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#यूपीएससी सफलता की कहानी
trendingwatch · 2 years
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सक्सेस स्टोरी: किराना दुकानदार की बेटी बनी IAS ऑफिसर, तीन बार पास की UPSC CSE
सक्सेस स्टोरी: किराना दुकानदार की बेटी बनी IAS ऑफिसर, तीन बार पास की UPSC CSE
श्वेता अग्रवाल ने 2015 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 19वीं रैंक हासिल की (फोटो: इंस्टाग्राम) एक किराना विक्रेता की बेटी ने अपनी मेहनत के दम पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बनी गरीब परिवारों के बच्चे जब अधिकारी बनते हैं तो और भी कई बच्चों के प्रेरणास्रोत बनते हैं। आईएएस अधिकारी श्वेता अग्रवाल उनमें से एक हैं जिनकी सफलता की कहानी लोगों को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए…
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asr24news · 10 days
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तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्लीयर कर आईएएस बनीं दिव्या मिश्रा
प्रतापगढ़, 11 सितंबर 2024। प्रतापगढ़ की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) डॉ. दिव्या मिश्रा की सफलता की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। दिव्या ने कठिन मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ यूपीएससी परीक्षा को तीसरे प्रयास में क्लीयर कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना साकार किया। उनकी यह यात्रा न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा है, बल्कि अपने लक्ष्य के प्रति अटूट विश्वास…
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dainiksamachar · 5 months
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मां बीड़ी कारखाने में मजदूर, पापा थे कंडक्टर, बेटी का हौसला तो देखिए... क्रैक कर दिखाया UPSC
नई दिल्ली: एक बहुत पुरानी कहावत है, जहां चाह...वहां राह। मतलब, अगर आपने कुछ करने का ठान लिया, तो फिर मंजिल तक पहुंचने का रास्ता खुद-ब-खुद बन जाता है। और, तमिलनाडु के तेनकासी जिले की रहने वालीं एस इनबा ने इस कहावत को पूरी तरह से सही साबित कर दिखाया है। इनबा के पिता श्रीनिवासन राज्य परिवहन निगम में कंडक्टर के पद से रिटायर हैं। मां एस स्टेला बीड़ी बनाने के एक कारखाने में काम करती हैं। वक्त बचत��� है, तो कुछ और पैसे कमाने के लिए पास की दुकान पर फूल माला बनाने चली जाती हैं। इनबा ने जब यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर जॉइन किया, तो कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लग गया। ऐसी कई मुश्किलों के बावजूद इनबा ने यूपीएससी की परीक्षा क्रैक की है।इनबा को यूपीएससी में 851वीं रैंक मिली है। हालांकि, इस रैंक तक पहुंचने से पहले इनबा के सामने चुनौतियों का एक बड़ा पहाड़ खड़ा था। आर्थिक समस्याएं थी, लॉकडाउन था और ऐसी ही कई अन्य परेशानियां थीं। लेकिन, इन सबके ऊपर इनबा का हौसला भारी पड़ा। करीब ढाई साल तक उन्होंने अपने जिले की सरकारी लाइब्रेरी को ही अपना घर बना लिया। वो 12-12 घंटे तक मेहनत करती थीं। विपरीत हालातों पर जीत हासिल करने के जज्बे और उनकी लगन ने उन्हें आज पूरे देश के लिए एक मिसाल बना दिया है। वासुदेवनल्लूर के नादर कम्युनिटी हायर सेकेंडरी स्कूल से उन्होंने अंग्रेजी मीडियम में 10वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद 12वीं के लिए उन्होंने तेनकासी जिले के ही एमकेवीके मैट्रिकुलेशन स्कूल में एडमिशन लिया। 2020 में इनबा ने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर ली। अब वो वक्त आ चुका था, जब इनबा को अपने करियर का फैसला लेना था। उन्होंने तय किया कि वो यूपीएससी परीक्षा पास कर सिविल सर्विस में जाएंगी। इनबा ने सिविल सर्विस की कोचिंग के लिए चेन्नई में शंकर आईएएस अकादमी में एडमिशन ले लिया। लॉकडाउन की वजह से छोड़नी पड़ी कोचिंग परिवार की आर्थिक समस्याओं के बावजूद यहां तक पहुंची इनबा के सामने मुश्किलों का असली दौर अब शुरू हुआ। जैसे ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर में एडमिशन लिया, देश में कोरोना वायरस की वजह से ल़ॉकडाउन लग गया। उन्हें कोचिंग सेंटर छोड़ना पड़ा। अब इनबा ऑनलाइन कोचिंग लेने के लिए मजबूर थी। समस्या ये थी कि उनके घर पर इंटरनेट की सुविधा नहीं थी। ऐसे में शेंगोट्टई इलाके की सरकारी लाइब्रेरी उनके काम आई। इनबा ने अगले ढाई साल तक इस लाइब्रेरी को ही अपना दूसरा घर बना लिया। वो सुबह 8 बजे ही लाइब्रेरी आ जातीं और रात को 8 बजे इसके बंद होने पर ही घर जातीं। दो बार प्री परीक्षा में हुईं फेल लाइब्रेरी में इनबा को अखबारों, किताबों के साथ-साथ फ्री वाईफाई की भी सुविधा मिली। अब उनके लिए ऑनलाइन कोचिंग हासिल करने में कोई मुश्किल नहीं थी। इसके बाद अब वो दिन आया जब इनबा यूपीएससी की परीक्षा में बैठी। हालांकि, उन्हें पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। इसके बाद दिसंबर 2022 में एक प्रवेश परीक्षा पास करके उन्होंने चेन्नई के एक निःशुल्क सरकारी कोचिंग संस्थान 'अखिल भारतीय सिविल सेवा संस्थान' में एडमिशन ले लिया। इस बीच आया और दूसरी बार भी उन्हें असफलता हाथ लगी। और आखिरकार इनबा ने हासिल की कामयाबी दो-दो असफलताओं से जूझने के बावजूद इनबा ने हिम्मत नहीं हारी। वो फिर से यूपीएससी की परीक्षा में बैठीं और इस बार उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इनबा ने पूरी रणनीति के साथ इंटरव्यू की तैयारी की और जब 16 अप्रैल 2024 को यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हुआ तो इनबा का नाम मेरिट लिस्ट में था। उन्हें 851वीं रैंक मिलीं। इनबा बताती हैं कि उनकी प्रेरणा कोई और नहीं, बल्कि उनकी मां हैं, जिन्होंने हर मुश्किल के बावजूद इनबा की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ने दिया। वहीं, इनबा की कामयाबी पर उनकी मां भी बेहद खुश हैं और हर किसी से अपनी बेटी के संघर्ष की कहानी बता रही हैं। http://dlvr.it/T6Hx5z
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nationalnewsindia · 1 year
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सिर्फ 17 दिन की तैयारी के बाद पास की UPSC परीक्षा, जानें अक्षत कौशल के जीवन की प्रेरक कहानी
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कश्ती उन्हीं की पार होती है जो लहरों की परवाह नहीं करते। जिन्हें गिर के संभलना और अपनी गलतियों से सीखना आता है वही जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं महज़ 17 दिनों की तैयारी में यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईपीएस ऑफिसर बनने वाले अक्षत कौशल। 17 दिनों की तैयारी में यूपीएससी की परिक्षा को पास करना ये सुनने में जितना आसान लग रहा है उतना आसान नहीं था। इसके पीछे उनके 4 साल की मेहनत और 4 असफलताएं छिपी हुई थी। उन्होंने 4 बार यूपीएससी की परीक्षा दी और लगातार फेल होते चले गए। एक समय ऐसा आया जब वो हिम्मत हार गए और आगे एग्जाम ना देने का निश्चय किया। लेकिन उनके दोस्तों ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और एक बार फिर से परीक्षा देने को कहा और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। लेकिन इस बीच उन्होंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देंखे। तो आइए जानते हैं उनके जीवन के प्रेरक सफर के बारे में।
4 बार मिली असफलता
अक्षत कौशल शुरू से ही यूपीएससी परीक्षा पास कर के ऑफिसर बनना चाहते थे। इसी कड़ी में उन्होंने साल 2012 में ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए अक्षत ने एक कोचिंग में दाखिला भी लिया, लेकिन इसके बाद भी वे पहले साल में यूपीएससी का प्री एग्‍जाम भी क्‍लि‍यर नहीं कर पाए। इसके बाद अक्षत लगातार 3 साल तक यूपीएससी का एग्‍जाम देते रहे, लेकिन सफलता उनके हाथ नहीं लगी। लगातार 4 साल असफलता हाथ लगने से अक्षत पूरी तरह टूट गए। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो अक्षत इतने हताश और निराश हो गए कि उनके परिवार वाले किसी अनहोनी के डर से उन्‍हें अकेले घर से बाहर तक नहीं निकलने देते थे। हर किसी को लगता था कि अक्षत कहीं डिप्रेशन में न चले जाएं, कुछ गलत न कर लें।
दोस्तों ने किया प्रेरित
यूपीएससी परीक्षा में मिली असफलता से निराश अक्षत ने आगे परिक्षा न देने का निश्चय तो कर लिया लेकिन उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें। परीक्षा के कुछ दिन पहले ही वे अपने दोस्तों से मिलने गए। जहां उनके दोस्‍तों ने उन्‍हें काफी समझाया और मोटिवेट किया। दोस्तों के समझाने के बाद उन्होंने अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश की और उसके बाद वो परीक्षा की तैयारी में लग गए।
सिर्फ 17 दिन की तैयारी में पास की परीक्षा
दोस्तों की बातों से प्रेरित होकर 2017 में अक्षत कौशल ने एक बार फिर से तैयारी शुरू की। लेकिन इस बार एग्जाम के लिए सिर्फ 17 दिन ही बाकी थे। जिसका परिणाम यह हुआ कि इस बार की परिक्षा में अक्षत ने यूपीएससी में 55वीं रैंक हासिल किया। आज वो आईपीएस के पद पर तैनात हैं। आईपीएस अक्षत कौशल उम्मीदवारों को उनकी गलतियों से सबक सीखने के बारे में बताते हैं।
ओवर कॉन्फिडेंस होने से बचे
4 बार फेल होकर अक्षत को समझ आया कि कभी भी परीक्षा को लेकर ओवरकॉन्फिडेंट नहीं होना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स कि माने तो अक्षत कहते हैं कि हर प्रतियोगी कि किसी न किसी सब्‍जेक्‍ट पर मास्‍टरी होती ही है, ऐसे में आपको उस सब्‍जेक्‍ट को लेकर ओवर कॉन्फिडेंट होने से बचना चाहिए। प्रतियोगियों को अक्षत सलाह देते हैं कि परीक्षा की तैयारी के दौरान दोस्‍तों से और सीनियर्स से सलाह लेते रहनी चाहिए।
अपनी असफलताओं से सीखें
अक्षत कहते हैं कि हमें अपनी असफलताओं से सीखना चाहिए। असफलता हर किसी के जीवन में आती है। कुछ लोग इस असफलता से डर कर रुक जाते हैं या फिर अपना रास्‍ता बदल लेते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो लगातार मिलने वाली असफलता से भी हार नहीं मानते और सफलता मिलने तक पूरी मेहनत से अपना प्रयास जारी रखते हैं। अक्षत कहते हैं कि परीक्षा देने के पहले परीक्षा के नेचर को समझें कि आखिर यूपीएससी परीक्षा आपसे चाहती क्या है। इस परीक्षा का प्री, मेन्स और इंटरव्यू का नेचर पूरी तरह से अलग होता है। इस ज़रूरत को समझकर इसके अनुसार ही तैयारी करें। अंधेरे में तीर चलाने से कोई फायदा नहीं होगा। इसलिए गलतियों से सीखें और उन्हें दोहराने से बचें।
अक्षत कौशल ने अपनी गलतियों से सीखकर यूपीएससी परीक्षा को पास किया था। उन्होंने हार मानने की बजाय सच्चाई का सामना किया और खूब मेहनत की। जिसका परिणाम है कि आज वो आईपीएस ऑफिसर बनने में कामयाब हो पाए हैं। अक्षत आज लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की कहानी लिखी है।
लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको ��क पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको Leadership Funnel Program का चुनाव ज़रूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं। प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं- https://www.badabusiness.com/lfp?ref_code=FB&&pp_code=BHBB000078
Source: https://hindi.badabusiness.com/motivational/success-story-of-akshat-kaushal-11736.html
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studycarewithgsbrar · 2 years
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सक्सेस स्टोरी: 6 साल में आईएएस बनी कनिका राठी, छोड़ी केंद्रीय मंत्रालय की नौकरी
सक्सेस स्टोरी: 6 साल में आईएएस बनी कनिका राठी, छोड़ी केंद्रीय मंत्रालय की नौकरी
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए कनिका ने छोड़ी सरकारी नौकरी। (फोटो: इंस्टाग्राम) IAS कनिका राठी ने सिविल सेवा परीक्षा में 64वीं रैंक हासिल कर अपने बचपन के सपने को पूरा किया। हरियाणा के बहादुरगढ़ की रहने वाली कनिका राठी ने यूपीएससी की परीक्षा में पास कर पूरे गांव को मशहूर कर दिया है. उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 64वीं रैंक हासिल कर अपने बचपन के सपने को पूरा किया है। कनिका ने यूपीएससी…
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krazyshoppy · 2 years
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​पढ़ाई में तेज कार्तिक ने ऐसे तय किया आईपीएस से आईएएस तक का सफर
​पढ़ाई में तेज कार्तिक ने ऐसे तय किया आईपीएस से आईएएस तक का सफर
​UPSC IAS Success Story: आईएएस की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों में हमेशा एक ललक होती है. उनमें एक ऐसी इच्छा शक्ति जो हर उम्मीदवार को परीक्षा के लिए प्रेरित करती है और उनमें कभी ना हार मानने वाला जज्बा पैदा कर देती है. कुछ इसी प्रकार की कहानी है गुजरात के कार्तिक जीवाणी (Kartik Jivani) की. जिन्होंने अपने आईएएस (IAS) बनने के सपने को साकार किया और कभी भी लक्ष्य से समझौता नहीं किया. आईपीएस बनने…
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24cgnews · 2 years
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​UPSC परीक्षा में तीन बार असफल होने के बाद भी इस महिला आईएएस ने नहीं मानी हार
​UPSC परीक्षा में तीन बार असफल होने के बाद भी इस महिला आईएएस ने नहीं मानी हार
​UPSC IAS Success Story: यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाना कोई आसान काम नहीं है. इसके लिए उम्मीदवार को दिन रात कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने कई बार यूपीएससी परीक्षा में असफलता का सामना किया. लेकिन हार न मानने के जज्बे के चलते आज वह एक आईएएस अधिकारी हैं. हम बात कर रहे हैं आईएएस अधिकारी यशनी नागराजन (IAS Yashni Nagarajan) की.   मूल रूप…
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telnews-in · 2 years
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Success Story: मां की मौत, गिरवी पड़ी जमीन और मजदूरी, ऐसा था IAS माधव गिट्टे का नादेड़ से LBSNAA तक का सफर - success story of madhav gitte from nader to labsnaa
Success Story: मां की मौत, गिरवी पड़ी जमीन और मजदूरी, ऐसा था IAS माधव गिट्टे का नादेड़ से LBSNAA तक का सफर – success story of madhav gitte from nader to labsnaa
यूपीएससी की सफलता की कहानियां: सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में बैठने वाले उम्मीदवारों के संघर्ष और सफलता की कहानियां हमें हर दिन प्रेरित करती हैं। कोई अपने समाज को चुनौती देकर तरक्की करता है तो कोई अपनी आर्थिक स्थिति को हराकर सफलता की सीढ़ी चढ़ता है। लेकिन हर किसी का संघर्ष और सफलता की कहानी अलग होती है। उन उम्मीदवारों में से एक माधव गिट्टे (माधव गिट्टे आईएएस) हैं जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2018…
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hindimaster · 2 years
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​UPSC IAS Success Story Yashni Nagarajan Rank 57 UPSC Success Story
​UPSC IAS Success Story Yashni Nagarajan Rank 57 UPSC Success Story
​UPSC IAS Success Story: यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाना कोई आसान काम नहीं है. इसके लिए उम्मीदवार को दिन रात कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने कई बार यूपीएससी परीक्षा में असफलता का सामना किया. लेकिन हार न मानने के जज्बे के चलते आज वह एक आईएएस अधिकारी हैं. हम बात कर रहे हैं आईएएस अधिकारी यशनी नागराजन (IAS Yashni Nagarajan) की.   मूल रूप…
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poonamranius · 2 years
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Success Story: डॉक्टर बनने का सपना, फिर राजनीति, बने अफसर, ये है ओशिन की कहानी
Success Story: डॉक्टर बनने का सपना, फिर राजनीति, बने अफसर, ये है ओशिन की कहानी
Success Story: UPSC परीक्षा युक्तियाँ, ओशिन शर्मा की सफलता की कहानी: असफलताओं से निराश न हों, कभी-कभी असफलताएँ ही सफलता की कुंजी होती हैं। ऐसी ही कहानी है हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ओशिन शर्मा की। आप भी पढ़ें उनकी पूरी मोटिवेशनल कहानी। Success Story यूपीएससी परीक्षा युक्तियाँ, ओशिन शर्मा की सफलता की कहानी: कहा जाता है कि असफलताएं व्यक्ति को प्रेरित करती हैं और सफल बनाती हैं।…
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mediawalablog · 2 years
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Kissa A IAS, Priyanka Shukla: एक ताने ने बदली जिंदगी, डॉक्टरी छोड़ IAS बनी प्रियंका शुक्ला
IAS बनने वाले हर अभ्यर्थी के पीछे कोई न कोई कहानी जुड़ी होती है! ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जिन्होंने IAS बनने का प्रण किया हो और लक्ष्य फतह कर लिया हो! जबकि, किसी से प्रेरित होकर या किसी घटना विशेष के कारण IAS बने लोगों की संख्या ज्यादा है।
कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो जीवन की शुरुआत किसी और पेशे से करते हैं, पर किसी घटना विशेष से प्रेरणा लेकर UPSC का मैदान फतह करते हैं।
सभी की कहानियां भले अलग हों! पर, उनकी मंजिल एक ही होती है। डॉ प्रियंका शुक्ला की कहानी भी कुछ ऐसी ही है! वरना वे तो पेशे से डॉक्टर थीं और सफलता से अपना काम कर रही थीं! अचानक एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि उन्होंने डॉक्टरी छोड़कर सिविल सर्विस का लक्ष्य साधा और उसे पा भी लिया।
प्रियंका शुक्ला ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई की! प्रियंका डॉक्टर बनने के बाद अपने काम में रम गई थीं। लेकिन, शुरू में परिवार चाहता था कि वे बड़ी होकर IAS अधिकारी बने। उनके पिता हरिद्वार कलेक्ट्रेट में काम करते थे, तो उन्हें पता था कि DM (कलेक्टर) का दबदबा क्या होता है। इसलिए उनके पिता चाहते थे कि घर के बाहर प्रियंका की कलेक्टर वाली नेम प्लेट देखना चाहते थे! आखिर वह सच भी हो गया।
एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने लखनऊ में ही प्रैक्टिस शुरू कर दी। डॉक्टर बनकर प्रियंका बेहद खुश भी थी। लेकिन, इस दौरान हुई एक घटना ने उनके जीवन का लक्ष्य बदलकर रख दिया।
डॉ प्रियंका एक झोपड़पट्टी वाले एरिया में लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गई थी। वहां प्रियंका ने देखा कि एक महिला खुद गंदा पानी पी रही थी और बच्चे को भी पिला रही थी।
प्रियंका ने उस महिला को ऐसा पानी पीने से मना किया! लेकिन, उस महिला ने पलटकर जवाब दिया 'क्या तुम कहीं की कलेक्टर हो!'
यह बात सुनकर प्रियंका सन्न रह गई और अंदर तक हिल गई! उसे लगा कि वो तो डॉक्टर है इलाज कर सकती है किसी की समस्या हल नहीं कर सकती! इस एक घटना के बाद डॉ प्रियंका शुक्ला का नजरिया बदल गया। उन्होंने वहीं कलेक्टर बनने का फैसला कर लिया। लेकिन,जीवन में बड़ी सफलताएं आसानी से नहीं मिलती।
प्रियंका ने UPSC की परीक्षा की परीक्षा दी, पर उसमें सफलता नहीं मिली। लेकिन, कुछ करने की जिद ने उन्हें लगातार कोशिश के लिए प्रेरित किया और प्रियंका भी पीछे नहीं हटी। 2009 में आखिरकार उन्होंने UPSC की परीक्षा पास कर ही ली। उस महिला के तंज ने प्रियंका को जिस तरह उद्वेलित किया, उसी का नतीजा था कि एक डॉक्टर IAS बन गई!
प्रियंका की गिनती देश के बेहतरीन और परिणाम देने वाले IAS अफसरों में होती हैं। प्रियंका को अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा वे बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। उन्हें कविता लिखने और कंटेम्परेरी डांस का भी शौक है। वे पेंटिंग भी करती हैं और गाने का भी शौक हैं।
डॉ प्रियंका शुक्ला फिलहाल छत्तीसगढ़ कैडर में हैं और विशेष सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा अतिरिक्त प्रभार मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आयुष संचालक को उनके वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। उन्हें जितने प्रभार दिए गए, उससे समझा जा सकता है, कि सरकार को उनके कामकाज पर कितना भरोसा है।
IAS बनने के बाद प्रियंका शुक्ला ने आम लोगों की जिंदगी बदलने को ही अपना लक्ष्य बनाया! क्योंकि, वे उस कटाक्ष को कभी नहीं भूलती जो उस औरत ने उन्हें कहा था। वे छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कलेक्टर पद पर काम कर चुकी हैं। उन्हें राष्ट्रपति से कई सम्मान भी मिले। वे एक रोल मॉडल भी बन चुकी हैं।
प्रियंका की सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की भी संख्या लाखों में है। ट्विटर पर उनके तीन लाख से ज्यादा फॉलोवर है। वे ट्विटर पर अपने काम का अपडेट देते रहती हैं। वे युवाओं और UPSC के लिए मेहनत करने वाले उम्मीदवारों को मोटिवेट करती रहती हैं।
उन्होंने अपनी एक पोस्ट में यूपीएससी की तैयारी के दिनों को याद करते हुए लिखा था 'मेरे जीवन की सबसे अविस्मरणीय तिथियों में से एक! न केवल इसलिए क्योंकि इसी दिन सिविल सेवा परीक्षा 2008, #UPSC का परिणाम घोषित हुआ था, बल्कि इसलिए भी क्योंकि इस दिन ने मुझे पुनः आश्वस्त किया कि दृढ़ निश्चय, अथक परिश्रम और लगन से हर लक्ष्य पाया जा सकता है।
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nationalnewsindia · 1 year
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DM के ड्राइवर का बेटा बना SDM, जानें कल्याण सिंह के जीवन की प्रेरक कहानी
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सपने उन्हीं के सच होत हैं जिनके अंदर अपने सपनों को पूरा करने का जुनून होता है। कई लोग केवल परिस्थितियों का बहाना बनाकर अपने लक्ष्य को पाने की चाह खो देते हैं। वहीं कुछ लोग हर परिस्थिति का डटकर सामना करते  हैं और इतिहास रच देते हैं। इस बात को प्रमाणित करने का काम उत्तर प्रदेश के कल्याण सिंह ने हाल ही में एसडीएम बनकर किया है। बहराइच के रहने वाले कल्याण सिंह के पिता जवाहर लाल मौर्य, जिलाधिकारी के ड्राइवर पद पर तैनात हैं जबकि मां का करीब 5 साल पहले निधन हो चुका है। पिता के परिश्रम और कल्याण की लगन, मेहनत, पढ़ाई के प्रति रूचि के कारण ही आज ये सब संभव हो पाया है। कल्याण सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई बहराइच से हुई है जिसके बाद उन्होंने दिल्ली आईआईटी में एमएससी की पढ़ाई की और वहीं से एनटीपीसी में नौकरी करने लगे। लेकिन नौकरी करने के साथ ही उन्होंने पीसीएस की तैयारी शुरू की। अपनी लगन और मेहनत के बल पर कल्याण सिंह ने यह मुकाम हासिल कर लिया। हालांकि उनके लिए यह रास्ता इतना आसान नहीं था, उन्हें इस रास्ते में कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। तो आइए जानते हैं उनके जीवन के प्रेरक सफर के बारे में।
बचपन से ही पढ़ाई में थे तेज
उत्तर प्रदेश के बहराइच के रहने वाले कल्याण सिंह मौर्य का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। उनके पिता जिलाधिकारी के ड्राइवर के पद पर कार्यरत हैं। हर पिता की तरह उनके पिता ने भी अपने बेटे के सुनहरे भविष्य का सपना शुरू से ही देखा था। कल्याण सिंह बचपन से ही पढ़ाई में तेज़ थे। कल्याण की शुरुआती पढ़ाई बहराइच के नानपारा में हुई। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से उन्होंने केमिस्ट्री में MSc की। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली आईआईटी कॉलेज में एमएससी की पढ़ाई की और वहीं से एनटीपीसी में नौकरी करने लगे। लेकिन उनका मन शुरू से ही प्रशासनिक सेवा की ओर था। पढ़ाई में उन्हें उनकी मां हमेशा से गाइड करती रहती थी। लेकिन 5 साल पहले कल्याण सिंह की मां की मृत्यु के बाद उनके लिए राह कठिन हो गई। मां के जाने की कमी कल्याण को हर पल खल रही थी। लेकिन उन्होंने एक बार फिर से हिम्मत करके अपना सारा ध्यान अपने लक्ष्य पर ही केंद्रित किया।
नौकरी के साथ की यूपीपीएससी की पढ़ाई
कल्याण सिंह शुरू से ही प्रशासनिक सेवा करना चाहते थे। इसलिए वो नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की पढ़ाई करने लगे। यूपीएससी 2021 में इंटरव्यू राउंड में कल्याण सिंह का सिर्फ 5 नंबर कम होने की वजह से सेलेक्शन नहीं हुआ। लेकिन हार मानने की बजाय उन्होंने फिर से मेहनत की और आखिरकार ओबीसी कैटेगरी में 40वीं रैंक पाकर कल्याण सिंह एसडीएम के पद पर तैनात हुए।
कल्याण सिंह फिलहाल सोलापुर, महाराष्ट्र के एनटीपीसी में काम कर रहे हैं। उनकी इस सफलता से उनका पूरा परिवार खुशी से झूम रहा है। कल्याण सिंह ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पापा, मां,  बड़े भाई और अपने टीचर्स को दिया। कल्याण सिंह मौर्य आज अपनी मेहनत के दम पर बड़ी सफलता पाने में कामयाब हुए हैं। उन्होंने किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते रहे जिसका नतीजा यह हुआ कि आज वो एसडीएम बन गए हैं। वह अपनी मेहनत और लगन से सफलता की नई कहानी लिखकर आज लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।
लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। अगर आप भी मेहनत करने पर भरोसा करते हैं तो आप भी एक सही मार्गदर्शक की मदद से अपने जीवन का मुकाम हासिल कर सकते हैं। इस तरह के मार्गदर्शन के लिए आप हमारे Leadership Funnel Program का चुनाव कर सकते हैं। जिससे आप एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने जीवन में सफलता की नई कहानी लिख सकते हैं। इस प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं- https://www.badabusiness.com/lfp?ref_code=FB&&pp_code=BHBB000078
Source: https://hindi.badabusiness.com/motivational/success-story-of-kalyan-singh-11675.html
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tezlivenews · 3 years
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छोटे कस्बों में रहकर कैसे करें यूपीएससी की तैयारी? हिमांशु गुप्ता से जानें महत्वपूर्ण टिप्स
छोटे कस्बों में रहकर कैसे करें यूपीएससी की तैयारी? हिमांशु गुप्ता से जानें महत्वपूर्ण टिप्स
Success Story Of IAS Topper Himanshu Gupta: अगर आप सिविल सेवा में बेहतर रणनीति से तैयारी करें, तो देश के किसी भी कोने में बैठकर सफलता प्राप्त कर सकते हैं. आज आपको यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 में ऑल इंडिया रैंक 139 हासिल कर आईएएस बनने वाले हिमांशु गुप्ता (Himanshu Gupta) की कहानी बताएंगे. उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के छोटे से कस्बे के रहने वाले हिमांशु ने कड़ी मेहनत की बदौलत लगातार तीन बार…
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krazyshoppy · 2 years
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​सोलो परफ़ॉर्मर से आईएएस अधिकारी बनीं कविता
​सोलो परफ़ॉर्मर से आईएएस अधिकारी बनीं कविता
​UPSC IAS Success Story: आमतौर पर आईएएस (IAS) की परीक्षा देने वाले छात्रों का सिर्फ एक ही सपना होता है. यूपीएससी को क्रैक करना और अपने लक्ष्य को हासिल करना. इस बीच उनके सारे शौक अधूरे ही रह जाते है और सिविल परीक्षा में रैंक उनकी एकमात्र मंजिल बन जाती है. इन सब बुनियादी विचारों से परे है कविता रामू (Kavitha Ramu) की आईएएस बनने की कहानी. एक ऐसी होनहार महिला जिन्होंने कला और पढ़ाई के बीच की दूरी…
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