اپـنــــے ســولـہ سِــنــگار کـا اُس نے
رات مـجھ سـے خـراج مانــگا تھــا
अपने सोलह सिंगार का उसने
रात मुझसे ख़राज* मांगा था.
~ खराज= *लगान, टैक्स
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तीन गुनो लगान देनो पडोगो
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Jamshedpur administration meeting : जमशेदपुर के उपायुक्त ने की राजस्व संग्रहण, दाखिल खारिज, भू लगान, म्यूटेशन, भूमि सीमांकन आदि की समीक्षा बैठक, निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप राजस्व संग्रहण, अंचल कार्यालयों में लंबित आवेदनों पर समयबद्ध कार्रवाई के दिए निर्देश
जमशेदपुर : जमशेदपुर के डीसी ऑफिस में उपायुक्त अनन्य मित्तल द्वारा विभिन्न विभागों द्वारा राजस्व संग्रहण, भू लगान, म्यूटेशन, भूमि सीमांकन, अवैध जमाबंदी सहित अन्य विषयों की विस्तृत समीक्षा की गई. बैठक में सभी अंचल अधिकारी को म्यूटेशन के 30-90 दिनों वाले कुल लंबित 757 आवेदनों को त्वरित रूप से निष्पादन का निदेश दिया गया. उन्होने कहा कि म्यूटेशन के आवेदनों को 30 दिनों के भीतर निष्पादित करने का प्रयास…
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Shaadi, Naukri, 99acres... प्ले स्टोर से हटे करीब एक दर्जन ऐप, संस्थापकों ने गूगल की 'दादागिरी' करार दिया!
नई दिल्ली: गूगल ने कई दिग्गज ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है। इनमें Shaadi, Naukri, 99acres, STAGEdotin और Matrimony सहित करीब एक दर्जन ऐप शामिल हैं। गूगल के इस एक्शन पर संस्थापकों की तीखी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने गूगल के इस तरह से उनके ऐप को हटाने पर ताज्जुब जाहिर किया है। Shaadi के संस्थापक अनुपम मित्तल ने आज को भारतीय इंटरनेट के लिए काला दिन करार दिया है। उन्होंने गूगल को 'नई डिजिटल ईस्ट इंडिया' कंपनी बताया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गूगल ने भारतीय डेवलपर्स के उन ऐप्स को हटाने का फैसला किया है जो उसकी बिलिंग पॉलिसी का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐप्स पर एक्शन का यही कारण है। मामले में इंटरनेट और मोबाइल कंपनियों की एसोसिएशन IAMAI भी उतर आई है। उसने गूगल को सख्त एडवाइजरी जारी की है। संगठन ने गूगल से भारतीय ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाने से रोकने की अपील की है। इन्फो एज के संस्थापक संजीव बिखचंदानी ने कहा है कि ऐसा लगता है कि गूगल ने भारतीय डेवलपर्स के लिए अपनी को लागू करने के लिए यह कदम उठाया है। गूगल की ऐप पॉलिसी के खिलाफ एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद इन्फो एज के Naukri और 99acres ऐप 9 फरवरी से गूगल की ऐप पॉलिसी का पालन कर रहे थे। इसके बावजूद उन्हें गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है।
अनुपम मित्तल ने बताया काला दिन
Shaadi के अनुपम मित्तल ने कहा, आज भारतीय इंटरनेट के लिए काला दिन है। गूगल ने अपने ऐप स्टोर से प्रमुख ऐप्स को हटा दिया है। यह और बात है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है। गूगल के झूठे नैरेटिव और दुस्साहस से पता चलता है कि उसे भारत के प्रति बहुत कम सम्मान है। कोई गलती न करें। यह नई डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी है। इस लगान को रोका जाना चाहिए!
बिना चेतावनी के लिए एक्शन
डेटिंग ऐप QuackQuackin के संस्थापक और सीईओ रवि मित्तल ने कहा कि Google की ओर से ऐप को बिना किसी पूर्व चेतावनी के अचानक डीलिस्ट करने से हैरानी है। कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद गूगल की कठोर रणनीति के कारण हमारे पास उनकी मनमानी नीतियों का पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।रवि मित्तल ने कहा कि उनके ज्यादातर यूजरबेस एंड्रॉइड पर हैं। जहां प्रतिदिन 25,000 से ज्यादा डाउनलोड होते हैं। किसी भी कंपनी के लिए एंड्रॉइड इकोसिस्टम में मौजूद रहने का एकमात्र विकल्प है। यह कदम न केवल हमारे ऐप बल्कि पूरे स्टार्टअप इकोसिस्टम को खतरे में डालता है। उन्होंने भारत सरकार से हस्तक्षेप करने और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की रक्षा करने की गुहार लगाई है। http://dlvr.it/T3TtMR
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लगान फिल्म का कचरा तो आपको याद हीं होगा। इस फिरकी गेंदबाज ने हैट्रिक लेकर अंग्रेजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। इस फिल्म में कचरा का किरदार…
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Captain Miller Movie Review in hindi: धमाकेदार एक्शन से भरपूर “कैप्टन मिलर” कैसे बने धनुष बाग़ी ?
‘Captain Miller’ Review –
कैप्टन मिलर फिल्म की स्टोरीलाइन तो आप इसके ट्रेलर को देख कर काफी हद तक अंदाजा लगा सकते हैं, लेकिन बात करें अगर फिल्म की तो फिल्म में 1930 के भारत की कहानी दिखाई गई है। इस फिल्म में अंग्रेजी हुकूमत द्वारा हुई मनमानी को चित्रित किया गया है और फिल्म में धनुष एक ईमानदार क्रांतिकारी बने हैं, धनुष ने इस फिल्म में एक ऐसे व्यक्ति का रोल निभाया है, जो ब्रिटि��� सरकार से लोहा ले रहा है और उनके खिलाफ जंग लड़ता है। । फिल्म में पुलिस पर हुई बर्बता को दिखाया गया है। इस फिल्म में धनुष को कई अलग-अलग किरदारों में दिखाया गया है, और ये भी दिखाया गया है की उसके जीवन में कैसे उतार चढ़ाव आते रहते हैं।
इस फिल्म में आजादी के पहले का भारत दिखाया गया है और फिर धनुष अपने और अपने लोगों पर हुए जुल्मों का बदला कैसे लेता है,यह भी फिल्म में बखूबी दिखाया गया है। इसके अलावा वो अपना मिशन कैसे पूरा करता है ? इसके लिए आपको ये फिल्म देखनी होगी ।
जाने ‘Captain Miller’ की कहानी –
धनुष (Dhanush) की धमाकेदार एक्शन तमिल फिल्म कैप्टन मिलर सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है, फिल्म को और धानुष को लेकर लोगो में एक अलग ही बज बना हुआ है। फिल्म में एक्टर (Dhanush) एक डेंजर राउडी अंदाज में नजर आ रहे हैं। फिल्म को अरुण माथेश्वरन ने डायरेक्ट किया है। फिल्म में धनुष के साथ शिवा राजकुमार, प्रियंका मोहन,अदिति बालन समेत कई कलाकार हैं जिन्होंने फिल्म में अपना किरदार बखूबी निभाया है। फिल्म के सभी किरदारों ने अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत लिया है और हाल में सीटियों और तालियां भी आपको सुनने को मिल सकती हैं। मूवी में धनुष एक बागी बने हैं। नाम है मिलर – अंग्रेज़ सरकार ने उसके सिर पर 10,000 का ईनाम रखा होता है और वह अंग्रेज़ी अफसरों को जान से मार डालता है। वांटेड लिस्ट पर अपने खून से अपने नाम के आगे खुद ‘कैप्टन’ लिखते है धनुष। फिल्म शुरुआत से ही आपको ब्रिटिश हुकुमत की दुनिया में ले जाती है, आपको फिल्म में भरपूर एक्शन का डोज़ मिलेगा। धनुष और बाकी कलाकारों की दमदार एक्टिंग देख कर आपको फिल्म पैसा वसूल लगेगी। फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी दिलचस्प है, आपकी नज़रें स्क्रीन से हट ही नहीं पाएंगी। इंटरवल के बाद क्लाइमेक्स में गन्स के सीक्वेंस को बेहद रोचक तरीके से दिखाया गया है। अगर आप धनुष के फैन हैं तो उनकी इस फिल्म को बिल्कुल मिस ना करें।
फिल्म की सिनेमटोग्रफी फिल्म के डायरेक्टर ने इतनी बेहतरीन तरीके से किया है की फिल्म के आप जरा भी बोर नहीं होंगे। दूसरी ओर फिल्म डायरेक्टर ने फिल्म के सभी संगीतो ने कहानी को बखूबी सपोर्ट करता हुआ बनाया है। अंग्रेजों के खिलाफ जंग की कहानी देखते हुए आपको ये फिल्म कुछ सुपरहिट फिल्मो की याद दिला सकती है जैसे- लगान और र.र.र।
दोस्तों, अगर आपने Captain Miller फिल्म देख ली है तो बताइये आपको ये फिल्म आपको कैसी लगी? कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दें और जिन्होंने नहीं देखी वो जरूर देखे , ये जानकारी पसंद आई हो तो पोस्ट को शेयर करना ना भूलें, धन्यवाद |
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AR रहमान का जन्म 6 जनवरी 1966
रहमान का जन्म 6 जनवरी 1966 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता, आरके शेखर, संगीतकार थे और उन्होंने ही उन्हें संगीत का प्रेरणा स्रोत बनाया। बचपन से ही उन्होंने बहुत सारे म्यूजिकल यंत्रों को बजाना सीखा। उन्होंने हाई स्कूल में दोस्तों के साथ बैंड बनाई और फिर पढ़ाई छोड़कर म्यूजिक में करियर बनाने का फैसला किया। रहमान ने फिल्म 'रोजा' के संगीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता और उसके बाद से ही उन्होंने बॉलीवुड और हॉलीवुड की कई फिल्मों के लिए बेहतरीन संगीत तैयार किया। उन्हें दो ऑस्कर अवॉर्ड भी मिले और उन्होंने संगीत के माध्यम से 6 राष्ट्रीय पुरस्कार और कई अन्य पुरस्कार भी जीते।उन्होंने पहली फिल्म "रोजा" के लिए संगीत किया था, जिसे उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।रहमान ने अपनी काबिलियत से न केवल एक अलग पहचान बनाई, बल्कि वे दुनियाभर में बहुत पसंदीदा हो गए।उनके गाने पूरी दुनिया में सुने जाते हैं और उन्हें फिल्मों में बेहतरीन संगीत की गारंटी माना जाता है।आज उनका 57वां जन्मदिन है, जो इस महान संगीतकार के योगदान को समर्पित हैरहमान ने हाई स्कूल के दोस्तों ���े साथ एक बैंड बनाई और बाद में पढ़ाई छोड़कर म्यूजिक में अपना पूरा ध्यान देने का फैसला किया। उन्होंने बॉलीवुड और हॉलीवुड दोनों में संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने 'रोजा', 'रंगीला', 'लगान', 'ताल', 'स्वदेस', 'रॉकस्टार' जैसी कई फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया है, जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं। उन्हें तीन ऑस्कर अवॉर्ड और ग्रैमी अवॉर्ड समेत कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
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कई सभ्यता व संस्कृतियों का इतिहास समेटे हुए पर्यावरणीय एवं पर्यटनीय महत्व का विख्यात तीर्थस्थल जिगना धाम
सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिला में इटवा तहसील मुख्यालय से उत्तर दिशा में मात्र 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित विख्यात तीर्थस्थल जिगना धाम कई सभ्यता व संस्कृतियों का इतिहास समेटे हुए पर्यावरणीय एवं पर्यटनीय महत्व रखता है। यहां लक्ष्मी नारायण मन्दिर परिसर में प्रत्येक वर्ष अगहन शुक्ल पक्ष पंचमी को रामविवाह उत्सव का आयोजन होता है।
विख्यात तीर्थस्थल जिगना धाम-
आज 16 दिसम्बर 2023 को धनुष यज्ञ तथा 17 दिसम्बर 2023 को रामविवाह उत्सव का आयोजन होगा। इस अवसर पर एक बड़ा मेला लगता है। जो सप्ताह भर चलता है। इसमें जिला जेवार के श्रद्धालुओं के अलावा नेपाल राष्ट्र के तराई क्षेत्र के लोग भी आते हैं। यह दो देशों के भाइचारे को स्थापित करता है। मेले में दूर-दूर के व्यापारी, सर्कस, थिएटर आदि आते हैं। यह मेला एक सप्ताह तक चलेगा।
राष्ट्रीय एकता, अखण्डता का मिसाल-
आज भी यह राष्ट्रीय एकता अखण्डता और भाईचारे का जीता जागता मिसाल है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण यही है कि यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान का दर्शन कर आशीर्वाद तो प्राप्त करते ही हैं, साथ में महंत बाबा विजय दास के उदार हृदय और आदर सत्कार से प्रभावित हुए बिना नहीं जा सकता है। यही सच्ची मानवता है।
जिगना धाम की मान्यताएं-
दंत कथाओं के अनुसार जगन्नाथ धाम को वशिष्ठ जी ने बसाकर भरद्वाज ऋषि को दे दिया था। जिसका अपभ्रंश में नाम बदलकर जिगना धाम हो गया है। यहां कई सौ साल पुराना एक श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर है। यहां श्रद्धालु नतमस्तक होकर श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं और झोली भरके अपनी मुरादें ले जाते हैं।
यहां के पूर्व व्यवस्थापक अनन्तगो लोकवासी बाबा रामकिशोर दास ने बताया था कि किंवदन्ती है कि दिनमान कुर्मी को एक दिन स्वप्न में अमुक मूर्ति और मंदिर दिखाई पड़ी। दिव्य मूर्ति ने यह आदेश दिया कि अमुक स्थान पर मंदिर का निर्माण करो।
उन्होंने इसी स्थान पर पूजन करके मंदिर निर्माण के लिए खुदाई की और नींव रखा। नींव के दक्षिण तरफ एक मूर्ति स्वयं प्रकट हुई। मूर्ति की पूजा होती रही, मंदिर का निर्माण होता रहा। जब मंदिर बनकर तैयार हो गया तब अवतरित हुई मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने के लिए श्रद्धालु इकट्ठा हुए। इन लोगों ने देखा की मूर्ति वहां से गायब थी। यह लोग आश्चर्य में पड़ गए। इन लोगों ने जब मंदिर में देखा तो मूर्ति यहां स्वयं स्थापित मिली।
मन्दिर के ठीक सामने शंकर जी उसके बाद ब्रह्मा जी का मन्दिर है। इसके ठीक पूरब हनुमान जी और दुर्गा जी का मंदिर है। पुरातत्वविद् बताते हैं कि मंदिर परिसर के नीचे एक किला भी है।
पूर्व व्यवस्थापक अनन्तगो लोकवासी बाबा रामकिशोर दास का कहना था कि लोमश रामायण के हिंदी रूपांतरण में लिखा है कि श्री रामचंद्र जी जब सरयू नदी में विलीन होने लगे तो भक्तों ने उनसे पूछा कि अब आपका दर्शन कहां होगा ? तब श्री रामचंद्र जी ने कहा कि उत्तरायण दिशा में 13 धान्या पर श्यामशिला में चतुर्भुजी आकार में अपने समस्त शक्तियों के साथ निवास करूंगा।
इस पर बाबा रामकिशोर दास का तर्क था कि 13 धान्या 31 कोस के बराबर होता है। यह धाम अयोध्यापुरी से उत्तरायण दिशा में ठीक 31 कोस की दूरी पर स्थित है। 31 कोस के बीच में उत्तर दिशा में ऐसा धाम मिलने का अबतक कोई सबूत नहीं है।
जिगना धाम का प्रामाणिक इतिहास-
बाबा रामकिशोर दास ने बताया था कि 13 वीं सदी ईस्वी में अलाउद्दीन बादशाह के शासनकाल में यहां के महंत बाबा विष्णुदत्त थे, जो मूर्ति से वार्तालाप करते थे। इस बात की चर्चा दूर दूर तक फैली हुई थी। यही बात जब अलाउद्दीन बादशाह ने सुना तो वह अपनी सेनाओं सहित महंत और मूर्ति की वार्तालाप सुनने के लिए जिगना धाम पहुंचा और महंत जी से कहा कि आप मेरे सामने मूर्ति से वार्तालाप कीजिए।
महंत विष्णु दत्त ने मूर्ति से बातचीत करने के लिए कई बार उस को पुकारा परन्तु कोई आवाज नहीं आई। लेकिन जब आठवें बार उन्होंने कहा कि “मौन भयो बोलत केस नाहीं” तब मूर्ति से आवाज आई कि अब तू गूंगा हो जाएगा। क्योंकि अब मुझे आम आदमी के सामने बोलने पर मजबूर न होना पड़े। वह बेचारे जमीन पर गिर पड़े और उनकी जबान निकल आई।
इस वार्तालाप को देखकर अलाउद्दीन बादशाह ने 84 बीघा की बाउंड्री, 84 गांव और मंदिर को माफी दिया। 365 रुपया 50 पैसा की स्वर्ण मुद्रा प्रत्येक वर्ष मंदिर को देने का आदेश दिया। जो कि अंग्रेज शासन काल तक मिलता रहा। इसका रिकॉर्ड अब बस्ती मण्डल पुराना जिला बस्ती के रिकॉर्ड रूम में पत्रावली संख्या 4 पर दर्ज है।
आज मंदिर के पास मात्र एक बाग और 90 बीघा की जमीन बची है। इस को सरकार से कुछ मिलने के बजाए उल्टे लगान भी देना पड़ रहा है। इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए सरकार की तरफ से कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया।
जिगना धाम के महंत बाबा विजय कुमार दास-
महंत बाबा विजय कुमार दास ने “बताया कि पर्यटन निधि से फर्श इत्यादि बनाया गया है जो ऊंट के मुंह में जीरा है। अब तक यह सरकारी उपेक्षा का शिकार रहा है। मन्दिर की अस्मर्थता और सरकारी सहयोग न मिलने के कारण शुलभ शोचालय और धर्मशाला इत्यिादि का निर्माण नहीं हो पाया है। वर्तमान भाजपा सरकार तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी जी महाराज खुद एक मठाधीश हैं, जिनसे इसके उद्धार की आशा है।
विख्यात तीर्थस्थल जिगना धाम की प्राचीनता-
इस ऐतिहासिक धरोहर की देखरेख भरद्वाज महंतों को उत्तराधिकार में मिलता रहा है। इसका कोई न्यास या कमेटी अब तक नहीं बना है। आज तक इस मंदिर की सेवा अनगिनत महंत कर चुके हैं। जिसका सबूत यहां की समाधियां बता रही है।
समाधियों के पास कई सौ साल से खड़ा बट वृक्ष इसका इतिहास बता रहा है। इस वृक्ष के ठीक पूरब दिशा में एक सूर्यकुंड है। इस पर एक सुंदर घाट बना है। जिस पर लोग स्नान करते और जल चढ़ाते हैं। मंदिर के बगल में एक प्राचीन कुआं भी है जिसका स्थान आज इंडिया मार्का हैंडपम्प ने ले लिया है।
क्योंकि अब इसके जल का प्रयोग बंद है। सुंदर बागों से घिरे इस ऐतिहासिक धरोहर पर प्रत्येक वर्ष अगहन शुक्ल पक्ष पंचमी को राम विवाह उत्सव का आयोजन होता है। इस अवसर पर एक बडा मेला लगता है। आप भी एतिहासिक जिगाधाम पहुंचकर मेला का आनन्द ले सकते हैं।
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बच्चों के लिए दीपावली की सरल और आनंददायक हिंदी शुभकामनाएं
दीपावली का त्योहार हमारे देश की सभी प्रांतों के बीच मनाया जाता है। यह खुशियाँ बाँटने का दिन होता है, यह दिन अलग-अलग रंगों और दीपों के संगम का पर्व होता है। हर आयु के लोग दीपावली का त्योहार आनंद के साथ मनाते हैं, खासकर बच्चे, इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस आर्टिकल में, हम बच्चों के लिए कुछ सरल और आनंददायक हिंदी शुभकामनाएं देने वाले हैं, जो दीपावली के मौके पर उनके चेहरे पर एक मुस्कान ला सकती हैं।
दीपावली की चमक
दीपों की चमक, फुलझड़ियों की लोच,
बच्चों को दीपावली मुबारक हो बहुत-बहुत।
रोशन कर दे जीवन का हर पल, हमारी शुभकामनाएं संग संग।
बच्चों के लिए दीपावली बेहद खास और रोमांचक होती है। इस चमकदार वस्त्रांतर में, दीपों की चमक और फूलझड़ियों की ज्वलांत महसूस करें। इस छोटी सी शुभकामना से उनका दिल रोशन हो जाएगा।
दीपावली के रंग
रंग बिरंगी दीपावली, दिल खुश और दिल चंचल।
आगे बढ़ें जब चायल, हर खुशी मिले कुछ पल।
स्वाद हो मीठा, जीवन में हो संग, बच्चों के होठों पर मुस्कान।
दीपावली के रंगिन हिस्सों को बच्चों के लिए प्रस्तुत करते वक्त, यह शुभकामना उनकी खुशियों को बाँटने में मदद कर सकती है। बच्चों की मुस्कान को बढ़ाने के लिए साथ साथ कुमुद का स्वाद भी प्राप्त हो जाता है।
दीपों के साथ स्नेह
दीपों का ये पावन पर्व, बच्चों की दिल की लगान।
हो स्नेह भरा हर पल जीवन, इस दीपावली से आरंभ हो।
आपके दिल में बसा खुशियों का अचल, स्थायी और पावन।
यह शुभकामना बच्चों को दीपों के साथ स्नेह का हिस्सा बनाने के बारे में सिखा सकती है। इसके माध्यम से, उनकी खुशियां और भविष्य में होने वाले साफल्य की कामना की जाती है।
गुब्बारों की उड़ान
गुब्बारों की उड़ान, खुशियाँ बरसायें कहीं।
दीपावली का ये आयात हो, बच्चों को मुबारक हो सदा।
हर रोज़ नई खुशियाँ संग, बच्चों की हो जाए बहार।
इस शुभकामना के माध्यम से, गुब्बारों की उड़ान की खुशियाँ बच्चों के लिए एक नया रंग ले आती हैं। इसके साथ, उनका जीवन सतत अनुग्रह और नई खुशियों से भरा हो।
दीपावली का त्योहार बच्चों के दिलों को अधिक बेहतर बनाने का अवसर प्रदान करता है। अपने बच्चों के चेहरों को रोशन करने के लिए, इन आनंददायक शुभकामनाओं को इस दीपावली पर प्रयोग करें। शुभ दीपावली!
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अक्षय कुमार की नई फ़िल्म 'मिशन रानीगंज' के बारे में चर्चा
कोई 22 साल पहले रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘लगान’ अगर याद हो तो उसकी कहानी का मूल तत्व यही रहा कि एक विकट परिस्थिति के सामने कैसे अलग-अलग सोच वाले लोग एक विपदा को टालने एकजुट होते हैं और तयशुदा हार को जीत में बदल देते हैं। जीवन के संघर्ष की ऐसी ही कुछ कहानी है फ़िल्म ‘मिशन रानीगंज’ की।
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Regional Marathi Text Bulletin, Aurangabad
Date: 02 August 2023
Time 01.00 to 01.05 PM
Language Marathi
आकाशवाणी औरंगाबाद
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक : ०२ ऑगस्ट २०२३ दुपारी १.०० वा.
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अनुवांशिक रक्तदोषामुळं होणाऱ्या हेमोफेलिया या आजारावरच्या उपचारांसाठी राज्यातल्या सर्व ३६ जिल्ह्यांत, जिल्हा शासकीय रुग्णालयांमध्ये `डे केअर` केंद्र सुरू करण्याची घोषणा आरोग्य मंत्री तानाजी सावंत यांनी आज विधानपरिषदेत केली. भारतीय जनता पक्षाच्या उमा खापरे यांनी मांडलेल्या लक्षवेधीला ते उत्तर देत होते. सध्या राज्यातल्या नऊ जिल्ह्यांत हेमोफेलिया या आजारावरची उपचार केंद्रं आहेत. भविष्यात सर्वच जिल्ह्यात ही केंद्रं होतील आणि या केंद्रांमध्ये डॉक्टर, प्रशिक्षित कर्मचारी आणि प्रशिक्षणासाठी पथक उपलब्ध करुन देण्यात येईल आणि राज्यभरात या आजारासाठी राज्यव्यापी सर्वेक्षण हाती घेण्यात येईल, असं मंत्री सावंत यांनी सांगितलं. केंद्र सरकारकडून गेल्या वर्षी या आजारासाठी २७ कोटी रुपये तर या वर्षासाठी ५५ कोटी रुपयांचा निधी उपलब्ध झाला असल्याची माहितीही आरोग्यमंत्र्यांनी यावेळी दिली.
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राज्यातल्या सर्व शासकीय बांधकामांसाठी केवळ दगडातून तयार केलेली वाळूच वापरण्याचं बंधन घालण्याचं धोरण जाहीर केलं जाईल अशी माहिती महसूल मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील यांनी आज विधानसभेत प्रश्नोत्तराच्या तासात दिली. याबाबतचा प्रश्न प्रशांत बंब यांनी उपस्थित केला होता. अनेक अडचणींमुळं सरकारनं आणलेलं वाळू धोरण सुरळीत होण्यासाठी वेळ लागत आहे असं मंत्री विखे पाटील यांनी सांगितलं. राज्यात २८ लाख ४७ हजार ब्रास वाळू उपलब्ध करुन देण्याचा राज्यशासनाचा प्रयत्न आहे अशी माहिती त्यांनी यावेळी दिली.
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प्रसिद्ध कला दिग्दर्शक नितीन देसाई यांनी आत्महत्या केली आहे. रायगड जिल्ह्यातल्या कर्जत इथल्या आपल्या एन. डी. स्टुडिओतच त्यांनी आपलं जीवन संपवलं. ५८ वर्षांचे देसाई हे निर्माते, दिग्दर्शक, अभिनेतेही होते. त्यांच्या आत्महत्येचं कारण अद्याप स्पष्ट झालेलं नाही. परिंदा, डॉन, लगान, देवदास, खामोशी, जोधा अकबर, हम दिल दे चुके सनम, अशा गाजलेल्या चित्रपटांचं कला दिग्दर्शन तर बालगंधर्व या मराठी चित्रपटांची निर्मीतीही त्यांनी केली आहे. नितीन देसाई यांना चार वेळा सर्वोत्कृष्ट कला दिग्दर्शनासाठी राष्ट्रीय चित्रपट पुरस्कार मिळाला आहे, तर तीन वेळा सर्वोत्कृष्ट कला दिग्दर्शनाचा फिल्मफेअर पुरस्कारही मिळाला आहे.
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महिला सशक्तीकरण या विषयावर जी २० अंतर्गत मंत्रीस्तरीय परिषद आजपासून गुजरातच्या गांधीनगर इथं होत आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या दूरदृष्य प्रणाली संदेशाद्वारे परिषदेला प्रारंभ होत आहे. या तीन दिवसीय संमेलनाच्या अध्यक्षस्थानी महिला आणि बालविकास मंत्री स्मृती इराणी आहेत. पिढ्यांतर्गत परिवर्तनाच्या प्रमुख म्हणून महिलांच्या नेतृत्वाचा समावेशक विकास हा या मंत्रीस्तरीय जी २० परिषदेचा विषय आहे.
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नैसर्गिक आपत्तीमुळं होणाऱ्या शेतीच्या नुकसानीचे वेळेत, अचूक आणि गतीनं पंचनामे होण्यासाठी नागपूर विभागात प्रथमच प्रायोगिक तत्वावर ‘ई-पंचनामे’ पद्धत राबवण्यात येत आहे. देशात तसंच राज्यात अशा प्रकारचा हा पहिलाच प्रयोग आहे. ई-पंचनाम्यामुळं शेतकऱ्यांना तातडीनं मदत देणं शक्य होणार आहे. नागपूर विभागातल्या नुकसानीचे हे ई- पंचनामे येत्या शनिवारपर्यंत पूर्ण करण्यात येणार असल्याची माहिती, विभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी यांनी दिली.
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पुणे जिल्ह्यातील इंदापूर तालुक्यामध्ये म्हसोबावाडी इथं विहिरीचं काम सुरू असताना मुरुम ढासळून त्याखाली चार मजूर गाडले गेले आहेत. काल रात्री नऊ वाजेच्या सुमारास ही दुर्घटना घडल्याची माहिती पोलिसांनी दिली आहे.
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नंदुरबार शहर पोलीसांनी दुचाकी, मोबाईल चोरी करणाऱ्या दोघांना अटक करुन त्यांच्याकडून चोरीच्या १५ दुचाकी, सहा मोबाईल जप्त केले आहेत. गेल्या काही दिवसांपासून नंदुरबार परिसरात दुचाकी चोरीच्या घटनांमध्ये वाढ झाली होती. त्यावरुन नंदुरबार पोलीसांनी सापळा रचून या दोन चोरांना अटक केली आहे. जप्त करण्यात आलेल्या दुचाकींची किंमत सुमारे दहा लाख ३४ हजार रुपये असल्याचं पोलिसांनी म्हटलं आहे.
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भारत आणि वेस्ट इंडिज दरम्यान उद्या पाच सामन्यांच्या टी ट्वेंटी मालिकेतला पहिला सामना त्रिनिदाद इथं होणार आहे. भारतीय प्रमाण वेळेनुसार रात्री आठ वाजता सामना सुरु होईल. दुसरा सामना येत्या रविवारी तर तिसरा सामना येत्या मंगळवारी- आठ तारखेला होईल. या मालिकेतले अंतिम दोन सामने अमेरिकेतल्या फ्लोरिडामध्ये येत्या १२ आणि १३ तारखेला होणार आहेत.
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deoghar dc review- उपायुक्त ने की भू-अर्जन व भू-हस्तांतरण संबंधित विभागीय समीक्षा बैठक, जिला व अंचल स्तर के अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा निर्देश, जमीन का म्यूटेशन दाखिल-खारिज, लगान रसीद से जुड़े कार्यों को ससमय करे निष्पादित
देवघर: देवघर के उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी विशाल सागर की अध्यक्षता में जिला अन्तर्गत भू-अर्जन से संबंधित कार्यों की समीक्षा बैठक का आयोजन 11 जनवरी को समाहरणालय सभागार में किया गया. इस दौरान उपायुक्त ने देवघर जिला अन्तर्गत चल रहे व लंबित भू अर्जन से संबंधित कार्यों की बिन्दुआर समीक्षा करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों व कार्यपालक अभियंता को कड़े शब्दों में निदेशित करते हुए कहा कि भू अर्जन से…
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Gracy Singh Birthday : Wishes from Pradip Madgaonkar
‘लगान’ की ‘गौरी’ को लोग कहने लगे थे ‘घमंडी’, फिल्में न मिलने पर टीवी की ‘संतोषी मां’ बनकर की वापसी.
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Gracy Singh Birthday : Wishes from Bandya Mama
‘लगान’ की ‘गौरी’ को लोग कहने लगे थे ‘घमंडी’, फिल्में न मिलने पर टीवी की ‘संतोषी मां’ बनकर की वापसी.
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