Tumgik
#विधानसभा चुनाव 2022
jansamachar · 2 years
Text
विधानसभा चुनाव 2022 : गुजरात में भाजपा, हिमाचल में कांग्रेस
विधानसभा चुनाव 2022 : गुजरात में भाजपा, हिमाचल में कांग्रेस
विधानसभा चुनाव 2022 परिणाम : गुजरात विधानसभा चुनाव में अब तक घोषित 180 नतीजों में से 154 सीटें भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में गए हैं, जबकि 2 सीटों पर उसकी बढत बनी हुई है। कांग्रेस को मात्र 17 सीटें मिली हैं । आम आदमी पार्टी ने 5 सीटें जीत कर राज्‍य में खाता खोला है। समाजवादी पार्टी को एक सीट मिली है। तीन सीटें निर्दलीय उम्‍मीदवारों ने जीती हैं।मत गणना में मत प्रतिशत निम्न रहा :आप…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
trendingwatch · 2 years
Text
जब गुजरात में कांग्रेस की बादशाहत थी: यहां देखें उस ग्रैंड ओल्ड पार्टी का रिकॉर्ड जिसे बीजेपी ने अभी तक नहीं तोड़ा है
जब गुजरात में कांग्रेस की बादशाहत थी: यहां देखें उस ग्रैंड ओल्ड पार्टी का रिकॉर्ड जिसे बीजेपी ने अभी तक नहीं तोड़ा है
कांग्रेस ने 1985 के गुजरात चुनाव में 149 सीटों और 55.55 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की। यह राज्य में एक रिकॉर्ड बना हुआ है, और यहां तक ​​कि भारतीय जनता पार्टी, जो लगभग तीन दशकों से सत्ता में है, ने भी इसका मुकाबला नहीं किया है, जैसा कि News18 द्वारा चुनाव आयोग के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। कांग्रेस इकलौती ऐसी पार्टी है जिसने राज्य में तीन बार 140 या उससे ज्यादा सीटें जीती हैं. इसने…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
mwsnewshindi · 2 years
Text
केवल 2 जीत के साथ हिमाचल प्रदेश में 'रॉयल्स' ने खोया अपना जलवा
केवल 2 जीत के साथ हिमाचल प्रदेश में ‘रॉयल्स’ ने खोया अपना जलवा
वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह, जो पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं, शिमला ग्रामीण से जीते हैं। शिमला: कभी राजनीति में अपनी जगह बनाने वाले हिमाचल प्रदेश के पूर्व शाही परिवार अपना आकर्षण खो रहे हैं क्योंकि उनमें से केवल दो ने इस बार पहाड़ी राज्य में जीत हासिल की है जबकि दो अन्य चुनाव में हार गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह, जो रामपुर बुशहर के पूर्व…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
lok-shakti · 2 years
Text
Rampur By-Poll Result: कोर्ट से चुनावी मैदान तक, आजम के लिए 'आकाश' जैसी चुनौती... ढह गया रामपुर का किला
Rampur By-Poll Result: कोर्ट से चुनावी मैदान तक, आजम के लिए ‘आकाश’ जैसी चुनौती… ढह गया रामपुर का किला
रामपुर: आकाश सक्सेना हनी ने आजम खान का खेल बिगाड़ दिया है। रामपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने आजम खान के उम्मीदवार मोहम्मद असिम रजा को हरा दिया है। यह सीट काफी उलटफेर वाले परिणामों के रूप में दिनभर चर्चा में रही पहले दो चरणों में भाजपा के आकाश सक्सेना आगे बढ़ते दिखे। तीसरे चरण में असिम रजा ने बढ़त बना ली। इसके बाद 19वें चरण तक असिम रजा ने बढ़त बनाए रखी। हालांकि,…
View On WordPress
0 notes
news-trust-india · 2 years
Text
Gujarat Election 2022 Voting: गुजरात में पहले चरण के लिए 89 सीटों पर मतदान जारी
Gujarat Election 2022 Voting: गुजरात में पहले चरण के लिए 89 सीटों पर मतदान जारी
Gujarat Election 2022 Voting: गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान जारी है। राज्य की 89 विधानसभा सीटों पर गुरुवार सुबह 8 बजे वोटिंग शुरू हो गई थी। पहले घंटे में लगभग पांच फीसदी मतदान दर्ज किया जा चुका था, जबकि सुबह 11 बजे तक 18.95 फीसदी मतदान हुआ। कई पोल���ंग बूथ पर सुबह से ही मतदाताओं की लाइन लगनी शुरू हो गई थी। अभी भी पोलिंग बूथ के बाहर लोग अपनी-अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। गुजरात के…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
Text
भीम आर्मी ने खतौली विधानसभा उपचुनाव में आरएलडी गठबंधन प्रत्याशी को दिया समर्थन
भीम आर्मी ने खतौली विधानसभा उपचुनाव में आरएलडी गठबंधन प्रत्याशी को दिया समर्थन
आज नई दिल्ली में श्री चन्द्रशेखर ने चौधरी जयंत सिंह से मुलाकात की। नई दिल्ली: आज भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने आरएलडी अध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी से दिल्ली में मुलाकात की। चंद्रशेखर आजाद ने चौधरी जयंत सिंह को संविधान की पुस्तक भेंट की। चौधरी जयंत सिंह से मिलकर चंद्रशेखर आजाद ने आरएलडी प्रत्याशी खतौली विधानसभा उपचुनाव में मदन भैया को समर्थन दिया है। भारतीय संविधान की रक्षा व सामाजिक न्याय की…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
sabkuchgyan · 2 years
Text
गुजरात की जामनगर सीट पर दिलचस्प मुकाबला, बहन नैना का मुकाबला रवींद्र जडेजा की पत्नी से
गुजरात की जामनगर सीट पर दिलचस्प मुकाबला, बहन नैना का मुकाबला रवींद्र जडेजा की पत्नी से
गुजरात चुनाव अपने आप में दिलचस्प है क्योंकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है। यही वजह है कि पूरे देश की निगाहें गुजरात चुनाव पर टिकी हैं। इन सबके बीच अब गुजरात की जामनगर सीट भी काफी चर्चा में है. इसकी वजह यहां से प्रत्याशी हैं। भाजपा ने जामनगर से क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को मैदान में उतारा है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस उनके खिलाफ रवींद्र जडेजा की बहन नैना…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
rightnewshindi · 6 days
Text
20 सितंबर को हिमाचल सचिवालय के बाहर होगा बवाल, बेरोजगारों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
20 सितंबर को हिमाचल सचिवालय के बाहर होगा बवाल, बेरोजगारों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा #news #viral #trending #update #newspaper #breakingnews #currentaffairs #dailynews #newsletter #newspapers #newsupdate #People #Media #info #Journalism #Press
Himachal Pradesh News Today: हिमाचल प्रदेश में साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बेरोजगारी और भर्ती पेपर लीक एक बड़ा मुद्दा था. कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले बेरोजगार युवाओं को पांच लाख रोजगार देने का वादा किया था. कांग्रेस ��े इस वादे के बाद उनके सत्ता में आने से राज्य के बेरोजगार युवाओं के मन में आस जगी थी. अब बेरोजगार युवा ही राज्य सरकार से नाराज हो गए हैं. हिमाचल प्रदेश में युवा बेरोजगार…
0 notes
dainiksamachar · 4 months
Text
यूपी में मायावती शून्य, क्या दलित राजनीति का हो रहा है अंत? एग्जिट पोल के आंकड़ों ने दे दिया बड़ा संकेत
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल का परिणाम सामने आया है। इसमें तमाम राजनीतिक दलों के चुनाव परिणाम से संबंधित सर्वेक्षण रिपोर्ट आए हैं। चुनावी सर्वेक्षणों में एक आम बात दिख रही है, वह है बहुजन समाज पार्टी को खाता न खुलना। दरअसल, 10 साल बाद एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी के सामने उत्तर प्रदेश में शून्य पर सिमटने जैसी नौबत बनती दिख रही है। लोकसभा चुनाव 2014 में बहुजन समाज पार्टी खाता नहीं खोल पाई थी। मोदी लहर में यूपी की 80 में से 73 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी। वहीं, सपा 5 और कांग्रेस 2 सीटों पर जीती थी। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा ने प्रदेश की 403 सीटों में से केवल 1 सीट पर जीत दर्ज की। हालांकि, उसका वोट शेयर 12.9 फीसदी था, जो यूपी में जाटव वोट बैंक के आसपास था। यूपी में दलितों की आबादी 21 फीसदी के करीब है। इसमें जाटव वोटरों का शेयर करीब 13 फीसदी है।यूपी चुनाव 2022 में बसपा का सबसे कम वोट शेयरों में से एक था। लोकसभा चुनाव में जब बसपा को यूपी में एक भी सीट नहीं मिली ���ी, तब उसका वोट शेयर 19.77 फीसदी था। 2017 के विधानसभा चुनावों में जब उसने 19 सीटें जीतीं, तो उसे 22.23 फीसदी वोट मिले। लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा ने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने आगे बढ़कर के साथ चुनावी गठबंधन किया था। हालांकि, अब मायावती दलित पॉलिटिक्स पर अपनी पकड़ को उस स्तर पर बनाए रखने में कामयाब होती नहीं दिख रही हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा का वोट शेयर 2022 के भी नीचे जाने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। राजनीतिक जमीन गंवा रहीं मायावती चुनाव सर्वेक्षण रिपोर्ट इस बात की तरफ इशारा कर रहे हैं कि मायावती अपनी दलित राजनीति की जमीन को गंवा रही हैं। यूपी की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर खाता नहीं खोल पाने की स्थिति में खड़ी दिख रही। वहीं, बसपा के कैडर वोटों का बंटवारा एनडीए और इंडिया के बीच होता दिख रहा है। बहुजन समाज पार्टी के वोट बैंक पर समाजवादी पार्टी और भाजपा कब्जा जमाती दिख रही है। खाद्यान्न योजना के तहत 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज वितरण ने दलित वर्ग में बड़ा असर दिखाया है। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की इस योजना को गरीब तबके में बड़ा प्रभाव डाला है। बदले समीकरणों ने डाला है असर कैडर वोट बैंक को बचाने के लिए बसपा की ओर से कोई ठोस प्रयास नहीं हो पाया। भाजपा की योजना ने असर डाला। यही वजह रही थी कि बसपा के युवा नेता आकाश आनंद ने भाजपा सरकार की खाद्यान्न योजना पर तगड़ा हमला बोला। यूपी चुनाव 2022 के दौरान खाद्यान्न योजना का यह असर दिखा था कि बसपा के कैडर भाजपा की तरफ शिफ्ट होते दिखे। लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी ने दलित वोटों के शिफ्ट होने को देखते हुए अपने माय(मुस्लिम+यादव) समीकरण को बदलकर पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए समीकरण के रूप में परिभाषित करना शुरू किया। पार्टी की नजर दलित राजनीति को अपने पाले में लाने की रही। इसमें सबसे बड़ा झटका मायावती को लगता दिख रहा है। http://dlvr.it/T7j3jc
0 notes
trendingwatch · 2 years
Text
गुजरात के चार गांवों ने विकास की कमी को लेकर मतदान का बहिष्कार किया
गुजरात के चार गांवों ने विकास की कमी को लेकर मतदान का बहिष्कार किया
गुजरात के मेहसाणा जिले के चार गांवों के मतदाताओं ने कहा कि वे चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं क्योंकि उनके क्षेत्रों में कोई विकास नहीं हुआ है। बेचाराजी तालुका बरियाफ गांव और खेरालू तालुका के तीन गांवों ने सोमवार को दावा किया कि उनके मुद्दे दशकों से अनसुलझे हैं और इसलिए वे मतदान अभ्यास में भाग नहीं ले रहे हैं। दोपहर 1 बजे तक इन चारों गांवों में एक भी वोट नहीं पड़ा। बरियाफ गांव के सरपंच राजू पटेल ने…
View On WordPress
0 notes
mwsnewshindi · 2 years
Text
हिमाचल में प्रचार करेंगे राहुल गांधी: सूत्र
हिमाचल में प्रचार करेंगे राहुल गांधी: सूत्र
राहुल गांधी हिमाचल अभियान के लिए भारत जोड़ी यात्रा से ब्रेक लेंगे। शिमला: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शनिवार को होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए मंगलवार को हिमाचल प्रदेश का दौरा करेंगे। सूत्रों ने कहा कि श्री गांधी पहाड़ी राज्य में प्रचार करने के लिए कांग्रेस की भारत जोड़ी यात्रा (एकजुट भारत मार्च) को एक दिन के लिए छोड़ देंगे। श्री गांधी को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है कि वह गुजरात…
View On WordPress
0 notes
lok-shakti · 2 years
Text
UP Byelection LIVE: मैनपुरी, रामपुर और खतौली उपचुनाव... यूपी की सियासत में किसके नाम का बजेगा डंका, देखिए हर अपडेट
UP Byelection LIVE: मैनपुरी, रामपुर और खतौली उपचुनाव… यूपी की सियासत में किसके नाम का बजेगा डंका, देखिए हर अपडेट
खतौली में बीजेपी और गठबंधन ने लगाया जोर विक्रम सैनी को हेट स्पीच के मामले में 2 वर्ष की सजा होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गयी थी, जिसके चलते खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा की गयी थी। भाजपा ने विक्रम सैनी की ही पत्नी राजकुमारी सैनी को अपना प्रत्याशी बनाया, जबकि गठबंधन ने मदन भैया को इस चुनाव में उतारा। हालांकि इस सीट पर कुल 13 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था, लेकिन मुकाबला…
View On WordPress
0 notes
rajasthan-serv · 5 months
Text
पेपर लीक
पेपर लीक के दानव को भजन लाल सरकार ने किया बेअसर
Tumblr media
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने पेपर लीक रोकथाम हेतु SIT की गठित, मिस्टर सीएम भजनलाल सर के साथ पुलिस अधिकारियों का फोटो
राजस्थान में पेपर लीक पिछली सरकार के समय एक गंभीर समस्या बन गया था। पिछले पिछले 10 सालों की बात करें तो आरएएस, एलडीसी, कांस्टेबल सहित कई भर्तियों में या तो पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद्द की गई या फिर सवालों में गफलत के चलते परीक्षाएं निरस्त हो गईं। कुछ वर्षों में राजस्थान में रीट परीक्षा 2022, पटवारी परीक्षा 2023, राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023 जैसी 17 सरकारी परीक्षाओं के पेपर एक के बाद एक लीक हुए, जिनसे न सिर्फ शिक्षा प्रणाली कमजोर हुई बल्कि सरकारी सिस्टम से छात्रों का विश्वास भी डगमगाया। पेपर लीक होने से परीक्षा की विश्वसनीयता कम हुई, युवाओं ने परीक्षा के परिणामों पर भरोसा करना बंद कर दिया, उन्हें लगने लगा कि यह निष्पक्ष नहीं हैं। इन त्रास्द हालातों ने कड़ी मेहनत कर प्रतियोगिता की तैयारी करने वाले छात्रों में मानसिक तनाव भर दिया। उनका मनोबल गिरा, उनका खुद से आत्मविश्वास उठ गया। कई महीनों तक पेपर लीक की घटना को लेकर छात्रों ने शहीद स्मारक पर धरना दिया लेकिन पूर्ववर्ती सरकार टाल मटोल वाला रुख अपनाए रही। परन्तु मिस्टर सीएम भजनलाल सर ने सत्ता में आते ही इसे सीरियस मैटर मानते हुए इस पर 5D फोकस के साथ निर्णय लिए और SIT गठित की।
सरकार बनते ही पेपर लीक पर लिए अहम निर्णय
Tumblr media
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शपथ ग्रहण की और अगले ही दिन SIT लागू की
इस बीच, राज्य में पेपर लीक के मामलों ने सियासत को गरमा दिया। बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार को घेरती रही पेपर लीक की जांच एसआईटी को सौंपने की मांग करती रही। उसने छात्रों की मांग उठाने के लिए कई आंदोलन किए, विधानसभा का घेराव किया, यहां तक की बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं ने गिरफ्तारियां दी और लाठियां खाईं। मगर कांग्रेस सरकार के सिर जूं तक ना रेंगी। आनन फानन में पेपर लीक पर कानून तो बना दिया गया लेकिन इस अपराध को अंजाम देने वालों जांच कराने में कांग्रेस की गहलोत सरकार का रवैया बेहद लचर रहा। पेपर लीक में अपने मंत्री और सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका के चलते कांग्रेस ने मामले पर कड़ा एक्शन लेना ज़रूरी ही नहीं समझा। परन्तु सीएम भजनलाल सर ने पेपर लीक को महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए इसके सम्बन्ध में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। शपथ ग्रहण के अगले ही दिन से SIT पर कार्य शुरू हो चुका था।
अपना वादा निभाने की दिशा में बढ़ाए कदम
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की
विधानसभा 2023 के चुनाव बाद जब बीजेपी सत्ता में आई तो उसने छात्रों से किया पेपर लीक रोकने का अपना वादा निभाने की दिशा में कदम बढ़ाए। पेपर लीक प्रकरणों के विरुद्ध प्रभावी कदम उनके 5D फोकस मॉडल के प्रमुख कार्यों में से एक है। बीजेपी से मुख्यमंत्री चुने गए भजनलाल शर्मा ने सरकार फार्म होते ही सबसे पहले जो निर्णय राजस्थान की जनता के लिए किये उनमें पेपर लीक रोकने के लिए एसआईटी के गठन का फैसला सबसे ऊपर था। मिस्टर सीएम भजनलाल ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर पेपर लीक की जांच सीबीआई से भी कराई जाएगी। इतना ही नहीं भजन सरकार ने पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कसने के साथ ही उनके घरों पर बुलडोजर कार्रवाई को अंजाम दिया। इस बेहद गंभीर मामले पर सख्ती दिखाते हुए आजादी के 75 वर्ष बाद पहली बार मोदी सरकार ने सदन में पब्लिक एग्जामिनेशन बिल पास कराया। इससे पहले पेपर लीक जैसे अपराध पर कभी देश के भविष्य को नुकसान पहुंचाने वालों को सजा देने के लिए कानून बनाने की किसी ने नहीं सोची थी।
पहली ही शुरुआत में दो सफल परीक्षाओं का संचालन
पेपर लीक रोकथाम हेतु मिस्टर सीएम सर के प्रयासों की हुई सराहना और जनता ने व्यक्त किया आभार
भजन सरकार पेपर लीक को खत्म करने के लिए कितनी गंभीर है इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार बनने के पहले ही महीने में आयोजित सहायक आचार्य शारीरिक शिक्षक और लाइब्रेरियन की भर्ती परीक्षा बिना पेपर लीक के संपन्न हुईं। इससे पहले भर्ती परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर सीएम सर पर खासा दबाव था लेकिन जिस तरह से उन्होंने इतने कम समय में 5D फोकस के साथ सरकारी सिस्टम के पेंच कसे और परीक्षा में लापरवाही के खिलाफ सख्ती दिखाई वह उनका बेहद सराहनीय प्रयास था। परीक्षा के पहले केंद्रों की सुरक्षा से लेकर परीक्षा प्रणाली में सुधार और पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उन्होंने न सिर्फ युवाओं के सामने बल्कि राजनीतिक दलों के सामने भी अपनी प्रतिबद्धता और निष्पक्ष अप्रोच का लोहा मनवाया।
1 note · View note
sharpbharat · 5 months
Text
jharkhand politics-जयराम महतो की बढ़ सकती है मुश्किलें, बोकारो जिला प्रशासन ने 7 मई को बुलाया, जारी की नोटिस, हो सकते है गिरफ्तार
बोकारो/रांची: गिरिडीह लोकसभा से चुनाव लड़ रहे जेबीकेएसएस प्रत्याशी जयराम महतो की मुश्किलें और बढ़ती ही जा रही है. 2 मई को उन्होंने अपना परचा भरा थी. नामांकन भरने के साथ ही वहां रांची से डीएसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम पहुंची. टीम ने जयराम महतो को गिरफ्तार करने की बात कही. उन्हें बताया गया कि 2022 में विधानसभा घेराव के दौरान उन पर एफआईआऱ दर्ज हुआ था. उसी मामले में उनकी गिरफ्तारी…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
tvsandeshbharat09 · 6 months
Text
‘सिद्धू मूसेवाला लौट आए हैं’, सिंगर की मां चरण कौर ने दिया बेटे को जन्म तो सोशल मीडिया पर गूंज उठीं दुआएं
Tumblr media
Singer In Punjab Sidhu Moosewala: पंजाब में गायक संगीतकार मूसेवाला की हत्या के करीब दो साल बाद रविवार को उनके माता-पिता ने एक बच्चे का स्वागत किया। मूसेवाले के पिता बलकौर सिंह ने अपने फेसबुक एकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा कि उन्हें मूसेवाले के छोटे भाई का आशीर्वाद मिला है. उन्होंने मूसेवाला की तस्वीर के साथ वेलकम केक के साथ बच्चे की एक तस्वीर भी पोस्ट की। मूसेवाला अपने माता-पिता – 58 वर्ष मां चरण कौर और 60 वर्ष बलकौर सिंह की इकलौती संतान थे।
आईवीएफ तकनीक से दिया बेटे को जन्म
सूत्रों ने कहा कि उनके माता-पिता ने आईवीएफ तकनीक का चयन किया था और पिछले साल इस प्रोसेस के लिए विदेश चले गए थे। परिवार ने उस समय वादा किया था कि जब तक प्रोसेस सफल नहीं होंगे, तब तक यह खबर पब्लिक नहीं होनी चाहिए।
Singer In Punjab Sidhu Moosewala चुनाव भी लड़कियाँ लड चुके हैं सिद्धू मूसेवाला
मूसेवाला, 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव में मनसा से कांग्रेस के टिकट पर दोबारा चुनाव लड़ा गया था, उसी साल 29 मई को हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड के सिलसिले लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बाराड सहित इक्कीस लोगों को नामित किया गया है और अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सबसे अमीर पंजाबी गायकों में से एक माने जाने वाले, मूसेवाला, जो जनता, युवाओं के बीच लोकप्रिय थे, ने अपने गीत लिखे और बनाए। उनकी हत्या के बाद भी उनके कई गाने रिलीज़ हुए और लाखों हिट्स दर्ज हुए।
सिद्धू की अथाह सम्पत्ति को मिला नया वारिस
सूत्र के अनुसार, परिवार ने पिछले साल इस बच्चे का प्लान आईएफएफ के नाम पर रखा था। हाल ही में चरण कौर सिंह की प्रेग्नेंसी की खबर आई और फिर चर्चा होने लगी कि वो जुड़वां बच्चों को जन्म दे रहे हैं। हालांकि, इसके बाद 60 साल के बलकौर सिंह ने परिवार से जुड़ी इस तरह की अफवाहों को गलत बताया था। बताते चलें कि 29 मई 2022 को सिद्धू मूसेवाली की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद माता-पिता बिल्कुल अकेले पड़ गए थे। सिद्धू मूसेवाली ने अपने पीछे अथाह सम्पत्ति छोड़ रखी है, अपने परिवार को बढ़ाने के लिए पैरेंट्स ने इस उम्र में इतना बड़ा फैसला लिया और फाइनली ये सच हो चुका है।
0 notes
tnnews24 · 7 months
Text
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल समाजवादी पार्टी में हुए शामिल
लखनऊ / आगरा:– पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल ने सोमवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी की साइकिल को थाम लिया। वह 2018 में भाजपा के समर्थन पर निर्विरोध जिला पंचायत का चुनाव जीते थे। इस कार्यकाल के बाद वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। बसपा ने उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में एत्मादपुर से लड़ाया था। यह चुनाव वह हार गए थे। चुनावी नतीजों के तीन महीने बाद ही बसपा ने…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes