Tumgik
#Ovulation Dard Kya Hai
Text
ओवुलेशन के लक्षण
शादी के कुछ सालों बाद हर महिला मां बनना चाहती है। मां बनना प्रकृति की अनुपम सौगात है, जो स्त्री को पूर्णता की ओर ले जाती हैं। किसी कारणवश महिला मां नहीं बन पाती तो कई प्रकार की उलझनें घर करने लगती हैं। ऐसी स्थिति में अपने ओवुलेशन पीरियड पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी तभी सफलता भी मिल पाएगी।
ओवुलेशन क्या है | Ovulation Kya Hai
किसी भी महिला के जीवन में महत्वपूर्ण प्रक्रिया मासिक चक्र की होती है। मासिक चक्र की प्रक्रिया के तहत ही एक महिला मां बनने में सक्षम होती है। मां बनने के लिए ओवुलेशन को समझना भी अनिवार्य है।
ओवुलेशन को मासिक धर्म का हिस्सा भी समझा जा सकता है। हर मासिक धर्म के समय ओवरी में एग रिलीज होते हैं और वही समय ओवुलेशन होता है। यदि एग ओवरी में आ जाए तो वह स्पर्म से मिल ही जाते हैं और किसी स्थिति में वह मिलने से बच भी जाते हैं। इस दौरान महिला का एग किसी गर्भाशय में आकर वृद्धि करने लगे तो प्रेगनेंसी शुरू हो जाती है लेकिन यह जरूरी नहीं होता कि हर बार ऐसा हो जब कभी एग फर्टिलाइज ना हो सके तो एक टूट भी सकते हैं।
ओवुलेशन की शुरुआत
महिलाओं का मासिक चक्र 28 से 30 दिनों का होता है। विषम परिस्थिति में यह चक्र का समय कम या ज्यादा भी हो सकता है। जब भी मासिक चक्र की शुरुआत हो तो मध्य के 4 दिन पहले और बाद में ओवुलेशन शुरू हो जाता है। जब शरीर में एसएचएच हार्मोन रिलीज होता है। यह प्रक्रिया मासिक चक्र के 6 से 14 दिन के बीच होते हैं जो एलएच की उपस्थिति के कारण होते हैं। जैसे ही शरीर में एलएच का स्तर बढ़ने लगता है तो 28 से 36 घंटे के बाद ओवुलेशन शुरू हो जाता है।
ओवुलेशन नियमित होना है जरूरी
ओवुलेशन पीरियड मासिक धर्म के दौरान ही आते हैं और उनका नियमित होना भी जरूरी है। इसके वजह से कहीं ना कहीं प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ जाते हैं। अगर किसी कारणवश नियमित रूप से पीरियड ना आ रहे हैं ऐसे में ओवुलेशन अनियमित हो सकता है और प्रेगनेंसी मे देर हो सकती है। ऐसे में आप चिकित्सक से सलाह लेना ना भूलें।
ओवुलेशन के लक्षण | Ovulation Ke Lakshan in Hindi
अगर आप सही से आपने ओवुलेशन के लक्षण समझ सके तो यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो जाएगा।
1) शरीर का तापमान परिवर्तित होना
शरीर के तापमान के बढ़ने पर बुखार के लक्षण ही माना जाता है लेकिन अगर पिछले कुछ दिनों से शरीर का तापमान में परिवर्तन देखा गया है तो अब ओवुलेशन का लक्षण हो सकता है जो कि प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के कारण होता है। यह हार्मोन अंडाशय से मुक्त होने पर स्थित होते हैं और अपनी मुख्य भूमिका निभाते हैं।
2) पेट में दर्द होना
कभी-कभी पेट के निचले हिस्से में अजीब सा दर्द होता है, जो कुछ समय में ही खत्म हो जाता है। लेकिन महिलाएं अपने काम के कारण इस दर्द को ध्यान नहीं दे पाती। यह दर्द भी ओवुलेशन का लक्षण हो सकता है।
3) सिर दर्द होना
कुछ महिलाओं में ओवुलेशन के समय सिर दर्द भी देखा गया है। यह सेक्स हार्मोन के अत्यधिक बढ़ जाने के कारण होता है।
4) होने वाले स्त्राव में परिवर्तन
मासिक धर्म के समाप्त होने के बाद एक अलग स्त्राव होता है जिसमें परिवर्तन ही देखा जा सकता है। योनि में मिलने वाला म्यूकस पतला और चिपचिपा हो जाता है।
5) स्तन संवेदनशील होना
ओवुलेशन का यह लक्षण महिलाओं को कम ही समझ आता है पर स्तनों का संवेदनशील होना ओवुलेशन को दर्शाता है। ओवुलेशन के समय सारी कोशिकाएं सक्रिय होकर संवेदनशील हो जाती है और ओवुलेशन की पुष्टि होती है।
ओवुलेशन टेस्ट कैसे करें | Ovulation Test Kaise Kare
अगर आपको ओवुलेशन के लक्षण समझ आ गए हो,तो इसके टेस्ट को घर में भी किया जा सकता है। जो आसान भी है साथ ही साथ यह भी समझा जा सकता है कि वह ओवुलेशन सही से हो रहा है या नहीं।
1) बेसल बाडी टेंपरेचर
इसके माध्यम से सही ओवुलेशन पता लगाया जा सकता है। मासिक चक्र के दौरान थर्मामीटर में तापमान लिया जाता है। ऐसा देखा जा सकता है कि शरीर का तापमान तीन-चार दिनों तक ज्यादा रहे तो इस बात की पुष्टि होती है कि ओवुलेशन हुआ है।
2) ओवुलेशन किट | Ovulation Kit
इस किट के माध्यम से सुबह के मूत्र से आज की उपस्थिति के द्वारा पता लगाया जा सकता है जो ओवुलेशन की सही जानकारी भी देगा।
Ovulation के बारे में जाननें के तरीके
ओवुलेशन दर्द क्या है | Ovulation Dard Kya Hai
ओवुलेशन का होना सामान्य सी बात है लेकिन कई बार महिलाओं को इस ओवुलेशन के समय दर्द का अनुभव होता है। शुरू में तो वे इस बारे में समझ नहीं पाती पर धीरे-धीरे दर्द की वजह समझ आती है। कभी-कभी तो यह दर्द ज्यादा हो जाता है ,तो थोड़ा आराम कर लेने पर ठीक भी हो जाता है। हर महिला में ओवुलेशन अलग-अलग प्रकार का होता है। कई बार यह दर्द एक जगह भी नहीं टिकता जगह-जगह बदलता रहता है।
क्या हो सकते हैं ओवुलेशन दर्द के कारणओवुलेशन दर्द के कई प्रकार के कारण हो सकते हैं
1) जब भी कभी ओवुलेशन के समय अचानक एग बाहर निकले तो ऐसे में दर्द का होना लाजमी है। 2) जब भी कभी ओवुलेशन होने लगता है, तो उसके बाद फेलोपियन ट्यूब एग के लिए सिकुडती है और इस वजह से भी दर्द का अनुभव होता है। 3) कई बार ओवुलेशन के समय आसपास की मांसपेशियों में खिंचाव होने पर भी दर्द की स्थिति बन सकती है। 4) कभी-कभी  ओवुलेशन के दोनों ओर फॉलिकल्स के प्रभावी और परिपक्व होने पर भी दर्द का अनुभव होता है।
ओवुलेशन दर्द का इलाज | Ovulation Dard Ka Ilaj In Hindi
अगर ओवुलेशन के समय दर्द हो तो इसका इलाज भी संभव है।
1) अगर ज्यादा तकलीफ हो रही है, तो चिकित्सक से जरूर सलाह ले। 2) इसके लिए  एंटी इन्फ्लेमेटरी का उपयोग किया जा सकता है। 3) अपने चिकित्सक से बात कर हारमोंस गर्भनिरोधक गोली भी लिया जा सकता है। 4) आप थोड़ा आराम करें और किसी काम से दूर ही रहे। 5) अगर आप गुनगुने पानी में अजवाइन डालकर पिए तो भी फायदा होगा।
ओवुलेशन ना होने का क्या है कारण | Ovulation Na Hone Ka Kya Hai Karan In Hindi
अगर आप पिछले कुछ दिनों से प्रेग्नेंट होना चाहती हैं पर हो नहीं पा रही है तो इसके पीछे भी कारण ओवुलेशन का ना होना ही पाया गया है। ओवुलेशन ना होने पर बच्चे के जन्म में देर हो सकती है।
ओवुलेशन होने की स्थिति में एग सही तरीके से विकसित नहीं हो पाते हैं ऐसा उस समय भी देखा जाता है जब अंडाशय के द्वारा एग नहीं बन पाता। जब ओवुलेशन की प्रक्रिया बंद हो जाए वह अनओवुलेशन कहलाता है। कभी-कभी पीरियड नियमित ना हो पाए ऐसी स्थिति में भी ओवुलेशन नहीं हो पाता है।
1) एस्ट्रोजन का कम होना
ओवरी पर्याप्त मात्रा में एस्ट्रोजन पैदा करती है अगर सीमित मात्रा से कम एस्ट्रोजन उत्पन्न करें तो भी ओवुलेशन में समस्या आने लगती है।
2) मेल हार्मोन बढ़ना
यदि किसी भी कारणवश आपके शरीर में मेल हार्मोन टेस्टोस्टेरोन स्वता ही बढ़ गया हो तो इससे भी ओवुलेशन नहीं हो पाता है।
3) सही खानपान जरूरी
प्रेगनेंसी के लिए बहुत सी सावधानियां रखनी होती है जिनमें सही खान-पान भी आवश्यक है। अगर आपने ऐसा कुछ खा लिया हो जो आप के ओवुलेशन के लिए सही नहीं हो, तो उसे तुरंत छोड़ दें। इस कड़ी में जंक फूड का नाम आता है अगर आप जल्द ही प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो जंक फूड से से दूरी बना ले।
4) तनाव ना करें
किसी भी प्रकार का तनाव आपको नहीं लेना है। ज्यादा तनाव लेने से पीरियड भी नियमित नहीं रहते और ओवुलेशन में भी दिक्कत आ जाती है।
5) पीसीओडी की समस्या
कई सारी महिलाओं को पीसीओडी की समस्या होती है। इस समस्या के कारण प्रेगनेंसी में समस्या उत्पन्न होती है और ओवुलेशन में दिक्कत आती है अतः पहले अपनी पीसीओडी की समस्या को दूर करने की कोशिश करें।
6)  प्रोलेक्टिन का बढ़ना
प्रोलैक्टिन हार्मोन का ज्यादा बढ़ जाना भी ओवुलेशन में दिक्कत लाता है। जो भी हार्मोन ओवुलेशन सहायक है वे प्रोलैक्टिन के बढ़ने में कम होने लगते हैं इसलिए बेहतर होगा यदि प्रोलेक्टिन ना बढ़ने पाए।
ओवुलेशन को नियमित करने के प्राकृतिक तरीके
ओवुलेशन की दिक्कत होने पर कई प्रकार के मनोभाव मन में आने लगते हैं, जो कि स्वभाविक भी है। आप अगर नियमित रूप से प्राकृतिक तरीके अपनाएं तो निश्चित रूप से आराम प्राप्त होगा।
1) एक्सरसाइज करें
अगर आप प्रतिदिन सुबह कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज करें तो इससे आपको फायदा होगा। एक्सरसाइज से ओवुलेशन को सही किया जा सकता है और आप चाहे तो विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।
2) तनाव से बचें
तनाव ऐसी समस्या है जिससे शरीर बहुत ज्यादा प्रभावित होता है। स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल हार्मोन को रोकता है और यह वजह भी हो सकती है कि जब ओवुलेशन में दिक्कत आती है अतः किसी प्रकार के तनाव से बचे।
3) धूम्रपान से बचें
अगर आप खुद में ओवुलेशन की समस्या नहीं चाहती हो, तो धूम्रपान से दूर ही रहे। धूम्रपान कहीं ना कहीं ये ओवुलेशन में बाधक है। जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए भी धूम्रपान से दूर होना ही बेहतर है।
4) भरपूर नींद लें
रात रात भर जाग कर कोई काम नहीं करें। भरपूर नींद लेने से सभी हार्मोन सही तरीके से कार्य कर पाते हैं और ओवुलेशन में दिक्कत नहीं आ पाती है।
5) अपना वजन बढ़ाएं
ओवुलेशन को नियमित करने के लिए अपना वजन बढ़ाएं इसके लिए आप ज्यादा कैलोरी युक्त भोजन ले।
धैर्य रखें
ऐसा देखा जाता है कि जब प्रेगनेंसी ना हो, तो महिलाएं अपना धैर्य खोने लगती हैं। उनके मन में बेचैनी व डर हो जाता है ऐसे में धैर्य बनाए रखें और सही समय का इंतजार करें। अपना खानपान और सही जीवन शैली से आप अपनी ओवुलेशन संबंधित समस्या को भी दूर कर सकेंगी बस हौसला रखें और खुश रहिए।
निष्कर्ष
एक प्यारे से बच्चे का जीवन में आगमन होना हर्ष और उल्लास का विषय है। इस लेख में हमने ओवुलेशन संबंधी दिक्कतों को दूर करने का प्रयत्न किया है उम्मीद है आपके काम आएंगे। जीवन में उलझनों को कम करना हमारे हाथ में है जरूरत है तो हिम्मत ना हारने की। खुश रहिए और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े।
0 notes