातें बता रहे हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है (2) (4)।
नीचे हम आपको खसरा के इलाज के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।
बेड रेस्ट यानी ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
पैरासिटामोल, बुखार या शरीर में दर्द कम होने की दवा का सेवन करें।
रोगी को एकांत में या अलग कमरे में रखें, ताकि उससे किसी और को यह बीमारी न लगे।
कुछ मामलों में मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ सकता है।
कुछ बच्चों को विटामिन ए के सप्लीमेंट की जरूरत होती है।
कुछ मरीजों को एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं।
रोग के कमरे में ह्यूमिडिफायर का प्रयोग किया जा सकता है, ताकि वायु साफ रहे।
रोगी को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दिया जाना चाहिए।
सिर्फ खसरे का उपचार ही नहीं, बल्कि इस दौरान खाने-पीने पर ध्यान रखना भी जरूरी है, ताकि मरीज जल्द ठीक हो सके। आगे लेख में हम खसरा रोग के दाैरान खाने-पीने में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बता रहे हैं।
खसरा रोग में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
क्या खाएं :
ज्यादा से ज्यादा फलों और हरी सब्जियों का सेवन करें।
ज्यादा से ज्यादा पानी व तरल पदार्थों का सेवन करें जैसे – फलों का रस, तुलसी या नींबू की चाय।
सूप का सेवन करें।
माड़ यानी चावल को ज्यादा पानी के साथ पकाकर उस पानी का सेवन करें।
दलिया खाएं या चावल को अच्छे से पकाकर नर्म चावल का सेवन करें।
हल्का खाना खाएं।
एक बार में ज्यादा खाने की जगह हर कुछ देर में थोड़ा-थोड़ा खाएं।
क्या न खाएं :
बाहर का कुछ भी न खाएं।
फैटी खाद्य पदार्थों का सेवन न करें
कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
तला-भूना या मसाले वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
आइसक्रीम या चॉकलेट का सेवन न करें।
ज्यादा भारी आहार न खाएं।
नोट : इस बारे में आपको और ज्यादा जानकारी डॉक्टर से मिल जाएगी। वो आपके स्वास्थ्य के अनुसार डाइट चार्ट बनाकर दे सकते हैं।
लेख के आगे के भाग में जानिए खसरा रोग से बचाव कैसे करें।
खसरा से बचाव – Prevention Tips for Measles in Hindi
अगर आप खसरा रोग से बचाव चाहते हैं, तो नीचे बताए गई बातों पर ध्यान दें (2) (14) (15) :
बाहर से आने के बाद साबुन या हैंडवॉश से हाथ जरूर धोएं।
ध्यान रहे कि शिशु को खसरा का टीका जरूर लगवाएं। पहला टीका शिशु को 15 महीने तक का होने तक लगवा सकते हैं और दूसरा टीका 6 साल का होने तक।
यह टीका गर्भवती महिला और बड़े भी लगवा सकते हैं, लेकिन उसे कब लगवाना है, इस बारे में डॉक्टर बेहतर बता सकते हैं।
अगर किसी को खसरा हुआ हो, तो उससे दूरी बनाकर रखें। अगर आप उनके संपर्क आए भी जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें।
ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।
हमें उम्मीद हैं कि खसरा रोग के इस लेख से आपको मदद मिलेगी। अगर ऊपर बताया गया खसरा का उपचार करने के बाद भी खसरा रोग का प्रभाव कम नहीं हो रहा है, तो बिना देर करते हुए डॉक्टर से संपर्क करें। खसरा रोग का कारण चाहे जो भी हो, लेकिन सही वक्त पर खसरा के लक्षण को पहचानकर उसका सही इलाज करना जरूरी है। अगर आपके पास भी खसरा रोग से संबंधित कोई जानकारी है, तो उसे हमारे साथ कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें। साथ ही इस लेख को अपने दोस्तों व परिजनों के साथ साझा कर उन्हें भी खसरा रोग के बारे में जागरूक कराएं। याद रखें कि आपका एक शेयर किसी की जान बचा सकता है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/khasra-rog-ke-karan-lakshan-aur-ilaj-in-hindi/
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उल्टी रोकने के 12 आसान घरेलु उपाय – Home Remedies to Stop Vomiting in Hindi
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उल्टी रोकने के 12 आसान घरेलु उपाय – Home Remedies to Stop Vomiting in Hindi
Arpita Biswas Hyderabd040-395603080 July 23, 2019
‘उल्टी’ कभी भी और किसी को भी हो सकती है। हालांकि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन इस पर वक्त रहते ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर समस्या का कारण बन सकती है। कई बार लोग उल्टी रोकने के उपाय के लिए उल्टी की दवा भी लेते हैं जिसका असर कुछ वक्त तक ही रहता है और कुछ मामलों में इन दवाइयों का उल्टा असर भी हो जाता है। इसलिए इस लेख के जरिये हम आपको उल्टी रोकने के घरेलू उपाय के बारे में जानकारी देंगे। उल्टी का घरेलू उपचार करने से न सिर्फ आपको इससे राहत मिलेगी बल्कि आप दवाइयों के नुकसान से भी बच सकते हैं। तो बिना देर करते हुए इस लेख के आगे के भाग में जानें उल्टी का घरेलू उपचार।
इससे पहले कि हम आपको उल्टी रोकने के घरेलू उपाय बताएं, उससे पहले आपका यह जानना जरूरी है कि उल्टी होने के कारण क्या-क्या हो सकते हैं? अगर आपको कारण पता होगा तो उल्टी रोकने के उपाय करना आसान हो सकता है।
विषय सूची
उल्टी होने के कारण – What Caused Vomiting in Hindi
उल्टी होने के कई कारण हो सकते हैं जिन्हे हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से जान सकते हैं (1) :
पेट संबंधी समस्या
फूड पॉइजनिंग
खाद्य पदार्थ से एलर्जी
माइग्रेन
गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस
सफर के दौरान मोशन सिकनेस
गैस के वजह से
कैंसर, अपेंडिसाइटिस, किडनी स्टोन जैसी बीमारी
बहुत देर भूखे रहने के वजह से
सर्दी-जुकाम या बुखार के कारण
अब जब आप उल्टी होने के कारण जान गए हैं तो अब वक्त आता है उल्टी रोकने के घरेलू उपाय जानने के।
उल्टी रोकने के घरेलू उपाय – How to Stop Vomiting in Hindi
कई बार लोग सामान्य शारीरिक समस्याओं के लिए भी आधुनिक दवाइयों पर निर्भर हो जाते हैं। लेकिन ऐसा करने कई बार घातक हो सकता है। आधुनिक दवाइयों से अलग उल्टी रोकने के घरेलू उपाय आपके लिए प्रभावशाली हो सकते हैं, क्योंकि इनके दुष्प्रभाव न के बराबर होते हैं। तो चलिए जानते हैं उल्टी का घरेलू उपचार कैसे करें।
1. अदरक
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सामग्री
एक चम्मच अदरक का रस
एक चम्मच नींबू का रस
उपयोग करने का तरीका
अदरक और नींबू के रस को मिलाकर इसका सेवन करें।
कितनी बार आपको यह करना चाहिए
जब तक आराम का अनुभव न हो, इस उपाय को कई बार दोहराएं।
कैसे फायदेमंद है ?
अदरक न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाता है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। अदरक में मौजूद एंटी-एमेटिक गुण यानी उल्टी ठीक करने के गुण मौजूद होते हैं। आप चाहें तो अदरक की चाय में शहद डालकर भी पी सकते हैं(2)।
2. पुदीने के पत्ते (Spearmint)
सामग्री
एक बड़ा चम्मच सूखे पुदीने के पत्ते
एक कप गर्म पानी
उपयोग करने का तरीका
पुदीने के पत्तों को गर्म पानी में आधे घंटे भीगने दें।
फिर उसे छानकर चाय की तरह पुदीने के पानी का सेवन करें।
वैकल्पिक रूप से, उल्टी को कम करने के लिए आप ताजे ���ुदीने के पत्तों का सेवन भी कर सकते हैं।
कितनी बार आपको यह करना चाहिए
एक दिन में एक या दो कप पुदीने की चाय लें।
कैसे फायदेमंद है ?
स्पेअरमिंट (Spearmint) के पत्ते और तेल कई तरह की औषधि बनाने में काम आते हैं और यह पेट संबंधी समस्याओं से भी निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके अलावा इसमें एंटी-एमेटिक और एंटीस्पास्मोडिक (antiemetic and antispasmodic) यानी उल्टी रोकने और किसी भी तरह के ऐंठन को कम करने के गुण मौजूद होते हैं(3), (4)। जिससे उल्टी की समस्या से काफी हद तक आराम मिल सकता है, हालांकि इस विषय पर और ठोस शोध की जरूरत है। लेकिन अगर आपको एलर्जी नहीं है तो आप इसका उपयोग कर सकते हैं।
3. सौंफ
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सामग्री
एक बड़ा चम्मच सौंफ के बीज का पाउडर
एक कप गर्म पानी
उपयोग करने का तरीका
एक कप उबलते पानी में सौंफ के बीज का चूर्ण डालें और 10 मिनट के लिए खौलाएं
फिर इसे छानकर इसका सेवन करें।
कितनी बार आपको यह करना चाहिए
एक दिन में 1-2 कप सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है ?
खाना खाने के बाद सौंफ खाने का चलन लगभग हर भारतीय घर में है। सौंफ पाचन शक्ति में सुधार करता है और पेट की समस्या से राहत दिलाने का काम कर सकता है। इसमें मौजूद एंटी-एमेटिक (antiemetic) गुण उल्टी और मतली जैसी समस्या से भी राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं(5)। भोजन करने के बाद आप थोड़ी सौंफ का सेवन सीधे कर सकते हैं।
4. चावल का पानी
सामग्री
आधा कप सफेद चावल
दो से ढाई कप पानी
उपयोग करने का तरीका
चावल को धोएं और दिए गए पानी में उबाल लें।
चावल के पक जाने के बाद, पानी को छानकर रख लें
अब इस पानी का थोड़ा-थोड़ा कर के सेवन करें
कितनी बार आपको यह करना चाहिए
ऐसे तो यह उपाय तुरंत प्रभाव दिखाता है। यदि आवश्यक हो तो आप इसका सेवन दिनभर में दो से तीन बार कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है ?
कई बार आपने बड़ों को कुछ बीमारियों में घरेलू नुस्खे बताते हुए सुना होगा। चावल का पानी भी उन्हीं पुराने नुस्खों में से एक है। यह पेट के लिए फायदेमंद होता है लेकिन यह उल्टी रोकने के उपाय के तौर पर कितना और कैसे असर करता है इसका अभी तक कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण सामने नहीं आया है।
5. जीरा
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सामग्री
डेढ़ चम्मच जीरा पाउडर
एक गिलास पानी
उपयोग करने का तरीका
पानी में जीरा पाउडर मिलाकर सेवन करें।
अगर जीरा पाउडर नहीं है, तो साबुत जीरे को पीस कर इस्तेमाल करें।
कितनी बार आपको यह करना चाहिए
आप इसका सेवन एक से दो बार या अपने जरूरत अनुसार कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है ?
कई बार पेट की समस्या होने से भी मतली और उल्टी की समस्या होने लगती है। ऐसे में जीरा पेट और पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) के लिए भी जीरा लाभकारी हो सकता है। इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम, एक प्रकार की पेट की समस्या जिसमें पेट में दर्द, जी मिचलाने जैसी परेशानियां होने लगती हैं(6)। हालांकि ये उल्टी में कितना असरदार हो सकता है उसका अभी तक ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन मतली जैसी समस्या में असरदार हो सकता है।
6. लौंग
सामग्री
दो से तीन लौंग
उपयोग करने का तरीका
राहत पाने के लिए लौंग को चबाएं।
यदि आप लौंग के तीखे स्वाद को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं, तो चबाते वक्त एक चम्मच शहद का भी सेवन कर सकते हैं।
कितनी बार आपको यह करना चाहिए
इसे दिन में एक या दो बार दोहराएं।
कैसे फायदेमंद है ?
लौंग एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। यह पेट की समस्या, सिरदर्द, दांत दर्द और अन्य कई परेशानियों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा लौंग जी मिचलाना, उल्टी या सफर के दौरान मोशन सिकनेस से भी राहत दिला सकता है क्योंकि इसमें एंटी-एमेटिक गुण भी मौजूद होते हैं(7)।
नोट : गर्भवती महिलाएं लौंग के सेवन से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श कर लें।
7. प्याज का रस
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सामग्री
प्याज का रस
उपयोग करने का तरीका
आप प्याज के रस का सेवन कर सकते हैं और चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
आप प्याज के रस को छाती और कान के पीछे भी लगा सकते हैं।
कितनी बार आपको यह करना चाहिए
इसे दिन में एक या दो बार दोहराएं।
कैसे फायदेमंद है ?
कई बार लू लगने से भी उल्टी की समस्या हो सकती है। ऐसे में गर्मी से बचने के लिए या लू लगने से उल्टी होने पर प्याज के रस को घरेलू उपचार के तौर पर उपयोग किया जा सकता है(8)।
8. दालचीनी
सामग्री
एक छोटा टुकड़ा दालचीनी
एक कप गर्म पानी
शहद स्वादानुसार
उपयोग करने का तरीका
एक कप गर्म पानी में एक दालचीनी को 10 मिनट तक भिगोकर रखें।
10 मिनट के बाद दालचीनी निकाल लें और इस पानी शहद मिला लें।
फिर इसे धीरे-धीरे चाय की तरह पिएं।
कितनी बार आपको यह करना चाहिए
उल्टी को ठीक करने के लिए दिन में कम से कम तीन बार यह उपाय करें।
कैसे फायदेमंद है ?
कई बार महिलाओं को पीरियड्स के दौरान उल्टी और जी मिचलाने की समस्या होती है, ���से में दालचीनी की चाय एक प्रभावी विकल्प हो सकती है। यह न सिर्फ उल्टी बल्कि मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द की समस्या से छुटकारा दिलाने का काम करेगा(9)।
9. नमक-चीनी पानी
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जब भी उल्टी और दस्त जैसी परेशानी होती है तो इलेक्ट्रोलाइट दिया जाता है। ये बाजार में आसानी से उपलब्ध होते हैं। अगर इसकी जल्द से जल्द जरूरत हो तो इसे घर में ही नमक-चीनी मिलाकर आसानी से बनाया जा सकता है। दस्त या उल्टी होने से नमक-चीनी का घोल देना जरूरी होता है। यह शरीर को निर्जलीकरण से बचाने का काम करता है(10)।
10. बेकिंग सोडा
सामग्री
एक चौथाई चम्मच बेकिंग सोडा
आधा गिलास पानी
उपयोग करने का तरीका
पानी में बेकिंग सोडा मिलाएं और इससे कुल्ला करें।
कितनी बार आपको यह करना चाहिए
उल्टी के बाद मुंह का स्वाद ठीक करने के लिए इस उपाय को अपनाएं।
कैसे फायदेमंद है ?
इस उपाय से उल्टी की समस्या बंद होगी या नहीं इसका तो कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन उल्टी के बाद जब मुंह का स्वाद खराब हो जाए तो बेकिंग सोडा मुंह का स्वाद ठीक कर सकता है(11)।
11. एसेंशियल ऑइल
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सामग्री
एक से दो बूंद पेपरमिंट या लेमन एसेंशियल ऑयल
एक टिश्यू पेपर या रूमाल
उपयोग करने का तरीका
टिश्यू पेपर या रूमाल में पेपरमिंट या लेमन एसेंशियल ऑयल को डालें और सूंघे।
कुछ देर के लिए लगातार सूंघे।
कितनी बार आपको यह करना चाहिए
जब भी आप मिचली महसूस करें तब इसे दोहराएं।
कैसे फायदेमंद है ?
पेपरमिंट ऑयल और लेमन ऑयल दोनों में एंटी-एमेटिक गुण मौजूद है। ये तेल की सुगंध मतली की भावना को कम कर सकते हैं और उल्टी को भी रोक सकते हैं। कई शोधों में यह साबित हुआ है कि यह उल्टी की समस्या को कम करने में काफी मददगार हो सकता है(12), (13), (14)।
12. नींबू
सामग्री
आधा या एक नींबू
उपयोग करने का तरीका
कुछ देर के लिए नींबू को सूंघे।
कितनी बार आपको यह करना चाहिए
पूरे दिन में कभी भी जब भी जी मिचलाए।
कैसे फायदेमंद है ?
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उल्टी, मतली और मॉर्निंग सिकनेस जैसी समस्या होती है। इस स्थिति में नींबू या लेमन एसेंशियल ऑयल को सूंघने से यह समस्या काफी हद तक कम हो सकती है(14)।
ये तो थे उल्टी रोकने के घरेलू उपाय, अब हम आपको आगे बताएंगे कि उल्टी होने के बाद कौन सी चीजों का सेवन करना चाहिए।
उलटी होने के बाद क्या खाना चाहिए?
उल्टी होने के बाद अगर आप ठीक भी हो जाए तो कम से कम कुछ वक्त तक थोड़ी सावधानी रखनी जरूरी है। नहीं तो फिर से उल्टी की समस्या हो सकती है। इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है खान-पान का ध्यान रखना। नीचे जानिए उल्टी होने के बाद आप क्या-क्या खा सकते हैं।
खूब पानी पीएं ताकि आपको डिहाइड्रेशन न हो।
बिना तेल-मसाले वाला खाना न खाएं बल्कि सादा खाना खाएं।
फलों का सेवन करें।
एक बार में ज्यादा न खाएं बल्कि पूरे दिनभर में थोड़ा-थोड़ा करके खाएं।
भारी खाना न खाएं बल्कि हल्के खाने का सेवन करें।
इस लेख के आगे के भाग में हम आपको बताएंगे कि कब उल्टी की समस्या में डॉक्टर की सलाह जरूरी है(11), (15)।
डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?
अगर उल्टी का घरेलू उपचार करने के बाद भी आपको लगातार उल्टी हो रही है तो बिना देर करते हुए डॉक्टर से मिले। उल्टी का इलाज अगर वक्त रहते नहीं किया गया तो मरीज की जान को भी खतरा हो सकता है।
अगर पानी पीने से भी उल्टी हो रही हो।
बुखार और कमजोरी हो।
पेट में दर्द की समस्या हो।
उल्टी में खून आए।
आशा करते हैं लेख में बताए गए उल्टी रोकने के घरेलू उपाय आपके लिए मददगार साबित होंगे। अब अगर घर में उल्टी की दवा न हो तो आप उल्टी रोकने के घरेलू उपाय कर स्थिति को गंभीर होने से बचा सकते हैं। हालांकि, अगर आपकी उल्टी 24 घंटों में कम नहीं होती है, तो आप बिना देर किए हुए डॉक्टर से परामर्श कर उल्टी का इलाज जरूर कराएं। इसके अलावा अगर आपके पास भी उल्टी रोकने के कुछ घरेलू उपाय हैं तो उसे हमारे साथ कमेंट बॉक्स में शेयर करना न भूलें।
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जावित्री के 13 फायदे, उपयोग और नुकसान – Mace (Javitri) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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जावित्री के 13 फायदे, उपयोग और नुकसान – Mace (Javitri) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Arpita Biswas May 17, 2019
जावित्री का नाम तो आपने सुना ही होगा। कुछ लोग इसे जायफल की जुड़वां बहन भी कहते हैं। जायफल की चर्चा हम स्टाइलक्रेज के एक आर्टिकल में पहले ही कर चुके हैं। अब वक्त है जावित्री के बारे में बात करने का। जायफल की तरह ही जावित्री के फायदे भी अनेक हैं, जिसके बारे में हम इस लेख में बता रहे हैं। जावित्री क्या है और जावित्री का उपयोग कैसे करना है, इसकी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी।
विषय सूची
जावित्री क्या है? – What is Mace (Javitri) in Hindi?
आखिर जावित्री क्या है? हम आपको बता दें कि जायफल और जावित्री एक ही मायरिस्टिका फ्रैगरैंस (Myristica fragrans) नामक पेड़ से मिलते हैं। हालांकि, कई बार लोग जायफल और जावित्री दोनों को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। जायफल इस पेड़ का बीज होता है और इसे ढकने वाली रेशेदार परत को जावित्री कहा जाता है। जावित्री का वानस्पतिक नाम मायरिस्टिका फ्रैगरैंस और अंग्रेजी नाम मेस (mace) है। अन्य मसालों की तरह यह भी लगभग हर घर की रसोई में पाया जाता है। यह मसाला हल्के पीले, नारंगी या सुनहरे रंग का होता है। यह न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि कई वर्षों से औषधीय गुणों के कारण भी इसका उपयोग किया जा रहा है।
जावित्री क्या है? यह जानने के बाद अब बात करते हैं जावित्री के फायदों के बारे में।
जावित्री के फायदे – Benefits of Mace in Hindi
जावित्री के फायदे अनेक हैं और उनमें से कुछ के बारे में हम नीचे बता रहे हैं।
1. पाचन के लिए जावित्री
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व्यस्त दिनचर्या के कारण ज्यादा बाहरी खाना या ठीक वक्त पर न खाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं आम हैं। कई लोग तो पाचन क्रिया को ठीक रखने के लिए दवाइयों के आदी हो चुके हैं, जो कि सही नहीं है। ऐसी में जैसे जायफल पाचन के लिए फायदेमंद है, वैसे ही जावित्री भी पेट और पाचन के लिए लाभकारी है। एक रिसर्च के अनुसार, जायफल और जावित्री दोनों को पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा सकता है (1)।
2. डायबिटीज के लिए जावित्री
आजकल डायबिटीज आम बीमारी हो गई है, जो किसी को भी हो सकती है। एक वक्त था, जब कुछ लोगों को ही यह समस्या होती थी और एक उम्र के बाद होती थी, लेकिन आज ऐसा नहीं है। इस स्थिति में जावित्री के सेवन से डायबिटीज की परेशानी काफी हद तक कम हो सकती है। जावित्री में मौजूद एंटी-डायबिटिक गुणों के कारण ऐसा संभव हो सकता है (2)।
3. दांतों के लिए जावित्री
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दांतों की देखभाल जरूरी होती है। अगर दांतों और मुंह के स्वास्थ्य का सही तरीके से ख्याल नहीं रखा जाए, तो इसका असर सेहत पर पड़ता है। ऐसे में जावित्री का उपयोग काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण दांतों की समस्या से राहत दिला सकते हैं (3) (4)। यह दांतों को कैविटी की समस्या से बचा सकते हैं। इतना ही नहीं यह एंटी-कैंसर की तरह कार्य करता है और मुंह के कैंसर से बचाव कर सकता है (5)।
4. किडनी के लिए जावित्री
जावित्री किडनी के लिए भी बहुत लाभकारी है, यह किडनी संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकती है (1)। आजकल की बिगड़ी जीवनशैली की वजह से किडनी से जुड़ी बीमारियां भी बढ़ गई है। ऐसे में इससे बचने के लिए जावित्री का सेवन उपयोगी साबित हो सकता है।
5. सर्दी-जुकाम के लिए जावित्री
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मौसम बदलने से सर्दी-जुकाम या बुखार की समस्या सामान्य है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर के पास जाने से पहले कुछ घरेलू उपाय आजमाएं। ऐसे में जावित्री एक अच्छा घरेलू उपचार है। इसे कई वर्षों से उपयोग भी किया जा रहा है। इसके एंटी-एलर्जी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्मेटरी गुण सर्दी-जुकाम जैसी एलर्जिक समस्याओं से बचाव कर सकते हैं (6)। इसलिए, कई बार आपने सुना होगा कि छोट��� बच्चों को जावित्री या जायफल चटाने की बात कही जाती है। हालांकि, शिशु को किस उम्र में और कितनी मात्रा में जावित्री या जायफल देना चाहिए, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।
6. भूख बढ़ाने के लिए जावित्री
कई बार बाहर का खाना खाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं जैसे – एसिडिटी व पेट में संक्रमण हो जाता है, जिस कारण भूख कम हो जाती है। ऐसे में कई बार लोग लगातार दवाइयां लेने के आदी हो जाते हैं, जो ठीक नहीं है। ऐसे में जावित्री के उपयोग से पाचन शक्ति में सुधार आता है और भूख भी बढ़ती है (1)।
7. लिवर के लिए जावित्री
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कई बार ऐसा होता है कि बाहर खाना मजबूरी हो जाता है। जिस तरह की आजकल की दिनचर्या है, कभी-कभी लोग शौक के लिए भी बाहर खाते हैं। ऐसे में पेट की हालत दिन-ब-दिन खराब होते चली जाती है। तेल-मसाले वाले खाने का सीधा असर लिवर पर पड़ने लगता है और नतीजा लिवर की समस्या शुरू हो जाती है। इस स्थिति में वक्त रहते खाने-पीने पर ध्यान देना जरूरी है, साथ ही अगर जावित्री का उपयोग किया जाए तो और फायदा हो सकता है। इसका हेपटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) असर और एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर को डिटॉक्सीफाई कर उसे स्वस्थ रख सकता है (3)। इसलिए, इसे अपने डाइट में शामिल कर अपने लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं।
8. गठिया के लिए जावित्री
उम्र के साथ-साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और शरीर में जगह-जगह दर्द भी होने लगता है। बढ़ती उम्र के साथ ऐसा होना सामान्य है, लेकिन आजकल की जीवनशैली और खान-पान की वजह से शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो जाती है। इस कारण से अभी के वक्त में हड्डियों से जुड़ी समस्या कम उम्र में ही होने लगती है और गठिया उन्हीं में से एक है। ऐसे में इससे बचाव के लिए आप जावित्री का सेवन कर सकते हैं। जावित्री में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह सूजन की वजह से जोड़ों में होने वाली समस्या, जिसे रूमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) कहते हैं (1), उससे बचा सकता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस गठिया का ही एक प्रकार होता है।
9. मोटापा कम करने के लिए जावित्री
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बढ़ता वजन और मोटापा लगभग हर किसी की समस्या बन चुकी है। बाहरी और तैलीय खाना, व्यायाम न करना व सही वक्त पर न खाना इसकी अहम वजह है। जैसे ही मोटापा बढ़ता है, तो कई प्रकार की बीमारियां शरीर में घर करने लगती हैं। ऐसे में वक्त रहते इस पर ध्यान देना जरूर��� है। सिर्फ खान-पान में बदलाव और व्यायाम ही काफी नहीं है, इसके साथ कुछ घरेलू उपाय भी जरूरी हैं। ऐसे में अगर आप जावित्री का सेवन करेंगे, तो मोटापे से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है (7) (8)।
10. अनिद्रा के लिए जावित्री
कई लोगों को आजकल अनिद्रा की समस्या होती है। काम का दबाव और तनाव के कारण नींद की कमी होना आम बात है। इस स्थिति में लोग नींद आने की दवा का सेवन करते हैं और उन्हें खुद भी पता नहीं चलता कि कब वो इसके आदी हो गए हैं। ऐसे में घरेलू नुस्खे के तौर पर आप जावित्री का उपयोग कर सकते हैं। इसके सेवन से आपके अनिद्रा की परेशानी काफी हद तक ठीक हो सकती है। इसे कई वर्षों से औषधि की तरह उपयोग किया जा रहा है (8)।
11. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर जावित्री
कई बार सूजन के कारण हमारा शरीर कई बीमरियों के चपेट में आ जाता है। जोड़ों में दर्द भी सूजन के कारण ही होता है, ऐसे में जावित्री का सेवन अच्छा विकल्प है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण किसी भी तरह के सूजन से काफी हद तक बचाव कर सकते हैं और शरीर को स्वस्थ्य रखने में मदद कर सकते हैं (3)।
12. त्वचा के लिए जावित्री
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खूबसूरत और चमकती त्वचा की चाहत लगभग हर किसी को होती है। निखरी त्वचा व्यक्तित्व को और निखारती है, लेकिन आजकल प्रदूषण भरे वातावरण में त्वचा की प्राकृतिक चमक खो रही है। ऐसे में कई बार लोग मेकअप, क्रीम और लोशन से खोई हुई चमक को वापस लाने की कोशिश करते हैं, लेकिन अफसोस कि इनका असर भी बस कुछ वक्त तक ही रहता है। यहां तक कि कई बार इसके दुष्प्रभाव के कारण त्वचा की बची-खुची चमक भी चली जाती है। इस स्थिति में घरेलू उपाय अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। जावित्री के उपयोग से त्वचा पर न सिर्फ चमक आएगी, बल्कि उसमें मौजूद मैक्लिग्नन (macelignan) त्वचा को सूरज के हानिकारक किरणों से होने वाले नुकसान से भी बचाता है (9)।
13. जावित्री पारंपरिक दवा की तरह
जावित्री को भारत में कई सालों से आयुर्वेदिक औषधि की तरह उपयोग किया जाता आ रहा है। इसमें एंटीफंगल, एंटीडिप्रेसेंट और पाचन बढ़ाने के गुण मौजूद हैं, जो आपके जीवन को बीमारियों से बचाकर आसान बनाने में मदद कर सकते हैं।
जावित्री के पौष्टिक तत्व – Mace Nutritional Value in Hindi
जावित्री के फायदे जानने के बाद अब वक्त है, इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में जानने का। नीचे हम आपके साथ जावित्री के पौष्टिक तत्वों की सूची शेयर कर रहे हैं।
तत्व न्यूट्रिएंट वैल्यू आरडीए % एनर्जी 475 केसीएल 24% कार्बोहाइड्रेट 50.50 ग्राम 39% ्रोटीन 6.71 ग्राम 12% कुल फैट 32.38 ग्राम 162% कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम 0% डायटरी फाइबर 20.2 ग्राम 54%
विटामिन
फॉलेट 76 माइक्रोग्राम 19% नायसिन 1.350 मिलीग्राम 8% पायरीडॉक्सीन 0.160 मिलीग्राम 12% राइबोफ्लेविन 0.448 मिलीग्राम 34% थियामिन 0.312 मिलीग्राम 26% विटामिन ए 800 आई यू 27% विटामिन सी 21 मिलीग्राम 35%
इलेक्ट्रोलाइट
सोडियम 80 मिलीग्राम 5% पोटैशियम 463 मिलीग्राम 10%
मिनरल्स
कैल्शियम 252 मिलीग्राम 25% कॉपर 2.467 मिलीग्राम 274% आयरन 13.90 मिलीग्राम 174% मैग्नीशियम 163 मिलीग्राम 41% मैंगनीज 1.500 मिलीग्राम 65% फास्फोरस 110 मिलीग्राम 30% जिंक 2.15 मिलीग्राम 20%
जावित्री के फायदे जानने के बाद जरूरी है, जावित्री का उपयोग कैसे किया जाए।
जावित्री का उपयोग – How to Use Mace in Hindi
अगर जावित्री के फायदों को जल्दी और अच्छे तरीके से शरीर में अवशोषित करना चाहते हैं, तो इसका सही तरीके से उपयोग करना भी आवश्यक है। नीचे हम आपको जावित्री का उपयोग बता रहे हैं।
 जावित्री से आप मिठाई, पुडिंग, मफिन, केक और विभिन्न प्रकार के ब्रेड बना सकते हैं।
आप इसे मसाला चाय या मसाला दूध बनाने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
जावित्री मसाले का उपयोग खाना, अचार और सॉस बनाने में किया जा सकता है।
आप इसका उपयोग सूप, उबले हुए आलू और चावल के साथ भी कर सकते हैं
जावित्री का इस्तेमाल तरह-तरह की सब्जी बनाने में भी किया जा सकता है।
जावित्री के नुकसान – Side Effects of Mace in Hindi
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अगर जावित्री के फायदे हैं, तो उसके कुछ नुकसान भी है। नीचे हम जावित्री के कुछ नुकसान आपको बता रहे हैं।
गर्भवती महिलाएं जावित्री के सेवन से बचें, अगर सेवन करना भी चाहती हैं, तो एक बार डॉक्टर से सलाह लें।
स्तनपान कराने वाली मां भी इसके सेवन से बचे।
अगर आपको जल्दी किसी चीज से एलर्जी होती है और आप पहली बार जावित्री का सेवन कर रहे हैं, तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से पूछ लें।
जावित्री का सेवन अगर सही तरीके से किया जाए, तो यह काफी गुणकारी हो सकता है। उम्मीद है कि आप इस लेख से जावित्री के फायदे जान चुके होंगे। अगर आपने अभी तक इसे अपनी डाइट में शामिल नहीं किया है, तो अब भी देरी नहीं हुई है। आप जावित्री का उपयोग करके अपने जीवन से बीमारियों को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर आपको भी जावित्री के बारे में कुछ और बातें पता हैं, जिनका जिक्र इस लेख में नहीं किया गया है, तो आप हमारे साथ जरूर शेयर करें। साथ ही अगर आपने जावित्री का उपयोग किया है, तो हमारे साथ अपने अनुभव कमेंट बॉक्स में शेयर कर सकते हैं।
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Arpita Biswas
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/javitri-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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डायरिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – Diarrhea Symptoms and Home Remedies in Hindi
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डायरिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय – Diarrhea Symptoms and Home Remedies in Hindi
Arpita Biswas May 1, 2019
सर्दी-जुकाम और बुखार की तरह डायरिया भी आम, लेकिन गंभीर समस्या है। गर्मी और बरसात के मौसम में इसका प्रकोप सबसे ज्यादा होता है। इसके पीछे अहम कारण गंदगी है। लगभग हर किसी ने अपने जीवन में कभी न कभी डायरिया का सामना किया ही होगा। जिन्हें डायरिया हुआ है, उन्हें पता होगा कि पेट में ऐंठन और सूजन कितनी तकलीफदेय होती है। बार-बार उल्टी और दस्त होना डायरिया के लक्षण हैं। अगर डायरिया का इलाज सही वक्त पर न किया जाए, तो इससे जान भी जा सकती है। आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस लेख में हम आपको डायरिया के घरेलू उपाय बताएंगे। हमारे साथ जानिए डायरिया के लक्षण और डायरिया से बचाव के उपाय।
विषय सूची
डायरिया क्या होता है?- What is Diarrhea in Hindi
अगर किसी व्यक्ति को लूज मोशन या पानी की तरह दस्त हों और साथ ही में लगातार उल्टी हो रही हो, तो यह डायरिया है। नोरोवायरस व संक्रमण दस्त के कारणों में से एक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि विकासशील देशों में यह 2 लाख से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार है (1)। स्वच्छता का पालन करके डायरिया से बचाव आसानी से किया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। यूं तो दस्त की समस्या सिर्फ कुछ दिन तक ही रहती है, लेकिन कुछ मामलों में दस्त जान के लिए खतरा भी बन सकता है।
डायरिया की परिभाषा समझने के बाद, अब इसके प्रकारों के बारे में जान लेते हैं।
डायरिया के प्रकार – Types of Diarrhea in Hindi
डायरिया तीन प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं (2)।
पानी जैसा दस्त (Acute Watery Diarrhea) : यह कई घंटों या दिनों तक रह सकता है। यह कॉलेरा संक्रमण (cholera infection) के कारण भी हो सकता है ।
दस्त में खून (Acute Bloody Diarrhea) : इसमें पानी जैसा मल आता है, लेकिन मल के साथ खून भी आता है। इसे पेचिश भी कहा जाता है।
लगातार होने वाले दस्त (Persistent Diarrhea) : यह 14 दिन या उससे अधिक दिनों तक रहते हैं।
आर्टिकल के इस भाग में जानिए कि यह समस्या किन-किन कारणों से हो सकती है।
डायरिया के कारण – Causes of Diarrhea Hindi
डायरिया के कारण कई हैं, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।
दस्त की अधिकांश वजह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (gastrointestinal tract) में संक्रमण होता है।
दूषित पानी या भोजन का सेवन करने से।
ज्यादा यात्रा करने से और इधर-उधर का खाना खाने से।
दवाइयां जैसे – एंटीबायोटिक या पेट साफ करने की दवा।
5. अधा पका या कच्चा मीट का सेवन करने से।
वंशानुगत या आनुवंशिक स्थिति, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस या एंजाइम की कमी।
पेट या पित्ताशय की थैली की सर्जरी कराने के बाद।
पेट से संबंधित समस्या जैसे – इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome – IBS), माइक्रोस्कोपिक कोलाइटिस (microscopic colitis) के कारण।
बच्चों में रोटावायरस (rotavirus) की वजह से डायरिया हो सकता है।
स्विमिंग के दौरान दूषित पानी के पेट में चले जाने से।
ज्यादा गर्म या नमी वाले मौसम से भी दस्त लग सकते हैं।
जब शिशुओं के दांत निकलते हैं, तो उन्हें डायरिया हो सकता है। उस वक्त उनके मसूड़ों में खुजली होती है, तो वो कुछ भी उठाकर चबाने लगते हैं, जिस कारण उन्हें पेट संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।
अब हम उन लक्षणों की बात कर लेते हैं, जिनके का��ण डायरिया होता है।
डायरिया के लक्षण – Symptoms of Diarrhea in Hindi
कई बार दस्त बिना इलाज के अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में चिकित्सा की जरूरत होती है। बेहतर है कि वक्त रहते इस पर ध्यान दिया जाए। अगर डायरिया का इलाज सही तरीके से करना है, तो पहले डायरिया के लक्षण जानने जरूरी हैं, ताकि इसका सटीक इलाज हो सके। डायरिया के कारण बताने के बाद अब हम आपको डायरिया के लक्षण बता रहे हैं।
पेट दर्द
सूजन
पेट में मरोड़
वजन घटना
बुखार
मल में रक्त आना
लगातार उल्टी होना
लगातार लूज मोशन होना
शरीर में दर्द
बार-बार प्यास लगना
डिहाइड्रेशन
सिरदर्द
आर्टिकल के इस अहम भाग में हम उन घरेलू उपायों की बात करेंगे, जिनसे डायरिया को ठीक किया जा सकता है।
डायरिया का घरेलू इलाज – Home Remedies for Diarrhea in Hindi
1. ओआरएस (ORS)
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सामग्री :
छह चम्मच चीनी
एक चम्मच नमक
एक लीटर उबला हुआ पानी
बनाने और उपयोग करने की विधि :
चीनी को पानी में मिलाएं।
जब चीनी अच्छी तरह घुल जाए, तो इसमें नमक मिलाएं।
फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
इसका सेवन कब करें?
आप हर कुछ देर में या जितनी बार भी आपको लूज मोशन हो उसके बाद इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है?
बाजार में कई तरह के इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स उपलब्ध हैं, लेकिन अगर घर में किसी को अचानक डायरिया हो जाए, तो तुरंत इलाज के लिए घर में बना ओआरएस लाभकारी होता है। इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स या ओआरएस का सेवन काफी वक्त से लोग करते आ रहे हैं। डायरिया के दौरान डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है, जिस कारण कमजोरी होने लगती है। इस स्थिति में ओआरएस के सेवन से न सिर्फ कमजोरी दूर होगी, बल्कि डायरिया का असर भी कम हो सकता है (3) (4)।
2. नारियल पानी
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सामग्री :
एक गिलास ताजा नारियल पानी
क्या करें
रोजाना एक गिलास ताजा नारियल पानी पिएं।
कब इसका सेवन करें?
आप रोजाना इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है?
जिनको हल्के दस्त की शिकायत है, वह नारियल पानी का उपयोग रिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी के स्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए कर सकते हैं। साथ ही डायरिया के बाद होने वाली रिकवरी के दौरान, जो खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं (रीफिडिंग- refeeding) उसके साथ भी आप इसका सेवन कर सकते हैं (5) (6)।
सावधानी – गंभीर डिहाइड्रेशन या दस्त के लक्षणों के उपचार के लिए इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। कॉलेरा या किडनी की समस्या में भी इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
3. चावल का पानी
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सामग्री :
आधा गिलास चावल का पानी
क्या करें?
पके हुए चावल के पानी को छान लें।
जब भी आपको डायरिया के दौरान लूज मोशन हों, उसके तुरंत बाद आधा गिलास चावल का पानी पिएं।
यह उपचार छोटे बच्चों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
इसका सेवन कब करें?
आप दो से तीन बार या उससे ज्यादा बार भी इसका सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
चावल का पानी आपके स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव डाले बिना मल की संख्या में कटौती कर सकता है। यह बच्चों में इन्फेंटाइल गैस्ट्रोएन्टेराइटिस (infantile gastroenteritis) के कारण होने वाले डायरिया को रोकने में मदद कर सकता है। आप इसे हल्के खाद्य पदार्थ और ओआरएस के साथ ले सकते हैं। यह हल्के से लेकर सामान्य दस्त में ज्यादा असरदार होता है (7) (8)।
4. शहद
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सामग्री :
शहद
पानी
बनाने और उपयोग करने की विधि :
लूज मोशन होने पर आप दिनभर में एक से दो चम्मच शहद का सेवन कर सकते हैं।
इसके अलावा, आप गर्म पानी में एक से दो चम्मच शहद मिलाकर उसे ठंडा करके पी सकते हैं।
कब इसका सेवन करें?
आप एक से दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद हैं, जो गैस्ट्रोएन्टेराइटिस (gastroenteritis) के कारण होने वाले डायरिया को कम करने में मदद करते हैं। अगर शहद को ओआरएस के साथ लिया जाए, तो इससे भी बैक्टीरियल डायरिया की अवधि कम हो सकती है (9)।
5. अदरक
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सामग्री :
अदरक के कुछ छोटे टुकड़े
एक कप पानी
बनाने और उपयोग करने की विधि :
एक कप पानी में एक इंच या दो अदरक के टुकड़े डालें।
अब इस मिश्रण को उबालें।
जब यह उबाल जाए, तो इसे छानकर इसका सेवन करें।
कब इसका सेवन करें?
आप दिनभर में एक से दो बार इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है?
जापान की एक फार्मास्युटिकल सोसायटी के जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अदरक में मौजूद एसीटोन एक्सट्रैक्ट सेरोटोनिन (मस्तिष्क में प्राकृतिक रूप से बनने वाला केमिकल) से दस्त को रोकने में मदद मिल सकती है (10)। इतना ही नहीं, अदरक पेट संबंधी अन्य समस्यायों जैसे – गैस, पेट दर्द, पेट फूलना, सीने में जलन व भूख न लगने से भी राहत दिलाता है (11)।
6. दही
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सामग्री :
कैसे उपयोग करें ?
आप एक कटोरी दही ऐसे ही खा सकते हैं।
आप चावल के साथ भी दही का सेवन कर सकते हैं।
इसका सेवन कब करें?
आप एक दिन में दो से तीन बार दही का सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
प्रोबायोटिक पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अगर सामान्य खाद्य पदार्थ की बात करें जिसमें प्रोबायोटिक मौजू��� है, तो वह दही है। दही न सिर्फ ठंडा होता है, बल्कि डायरिया के दौरान इसका सेवन बहुत लाभकारी होता है। इससे डायरिया की अवधि कम हो सकती है और जल्द छुटकारा भी मिल सकता है (12) (13) (14) (15)।
7. ग्रीन या कच्चा केला
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सामग्री :
एक कच्चा केला
नमक (स्वादानुसार)
नींबू (वैकल्पिक)
बनाने और उपयोग करने की विधि :
आप कच्चे केले को उबाल लें।
इसे अच्छे से मैश यानी कुचल लें।
फिर इसमें स्वादानुसार नमक और थोड़ा नींबू का रस निचोड़कर मिला लें।
फिर इसका सेवन करें।
आप उबले हुए चावल के साथ भी इसका सेवन कर सकते हैं।
इसका सेवन कब करें?
आप दिनभर में एक से दो बार इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है?
केले में पेक्टिन नामक तत्व होता है, जो डायरिया की समस्या को कम कर सकता है। अगर डायरिया में उबला हुआ केला दिया जाए, तो यह बहुत लाभकारी हो सकता है। अगर डायरिया के घरेलू उपाय की बात करें, तो यह अच्छा विकल्प है (16) (17)।
8. ग्रीन टी
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सामग्री :
एक चम्मच या एक ग्रीन टी बैग
एक कप गर्म पानी
बनाने और उपयोग करने की विधि :
एक चम्मच या एक ग्रीन टी बैग को एक कप गर्म पानी में पांच से छह मिनट के लिए भिगोकर रखें।
फिर इसे छानकर इस चाय का सेवन करें।
इसका सेवन कब करें?
आप दिनभर में एक से दो बार पी सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
ग्रीन टी में अधिक मात्रा में कैटेकिन होता है, जो रेडियोथेरेपी से होने वाले डायरिया को कम करने में मदद कर सकता है। जो मरीज पेल्विक या पेट के निचले हिस्से में रेडियोथेरेपी करा चुके हैं और अगर डायरिया व उल्टी से पीड़ित हैं, तो उनके लिए हर रोज 450 मिलीग्राम (450 mg/day) ग्रीन टी सुरक्षित है। फिर भी इसे लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें (18)।
9. विटामिन-ए
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सामग्री :
विटामिन-ए युक्त खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट्स
उपयोग करने की विधि :
अपने आहार में विटामिन-ए युक्त खाद्य पदार्थ जैसे – गाजर, शक्करकंद व पालक का सेवन करें।
इसके अलावा, आप अपने डॉक्टर से पूछकर विटामिन-ए के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
कब इसका सेवन करें?
आप अपने आहार में विटामिन-ए युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
कई बार विटामिन-ए की कमी से भी डायरिया हो सकता है। ऐसे में विटामिन-ए युक्त खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट्स डायरिया से बचाव कर सकते हैं। हल्के डायरिया के दौरान विटामिन-ए के सेवन से भी इसके लक्षण कम हो सकते हैं। कुछ हद तक कहा जा सकता है कि विटामिन-ए की कमी और डायरिया के बीच संबंध है (19) (20) (21)।
10. कैमोमाइल टी (Chamomile tea)
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सामग्री :
एक कैमोमाइल टी बैग या एक चम्मच सूखे कैमोमाइल फूल
एक कप गर्म पानी
दो से तीन पुदीने के पत्ते (वैकल्पिक)
उपयोग करने की विधि :
एक कप गर्म पानी में कैमोमाइल टी बैग या एक चम्मच सूखे कैमोमाइल फूल को थोड़ी देर भिगोकर रखें।
अब आप इस गरमा गर्म काढ़े में पुदीने के पत्ते मिला दें।
फिर इसका सेवन करें।
कब इसका सेवन करें?
डायरिया के दौरान आप दो से तीन कप कैमोमाइल टी का सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
कैमोमाइल चाय डायरिया के दौरान काफी आराम दिला सकती है। यह डायरिया की अवधि को कम कर सकती है। इसमें एंटी-डायरियल और एंटीस्पैस्मोडिक गुण मौजूद हैं। यह बच्चों में पेट दर्द की परेशानी से भी राहत दिला सकती है (22) (23) (24)।
दस्त लगने पर खान-पान का ध्यान रखना भी जरूरी है।
डायरिया में क्या खाना चाहिए – Foods to Eat for Diarrhea in Hindi
यहां हम आपको बता रहे हैं कि डायरिया होने पर क्या खाना चाहिए।
केला
दही
सेब
उबले चावल
खिचड़ी
उबला आलू
खूब सारा पानी पिएं
एक बार में ज्यादा खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा करके कुछ-कुछ अंतराल में हल्की चीजें खाएं।
डायरिया में क्या न खाएं – Foods to avoid during Diarrhea in Hindi
आपने ऊपर जाना कि डायरिया के दौरान क्या खाना चाहिए। इसी के साथ आपके लिए यह जानना भी उतना ही जरूरी है कि डायरिया में क्या नहीं खाना चाहिए। नीचे हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं।
मसालेदार खाद्य पदार्थ
तैलीय चीजें
बाहरी खाना या जंक फूड
डिब्बेबंद खाद्य पदार्थ
ड्राई फ्रूट्स
शराब
डेयरी प्रोडक्ट्स
कच्ची सब्जियां
साइट्रस फ्रूट्स
कैफीन
इसके अलावा, ज्यादा भारी खाद्य पदार्थ जैसे – चिकन, मीट व अंडा इनके सेवन से बचें। ये आपके पेट के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
डायरिया से बचाव – Prevention Tips for Diarrhea in Hindi
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डायरिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय जानने के बाद अब वक्त आता है डायरिया से बचाव जानने का। नीचे हम आपको कुछ आसान और सामान्य टिप्स दे रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने आप को काफी हद तक डायरिया से बचा सकते हैं।
हमेशा बाहर से आने के बाद, शौच से आने के बाद और खाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन व पानी से धोएं।
किसी भी जानवर चाहे वो पालतू ही क्यों न हो, उसे छूने के बाद हाथों को धोएं।
अगर आप ऐसी जगह हैं, जहां पानी नहीं है, तो अपने साथ सैनिटाइजर रखें और उसका उपयोग करें।
जब आप कहीं यात्रा कर रहे हैं, तो कहीं भी कुछ भी न खा लें या कहीं का भी पानी न पिएं।
हमेशा बाहर ऐसी जगह से खाएं जहां सफाई हो।
ज्यादा चाय-कॉफी का सेवन न करें।
कच्चे या आधे उबले अंडे का सेवन न करें।
खाना बनाने के पहले सब्जियों को अच्छी तरह से धो लें।
फलों को खाने से पहले अच्छे से धो लें।
बासी खाना या फ्रिज में ज्यादा दिनों तक रखा खाना न खाएं।
डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए – When To See A Doctor in Hindi
डायरिया के घरेलू उपाय हमने आपको बताएं, लेकिन उनके उपयोग से भी आपको कोई सुधार नहीं दिख रहा है, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
अगर आपके शिशु को 24 घंटों में छह से ज्यादा बार पानी जैसा लूज मोशन हो या तीन से ज्यादा बार उल्टी हो, तो बिना देर करते हुए डॉक्टर की सलाह लें।
एक साल से ऊपर के बच्चे को भी 24 घंटे में छह बार से ज्यादा बार लूज मोशन हो, तो उसे जल्द डॉक्टर के पास ले जाएं।
इसके अलावा, अगर आपको नीचे दिए गए कुछ लक्षण दिखते हैं, तो भी आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें –
लगातार लूज मोशन हो
कमजोरी हो
लगातार वजन कम हो रहा हो
लगातार उल्टी हो रही हो
मल में खून आए
लगातार पेट दर्द हो
डिहाइड्रेशन हो
बुखार हो या चक्कर आए
अगर डायरिया पर वक्त रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है। हालांकि, ऊपर दिए गए डायरिया के घरेलू उपाय आपको इसके लक्षणों से राहत दिला सकता हैं, लेकिन सिर्फ घरेलू उपाय ही नहीं, इस स्थिति में खाना-पीना भी बहुत मायने रखता है। अगर आप सही खान-पान के साथ इन उपायों को आजमाएंगे, तो हो सकता है कि आपकी परेशानी जल्द ठीक हो जाए। घरेलू उपायों के बाद भी डायरिया के लक्षण ठीक होते नहीं दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर डायरिया का इलाज कराएं। डायरिया ऐसी स्थिति है, जो आपके दिन-प्रतिदिन की स्वच्छता की आदतों पर भी निर्भर करती है। इसलिए, डायरिया से बचाव के लिए आप अपनी जीवनशैली और आदतों में बदलाव लाएं। अगर आपके पास भी डायरिया से बचाव के कुछ घरेलू उपाय हैं, तो हमारे साथ नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें।
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Arpita Biswas
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/diarrhea-ke-karan-lakshan-gharelu-ilaj-in-hindi/
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