#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
Sant Rampal Ji Maharaj
0 notes
*#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधिकबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि -
एकै साधे सब सधै, सब साधै सब जाय।
माली सीचें मूल को, फलै फूलै अघाय।।
संत रामपाल जी महाराज, सर्वसुख व पूर्णमोक्ष दायक शास्त्रानुकूल भक्ति साधना (धार्मिक अनुष्ठान) करवाते हैं, जिसके करने से साधक पितर, भूत नहीं बनता अपितु पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है तथा जो पूर्वज गलत साधना करके पित्तर भूत बने हैं, उनका भी छुटकारा हो जाता है।
0 notes