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नमस्कार वेलकम to upLucknow.in हम रोज रोज ब्रेकिंग न्यूज़ शेयर किया करते हैं अगर आप हमसे जुड़ना चाहते हैं तो इस वेबसाइट को सेव कर सकते हैं और इसे व्हाट्सएप या फेसबुक पर ज्यादा से ज्यादा शेयर कर सकते हैं। 1.कोरोना के कारण मौत को लेकर अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ से तोड़ा नाता😷। 2. ट्रंप ने कहा डब्ल्यूएचओ ने नहीं किया सुधार। 3. चीन के कब्जे में है डब्ल्यूएचओ - डोनाल्ड ट्रंप। 4. ट्रंप का आरोप चीन ने डब्ल्यूएचओ पर दुनिया को गुमराह करने का दबाव डाला। 5. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर एक बार चीन को बताया करोना का जिम्मेदार। 6.ट्रम्प ने कहा चीन को देना होगा दुनिया को जबाब। 7. डोनाल्ड ट्रंप लगाए चीन पर चोरी और जासूसी का भी आरोप! 8. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन की हर कंपनियों पर भी मेरी नजर है। 9. नरेंद्र मोदी ने मन की बात में कहा कि मैं दिन-रात कोशिश कर रहा हूं। 10. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी ने फिर से की अपील और कहा कि जैसे अभी तक धैर्य बनाए थे वैसे ही धैर्य बनाने की जरूरत। 11. पीएम ने अपने पत्र में लिखा कि भारत को घेर रहा है कोरोना 12.100000000 परिवार तक पहुंचेगा पीएम का पत्र 13.लोकडौन  को लेकर पीएम और गृहमंत्री का एक बड़ा बैठक आज। 15.श्रमिक एक्सप्रेस को लेकर ममता बनर्जी ने किया आरोप कहा कि मजदूरों को ठोस ठोस पर भेजा जा रहा है गांव सोशल डिस्पेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है 16.अब दिल्ली होटल मिलेंगी क्वार्टरइन का सुविधा। Uplucknow.in 17. सरकार की 1 साल पूरा होने पर फेसबुक पर लाइव आएंगे जेपी नड्डा। 18. दिल्ली में कॉल 8:09 पर महसूस किए गए थे भूकंप के झटके। 19. हरियाणा और पंजाब में भी महसूस किए गए थे रात को भूकंप के झटके तीव्रता मापन 3.45। 20. दिल्ली में 48 दिनों में कुल 5 बार आ चुकी है भूकंप। 21. आज गाजियाबाद में 24 घंटों में 16 नए केस आए हैं। 22. तेज गर्मी के कारण हो रही है चमगादड़ की मौत। 23. आज से जम्मू कश्मीर में पेट्रोल 1.5 रुपये और डीजल 1.2 रुपए महंगे। 24. गोरा ग्राम में भी शुरू हुआ करो ना के कहर 24 घंटों में 154 के साथ चुके हैं। 25. ठाणे में स्टेडियम को बदला गया हॉस्पिटल के रूप में। 26. हिमाचल में 1 जून से होगी ट्रांसपोर्ट की शुरुआत। 27. कानपुर में लोगों की भीड़ जमाने के आरोप में समाजवादी पार्टी के विधायक पर शिकायत हुआ दर्ज। 28. बालाघाट में एक जालिम पिता ने अपने 8 साल के बच्चे को नदी में डूबा कर मार डाला। 29. जम्मू कश्मीर में 75 दिन बाद खुली शराब की दुकानें शराब के शौकीनों की लगी जमकर भीड़। 30. चीन और भारत की सीमा विवाद को लेकर राहुल गांधी ने किया ट्वीट और मोदी पर साधा निशाना और अपने ट्वीट के जरिए पूछा कि आखिर यह हो क्या रहा है कुछ और शपस्ट तो किया जाए। तो ये थी आज की कुछ ब्रेकिंग न्यूज़ जो कि आपको जानना बेहद जरूरी था। और यह न्यूज़ अगर आपको अच्छा लगा हो तो मुझे कमेंट जरूर करें और इस न्यूज़ को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि यह न्यूज़ सबके पास पहुंच सके। Share on whatsapp🔥 Share on Facebook🔥
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shaileshg · 4 years
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नमस्कार!
चुनावी मौसम में प्याज की कीमत बढ़ रही है। मुंबई में रिटेल में प्याज 100 रुपए किलो बिक रहा है। इस बीच, अच्छी खबर यह है कि केंद्र सरकार ने बोनस का ऐलान कर दिया है। फायदा 30 लाख कर्मचारियों को मिलेगा।चलिए, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
सबसे पहले देखते हैं, बाजार क्या कह रहा है…
बदलाव
सेंसेक्स
40,707.31
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डॉलर
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सोना (मुंबई)
प्रति 10 ग्राम (वायदा बाजार में)
51,108
+198
मार्केट हाइलाइट्स
BSE का मार्केट कैप 159 लाख करोड़ रुपए रहा। करीब 48% कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही।
BSE में 2,835 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग हुई। इसमें 1,367 कंपनियों के शेयर बढ़े और 1,293 कंपनियों के शेयर गिरे।
आज इन 4 इवेंट्स पर रहेगी नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे बंगाल के लोगों को दुर्गा पूजा की शुरुआत पर संबोधित करेंगे। ���ंगाल में षष्ठी से दुर्गा पूजा की शुरुआत होती है।
IPL में शाम साढ़े सात बजे राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच मैच होगा।
एमजे अकबर बनाम प्रिया रमानी मानहानि केस में दिल्ली की अदालत फैसला सुना सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट जो बाइडेन के बीच दूसरी डिबेट होगी।
देश-विदेश
मध्य प्रदेश में चुनावी भीड़ पर कोर्ट नाराज
चुनावी रैलियों में मास्क-सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों की अनदेखी पर अदालत और चुनाव आयोग, दोनों ने सख्ती दिखाई है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता कमलनाथ और भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ FIR के आदेश दिए हैं। वहीं, चुनाव आयोग ने कहा है कि रैलियों में कोरोना गाइडलाइन नहीं मानी गई तो कार्रवाई होगी।
कोर्ट को ऐसा क्यों कहना पड़ा: चुनावी रैलियां बेलगाम हैं। भीड़ बेरोकटोक बढ़ रही है। बुधवार को ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की पोहरी विधानसभा इलाके में सभा हुई। ज्यादातर लोगों के चेहरे पर मास्क और मैदान पर सोशल डिस्टेंसिंग नदारद थी।
केंद्रीय कर्मचारियों को बोनस
कैबिनेट ने 30.67 लाख नॉन-गजेटेड कर्मचारियों के लिए बुधवार को बोनस का ऐलान कर दिया। इस पर खर्च होंगे 3,737 करोड़ रुपए। दशहरे से पहले सभी के खाते में बोनस ट्रांसफर होगा। रेलवे, पोस्ट ऑफिस, डिफेंस, EPFO और ESIC जैसे विभागों के लोगों को फायदा मिलेगा। इस बार कोरोना से उपजे आर्थिक हालात के बावजूद बोनस नहीं रोका गया है।
पाकिस्तान में पुलिस और फौज में ठनी
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद कैप्टन सफदर की दो दिन पहले होटल का दरवाजा तोड़कर हुई गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ रहा है। नवाज की पार्टी PML-N का आरोप है कि फौज ने कराची के आईजी को किडनैप कर सफदर के खिलाफ FIR करवाई थी। इससे सिंध प्रांत की पुलिस नाराज है। आईजी समेत आला अधिकारियों ने छुट्टी पर जाने का ऐलान कर दिया था। आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने दखल दिया, तब वे माने।
परदे के पीछे: पाकिस्तान में फौज की तानाशाही नई बात नहीं है। यहां चार बार सैन्य तख्तापलट हो चुका है। इमरान दो साल पहले प्रधानमंत्री बने थे और वे अभी सबसे बुरे राजनीतिक संकट से जूझ रहे हैं। 11 विपक्षी दल उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इमरान सरकार पाकिस्तान की सेना के रहमो-करम पर ही चल रही है।
देश में कोरोना के एक्टिव मामले घट रहे
देश में कोरोना का आंकड़ा 76 लाख के पार है। कोरोना के 64% एक्टिव केस सिर्फ 6 राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और बंगाल में हैं। इनमें 50% महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में हैं। उधर, लगातार तीसरे दिन एक्टिव मामलों की संख्या साढ़े सात लाख से कम रही। डेढ़ महीने में एक्टिव मरीजों की संख्या में करीब 2 लाख से ज्यादा की कमी हो गई है।
इनोवेशन जारी है: ICMR ने IIT खड़गपुर में तैयार हुई कोविडरैप टेस्ट किट को हरी झंडी दे दी है। एक टेस्ट पर 500 रुपए खर्च आएगा और नतीजे एक घंटे में मिल जाएंगे। खास बात यह है कि यह किट बनाने वाली मशीन की कीमत भी 10 हजार रुपए से कम है।
ओरिजिनल
वैष्णोदेवी से रिपोर्ट
नवरात्र में वैष्णोदेवी में रोज 7000 लोगों को दर्शन की इजाजत मिली थी, लेकिन वहां इसके आधे ही पहुंच रहे हैं। बड़ी वजह है पंजाब में चल रहा किसान आंदोलन। भास्कर रिपोर्टर ने जब इसकी पड़ताल की तो पाया कि इस बार नवरात्र के पहले दिन सिर्फ 4400 लोगों ने ही दर्शन किए। इनमें से 705 लोग फ्लाइट से पहुंचे।
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चाय उगा रहा बिहार
ठाकुरगंज उत्तर बिहार का आखिरी ब्लॉक है। इसके एक तरफ नेपाल है और दूसरी तरफ सिलीगुड़ी कॉरिडोर। यहां जाने वाले हाईवे के दोनों तरफ दूर-दूर तक धान के खेत फैले नजर आते हैं, लेकिन उनमें लगी ज्यादातर फसल बर्बाद हो चुकी है। यहां किसानों ने बीते कुछ सालों में अब चाय की खेती शुरू कर दी है।
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पॉजिटिव स्टोरी
47 साल के बलवीर सिंह गुड़गांव के एक होटल में नौकरी करते थे। लॉकडाउन के पहले ही उनकी नौकरी चली गई। कुछ महीनों बाद बलवीर ने स्कूटी पर लोहे का ऐसा स्ट्रक्चर तैयार करवाया, जिसमें काफी सामान आ सके। दो महीने से इसी स्कूटी पर वे 20 रुपए, 40 रुपए ��र 50 रुपए प्लेट के हिसाब से राजमा-चावल, छोला-चावल बेच रहे हैं। कमाई इतनी कि अब कहते हैं कि कभी नौकरी नहीं करूंगा।
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एक्सप्लेनर
मोदी को हाथ क्यों जोड़ने पड़े?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सात महीने में सातवीं बार देश के नाम संदेश दिया। 12 मिनट सिर्फ कोरोना की बातें की। हाथ जोड़कर लोगों से अपील की कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। आखिर ऐसा क्या हुआ है, जो उन्हें यह करना पड़ा। सर्दियों में मामले बढ़ने के खतरे से लेकर वैक्सीन में देरी तक इसकी 5 वजहें हैं।
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कमजोर हो रही है भारतीयों की नजर
दो इंटरनेशनल एजेंसियों की रिपोर्ट कह रही हैं कि भारतीयों की नजर कमजोर हो रही है और ब्लाइंडनेस की परेशानी बढ़ रही है। 1990 में 5.77 करोड़ लोगों को पास का नहीं दिखता था, जबकि 2020 में ऐसे लोगों की संख्या बढ़कर दोगुनी यानी 13.76 करोड़ हो चुकी है।
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सुर्खियों में और क्या है...
1. भारतीय सेना ने दो दिन पहले लद्दाख में जिस चीनी सैनिक को पकड़ा था, उसे मंगलवार रात लौटा दिया। यह सैनिक सोमवार को भटककर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पार कर लद्दाख के चुमार-डेमचोक इलाके में आ गया था।
2. महाराष्ट्र में भाजपा के बड़े नेता एकनाथ खडसे ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। खडसे शुक्रवार को NCP ज्वाइन करेंगे। चर्चा ये भी है कि भाजपा में रहते हुए कभी सीएम कैंडिडेट रहे खडसे को अब उद्धव सरकार में कृषि मंत्री बनाया जा सकता है।
3. चीन में घर में बना नूडल सूप पीने से एक ही परिवार के नौ लोगों की मौत हो गई। परिवार के लोगों ने जो नूडल सूप पीया था, वह एक साल से फ्रीजर में रखा था।
4. आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स को एक और झटका लगा है। टीम के ऑलराउंडर ड्वेन ब्रावो भी ग्रोइन इंजरी होने की वजह से लीग से बाहर हो गए हैं। 17 अक्टूबर को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ हुए मुकाबले के बीच में ही ब्रावो मैदान से बा��र चले गए थे।
5. अफगानिस्तान के जलालाबाद में पाकिस्तानी दूतावास के पास वीजा के लिए हजारों की भीड़ उमड़ने से भगदड़ मच गई। इस हादसे में 12 महिलाओं की मौत हो गई, जबकि 12 अन्य घायल हो गईं।
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Bonus to central employees; FIR orders and onions costlier on Kamal Nath-Tomar
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vsplusonline · 4 years
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शराब की बिक्री शुरू करने को लेकर क्या कहते हैं नेता, ये है 5 नेताओं की राय
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शराब की बिक्री शुरू करने को लेकर क्या कहते हैं नेता, ये है 5 नेताओं की राय
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राज्य चाहे तो शराब बिक्री पर रोक लगा देः राजीव प्रताप
धीर-धीरे चीजों को खोलना ही पड़ेगाः जेडीयू नेता अजय
शराब बिक्री पर छूट देने का फैसला सही नहीं: सीपीआई
लॉकडाउन की वजह से 40 दिन की बंदी के बाद आज सोमवार को जब देश के कई शहरों में शराब की दुकानें खोली गईं तो वहां लंबी-लंबी लाइनें लग गईं. शराब को लेकर अफरातफरी मच गई. लोगों ने सामाजिक दूरी तक का पालन नहीं किया. दिल्ली में कई जगह कुछ घंटों में ही शराब की दुकानें बंद करानी पड़ीं तो कई जगह लाठीचार्ज करना पड़ा. शराब की दुकानें इतनी जल्दी खोने जाने पर आजतक ने 4 राजनीतिक दलों के प्रवक्ताओं समेत 5 लोगों से इस पर राय ली.
आजतक के दंगल कार्यक्रम में ‘पिएगा इंडिया तभी जिएगा इंडिया’ में सवाल उठाया गया कि क्या राजस्व के चक्कर में शराब की दुकानें जल्दी खोल दी गईं तो इस पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राजीव प्रताप रुड़ी ने कहा कि शराब की ब्रिकी को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी. कई राज्य सरकारों का दबाव था इसलिए शराब बिक्री पर फैसला लिया गया.
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उन्होंने कहा कि ज्यादातर राज्यों का कहना था कि इस पर रोक से हमें काफी नुकसान हो रहा है. तमिलनाडु में 29 हजार करोड़, हरियाणा में 19 हजार करोड़, कर्नाटक में 15 हजार करोड़, उत्तर प्रदेश में 7 हजार करोड़ और पंजाब में 6200 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था. राज्यों ने यह भी कहा कि अगर आप इस पर रोक लगाए रखते हैं तो हमारे नुकसान की भरपाई करें. इसलिए खोलने का फैसला लिया गया.
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हालांकि राजीव प्रताप रुड़ी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के लिए यह कमाई का जरिया है और जो भी राज्य शराब नहीं बेचना चाहती वो अपने यहां बैन लगा दें. वैसे भी गुजरात और बिहार समेत कई राज्यों में शराबबंदी लागू है.
बीजेपी प्रवक्ता राजीव प्रताप रुड़ी ने साफ लफ्जों में कहा कि अगर किसी राज्य को लगता है कि यह फैसला गलत है तो राज्य सरकार अपने यहां पर इसकी बिक्री पर रोक लगा दें.
क्या शराब की दुकानें खोलने से सामाजिक दूरी का उल्लंघन नहीं होगा, इस पर उन्होंने कहा कि भारत को खोलना ही पड़ेगा, आखिर कब तक बंद रखेंगे. क्या आप चाहते हैं कि देश में शराब पर बैन हो जाए. शराब की ब्रिकी बंद कर दी जाए. आखिर किसी चीज को कब तक बंद रखेंगे. आगे रेलवे चलेगी, जहाज चलेंगे और वहां भी सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया गया तो वहां उसे भी बंद करने को कहेंगे.
कोरोना के साथ जीना होगाः अजय आलोक
जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता अजय आलोक ने शराब की दुकानें खोले जाने के फैसले पर कहा कि हमारा इससे तो कोई लेना-देना ही नहीं है क्योंकि हमारे यहां (बिहार) तो पहले से ही शराबबंदी है, लेकिन यह मानना होगा कि कुछ छूट के साथ लॉकडाउन 3 शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि यह मानवीय सच्चाई है कि हमें मानना होगा कि लोग मानेंगे नहीं. जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया था उस दिन दुकानों पर लोगों की भारी भीड़ जुटी. अगले दिन भी लोग नहीं माने. जबकि कहा गया कि जरूरी चीजों के दामों में वृद्धि नहीं होने देंगे.
अजय आलोक ने कहा कि एक बात तो मानना ही होगा कि कोरोना के साथ आपको जीना होगा. लेकिन हमें इसकी तैयारी रखनी पड़ेगी. हम इससे नहीं दूर जा सकते. धीरे-धीरे हर चीज खोलनी होगी. सामाजिक दूरी का पालन भी करना होगा. मास्क भी लगाना होगा. वैक्सीन की खोज पर काम जारी रखना होगा.
इसे भी पढ़ें —- लॉकडाउन: मजदूरों के टिकट पर घमासान, रेलवे के लेटर में किराया वसूलने का आदेश
इतनी जल्दी खोलना ठीक नहीं: आशुतोष
शराब की दुकानें खोले जाने के सवाल पर ही आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और राजनीतिक एक्सपर्ट आशुतोष कहते हैं कि लॉकडाउन के साथ जो किया जा रहा है वो गलत है. इतनी जल्दी खोलना ठीक नहीं है. आप को लोगों ने चुना है कि आप यह तय करिए कि लोगों की जान सुरक्षित रहे.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन मत खोलिए. अगर दिल्ली में शराब की दुकान खुलती है तो इस पर नियंत्रण की जिम्मेदारी किसकी है. अरविंद केजरीवाल, नरेंद्र मोदी या फिर अमित शाह की. मैं लॉकडाउन खोले जाने के पक्ष में नहीं हूं. जब तक आप सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी तरह से नहीं करते हैं इसे नहीं खोला जाना चाहिए.
केंद्र के फैसले को लागू कर रहे- AAP
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र ने काफी सोच-समझकर इस संबंध में फैसला लिया है. केंद्र ने ऑर्डर जारी कर कहा कि आप ये कर सकते हैं और ये नहीं कर सकते हैं. केंद्र ने सभी चीजों के बारे में अपनी स्थिति साफ की. केंद्र ने सोच-समझकर फैसला लिया है. आज दिल्ली में शराब की ही नहीं कपड़ा, किताब आदि कई चीजों की दुकानें खुलीं, लेकिन वहां भीड़ नहीं उमड़ी. ये किसी चीज का हल नहीं है कि कल को कहीं राशन की दुकान पर भीड़ बढ़ जाए तो राशन की दुकानें बंद करा दी जाए.
उन्होंने कहा कि अगर राज्य में राशन नहीं बिकेगा, किताबें नहीं बिकेंगी, चीजें नहीं बिकेंगी तो राजस्व कहां से आएगा. केंद्र जो भी निर्देश दे रही है उसे हम 100 फीसदी लागू कर रहे हैं.
यह आवश्यक चीजों में नहीं आताः दिनेश वार्ष्णेय
सीपीआई नेता दिनेश वार्ष्णेय ने कहा कि शराब की बिक्री पर छूट देना सही नहीं था, क्या यह अतिआवश्यक चीजों में आता है. इसे खोलने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि अगर खोलनी ही थी तो प्रशासन को पता था कि इतने दिन बाद शराब की दुकानें खोली जा रही हैं तो तैयार रहना चाहिए था. अव्यवस्था नहीं फैलने देना चाहिए था.
सीपीआई नेता दिनेश वार्ष्णेय ने कहा कि केंद्र ने राज्यों को जीएसटी कलेक्शन का हिस्सा नहीं दिया. राज्यों की कमाई बंद हो गई. लेकिन यह कहना कि कोरोना के साथ जीना होगा यह ठीक नहीं है. सरकार को चुना किसलिए गया है और यह किसकी जिम्मेदारी होगी.
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tecnobaba · 4 years
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प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO) ने कथित तौर पर Aarogya Setu ऐप को अपग्रेड करने के लिए टेक लीडर्स और अधिकारियों की एक हाई-लेवल कमीटी का गठन किया है। बता दें कि आरोग्य सेतु भारत सरकार की ओर से कोविड-19 (कोरोनावायरस) संक्रमण को ट्रैक करने वाला आधिकारिक ऐप है। पीटीआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए जानकारी दी है कि इस समिति ने पहले ही हफ्ते में 3-4 बार बैठक कर दी है, जिसमें पीएमओ भी शामिल है। 2 अप्रैल को लॉन्च किया गया Aarogya Setu ऐप यूज़र्स को यह जांचने में मदद करता है कि क्या वे किसी कोरोनोवायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं या नहीं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कई सरकारी संस्थान लगातार भारतीय नागरिकों को इस ऐप को डाउनलोड करने की सलाह दे रहे हैं। पीटीआई के अनुसार, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन इस समिति का को लीड कर रहे हैं। इस समिति में अधिकारी और टेक्नोलॉजी लीडर, जैसे आईटी सचिव अजय साहनी, ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा, दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश, टाटा ग्रुप के चेयरपर्सन एन चंद्रशेखरन, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, टेक महिंद्रा ग्रुप के सीईओ सीपी गुरनानी, आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर वी कामकोटी और गूगल मैप्स इंडिया के ललितेश कटरागड्डा शामिल हैं। पीएमओ द्वारा गठित की गई इस समिति का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जीपीएस का इस्तेमाल करके उन मरीजों की आवाजाही को ट्रैक करना है, जो क्वारंटाइन में हैं। अपडेट किया गया ऐप लोगों को उनके इलाके में दैनिक जरूरतों के वितरण के केंद्रों की जानकारी भी देगा। रिमोट हेल्थकेयर सुविधा को भी ऐप में उपलब्ध कराया जाएगा। समिति सिर्फ स्मार्टफोन पर ही नहीं बल्कि Aarogya Setu ऐप को सभी प्रकार के फोन पर उपलब्ध कराने के लिए भी काम कर रही है। जैसा कि हमने आपको बताया कि आरोग्य सेतु ऐप को 2 अप्रैल को लॉन्च किया गया था और लॉन्च के तीसरे दिन ही इस ऐप को 5 मिलियन यानी 50 लाख बार डाउनलोड किया जा चुका था और आज ही एक नई जानकारी सामने आई है कि इस ऐप ने लॉन्च के 13 दिन बाद 5 करोड़ डाउनलोड्स का आंकड़ा पार कर लिया है। https://www.instagram.com/p/B_APdkpDI-N/?igshid=f4swiztbenfr
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bjp4gaurav-blog · 6 years
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महाठगबंधन के नेताओ के नाम के पहले अक्षर को जोड़ने पर क्या बनता है R - RahulGandhi A -akhilesh M -mayavati N -Naydu A -Arvind kejriwal M -Mamta Banarjee S -Sharad pawar A - Ajit Singh T - Tejaswi Y - Yechury A - Assudeen Owaisi राम नाम सत्य है इस बार कांग्रेस के महागनठबंदन का #gauravbjp4india हमें गर्व है अपने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पर https://www.instagram.com/p/BsdxwrClZwY/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=ta5r8vcnixqq
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lazyupdates · 6 years
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अधिकारियों को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच शुरू हुआ टकराव फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी मांगों को लेकर उ���राज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर लगातार पिछले छह दिनों (11 जून शाम से) से धरने पर बैठे हैं। केजरीवाल का साथ निभाने के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन और गोपाल राय लगातार उनके साथ धरने पर बने हुए है। अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करने पर धरने में शामिल सिसोदिया और जैन उपराज्यपाल के दफ्तर में बेमियादी भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
PHOTO: @scribe_prashant
इस बीच दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के धरने के मामले में नया मोड़ आ गया है। पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार (16 जून) को दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल के प्रति एकजुटता दिखाई। चारों राज्यों के मुख्यमंत्री खुलकर केजरीवाल के समर्थन में आ गए हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, केरल के सीएम पिनरायी विजयन और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने केजरीवाल का समर्थन किया है।
वहीं, दिल्ली में आज यानी रविवार (17 जून) को नीति आयोग की चौथी बैठक के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने वाले इन चारों मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इन मुख्यमंत्रियों ने अधिकारियों को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच जारी टकराव का मुद्दा उठाया है या नहीं। दरअसल पहले मीडिया में यह रिपोर्ट आई थी कि नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी के सामने ये चारों मुख्यमंत्री दिल्ली के LG की शिकायत करेंगे।
Delhi: PM Narendra Modi with Karnataka CM HD Kumaraswamy, Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu, West Bengal CM Mamata Banerjee and Kerala CM Pinarayi Vijayan on sidelines of NITI Aayog Governing Council meeting pic.twitter.com/4yIG1tGz7C
— ANI (@ANI) June 17, 2018
इससे पहले शनिवार को केजरीवाल के आवास पर संवाददाता सम्मेलन में चारों मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से तुरंत ‘‘संकट’’ का समाधान करने को कहा।अगले साल लोकसभा चुनावों के पहले विपक्षी दलों के साथ आने के प्रयासों के बीच केजरीवाल को चारों मुख्यमंत्रियों के समर्थन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रही कांग्रेस दिल्ली के मुख्यमंत्री के धरना पर बैठने की आलोचना कर रही है।
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए यहां आए हैं। हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री दखल दें और समस्या को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।’’ हालांकि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को धरने पर बैठे दिल्ली के सीएम से मुलाकात की अनुमति नहीं दी।
उपराज्यपाल अनिल बैजल की ओर से मिलने की अनुमति नहीं मिलने के बाद चारों मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर गए, जहां उनकी पत्नी ने पूरे वाकये से अवगत कराया। ममता ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलना चाहती थी लेकिन मौखिक रूप से मुझे बताया गया कि अनुमति नहीं मिलेगी। इसके बाद हम चारों ने उपराज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा, लेकिन हमें बताया गया कि वह (बैजल) यहां नहीं हैं। हमें इजाजत नहीं दी गई।’’
इससे पहले चारों मुख्यमंत्रियों की बैठक आंध्र भवन में हुई। ममता, नायडू, विजयन और कुमारस्वामी आज यानी रविवार को नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए हुए हैं। चारों मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के निवास पर केजरीवाल की पत्नी और आप के कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात की। बता दें कि केजरीवाल दिल्ली में नौकरशाहों की ‘‘हड़ताल’’ खत्म करवाने के लिए अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ उपराज्यपाल के कार्यालय में पिछले छह दिनों से धरना पर बैठे हैं।
ममता ने कहा, ‘‘हमें उनसे मुलाकात के लिए छह मिनट का भी समय नहीं दिया गया। हम चाहते हैं कि इस समस्या को सुलझाया जाए। यह संवैधानिक संकट बन गया है। आखिरकार अगर इस समस्या को नहीं सुलझाया गया तो लोगों को नुकसान होगा। अगर राजधानी में ये चीजें होंगी तो अन्य राज्यों में क्या होगा ? हम कल प्रधानमंत्री से मिलेंगे और उनसे समस्या को सुलझाने के लिए दखल देने का अनुरोध करेंगे।’’
केजरीवाल का समर्थन करने वाले चारों मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक के दौरान PM मोदी से की मुलाकात
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ps-terrorism-blog · 7 years
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acCHhe Din [aA, Kahan]Gaye Bhai[on]Bahan !? "jabse cm bna hai yogi urf ajay bist tab se kitne masum be maut mar rhe hain? kitne criminalize kiye jail me bheje ja rahe hain? kitno ke jeevan-career barbad ho chuke-gaye-guzar-rahe/guzre hain?" 85% [बाहुसांख्यकी, अधिकांक्षी][क] [संघठन, चेतना, सुविज्ञ[आन], प्रज्ञा] ज़िंदाबाद-सम्भावित !? भारत के पौड़ानिक-से-नवयुगी दासतानें[अ]फँसाने [slavery-enTrapments]: https://www.facebook.com/MoolnivasiMedia/videos/249559375448580 दोनों[म,व,मा]रनेवाले [ज़्यादा,अधिक]तर [अधिकांक्षी,बहूजन,बाहूसँख्यक]85-90%[शूद्र-OBCs, दलित-Dalits, आदिवासी-Ad[h]iwasis, धार्मिक-अल्पसंख्यक-साँस्कृतिक-नृजातीय-minorities] होते रहे गुज़[-ा]रे-गए। [brahmenब्राम्हणb[al]ramhu[ma]n, k[s]hetriya, tradest] बस घट[-ी,ना] को {स्क्रिप्टित, son-culp-rit, स्वीकृत}अर्थवा[स्कृप्ट-लिखते, [मा,ता][नसिक,न्त्रिक]क्रियान्वित{करते}[अ]हिंसा, तमाश[बीन]बनते[नरसिँहित,गौरीमा]] गुज़[-ा]रे[ते]गए। https://brahminterrorism.wordpress.com https://www.facebook.com/photo.php?fbid=414847158909004 राष्ट्र[प्र]देश को वर्ण[su,क़ु,सम्][वर्चस्व,प्रभुत्व]ता के प्रोपेगैंडा[अ,दुर्]बोध[आतुर]एजेंडे से बचाना। an aMazing Fake News Show on Zee News by-through Sudhir Chaudhary : https://youtu.be/fHStIl06CiI जितनी गहराई में जाँचोगे-पुरखोगे, {धर्म के आधार पर बनाईं गयीं, धार्मी[आ]धारित} [शोच,संशोध]नीय प्र[शो,को]ष[ण,क़] व्यवस्थाएं समझ[पा,ते,जा]ओगे। https://brahminsexposed.wordpress.com How to identify Fake News in India?? by Dhruv Rathee: https://youtu.be/Ezcng6hyWp4 राष्ट्र[प्र]देश को [सम्]प्रबुद्ध [पौरुष, स्त्रीत्व, आत्मियत] प्रदान [करें।, कराया?] यह है योगी आदित्यनाथ की असलियत Dhruv Rathee eXPosed Reality of Yogi Adityanath alias aJay sin-gh-ar bist https://youtu.be/CqfsjABygiU BjP-ND[A,modi] के अबतक के सब [U-TUrn, perVersion]s तक का कच्चा-चिट्ठा modi-operandi. eXPosed with [proof, truth, fact, eVidence]s https://youtu.be/QT-jYPWMhUQ गुजरात के बाद राष्ट्र[प्र,-ीय]देश परेशान हो गुज़र रहा/रहे हैं: https://youtu.be/iwDXhWAZ600 "its 9/11.. [2001; planned-conspiracy/surgical-strikes for/by spreading terror[ism] [un]ofFicial] it was effective from 9/11.. [2016]; nine[th] november; eXecuted [after (fake?) surgical-strikes? for political [gains-votebanks, polarization] ofFicial]" Hindu Yuva Vahini on Rape of [graveYard, grieve] Muslim girls: https://youtu.be/BGz3WqfvBEw?t=3m1s Gadkari and the 'Brahmin' Janata Party: https://youtu.be/nn98r6yyRp0 Elderly man beaten to death; case registered against Hindu Yuva Vahini: https://youtu.be/QeJ9EVXom4g Brahm[a,e,i]n[ism,s] eXPosed: https://youtu.be/q2s3AcQZJd0 Brahm[a,e,i]n Girl rePly: https://youtu.be/EQKgVytO-90 सीएम के संगठन का बरेली गैंगरेप से क्या है कनेक्शन/CM's ajay bist urf Yogi aDityaNath's Yuva vahini conNection with Barely GangRape: https://youtu.be/hdlk4XV7MYI नरेन्द्र मोदी के cm रहते गुजरात के २१०० करोड के [कौभांड, sCam, भांडा, घोटाला] की पोल @arjunmodhwadia ने खोली हे: https://youtu.be/zZVCA8-MgUI राष्ट्र[प्र]देश का सबसे-बेकार/बदतरीन प्रधानमंत्री है राष्ट्रीय[प्रधान, स्वयं]सेवक नरेंद्र मोदी: https://youtu.be/4h1fICG0RZA There have been too many-much propaganda for [iDeoLogical, feuDal, {p}aRTificial, reliGiose-reLigious, eThnic, reGional] battle-war-priest[Craft]s, inStead of proViding good-better living conditions for its-their nationals. "neta nhi bs bhagwa-sand-hathi[pro-p-a]genda h. desh[pra]rastra bharat-india ke bhole-seedhe-saad[h]e-buddhu logon ko kucchh samajh me nhi ata h: chai wala pm ban gaya h, natak-notenki-kala{h}-koo[d,t] wale abhinet[a,ri] cabinet mantri ban gaye hai, ye dhongi yogi cm ban raha h; ab kiya hoga desh ka; lagta h desh[pra]rastra ke public[lok]logon ko sirf (b)haavi (sa)[b-ha-wan] karane h; tamaash-been banana h; [pra]desh me, ghar-pariwar-samuday-samaj-kshetra-vyavsah-wishay-lok-log nahin sudharne-sawarne, p[al,os]ne, [pra]shikshit, [pa,ni]rikshit [karane] h, apitu anyon ke bigaadne-gad[bad,akne]kar[n]e h." Babu Bajrangi exposed Marendra Modi's involvement in 2002 genocide: https://youtu.be/2itWClCClsI अडवाणी, गोधरा, मोदी,  जनता, राम: https://youtu.be/Njf0ZQWWx_4 अमित शाह ने कहा कि "जिन गरीबों को गैस के कनेक्शन मिले, जिन युवाओं को रोजगार के लिए लोन मिले, उनके लिए वाकई अच्छे दिन आ गए हैं"। जिन्होंने/जिनको नोटेबंदी-नौटंकी इत्यादि के पीछे से फ़ायदे-लाभ [ब]ग़ैर-क़ानूनी commission[चालू-चालाकी]दलाली-धंधा [₹50-200 for ₹500-1000 note; 5%-30% for big[ger] amounts] लिए/हुए हैं? और जिन [बेकसूर, बेगुनाह, अबोध, निर्दोष, भोले-भूले, सीधे-साधे] जन[लोक़]लोगों को नोटेबंदी-नौटंकी इत्यादि के आगे-पीछे से हानि-नुक्सान हुए हैं, उनके [बड़े, बुरे, गंदे] [दिन-रात, अंत]? more than 100 [Death, Cide]s, due to [panic, ruMor, shock, long-delaying queue]s.. {right-wing BJP-NDA govern[ment,dhun,nance](प्र)[शा,का]श[न,क]'s [deCision, imPlemention]s! [को,शो,चू]ष[ण,क]!! {resPonsible[ty], [plead] Guilt[y], reMorse}? At least, {ComPensa, resTitu, rePara}tions?} Godhra genoCide disCovered: https://youtu.be/IREXMJwJr_Q मध्यप्रदेश में निकाली गई PM मोदी (Modi) की शव यात्रा: https://youtu.be/rDV-3mBvvg0 राष्ट्रीय प्रधान[मंत्री [स्वयं]सेवक]/junta [p]art[ificial] murdabad. देखिए, qom-vict-ims:[JNUites, रोहित वेमुला, HCU, कश्मीर-ी-यत] पर बनी feaTure[फ़िल्मों, movies]s से डरी सर[O]कार क्या कर guzare: https://youtu.be/b6PE8gdzIzQ [uTube watch] FalLen Chinar: https://youtu.be/JBUwW5z6aNo Rohit Vemula: NDTV PRiME: https://youtu.be/r4eJsBhUyrc doCU https://youtu.be/beSyOEhh94A tRailor: https://youtu.be/D2drAiFDpqQ 1st d'anniv: https://youtu.be/Loxs_gu1C5U [March x3] https://youtu.be/_KupWieLwH0 असली नाम Ajay Mohan Bisht उर्फ़-नक़ली-alias आदित्यनाथ, इसके गुरु: कृपाल सिंह बिष्ट उर्फ़ दिग्विजय नाथ https://en.m.wikipedia.org/wiki/Mahant_Avaidyanath , उसके गुरु: नन्हू सिंह उर्फ़ दिग्विजय नाथ. archaic-पुराणी-अवैद्य आरक्षण[अ]योग्य reServe without deServe. Rajput-k[s]hetriya सामंती-सांघातिक-कलहुंकारी-प्रलयोंकारी गुंडे-सरदार-पुंडे-लठैत-हुडदंगी-बखेड़िया-दंगैत [in-corrigible, turbulent, feudal] lords-gunde-chiephs-looters hokar ke ye pujari-yogi-jogi-mahant bane, woh bhi galat. चले-चढ़े आये हैं ये : No merit [अ]श्रेठ[ता] https://www.geni.com/surnames/bisht . पारिवारिक सम्बन्ध ढूंढो तो निकल जायेंगे-आएंगे इनके आप-स के [शायद] http://www.devbhumiuttaranchal.com/2013/11/garhwali-surnames.html family relation dhoondo to niqal ayenge dhongi ke [may-might be]. Rajput[ana]: which [raj ke put OR raja ke put]?? [kani] if raj, which [dharmic-dramaic, [a-nti]social, feudal, communal, party-politics]?? if raja, which raja?? btw titles [dis]like [maha]raja, sultan, samrat, [his, her]highness, are/[have had been declared] unlawful/illegal in in-dependent india[n nation]. योगी आदित्यनाथ के वो विवादित बयान/ CACTi anti[oThers, nation[als]'] ideology-speeches pro[brahm[a,i]n, k[s]hetriya, aRyan aRe-a-n]ism only of aJay bisht alias adityanath: https://youtu.be/3zOF2RXlIow साबरमती एक्सप्रेस बलास्ट में, 17 साल बाद ए.एम.यु. पी.एच.डी. छात्र गुलज़ार वाणी बरी: की बेगुनाही-रिहाई//Gulzar Wani who was Jailed in SabarMati eXPress Case, acQuited after 17 years of [rigrous] imPriSonMent: https://youtu.be/kuDbQ8uQKg4 ye है इन ढोंगी बामनों-k[s]hetriyon का अखंड-पाखंडी-सामंती hypocritical-feudal [छद्म[वि]ज्ञान-pseudoScience, intrigue, machination]। इनकी पुश्तें नहीं कर सकती इंसाफ[पाठ]राज । mahesh chandra शर्मा, न्यायाधीश-judge, who wanted गउ-cow as राष्ट्रीय पशु [माता] national animal mother, says peacocks-peahens don't do sex: https://youtu.be/Jx0xXaHekhc https://youtu.be/9AZcR4ToLks "out-of-world alien-arean-sons-crit: mayur[i]mayur sex-copulation madhur[i]madhur" "Iski education degree check karo aur jitne bhi judgement diye hain sab ke sab radd karo. Ek number bhakt dimagh hai iska. Shame|lanat fenko aise jeheno-seerato par. aise jahil hain India main Judge !!!! Lagta ye "sharma" bhi photosynthesis se paida hua hai." [3.5% brahmin aRe-a-n-s 5% k[s]hetriya] 90% pre-dominance in [top,jack]pot [politic[al partie]s, propaga[nda,tion]aGenda, re[li]gion-pseudoScience, judiciary-justice, media, society-sabha-conGregations-conClaves-eVents-Fest[ivals], eDucation, inDustries, agriculture, professions-occupancy] Ajay Mohan Beast उर्फ़-नक़ली-alias आदित्यनाथ jo karname qiye, bhadkau-bhatkau भाषण दिए, inQe khilaf jo police chargesheet file hui court me, inQo to jail me quaid सज़ा याफ्ता hona-hota, tabhi sudhar sakte the-hain ye. बाहर भाड़ banane ke liye खुले साँड ki tarah नहीं छोड़ना चाहिए. योगी आदित्यनाथ उर्फ़-नक़ली-alias अजय मोहन बिष्ट की पूरी जन्मकुंडली/FIR-LIST Chargesheet-filed aGainst UP CM Adityanath alias Ajay Mohan Bisht https://youtu.be/yLBK56ZrVIU Satta ka [bhogi, rogi, yogi, dhongi] adityanath urf ajay mohan beast [bhagwa-bhadwa atankwadi]; sadhu-sant to [sAmaji, rAjnaiti]k jeevan tyag-taj ke rahte hain. https://youtu.be/Ep5hy5jMNQk भाजपाई शि-व-राज में मंदसौर में अन्न[दाता,पूर्णा]-किसानों पर चलाईं गईं गोलियां. Six Feeders-Farmers killed-shooted-down during protest in Madsaur in shivraj https://youtu.be/JPTpYJmDLwg https://youtu.be/SejVsDLPYm0 निचली राजनीति पर उतर आयी हैं BJP अरुण शोरी | BJP is stooping to the lower levels of politics: https://youtu.be/tUQRScrGJ64 Na-na on she-wa-raj's farther farmer: https://youtu.be/IRvijPKme7s मंदसौर पर गर्म जेडीयू: https://youtu.be/R1bFWoh7pfo Jaise [sar[o]kar, shashan-shoshan-shoshaq, modi-bhagwa] Waise [bhagat-bhugat, junta-militants, supporters-fellows-followers, poshaq-qoshaq] नीमच/प्रदेशभर में किसान आंदोलन जोरो पर: https://youtu.be/lvDmS3WHMcA https://youtu.be/-a8vcnpX79o मंदसौर/किसान अहिंसा आंदोलन के विफल होते शहर में प्रदर्शनकारियो ने डेढ़ घंटे किया हिंसा-सिन्हा उत्पात, लूटपाट व तोड़फोड़: https://youtu.be/q8I7lRCdhKI बौद्ध धर्म को भारत में कैसे उजाड़-उखाड़-ख़त्म कर गुज़[-ा]रे गए: https://youtu.be/S7gwkMtM8cM सिखों की आरएसएस,बजरंग,बीजेपी को खुली चेतावनी। https://youtu.be/VE7OFwF9Y9E जाती हमारी मूल पहचान नहीं - वामन मेश्राम: https://youtu.be/LI90h_Gr0Ww सस्ता खाना नहीं, हमें हमारी मेहनत के व-ेतन चाहिए/We Need Our Stuff, Not Cheap Food: https://youtu.be/E93AKH2j9Ds Ravish Kumar criticise [casteist, racist] [politics, religion, society] on 125th anniversary of Dr. Babasaheb Ambedkar: https://youtu.be/umcuU1Y-l8o [gullible-youth-naive-propagandized-provoked] people-public-crowd turned into d-ange-r-ous murdering ri-gh/o-t Mob-e demo-n-strate Modi-operande भीड़ का [आतंक, उग्र, खौफ, ज़ुल्म, जुर्म]वाद! [सज़ा, कारागार, कारवासी-कामगारी, व्यक्तित्व-अस्तित्व में सुधार]? झारखण्ड में दांया-दक्षिणपन्थी जंगल-राज? https://youtu.be/EG2TMClYAtU religiose-political strategics[pseudo]science कूटनीति-राजनीती शास्त्र-कला[कारी]कलह: enSuring benefits of own[selves,serfs-slaves], [exe,perSe]Cuting surgical-strikes on other[familie,team,organisation,opPosition,partie]s, time & again; push-throw them in hell. अपनों के लाभ[मंदे,तेज़,slow,fluent]फ़ायदे [साध,सुलभ,सरल,सहज,निश्चित,निश्चिन्त]कर, अन्यों-विपक्षियों पर कर[गुज़र]ते चले[गुप्त]भागे शल्य-शैल्य-शोषण-प्रहार-हानि, बार-म-वॉर; उनके-ऊपर [भाड़,वर्चस्व:,प्रभुत्वं] बना/ उनको [भाड़,वर्चस्व:,प्रभुत्वं] में धकेल, जीते जिए? किफ़ायती पन्थी? वादा-खिलाफ़ती-दावे Oath breaker-brokers OR expensive-hurtful-de-predator wings-organisations-party-टाल-म-तोल-[ट]टोलियां-टीलें-सटोरिये-pervert-ठिठोलियां सीधे-साधे-भ[ट,ड़]काऊँ-भूले[-ं]भोले-भालें-तीरें [कठो,कोठ:उ,ठोक,ठुके]र-िये[दुर्ग:propa[g,p,b-h]anda(ef)Forts]mob[उग्र]भीड़->भाड़-hell:भिड़े-भड़-बुझे, उठाईगिरे, डुचे-ठुके, ड[न्-ग]रे, दबे-ढके, डँ[-ा]टे, सँते-सटे, मुड़े-बुढ़े, मरे-खबे, [[इति]आदि,अद्]-भुत[क़ाले, go[र,ल][क्षे,-े,खे]], etc. [ri-gh/ot-ist, varna, [p]artificial] log notenki baaz rahe gaye guza[a]re gaye hain. The Tyranny of [Script,Text][s,ure]: https://youtu.be/6BaGHKe5oi0 मोदी सरकार के 3 साल और दलितों पर बढ़ रहे अत्याचार पर डॉ मनोज झा (Dr. Manoj jha) के विचार! https://youtu.be/dN6NZl44WQ4 "Remember that Bertrand Russell had written that one should be a skeptic never believe in what is dished out by the powerful, always weigh the pros-and-cons of the issues. Good analysis. Fight for the 90%[Shudra-OBCs, Dalits-SCs, Adivasis-STs, victims, weak, et al] so that they get their [dues, reParations, reStitutions, riGhts, Justice, leaderships, rePresentaion, etc] within|on time; [delay~=denial]." [प्र]देश में कम-कम-ज़रा ही प्रबुद्ध[पौरुष, स्त्रीत्व, आत्मियत] क्यों बचा[-कुचा] है !? ri-gh/ot-ist!? दायाँपंथी? [पंगे,दंगे]बाज़? दक्षिणपंथी? Bhai[on]Bahan ye-woh Farzi Mod[a,i,e]Yog [bh{a,u]gat]Sar[O]kar[con]trols {human nation[al,s] [re]source management}s [bad,mad,sad,das]ist-i-cal-ly !?
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नमस्कार वेलकम to upLucknow.in हम रोज रोज ब्रेकिंग न्यूज़ शेयर किया करते हैं अगर आप हमसे जुड़ना चाहते हैं तो इस वेबसाइट को सेव कर सकते हैं और इसे व्हाट्सएप या फेसबुक पर ज्यादा से ज्यादा शेयर कर सकते हैं। 1.कोरोना के कारण मौत को लेकर अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ से तोड़ा नाता😷। 2. ट्रंप ने कहा डब्ल्यूएचओ ने नहीं किया सुधार। 3. चीन के कब्जे में है डब्ल्यूएचओ - डोनाल्ड ट्रंप। 4. ट्रंप का आरोप चीन ने डब्ल्यूएचओ पर दुनिया को गुमराह करने का दबाव डाला। 5. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर एक बार चीन को बताया करोना का जिम्मेदार। 6.ट्रम्प ने कहा चीन को देना होगा दुनिया को जबाब। 7. डोनाल्ड ट्रंप लगाए चीन पर चोरी और जासूसी का भी आरोप! 8. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन की हर कंपनियों पर भी मेरी नजर है। 9. नरेंद्र मोदी ने मन की बात में कहा कि मैं दिन-रात कोशिश कर रहा हूं। 10. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी ने फिर से की अपील और कहा कि जैसे अभी तक धैर्य बनाए थे वैसे ही धैर्य बनाने की जरूरत। 11. पीएम ने अपने पत्र में लिखा कि भारत को घेर रहा है कोरोना 12.100000000 परिवार तक पहुंचेगा पीएम का पत्र 13.लोकडौन  को लेकर पीएम और गृहमंत्री का एक बड़ा बैठक आज। 15.श्रमिक एक्सप्रेस को लेकर ममता बनर्जी ने किया आरोप कहा कि मजदूरों को ठोस ठोस पर भेजा जा रहा है गांव सोशल डिस्पेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है 16.अब दिल्ली होटल मिलेंगी क्वार्टरइन का सुविधा। Uplucknow.in 17. सरकार की 1 साल पूरा होने पर फेसबुक पर लाइव आएंगे जेपी नड्डा। 18. दिल्ली में कॉल 8:09 पर महसूस किए गए थे भूकंप के झटके। 19. हरियाणा और पंजाब में भी महसूस किए गए थे रात को भूकंप के झटके तीव्रता मापन 3.45। 20. दिल्ली में 48 दिनों में कुल 5 बार आ चुकी है भूकंप। 21. आज गाजियाबाद में 24 घंटों में 16 नए केस आए हैं। 22. तेज गर्मी के कारण हो रही है चमगादड़ की मौत। 23. आज से जम्मू कश्मीर में पेट्रोल 1.5 रुपये और डीजल 1.2 रुपए महंगे। 24. गोरा ग्राम में भी शुरू हुआ करो ना के कहर 24 घंटों में 154 के साथ चुके हैं। 25. ठाणे में स्टेडियम को बदला गया हॉस्पिटल के रूप में। 26. हिमाचल में 1 जून से होगी ट्रांसपोर्ट की शुरुआत। 27. कानपुर में लोगों की भीड़ जमाने के आरोप में समाजवादी पार्टी के विधायक पर शिकायत हुआ दर्ज। 28. बालाघाट में एक जालिम पिता ने अपने 8 साल के बच्चे को नदी में डूबा कर मार डाला। 29. जम्मू कश्मीर में 75 दिन बाद खुली शराब की दुकानें शराब के शौकीनों की लगी जमकर भीड़। 30. चीन और भारत की सीमा विवाद को लेकर राहुल गांधी ने किया ट्वीट और मोदी पर साधा निशाना और अपने ट्वीट के जरिए पूछा कि आखिर यह हो क्या रहा है कुछ और शपस्ट तो किया जाए। तो ये थी आज की कुछ ब्रेकिंग न्यूज़ जो कि आपको जानना बेहद जरूरी था। और यह न्यूज़ अगर आपको अच्छा लगा हो तो मुझे कमेंट जरूर करें और इस न्यूज़ को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि यह न्यूज़ सबके पास पहुंच सके। Share on whatsapp🔥 Share on Facebook🔥
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shaileshg · 4 years
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केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को लॉकडाउन के दौरान जारी हुए खेती से जुड़े तीन ऑर्डिनेंस को पारित करने के लिए विधेयक पेश किए। इस पर पंजाब, हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में किसान आंदोलन कर रहे हैं। कई इलाकों में ���न्होंने प्रमुख हाईवे ब्लॉक किए और मांग की कि प्रस्तावित कानूनों को संसद में पारित न किया जाए।
सबसे पहले क्या है यह तीन विधेयक?
कृषि सुधारों को टारगेट करते हुए लाए गए यह तीन विधेयक हैं- द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) बिल 2020; द फार्मर्स (एम्पॉवरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस बिल 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल 2020।
इन तीनों ही कानूनों को केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान 5 जून 2020 को ऑर्डिनेंस की शक्ल में लागू किया था। तब से ही इन पर बवाल मचा हुआ है। केंद्र सरकार इन्हें अब तक का सबसे बड़ा कृषि सुधार कह रही है। लेकिन, विपक्षी पार्टियों को इसमें किसानों का शोषण और कॉर्पोरेट्स का फायदा दिख रहा है।
कांग्रेस एवं अन्य पार्टियों के विरोध के बाद भी एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) बिल लोकसभा में पारित हो गया है। अब यह चर्चा के लिए राज्यसभा में जाएगा। वहां से पास होने पर कानून औपचारिक रूप से लागू हो जाएगा। सरकार की कोशिश इसी सत्र में इन तीनों ही कानूनों को संसद से पारित कराने की है।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में, देश के कृषि क्षेत्र में आमूलचूल सुधार के लिए, लोक सभा में विधेयक प्रस्तुत करने के दौरान मेरा सम्बोधन।#LokSabha https://t.co/BCYbjOnGek
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) September 14, 2020
1. द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) बिल 2020
क्या है मौजूदा व्यवस्था? किसानों के पास अपनी फसल बेचने के ज्यादा विकल्प नहीं है। किसानों को कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) में फसल बेचनी होती है। रजिस्टर्ड लाइसेंसी या राज्य सरकार को ही फसल बेच सकते हैं। दूसरे राज्य में या ई-ट्रेडिंग के जरिए फसल नहीं बेच सकते।
कानून से क्या होगा? ऐसा इको-सिस्टम बनेगा, जहां किसान मनचाहे स्थान पर फसल बेच सकेंगे। इंटर-स्टेट और इंट्रा-स्टेट कारोबार बिना किसी अड़चन कर सकेंगे। राज्यों के एपीएमसी के दायरे से बाहर भी। इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग से भी अपनी फसल बेच सकेंगे। किसानों की मार्केटिंग लागत बचेगी। जिन इलाकों में किसानों के पास अतिरिक्त फसल है, उन राज्यों में उन्हें अच्छी कीमत मिलेगी। इसी तरह जिन राज्यों में शॉर्टेज है, वहां उन्हें कम कीमत में वस्तु मिलेंगी।
आपत्ति क्या है? कृषि उपज मंडियों से किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिलता था। इससे मार्केट रेगुलेट होता है। राज्यों को मंडी शुल्क के तौर पर आमदनी होती थी, जिससे किसानों के लिए बुनियादी सुविधाएं जुटाई जाती है। मंडियां खत्म हो गईं, तो किसानों को एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा। सरकार भले ही वन नेशन वन मार्केट का नारा दे रही हो, वन नेशन वन एमएसपी होना चाहिए। हालांकि, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का दावा है इस कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य को कोई खतरा नहीं है। वह तो किसानों को मिलता ही रहेगा।
The three farm Bills that will replace ordinances brought by NDA are not in interest of farming community. It will affect livelihood of crores of farmers and others who depend on agriculture sector. 1/
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 16, 2020
2. द फार्मर्स (एम्पॉवरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस बिल 2020
क्या है मौजूदा व्यवस्था? भारत में किसानों की कमाई पूरी तरह से मानसून, प्रोडक्शन से जुड़ी अनिश्चितताओं और बाजार के अनुकूल रहने पर निर्भर है। इससे खेती में रिस्क बहुत ज्यादा है। किसानों को मेहनत के अनुसार रिटर्न नहीं मिलता। कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग भारत में नया नहीं है। अनाज के लिए अनौपचारिक करार आम है। गन्ने और पॉल्ट्री सेक्टर में औपचारिक करार भी होते हैं।
कानून से क्या होगा? सरकार का दावा है कि खेती से जुड़ी सारी रिस्क किसानों की नहीं, बल्कि जो उनसे एग्रीमेंट करेंगे, उन पर शिफ्ट हो जाएगी। कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग को नेशनल फ्रेमवर्क मिलेगा। किसान एग्री-बिजनेस करने वाली कंपनियों, प्रोसेसर्स, होलसेलर्स, एक्सपोर्टर्स और बड़े रिटेलर्स से एग्रीमेंट कर आपस में तय कीमत पर उन्हें फसल बेच सकेंगे। इससे उनकी मार्केटिंग की लागत बचेगी। दलाल खत्म होंगे। किसानों को फसल का उचित मूल्य मिलेगा। विवाद होने पर समय सीमा में उसके निपटारे की प्रभावी व्यवस्था होगी। लिखित एग्रीमेंट में सप्लाई, क्वालिटी, ग्रेड, स्टैंडर्ड्स और कीमत से संबंधित नियम और शर्तें होंगी। यदि फसल की कीमत कम होती है, तो भी अनुबंध के आधार पर किसानों को गारंटेड कीमत तो मिलेगी ही। बोनस या प्रीमियम का प्रावधान भी होगा।
Understand that mother of all reforms is being unleashed in India right now with farm sector ordinances Don't let Communists stop this like they stopped Land Acquisition Bill You want GDP growth? Support REFORM Be vocal Don't let jholawallahs capture the conversation (1/n)
— Abhishek (@AbhishBanerj) September 14, 2020
आपत्ति क्या है? यह बिल कीमतों के शोषण से बचाने का वादा तो करता है, लेकिन कीमतें तय करने का कोई मैकेनिज्म नहीं बताता है। डर है कि इससे प्राइवेट कॉर्पोरेट हाउसेस को किसानों के शोषण का जरिया मिल जाएगा। बिल के आलोचकों को डर है कि खेती का सेक्टर असंगठित है। ऐसे में यदि कॉर्पोरेट्स से लड़ने की नौबत आई, तो उनके पास संसाधन कम पड़ जाएंगे।
3. एसेंशियल कमोडिटी (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस
क्या है मौजूदा व्यवस्था? भारत इस समय ज्यादातर कृषि वस्तुओं में सरप्लस में है। एसेंशियल कमोडिटी एक्ट की वजह से कोल्ड स्टोरेज, गोदामों, प्रोसेसिंग और एक्सपोर्ट में निवेश कम होने की वजह से किसानों को लाभ नहीं मिल पाता। जब बम्पर फसल होती है, तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। खासकर, यदि फसल जल्दी सड़ने वाली है।
कानून से क्या होगा? इस कानून से कोल्ड स्टोरेज और फूड सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी। यह किसानों के साथ ही उपभोक्ताओं के लिए भी कीमतों में स्थिरता बनाए रखने में मदद करेगा। स्टॉक लिमिट तभी लागू होगी, जब सब्जियों की कीमतें दोगुनी हो जाएंगी या खराब न होने वाली फसल की रिटेल कीमत 50% बढ़ जाएगी। अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाया गया है। इससे उत्पादन, स्टोरेज, मूवमेंट और डिस्ट्रीब्यूशन पर सरकारी नियंत्रण खत्म हो जाएगा। युद्ध, प्राकृतिक आपदा, कीमतों में असाधारण वृद्धि और अन्य परिस्थितियों में केंद्र सरकार नियंत्रण अपने हाथ में ले लेगी।
क्या है आपत्ति? पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का कहना है कि खाद्य वस्तुओं पर रेगुलेशन खत्म करने से एक्सपोर्टर्स, प्रोसेसर्स और कारोबारी फसल सीजन में जमाखोरी करेंगे। इससे कीमतों में अस्थिरता आएगी। फूड सिक्योरिटी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। राज्यों को यह पता ही नहीं होगा कि राज्यों में किस वस्तु का कितना स्टॉक है। आलोचकों का कहना है कि इससे आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी बढ़ सकती है।
सरकार क्या कह रही है?
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि यह तीनों ही प्रस्तावित कानून भारत में किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेंगे। सरकार का फोकस किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर है। इसके लिए हर गांव में गोदाम, कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना पहले ही घोषित हो चुकी है। किसान रेल भी शुरू की है। ताकि किसानों को उनके माल की ज्यादा कीमत मिल सके। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि खेती से जुड़े विधेयक मोदी सरकार की दूरदर्शिता है। इससे कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
तीनों विधेयकों पर सरकार के खिलाफ कौन है और साथ कौन?
कांग्रेस के नेतृत्व में करीब छह विपक्षी पार्टियों ने इन विधेयकों का संसद में विरोध किया है। एनडीए के घटक दल शिरोमणि अकाली दल ने भी बिल के विरोध में वोटिंग की। कांग्रेस का साथ देने वालों में तृणमूल कांग्रेस, बसपा, एनसीपी और माकपा शामिल है। हालांकि, महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार चला रही शिवसेना इस बिल पर सरकार के साथ खड़ी दिखाई दी। बीजेडी, टीआरएस और वायएसआर कांग्रेस पार्टी ने भी एसेंशियल कमोडिटी (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस पर सरकार का साथ दिया।
क्या और भी कोई वजह है विरोध की?
पंजाब और हरियाणा के किसान और किसान संगठन मुख्य रूप से इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। जुलाई में भी उन्होंने ऑर्डिनेंस के खिलाफ ट्रेक्टरों के साथ प्रदर्शन किया था। 28 अगस्त को पंजाब विधानसभा केंद्र के ऑर्डिनेंस के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी है। कांग्रेस शासित राज्यों का कहना है कि खेती और उससे जुड़े बाजार राज्यों का अधिकार क्षेत्र है। केंद्र इसमें बेवजह दखल दे रही है। हालांकि, सरकार का कहना है कि खाद्य वस्तुओं का कारोबार उसके दायरे में है। इस वजह से वह संविधान के अनुसार ही काम कर रही है।
(पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च से इनपुट्स)
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aryana Farmers Protest: What is Agriculture Ordinance (BILL) 2020 | Know Everything About Farm Sector Bills In Simple Words, What Does Act Mean
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vsplusonline · 4 years
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Lockdown: आगरा में फंसे कश्मीरी छात्रों ने योगी आदित्यनाथ से मदद मांगी
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Lockdown: आगरा में फंसे कश्मीरी छात्रों ने योगी आदित्यनाथ से मदद मांगी
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Image Source : PTI (FILE) CM Yogi Adityanath
आगरा. कोरोना वायरस प्रसार पर रोक के लिए लागू लॉकडाउन के बीच आगरा में फंसे 12 कश्मीरी छात्रों ने अपने घरों को सुरक्षित लौटने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद मांगी है। इनमें चार छात्राएं भी शामिल हैं और इनकी आयु 19 से 25 वर्ष के बीच है। ये सभी आगरा विश्वविद्यालय के छात्र हैं और शहर में खंदारी क्षेत्र की नसीराबाद कॉलोनी में किराए पर रह रहे हैं। इन छात्रों में से एक ने बताया कि विभिन्न कोर्स की पढ़ाई कर रहे ये छात्र मार्च में अपनी परीक्षाओं के कारण रुक गए थे और इन लोगों ने सोचा था कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वे कश्मीर स्थित अपने घर लौट जाएंगे।
24 वर्षीय मंजूर वानी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमें इसका अंदाजा नहीं था कि लॉकडाउन इतने लंबे समय तक चलेगा और कोरोना वायरस प्रकोप के संबंध में यहां आगरा में भी स्थिति खराब हो जाएगी। हमारे पैसे और खाने की चीजें समाप्त हो रही हैं, बैंक काम नहीं कर रहे हैं, बाहर जाना जोखिम भरा है क्योंकि शहर कोविड-19 हॉटस्पॉट (संक्रमण से अधिक प्रभावित क्षेत्र) है और घर पर हमारे परिवार वाले भी हमारे लिए चिंतित हैं।’’
एमएससी (फॉरेस्टरी) कर रहे वानी ने कहा कि आगरा प्रशासन उन्हें खाने के पैकेट उपलब्ध करा रहा है, लेकिन यह भी दावा किया कि एक सप्ताह पहले पूड़ी-सब्ज़ी खाने से तीन छात्रों को डायरिया हो गया था। वानी ने दावा किया, ‘‘उसके बाद हमने सूखे राशन के लिए अनुरोध किया और हमें थोड़े चावल मिले। पांच दिनों तक हमने केवल चावल और नमक खाया। उन्होंने कहा, ‘‘खाने के पैकेट लेना जोखिम भरा है और अगर कोई भी छात्र वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो परेशानी और बढ़ जाएगी।’’
ये 12 छात्र गांदरबल, हंदवाड़ा, कुलगाम, किश्तवाड़, पुंछ, रजौरी और बडगाम से हैं। ये छात्र अब आदित्यनाथ सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं, जिसने हाल में राजस्थान के कोटा शहर से हजारों छात्रों को वापस लाने के लिए सैकड़ों बसें भेजी थीं। वानी ने कहा, ‘‘हमने कश्मीर में अपने जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क किया लेकिन वे हमारी मदद करने में असमर्थ हैं। हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमारी मदद करने और हमें अपने घरों में वापस भेजने का आग्रह करते हैं।’’
पीटीआई-भाषा ने आगरा के जिलाधिकारी से प्रतिक्रिया के लिए कॉल की लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं प्राप्त हुई। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन के बीच छात्रों के लिए कश्मीर वापस जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम छात्रों के लिए भोजन की व्यवस्था करेंगे।’’
इस बीच, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को आगरा में फंसे कश्मीरी छात्रों की मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘‘जम्मू-कश्मीर में चिंतित माता-पिता को भरोसा देने वाली जानकारी। कोटा से जम्मू कश्मीर के 376 छात्र कल लौटने वाले हैं। सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है। नरेंद्र मोदी सरकार इन युवाओं के हित के लिए प्रतिबद्ध है।’’
वानी ने इस पोस्ट पर टिप्पणी की, ‘‘राजस्थान के कोटा में फंसे जम्मू कश्मीर के सैकड़ों छात्रों ने आज गृह राज्य की ओर अपना सफर शुरू कर दिया। महोदय, हमारा क्या जो उप्र के आगरा में फंसे हुए हैं। यहां मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। हमें जितनी जल्दी हो सके निकालिये।’’ इस टिप्पणी के जवाब में जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद सिंह ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से मंजूर वानी। एक-एक करके। जितनी जल्दी संभव हो सके।’’ 
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vsplusonline · 4 years
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मुख्यमंत्रियों के साथ कल फिर PM मोदी की बैठक, 3 मई के बाद की रणनीति पर होगी चर्चा
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मुख्यमंत्रियों के साथ कल फिर PM मोदी की बैठक, 3 मई के बाद की रणनीति पर होगी चर्चा
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लॉकडाउन की स्थिति पर होगी चर्चा
गृह मंत्रालय की गाइडलाइन पर भी होगी बात
कंटेनमेंट जोन को लेकर भी बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बार फिर बैठक करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी की इस बैठक में कोरोना वायरस से जूझ रहे देश के हालात पर चर्चा की जाएगी और गृह मंत्रालय के निर्देशों के संबंध में जानकारी भी दी जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक में मुख्यमंत्रियों के साथ तीन मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना संक्रमण की स्थिति और नए कंटेनमेंट जोन बनने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्रियों के साथ सुबह 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगे.
प्रधानमंत्री गृह मंत्रालय की 20 अप्रैल के संबंध में जारी की गई गाइडलाइन के पालन को लेकर भी चर्चा करेंगे. इस महत्वपूर्ण बैठक में 3 मई के बाद उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा की जाएगी. लॉकडाउन की स्थिति को लेकर भी इस बैठक में अहम चर्चा की जाएगी.
चौथी बार पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक
प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले भी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई पिछली बैठक में ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने सुझाव दिया था कि लॉकडाउन बढ़ाया जाए. प्रधानमंत्री मुख्यमंत्रियों के साथ लॉकडाउन पर चौथी बार बैठक करने जा रहे हैं.
इस बैठक में लॉकडाउन बढ़ाना है या खत्म करना है, इस विषय पर चर्चा की जाएगी. मौजूदा हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि संक्रमण के केस लॉकडाउन के बाद भी आ रहे हैं, ऐसे लॉकडाउन खत्म होता नहीं दिख रहा है. सोमवार को होने वाली बैठक में लॉकडाउन 3 के लिए भी रास्ते खुल सकते हैं.
लॉकडाउन के भविष्य पर होगा फैसला
इससे पहले 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी. तब 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने वाला था. इस बैठक में भी ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने फिर 14 अप्रैल को घोषणा की थी कि लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया जा रहा है. अब इसी बैठक में तय होना है कि लॉकडाउन 3 का ऐलान किया जाएगा या नहीं.
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24 मार्च को पहली बार लॉकडाउन की घोषणा से पहले 20 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी. दूसरी बार 2 अप्रैल को पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी. इस अहम बैठक में राज्यों ने केंद्र से पीपीई किट, मास्क और हेल्थ इक्विपमेंट्स की मांग की थी. इस बैठक में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा था कि अचानक ही लॉकडाउन नहीं हटाया जाएगा.
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कोरोना संकट पर होगी गंभीर चर्चा
प्रधानंत्री मोदी की ओर से बुलाई गई इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे. लॉकडाउन देश में लागू होने के बाद भी कोरोना संक्रमण के मामले कम नहीं हुए हैं. ऐसे में संक्रमण रोकने के अन्य प्रभावी उपायों पर भी चर्चा की जा सकती है. प्रधानमंत्री बैठक के दौरान मुख्यमंत्रियों से सुझाव भी लेंगे और केंद्र के सुझाव को उनसे साथ साझा भी करेंगे.
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देश में नहीं थम रहा कोरोना संक्रमण
देश में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है. सिर्फ लॉकडाउन बेहद प्रभावी साबित नहीं हो रहा है. देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 26,917 हो गई है जिनमें से 5,913 लोग इलाज के बाद ठीक हो गए हैं. मरने वालों की संख्या अब 826 हो गई है. कोरोना वायरस संक्रमण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं.
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vsplusonline · 4 years
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3 मई के बाद लॉकडाउन का क्या हो? राज्य सरकारों के मन में है ये एग्जिट प्लान
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3 मई के बाद लॉकडाउन का क्या हो? राज्य सरकारों के मन में है ये एग्जिट प्लान
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कोरोना-लॉकडाउन पर ‘ई-एजेंडा आजतक’ की हुई शुरुआत
महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र ने बताए अपने प्लान
कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच ‘ई-एजेंडा आजतक’ की शुरुआत हो गई है. पहले सेशन में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव, बिहार के कैबिनेट मंत्री संजय झा, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंदर जैन और महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने हिस्सा लिया. इस दौरान कोरोना संकट पर बात करते हुए चारों मंत्रियों ने लॉकडाउन को लेकर आगे के प्लान और इसके एग्जिट प्लान पर चर्चा की.
‘ई-एजेंडा आजतक’ में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि हमने 22 मार्च से लॉकडाउन से शुरू किया. 24 मार्च से भारत सरकार ने शुरू किया. 3 मई तक 40 दिन से ज्यादा का लॉकडाउन हो जाएगा. अगर लॉकडाउन ही कोरोना का समाधान है तो हमें इस पर काफी गंभीरता से सोचना होगा. हमें देखना होगा कि लॉकडाउन से क्या-क्या परेशानियां हो रही है. लॉकडाउन के दौरान बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया जाना चाहिए.
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वहीं, बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने कहा कि राज्य में अब तक करीब 15 हजार से अधिक लोगों का टेस्ट हो चुका है. सरकार हर रोज एक हजार से अधिक लोगों का टेस्ट कर रही है. हम अब तक 3.75 करोड़ लोगों का डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग कर चुके हैं. प्रदेश के पांच हॉटस्पॉट एरिया में स्क्रीनिंग की गई. बिहार में भी 22 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था. लॉकडाउन को चरणवार तरीके से खत्म करना होगा. एकदम खत्म नहीं करना चाहिए.
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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि आने वाले समय में कोरोना के फैलने की संभावना है. लॉकडाउन से हम धीरे-धीरे निकल रहे हैं, हम इससे कैसे डील करेंगे अभी भी ये चुनौती है. जो कोरोना के मामले बिना लक्षण के आए हैं, वो सबसे बड़ी चुनौती है. अब लोग थका हुआ महसूस कर रहे हैं. मेरा मानना है कि लॉकडाउन से लोगों को धीरे-धीरे निकालिए. चरणवार तरीके अपनाए जाएं. सारी जानकारियां लोगों की दी जाए.
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महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में केस डबल होने की मियाद बढ़ी है. अब यह साढ़े सात दिन में डबल हो रहा है. मृत्युदर भी सात से घटकर चार फीसदी पर आ गई है. हमारे लिए सबसे बड़ी मुश्किल है कि क्लस्टर को कैसे रोकें. होम क्वारनटीन का फायदा कई बस्तियों में नहीं दिखा, क्योंकि कई जगह छोटे घर हैं. इसलिए बस्तियों से हटाकर लोगों को सरकारी जगह पर ले जाया जा रहा है.
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वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंदर जैन ने कहा कि अभी लॉकडाउन की मियाद को पूरा होने में काफी समय बचा है. ऐसे में हमें अभी लॉकडाउन के आगे के प्लान पर चर्चा नहीं करनी चाहिए. अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रैल को सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात करेंगे. मुझे लगता है कि लॉकडाउन के आगे के प्लान पर 1 मई या 2 मई को फैसला लेना चााहिए.
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vsplusonline · 4 years
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Coronavirus Lockdown: ओवैसी ने प्रवासी मजदूरों के लिए राहत, घर पहुंचने के लिए व्यवस्था करने की मांग की
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Coronavirus Lockdown: ओवैसी ने प्रवासी मजदूरों के लिए राहत, घर पहुंचने के लिए व्यवस्था करने की मांग की
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Image Source : FILE Asaduddin Owaisi
हैदराबाद. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए प्रवासी मजदूरों को केंद्र सरकार राहत दे और राज्य सरकारें उन्हें घर भेजने के लिए इंतजाम करें। ओवैसी ने यह मांग भी की कि राजग सरकार लॉकडाउन के बाद कई लोगों की नौकरियां जाने की आशंका के मद्देनजर भी योजना बनाए।
उन्होंने रमजान के मौके पर बृहस्पतिवार रात को एक ऑनलाइन संदेश में कहा, ‘‘लॉकडाउन समाप्त होने के बाद पहली चीज यह होनी चाहिए कि प्रत्येक राज्य सरकार उन प्रवासी मजदूरों के लिए इंतजाम करे जो अपने गांव, कस्बों को जाना चाहते हैं।’’ ओवैसी ने कहा, ‘‘वे चिंतित हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि बिना योजना के लॉकडाउन की घोषणा की गयी और बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा झारखंड समेत कई राज्यों के मजदूरों को राहत देने के बारे में नहीं सोचा गया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रवासी मजदूर बहुत परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
ओवैसी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि बनारस के एक अधिकारी ने आदेश जारी किया कि शहर में रहने वाले तेलंगाना के श्रमिकों को वापस भेजा जा रहा है, लेकिन हैदराबाद में काम कर रहे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और बंगाल के प्रवासी मजदूरों को उनके गांव क्यों नहीं भेजा जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी क्या बात है कि आप बनारस से भेज सकते हैं, लेकिन हम तेलंगाना से नहीं भेज सकते। वे परेशान हैं।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को रोक दें जिसकी लागत 30,000 करोड़ रुपये आने की संभावना है। इस पैसे का इस्तेमाल गरीबों को राहत पहुंचाने में किया जाए। ओवैसी ने कहा कि अगर सांसदों को दी जाने वाली राशि रोकी जा सकती है, तो सेंट्रल विस्टा परियोजना को क्यों नहीं रोका जा सकता।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि देश में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है। ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बात तो ठीक कही थी कि वायरस का कोई धर्म नहीं होता लेकिन एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तबलीगी जमात तालिबानी है।
महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके चालक की हत्या की निंदा करते हुए एआईएमआईएम नेता ने आरोप लगाया कि एक भाजपा प्रवक्ता ने इसके लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया जबकि महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी आरोपियों की सूची में एक भी मुस्लिम नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर अखलाक, पहलू खान और अन्य ऐसे लिंचिंग के मामलों में कार्रवाई की गयी होती तो पालघर की घटना नहीं होती। ओवैसी ने मुसलमानों से अपील की कि रमजान के पवित्र महीने में लॉकडाउन के दौरान घरों पर ही इबादत करें। 
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सैनिकों, कर्मचारियों के भत्ते के बजाय सेंट्रल विस्टा, बुलेट ट्रेन परियोजना रोके सरकार: कांग्रेस
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सैनिकों, कर्मचारियों के भत्ते के बजाय सेंट्रल विस्टा, बुलेट ट्रेन परियोजना रोके सरकार: कांग्रेस
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सैनिकों, कर्मचारियों के भत्ते के बजाय सेंट्रल विस्टा, बुलेट ट्रेन परियोजना रोके सरकार: कांग्रेस 
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने केंद्रीय कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि नहीं करने के सरकार फैसले की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को सैनिकों और कर्मचारियों के भत्ते काटने के बजाय ‘सेंट्रल विस्टा’, बुलेट ट्रेन परियोजनाओं और फिजूल खर्च पर रोक लगानी चाहिए। 
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सुझाव को मानते हुए केंद्र सरकार अपने फिजूल खर्चे पर रोक लगाकर ढाई लाख करोड़ रुपये बचा सकती है जिसका इस्तेमाल संकट के इस समय में लोगों की मदद के लिए हो सकता है। 
उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के संकट से पैदा हुई आर्थिक मंदी और आय की तंगी पर मरहम लगाने के बजाय मोदी सरकार जले पर नमक छिड़कने में लगी है।’’ सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘ उसने हाल ही में 30,42,000 करोड़ रुपये का बजट पारित किया। बजट में आय व खर्चे का लेखा-जोखा स्पष्ट तौर से दिया जाता है। फिर बजट पेश करने के 30 दिन के अंदर ही मोदी सरकार सेना के जवानों, सरकारी कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते पर कैंची चलाकर क्या साबित कर रही है?’’
 उन्होंने दावा किया कि महंगाई भत्ते में ‘अन्यायपूर्ण कटौती’ से लगभग 1.13 लाख सैनिकों, कर्मचारियों और पेंशनरों की तनख्वाह से सालाना 37,530 करोड़ रुपये की कटौती होगी। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मोदी सरकार द्वारा महंगाई भत्ते की कटौती कर जख्म देने की इस कवायद ने देश की रक्षा करने वाले तीनों सेनाओं के हमारे सैनिकों तक को नहीं बख्शा। इस कटौती के जरिये सेनाओं के 15 लाख सैनिकों और लगभग 26 लाख सैन्य पेंशनभोगियों के 11,000 करोड़ रुपये काट लिये जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस महामारी के बावजूद सरकार ने आज तक 20,000 करोड़ रुपये की लागत वाली सेंट्रल विस्टा परियोजना खारिज नहीं की। न ही उसने 1,10,000 करोड़ रुपये की लागत वाली बुलेट ट्रेन परियोजना बंद की। उसने फिजूल के सरकारी खर्चों में कटौती की घोषणा भी नहीं की, जिससे 2,50,000 करोड़ रुपये सालाना बच सकते हैं।’’ सुरजेवाला ने सरकार से आग्रह किया कि वह इन परियोजनाओं पर रोक लगाए और ‘फिजूल खर्चे’ बंद करे। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत संसद और मध्य दिल्ली की कई सरकारी परिसंपत्तियों के पुन:निर्माण का प्रस्ताव है। 
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vsplusonline · 4 years
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इंडस्ट्री के लिए राहत पैकेज पर लगेगी मुहर! पीएम मोदी की वित्त मंत्री के साथ बैठक आज - Corona lockdown relief package for industry pm modi meeting finance minister nirmala sitharaman tutd
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इंडस्ट्री के लिए राहत पैकेज पर लगेगी मुहर! पीएम मोदी की वित्त मंत्री के साथ बैठक आज - Corona lockdown relief package for industry pm modi meeting finance minister nirmala sitharaman tutd
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शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी की वित्त मंत्री के साथ है महत्वपूर्ण मीटिंग
इस मीटिंग में इंडस्ट्री के राहत पैकेज को मिल सकता है अंतिम रूप
कोरोना लॉकडाउन की वजह से इंडस्ट्री को भारी नुकसान हुआ है
इंडस्ट्री जगत 9 से 23 लाख करोड़ तक के पैकेज की मांग कर रहा है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ एक महत्वपूर्ण मीटिंग करेंगे. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक का एजेंडा ‘वित्तीय राहत पैकेज’ को अंतिम रूप देना है जिसकी काफी समय से तैयारी चल रही है.
वरिष्ठ सरकारी सूत्र इस बात की पुष्टि करते हैं कि ‘इस पैकेज का प्रस्ताव और निहितार्थ’ मार्च में प्रधानमंत्री कल्याण योजना के तहत घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से बड़ा हो सकता है. सूत्रों के अनुसार इस पैकेज में लॉकडाउन और कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर से अर्थव्यवस्था को राहत देने, पुनर्वास और उसे उबारने पर जोर हो सकता है. लगातार बदलते हालात के बीच पीएमओ सभी संबंधित पक्षों और सलाहकार संस्थाओं से चर्चा करता रहा है.
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वरिष्ठ अफसरों से PMO ने की चर्चा
बुधवार को पीएमओ ने तीन घंटे तक 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन.के. सिंह, वित्त आयोग की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य साजिद चिनॉय, नीति आयोग उपाध्यक्ष राजीव कुमार, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस ऐंड पॉलिसी के निदेशक रथिन रॉय, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय, मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यम और वित्त मंत्रालय के ​कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की है. ज्यादातर लोग इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शामिल हुए हैं.
उर्जित पटेल से भी ली सलाह
दिलचस्प यह है कि सरकार इस बार रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल से भी सलाह ले रही है, जिन्होंने सरकार से काफी मतभेद होने के बाद अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था. सूत्रों के अनुसार सरकार राहत पैकेज के पहले कुछ उपायों की घोषणा सोमवार को कर सकती है. हालांकि इसके बारे में अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लिया जाएगा.
क्या हो सकता है पैकेज में
इंडस्ट्री चैम्बर सीआईआई और फिक्की 9 से 23 लाख करोड़ रुपये तक के भारी-भरकम पैकेज की मांग करते रहे हैं. दोनों के प्रतिनिधियों ने पिछले कुछ दिनों में लगातार प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से बात की है.
पिछले करीब एक महीने से आर्थिक गतिविधियों के ठप पड़ने से ज्यादातर छोटे कारोबार, एमएसएमई को नकदी के भारी संकट से गुजरना पड़ रहा है और इसीलिए वे सरकार से तत्काल मदद चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार, सरकार उनकी मदद के लिए कई तरह के विकल्पों पर विचार कर रही है.
पहला विकल्प
पहला विकल्प यह हो सकता है कि तत्काल मदद की जरूरत वाले सेक्टर्स के लिए छोटे पैकेज दिए जाएं. सरकार में कई वरिष्ठ लोगों को यह लगता है कि इस तरह के पैकेज देने से इन सेक्टर की मदद भी हो जाएगी और सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ भी नहीं पड़ेगा.
इसे भी पढ़ें: लॉकडाउन के बाद क्या पेट्रोल-डीजल के दाम में होगी भारी कटौती?
दूसरा विकल्प
दूसरा विकल्प यह है कि पहले उद्योगों को खोला जाए और बाद में बड़े राहत पैकेज की घोषणा की जाए. सरकार के कई वरिष्ठ लोगों को लगता है कि इंडस्ट्री खुलने के बाद ही उन्हें जमीनी हालात का अंदाजा मिल पाएगा और इसके बाद आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखने के लिए राहत पैकेज देना आसान होगा.
इसके अलावा यह भी कोशिश है कि इस तरह के पैकेज से लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का भला हो.
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