Happy Govardhan Puja
From TIIPS to all students and parents Many congratulations and best wishes for Govardhan Puja.
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SubhGovardhanPuja #HappyGovardhanPuja
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Happy Govardhan Puja 2023 Messages and Wishes
Wish your loved ones with Govardhan Puja messages and greetings. Share with them the unique Govardhan Puja 2023 wishes along with inspiring quotes, images and status messages that can also be posted on social media platforms like WhatsApp, Facebook and Instagram.
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On the beautiful & holy occasion of Govardhan Puja, we desire you a very happy and prosperous day fill up with Lord Krishna’s blessings.
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गोवर्धन पूजा
दिल्ली / 26-10-2022
कथा कहती है कि गोकुल में देवराज इंद्र की पूजा हर्षोउल्लास के साथ हो रही
थी तभी बालक कृष्ण ने पूजास्थल पर आकर पूछा कि किसकी पूजा हो रही
है तो नंदबाबा ने कहा - साक्षात देवराज इंद्र की जो तीनोंलोक के स्वामी हैं ।
उन्हीं के आशीर्वाद से धरती पर बर्षा होती है , धनधान्य उपजते हैं । हमसब
मिलकर हर वर्ष उनकी पूजा करते हैं ताकि कभी भी सूखा की मार से मानवजाति
कष्ट ना झेले । बालक कृष्ण ने तत्क्षण कहा -- बंद करिये पूजा । मैंने सुना है वह
तो अति विलासी है । हमेशा नृत्य और नृत्यांगनाओं के बीच मे मग्न रहता है । वह
कोई देवता नही । पूजा ही अगर करना है तो प्रकृति की करिये । चलिए मिलकर
गोबर्धन पर्वत की पूजा करते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य की गुणगान करते हैं । अभी
बंद करिये ये इन्द्रपूजा ।
नंदबाबा और यशोदा तो निश्चित ही घबरा उठे होंगे । एकपल को लगा होगा की घर
में कौन अधर्मी आ गया जो देवता के सम्बंध में अति अधार्मिक विचार मन मे रखता
है । आधुनिक समय में यदि कोई बालक किसी पूजा स्थलपर या मंदिर या मस्जिद
में जाकर ऐसी बात कर दे तो मुझे इतना पता है की लोग उसे तत्काल सूली पर टांग
देंगे । लेकिन वह युग कुछ और था । बालकों की बातें भी मान ली जाती थी । ऋषि मुनियों ने कृष्ण को दुष्ट एवं पथभ्रष्ट कहा लेकिन नंदबाबा ने कृष्ण की बात मान ली, और जनसमूह के साथ पहुँच गए गोबर्धन पर्वत ।
आधुनिक जानकर कहते हैं कि जो भी कथा में है वह भी कृष्ण की योगमाया थी ।
लेकिन इस बात से वही राज़ी हो सकते हैं जो सबकुछ में राज़ी हो जाते हैं । इस
कथा को अलग दृष्टिकोण से देखना मेरे लिए और कठिन है क्योंकि बचपन ही से
कृष्णपूजा और इन्द्रपूजा में मैने खूब मज़े उठाये हैं । श्रुति को तो एकपल के लिए
कोशिश करनेपर भुलाया भी जा सकता है लेकिन स्मृति को भुलाना असंभव है ।
आखिर कथा के माध्यम से क्या कहना चाहते थे वैदिक ऋषि मुनि ! वैदिक काल
में गूढ़ से गूढ़ बातों को ऋषिमुनि रोचक कथाओं के माध्यम से कहते थे । कहीं इस
कथा से वे ये तो नही कहना चाह रहे थे की यदि राजा अपनी प्रजा का ध्यान न रखे
तो तत्काल उसे पदच्युत कर दो , उसे अयोग्य घोषित कर दो । इंद्र देवता होकर भी
इस अवहेलना को नही झेल सके और घनघोर बर्षाकर गोकुल को सर्वनाश करने
पर उतारू हो गए । राजा की जयजयकार न हो तो वो बौखलाहट में यही सब तो
करता है ।
लोग कथा के अनुसार गोवर्धन पूजा करके फिर से इन्द्रपूजा में भी जयजयकार
करेंगे । मूर्ति भी बदली जाएगी लेकिन जीवन मे जो राजा प्रलय ही प्रलय लेकर
यहाँ से वहाँ दौड़ा रहा है उनको हम नही बदलेंगे बेशक़ घर बदल जाये परन्तु
राजा न बदलने पाए । हमें दुनिया कुछ भी कहती रहे लेकिन हमारे राजा के
लिए एक भी अपशब्द का मतलब है - मृत्युदंड । हमें तो बस इतना पता है कि
सबका मालिक एक है । लक्ष्मण रेखा और गरीबी रेखा में कोई अंतर नही ।
~दिशव
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On this auspicious occasion, we hope Lord Krishna protects & guides you towards a brighter tomorrow. Wishing you a very Happy Govardhan Pooja.
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