राजस्थान: पुजारी हत्याकांड का खुलासा, 2000 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल आरोपियों को दबोचा
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बूंदी. राजस्थान के कोटा संभाग के बूंदी जिले में छह दिन पहले डोबरा महादेव मंदिर के पुजारी विवेकानंद शर्मा की हुई नृशंस हत्या (Pujari murder case) का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने मूर्ति चुराने और पुजारी की हत्या को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने मंदिर में स्थापित भगवान चारभुजा नाथ की मूर्ति (Lord Charbhuja Nath Idol) के करोड़ों रुपये की होने के लालच में…
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IPL प्रेमियों को Jio का खास तोहफा, फायदे गिनते जिन्ते थक जाएंगे
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हाइलाइट्स:
आईपीएल का वर्तमान संस्करण कल 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है
जियोफोन यूजर्स को फ्री में स्कैन अपडेट
खास प्लान्स के साथ डिज्नी + हॉटस्टार का 1 साल का सब्सक्रिप्शन
भारतीय प्रीमियर लीग का 14 वां सीजन शुरू होने वाला है और इस महीने क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता है। जी हां इन साल का यह वह समय है जब क्रिकेट प्रेमी अपनी पसंदीदा टीम को मैदान पर 20 टूर्नामेंट खेलने वाले…
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राजस्थान में 2021 में भर्ती: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने योजना और सांख्यिकी विभाग में रिक्त पदों पर सीधी भर्ती को मंजूरी दी
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राजस्थान में भर्ती 2021: राजस्थान सरकार ने योजना और सांख्यिकी विभाग में 58 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती को मंजूरी दी है। इसके साथ ही, उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दूसरे चरण के तहत अनुबंध पर 839 कर्मियों की सेवा लेने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी दी।
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस आशय के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।…
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रेटेड में 7 नए मेडिकल कॉलेज के लिए 819 करोड़ रुपए मंजूर राजस्थान सरकार ने राज्य के सात जिलों में सोसायटी के अधीन संचालित होने वाले नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने और पांच कॉलेजों में 50 अतिरिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए अतिरिक्त ...। Source link
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जोस बटलर ने बताया IPL को दुनिया का 2nd बेस्ट टूर्नामेंट, जानिए पहला कौन सा है क्रिकेट वर्ल्ड में तमाम टी 20 लीग खेली जाती हैं, अलग-अलग देशों में टी 20 टेस्ट खेले जाते हैं और दुनिया भर के क्रिकेटर्स इन टी 20 लीगों में हिस्सा लेते हैं। इन सब में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ...। Image Source link
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सरकार
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सरकार दो प्रकार की होती है :-
केन्द्रीय/संघीय/भारत सरकार
राज्य सरकार
दोनो सरकारों के तीन अंग होते है :-
व्यवस्थापिका :- कानून बनाना।
कार्यपालिका :- कानून लागू करना।
न्यायपालिका :- कानून की रक्षा / व्याख्या करना
संसद = राष्ट्रपति + लोकसभा + राज्यसभा
विधानमण्डल = राज्यपाल + विधानसभा + विधानपरिषद
प्रधानमंत्री - केन्द्रीय मंद्घत्रपरिषद - महान्यायवादी - S.C.
मुख्यमंत्री - राज्यमंद्घत्रपरिषद - महाधिवक्ता - H.C.
भारत सरकार
केन्द्रीय व्यवस्थापिका :-
केन्द्रीय व्यवस्थापिका/विधायिका = ससंद
अनुच्छेद 79 :- इसमें संसद का उल्लेख है।
संसद = राष्ट्रपति + लोकसभा + राज्यसभा
संसद के अंग :- 3
सदन :- 2 (लोकसभा + राज्यसभा)
संविधान के अनुसार वर्ष में कम से कम संसद के अधिवेशन:-2
संसद के दो अधिवेशनों के मध्य अधिकतम समय अन्तराल:- 6 माह
अनुच्छेद 85 के अनुसार राष्ट्रपति संसद के सत्र को प्रारम्भ (सत्राहुत) व समाप्त (सत्रावसान) करता है।
वर्तमान में संसद के अधिवेशन :- 3
ग्रीष्मकाल (बजट काल):- फ रवरी - मई
मानसून काल :- जुलाई - सितम्बर
शीत काल :- नवम्बर - दिसम्बर
अनुच्छेद 118 संसदीय प्रक्रिया का उल्लेख है।
संसद की प्रतिदिन की कार्यवाही :-समय 10-5 बजे तक
इसे चार काल में विभाजित किया गया है:-
1. प्रश्रकाल
2. शून्यकाल
3. मध्यान्तर काल
4. प्रस्ताव काल
आधे घण्टे की चर्चा
ताराकिंत, अताराकिंत या अल्प सूचना प्रश्न द्वारा दिये गये उत्तर में कोई तथ्य स्पष्ट न हुआ हो तो इस चर्चा को किया जाता है।
यह चर्चा बैठक के अन्तिम आधे घण्टे (5.00-5.30) तक होती है
लोकसभा में तीन दिन सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को की जाती है।
राज्यसभा में सभापति की अनुमति से कभी भी की जा सकती है।
प्रश्रकाल :-
प्रतिदिन संसद की दोनो सदनो की बैठक के बाद कार्यवाही का प्रथम घण्टा शून्यकाल होता है।
संसद सदस्यों द्वारा लोकमहत्व के मामले में मंत्रीपरिषद से प्रश्र पूछे जाते है।
यह प्रक्रिया सर्वप्रथम इंग्लैण्ड में 1721 में प्रारम्भ हुई।
भारत में यह प्रक्रिया सर्वप्रथम 1892 के भारतीय परिषद अधिनियम से प्रारम्भ हुई।
संसद में पूछे जाने वाले प्रश्र
1. ताराकिंत प्रश्र -
जब संसद सदस्य द्वारा तुरन्त उत्तर प्राप्त करना हो तो वह प्रश्र के शीर्ष पर तारा लगा देता है।
10 दिन पूर्व आवेदन करना पड़ता है।
इसका उत्तर मंत्री द्वारा तुरन्त मौखिक रूप में देना पड़ता है।
प्रश्रों की संख्या सिमित होती है।
पूरक प्रश्र भी पूछे जा सकते है।
कोई प्रश्र ताराकिंत है या नही इस निर्णय अध्यक्ष या सभापति द्वारा किया जाता है।
2. अताराकिंत प्रश्र
इसका उत्तर लिखित रूप में दिया जाता है
10 दिन पूर्व आवेदन करना पड़ता है।
पूरक प्रश्र नही पूछा जा सकता।
प्रश्रो की संख्या असिमित।
3. अल्प सूचना प्रश्र
इनका सम्बन्ध किसी लोकमहत्व केे तात्कालिन मामलों से होता है
इसका जवाब 10 दिन की निर्धारित अवधि से पहले ही मंत्री द्वारा दिया जाता है।
उत्तर मौखिक दिया जाता है।
4. गैर सरकारी सदस्यों से पूछे जाने वाले प्रश्र
मंत्री परिषद के अतिरिक्त अन्य सदस्यों से पूछे जाने वाले प्रश्र
शून्य काल
इस काल में बिना किसी सूचना के लोक महत्व का कोई भी प्रश्र उठाया जा सकता है तथा किसी मंत्री के उत्तर देने को कहा जा सकता है।
इसे प्रश्र उत्तर सत्र भी कहते है।
संसदीय व्यवस्था में शून्यकाल (1962) भारत की देन है।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव -
अविलम्बनीय लोकमहत्व के किसी मामले की और किसी मंत्री का ध्यान आकर्षित करने हेतु।
इसके स्त्रोत दैनिक समाचार पत्र होते है।
यह नियम 1954 में बनाया गया।
यह प्रस्ताव 10 बजे लिखित रूप में लिया जाता है।
यह प्रस्ताव भारत की देन है।
स्थगन प्रस्ताव/काम रोको प्रस्ताव -
किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर वर्तमान कार्यवाही को रोककर सदन में चर्चा के लिए लाया जाता है।
ऐसा मुद्दा/मामला स्पष्ट व तर्क पूर्ण होना चाहिए।
इसके लिए सदन के 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है।
इसके लिए स्पीक र की अनुमती आवश्यक है।
प्रश्रकाल की समाप्ति पर यह पेश किया जाता है।
विश्वास प्रस्ताव :-
इसे राष्टपति के कहने पर पी.एम द्वारा लाया जाता है।
इसके पारित होने पर 6 माह के लिए सरकार सुरक्षित हो जाती है।
यह प्रस्ताव भारत की देन है।
यदि यह बहुमत से स्वीकृत नही होता है तो सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है।
अब तक 11 बार लगाया जा चुका है।
अविश्वास प्रस्ताव :-
यह विपक्षी दल या दलो द्वारा केवल लोकसभा में लाया जाता है।
50 सदस्यों का समर्र्थन आवश्यक
बहुमत से पारित होन पर सरकार गिर जाती है।
अब तक 27 बार पेश किया गया।
1978 में अविश्वास प्रस्ताव द्वारा मोराजी देसाई की सरकार को गिरा दिया गया।
27 वां 21 जुलाई 2008 मनमोहन सिह के विरूद्ध (19 वोटो से गिरा)
प्रथम बार जे.एल. नेहरू के विरूद्ध 1963 में जे.बी. कृपलानी द्वारा लाया गया।
निन्दा प्रस्ताव:-
विपक्ष द्वारा लाया जाता है।
50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक
किसी एक मंत्री के विरूद्ध लाया जाता है।
इसके लिए लिखित कारण/विशेष आरोप बताने होते है।
पारित होने पर सरकार नही गिरती है।
अनुच्छेद 108 - के द्वारा राष्ट्रपति संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाता है।
संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता :- लोकसभा अध्यक्ष करता है।
संसद के सदस्यों की योग्यता व अयोग्यता का निर्णय निर्वाचन आयोग के परामर्श से राष्ट्रपति करता है।
दल-बदल कानून के आधार पर संसद के सदस्यों की योग्यता व आयोग्यता का निर्णय सदन के अध्यक्ष करते है।
नोट :- अगर कोई संसद सदस्य लगातार बिना सूचित किये 60 दिनो तक संसद के सभी अधिवेशनों में अनुपस्थित रहता है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है।
अनुच्छेद 120 (1) के , द्वारा लोकसभा व राज्यसभा का अध्यक्ष किसी सदस्य को जो हिन्दी और अंगे्रजी में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नही कर सकता है उसकी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकता है।
अनुच्छेद 88 के द्वारा के न्द्रीय मंत्रीपरिषद का कोई भी सदस्य तथा महान्यायवादी को यह अधिकार होगा की वह संसद के किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग ले सक ते है परन्तु महान्यायवादी को किसी विधेयक पर मतदान करने का अधिकार नही है तथा मंत्री केवल उसी सदन में मतदान करता है जिसका वह सदस्य होता है।
संसद की प्रथम बैठक 13 मई, 1952 को हुई थी।
गणपूर्ति (कोरम) - सदन के अध्यक्ष सहित सदन की कुल सदस्य संख्या का 1/10 भाग
संसदीय समितियाँ :-
1. प्राकलन समिति :-
1950 में तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई की सिफारीश पर इसका गठन किया गया।
कु ल सदस्य = 30
इसमें सभी सदस्य लोकसभा के सदस्य होते है।
इसके अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा अध्यक्ष इन सदस्यों में से करते है जो सत्ता रूढ़ दल का होता है।
वर्तमान अध्यक्ष :- मुरली मनोहर जोशी
कार्यकाल 1 वर्ष
कार्य :- सरकारी व्यय में मितव्ययता लाने के लिए सूझाव देना तथा वार्षिक बजट अनुमोदन की जाँच करना।
संसद की स्थाई समिति।
2. लोकलेखा समिति :-
कुल सदस्य - 22
15 लोकसभा से और 7 राज्य सभा से
वर्तमान अध्यक्ष :- मल्लिकार्जुन खडग़े
अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा कि जाती है, जो विपक्षी दल का सदस्य होता है।
कोई भी मंत्री इसका सदस्य नही बन सकता।
कार्य :- नियंत्रक महालेखा परिक्षक द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट की सूक्ष्म जाँच करना।
नोट :- इस समिति को प्राकलन समिति की जुडवा बहन कहते है।
यह संसद की स्थायी समिति है।
राज्यसभा (अनुच्छेद - 80)
मूल संविधान में नाम Council
of State
23 अगस्त 1954 को इसका नाम बदलकर राज्यसभा कर दिया गया।
गठन - 3 अप्रैल 1952
प्रथम बैठक - 13 मई 1952
विशेषताएँ :-
संसद का द्वितीय/उच्च/स्थायी सदन है।
संसद का ऐसा सदन जो कभी भंग नही होता है।
योग्यता -
न्यूनतम आयु :- 30 वर्ष
भारत का नागरिक हो
पागल दिवालिया व लाभ के पद पर न हो।
संसद द्वारा निर्धारित योग्यताऐ
निर्वाचन प्रणाली :-
आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणी खुली मतदान प्रणाली।
निर्वाचक मंडल :- देश की सभी विधानसभा के केवल निर्वाचित सदस्य अर्थाता निर्वाचित एम.एल.ए.
राज्यसभा का कार्यकाल :- स्थायी सदन होता है। राज्यसभा कभी भंग नहीं होती है।
संविधान में राज्यसभा सदस्यों की पदावधि निर्धारित नही कि और इसे संसद पर छोड़ दिया गया।
जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के आधार पर संसद ने कहा कि राज्यसभा के सदस्यों की पदावधि 6 वर्ष से अधिक नही होगी।
सदस्यों का कार्यकाल :- 6 वर्ष तथा प्रत्येक दो वर्ष बाद कुल सदस्यों का 1/3 सदस्य सेवानिवृत हो जाते है तथा इतने ही सदस्य नये आ जाते है।
निम्र अनुच्छेद में राज्यसभा क ो विशेष अधिकार दिये गये है।
अनुच्छेद 249 -राज्यसभा राज्यसूची के किसी विषय को संघ सूचि का विषय घोषित कर सकती है।
अनुच्छेद 312 :- नयी अखिल भारतीय सेवाओं का गठन /सर्जन और समाप्त कर सकती है।
संविधान की अनूसूची 4 में राज्यसभा की सीटों के आंवटन का वर्णन है।
राज्यसभा में राज्यो को समान प्रतिनिधित्व प्राप्त नही है बल्कि जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व दिया गया है।
50 लाख की जनसंख्या तक प्रत्येक 10 लाख पर 1 सीट तथा 50 लाख से अधिक जनसंख्या पर 20 लाख की जनसंख्या पर 1 सीट
राज्यसभा की अधिकतम सीटें - 250
अधिकतम निर्वाचित सदस्य 238
अनुच्छेद 80 के द्वारा राष्ट्रपति अधिकतम मनोनीत करता है 12 जो किसी कला साहित्य विज्ञान व समाज सेवा से जुडे होते है।
वर्तमान में सीटे - 245
वर्तमान में राज्यों से कुल निर्वाचित :- 229
वर्तमान में केन्द्र शासित प्रदेशों में निर्वाचित :- 4
नोट :-वर्तमान में केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली से - 3 तथा
पाण्डिचेरी से -1
सर्वाधिक राज्यसभा की सीटे :- यू.पी. - 31, महाराष्ट्र - 19, तमिलनाडु - 18
सबसे कम राज्यसभा की सीटें :-
अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम, गोवा
नोट :- इन सभी राज्यों में राज्यसभा की सीट एक-एक
राजस्थान में राज्यसभा की सीटें :- 10
अनुच्छेद 89 (1) राज्यसभा का सभापति - उपराष्ट्रपति. उपसभापति - सदस्यो द्वारा निर्वाचित
सभापति को निर्णायक मत देने का अधिकार होता है।
उपसभापति अपना त्याग - पत्र सभापति को व सभापति अपना त्याग-पत्र राष्ट्रपति को देता है
लोकसभा (अनुच्छेद - 81)
प्र��म लोकसभा का गठन-17 अप्रैल, 1952
प्रथम बैठक- 13 मई 1952
प्रथम आम चुनाव - 1951-52
विशेषताएँ :-
संसद का प्रथम/ निम्र/ अस्थाई सदन है।
सबसे लोकप्रिय सदन है।
जनप्रतिनिधि सदन है।
योग्यता :-
न्यूनतम आयु :- 25 वर्ष
निर्वाचन प्रणाली:-
लोक सभा के सदस्यों का निर्वाचन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से व्यस्यक मताधिकार द्वारा किया जाता है।
नोट:- राजीव गांधी सरकार के समय 61 वें संविधान संशोधन, 1989 के द्वारा मत डालने की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया।
अनुच्छेद 83, कार्यकाल :- सामान्यत: 5 वर्ष/ अनिश्चित काल/ लोकसभा के विश्वास तक।
नोट:- 42 वें स. सशो. 1976 द्वारा लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष से बढ़ाकर छ: वर्ष कर दिया गया।
44 वें स. सविधान 1978 द्वारा लोकसभा का कार्यकाल 6 वर्ष से घटाकर पुन: 5 वर्ष कर दिया गया।
अनुच्छेद 85 (2) समय से पूर्व प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकता है ऐसा अब तक 9 बार हुआ है।
आपातकाल में संसद कानून बना कर एक बार में एक वर्ष तक लोकसभा का कार्यकाल बढ़ा सकती है।
नोट - 1976 में दो बार एक-एक वर्ष के लिए लोकसभा का कार्यलकाल बढ़ाया गया था।
समान्य स्थिति में लोकसभा का कार्यकाल एक बार के लिए 6 माह तक बढ़ाया जा सकता है।
नोट :- संसद के लिए क ोरम/गणपूर्ती कु ल सदस्यों का 1/10 होती चाहिए।
मूल संविधान में लोकसभा की अधिकतम सीटे :- 500
31 वें संविधान संशोधन, 1973 के द्वारा लोकसभा की सीटों को 500 से बढ़ाकर 550 + 2 = 552 कर दिया गया।
वर्तमान में लोकसभा की सीटों का निर्धारण 1971 की जनगणना के आधार पर किया गया है।
84 वें संविधान संशोधन 2001 के द्वारा लोकसभा की अधिकतम सीटें 2026 तक 552 सीटे निर्धारित की गयी।
लोकसभा में अधिकतम सीटे :- 552 सीट
अधिकतम निर्वाचित सदस्य - 550
अधिकतम मनोनीत सदस्य -2 (एग्लो इण्डियन)
अधिकतम राज्यों से निर्वाचित सदस्य - 530
अधिकतम केन्द्र शासित प्रदेशो से निर्वाचित सदस्य-20
लोकसभा में वर्तमान में सीटे - 545
वर्तमान में कुल निर्वाचित सदस्य - 543
वर्तमान में कुल मनोनित - 2 (रिचर्ड हे - केरल व जॉर्ज बेकर-पं. बंगाल)
वर्तमान में राज्यों से कुल निर्वाचित - 530
वर्तमान में के न्द्रशासित प्रदेशों से कुल निर्वाचित - 13
केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली से वर्तमान में कुल निर्वाचित सात तथा अन्य केन्द्र शासित प्रदेशो में कुल निर्वाचित एक-एक सीटें है।
लोक सभा की सर्वाधिक सीटे :-
यू.पी. - 80, महाराष्ट्र - 48, पश्चिम बंगाल - 42
नोट - सबसे कम सीटे - नागालेण्ड, सिक्कीम, मिर्जोरम व दिल्ली के अलावा प्रत्येक केन्द्र शासित प्रदेश में लोकसभा की सीटे एक है।
राजस्थान में लोकसभा सीटे :- 25
विशेष तथ्य - एक व्यक्ति अधिकतम दो स्थानों से लोकसभा का चुनाव लड़ सकता है।
जमानत राशि -
एस.सी. व एस.टी. - 12500
सामान्य - 25000
चुनावी खर्च राशि -
अरूनाचल प्रदेस व गोवा - 54 लाख।
अन्य राज्यों में 70 लाख।
दिल्ली में 70 लाख।
अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों में 54 लाख।
आरक्षण -
अनुच्छेद 330
एस.सी. - 79 - 84 (वर्तमान)
एस.टी. - 41 - 47 (वर्तमान)
नोट : 95 संविधान संशोधन 2009 के द्वारा आरक्षण को बढ़ाकर 2020 तक कर दिया गया है।
राजस्थान में -
एस.सी. - 4
एस.टी. - 3
सामान्य - 18
एस.सी. लोकसभा सीटें - भरतपुर, बीकानेर, गंगानगर व करौली-धौलपुर
एस.टी. लोकसभा सीटें - बांसवाड़ा, दौसा व उदयपुर
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जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के करीब साढ़े आठ लाख कर्मचारियों के लिए अचल संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है. इनमें शीर्ष नौकरशाहों से लेकर क्रोनियों तक सभी को शामिल किया जाएगा। पहले समीक्षा की घोषणा केवल राजपत्रित अधिकारियों के लिए अनिवार्य थी, लेकिन अब यह सभी राज्य कर्मचारियों पर लागू होगी। राज्य कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अपनी संपत्ति का ब्योरा…
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करिश्मा हाड़ा को राजस्थान टूरिज्म ऐप की ब्रांड एम्बेसडर बनाया…! Divya Sandesh
#Divyasandesh
करिश्मा हाड़ा को राजस्थान टूरिज्म ऐप की ब्रांड एम्बेसडर बनाया…!
जयपुर। राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग (डिपार्टमेंट आफ टूरिज़्म) और राज्य के हिन्दी डेली न्यूज़पेपर समाचार जगत के डिजिटल विंग एसजे डिजिटल एलएलपी द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान टूरिज्म ऐप की शुरुआत की गई थी। राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाओं को लेकर ये समझौता 5 जून 2017 को हुआ था। इसके लिए एसजे डिजिटल एलएलपी द्वारा हाल ही जयपुर की सामाजिक कार्यकर्ता करिश्मा हाड़ा को राजस्थान टूरिज्म ऐप की ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है।
एसजे डिजिटल एलएलपी के प्रबंधक और राजस्थान टूरिज्म ऐप (Powered By SJ Digital LLP ) के संस्थापक नवीन जैन ने बताया है कि रास्थान में पर्यटन की संभावनाओं को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य में पर्यटन उद्योग चरमरा गया था लेकिन अब फिर से इसने गति पकड़ ली है। राजस्थान सरकार का पर्यटन विभाग भी कोविड के बाद लगातार पर्यटन की असीम संभावनाओं को तलाश रहा है। कई टूरिज्म फेस्टिवल भी राज्य में फिर से आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें जैसलमेर में हाल ही शुरू हुआ डेजर्ट फेस्टिवल प्रमुख है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए शहर की सामाजिक कार्यकर्ता और करणी कृपा फाउंडेशन की प्रमुख करिश्मा हाड़ा को ऐप के ब्रांड एम्बेसडर की लिए चुना है। कोविड काल हो या अन्य तरह की समाजिक चुनौतियां, हर जगह करिश्मा हाड़ा अपने सामाजिक कार्यों से लोगों की सेवा करती नजर आई हैं। उनकी इस बहुमुखी प्रतिभा को देखते हुए देश के रक्षा मंत्रालय ने भी उनको सम्मानित किया है। करिश्मा हाड़ा मिस राजस्थान भी रह चुकी हैं यही वज़ह है कि उनको इस ऐप की ब्रांड एम्बेसडर चुना गया है। इसके अतिरिक्त करिश्मा हाड़ा कई बड़ी संस्थाओं की भी ब्रांड एम्बेसडर भी हैं जिनमें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, बेटी सुरक्षा दल, निर्भया नशा मुक्ति केंद्र, शिक्षा मित्र परिवार इसमें शामिल हैं।
राजस्थान टूरिज्म ऐप की मदद से आप राजस्थान के टूरिस्ट डेस्टिनेशंस, ट्यूर पैकेज, रूट मैप, इंटरेस्टिंग प्लेस, रेस्टोरेंट्स, फोटो गैलरी और मौसम के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस ऐप के ज़रिये विदेश से आने वाले या देश के अन्य हिस्सों से आने वाले पर्यटक यहां पहुंचने से पूर्व ही मौसम की सटीक जानकारी व राजस्थान के स्मारकों के बारे में जान सकेंगे। राजस्थान की संस्कृति और विरासत को नज़दीक से जानने के लिए ये ऐप एक बेहतर डिजिटल विकल्प है।
इतना ही नहीं ऐप की मदद से आप राजस्थान से जुड़ी खबरें, स्मारकों पर लगने वाली फीस, राज्य के अन्य नए टूरिस्ट पॉइंट, होटल-रिसोर्ट के साथ ही आप यहां पहुंचने के बाद अपने घूमने के दिन का पूर�� प्लान पहले से बना सकते हैं। आप नीचे दिए गए लिंक https://play.google.com/store/apps/details?id=com.rajasthantourism.rtdc पर क्लिक करके ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।
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शादी में शुगन के लिए गोली चलायी, युवक की मौत
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भीलवाड़ा में एसीबी का एक्सइएन दफ्तर पर छापा, तीन लाख रुपये बरामद
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अग्निपथ स्कीम: कांग्रेस के धरने में युवक ने योजना के फायदे गिनाये तो पीट डाला, भागकर बचाई जान
अग्निपथ स्कीम: कांग्रेस के धरने में युवक ने योजना के फायदे गिनाये तो पीट डाला, भागकर बचाई जान
कृष्ण शेखावत.
झुंझुनूं. अग्निपथ स्कीम (Agnipath scheme) के खिलाफ कांग्रेस की ओर से सोमवार को प्रदेशभर में किये गये धरने प्रदर्शन के दौरान झुंझुनूं में लात-घूंसे चल गए. यहां कांग्रेस का धरना चल रहा था. उसी दौरान वहां एक युवक आया और उसने भी स्कीम को लेकर अपनी बात रखने की अनुमति मांगी. कांग्रेस नेताओं (Congress Leaders) ने उसे परमिशन देकर माइक संभलवा दिया. उस युवक ने वहां अग्निपथ स्कीम के फायदे…
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मूल्यांकन: निजी स्कूलों द्वारा जबरन फीस वसूली का विरोध रेज में अजमेर शहर महिला कांग्रेस ने निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से जबरन फीस वसूलने का विरोध करते हुए आज यहां जिला कलेक्टर से भेंट कर शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हैं। शहर की महिला कांग्रेस की ... Source link
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राजस्थान के मंत्री का दावा, योगी सरकार ने 500 बसों को नहीं दी एंट्री रेटेड के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने को दावा किया कि 500 निजी बसों का इंतजाम कर राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश में उनके घर भेजने का प्रयास कर रही थी, लेकिन वहाँ की योगी ...। Image Source link
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भाषाई और क्षेत्रीय पत्रकारिता पर देना होगा ध्यान: प्रो. के. जी. सुरेश
निष्पक्ष और देश-हित की पत्रकारिता आज की सबसे बड़ी ज़रुरत: प्रो.कृपा शंकर चौबे
पाठकों, श्रोताओं और दर्शकों को करना होगा पक्षपाती मीडिया का बहिष्कार: प्रो. अनिल कुमार उपाध्याय
स्वंत्र पत्रकारिता के लिए कोआपरेटिव सोसाइटी की ज़रुरत: डॉ. अशोक कुमार गदिया
मास मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग मेवाड़ विश्वविद्यालय चित्तौड़गढ़ राजस्थान तथा पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय सासाराम बिहार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हिन्दी पत्रकारिता की वर्तमान चुनौतियाँ एवं भावी दिशा विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेब-संगोष्ठी के पहले दीन कवरेज़ समाचार-पत्रों में।
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होम लाइब्रेरी, ताकि राजस्थान के भील बच्चों में शिक्षा की संस्कृति बनी रहे। कोरोना महामारी गृह पुस्तकालय राजस्थान भील सामुदायिक शिक्षा संस्कृति पुस्तकालय शेरिश खरे नोडकम | - हिन्दी में समाचार
होम लाइब्रेरी, ताकि राजस्थान के भील बच्चों में शिक्षा की संस्कृति बनी रहे। कोरोना महामारी गृह पुस्तकालय राजस्थान भील सामुदायिक शिक्षा संस्कृति पुस्तकालय शेरिश खरे नोडकम | – हिन्दी में समाचार
कोरोना महामारी में जहां ग्रामीण भारत में कई बच्चे स्कूल और ऑनलाइन शिक्षा से कट गए हैं और बुनियादी शिक्षा तक से वंचित हो गए हैं, वहीं दक्षिणी राजस्थान के सुदूर भील आदिवासी-बहुल गांवों में दो दर्जन से अधिक गांवों तक पहुंचना मुश्किल है. जहां पुस्तक प्रेमी थे। छोटे बच्चों को शिक्षा की संस्कृति से जोड़े रखने के लिए सरकारी स्कूलों से पुस्तकालय की अवधारणा को हटाते हुए बाल गृहों में पुस्तकालय स्थापित…
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