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#सूर्य ग्रहण 2022 समय
mwsnewshindi · 2 years
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भाई दूज 2022: शुभकामनाएं, उद्धरण, संदेश, एचडी इमेज, फेसबुक और व्हाट्सएप स्टेटस
भाई दूज 2022: शुभकामनाएं, उद्धरण, संदेश, एचडी इमेज, फेसबुक और व्हाट्सएप स्टेटस
छवि स्रोत: फ्रीपिक भाई दूज 2022 भाई दूज 2022: भाई दूज भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दिन सभी बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और खुशियों की कामना करती हैं। चूंकि सूर्य ग्रहण के कारण 25 अक्टूबर को कोई शुभ कार्यक्रम नहीं हो सकता है, भाई दूज 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाई दूज हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है। हमारा देश है डिजिटल हो रहा है और…
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best24news · 2 years
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Surya Grahan: इस शहर में दिखेगा सबसे कम समय, जाने भारत में सूर्य ग्रहण का समय
Surya Grahan: इस शहर में दिखेगा सबसे कम समय, जाने भारत में सूर्य ग्रहण का समय
Surya Grahan 2022 Timing: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल 2022 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले दिन यानी कि 25 अक्टूबर लग चुका है ।सूर्य ग्रहण का असर मनुष्य, पशु- पक्षी के साथ-साथ ग्रहों पर भी पड़ता है। यह सूर्य ग्रहण यूरोप,अफ्रीका के उत्तरी पूर्वी हिस्से से, पश्चिम- एशिया, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर के साथ-साथ भारत के अधिकांश हिस्सों में देखने को मिलेगा। 5G की तैयारी में जुटा…
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bhagyachakra · 2 years
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पञ्चाङ्ग :- संवत :- २०७९ दिनांक :- 08 नवम्बर 2022 सूर्योदय :- 06:37 सूर्यास्त :- 17:45 सूर्य राशि :- तुला चंद्र राशि :- मेष मास :- कार्तिक तिथि :- पूर्णिमा वार :- मंगलवार नक्षत्र :- भरणी योग :- व्यतिपात करण :- बव अयन:- दक्षिणायन पक्ष :- शुक्ल ऋतू :- शरद लाभ :- 10:47 - 12:11 अमृत:- 12:12 - 13:35 शुभ :- 14:58 - 16:22 राहु काल :- 14:58 - 16:22 जय महाकाल महाराज :- *चन्द्र ग्रहण* *कार्तिक पूर्णिमा* आज मंगलवार 8 नवम्बर 2022, कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत वर्ष में खग्रास चंद्रग्रहण के रूप में दिखेगा। *ग्रहण प्रारंभ* सायँकाल 5:32 पर होगा। *ग्रहण समाप्ति* सायँकाल 6:19 पर होगा। ग्रहण के बेध समय मे वृद्ध, बाल, अस्वस्थ को छोड़कर अन्य के लिए भोजन आदि निषेध है। ग्रहण समाप्ति के पश्चात स्नानादि से निवृत होकर पूजन-पाठ, दान आदि करें। आज का मंत्र :- ""|| ॐ नमो हनुमंते भय भंजनायय सुखं कुरु फट स्वाहा।। ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय महाकालेश्वर महाराज। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय महाकालेश्वर महाराज🌹🙏 महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 08 नवम्बर 2022 ( मंगलवार ) जय महाकालेश्वर महाराज। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/p/Ckr2mwQLe6d/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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snehagoogle · 20 days
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As the evening approached
As the evening approached, the sun started setting towards the west and the moon was also setting. At the same time, a bright object appeared in the western sky.
How does the moon rise just after the sun rises?
A new moon rises with the sun, but it's not visible from Earth because it's in the daytime sky. This is because the moon is much less bright than the sun. 
The moon's orbit around the Earth causes it to move 12–13 degrees east each day. This means that Earth has to rotate a little longer to bring the moon into view, which is why the moon rises about 50 minutes later each day. 
The moon is above the horizon for about 12 hours out of every 24, and some portion of that time is during daylight. If you look carefully, you can sometimes see the moon during the day, but it's much less bright than the sun. 
The moon goes around the earth turning in the same direction as the earth on itself and the earth around the sun. So before the eclipse, the moon will rise after the sun, “catch” it in the sky, “pass it” and set before the sun as it overtakes it in the sky.8 Feb 2022
Phases of the Moon
Museums Victoria
https://museumsvictoria.com.au › learning › little-science
... Moon is dependent on its position in relation to the Sun and Earth. The Moon rises in the east and sets in the west every day just like the Sun.
Phases of the Moon
This activity is designed to build curiosity about observable changes in the sky, with a focus on the phases of the Moon.
The person depicted in the illustrations below ventures outside at different times throughout the month and notices that the Moon looks different.
Each time the person is watching the Moon rise into the sky, but sometimes this happens during the day and other times at night. The Moon also appears to change shape over time, and this is related to when we can see the Moon in the sky.A New Moon rises above the eastern horizon at sunrise with the sun. On this day the Moon then travels across the daytime sky with the sun. A New Moon is in the daytime sky but we cannot see it from Earth.
On the day of a New Moon, the Moon is located between the Earth and the Sun. A person on Earth cannot see a New Moon because the side of the Moon that is facing Earth is not being illuminated by the Sun.
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शाम होते ही सूरज भी पश्चिम ओर ढल गए साथ साथ चंद्रमां भी ढल रही हो रही है उसी वक्त एक ऊजालों सी पिंड प्रकट हुआ उसी पश्चिमी आसमान में
सूरज की ऊगने की बाद ही चांद भी कैसे ऊग होते है
नया चाँद सूरज के साथ उगता है, लेकिन यह पृथ्वी से दिखाई नहीं देता क्योंकि यह दिन के समय आकाश में होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चाँद सूरज से बहुत कम चमकीला होता है।
पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा इसे हर दिन 12-13 डिग्री पूर्व की ओर ले जाती है। इसका मतलब है कि चंद्रमा को देखने के लिए पृथ्वी को थोड़ा अधिक घूमना पड़ता है, यही वजह है कि चाँद हर दिन लगभग 50 मिनट बाद उगता है।
हर 24 घंटों में से लगभग 12 घंटे चाँद क्षितिज से ऊपर रहता है, और उस समय का कुछ हिस्सा दिन के उजाले के दौरान होता है। अगर आप ध्यान से देखें, तो आप कभी-कभी दिन के दौरान चाँद को देख सकते हैं, लेकिन यह सूरज से बहुत कम चमकीला होता है।
चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर उसी दिशा में घूमता है जिस दिशा में पृथ्वी खुद पर और पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। इसलिए ग्रहण से पहले, चंद्रमा सूर्य के बाद उदय होगा, आकाश में उसे “पकड़ेगा”, “उसे पार करेगा” और आकाश में सूर्य के आगे निकलने से पहले अस्त हो जाएगा।8 फरवरी 2022
चंद्रमा के चरण
म्यूजियम विक्टोरिया
https://museumsvictoria.com.au › learning › little-science
... चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के संबंध में अपनी स्थिति पर निर्भर करता है। चंद्रमा सूर्य की तरह ही हर दिन पूर्व में उदय होता है और पश्चिम में अस्त होता है।
चंद्रमा के चरण
यह गतिविधि चंद्रमा के चरणों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, आकाश में देखने योग्य परिवर्तनों के बारे में जिज्ञासा पैदा करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
नीचे दिए गए चित्रों में दर्शाया गया व्यक्ति पूरे महीने में अलग-अलग समय पर बाहर निकलता है और देखता है कि चंद्रमा अलग दिखता है।
हर बार व्यक्ति चंद्रमा को आकाश में उगते हुए देख रहा होता है, लेकिन कभी-कभी यह दिन के दौरान और कभी-कभी रात में होता है। चंद्रमा भी समय के साथ आकार बदलता हुआ प्रतीत होता है, और यह इस बात से संबंधित है कि हम आकाश में चंद्रमा को कब देख सकते हैं। एक नया चंद्रमा सूर्योदय के समय सूर्य के साथ पूर्वी क्षितिज से ऊपर उगता है। इस दिन चंद्रमा फिर सूर्य के साथ दिन के आकाश में यात्रा करता है। एक नया चंद्रमा दिन के आकाश में होता है, लेकिन हम इसे पृथ्वी से नहीं देख सकते हैं। एक नए चंद्रमा के दिन, चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित होता है। पृथ्वी पर एक व्यक्ति एक नया चंद्रमा नहीं देख सकता है क्योंकि चंद्रमा का वह भाग जो पृथ्वी का सामना कर रहा है, सूर्य द्वारा प्रकाशित नहीं हो रहा है।
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trendingwatch · 2 years
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चंद्र ग्रहण 2022: चंद्र ग्रहण के दौरान पालन की जाने वाली तिथि, समय और खान-पान
चंद्र ग्रहण 2022: चंद्र ग्रहण के दौरान पालन की जाने वाली तिथि, समय और खान-पान
साल 2022 का दूसरा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) 8 नवंबर 2022 को पड़ रहा है. पिछला ग्रहण इस साल मई के महीने में हुआ था. चंद्र ग्रहण वह घटना है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, और यह चंद्रमा के संपर्क में आने वाले सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध कर देती है। इससे पृथ्वी चंद्रमा पर अपनी छाया डालती है, जो पृथ्वी से दिखाई देती है। चंद्रमा का कुछ भाग पृथ्वी के वायुमंडल से अपवर्तित सूर्य के प्रकाश…
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santbharatram · 2 years
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LUNAR ECLIPSE
खग्रास चन्द्रग्रहण - 8 नवम्बर 202
दिनांक 8 नवम्बर 2022, कार्तिक पूर्णिमा को खग्रास चन्द्रग्रहण है ।
यह ग्रहण पूरे भारत में दिखेगा । भारत के अलावा एशिया, आस्ट्रेलिया, पैसेफिक क्षेत्र, उत्तरी और मध्य अमेरिका में भी ग्रहण दिखेगा । जहाँ ग्रहण दिखायी दे���ा, वहाँ पर ग्रहण के नियम पालनीय हैं ।
आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को लगने जा रहा है, इससे पहले दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर 2022 को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था,सूर्य ग्रहण के सिर्फ 15 दिनों के बाद देव दीपावली के दिन 8 नवंबर 2022 को साल का ये आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा,साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को लगा था, 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन लग रहा है,साल का ये अंतिम चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।
क्या होता है पूर्ण चंद्र ग्रहण (What is Chandra Grahan?)
चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है,इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छुप जाता है, पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं,इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को भारत में 4 बजकर 28 मिनट से दिखाई देना शुरू होगा और शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा, ऐसे में चंद्र ग्रहण का सूतक काल 8 नवम्बर को सुबह 9  से शुरू होगा और शाम के 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा, साल का ये आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा।
ग्रहण के दौरान किसी भी तरह की यात्रा करने से बचें।
सूतक काल के दौरान घर पर ही रहें,कोशिश करें कि ग्रहण की रोशनी आपने घर के अंदर प्रवेश ना करें।
सूर्य ग्रहण की तरह की चंद्र ग्रहण को भी  नहीं देखना चाहिए।
ग्रहण से पहले और ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए, कहा जाता है ऐसा करने से ग्रहण का कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं रहता।
ग्रहण में क्या करें, क्या न करें ?
चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के समय संयम रखकर जप-ध्यान करने से कई गुना फल होता है। श्रेष्ठ साधक उस समय उपवासपूर्वक ब्राह्मी घृत का स्पर्श करके ''ॐ नमो नारायणाय'' मंत्र का आठ हजार जप करने के पश्चात ग्रहणशुद्धि होने पर उस घृत को पी ले। ऐसा करने से वह मेधा (धारणशक्ति), कवित्वशक्ति तथा वाक् सिद्धि प्राप्त कर लेता है।
सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक 'अरुन्तुद' नरक में वास करता है।
सूर्यग्रहण में ग्रहण चार प्रहर (12 घंटे) पूर्व और चन्द्र ग्रहण में तीन प्रहर (9) घंटे पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बूढ़े, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर (साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं।
ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए।
ग्रहण वेध के प्रारम्भ में तिल या कुश मिश्रित जल का उपयोग भी अत्यावश्यक परिस्थिति में ही करना चाहिए और ग्रहण शुरू होने से अंत तक अन्न या जल नहीं लेना चाहिए।
ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान, मध्य के समय होम, देव-पूजन और श्राद्ध तथा अंत में सचैल (वस्त्रसहित) स्नान करना चाहिए। स्त्रियाँ सिर धोये बिना भी स्नान कर सकती हैं।
ग्रहण पूरा होने पर सूर्य या चन्द्र, जिसका ��्रहण हो उसका शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए।
ग्रहणकाल में स्पर्श किये हुए वस्त्र आदि की शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए।
ग्रहण के स्नान में कोई मंत्र नहीं बोलना चाहिए। ग्रहण के स्नान में गरम जल की  अपेक्षा ठंडा जल, ठंडे जल में भी दूसरे के हाथ से निकाले हुए जल की अपेक्षा अपने हाथ से निकाला हुआ, निकाले हुए की अपेक्षा जमीन में भरा हुआ, भरे हुए की अपेक्षा बहता हुआ, (साधारण) बहते हुए की अपेक्षा सरोवर का, सरोवर की अपेक्षा नदी का, अन्य नदियों की अपेक्षा गंगा का और गंगा की अपेक्षा भी समुद्र का जल पवित्र माना जाता है।
ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्रदान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।
ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए। बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए व दंतधावन नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग, मैथुन और भोजन – ये सब कार्य वर्जित हैं।
ग्रहण के समय कोई भी शुभ व नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
ग्रहण के समय सोने से रोगी, लघुशंका करने से दरिद्र, मल त्यागने से कीड़ा, स्त्री प्रसंग करने से सूअर और उबटन लगाने से व्यक्ति कोढ़ी होता है। गर्भवती महिला को ग्रहण के समय विशेष सावधान रहना चाहिए।
तीन दिन या एक दिन उपवास करके स्नान दानादि का ग्रहण में महाफल है, किन्तु संतानयुक्त गृहस्थ को ग्रहण और संक्रान्ति के दिन उपवास नहीं करना चाहिए।
भगवान वेदव्यासजी ने परम हितकारी वचन कहे हैं- 'सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया  पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना और सूर्यग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है। यदि गंगाजल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना और सूर्यग्रहण में दस करोड़ गुना फलदायी होता है।'
ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम-जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है।
ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से बारह वर्षों का एकत्र किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है। (स्कन्द पुराण)
भूकंप एवं ग्रहण के अवसर पर पृथ्वी को खोदना नहीं चाहिए। (देवी भागवत)
अस्त के समय सूर्य और चन्द्रमा को रोगभय के कारण नहीं देखना चाहिए।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ख्याल (Chandra Grahan Precaution For Pregnant Ladies)
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलने से बचें।
शांति से काम लें और किसी भी प्रकार का मानसिक या फिर शारीरिक तनाव न लें।
भारत में ग्रहण समय -
शहर का नाम - प्रारम्भ (शाम) - समाप्त (शाम)
ईटानगर -   4:28 से 6:18 तक गुवाहटी -   4:37 से 6:18 तक गंगटोक -    4:48 से 6:18 तक कोलकाता - 4:56 से 6:18 तक पटना -      5:05 से 6:18 तक राँची -       5:07 से 6:18 तक भुवनेश्वर -  5:10 से 6:18 तक ब्रह्मपुर -    5:15 से 6:18 तक प्रयागराज - 5:18 से 6:18 तक लखनऊ -  5:20 से 06:18 तक कानपुर -    5:23 से 6:18 तक विशाखापट्टनम - 5:24 से 6:18 तक रायपुर (छ.ग.) - 5:25 से 6:18 तक हरिद्वार -      5:26 से 6:18 तक धर्मशाला -    5:30 से 6:18 तक चंडीगढ़ -      5:31 से 6:18 तक नई दिल्ली -   5:32 से 6:18 तक जम्मू -       5:35 से 6:18 तक नागपुर -   5:36 से 6:18 तक भोपाल -   5:40 से 6:18 तक जयपुर -    5:41 से 6:18 तक चेन्नई -      5:42 से 6:18 तक हैदराबाद -  5:44 से 6:18 तक उज्जैन -    5:47 से 6:18 तक जोधपुर -   5:53 से 6:18 तक बेंगलुरु -    5-53 से 6:18 तक नासिक -   5:55 से 6:18 तक अहमदाबाद - 6:00 से 6:18 तक वडोदरा -  05:59 से 06:18 तक पुणे -          6:01 से 6:18 तक सूरत -       6:02 से 6:18 तक तिरुवनन्तपुरम् - 6:02 से 6:18 तक मुंबई -           6:05 से 6:18 तक पणजी (गोवा) -   6:06 से 6:18 तक जामनगर -     6:11 से 6:18 तक
भारत के जिन शहरों के नाम ऊपर सूची में नहीं दिये गये हैं, वहाँ के लिए अपने नजदीकी शहर के ग्रहण का समय देखें ।
विदेशों में ग्रहण समय -
अफगानिस्तान (काबुल) - शाम 4:55 से शाम 5:18 तक
ताईवान (ताईपे) - शाम 5:10 से रात्रि 8:48 तक
पाकिस्तान (इस्लामाबाद) - शाम 5:11 से शाम 5:48 तक
भूटान (थिम्पू) - शाम 5:13 से शाम 6:48 तक
नेपाल (काठमांडू) - शाम 5:16 से शाम 6:33 तक
बांग्लादेश (ढाका) - शाम 5:16 से शाम 6:48 तक
बर्मा (नेपीडॉ) - शाम 5:28 से रात्रि 7:18 तक
हाँगकाँग (हाँगकाँग) - शाम 5:40 से रात्रि 8:48 तक
इंडोनेशिया (जकार्ता) - शाम 5:47 से रात्रि 7:48 तक
थाईलैंड (बैंकॉक) - शाम 5:48 से रात्रि 7:48 तक
श्रीलंका (कोलंबो) - शाम 5:52 से शाम 6:18 तक
सिंगापुर (सिंगापुर) - शाम 6:50 से रात्रि 8:48 तक
ऑस्ट्रेलिया (कैनबरा) - रात्रि 8:10 से रात्रि 11:48 तक
अमेरिका तथा कनाडा के लिए नीचे लिखा गया ग्रहण समय स्थानीय समयानुसार 7 नवम्बर मध्यरात्रि के बाद का है अर्थात 8 नवम्बर 00-00 ए. एम के बाद से ।
अमेरिका (सैनजोस, कैलिफोर्निया) - सुबह 1:10 ए.एम से सुबह 4-48 ए.एम तक
अमेरिका (शिकागो) - सुबह 3:10 से सुबह 6:36 तक
अमेरिका (बोस्टन) - सुबह 4:10 से सुबह 6:28 तक
अमेरिका (न्यूयॉर्क) - सुबह 4:10 से सुबह 6:36 तक
अमेरिका (न्यूजर्सी) - सुबह 4:10 से सुबह 6:36 तक
अमेरिका (वाशिंगटन डी.सी.) - सुबह 4:10 से सुबह 6:45 तक
कनाडा (टोरंटो, ओंटारियो) - सुबह 4:10 से सुबह 7:06 तक
ग्रहण सूतक
चंद्रग्रहण प्रारम्भ होने से तीन प्रहर (9 घंटे) पूर्व सूतक (ग्रहण-वेध) प्रारम्भ हो जाता है ।
उदाहरण अहमदाबाद में ग्रहण समय - शाम 6:00 से 6:18 तक अहमदाबाद में सूतक प्रारम्भ - सुबह 9-00 बजे से
ग्रहणकाल का सदुपयोग बचायेगा दुर्गति से, सँवारेगा इहलोक - परलोक - पूज्य बापूजी
जो ग्रहणकाल में उसके नियम पालन कर जप-साधना करते हैं वे न केवल ग्रहण के दुष्प्रभावों से बच जाते हैं बल्कि महान पुण्यलाभ भी प्राप्त करते हैं ।
सूतक (ग्रहण- वेध) के पहले जिन पदार्थों में तिल या सूतक व ग्रहण काल में दूषित नहीं होते । किंतु दूध या दूध से बने व्यंजनों में तिल या तुलसी न डालें। सूतककाल में कुश आदि डला पानी उपयोग में ला सकते हैं ।
ग्रहणकाल में भोजन करने से अधोगति होती है, पेशाब करने से घर में दरिद्रता व सोने से रोग आते हैं तथा संसार-व्यवहार (सम्भोग करने से सूअर की योनि में जाना पड़ता है ।
ग्रहणकाल का कैसे हो सदुपयोग ?
(१) ग्रहण के समय रुद्राक्ष माला धारण करने से पाप नष्ट हो जाते हैं परंतु फैक्ट्रियों में बननेवाले नकली रुद्राक्ष नहीं, असली रुद्राक्ष हों ।
(२) ग्रहण के समय मंत्रदीक्षा में मिले मंत्र जप करने से उसकी सिद्धि हो जाती है ।
(३) महर्षि वेदव्यासजी कहते हैं: 'चन्द्रग्रहण' के समय किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है ।
ग्रहण के समय स्वास्थ्य मंत्र जप लेना, ब्रह्मचर्य का मंत्र भी सिद्ध कर लेना । ग्रहण के समय किये हुए ऐसे-वैसे किसी भी गलत या पाप कर्म का फल अनंत गुना हो जाता है और इस समय भगवद्-चिंतन, भगवद्-ध्यान, भगवद्-ज्ञान का लाभ ले तो वह व्यक्ति सहज में भगवद्-धाम, भगवद्-रस को पाता है । ग्रहण के समय अगर भगवद्-विरह पैदा हो जाता है तो वह भगवान को पाने में बिल्कुल पक्का है, उसने भगवान को पा लिया समझ लो । ग्रहण के समय किया हुआ जप, मौन, ध्यान, प्रभु सुमिरन अनेक गुना हो जाता है । ग्रहण के बाद वस्त्रसहित स्नान करें ।
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sabkuchgyan · 2 years
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चंद्र ग्रहण 2022 तिथि समय: 8 नवंबर को वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण, जानिए समय, सूतक का समय और प्रभाव
चंद्र ग्रहण 2022 तिथि समय: 8 नवंबर को वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण, जानिए समय, सूतक का समय और प्रभाव
साल 2022 के आखिरी सूर्य ग्रहण के बाद 8 नवंबर अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. आखिरी सूर्य ग्रहण दिवाली के दूसरे दिन हुआ था। वहीं, आखिरी चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद देव दिवाली के दिन यानी 08 नवंबर को लगने वाला है. पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को हुआ था। 08 नवंबर को कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि भी है। हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को भगवान…
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newslobster · 2 years
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Chandra Grahan 2022: साल का आखिरी और दूसरा चंद्रग्रहण लगेगा 8 नवंबर को, नोट करें समय और जरूरी बातें
Chandra Grahan 2022: साल का आखिरी और दूसरा चंद्रग्रहण लगेगा 8 नवंबर को, नोट करें समय और जरूरी बातें
Chandra Grahan 2022: इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगेगा. Chandra Grahan 2022 Date, Time: साल 2022 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 8 नवंबर को लगने जा रहा है. यह चंद्रग्रहण इस दिन दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. वहीं कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने वाले इस चंद्रग्रहण के लिए सूतक काल सुबह 8 बजकर 10 मिनट से शुरू हो जाएगा. चंद्रग्रहण का मोक्ष काल शाम 6…
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365store · 2 years
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सूर्यग्रहण के बाद अब नवंबर में भारत समेत दुनिया के कई देशों में होगा पूर्ण चंद्र गहण, जानें तारीख और समय
सूर्यग्रहण के बाद अब नवंबर में भारत समेत दुनिया के कई देशों में होगा पूर्ण चंद्र गहण, जानें तारीख और समय
छवि स्रोत: INSTAGRAM/WALNUT_EXPRESS पूर्ण चंद्रलेख (प्रतीकात्मक फोटो) अब नवंबर में चंद्र ग्रहण: सूर्य ने सूर्य दिवाली के कुछ दिन बाद सूर्य को वर्ष 2022 का आखिरी सूर्य लाल था। हाल ही में वायरल हो रहे हैं। ️ आगामी भारत विश्व के वातावरण में पूर्ण सूर्य दिखाई देता है। जब वे किस मौसम में अपडेट होते हैं, तो वे किस मौसम में अपडेट होते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी। भारत में अपडेट होने के बाद, जैसा कि…
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us-news24 · 2 years
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Surya Grahan 2022: 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण: दीवाली पर 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण, भारत का समय देखें....Read more
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astroruchi · 2 years
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सूर्यग्रहण में रखे ये सावधानी, ऐसे करे राशि नुसार दान और उपाय और उठाये लाभ 25 Oct 2022 Solar Eclipse by Astroruchi Dr.Abhiruchi Jain
दिवाली के अगले दिन शाम को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर का खंड सूर्य ग्रहण लगेगा। जिसका असर भारत में भी देखने को मिलेगा। सूर्य ग्रहण शाम 4:40 बजे से 5:24 बजे तक रहेगा। इससे 12 घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा। इस सूर्य ग्रहण का स्पर्श भारत में दिन के 11.28 बजे हो जाएगा और करीब 07:05 घंटा बाद शाम 5.24 बजे मोक्ष होगा। वही ग्रहण का सूतक 12 घंटा पूर्व यानि 24 अक्टुबर की रात 11:28 बजे से ही लग जाएगा। इसलिए दिवाली की अगली सुबह ग्रहण के सूतक काल में होगी।
पंचांग के मुताबिक़ इस बार दिवाली 24 अक्टूबर को है और 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगेगा. 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा होगी. इस प्रकार यह दुर्लभ संयोग कई सालों बाद बनने जा रहा है. ज्योतिष के अनुसार, इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण इन राशियों की मुश्किलें बढ़ा सकता है.
ऐसा कोई ग्रहण नहीं जिसका असर राशियों पर न हो, इस ग्रहण का असर भी विभिन्न राशियों पर होगा। कुछ राशियों के लिए यह ग्रहण बहुत शुभ समय लेकर आ रहा है, तो कुछ के लिए समय अत्यंत खराब भी होगा। इसलिए ग्रहण के समय भगवान का नाम लेते रहे हैं। इस ग्रहण से मीन राशि वालों के लिए थोड़ा खराब रहेगा, वहीं सिंह राशि वालों को धनलाभ देगा। इसकेअलावा धनु राशि और मकर राशि बी इस ग्रहण से लाभ पाएंगे।
Astroruchi Dr. Abhiruchi Jain
Astrologer
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sharpbharat · 2 years
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Kartik-Mas-Vrat-Tyohar-2022 : कार्तिक मास के प्रमुख व्रत त्योहार और धनतेरस से दीपावली तक पूजा का मुहूर्त
Kartik-Mas-Vrat-Tyohar-2022 : कार्तिक मास के प्रमुख व्रत त्योहार और धनतेरस से दीपावली तक पूजा का मुहूर्त
जमशेदपुर : दुर्गा पूजा संपन्न होने के साथ ही कार्तिक मास आरंभ हो रहा है. कार्तिक मास में कई प्रमुख व्रत त्योहार होते हैं. यहां तक कि धनतेरस से लेकर दीपावली भी इसी महीने में मनायी जाती है. श्री सत्यनारायण ठाकुर बाड़ी के पंडित श्रवण कुमार शर्मा बताते हैं कि कार्तिक कृष्ण पक्ष के त्यौहार एवं सूर्य ग्रहण के मद्देनजर दीपावली का समय निर्धारित किया गया है. इस महीने करवा चौथ का त्योहार 10 अक्टूबर, अहोई…
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सूर्य ग्रहण 25-10-2022 और चंद्र ग्रहण 8-11-2022
एक दीपावली के अगले दिन, तो दूसरा कार्तिकी पूर्णिमा 8 नवंबर 2022 पर
कार्तिक मास की अमावस्या एवं पूर्णिमा पर ग्रहण पड़ रहे हैं। 25 अक्टूबर, 2022 को कार्तिक अमावस्या पर सूर्यग्रहण तथा 08 नवम्बर, 2022 को कार्तिक पूर्णिमा पर चन्द्रग्रहण होगा। दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर को होने वाला खण्डग्रास सूर्यग्रहण 14:29 से 18:32 बजे तक रहेगा। यह भारत में दृश्य होगा और ग्रस्तास्त होगा अर्थात् ग्रहण की समाप्ति से पूर्व ही सूर्य अस्त हो जाएगा। भारत के अलावा यह ग्रहण यूरोप, मध्य-पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी एशिया आदि देशों में दिखाई देगा।
भारत में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह तथा उत्तर पूर्व के कुछ क्षेत्रों (इम्फाल, ईटानगर, डिब्रूगढ़, कोहिमा, सिलचर आदि) को छोड़कर प्राय: पूरे भारत में यह दिखाई देगा। इसका सूतककाल प्रात: 02:29 बजे से आरम्भ होगा, परन्तु भारत में यह ग्रहण 14:15 बजे से दिखाई देगा, इसलिए अधिकतर पंचांगकारों का मत है कि सूतककाल का निर्धारण भारत में दृश्यावधि के आधार पर किया जाना चाहिए। इसलिए भारत में सूतक का आरम्भ प्रातः 04:15 बजे से होगा। चूँकि यह ग्रहण ग्रस्तास्त है। इसलिए सूर्यास्त तक ही इसका पर्वकाल माना जाएगा। स्नान, पूजा आदि सूर्यास्त के बाद किए जा सकेंगे, परन्तु भोजन आदि का ग्रहण अगले दिन सूर्योदय के पश्चात् किए जाने का विधान है।
सूर्यग्रहण तुला राशि एवं स्वाती नक्षत्र में घटित हो रहा है। फलत: इस राशि एवं नक्षत्र वालों के लिए यह ग्रहण अधिक अशुभ फलप्रद रहेगा। इसके अतिरिक्त मेष, मिथुन, कर्क,सिंह,कन्या,वृश्चिक, कुम्भ एवं मीन राशि वाले जातकों के लिए भी यह ग्रहण शुभ नहीं है।जिनका कार्तिक मास मे जन्म है उनको ज्यादा अशुभ है |
कार्तिक पूर्णिमा पर खग्रास चन्द्रग्रहण 08 नवम्बर, 2022 को 14:39 बजे से 18:19 बजे तक रहेगा। यह चन्द्रग्रहण भारत में ग्रस्तोदय होगा अर्थात् ग्रहण के दौरान ही भारत के सभी क्षेत्रों में चन्द्रोदय होगा। चन्द्रग्रहण ग्रस्तोदय होने के कारण इसका सूतक प्रातः सूर्योदय से ही आरम्भ हो जाएगा।
चन्द्रग्रहण मेष राशि एवं भरणी नक्षत्र में घटित हो रहा है। फलत: इस राशि और नक्षत्र वालों के लिए यह ग्रहण अशुभ फलप्रद है। इसके अतिरिक्त वृषभ, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर एवं मीन राशि वालों के लिए भी यह ग्रहण शुभ फलप्रद नहीं है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक मास में दो ग्रहणों का होना अशुभ फलप्रद माना जाता है। यह न केवल आमजन के लिए वरन् सत्तापक्ष में बैठे राजनेताओं के लिए भी और देश विदेश मे हो रही उथल पुथल और जनजीवन के लिए भी शुभ नहीं कहा जा सकता है। •
उपाय जिनका कार्तिक मास मे जन्म हो उनको इस दिन गेहूं, आटा अवश्य दान करना चाहिए लाभ होगा |
ग्रहणकाल तथा बाद में क्या करें, क्या न करें ?
ग्रहण के सूतक और ग्रहणकाल में स्नान, दान, जप-पाठ, मन्त्र-स्तोत्र पाठ एवं अनुष्ठान, तीर्थस्नान, ध्यान, हवनादि शुभ कृत्यों का सम्पादन करना कल्याणकारी होता है। जब ग्रहण का प्रारम्भ हो, तो स्नान-जप, मध्यकाल में होम, देवपूजा और ग्रहण का मोक्ष समीप होने पर दान तथा पूर्ण मोक्ष होने पर स्नान करना चाहिए।
सूर्य ग्रहणकाल में भगवान् सूर्य की पूजा, आदित्यहृदय स्तोत्र, सूर्याष्टक स्तोत्र आदि सूर्य-स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए। पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी ग्रहणकाल में दूषित हो जाते हैं, उन्हें नहीं रखना चाहिए। परन्तु तेल या घी में पका (तला हुआ) अन्न, घी, तेल, दूध, दही, लस्सी, मक्खन, पनीर, आचार, चटनी, मुरब्बा आदि में तेल या कुशातृण रख देने से ये ग्रहणकाल में दूषित नहीं होते। सूखे खाद्य पदार्थों में तिल या कुशा डालने की आवश्यकता नहीं।
ध्यान रहे, ग्रस्त सूर्यबिम्ब को नंगी आँखों से कदापि न देखें। वैल्डिंग वाले काले ग्लास में से इसे देख सकते हैं। ग्रहण के समय तथा ग्रहण की समाप्ति पर गर्म पानी से स्नान करना निषिद्ध है |ग्रहणकाल में सोना, खाना-पीना, तैलमर्दन, मैथुन, मूत्र, पुरीषोत्सर्ग निषिद्ध है। नाखून भी नहीं काटने चाहिए।
सूर्य ग्रहण पर हरिद्वार, कुरुक्षेत्र, प्रयागादि तीर्थों पर स्नान, दान, तर्पणादि का विशेष माहात्म्य होता है।
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bhagyachakra · 2 years
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।। नमो नमः ।। ।।भाग्यचक्र ।। आज का पञ्चाङ्ग :- संवत :- २०७९ दिनांक :- 03 नवम्बर 2022 सूर्योदय :- 06:34 सूर्यास्त :- 17:48 सूर्य राशि :- तुला चंद्र राशि :- कुम्भ मास :- कार्तिक तिथि :- दशमी वार :- गुरुवार नक्षत्र :- शतभिषा योग :- वृद्धि करण :- तैतिल अयन:- दक्षिणायन पक्ष :- शुक्ल ऋतू :- शरद लाभ :- 12:10 - 13:34 अमृत:- 13:35 - 14:58 शुभ :- 16:23 - 17:47 राहु काल :- 13:35 - 14:59 जय महाकाल महाराज :- *आर्थिक परेशानियों के लिए:-* यदि जीवन मे आर्थिक परेशानी बनी रहती है तो गुरुवार के दिन खीर बनावे उसमे केसर डालकर व संध्या के समय भगवान लक्ष्मीनारायण जी ( विष्णु जी ) को उसका भोग लगावें व तत्पश्चात स्वयं प्रसाद ग्रहण करें ऐसा निरंतर करने से प्रभु की विशेष कृपा प्राप्त होगी। आज का मंत्र :- ""|| ॐ बृं बृहस्पतये नमः।। ||"" *🙏नारायण नारायण🙏* जय महाकालेश्वर महाराज। माँ महालक्ष्मी की कृपा सदैव आपके परिवार पर बनी रहे। 🙏🌹जय महाकालेश्वर महाराज🌹🙏 महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग का आज का भस्म आरती श्रृंँगार दर्शन। 03 नवम्बर 2022 ( गुरुवार ) जय महाकालेश्वर महाराज। सभी प्रकार के ज्योतिष समाधान हेतु। Whatsapp@9522222969 https://www.facebook.com/Bhagyachakraujjain शुभम भवतु ! 9522222969 https://www.instagram.com/p/Cke_FunrEpa/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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भारत में चंद्र ग्रहण 2022 की तारीख जानिए चंद्र ग्रहण के सभी अपडेट और सूतक काल
भारत में चंद्र ग्रहण 2022 की तारीख जानिए चंद्र ग्रहण के सभी अपडेट और सूतक काल
अंतिम चंद्र ग्रहण 2022 सूतक काल की तिथि और समय: ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण (चंद्र ग्रहण 2022) को एक विशेष घड़ी पौraphaut ग r के r के kayr, में में जब जब चंद r चंद rahan (चंद्रा ग्राहन 2022) ज्योतिष के हिसाब से साल 2022 में कुल 4 ठर (ग्रह) मौसम। चन्द्र ग्रहण से 2 चंद्र (चंद्र ग्रहण 2022) और 2 सूर्य रव (सूर्य ग्रहण 2022) होगा। सबसे पहले सूर्य और चंद्र ढलने में मदद करता है। आखिरी तारीख 8 नवंबर…
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सूर्य ग्रहण 2022: स्मार्टफोन का उपयोग करके तस्वीरें खींचने के टिप्स - टाइम्स ऑफ इंडिया
सूर्य ग्रहण 2022: स्मार्टफोन का उपयोग करके तस्वीरें खींचने के टिप्स – टाइम्स ऑफ इंडिया
दुनिया के कई हिस्सों में आज पहला आंशिक सूर्य ग्रहण लगेगा। यह घटना ब्लैक मून नामक एक अन्य खगोलीय गतिविधि से भी टकरा रही है और उसके अनुसार नासाकाला चंद्रमा दिन में कुछ समय के लिए सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध कर देगा। सूर्य ग्रहण दक्षिणी गोलार्ध के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा और दक्षिण अमेरिका, चिली, उरुग्वे, दक्षिण-पश्चिमी बोलीविया, पेरू, दक्षिण-पश्चिमी ब्राजील और अर्जेंटीना के कुछ क्षेत्रों में रहने…
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