पोलिसांनी कॅम्प केला उद्ध्वस्त; नक्षल्याची मोठी योजना फसली
गडचिरोली : जिल्ह्याच्या दक्षिण भागात विशेषत: भामरागड व एटापल्ली तालुक्यात मागील काही दिवसांपासून नक्षल्यांच्या हालचाली वाढल्या होत्या. त्यामुळे जिल्हा पोलिस दलाने या भागावर अधिक लक्ष ठेवले होते. अशातच नक्षली मोठा घातपाताचा डाव आखित असल्याच्या गुप्त माहितीच्या आधारे महाराष्ट्र-छत्तीसगड सीमेवर जवानांचे विशेष पथक गस्तीवर होते. दरम्यान उपविभागी हेडरी अंतर्गत येत असलेल्या गट्टा (जां.) हद्दीतील हिक्केर…
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UP Kisan Karj Rahat List 2023: किसान कर्ज राहत योजना
किसान कर्ज राहत योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई है, जिसके तहत सरकार द्वारा किसानों का कर्ज माफ किया जा रहा है। जिन किसान भाइयों ने इस योजना के तहत आवेदन किया है, वे अपना नाम यूपी किसान कर्ज राहत सूची 2023 में देख सकते हैं।
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किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघों के पदाधिकारियों तथा जनजातीय क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित किया। एक लोकतांत्रिक सरकार के लिए आमजन के सुझाव महत्वपूर्ण हैं। राज्य सरकार सभी उपयोगी सुझावों को कृषि बजट में सम्मिलित करने का पूरा प्रयास करेगी। प्रतिवर्ष कृषि के लिए अलग से बजट प्रस्तुत किया जाएगा ताकि किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिया जा सके।
कृषि, पशुपालन एवं इससे जुड़े क्षेत्र राज्य की जीडीपी एवं अर्थव्यवस्था की धुरी है। राज्य सरकार इस बार के बजट के माध्यम से प्रदेश के किसानों तथा पशुपालकों की समृद्धि एवं खुशहाली के लिए आवश्यक प्रावधान करने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है। हमारी सरकार ने पहली बार अलग से कृषि बजट लाने का ऐतिहासिक निर्णय किया। प्रदेश की करीब दो-तिहाई आबादी विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं पानी की कमी के बावजूद अपनी मेहनत से कृषि के क्षेत्र में प्रदेश को हमेशा अग्रणी पायदान पर रखने का सार्थक प्रयास करती है। हमारी पूरी कोशिश है कि बजट में ऐसे प्रावधान करें, जिससे राज्य के किसानों तथा पशुपालकों की आय बढ़े और वे खुशहाल हों।
कृषकों के कल्याण के लिए विगत वर्षों में राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना, कृषक कल्याण कोष का गठन, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना, ऋण माफी, सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना, र��जस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति जैसे कई अहम फैसले लिए गए हैं, जो कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। राजस्थान में तकनीक और नवाचारों के माध्यम से कृषि और डेयरी क्षेत्रों का तेजी से विकास किया जा सकता है। हम तमाम चुनौतियों के बावजूद इस दिशा में सतत प्रयासरत हैं कि किसान और पशुपालक आत्मनिर्भर बन सकें।
आज प्रदेश के किसान नवीन तकनीकों और नवाचारों को अपनाकर उन्नत कृषि की ओर आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश में पानी की कमी और गिरते भूजल स्तर को देखते हुए राज्य सरकार बूंद-बूंद और फव्वारा सिंचाई पद्धति को बढ़ावा मिल रहा है। हमारी सरकार ने खेतों में सोलर पैनल लगाकर किसानों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना लागू की है। राज्य सरकार किसानों को फसल का उचित दाम, अच्छी गुणवत्ता का खाद, बीज और कीटनाशक समय पर उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
सभी तबको के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है और इस दिशा में शानदार योजनाएं संचालित की जा रही है। चिरंजीवी योजना के माध्यम से आमजन को 10 लाख तक का निःशुल्क उपचार दिया जा रहा है। किडनी, हार्ट, लीवर ट्रांसप्लांट जैसे महंगे इलाज में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है। साथ ही, 5 लाख रूपए तक का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा आईपीडी, ओपीडी में सभी प्रकार के उपचार निःशुल्क कर दिए गए हैं। प्रदेश में आमजन की सिटी स्केन, एम.आर.आई. स्केन जैसी महंगी जांचें निःशुल्क की जा रही हैं। 1 करोड़ प्रदेशवासियों को पेंशन देने का कार्य राज्य सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना से लाखों किसानों का बिजली बिल शून्य हुआ है। सरकारी कर्मियों का भविष्य सुरक्षित करने हेतु पुरानी पेंशन योजना प्रदेश में फिर से लागू की गई है।
बैठक में कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को लगभग 16 हजार 800 करोड़ रूपए की फसल बीमा राशि का भुगतान किया जा चुका है। कोरोना काल के बाद युवाओं का कृषि के प्रति रूझान बढ़ा है। युवा किसानों द्वारा नई तकनीकों का उपयोग कर खेती को उन्नत बनाया जा रहा है।
बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, कृषि विपणन राज्य मंत्री श्री मुरारी लाल मीणा, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार श्री अरविन्द मायाराम, मुख्यमंत्री सलाहकार श्री गोविन्द शर्मा, श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोडा, प्रमुख शासन सचिव कृषि श्री दिनेश कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारीगण, कृषक, पशुपालक, डेयरी संघ पदाधिकारी एवं जनजाति क्षेत्र के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
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राजस्थानः किसान संग मछली और पशु पालकों की भी चांदी, जीरो परसेंट ब्याज पर मिलेगा लोन
इस साल 20 हजार करोड़ का ब्याज मुक्त फसली लोन देगी राजस्थान सरकार, पांच लाख नए किसान जोड़ने की तैयारी
राजस्थान सरकार ने इस साल 5 लाख नए सदस्य किसानों को शून्य प्रतिशत पर फसली ऋण का लाभ देने का निर्णय किया है। यह निर्णय इसलिए अहम है क्योंकि इस ऋण सुविधा का लाभ किसानों के साथ ही मत्स्य एवं पशु पालकों को भी मिलेगा।
सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने इस बारे में निर्देश दिए हैं। मत्स्य एवं पशु पालकों को भी जीरो परसेंट ब्याज पर लोन प्रदान करने के लिए विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं।ये भी पढ़ें: खाद-बीज के साथ-साथ अब सहकारी समिति बेचेंगी आरओ पानी व पशु आहार – सहकारिता विभाग ने शासन को भेजा प्रस्ताव
प्रबंध निदेशकों की बैठक
अपेक्स बैंक में सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने इस बैठक को संबोधित किया। संबोधन के दौरान उन्होेंने जीरो परसेंट ब्याज पर लोन प्रदान करने के संबंध में निर्देश देकर सहकारी कार्यों की समीक्षा की।
नए सदस्य किसानों को जोड़ने का लक्ष्य
बैठक में गुहा ने कहा कि, मछली और पशु पालकों को भी शून्य प्रतिशत ब्जाज दर पर लोन प्रदान करने से मछली एवं पशु पालन करने वाले लोगों की भी आवश्यक्ताओं की पूर्ति होगी। उन्होंने अधिक से अधिक नए सदस्य किसानों को फसली ऋण से जोड़ने के बारे में भी विभागों को निर्देश दिए।
इस साल सरकार के लक्ष्य के अनुसार 5 लाख नए सदस्य किसानों को शून्य फीसदी ब्याज पर फसली ऋण का लाभ प्राप्त हो सकेगा।ये भी पढ़ें: अब सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को मिलेगा सरकार की योजनाओं का लाभ
टारगेट बढ़ाया
राजस्थान में इस साल 20 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त फसली कर्ज बांटने का टारगेट तय किया गया है। पिछले साल की बात करें, तो साल 2021-22 में कृषकों को 18,500 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
ब्याज मुक्त कर्ज का विस्तार
पहले इस लोन योजना के तहत किसानों को शामिल किया गया था। अब मछली और पशु पालने वालों को भी दायरे में शामिल कर लेने से निश्चित ही ब्याज मुक्त कर्ज योजना का विस्तार हो जाएगा।
दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने पिछले टारगेट के आसपास किसानों को कर्ज प्रदान कर दिया है। सरकारी निर्णय से अब क्रेडिट कार्ड की तरह ब्याज मुक्त लोन में भी मछली और पशु पालन को जोड़ने से ज्यादा वर्ग के जरूरतमंद लोगों को आर्थिक मदद मिल सकेगी।ये भी पढ़ें: भेड़, बकरी, सुअर और मुर्गी पालन के लिए मिलेगी 50% सब्सिडी, जानिए पूरी जानकारी
व्यवसाय विविधीकरण
ग्राम सेवा सहकारी समितियों की स्वयं की आवश्यकता के साथ ही आस-पास के लोगों की जरूरतों को भी पूरा करने के उद्देश्य से ग्राम सेवा सहकारी समितियों को व्यवसाय के विविधीकरण के लिए भी प्रेरित करने के निर्देश बैठक में दिए गए।
समितियों का गठन
बैठक में सभी बैंकों को यह सुनिश्चित करने निर्देशित किया गया कि, आजीविका से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को जरूरत के मुताबिक लोन मिल सके।
गुहा ने बताया कि, इस साल 25 करोड़ रुपए का ऋण सहायता समूहों कोे प्रदान किया जाएगा। इस प्रक्रिया के अंतर्गत पंचायत स्तर पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। ग्राम सेवा सहकारी समितियों को अपनी आय के लिए केवल फसली ऋण वितरण तक ही सीमित नहीं रहने के लिए भी बैठक में निर्देशित किया गया।ये भी पढ़ें: बकरी बैंक योजना ग्रामीण महिलाओं के लिये वरदान
सहकारी बैंक करें नियमों का पालन – गुहा
सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने सहकारी बैंकों को कमर्शियल बैकों की तरह अपडेट रहने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने सहकारी बैंकों की स्थिति में सुधार के लिए नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक / NABARD) और आरबीआई (RBI – Reserve Bank of India) के नियमों का सख्त पालन करने निर्देश दिए।
कर्मचारियों की होगी भर्ती
बैठक में अपने संबोधन में गुहा ने कहा कि, बैंकों में कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत 500 से अधिक कर्मचारियों की भर्ती के लिए अतिशीघ्र विज्ञप्ति जारी की जाएगी। उन्होंने जुलाई माह तक सभी पैक्स का ऑडिट सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
source राजस्थानः किसान संग मछली और पशु पालकों की भी चांदी, जीरो परसेंट ब्याज पर मिलेगा लोन
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फसल ऋण लेने वाले ऋणी किसान के खाते से कटेंगे पैसे यदि.....
फसल ऋण लेने वाले ऋणी किसान के खाते से कटेंगे पैसे यदि…..
गाजीपुर: जिला कृषि अधिकारी ने कृषक भाईयों को सूचित किया है कि खरीफ 2022 एवं आगामी मौसमों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक आधार पर लागू कर दी गयी है।
फसल ऋण लेने वाले ऋणी किसान यदि अपनी फसलों का बीमा नही कराना चाहते है तो बैंक शाखा स्तर पर जहॉ से उनको फसली ऋण की सुविधा प्राप्त हुयी है, वहॉ दिनांक 24.07.2022 तक लिखित रूप से अवगत करा दे कि हमारा प्रीमियम न काटा जाय अन्यथा…
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अग्निपथ योजना: 'केंद्राची प्रत्येक योजना फसली, कंत्राट देणे म्हणजे भारतीय लष्कराचा अपमान', संजय राऊत यांचे अग्निपथवर वक्तव्य
अग्निपथ योजना: ‘केंद्राची प्रत्येक योजना फसली, कंत्राट देणे म्हणजे भारतीय लष्कराचा अपमान’, संजय राऊत यांचे अग्निपथवर वक्तव्य
शिवसेना नेते संजय राऊत यांनी अग्निपथ योजनेला भारतीय लष्कराचा अपमान म्हटले आहे (फाइल फोटो)
अग्निपथचा निषेध : काँग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले यांनीही प्रश्न केला, ‘या योजनेला अग्निपथ का नाव देण्यात आले. तरुणाला आगीत ढकलायचे होते, म्हणून अग्निपथ हे नाव?’
मोदी सरकारची प्रत्येक योजना फोल ठरत आहे. अग्निपथ..अग्निपथ..अग्निपथ(अग्निपथ योजना) योजना सुरू केली आहे. लष्कराला कंत्राटी कामाचे गुलाम बनवण्याची…
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किसानों के मसीहा बने मुख्यमंत्री योगी, खोला खजाना Divya Sandesh
#Divyasandesh
किसानों के मसीहा बने मुख्यमंत्री योगी, खोला खजाना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध और शक्तिशाली बनाने के लिए जितने प्रयास किए हैं, उतने शायद ही पहले किसी सरकार में हुए हों। सीएम योगी ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रदेश के सालाना बजट से ज्यादा धनराशि महज साढ़े चार साल के कार्यकाल में दी है। यह दावा सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को किया है।
उन्होंने बताया कि आजादी से लेकर 2017 से पहले तक किसी सरकार ने प्रदेश के सालाना बजट तो दूर उसकी आधी धनराशि भी किसानों को नहीं दी है। प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को रिकार्ड छह लाख 80 हजार 708 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। किसानों के हित में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों और अन्य मदों में दी गई धनराशि को यदि जोड़ लिया जाए, तो यह राशि 10 लाख करोड़ तक पहुंच सकती है।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों की आय दुगुनी करने को लेकर सतत प्रयत्नरत हैं। इसी का नतीजा है कि किसानों से जुड़े हर कार्य के लिए सरकार की ओर से न सिर्फ हरी झंडी दी जा रही है, बल्कि पैसा देकर उसे धरातल पर भी उतारा जा रहा है। इसमें चाहे सिंचाई विभाग की योजनाएं हों। प्रदेश में 3.77 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता में बढ़ोत्तरी की गई और 46 वर्षों से लम्बित बाण सागर परियोजना को पूरा किया गया है। ऐसे ही दशकों से अटकी सरयू नहर परियोजना से जल्द किसानों के खेतों में पानी पहुंचने वाला है।
433.86 लाख मीट्रिक टन अनाज की खरीद कर 78,23,357 किसानों को 78 हजार करोड़ का भुगतान
मुख्यमंत्री योगी ने पिछली सरकारों की तुलना में कई गुना धनराशि किसानों को साढ़े चार साल में दी है। प्रदेश में पहली बार 433.86 लाख मीट्रिक टन से अधिक अनाज की सरकारी खरीद की गई और 78,23,357 किसानों को 78 हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है। इसके अलावा किसानों को तीन लाख 92 हजार करोड़ रुपए का फसली ऋण का भुगतान किया गया है और 36 हजार करोड़ रुपए से 86 लाख किसानों का ऋण माफ किया गया है।
यह खबर भी पढ़ें: इस मंदिर में लोग भगवान को चढ़ाते हैं घड़ियां, वजह जानकर आप भी रह जाएंगें हैरान
किसान सम्मान निधि में ढाई लाख किसानों को साढ़े 32 हजार करोड़ दिए-
केंद्र सरकार की ओर से संचालित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश के किसानों को मिला है। योजना के तहत 2.48 करोड़ किसानों को 32,500 करोड़ रुपए दिए गए हैं। बीमा योजना में पहली बार बंटाईदारों को शामिल किया गया है। इसके तहत किसान को अधिकतम पांच लाख रुपए तक की बीमा सुरक्षा मिलती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से दो करोड़ से अधिक किसान जुड़े हैं और इस योजना से 25 लाख 60 हजार से अधिक किसानों को 2,208 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति दी गई है।
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पहली बार गन्ना किसानों को एक लाख 40 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान-
मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना महामारी में भी किसानों की चिंता नहीं छोड़ी। इस दौरान प्रदेश में चीनी मिलें चलती रहीं और खेती किसानी से जुड़ी हर गतिविधियों को अनुमति दी गई, ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न हो। पिछली सरकारों में चीनी मिलें बंद हो रहीं थी और गन्ना किसानों का बकाया साल दर साल बढ़ रहा था, लेकिन सीएम योगी ने रमाला, पिपराइच, मुण्डेरवा चीनी मिलों सहित 20 चीनी मिलों का आधुनिकीकरण और विस्तार कराया। साथ ही प्रदेश के इतिहास में पहली बार 45 लाख गन्ना किसानों को एक लाख 40 हजार करोड़ से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया है।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक आधार पर लागू
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक आधार पर लागू
गाजीपुर। जिला कृषि अधिकारी ने जनपद के समस्त कृषक भाईयों को अवगत कराना है कि खरीब 2021 एवं आगामी मौसमों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक आधार पर लागू कर दी गयी है।
फसली ऋण लेने वाले ऋणी किसान यदि अपनी फसलों का बीमा नही कराना चाहते है तो बैक शाखा स्तर पर जहॉ से उनकों फसली ऋण की सुविधा प्राप्त हुयी है, वहॉ 24.07.2021 तक लिखित रूप से अवगत करा दे कि हमारा प्रीमियम न काटा…
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राजस्थान में कृषि बजट की शुरूआत की घोषणा को कृषि मंत्री ने बताया एतिहासिक; जानिए क्या हैं प्रावधान
राजस्थान में कृषि बजट की शुरूआत की घोषणा को कृषि मंत्री ने बताया एतिहासिक; जानिए क्या हैं प्रावधान
जयपुर, 25 फरवरी/ एग्रोमीडिया।
राजस्थान के कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा है कि बजट राज्य के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करने के साथ हर वर्ग की खुशहाली बढ़ाने वाला है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगामी वर्ष से कृषि बजट की शुरूआत की एतिहासिक घोषणा कर बजट में कृषक एवं पशुपालक कल्याण के संकल्प को साकार किया है।
कटारिया ने कहा कि ब्याज मुक्त फसली ऋण योजना में किसानों के साथ मत्स्य पालक व…
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प्रदेश के किसानों को ब्याज मुक्त फसली ऋण उपलब्ध कराने वाले केंद्रीय सहकारी बैंकों को क्षतिपूर्ति ब्याज अनुदान के रूप में 160 करोड़ रूपये की राशि दी जाएगी। इस राशि के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस निर्णय से केंद्रीय सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित मानदंड के अनुसार पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सी.आर.ए.आर.) बनाए रखने में आसानी होगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के बजट में ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण योजना के अंतर्गत 20 हजार करोड़ रूपए के ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही 5 लाख नए कृषकों को भी फसली ऋण वितरित किया जायेगा।
क्षतिपूर्ति ब्याज अनुदान के लिए 160 करोड़ रूपये की दी गई वित्तीय स्वीकृति से केंद्रीय सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ होगी तथा बैंकों के पास तरलता भी उपलब्ध हो सकेगी। इससे किसानों को ब्याज मुक्त फसली ऋण समय पर मिल सकेगा।
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किसानों के लिए राहत, अब व्यापारी बनकर अपना कृषि उत्पाद कहीं भी बेच सकते हैं किसान
नई दिल्ली। वाहन बनाने वाली कंपनियां उसका दाम भी तय करती हैं कि वे कितने में बेचेंगी तो उनकी लागत के बाद तय मुनाफा निकल आएगा। कमोबेश सारे उत्पादक ही तय करते हैं कि उनके उत्पाद की कीमत क्या होगी लेकिन बेचारा किसान जो पैदा करता है, उसकी कीमत कोई और यानी सरकारें, समितियां आदि तय करती हैं। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा है कि किसान अपना उत्पाद स्वयं एक व्यापारी बनकर बेचें,
इसके लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं। चाहे वे किसान उत्पादक संघ (FPO) के माध्यम से बेचें या स्वयं अपना ब्रांड बनाकर। अब सहकारिता विभाग के माध्यम से गांव व शहरों में 2000 ‘रिटेल आउटलेट’ खोलने की एक नई योजना तैयार की जा रही है। ये ‘रिटेल आउटलेट’ मिनी सुपर मार्केट के रूप में कार्य करेंगे।
RBI ने कार्ड धारकों के लिए लाये नए नियम
दलाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए ‘कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020’ तथा ‘मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता अध्यादेश-2020’ से किसान अपनी उपज की बिक्री मर्जी के अनुसार न केवल अपने राज्य, बल्कि दूसरे राज्यों की मंडियों में भी कर सकते हैं।
इस प्रकार वह अनुबंध खेती के तहत अपनी उपज पर किसी भी व्यक्ति या बैंक के साथ ई-अनुबंध कर सकता है। अब उसे फसली ऋण के लिए बैंक के पास जमीन गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
यूपी : खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने सील की 17 दुकानें
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वर्तमान परिप्रेक्ष्य
10 अगस्त, 2019 को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने झारखंड में ‘मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना’ का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत एक एकड़ तक जमीन वाले किसानों को 5 हजार और पांच एकड़ तक जमीन वाले किसानों को 25 हजार रुपये दिए जाएंगे। जबकि, ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के तहत किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। इस प्रकार दोनों योजनाओं से झारखंड के किसानों को प्रत्येक वर्ष कम-से-कम 11 हजार और अधिकतम 31 हजार रुपये का लाभ मिल सकेगा।
पात्रता शर्त
योजना का लाभ राज्य के उन किसानों को ही मिलेगा, जो सरकारी नौकरी न करते हों, आयकर रिटर्न दाखिल न करते हों और 10 हजार रुपये से ऊपर पेंशन न पाते हों। योजना की राशि को सरकार किसानों को दो किश्तों में देगी। एक एकड़ भूमि वाले किसानों को पहली किश्त 2500 रुपये की दी जाएगी। शेष राशि छः माह बाद दी जाएगी।
पृष्ठभूमि
झारखंड में किसानों की आर्थिक समृद्धि और खेती को लाभदायक बनाने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना’ का शुभारंभ किया गया है। राज्य के 76 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्र में निवास करते हैं। कुल भूमि का 68 प्रतिशत कृषि एवं संबंधित कार्यों पर आधारित है, लगभग 83 प्रतिशत खेत 5 एकड़ से कम आकार के हैं, जो कुल भूमि का 37 प्रतिशत है। राज्य के कृषक आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कर्ज के जाल में फंस जाते हैं। इन्हीं तथ्यों के दृष्टव्य केंद्र व राज्य सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया है। इसी संकल्प को मूर्तरूप देने हेतु राज्य सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना’ लागू की गई है।
झारखंड : अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
झारखंड राज्य की सीमा पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार एवं ओडिशा) से स्पर्श करती है। आर्थिक वृद्धि के संदर्भ में झारखंड शीर्षस्थ राज्यों में शामिल है। वर्ष 2017-18 में इसकी सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वृद्धि दर 10.22 प्रतिशत रही। यह विश्व के सबसे संपन्न खनिज क्षेत्रों में से एक है और भारत के खनिज व कोयला भंडार का क्रमशः 40 प्रतिशत एवं 29 प्रतिशत हिस्सा धारण करता ह���। राज्य में वर्ष 2017-18 के दौरान 2,070.39 करोड़ रुपये मूल्य (286.96 मिलियन डॉलर) का खनिज उत्पादन दर्ज हुआ। जबकि अप्रैल-जुलाई, 2018 के दौरान यह आंकड़ा 844.38 करोड़ रुपये (120.82 मिलियन डॉलर) का रहा।
अप्रैल, 2000 से दिसंबर, 2018 तक की अवधि के दौरान राज्य ने 113 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) इक्विटी प्रवाह को आकर्षित किया है। वर्ष 2017-18 के दौरान राज्य से कुल निर्यात 1,116.53 मिलियन डॉलर का रहा। जबकि वर्ष 2018-19 (फरवरी, 2019 तक) के दौरान, राज्य से कुल निर्यात 1,136.84 मिलियन डॉलर का रहा।
प्रमुख खनिज उत्पादक होने के साथ-साथ यह टसर रेशम (गैर-शहतूत या नॉन मुलबेरी सिल्क) का एक बड़ा उत्पादक भी है। वर्ष 2017-18 में राज्य में 2,220.0 मिलियन टन कच्चे रेशम का उत्पादन हुआ और वित्त वर्ष 2018-19 (दिसंबर, 2018 तक) में यह आंकड़ा 949.3 मिलियन टन का रहा। चावल राज्य की प्रमुख खाद्य फसल है, जो 80 प्रतिशत फसली क्षेत्र (Cropped area) को आच्छादित करता है।
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Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana February List : इन किसानों माफ़ हुआ कर्ज , देखें नयी सूची
Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana February List : किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए राजस्थान ( Rajasthan ) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान किसान कर्ज माफी योजना ( Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana ) के लिए 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय से किसानों को दीर्घकालिक ऋण माफी योजना का लाभ मिलेगा। अब किसानों की गिरवी रखी जमीन को मुक्त कराकर उनके नाम पर दोबारा पंजीयन कराया जा सकेगा।
Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana February List
New Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana February List
प्रिय दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जो भी सरकारी राजस्थान किसान कर्ज माफी योजना ( Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana ) है उसके बारे में हम आपको पूरी जानकारी देने की कोशिश करते हैं, हम इसे वेबसाइट पर देने की कोशिश करते हैं, आज हमने आपके लिए एक और सरकारी योजना की घोषणा की है। जानकारी देने के लिए राजस्थान ( Rajasthan ) सरकार की ओर से खबर आई है !
राजस्थान ( Rajasthan ) में माफ होगा किसानों का कर्ज, इससे किसानों को मिलेगी बड़ी राहत, किसानों की आत्महत्या को देखते हुए किसानों के सिर पर इतना बोझ है, इसलिए सरकार ने किसानों के लिए राजस्थान किसान कर्ज माफी योजना ( Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana ) का ऐलान किया है, कितना कर्ज माफ किया गया और किसके लिए? क्षमा करें, हम आपको इस लेख में यह पूरी जानकारी प्रदान करेंगे, कृपया हमारे लेख को ध्यान से पढ़ें और राजस्थान ऋण माफी योजना का पूरा लाभ उठाएं।
कर्जमाफी के लिए किसानों की दो श्रेणियां बनाई गईं
2 लाख रुपये की कर्जमाफी के लिए राजस्थान ( Rajasthan ) सरकार ने किसानों की दो कैटेगरी बनाई है ! राजस्थान किसान कर्ज माफी योजना ( Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana ) की पहली श्रेणी में 2 हेक्टेयर तक की कृषि भूमि वाले छोटे और सीमांत किसानों को शामिल किया गया है। इस श्रेणी में वे किसान शामिल होंगे, जिनका पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने 50 हजार रुपए तक का कर्ज माफ किया था, बाकी डेढ़ लाख रुपए मौजूदा सरकार माफ करेगी। ‘
इस तरह प्रत्येक किसान का राजस्थान किसान कर्ज माफी योजना ( Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana ) में कुल दो लाख रुपये का कर्ज माफ किया जाएगा। दूसरी श्रेणी में उन किसानों को शामिल किया गया है जो छोटे और सीमांत की श्रेणी में नहीं आते हैं, लेकिन पिछली राजस्थान ( Rajasthan ) सरकार के कार्यकाल में आनुपातिक आधार पर कर्जमाफी की गई थी. अब शेष राशि को नई कर्जमाफी में समायोजित किया जाएगा।
दोस्तों यहां हम आपको बताना चाहते हैं कि बताया जा रहा है कि राजस्थान ( Rajasthan ) के किसानों का अब तक का राजस्थान किसान कर्ज माफी योजना ( Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana ) में कर्ज माफ किया जा चुका है. किसानों का कर्ज माफ होने से किसान राहत की सांस ले सकेंगे। किसानों पर कोई कर्ज का बोझ नहीं होगा और वे भवन निर्माण की खेती भी अच्छे से कर पाएंगे।
किसान कर्जमाफी 2019 सूची राजस्थान
राजस्थान ( Rajasthan ) मुख्यमंत्री ने लघु एवं सीमांत किसानों के सहकारी बैंकों के बकाया अल्पकालीन फसली ऋणों पर समस्त ब्याज एवं अर्थदंड माफ किया, अल्पकालीन फसली ऋणों में से 2 लाख रुपये तक के ऋण माफ किये, राजस्थान किसान कर्ज माफी योजना ( Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana ) आयोग का गठन , राजफेड को मूल्य समर्थन योजना। इसके तहत समर्थन मूल्य पर सरसों और चना उपज की खरीद पर पांच सौ करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण और खरीद पर देय मंडी शुल्क से छूट का प्रस्ताव है.
ऐसे चेक करें सूची ( Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana October List )
- सबसे पहले आपको राजस्थान किसान कर्ज माफ़ी योजना की अधिकारिक वेबसाइट ( lwa.rajasthan.gov.in ) पर जाना होगा !
- उस वेबसाइट के मेनू बार में ” Search ” पर क्लीक करें !
- अब खुलने वाले अगले पेज पर बैंक का नाम , ब्रांच का नाम , पैक्स का नंबर का चयन करके , सबमिट करना होगा !
- अगले पेज पर आपकों राजस्थान किसान कर्ज माफ़ी योजना की सूची दिखाई देगी !
राजस्थान किसान कर्जमाफी
छोटे और सीमांत किसान समाज के सबसे कमजोर वर्ग हैं। इसलिए राजस्थान ( Rajasthan ) सरकार ने राजस्थान किसान कर्ज माफी योजना ( Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana ) शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत सभी किसानों का बकाया कर्ज माफ किया जाएगा।
इसके अलावा सरकार प्रत्येक किसान का 2 लाख रुपये तक का कर्ज माफ करेगी। राजस्थान राज्य सरकार ने राजस्थान किसान कर्ज माफी योजना ( Rajasthan Kisan Karj Mafi Yojana ) के सफ�� क्रियान्वयन के लिए 8000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। 2019 में सरकार 384 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में देगी। इसके अलावा राजस्थान ( Rajasthan ) सरकार मुआवजे के ब्याज के रूप में 160 करोड़ रुपये देगी।
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पंजाब सरकार ने 2021- 22 के लिये 1,68,015 करोड़ रुपये का बजट पेश किया Divya Sandesh
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पंजाब सरकार ने 2021- 22 के लिये 1,68,015 करोड़ रुपये का बजट पेश किया
चंडीगढ़, आठ मार्च (भाषा) पंजाब राज्य विधानसभा में सोमवार को वर्ष 2021- 22 के लिये 1,68,015 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया जिसमें फसल रिण माफी योजना के तहत 1.13 लाख किसानों के 1,188 करोड़ रुपये के फसली रिण माफ करने का प्रस्ताव किया गया है। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिहं बादल ने राज्य विधानसभा में 2021- 22 का बजट पेश करते हुये राज्य में बुजुर्गों की पेंशन 750 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये महीना करने की भी घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने शगुन योजना के तहत दी जाने वाली राशि को भी 21 हजार रुपये से बढ़ाकर 51,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया। बादल ने कहा कि फसल रिण माफी योजना के अगले चरण में राज्य सरकार 1.13 लाख किसानों का 1,186 करोड़ रुपये और भूमिहीन किसानों का 526 करोड़ रुपये का फसल कर्ज माफ करेगी। राज्य की अमरिंदर सिंह सरकार के मौजूदा कार्यकाल का यह आखिरी बजट है। राज्य में अगले साल के शुरुआती महीनों में चुनाव होने हैं।
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एक मुश्त समझाैता योजना का उठाये लाभ
एक मुश्त समझाैता योजना का उठाये लाभ
जमानियां। जिला सहकारी बैंक लिमिटेड की ओर से किसानों के लिए एक मुश्त समझाैता योजना लेकर आया है। ताकि बैंक के बकाये को खत्म किया जा सकें और योजना का उद्धेश्य बैंक के ऋणी दोषी सदस्यों को राहत प्रदान करके मुख्यधारा से जोड़ना है।
एडीओ सहकारता अशोक कुमार ने बताया कि प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों और अल्पकालीन फसली ऋणों के तीन वर्ष से अधिक के बकाएदार ऋणी सदस्यों के लिए एकमुश्त समझाैता योजना शुरू की गई…
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38 किसानों को बांटे ऋण माफी शिविर में प्रमाण पत्र हिण्डौन उपखंड के गांव काचरौली मे सहकारी कृषक फसली ऋण योजना ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड काचरौली में ऋण माफी शिविर का आयोजन किया गया।जहां किसानों को कर्ज माफी के प्रमाण पत्र देकर लाभान्वित किया गया। लाभान्वित किसान खुश नजर आए ।गांव में 38 पात्र लोगों को 10 लाख 75 हजार 103 रुपये के ऋण माफी के प्रमाण पत्र वितरित किए।शिविर में समिति अध्यक्षत विजयसिंह बेनीवाल ने अपने हाथों से प्रमाण पत्र किसानों दिये।जिन्हें पाकर किसानों ��े खुशी जाहिर की।गुरुवार ग्राम सेवा सहकारी समिति का ऋण माफी शिविर गांव काचरौली स्थित राजीव गांधी सेवा केंद्र पर आयोजित किया गया।जिसमें अध्यक्ष विजय सिंह बेनीवाल,मुख्य अतिथि सरपंच चंद्रपाल बेनीवाल, पर्यवेक्षक तेजराम बेनीवाल,गजराज बेनीवाल, मनोज तिवारी, पालसिंह जाट,बिजली देवी,रामजीलाल जाट,रणजीत माली सहित कई लोग उपस्थित रहे। फोटो कैप्शन क्षेत्र के गांव काचरौली में ऋण माफी शिविर में पट्टे लेते किसान। करौली रिपोर्टर कलमुद्दीन खांन
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