पिछले छह वर्षों से संत श्री आसाराम जी बापू पर हो रहा अत्याचार सुनियोजित साजिश है जिसके तीन अंग हैं: 1 . ईसाई मिशनरी - बापूजी द्वारा धर्मान्तरण का पुरजोर विरोध करने और लाखों आदिवासियों को पुनः हिंदुत्व की मुख्यधारा से जोड़ने के कारण ईसाई मिशनरी ने बापूजी के खिलाफ वेटिकन से सैकड़ों करोड़ो मगाकर झूठी ख़बरें मीडिया में चलवाई और सा��िश आज तक जारी है 2 . राजनेता - जो बापूजी की प्रसिद्धि से जलते है। और जब भी हिंदुत्व पर प्रहार हुआ चाहे वो राजनेता किसी पार्टी से हो, बापूजी ने निर्भीक होकर ऐसे राजनेताओं का विरोध किया 3 . गद्दार - आश्रम से पूर्व में निकाले गए गद्दार जिन्होंने कुछ अभी महत्वपूर्ण पदों पर बैठे आस्तीन के सापों को आपस में मिला लिया है इस ब्लॉग के पोस्ट पूज्य बापूजी के खिलाफ षड़यंत्र की परत दर परत पोल खोलते हैं.. अवश्य पढ़ें..
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बस, अब कुछ महीनों की मौज-बहार !
गुजरात की ‘टॉप माफिया’ टीम ने गुजरात के सेठों से फाइनेंस करवा कर वर्ष 2014 में एक बहुत मोटा दाँव खेला था और फिर उसे बहुत आसानी से पूरे हिन्दुस्तान की हकूमत भी हाथ लग गई- हालांकि भाजपा को भी इसकी बिल्कुल ऊम्मीद नहीं थी| आर.एस.एस के विश्वासपात्र एवं भाजपा के एक वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने यह बातें स्वंय एक मराठी चैनल पर कही भी हैं|
पिछले पांच सालों के दौरान देश की जनता को इन लोगों ने खूब दबा कर लूटा है| नोटबंदी व पैट्रोल की लूट ने तो मध्यम वर्ग की से कमर ही तोड़ कर रख दी है| देश का पूरा मीडिया इस समय क्योंकि गुजरात के नरेन्द्र भाई की जी-हजूरी में इतना भारी मशगूल है कि उसके पास आज ‘आम आदमी’ के बारे में बात करने का तो समय तक नहीं है|
फिर भी आर्थिक तंगी के कारण पूरे के पूरे परिवारों की आत्महत्याओं के साथ-साथ रोजाना एक-एक, दो-दो व्यक्तियों की खुदकुशी की खबरें भी मिलती ही रहती हैं| इसके अलावा चोरी, डकैती और झपटमारी वगैरहा तो आज इतनी आम-बात हो गई है कि देश की राजधानी तक में भी कार या ऑटों में जा रहे लोगों को रुकवा कर उनका पूरा सामान छीन लिया जाता है| इन दिनों कार चोरी और धोखाधड़ी की वारदातें भी बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं और दुःख की बात यह है कि उच्च शिक्षा प्राप्त युवक-युवतियां भी इन अपराधों में शामिल पाए जा रहे हैं|
बेरोजगारी का आलम यह है कि दिल्ली पुलिस में नाई, धोबी व माली जैसे काम करने के लिए 750 पदों के लिए लगभग साढ़े सात लाख लोगों ने आवेदन किया है और इनमें से भी अधिकांश केवल मात्र ग्रेजुएट ही नहीं बल्कि एम०टैक, बी०टैक, एम०बी०ए० तथा पी०एच०डी० तक भी हैं|
कुला मिलाकर आम-आदमी की हालत आज बहुत खतरनाक है तथा वो अपनी इस हालत के लिए पूरी तरह से ‘मोदी’ को ही जिम्मेदार माँ रहा है और वह अब जल्दी से जल्दी इससे छु��कारा भी पाना चाहता है|
‘उत्तर प्रदेश में मायावती व अखिलेश का गठबंधन गुजरात की इस माफिया जोड़ी का *‘डेथ वारेन्ट’* साबित होने जा रहा है|’ गठबंधन के बाद की गई सपा-बसपा की एक साझा प्रेस-कान्फ्रेंस में गए एक पत्रकार ने उपरोक्त विचार व्यक्त किए हैं| उसने बताया कि पिछड़ा वर्ग, मुसलमान व यादव का यह गठबंधन ना केवल उत्तर प्रदेश से भाजपा का सफाया कर देगा बल्कि देश के अन्य सभी हिंदी राज्यों में भी यह इनको दुड़की लगवा सकता है| उसने कहा कि लालू के पुत्र तेजस्वी का वहां पहुँचना भी मेरी इसी बात का समर्थन करता है| पत्रकार ने कहा कि यदि इस गठबंधन के भारत-विजय प्रोग्राम में कोई एक रुकावट हो सकती है तो वह है बसपा सुप्रीमो मायावती का अनिश्चित मूड व उनका अहंकार, वैसे अखिलेश इस मामले में मास्टर आदमी है तथा हमें उम्मीद है वह यह सब अच्छी तरह से हैंडिल कर लेगा| दूसरी तरफ गुजरात की इस माफिया-जोड़ी ने पिछले पांच सालों में देश के हिन्दू संतों, हिन्दू-मन्दिरों व गौमाता के ऊपर जो भीषण अत्याचार किए हैं, वो पाप भी परिपक्व होकर अब इन्हें झपटने की पूरी तैयारी कर रहे हैं|
वैसे तो CJI दीपक मिश्रा से जाते-जाते जज लोया के मामले में इन लोगों ने आखिरी लाईन लिखवाली थी कि- अब इस मामले में कोर्ट में कोई सुनवाई नहीं होगी, मामला पूरी तरह से खत्म हो गया है, किन्तु नागपुर के एक वरिष्ठ वकील सतीश यू.के ने इस मामले में अपनी जान को भी खतरा बताते हुए बम्बई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में एक याचिका दाखिल की है| उसने अपनी याचिका में साफ-साफ कहा कि जज लोया हत्याकांड को भी ‘झूठ’ के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट में ‘फाईल’ करवाया गया है| याचिकाकर्ता सतीश यूके ने बताया कि सी.बी.आई जज की मौत हार्ट-अटैक से नहीं बल्कि न्यूक्लियर आईसोटोप नामक जहर से हुई थी तथा जस्टिस लोया बम्बई से नागपुर किसी शादी समारोह में नहीं बल्कि एक षड्यंत्र के तहत उन्हें सरकारी काम से नागपुर भेजा गया था| याचिकाकर्त्ता ने कहा है कि एडवोकेट खान्डेलकर तथा एडवोकेट थोम्बे की हत्यायें भी केवल इसलिए की गईं हैं कि उन्हें जस्टिस लोया ने अपने ऊपर पड़ रहे दबावों के बारे में विस्तार से बता दिया था|
सतीश यूके ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि उसकी हत्या के भी कई प्रयास किए जा चुके हैं किन्तु अब तक भगवन की कृपा से वह बचता रहा है, तथा उसने अपनी यह याचिका अपनी जान बचाने के लिए ही दाखिल की है, कोर्ट ने भी याचिका खारिज नहीं की है तथा याचिकाकर्त्ता से कुछ अन्य जानकारी मांगने के साथ-साथ सुनवाई की अगली तारीख भी दे दी है- यानि *महामाया चा खेल चालू आहे|*
दूसरी तरफ कम्पनी के बड़े ‘भाई’ नरेन्द्र मोदी के खिलाफ गुजरात नरसंहार के मामले में भी पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा की शिकायत पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर दिया है|
यानि इस गुजराती माफिया जोड़ी के गुनाह पूरी कोशिशों के बावजूद भी किसी तरह से खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं, तो यही तो है सनातन धर्म का वह कर्म-सिद्धांत, जो पूरी तरह से अकाट्य है| इनसे तो भोग के ही छुटकारा पाया जा सकता है|
इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू व उनके पूरे परिवार के साथ इन दोनों के अतिरिक्त और जिन-जिन गद्दार लोगों ने भी अन्याय व अत्याचार किए हैं उन्हें तो युगों-युगों तक नारकीय योनियों में रहकर इन्हें भुगतना ही पड़ेगा| आश्रम के गद्दारों को भी इनसे छुटकारा नहीं मिलने वाला है और उनका प्रोग्राम भी इसी प्रकार चालू है, इन दोनों की अब कुछ महीनों की मौज-बहार ही बाकी रह गई है|
दिनांक 16-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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हिन्दू विजय का शंखनाद है आज का मकरसंक्रांति पर्व
आज मकर-संक्रांति का पर्व है| यह इकलौता पर्व है जो किसी ना किसी रुप में लगभग सभी हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है| आज से ही हिन्दुओं के ऊपर लगा मोदी-शाह रुपी ग्रहण भी अब कम होना शुरू हो जाएगा|
‘हिन्दू’ मेरे विचार में विश्व की ‘सबसे भोली’ जाति है, जिसने हजारों वर्ष के अपने हर प्रकार के शोषण व गुलामी के बावजूद भी आजतक कोई सबक ही नहीं सीखा है तथा यह आज भी धर्म, जाति, मंदिर व गौमाता जैसे अपने धर्म के प्रतीकों के नाम पर बहुत आसानी से फुसलाई जा सकती है| अंग्रेजों ने भी यही किया था और ‘सोने की चिड़िया’ कहलाने वाले भारत को बिल्कुल ही कंगाल बना कर तब छोड़ा जब सभी देशवासी अपने-अपने धर्म व संस्कृति के प्रतीकों को एक ओर रख कर एकजुट होकर उनके सामने खड़े हो गए थे|
भाजपा प्रारंभ से ही अंग्रेजों की ‘डिवाइड एंड रुल’ की पॉलिसी से प्रभावित रही है तथा इसने इसी शैली की राजनीति करके देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं को अपना ‘फर्स्ट-टारगेट’ बना लिया था|
मैं यहाँ पर हिन्दुओं के लिए ‘टारगेट’ शब्द का इस्तेमाल इसलिए कर रही हूँ क्योंकि हिन्दुओं द्वारा मोदी के नेतृत्व में *इस भारतीय जनता पार्टी को एक ऐतिहासिक बहुमत देकर जितवा देने के बावजूद भी मोदी जी ने पिछले पांच सालों के अपने कार्यकाल में एक काम भी ऐसा नहीं किया है जिसे देश के हिन्दू समाज व हिन्दू-संस्कृति के हित के लिए किया गया काम कहा जा सके| बल्कि मोदी जी तो अब जाते-जाते भी जनरल क्लास को 10 प्रतिशत के आरक्षण को ‘सवर्ण आरक्षण’ कहकर हिन्दुओं को एक और ‘धोखा’ देने का प्रयास कर रहे हैं|*
मोदी जी ने अपने पिछले पांच सालों के शासन के दौरान हिन्दू व हिन्दू-संस्कृति का इतना भारी नुकसान कर दिया है कि जिसका अन्य उदाहरण भारत के इतिहास में भी बिरले ही ढूंढा जा सकता है|
काशी को एक टूरिस्ट-स्पॉट बनाने की अपनी एक प्रिय योजना के तहत भाजपा सरकार ने वहां सैकड़ों प्राचीन हिन्दू शिव मंदिरों को तो अभी ध्वस्त किया ही है, किन्तु एक किस्सा तब का भी है जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे|
मोदी जी पर वहां उस समय दंगे-भड़कवा कर सैकड़ों निर्दोष नागरिकों के नरसंहार के गंभीर आरोप लग रहे थे, इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तो मोदी जी को *‘राजधर्म’* पालन का उपदेश देते हुए सार्वजनिक रुप से लताड़ भी लगाई थी|
मोदी जी की इस गन्दी-राजनीति से विश्व के अन्य बड़े राजनेता भी इतने खफा हो गए थे कि मोदी जी को *अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादियों* की सूची में डाल कर इनका ‘वीजा’ तक बैन कर दिया गया था|
पिछले पांच सालों की अपनी हकूमत के दौरान मोदी जी शायद यह सोचने लगे हैं कि हिन्दुओं को बहुत आसानी से ‘मूर्ख’ ही नहीं ‘महामूर्ख’ भी बनाया जा सकता है- उनकी यह धारणा इस बात से और भी पुष्ट हो गई थी कि इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशाराम जी बापू पर इतने भारी-भारी अत्याचार करने पर भी हिन्दुओं में कोई नाराजगी दिखाई नहीं पड़ रही है और हिन्दू तो उसी उत्साह से भाजपा को लगातार वोट किए ही जा रहा है|
आज दूध से भाग चुक�� एक देसी-गाय के लिए चारे का प्रबंध करना भी इतना महंगा हो गया है कि एक साधारण गाय पालक को मजबूरी में उसे अपनी गाय को या तो कौड़ियों में बेचना पड़ रहा है या फिर अपनी गाय को हाथ जोड़कर उसे ��ुली छोड़ देना पड़ रहा है|
मोदी जी ने इस समस्या को हल करने के लिए अपने पिछले पांच साल के शासन के दौरान देश में बड़े-बड़े हाईटैक कत्लखाने बनवा दिए हैं| ऐसे बड़े-बड़े कत्लखाने लगाने के लिए मोदी सरकार 8-10 करोड़ रुपये की नकद मदद क��� अतिरिक्त इन कत्लखानों के लिए इम्पोर्ट की जाने वाली भारी मशीनों पर टैक्स की दरें भी काफी कम कर दी गई हैं|
भयंकर गौ-उत्पीड़न के अतिरिक्त इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू जिन्होंने अपना पूरा जीवन ही सनातन धर्म व हिन्दू-संस्कृति के उत्थान हेतु होम कर दिया है, अब उनके करोड़ों-करोड़ों शिष्यों ने यह भली प्रकार समझ लिया है कि ‘मोदी व शाह’ की इस जोड़ी का एक मात्र उद्देश्य देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त कर यहाँ माफिया-स्टाईल में हकूमत करना है तो इन्होंने आज से 6-7 माह पूर्व हिन्दू समाज से भाजपा को वोट ना देने का नारा बुलुंद कर दिया था| क्योंकि यह आन्दोलन केवल सत्य व धर्म की रक्षा हेतु प्रारंभ किया गया है, अत: गुरुकृपा से माँ जगदम्बा व महाबली हनुमान ने भी इसमें हमारा सहयोग करना शुरू कर कर दिया है-
मैं भाजपा के अपने सभी भाईयों से एक बार पुन: मकर-संक्रांति के इस पावन-पर्व पर निवेदन कर रही हूँ कि भारत भूमि वास्तव में ही ऋषि-मुनियों की भूमि है, यहाँ झूठ, पाप व अधर्म ज्यादा चल नहीं सकता| आप लोग ब्रह्मज्ञानी हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू पर इतने घोर अत्याचार ना करें, तथा उन्हें 2019 के चुनावों से पूर्व-पूर्व ही हर हालत में ससम्मान स्वतंत्र कर दें-
मेरी यह बात मानवता के हित की बात है, ‘हिन्दू’ व ‘हिन्दू समाज’ के हित की बात है, और यह भाजपा व मोदी जी दोनों के हित की बात भी है| अब मोदी जी के और ड्रामे चलने वाले बिल्कुल नहीं हैं, देखा नहीं अर्द्ध-कुम्भ को कुम्भ प्रचारित कर हिन्दुओं को मूर्ख बनाने वाले इनके हजारों करोड़ी ड्रामे में भी माँ जगदम्बा ने कल कैसे अग्नि रुप में प्रगत होकर इन्हें कैसे अशुभ व अमंगलकारी संकेत दे दिए हैं-
दिनांक 15-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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एक चुल्लु पानी !
15 जनवरी से ग्रहों की स्थिति अब बदल रही है| इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू एवं इनके पूरे परिवार पर पिछले पांच वर्षों से लगातार भीषण अत्याचार कर रही आसुरी शक्तियों का पराभव भी इसी तारीख से स्पष्ट रुप से दिखाई पड़ना शुरु हो जाएगा| गौ-माता व हिन्दू संतो के उत्पीड़क नरेन्द्र मोदी जी पर ग्रहों का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देना शुरू भी हो गया है| इसके अतिरिक्त मोदी जी के खासम-ख़ास पालतू पुलिसिये राकेश अस्थाना पर भी कानून का शिकंजा कसना शुरू हो गया है| इधर गद्दार कम्पनी भी संकट की गहरी खाईयों की ओर खिसकनी शुरू हो गई है|
हाल ही में नयी दिल्ली में हुए पार्टी के दो दिवसीय अधिवेशन में मोदी व शाह दोनों ही पूरी तरह से ‘भयभीत’ नजर आ रहे थे शाह को तो भय के कारण 2019 के आम-*चुनाव अब पानीपत की लड़ाई नजर आने लगे हैं* और मोदी जी के जहन में तो ‘डर’ शायद इतना ज्यादा बैठ चुका है कि वो एक सन्निपात से पीड़ित व्यक्ति की तरह ऊल-जलूल बयान देने लगे हैं|
मोदी जी ने अपने पूरे भाषण में कहीं यह नहीं बताया कि उन्होंने हिन्दुओं के लिए आज तक क्या-क्या कार्य किए हैं| वो तो कंस की तरह इतने ज्यादा भयभीत नजर आ रहे हैं कि उन्हें चारों तरफ गठबंधन और महागठबंधन ही नजर आ रहा है, केवल वो इसी के बारे में ज्यादा से ज्यादा बोलते रहे-
हाँ, एक मजेदार बात उन्होंने यह जरुर कही है कि 2019 का चुनाव ‘सल्तनत व संविधान में आस्था रखने वालों के बीच होगा’| मजेदार बात इसमें यह है कि अपने इस बयान में नरेन्द्र मोदी जी ने अपने आपको ‘संविधान में आस्था रखने वाला’ घोषित किया है, जबकि आज पूरी दुनिया ही यह जान चुकी है कि मोदी-शाह की यह गुजराती जोड़ी किस प्रकार एक-एक करके भारत की संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट करने का प्रयास कर रही है|
हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू एवं उनके पूरे परिवार के विरुद्ध झूठे मुकद्दमें घड़ने वाले सूरत के पुलिसये राकेश आस्थाना को बचाने के लिए आज मोदी सरकार जिस शिद्दत से सी.वी.सी, सुप्रीम कोर्ट व सी.बी.आई जैसी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है, वो सभी लोगों को बिल्कुल साफ-साफ नजर आ रहा है|
इधर आश्रम के गद्दारों का भी बुरा हाल है| सभी गुरुभक्त भाई-बहनों के सामने उनकी पोल पूरी तरह से खुल चुकी है| आश्रम की लीगल टीम ने आज तक कभी साधकों को यह क्यों नहीं बताया कि हमारे निर्दोष पूज्य गुरुदेव को सजा कैसे और क्यों हो गई| बचाव पक्ष के सभी सबूतों को किसने नष्ट किया है| बापूजी के विरुद्ध गवाहों से झूठे बयान क्यों दिलवाये गए, तथा लीगल टीम आश्रम के करोड़ों रुपये खर्च करके भी आज तक पूज्य गुरुदेव की जमानत तक क्यों नहीं करवा पाई है| सुप्रीम कोर्ट में पूज्य गुरुदेव की जमानत-अर्जी की सुनवाई की ‘फाइल’ में झूठे कागजात क्यों और किसने लगाए थे- कुल मिलाकर बात यह है कि सभी गुरुभक्त भाई-बहनों की समझ में यह अब अच्छी तरह से आ चुका है कि इस सबके पीछे आश्रम के मुट्ठीभर नमकहराम व गद्दार लोग हैं तथा *इनका मुख्य रणनीतिकार एवं सेनापति अर्जुन उर्फ पंकज वीरचंदानी है|*
यह टीम भी पूरी तरह से भयभीत है तथा जेल में ही बापूजी की हत्या तथा देश छोड़कर भाग जाने सहित कई ‘ऑप्शंस’ पर पूरी गंभीरता से विचार कर रही है|
*मारीशस* एक छोटा सा देश है तथा यहाँ की कुल आबादी में अधिकतर पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार के भारतवंशी ही शामिल हैं, जिन्हें किसी जमाने में अंग्रेजों ने यहां बसाया था| मारीशस की पूरी सरकार पूज्य गुरुदेव पर अत्यंत श्रद्धा रखती रही है तथा उन्होंने पूर्व में कई बार पूज्य संत श्री आशारामजी बापू से मारीशस में ही आकर बसने का आग्रह भी किया था| पूज्य गुरुदेव के आश्रम के लिए उन्होंने वहाँ कई सौ एकड़ जमीन भी मुफ्त देने का प्रस्ताव रखा था|
अब चूँकि पूज्य गुरुदेव के अत्यंत निकट रहने वाले ही सबसे पहले नमकहराम व गद्दार बने हैं, तो इसीलिए इन्हें यह सब बातें भी भली प्रकार मालूम ही थीं| इन्होंने अब अपनी पोल खुल जाने की दशा में बाहर भागने के ऑपशंस में ‘मारीशस’ को ही शीर्ष पर रखा हुआ है| सूत्र बता रहे हैं कि यह लोग वहाँ पर पूज्य गुरुदेव के नाम पर आश्रम खोलकर वहीँ रहने का प्लान बना रहे हैं ताकि पूज्य गुरुदेव की ‘गुडविल’ का भी पूरा लाभ इन्हें मिल सके-
अपने साथ ले जा रहे कुछ वक्ताओं को भी इन्होंने ‘फुल ट्रेन्ड’ कर लिया है| इनमें से एक वक्ता की तो पूरी रुप-रेखा ही बापूजी के समान बना दी गई है| पहनने वाले वस्त्रों के अतिरिक्त वह हाथ-पैरों की मूवमेंट तथा अपनी भाव-भंगिमाओं को भी ठीक गुरुजी के समान बनाने का प्रयत्न करता है|
कल से इन नमकहराम व गद्दारों के बचाव में अब उनकी जूठन चाटने वाला म०प्र० का एक साधक भी बोलने लगा है, अपने आपको युवा सेवा संघ वाला बता रहा है| सच कहूँ तो मुझे तो यह जानकार ही आश्चर्य हुआ कि पूज्य गुरुदेव के कुछ युवा बच्चे भी हैं और फिर भी गुरु-परिवार पर वर्षों से इतने भारी अत्याचार हो रहे हैं- हम तंवर राजपूत हैं और हमारे यहाँ यह परम्परा रही है कि अगर परिवार में एक भी जवान लड़का मौजूद है तो उसके जीवित रहते किसी कि क्या मजाल कि परिवार के किसी बुजुर्ग की तरफ कोई आँख उठा कर भी देख ले|
अंत में मेरा तो इस पूरी गद्दार कम्पनी व मोदी शाह की इस जोड़ी से एक ही अनुरोध है कि ग्रह अब बदल रहे हैं, पाप का रास्ता छोड़ दो| पन्द्रह तारीख से प्रयागराज में कुम्भ भी शुरू हो रहा है या तो वहां जाकर डुबकी लगा लो अन्यथा यहीं अपने आस-पास ही कहीं से एक-एक चुल्लु भर पानी जरुर ढूंढ लो- तुम्हारे लिए इतना ही पर्याप्त होगा-
दिनांक 13-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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गुरुकृपा का चमत्कार !
छत्तीसगढ़ देश का वह राज्य है, जहाँ लगभग हर चौथे या पांचवे घर में पूज्य गुरुदेव के साधक रहते हैं, यानि यहाँ हमारे ��ुरुभाई-बहन बहुत बड़ी संख्या में रहते हैं| यही एकमात्र कारण भी है कि भूतपूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह इतने वर्षों तक यहाँ अजेय बने रहे| रमन सिंह यहाँ पूज्य गुरुदेव के हर सत्संग कार्यक्रमों में व्यक्तिगत रुप से हाजरी लगाते थे और पूज्य गुरुदेव को अपने परिवार के मुखिया के तौर पर मानते थे| शायद यही कारण रहा भी है कि शादी-विवाह अथवा ऐसे ही अन्य किसी भी प्रकार के उत्सवों से दूरी बनाकर रखने वाले पूज्य गुरुदेव स्वंय रमन सिंह के पुत्र के विवाह के अवसर पर उसे आशीर्वाद देने चले गए थे|
भाजपा के नरेन्द्र मोदी ने जब पूज्य गुरुदेव के विरुद्ध एक नया मोर्चा खोल दिया था, तो मैंने भाजपा के उन बड़े-बड़े नेताओं से स्वंय सम्पर्क साधने का प्रयत्न किया था जो बापूजी के निकटवर्ती रहे थे| रमन सिंह भी उन्हीं में से एक थे|
मैंने रमन सिंह व उसकी धर्मपत्नी से अनेकों बार फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया था| किन्तु इनको जैसे ही यह पता चला कि मैं संत श्री आशारामजी बापू के बारे में बातें करना चाहती हूँ, इन्होंने मेरा फोन लेना ही बंद कर दिया था| जबकि इनकी धर्मपत्नी के लिए तो कहने लगे कि वो विदेश चली गईं हैं-
किन्तु इस बार के चुनावों से पहले-पहले ही छत्तीसगढ़ के साधकों को यह भली प्रकार समझ में आ गया था कि पूज्य गुरुदेव संत श्री आशारामजी बापू के समस्त उत्पीड़न के पीछे नरेन्द्र मोदी स्वयं तथा आश्रम के कुछ गद्दार साधक हैं, जो किसी भी हालत में जीते जी हिन्दू संत आशारामजी बापू को जेल से बाहर ही नहीं आने देना चाहते हैं|
हालांकि इस बार के विधानसभा चुनावों में रमन सिंह ने राजधानी रायपुर के आश्रम को दिल खोलकर पैसा खर्च करने की पूरी छूट दे रखी थी, इन्होंने ऐसा किया भी और अपने हैड ऑफिस यानि ‘ए-कम्पनी’ के सरगना अर्जुन उर्फ पंकज वीरचंदानी को भी करोड़ों रुपया दिलवाया| किन्तु हमारे मुट्ठी भर गुरुभक्तों के परिश्रम ने रमनसिंह व गद्दारों के हौसले वहाँ पर पूरी तरह से पस्त कर दिये| रमन सिंह का राजपाट चला गया और रायपुर आश्रम के गद्दारों का वजीफा भी बिल्कुल बंद हो गया-
शायद इसीलिए कल रायपुर आश्रम के किसी व्यक्ति ने एक पोस्ट डाली है जिसे अब अहमदाबाद आश्रम का पूरा सिस्टम ही प्रमोट करने में लग गया है| इस पोस्ट में अपने आपको युवा सेवा संघ का एक कार्यकर्ता बताने वाले व्यक्ति ने मुझे व बम—बम ठाकुर सहित कुछ अन्य गुरुभक्त भाईयों को ‘माओवादी’ डिक्लेयर कर दिया है|
दरअसल छत्तीसगढ़ एक नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र है, तथा वहां अपने विरोधियों को चुप कराने के लिए इसी ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल किया जाता है| किन्तु मुझे तो युवा सेवा संघ के इस कार्यकर्ता की बुद्धि पर तरस आ रहा है| मुझे आश्चर्य भी हो रहा है कि गद्दारों की जूठन चाटने वाले कुछ ‘युवा’ लोगों की समझ में इतनी सी बात क्यों नहीं आ रही है कि अपने गुरु की हत्या के प्रयासों में जुटी इन ताकतों का किसी प्रकार का समर्थन करने से भी घोर-पाप लगता है, जिसकी भरपाई ना जाने फि�� कितने-कितने युगों तक नारकीय योनियाँ भोगत कर करनी पड़ती है|
और मजेदार बात यह भी है कि इन्हें शर्म भी नहीं आती कि छत्तीसगढ़ में ‘हार का जूता’ इनके सिर पर पड़े अभी जुम्मा-जुम्मा सात दिन ही हुए हैं किन्तु एक पालतू पप्पी की तरह यह लोग फिर से गुर्र-गुर्र करने लगे हैं|
‘ए-कम्पनी’ के सभी गद्दारों व मोदी जी के चमचे टाईप भाजपाईयों आज फिर से एक बार आप सभी नोट करके रख लो कि इस बार हमने उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखण्ड में अपना काम शुरू भी कर दिया है| हम वहां सभी गुरुभक्त भाई-बहनों व सम्पूर्ण हिन्दू समाज को बतायेंगे कि किस प्रकार आज भाजपा के नरेंद्र मोदी जी केवल अपनी *ईगो व अहंकार के कारण* तथा अर्जुन उर्फ पंकज का गिरोह *पैसे की भूख के कारण* इस युग के महान हिन्दू पूज्य आशारामजी बापू एवं इनके पूरे परिवार को नेस्त नाबूद करने के प्रयत्नों में जुटे हुए हैं|
म०प्र०, राज, व छत्तीसगढ़ में तो हमारी गुरुभक्तों की टीमें पहले से ही काम कर रही हैं, कल रायपुर के इस पप्पी का उछलना भी यह बता रहा है कि वहाँ पर काम अब तेजी से शुरू हो चुका है| मैं आज अपनी इस पोस्ट के माध्यम से अपने उन सभी गुरुभक्त भाई-बहनों व हिन्दू समाज के भक्त लोगों का एक बार फिर से अभिनन्दन करना चाहती हूँ, जिन्होंने हालिया तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में गद्दारों को उनकी औकात भली प्रकार दिखा दी है| हमें अपनी आखिरी लड़ाई के लिए भी अभी से तैयारी करनी है|
देखिए, इन लोगों की पूरी ताकत केवल आप लोगों तक सही बात ना पहुँचने देने में ही निहित है| यदि हम इस मामले की *पूरी सच्चाई अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचा देंगे तो इन लोगों की मात फिर निश्चित है|* वैसे भी गद्दार कम्पनी व मोदी जी दोनों ही एक ‘हारी हुई लड़ाई’ लड़ रहे हैं, क्योंकि इस लड़ाई में सत्य हमारे पक्ष में है, धर्म हमारे पक्ष में है, माँ भगवती जगदम्बा व मेरा भाई हनुमान भी हमारे साथ ही हैं वरना यह हमारी ताकत कहाँ थी कि हम इन्हें म०प्र०, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में पटखनी दे पाते|
और मैं अपने सभी गुरुभक्त भाई-बहनों के सहयोग व परिश्रम के बल पर इस बार फिर इन्हें अपना उ०प्र०, बिहार व झारखण्ड बचाने का चैलेन्ज अभी से दे रही हूँ- कि या तो 2019 के चुनावों से पहले-पहले हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को न्याय देकर ससम्मान स्वतंत्र कर दें अन्यथा इन चुनावों में फिर देखें *‘गुरुकृपा का चमत्कार’*-
दिनांक 12-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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मेरा हो सो जल जाये, तेरा हो सो रह जावे..
स्वामी रामकृष्ण परमहंस कहा करते थे कि मनुष्य जब गिरना शुरु हो जाता है तो उसे यह भी पता नहीं चलता कि वह पतन की खाई में कितना नीचे गिर चुका है| हाँ, यदि उस समय उसका कोई सद्गुरु हो तो बस वही उसे संभाल सकता है अन्यथा तो फिर से वही चौरासी का चक्कर शुरु|
इस युग के एक महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के खिलाफ काम कर रहे मोदी जी व गद्दारों के सेनापति अर्जुन उर्फ पंकज वीरचंदानी के साथ भी आज बिल्कुल यही हो रहा है|
मोदी जी ने कल सी.बी.आई के डायरेक्टर अलोक वर्मा से उसकी गद्दी जिस जल्दबाजी व हड़बड़ी में छीनी है, उससे तो उनकी रही-सही इज्जत भी अब खत्म हो गई है|
इधर अर्जुन उर्फ पंकज वीरचंदानी जो बापूजी के आश्रमों में बड़ा महाराज बना हुआ था, बापूजी की कुटिया में सोता था, पूज्य बापूजी के स्टाइल में ही मालिश करवाता व अपने हाथ-पैर दबवाता था, वो भी आज भय के कारण पूरी तरह अंडर ग्राउंड हो गया है तथा साधकों व भक्तों के सामने बिल्कुल नहीं पड़ता है| ब्याज पर दिए गए अपने कई सौ करोड़ रुपये उसने अब उगाहने शुरू कर दिए हैं| शायद अब उसे खतरा महसूस होना शुरू हो गया है| इसने अब इस पैसे को सोने की शक्ल में रखने का मन बना लिया है| राजस्थान के अपने एक अति-विश्वस्त गुरुभाई के माध्यम से उसने जयपुर के सर्राफा बाजार से सोने की ईंटों का मोल-भाव शुरू कर दिया है-
यानि आज इन दोनों गुरुद्रोही व्यक्तियों की वो हालत बन चुकी है कि बस यह खुद ही उसे जानते हैं- जबकि इन दोनों के पास आज किसी चीज की कोई कमी भी नहीं है-
यानि सब कुछ होते-सुहाते भी इन्हें चैन की नींद नसीब नहीं हो पा रही है| यह अपने गुरु से द्रोह का साक्षात् परिणाम नहीं तो और क्या है?
हाँ, एक बात और गुरुद्रोहियों एवं गद्दारों के पास एक मौका अभी भी बाकी है| यदि 2019 के आम चुनावों से पहले-पहले हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को न्याय देकर ससम्मान स्वतंत्र करवा दें- तो इन दोनों के पूर्वकृत घोर पाप भी नष्ट सकते हैं| *ब्रह्मज्ञानी महापुरुष को कष्ट पहुँचाने से पूरे ब्रह्माण्ड को कष्ट पहुँचाने का पाप लगता है|* यदि इस समय भी विवेक व सद्बुद्धि का इस्तेमाल नहीं किया तो फिर इनका बाकी जीवन पश्चाताप में रोते-रोते ही कटेगा, पर फिर बहुत देर हो चुकी होगी|
गद्दारों व गुरुद्रोहियों ने अपने कर्मों से ‘हिन्दू’ व हिन्दू संस्कृति का पिछले पांच वर्षों में कितना नुकसान कर दिया है, क्या इसका अंदाजा भी कोई लगा सकता है?
देश के हिन्दू समाज का एक बहुत बड़ा भाग बहुत तेजी से आध्यात्म की राह पर बढ़ कर वह अमूल्य ‘आत्मधन’ कमा रहा था, जिसके बूते ही जातियों व देश का भाग्योदय संभव होता है| हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू पिछले पचास वर्षों से भारत का भाग्य ही तो संवार रहे थे| ��िसी भी देश की सबसे बड़ी पूँजी उसके स्वस्थ, परिश्रमी व भगवान में विश्वास रखने वाले नागरिक ही तो होते हैं| पूज्य गुरुदेव पिछली आधी सदी से ऐसे ही भारत का निर्माण करने में जुटे हुए थे| अक्सर बापूजी अपने सत्संगों में भारत को शीघ्र ही ‘विश्व गुरु’ के पद पर देखने का संकल्प भी दोहराया करते थे|
और याद रखें कि दुनिया के लोग इतने मूर्ख नहीं हैं कि मोदी जी की जुमलेबाजी या किसी और बाबा की आसनबाजी से प्रभावित होकर किसी को भी गुरु मान लें, उन्हें यदि वास्तव में कोई चीज प्रभावित कर सकती है तो वो है ‘शुद्ध ज्ञान’ यानि स्वयं ब्रह्म परमात्मा, और यह कीमती खजाना तो केवल ब्रह्मज्ञानी महात्माओं के पास ही मिला करता है और इन गद्दार लोगों ने पिछले पांच सालों में इस देश व हिन्दू जाति का कितना नुकसान किया है, इसका अनुमान तो लगाया ही नहीं जा सकता है|
किन्तु जैसे-जैसे देशवासियों को अब इनका अपराध समझ में आता जाएगा, यह लोग अपने आप कमजोर ही पड़ते चले जायेंगे| मैं पहले-पहले अकेली ही इन लोगों के अपराध की गंभीरता समाज को समझाने के लिए निकली थी,- किन्तु कुछ माह में ही आज मेरे साथ लाखों गुरुभक्त भाई-बहनों व भक्त हिन्दू समाज के लोगों का एक बहुत बड़ा कारवां चल रहा है| इसलिए मंजिल अब ज्यादा दूर नहीं रह गई है, कुछ महीनों की बात ही बाकी है-
आज पूज्य गुरुदेव स्वयं यातना सहकर भी हमें उपदेश दे रहे हैं कि उस ब्रह्म परमात्मा में हमें सदैव अटल-विश्वास रखना चाहिए- किसी प्रकार की परिस्थिति में भी हम उस पर विश्वास करना ना छोड़ें, हो सकता है वो परमदयालु हमारे माध्यम से पूरी मानवता को ही कोई बड़ी सीख देना चाह रहा हो- यदि ऐसा भी है तो भी उसकी जय-जय, *जो तद भावे सो भलीकार*|
गुरुदेव अक्सर कहा भी तो करते हैं कि- *मेरा हो सो जल जाये, तेरा हो सो रह जावे*
दिनांक 11-01-2019
-सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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शोले का ठाकुर..
तीन हिंदी राज्यों में चुनावी हार के बाद भाजपा में हडकंप मच गया था क्योंकि देश के हिंदी राज्य ही भाजपा की रीढ़ जो है| इस हार के जो दो प्रमुख कारण उन्हें समझ में आए उसमें से एक तो हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के शिष्यों की भाजपा से नाराजगी था तथा दूसरा एस.सी/ एस.टी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए सुधारों के विरुद्ध मोदी सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाकर उन सुधारों पर रोक लगा देना था|
होना तो यह चाहिए था कि भाजपा के नेताओं को इस विषय में मोदी जी से बात करके यह पूछना चाहिए था कि- पिछले पचास वर्षों से देश के हिन्दू समाज के लिए अपना जीवन होम कर रहे, इस युग के एक महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू ने आपकी ऐसी कौन सी भैंस खोल ली है कि जो आप उनको नेस्तनाबूत करने की कोशिशों में पूरी भाजपा पार्टी व हिन्दुस्तान की हकूमत को भी दाँव पर लगाने से नहीं चूक रहे हैं|
किन्तु पूरी पार्टी में इस समय मोदी जी की ‘इम्पोरटेन्स’ व शाह के ‘भय’ के कारण सभी भाजपाई और इनके बड़े-बड़े बुद्धिजीवी व चिन्तक टाईप लोगों के मुँह पर भी ताले लटके हुए हैं|
खैर-, फिर मोदी जी के छोटा शकील ने इस समस्या का जो समाधान खोज निकाला है वह एक बहुत बड़ा क्राइम भी है- हिन्दू संत को तो जेल में ही निपटा देना तथा सवर्ण हिन्दुओं को आरक्षण का झुनझुना पकड़ा कर धोखा देना| बेचारे सवर्ण हिन्दू पिछले सत्तर साल से सुनते चले आ रहे थे कि उनकी दुर्दशा का एक बहुत बड़ा कारण ‘आरक्षण’ भी है| अब मोदी ने तुम्हें भी दस पर्सेंट के आरक्षण का झुनझुना दे दिया है, इससे खेलते रहो, पर वोट मोदी जी को दे देना-
‘टकले’ ने अपने समाधान में एक तो इतने बड़े हिन्दू संत की हत्या का प्रोग्राम बना लिया था तथा दूसरे उस हिन्दू समाज के साथ धोखा-धड़ी को भी इसमें शामिल कर लिया जो भारतीय जनता पार्टी की जड़ें भी है|
किसी भी पार्टी को बढ़िया जुमलेबाजी, स्कीमबाजी व तमाशाबाजी का फौरी लाभ तो मिल सकता है किन्तु इनसे उस पार्टी को हमेशा चलाया नहीं जा सकता|
पिछले पांच सालों में भाजपा व आर.एस.एस के नेताओं ने पैसा तो बहुत इकट्ठा कर लिया, किन्तु अपने प्रशंसकों व समर्थकों को बहुत भारी मात्र में गँवा भी दिया है| बस अब तो इनके साथ ज्यादातर वही लोग रह गये हैं जिन्हें या तो मोदी जी के *‘तगड़ी-बट्टे’* से कुछ ना कुछ सीधा लाभ मिल रहा है या फिर किसी ना किसी काम का उन्हें दहाड़ी ठेका मिलता रहता है-
भाजपा में मेरे एक मित्र हैं जो पूज्य गुरुदेव के प्रति बहुत श्रद्धा भी रखते हैं और शायद यही कारण भी है कि वह मेरे से हर बात पूरी सच्चाई व ईमानदारी के साथ शेयर भी कर लेते हैं| कल मैंने उनसे पूछा था कि क्या कारण है कि भाजपा या आर.एस.एस का कोई भी नेता हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के विषय में मुँह नहीं खोलता है? इस पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह लोग ‘पावर व पैसे’ के लिए पिछले सत्तर सालों से बुरी तरह तरस रहे थे, मोदी ने इनको दोनों चीजें ही मुहैय्या करवा दी हैं|
मोदी जी भाजपा के तगड़ी-बट्टे बन गए हैं| एक बार शहंशाह अकबर ने चाँदनी चौक के सबसे बड़े सेठ से दरबार में ही पूछ लिया कि- सेठ जी धंधा कैसा चल रहा है, इस पर सेठ ने हाथ जोड़कर कहा- हजूर आपकी मेहरबानी से तगड़ी-बट्टे हिः चल रहे हैं, खूब मौज है| अकबर ने कहा- सेठ जी क्या केवल तगड़ी-बट्टे चलने से ही मौज हो जाती है| सेठ ने कहा, जी हजूर| अकबर ने अगले दिन से ही सेठ जी की ड्यूटी अपनी घुड़साल के घोड़ों का गोबर तोलने पर लगा दी और कहा कि सेठ जी यहाँ आपके तगड़ी-बट्टे सारा दिन चलते रहेंगे क्योंकि घुड़साल में हजारों घोड़े हैं| सेठ ने भी हाथ जोड़कर स्वीकृति दे दी- अकबर ने फिर एक महीने बाद सेठ से पूछा- मजे में हो सेठ जी, सेठ ने जवाब दिया कि खूब मजे में हूँ, तगड़ी-बट्टे ही चल रहे हैं| अकबर ने खुफिया रिपोर्ट मंगवाई तो पता चला कि सेठ ने सैकड़ों रुपया रोजाना कि आमदनी घुड़साल की देखभाल करनेवालों साईसों से बांध ली है, क्योंकि सेठ जी ने उन्हें कहा था कि शहंशाह जांच करना चाहते हैं कि घोड़ों की खुराक में कहीं चोरी तो नहीं हो रही है-
अकबर ने फिर सेठ को एक बड़ी नदी के किनारे पानी तौलने के लिए बैठा दिया और कहा कि- आपको इस नदी का पूरा पानी तौलना है| फिर खुफिया रिपोर्ट मंगाई गई तो पता चला कि सेठ जी की आमदनी पहले से भी ज्यादा बढ़ गई है| क्योंकि अब तो नदी से गुजरने वाली हर नौका व स्टीमर को कर चुका कर ही जाना पड़ता है, नहीं तो पानी तौलने में सेठ जी को दिक्कत आ सकती है|
इस पर मैंने उन्हें समझाया कि ऐसी हालत में तो मोदी जी व शाह को चेताना और भी ज्यादा जरुरी बन जाता है-क्योंकि उ०प्र०, बिहार व झारखण्ड में तो संत श्री आशारामजी बापू के शिष्य पिछले तीन हिंदी राज्यों से भी ज्यादा संख्या में है| और यह बिल्कुल पक्की बात है कि यदि 2019 के चुनावों से पहले-पहले हिन्दू संत आशारामजी बापू को ससम्मान स्वतंत्र नहीं किया गया तो इस बार बापूजी के आश्रमों के प्रबन्धक भी इसमें इनकी कोई भी मदद नहीं कर पायेंगे- क्योंकि उनकी तो पूरी पोल पट्टी अब खुल चुकी है- और इस बार कहीं ऐसा ना हो जाए कि तुम्हारा यह ‘तगड़ी-बट्टा’ यानि नरेन्द्र भाई मोदी शोले फिल्म का ठाकुर बन कर रह जाए, जो सिर्फ शोर मचा सकता है, कर कुछ नहीं सकता क्योंकि हिन्दुओं का समर्थन ही भाजपा के दोनों हाथ हैं-
दिनांक 10-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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विजय हमारी निश्चित है..
8 जनवरी 2018 से इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के विरुद्ध काम कर रही दोनों ही ताकतों का भारी पतन शुरु हो गया है| मोदी जी की घबराहट तो उनके कल के 10 परसैंट के ड्रामे से स्पष्ट है, और गद्दार कम्पनी ने भी कल अपनी घबराहट और परेशानी छिपाने के लिए ‘सोशल मीडिया’ पर भारी उछल कूद की है|
आश्रम की प्रवक्ता नीलम दूबे का एक वीडियो बनवा कर कल सोशल मीडिया पर डलवाया गया है, जिसमें नीलम दूबे अपनी सभी ईमानदारी, धर्म व गुरुभक्ति को नीलाम करते हुए आश्रम के गद्दारों व गुरुद्रोहियों के समर्थन में बोल रही हैं|
मुझे अच्छी तरह से मालूम है कि नीलम दूबे यह भली प्रकार जानती हैं कि ‘ए-कम्पनी’ का सरगना अर्जुन उर्फ पंकज वीरचंदानी ही पूज्य गुरुदेव की वर्तमान स्थिति का *मुख्य कारण* है| नीलम दूबे ने इस विषय में स्वयं हमारे एक गुरुभक्त साधक से कहा था कि- भाई मैं जानती हूँ कि आप लोगों का प्रोग्राम बिल्कुल ठीक है किन्तु यदि आप लोग चाहते हैं कि बापूजी जल्दी से बाहर आ जाएँ तो आप इस अर्जुन को एक वर्ष के लिए एक ऐसे कमरे में बंद कर दो जहाँ इसे टेलीफोन व लैपटॉप उपलब्ध ना हो सके|
किन्तु नीलम दूबे जी केवल एक फ्लैट खरीदने के चक्कर में आपने अपनी पूरी गुरु-भक्ति ही बेच डाली है, यह आपका बहुत ही मूर्खता पूर्ण कदम है| बहन, यह फ्लैट तो यहीं रह जाएगा, किन्तु पूज्य गुरुदेव हमें जो धन देना चाहते हैं वह तो कभी खत्म ही नहीं होता बल्कि और बढ़ता ही जाता है| वह बहुत कीमती धन है और शाश्वत भी है, इसका नाम है-‘ *आत्मधन* ’|
यह आत्मधन कितना कीमती है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकती हैं कि इसे पाने के लिए तो बड़े-बड़े चक्रवर्ती सम्राटों तक ने अपने राज-पाट तक को भी लात मार दी थी- और वही बेशकीमती आत्मधन मेरे गुरुदेव अपने दोनों हाथों से इस देश की जनता पर लुटाए चले जा रहे थे- किन्तु उनके आस-पास रहने वाली यह गद्दार टीम इस मायावी व सांसारिक धन पर इतनी लट्टू हो गई कि अब यह एक ब्रह्मज्ञानी संत की हत्या करने पर ही तुल गई है|
और तुम लोग क्या चाहते हो कि कोई इनके समर्थन में मुँह भी ना खोले| और क्या केवल मेरे मुँह ना खोलने से यह ‘गद्दार कम्पनी’ व नरेन्द्र मोदी मिलकर हिन्दू संत आशारामजी बापू को समाप्त कर फिर ‘साईं बाबा’ की तरह से उनकी समाधि व ट्रस्ट बना कर जिन्दगी भर ऐश-उड़ाने में कामयाब हो जायेंगे| बिल्कुल नहीं-
याद रहे, जिसने यह दुनिया बनाई है इसे चला भी वही रहा है, और इसलिए यह अनादिकाल से चल भी रही है, नहीं तो अपने आपको बहुत बड़ा ‘स्कीम-बाज’, ‘जुमलेबाज’ व ‘तमाशेबाज’ समझने वाला मोदी भी पांच सालों में ही बुरी तरह हाँफने लगता है|
इन दोनों बातों में बस एक ही अंतर है, भगवान अनादि काल से सृष्टि चलाए जा रहे हैं क्योंकि वो हमें लगातार *‘देना’* ही चाहते हैं और मोदी जी पांच सालों में ही ठन्डे इसलिए पड़ गए हैं क्योंकि वो लगातार *‘लेना’* ही चाहते हैं|
यदि मोदी जी हकूमत मिलते ही हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को न्याय देकर स्वतंत्र कर देते तो इन्हें ‘दस परसेंट’ का यह ड्रामा भी नहीं करना पड़ता, जो शीघ्र ही इनके गले में एक मारे हुए सांप की तरह पड़ने वाला है और ना ही इन्हें *‘कुम्भ पर्व’* को एक *‘इवेन्ट प्र��ग्राम’* बनाने पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते| वैसे, इन्हें अभी भी अपने खासमखास शाह ‘टकले’ की ई.वी.एम कलाकारी व गुजराती सेठों के नोटों के गोदामों के कारण कुछ हौसला अभी तक बना हुआ है, वर्ना तो ‘खुफिया रिपोर्ट्स’ तो आज साफ-साफ बता रही हैं कि 2019 में भाजपा का सफाया बिल्कुल तय है|
मेरी यह पोस्ट रोजाना भाजपा के सभी सांसदों सहित मोदी जी को भी जाती है- इसीलिए मैं हर बात बिल्कुल साफ-साफ कहती भी हूँ| मोदी जी ने यदि 2019 के आम चुनावों से पहले-पहले हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को स-सम्मान स्वतंत्र नहीं किया तो भाजपा का जीतना बिल्कुल नामुमकिन है, चाहे वह कितनी भी उछलकूद कर ले और कितने ही ड्रामे कर ले- यह बिल्कुल पक्की बात है|
आश्रम के गद्दार गुरुभक्तों की इस पोस्ट से अब इतने भयभीत हो गए हैं कि कल उनके किसी *पप्पी* ने व्हाट्सअप व फेसबुक पर भी मेरे खिलाफ एक पोस्ट बना कर डाली है| इसमें मेरी रुटीन की बुराइयों के अतिरिक्त मेरे से यह भी कहा गया है कि यदि हिम्मत है तो मैं इण्डिया आकर बापूजी की पैरोल अथवा जमानत करवाऊं- तो गद्दार भाईयों- मैं नहीं जानती आप में से किसने यह पोस्ट डाली है, क्योंकि उसने नाम नहीं दिया है| फिर भी आपका यह चैलेंज मैं बिल्कुल स्वीकार करती हूँ-
*1) आप आश्रम के ऑफिशियल पेज से या साईट से मुझे यह ऑफर भिजवा दें और जो भी बात करें पूरी जिम्मेदारी से करें अपने नए-गुरु मोदी की तरह जुमलेबाजी बिल्कुल भी ना करें तथा*
*2) मुझे पूज्य गुरुदेव के केसों से संबंधित फाईलों की फोटो-कॉपी तथा लीगल-टीम का एक शपथ-पत्र दिलवादें कि, फिलफाल वो इन केसों में कोई भी दखलअंदाजी बिल्कुल नहीं करेंगे-*
आज दिनांक 9 जनवरी 2018 को मैं अपने गुरुभाई-बहनों व भक्त हिन्दू-समाज के सभी लोगों के सामने यह घोषणा करती हूँ कि मैं जल्दी से जल्दी ही पूज्य गुरुदेव को न्याय अवश्य दिलवा दूंगी और इसके लिए मुझे किसी भी आश्रमवासी या अन्य किसी से पैसों की कोई मदद भी नहीं चाहिये|
अंत में मेरा अपने सभी साथियों से यही कहना है कि पूज्य गुरुदेव ने हमें बता रखा है कि ‘सत्य’ परमात्मा का ही स्वरुप है और हम ‘सत्य’ के पक्ष में खड़े हैं, अत: विजय हमारी निश्चित है|
दिनांक 09-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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हिन्दू सहिष्णु जरुर है पर मूर्ख नहीं है..
मोदीजी के मंत्रिमंडल ने कल सवर्णों के लिए सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण का एक प्रस्ताव पास कर दिया है| मोदीजी का पालतू मीडिया फ़ौरन ही इसे अपने-अपने तरीके से प्रोमोट करने में जुट भी गया है| कोई इसे मोदीजी की बहुत बड़ी सियासी चाल बता रहा है कोई उनका मोटा दाँव और साथ ही कह रहे हैं कि यह इतना बड़ा दाँव है कि ‘महागठबंधन’ के पास इसका कोई जवाब भी नहीं हो सकता-
किन्तु ऐसी बात बिल्कुल नहीं है, एक कहावत है ना कि बुरे वक्त में तो ऊँट पर बैठे हुए आदमी को भी कुत्ता काट लेता है|
यह बात शत प्रतिशत सत्य बात है| हिन्दू संतों के घनघोर उत्पीड़न व गौ-माता पर भयंकर अत्याचारों ने मोदीजी का मानसिक संतुलन इस समय इतना बिगाड़ कर रख दिया है कि अब तो कई राजनेता इस बारे में खुलकर बोलने भी लगे हैं, यानि *मोदी जी के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं|*
लगभग 6-7 महीने पहले जब हमने यह पोस्ट श्रृंखला प्रारंभ की थी तो उस समय हमने भाजपा सरकार व आश्रम के संचालकों से निवेदन किया था कि आप दोनों मिलकर ऐसा प्रबंध करें कि पिछले साढ़े चार सालों से कारागार की यातना भुगत रहे एक वयोवृद्ध हिन्दू संत को अब उपचार हेतु केरला भिजवाया जा सके| यदि ऐसा इन्होंने किया होता तो यह पूरी दुनिया में फैले ‘संत श्री’ के करोड़ों-करोड़ों गुरुभाक्तों के लिए एक बहुत शुभ समाचार होता तथा इन दोनों को भी एक ब्रह्मज्ञानी हिन्दू संत की सेवा का मौका मिल जाता|
किन्तु मुझे यह देखकर अत्यंत आश्चर्य हुआ कि यह दोनों ही पक्ष जो आज इस युग के एक महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के कारण ही तो ‘आनंदभोग’ कर रहे हैं- और फिर दोनों ही मिलकर उन्हें ‘समाप्त’ कर देने पर भी तुले हुए हैं|
मैं पिछले लगभग 6-7 माह से एक इसी *‘टॉपिक’* पर लिख-लिख कर इन्हें हर रोज चेताने की पूरी कोशिशें कर रही हूँ- पर यह दोनों ही मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं| मैंने भाजपा के अपने एक घनिष्ठ मित्र से जब इस बारे में बात की तो उसका कहना है कि अभी राजस्थान, म०प्र० व छत्तीसगढ़ के नतीजों के बाद यह बात पार्टी में भी उठी थी, किन्तु आजकल अमित शाह से सबको बहुत डर लगता है| किसी ने यदि जरा सी जबान भी खोल दी तो समझो टिकट तो उसका गया| और आज की तारीख में भी भाजपा का टिकट पांच करोड़ से कम पर तो किसी भी हालत में बुक नहीं हो रहा है- और बैठे-बिठाए यह पांच करोड़ का जोखिम लेने का किसी में भी हौसला नहीं है| पहले तो भाजपा के बड़े से बड़े नेता को भी अपने कुछ काम के लिए दाऊद से फोन करवाना पड़ जाता था, किन्तु अब जब से सी.बी.आई जज लोया की ह्त्या के आरोप सीधे अमित शाह पर लगे हैं, तब से तो *‘टकले’ की इण्डिया में दाऊद से भी ज्यादा चलने-पिलने लगी है|*
पूज्य गुरुदेव के साथ हो रहे इन अत्याचारों के विरोध में हमने हिन्दू-समाज से आग्रह किया था कि वो इन तीन राज्यों में होने वाले चुनावों मे��� इस बार मतदान का पूर्ण बहिष्कार बहिष्कार कर दे| हमारे साथ देश के कई अन्य हिन्दू संगठनों ने भी यही दोहराया ��था इस सम्बन्ध में अखिल भारत हिन्दू महासभा, हिन्दू सेना, धर्म रक्षक मंच, यूथ सनातन सेवा संघ व युवा सेवा संघ द्वारा एक हैंडबिल भी जारी किया गया था| यह हैंडबिल नई दिल्ली में आयोजित गुरुभक्तों की प्रथम ‘संकल्प सभा’ में उन्हें नि:शुल्क हजारों की संख्या में उपलब्ध भी करवाया गया था| संकल्प सभा आने वाले लगभग सभी गुरुभक्त उन्हें अपने क्षेत्र में बाँटने के लिए ले भी गए थे-
महामाया की प्रेरणा से कुछ दिन बाद ही इन तीन राज्यों का सवर्ण समाज भी खुल कर हमारे साथ आ गया था| बाकी फिर जो कुछ भी हुआ, वह आप सबके सामने ही है-
वैसे कायदे से होना तो यह चाहिए था कि इन तीन राज्यों के चुनाव परिणामों के आने के बाद तो इन दोनों की बुद्धि कुछ शुद्ध हो जानी चाहिए थी- और इन्हें पूज्य गुरुदेव के केरला उपचार का प्रबंध का देना चाहिए था-
किन्तु हुआ बिल्कुल उसका उलटा ही, पार्टी में हैसियत, पैसा व इसके बाद अब ‘डॉन’ की पदवी मिल जाने के बाद ‘टकला’ तो अब आदमी को आदमी भी नहीं समझ रहा है| इसने अब क्रिमिनल-स्कीमें फाइनल करनी शुरू कर दी हैं| इसने मुंबई के सी.बी.आई जज लोया की तर्ज पर अब हिन्दू संत पूज्य श्री आशारामजीबापू को भी जेल में ही समाप्त करने की एक योजना फाइनल कर दी|
इण्डिया के मेरे सूत्रों ने जैसे ही मुझे इसकी जानकारी दी, मैंने इसकी गंभीरता को समझते हुए इसे फ़ौरन ही गुरुभक्तों के सामने रख दिया था, परिणाम स्वरुप इनको अपना ‘प्लान’ अब मुल्तवी कर देना पड़ा है, पूज्य गुरुदेव के अधिकांश भक्त हिंदी राज्यों के मध्यमवर्गीय सवर्ण समाज से ही आते हैं, अत: उन्हें लुभाने के लिए अब यह ‘दस परसेंट’ का एक नया ‘झुनझुना’ लाया गया है|
किन्तु गौ-माता व संत द्रोही, आततायी, अब आप अपने दोनों कान खोल कर भली प्रकार सुन लो कि हर एक आने वाले दिन के साथ ही तुम्हारा यह नया दाँव भी कमजोर पड़ता चला जाएगा तथा चुनावी-काल आते-आते यह तुम्हारे ही गले की हड्डी बन जाएगा- यह बिल्कुल पक्की बात है|
ध्यान रहे, मैं जो यह पोस्ट लिखती हूँ, वह केवल मैं स्वयं नहीं लिखती, बल्कि इस पोस्ट में मेरे गुरुभक्त भाई-बहनों के अतिरिक्त हिन्दू भक्त समाज के करोड़ों-करोड़ों लोगों की भावनायें व मेरे गुरुदेव का आशीर्वाद भी शामिल होता है|
और अंत में आज मैं भाजपाईयों व गद्दारों को एक इतनी कीमती बात बता कर जा रही हूँ कि यदि वो इसकी कीमत समझ लेंगे तो जीवन भर आनन्द लेंगे और अगर नहीं समझेंगे तो समझ लेना कि अब उनके वजूद को ही खतरा पैदा हो गया है- *हिन्दू सहिष्णु जरुर है पर मूर्ख नहीं है!*
दिनांक 08-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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यह करोड़ों-करोड़ों गुरुभक्तों का मामला है !
कल की पोस्ट के जवाब में पूज्य गुरुदेव के आश्रमों पर कब्जा किए बैठे बेशर्म गद्दार लोगों ने भी *रिएक्ट* किया है| उन्होंने इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के करोड़ों-करोड़ों शिष्यों के नाम एक संदेश बना कर डाला है कि सुनन्दा तंवर के मैसेजेस ना पढ़ा करें| सुनन्दा तंवर के मैसेजेस से कांग्रेस पार्टी को लाभ पहुँचता है तथा यह *‘हमारे गुरुजी’* का नाम लेकर कांग्रेस को फायदा पहुँचा रही है-
इस युग के महान आततायी, संत व गौमाता द्रोही, सैकड़ों-सैकड़ों हिन्दू-मंदिरों के विध्वंसक नरेन्द्र मोदी के सभी चमचों तुम अपने कान खोल कर सुन लो कि मैं तो अपनी पहली पोस्ट से ही भाजपा से करबद्ध प्रार्थना करती आ रही हूँ कि- आप लोग 82 वर्षीय सद्गुरु पूज्य आशारामजी बापू के केरला उपचार का प्रबन्ध करवा दें, वो काफी अस्वस्थ हैं तथा 2019 के आम चुनावों से पहले-पहले ही उन्हें न्याय देकर ससम्मान स्वतंत्र कर दें|
मेरे पास इस बात के पूरे प्रमाण हैं कि आश्रम के ‘बेशर्म गद्दार’ व जोधपुर बोगस केस की शिकायतकर्ता युवती का परिवार मिलकर इससे पूर्व भी हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के खिलाफ इसी प्रकार के कई असफल प्रयास कर चुका है| यदि जोधपुर बोगस केस की सुनवाई करने वाली ‘कोर्ट’ के सामने यह प्रमाण प्रस्तुत किए जाते तो पूज्य गुरुदेव का जोधपुर वाला केस केवल दो-तीन पेशी में ही खत्म हो जाता- किन्तु ‘आश्रम की लीगल टीम’ ने ऐसा नहीं किया-
आश्रम के ‘बेशर्म गद्दार’ इस समय पूरी तरह से नरेन्द्र मोदी जी के जाल में फंसे हुए हैं| वह जब चाहे इन्हें बंद करवा सकता है| लीगल टीम के मुखिया अर्जुन उर्फ पंकज वीरचंदानी पर तो मर्डर, एसिड अटैक व दंगे करवाने की साजिश जैसे अनेकों गंभीर मामले दर्ज हैं, वह तो सारी उम्र जेल से बाहर आ ही नहीं सकता-
इसलिए यह ‘बेशर्म गद्दार टीम’ अपनी जान बचाने के लिए भी मोदी की खुल कर ‘जी हजूरी’ कर रही है| तीन राज्यों के विधान सभा चुनावों में भाजपा की हार ने ‘टकले’ के दरबार में इनकी वैल्यू वैसे भी बहुत कम कर दी है| इस प्रकार का अंदेशा इन्हें पहले से ही था, इसीलिए आश्रम मैनेजमेंट ने इस बार आश्रम व योग वेदान्त सेवा समिति की मर्यादा की सभी सीमायें लांघते हुए भी इन चुनावों में भाजपा के लिए खुल कर काम किया था| पूज्य गुरुदेव के पुराने ऑडियो-कैसेट्स में से काट-पीट करके एक नया कैसेट बनाया गया था| पूज्य गुरुदेव की आवाज में भाजपा को समर्���न करने का यह संदेश फिर इन बेशर्म गद्दारों ने करोड़ों-करोड़ों साधकों को व्हाट्स-एप जैसे माध्यमों द्वारा भिजवाया भी था| यह *पूज्य गुरुदेव के नाम पर* की जाने वाली एक बड़ी *‘चीटिंग’* थी|
किन्तु आज मैं अपने अपने करोड़ों-करोड़ों गुरुभक्त साधकों व इन चुनावों में फील्ड में काम करने वाले अपने गुरुभाईयों एवं बहनों की सभी टीमों का अभिनंदन करना चाहती हूँ क्योंकि इन्होंने इन चुनावों में गुरुद्रोही शक्तियों को उनकी औकात भली प्रकार दिखा दी है|
मेरा आश्रम के गद्दार भाईयों से आज एक निवेदन भी है कि- देखो भाई, मैं नहीं जानती कि किस मजबूरी में आप एक ब्रह्मज्ञानी संत को नेस्तनाबूद करने के प्रयत्नों में ‘एक मनोरोगी’ के साथ जुट गए हैं, *किन्तु कम से कम और गुरुभक्त साधकों को ‘मिसगाइड’ कर-करके इस पाप की कीचड़ में घसीटने का पाप तो ना करें|*
याद रखें अपने गुरु व उनके परिवार को नष्ट करने के प्रयत्नों में जुटे इस आततायी नरेन्द्र मोदी को आज तिनका भर सहयोग करने वाला भी फिर युगों-युगों तक नीच योनियों में ही भटकेगा|
यह मेरे पूज्य गुरुदेव का आशीर्वाद व मेरे लाखों-लाखों गुरुभक्त भाई-बहनों की सेवा का परिणाम है कि हमारी यह पोस्ट आज इण्डिया की सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पोस्ट्स की लिस्ट में शुमार हो गई है| यह पोस्ट सभी राजनैतिक पार्टियों विशेषकर भाजपा के सभी सांसदों एवं पदाधिकारियों को भी भेजी जाती है| आज इस पोस्ट के माध्यम से, मैं अपने करोड़ों-करोड़ों गुरु भाई-बहनों की ओर से एक प्रश्न पूरी ‘भाजपा’ से भी करना चाहती हूँ| भाजपा, आप हमें जवाब दें कि हमारे पूज्य गुरुदेव हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू ने तुम लोगों का ऐसा क्या बिगाड़ दिया है कि तुम सब आज उन की जान के दुश्मन बन गए हो-
भाजपा के एक संगठन मंत्री ने तो हमें जवाब दिया है कि- *‘यह भैय्या का निजि मामला है, हम कुछ नहीं कर सकते-* और आपकी पितृ-संस्था आर.एस.एस के एक नेता ने कहा है कि 300 करोड़ का इंतजाम कर लो, फिर मेरे से बात करना| बाबा रामदेव भी तो अब खुल कर व्यापार कर रहा है- पैसे से सब काम हो जाते हैं|
तो भाजपा के भाईयों, आप भी यह अच्छी तरह से जान लें कि संत आशारामजी बापू कोई व्यापारी बाबा नहीं हैं| ‘पूज्य बापूजी’ एक ब्रह्मज्ञानी संत हैं| पूरी दुनिया में इनके आज भी कई करोड़ शिष्य हैं और हम सब मिलकर जब भी प्रयत्न करते हैं तो बड़ी से बड़ी आततायी व अत्याचारी ताकत को हराने में पूरी तरह से सक्षम हो जाते हैं, - तुमने 2014 में कांग्रेस की ऐतिहासिक हार नहीं देखी है क्या-
या इसी 11 दिसम्बर को तीन हिंदी राज्यों में आततायी नरेन्द्र मोदी की हार नहीं देखी-
मेर एक बार फिर से निवेदन है कि इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू एक ब्रह्मज्ञानी संत हैं| आप उनके साथ ऐसा व्यवहार बिल्कुल ना करें कि दशकों तक इस देश का हिन्दू फिर ‘भाजपा’ का नाम सुनते ही अपने कानों के हाथ लगा ले- यह नोटबंदी या जीएसटी का मामला नहीं है कि जिसे तुम्हारे मोदी जी सुलटा लेंगे- यह तो उस ब्रह्मज्ञानी हिन्दू-संत का मामला है, जिसके दरबार में तुम सब जाकर माथा रगड़ा करते थे-
यह केवल तुम्हारे भैय्या जी का मामला नहीं है, यह तो करोड़ों-करोड़ों गुरुभक्तों का मामला भी है-
दिनांक 07-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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लीला चल रही है, लीला देखते रहो..
पांच साल तक लगातार नरेन्द्र भाई मोदी की चरण-चम्पी करते-करते अब आश्रम की गद्दार टीम भी मोदी जी की तरह ही पूरी तरह से ‘बेशर्म’ बन चुकी है| मोदी जी को तो ‘बेशर्म’ का यह खिताब हालिया विधानसभा चुनावों के दौरान मध्य प्रदेश की एक ग्रामीण महिला ने दिया था| हुआ यूँ, कि जब एक चुनावी सभा के दौरान मोदीजी ने 2019 के आम चुनावों के लिए तैयार किए गए अपने नए जुमलों में से कुछ वहाँ अजमाने शुरू किए जैसे 2022 तक पक्के घर, किसानों को दोगुनी आमदनी- तो मोदीजी की सभा में 500 रुपये नकद व दोपहर के खाने के पैकेट के बदले आई एक महिला अपने साथ बैठी सहेली के कान में फुसफुसाने लगी थी कि- देख कितना, ‘बेशर्म’ आदमी है, पन्द्रह-पन्द्रह लाख का वायदा करके भी एक पैसा तो आजतक दिया नहीं- और फिर से लम्बी-लम्बी फेंके जा रहा है|
ऐसा ही कुछ आजकल आश्रम के गद्दार भी कर रहे हैं| पिछले पांच सालों के दौरान इन्होंने आततायी नरेन्द्र मोदी के साथ मिलकर इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के विरुद्ध कई भयंकर षड्यंत्र किए हैं, फिर भी पूज्य गुरुदेव के गुरुभक्त साधकों द्वारा चलाई जा रही हमारी इस मुहीम को ही ‘षड्यंत्रकारी’ बताने लगे हैं|
इन मोदीभक्त बेशर्म गद्दारों ने मेरे विरुद्ध एक पोस्ट में अपने किसी ‘पप्पी’ से लिखवाया है कि- मेरी पोस्ट्स से कांग्रेस को फायदा मिल रहा है और यह काम मैं पैसा लेकर कर रही हूँ| उनका यह भी कहना है कि हमारे गुरुजी भगवान हैं तथा वो सभी षड्यंत्रों का भंडाफोड़ करके जब चाहे बाहर आ सकते हैं|
तो बेशर्म गद्दारों- इस पर मेरा जवाब यह है कि मेरी व मेरे साथ जुड़े मेरे लाखों गुरुभक्त भाई-बहनों के प्रयत्नों से किसी भी राजनैतिक पार्टी को फायदा मिलता है, तो यह हमारे लिए गौण बात है| *हमारा मुख्य मकसद तो अपने पूज्य गुरुदेव के हितों के लिए प्रयत्न करना है,* फल तो फिर मिलेगा ही| ज���द्गुरु श्रीकृष्ण ने स्वयं अपने श्रीमुख से यह वचन हमें श्रीमदभागवत गीता में दिया भी हुआ है- *'कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन'*|
रही दूसरी बात कि हमारे गुरुजी भगवान हैं, अपने आप बाहर आने में स्वयं समर्थ हैं, अत: उनकी स्वतंत्रता के लिए किसी प्रकार के प्रयत्नों की आवश्यकता नहीं है-
इसी क्रम में इन्होंने आगे भगवान राम का उदाहरण देते हुए कहा कि- श्री राम भी भगवान थे, इसलिए यदि वो चाहते तो अकेले भी रावण को मार सकते थे, अथवा तो अयोध्या से अपनी सेना मंगवाकर युद्ध-विजय कर सकते थे, इसी प्रकार हमारे गुरुदेव भी चाहें तो सारे ‘षड्यंत्रों’ को तोड़-फोड़ कर जब चाहे बाहर आ सकते हैं|
अब इनकी ऐसी बातें मेरी समझ से तो बाहर की चीज हैं| पहले तो तुम लोग यह बताओ कि तुम लोगों में से रावण कौन है, और कुम्भकर्ण कौन है? और बाकी जो तुम कह रहे हो कि राम जी ऐसा कर सकते थे, ऐसा कर सकते थे, पर ‘बेशर्म गद्दार भाईयों’ किया तो नहीं| युद्ध में तो पूरी वानर सेना ने ही भाग लिया था और विजय भी प्राप्त की थी| तो अब अगर पूज्य गुरुदेव के गुरु भक्त शिष्यों की हमारी यह ‘वानर सेना’ युद्ध में उतर आई है, तो तुम्हें इतना परेशान होने की क्या जरुरत है?
यह तो समय का ‘चक्र’ है, जो अनवरत् घूम रहा है, और मनुष्य को अपने कर्मों को भुगते बिना इससे छुटकारा हो ही नहीं सकता| म०प्र०, राजस्थान व छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजे केवल हिन्दू संत आशारामजी बापू व उनके पूरे परिवार के उत्पीड़न का स्पष्ट परिणाम हैं| भाजपा का यह हाल यहाँ केवल संत व गौ-द्रोही नरेन्द्र मोदी के कारण ही हुआ है| और तुम लोगों को भी समय से पहले ही अपनी मारीशस पलायन की योजना को खंगालना व टटोलना भी इसीलिए पड़ रहा है|
बेशर्म गद्दार लोगों कम से कम इतना तो विचार करना चाहिए था कि आप लोग पूज्य गुरुदेव के समर्पित शिष्य हैं| आप लोगों के कार्यों से तो आश्रम के बाहर रहने वाले शिष्यों को प्रेरणा लेनी चाहिए, और आप लोग इस युग के एक महान हिन्दू संत से ‘सर्कस का खेल’ करवाना चाहते हैं कि- हमने पहले कांग्रेस के सहयोग से जोधपुर केस बनवाया तथा बाद में मोदी जी की ‘चरणचम्पी’ करते-करते हमने सूरत में मुकद्दमें बनवा दिए हैं- अब बापूजी आप चूँकि भगवान हैं, तो अब आप खुद ही ‘जादू-मन्तर’ करके छूट कर दिखाइये-
तो बेशर्म गद्दारों व इनके टकले व दढ़ियल गॉड फादरों आप भी कान खोल कर सुन लो, यदि इस युग के महान ब्रह्मज्ञानी हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को 2019 के चुनावों से पहले-पहले न्याय देकर ससम्मान स्वतंत्र नहीं किया गया तो तुम लोगों का इस बार उ०प्र०, बिहार व झारखण्ड में भी बिल्कुल वही हाल होगा जो अभी 11 दिसम्बर को तीन राज्यों में हुआ है|
और भाजपा आज याद रखे कि वह केवल सवर्ण हिन्दू समाज के वोटों व समर्थन के कारण ही आज गद्दी पर बैठी हुई है और इसमें भी सबसे बड़ा हाथ हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के करोड़ों-करोड़ों शिष्यों व भक्तों का है- इन लोगों ने भाजपा को 2014 में सत्ता में लाने के लिए अपना तन-मन व धन भी समर्पित किया था, वरना तुम्हारे इस हिन्दू-शेर मोदी को तो अब तक हिन्दू-विरोधी शक्तियाँ खूब अच्छे से सबक सिखा चुकी होतीं| अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में तो यह पहले ही शामिल हो चुका था तुम्हारा छप्पन ईंची सीना| अब जिस संत के कारण ‘बेशर्म गद्दार’ व ‘भाजपाई’ आज मस्तियाँ छान रहे हैं अब उसी को समाप्त करना चाह रहे हैं और कोई उनके समर्थन में ना बोले इसलिए यह ड्रामा- कि लीला चल रही है, लीला देखते रहो और मन्त्र जपते रहो-
दिनांक 06-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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गद्दारों, कितनी कीमत लगाई है, हमारे बापूजी की !
आज की पोस्ट की शुरुआत मैं एक ऐसे समाचार के साथ कर रही हूँ जिसे सुनकर हमारे गुरुभक्त भाई-बहनों व भक्त हिन्दू-समाज के करोड़ों-करोड़ों भक्तों को तो दुःख महसूस होगा किन्तु कुछ मुट्ठीभर गद्दार भाईयों को इससे प्रसन्नता मिलेगी|
समाचार यह है कि विश्व की सबसे बड़ी हिंदु संस्था को तो प्रयागराज-2019 कुम्भ में भाजपा सरकार की ओर से जमीन अलाट करने के लिए मना किया जा रहा है जबकि दूसरी ओर ईसाई मिशनरियों को यहाँ अपना ‘यीशू दरबार’ लगाने के लिए काफी जमीन एलाट कर दी गई है|
तो मेरा इस पर पूज्य गुरुदेव के आश्रमों पर कब्जा जमाए बैठे मोदी-भक्त गद्दारों से कहना है कि- भाई लोगों, आप अपने गुरु-भगवान मोदी जी से कह कर वहां जमीन क्यों नहीं एलाट करवा लेते? अभी हालिया विधानसभा चुनावों में तो आप लोगों ने उनकी खूब मक्खन पालिश भी की है| अहमदाबाद के केन्द्रीय आश्रम के बाहर मोदी समर्थन में एक बड़ा-सा होर्डिंग लगाकर व पूज्य गुरुदेव के आश्रमों की ऑफिशियल वेबसाइट पर मोदी के तलुए चाटने के अतिरिक्त पूज्य गुरुदेव के पुराने ऑडियो-टेप्स एडिट कर-करके साधकों को भेज-भेज कर उन्हें भ्रमित करने का प्रयास भी किया था| जब इस पर भी गुरुभक्त साधकों ने आपकी बातों पर विश्वास नहीं किया तो उन्हें विश्वास दिलवाने के लिए अमरीका के एक साधक वैन्केट को बुला कर उससे झूठ भी कहलवाया कि- ‘मैं जोधपुर जाकर स्वयं बापूजी से मिलकर आया हूँ तथा उन्होंने भाजपा को जितवाने की आज्ञा दी है|’ किन्तु एक गुरुभक्त भाई बम-बम ठाकुर ने उन्हीं दिनों ऑडियो-कन्फ्रेंसेस के माध्यम से साधकों को बता दिया कि यह सब उन मोदी-भक्तों की एक चाल है, जो आज पूज्य गुरुदेव के आश्रमों पर कब्जा जमाए बैठे हैं|
‘टकला’ प्रतिनिधियों के साथ कुछ दिन पहले हुई एक मीटिंग में इन लोगों ने यह फैसला भी कर लिया था कि संत आशारामजी बापू को किसी भी प्रकार कि पैरोल या जमानत दिए जाने से पहले ही उन्हें जेल में ही समाप्त कर दिया जाए| मुझे जैसे ही यह समाचार मिला मैंने पूरे मीडिया में इसका खुलासा कर दिया, परिणामस्वरुप इन्हें अपना प्रोग्राम अब मुल्तवी कर देना पड़ गया है| किन्तु इस विषय में मेरा बिल्कुल साफ-साफ कहना है कि जब तक पूज्य गुरुदेव को पैरोल अथवा जमानत नहीं मिल जाती है- मैं इस मामले को जिन्दा ही रखना चाहूंगी-
मुझे मेरे एक गुरुभक्त भाई ने गद्दारों की एक पोस्ट भेजी है, जो मेरे इस खुलासे को लेकर इन दोनों ही खेमों में मची हड़कम्प की परिचायक है| इस पोस्ट में वही ‘अनपढ़’ व ‘गंवारों’ जैसे कुछ सवाल भी उठाए गए हैं, कि-सुनन्दा तंवर पत्रकार नहीं है, यह लन्दन की नहीं है, अशोक गहलोत से क्यों बात की तथा ��ब इन्हें 2017 में ही पता चल गया था कि बापूजी को उम्रकैद हो रही है तो इन्होंने तब कुछ क्यों नहीं किया- वगैरहा-वगैरहा|
खैर, गनीमत है कि इन्होंने यह नहीं लिखा कि मैं पूज्य बापूजी की शिष्या नहीं हूँ| यानि ये तो यह गद्दार कम्पनी भी मान रही है कि मैं बापूजी की बच्ची हूँ| तथा पूज्य गुरुदेव ने जब स्वयं अपने श्रीमुख से भी यह कह दिया है कि- सुनन्दा तंवर मेरी बहादुर बेटी है| तो अब गद्दार कम्पनी को मेरा और कौन सा ‘सर्टिफिकेट’ चाहिए| मैंने इन गद्दारों को इससे पहले भी कई बार कह दिया है कि- हाँ, ना मैं पत्रकार हूँ, ना मैं मानवाधिकार कार्यकर्ता हूँ, ना ही मैं लन्दन की रहने वाली हूँ और ना ही किसी प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए आजकल मैं दुबई में हूँ- *मैं तो केवल अपने बापूजी की एक बच्ची हूँ* और क्या केवल इस नाते मैं उनके साथ हो रहे किसी अन्याय व अत्याचार के खिलाफ आवाज भी नहीं उठा सकती हूँ?
गद्दार लोगों, क्या तुम पूज्य गुरुदेव के हक में उठने वाली हर उस आवाज को उसी प्रकार चुप करा दोगे जिस प्रकार तुमने एडवोकेट राम जेठमलानी व डॉ० सुब्रामण्यम स्वामी को चुप करा दिया है-
*यदि तुम ऐसा सोचते हो, तो यह बिल्कुल गलत है|* मैं इस युग के एक महान हिन्दू संत व उसके पूरे परिवार के विरुद्ध हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध पूरी दुनिया में तब तक आवाजें उठाती रहूंगी जब तक इन्हें पूरा न्याय नहीं मिल जाता अथवा तो तुम दोनों का ही यानि हमारे पूज्य गुरुदेव के द्रोहियों का पूर्ण विनाश नहीं हो जाता-
याद रहे, इसकी शुरुआत 11 दिसम्बर को हो भी चुकी है, और *यदि 2019 के चुनावों से पहले-पहले पूज्य गुरुदेव को ससम्मान स्वतंत्र नहीं किया गया तो हम लाखों-करोड़ों गुरुभक्त मिलकर तुम्हारा इससे भी बुरा हाल करेंगे जो 11 दिसम्बर को हुआ है-* यह बिल्कुल पक्की बात है|
हाँ, एक बात और मोदी एंड कम्पनी ने कुम्भ मेले में ईसाईयों का कैम्प लगवा कर उनका कई हजार करोड़ का काम निपटा दिया है- क्योंकि अब ईसाईयों के इस प्रचार की सत्यता प्रमाणित हो गई है कि ‘क्राइस्ट’ कृष्ण का ही अवतार थे|
ईसाई मिशनरीज भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में भोले-भाले ग्रामीणों को यही बहका-बहका कर थोक में ‘धर्मांतरण’ करवा रहे हैं कि कृष्ण और क्राइस्ट एक ही बात है| एक प्रकार से तुम्हारे भगवान ने ही तुम्हारी मदद के लिए तुम्हें यह कई लाख रुपये भिजवाये हैं- इनसे अपनी स्थिति सुधारो, और भजन के लिए हर सन्डे इनके यीशु दरबार में हाजरी लगाओ| देश में धर्मांतरण का तांडव चल रहा है| कई लाख हिन्दू रोजाना ईसाई बनाए जा रहे हैं|
अंत में सिर्फ एक बात और आश्रम के गद्दारों को आज यह भी तो खुलासा करना चाहिए कि धर्मांतरण विरोधी हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को हिन्दू समाज से दूर रखने के लिए ईसाई मिशनरियों ने इन्हें कितने हजार करोड़ मिले हैं-
दिनांक 05-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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एक तो चोरी, ऊपर से सीना जोरी !
लगभग आठ-दस दिन पहले मुझे मेरे इण्डिया के सूत्रों ने यह जानकारी दी थी कि इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को जेल में ही समाप्त करने का फैसला कर लिया गया है| यह निर्णय पूज्य गुरुदेव के विरुद्ध कार्य कर रही दोनों ही आसुरी शक्तियों के प्रतिनिधियों ने एक मीटिंग में किया था| इस समय पूज्य गुरुदेव के *आश्रमों पर काबिज ‘ए-कम्पनी’* तथा गुजरात का भूतपूर्व मुख्यमंत्री *नरेन्द्र भाई मोदी दोनों ही अपने-अपने कारणों से इस हिन्दू संत की जान के कट्टर दुश्मन बने हुए हैं|*
‘ए-कम्पनी’ तो आश्रमों की चाकरी में लगी ‘माँ’ लक्ष्मी के स्वरुप को देखकर ही पागल हो गई है, किन्तु एक मुख्यमंत्री से भारत का पी.एम बन जाने के बाद भी मोदी जी क्यों एक हिंदूवादी राजनैतिक पार्टी को बर्बाद करने पर तुले बैठे हैं- यह तो हमारी समझ से तो बाहर की चीज है-
मेरी यह पोस्ट भाजपा के सभी सांसदों सहित पूरी पार्टी के पास जाती है, किन्तु आश्चर्य की बात है कि मोदी जी को इस विषय में समझाने का आज तक एक भाजपाई में भी दम दिखाई नहीं दिया है| अरे भई, मोदी जी एक आदमी ही हैं, कोई आसमानी ताकत तो नहीं हैं जैसा कि इनके कुछ चमचे-कलछे शोर मचाते रहते हैं| सच कहूँ तो मुझे तो इस विषय में केवल इण्डिया के दो राज��ेता ही बुद्धिमान दिखाई पड़ते हैं, जिन्होंने मीडिया के ग्लैमरस प्रचार, व महँगे डिजायनर कपड़ों के पीछे छुपी हुई मोदी जी की असलियत को काफी हद तक पहचान लिया है| वर्ना तो नोटबंदी, जी.एस.टी व पेट्रोल-डीजल के जूते खा-खा कर भी भक्त-मंडली तो आज तक भी इन्हीं का कीर्तन किये चले जा रही है|
इन दो बुद्धिमान राजनेताओं में से एक हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, जिन्होंने लगभग दो वर्ष पहले ही बता दिया था कि- यह व्यक्ति केवल *‘मनोरोगी’* ही नहीं बल्कि एक *‘कायर’* भी है| केजरीवाल जी की इस बात का साक्षात प्रमाण तो हम पहले देख भी चुके हैं| क्योंकि मोदी जी यदि *मनोरोगी* नहीं होते तो अपने आर.के.अस्थाना नाम के एक पालतू पुलसिये से विश्व के इतने बड़े हिन्दू संत व उसके पूरे परिवार के विरुद्ध ऐसी गन्दी व अश्लील कहानियाँ कभी नहीं घड़वाते|
और रही ‘कायर’ वाली बात, तो वो तो आज पूरा विश्व भी देख ही रहा है कि हिन्दुओं द्वारा इतना भारी समर्थन दे देने के बावजूद भी इसमें इतना दम नहीं है कि हिन्दू-विरोधी लाबी के सामने ताल ठोक कर राम मंदिर पर कानून बना दे-
खैर दूसरा बुद्धिमान राजनेता मैं महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम को भी मानती हूँ| उन्होंने मोदी जी को ‘अनपढ़’ व ‘गंवार’ कहा है| वैसे बिहार जैसे राज्य से जाकर महाराष्ट्र-कांग्रेस के अध्यक्ष पद तक पहुँच जाना ही कोई कम बुद्धिमानी की बात नहीं है, किन्तु मोदी जी के बारे में इनकी रीडिंग का समर्थन तो मैं ही क्या आज अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कर रहे हैं|
ट्रंप ने नववर्ष पर पत्रकारों के साथ अपनी बातचीत में यह किस्सा कुछ इस प्रकार कहा कि मानों वे किसी ‘अनपढ़’ व ‘गंवार’ व्यक्ति की कोई मजाकिया हरकत सुना रहे हों| ट्रंप ने कहा है कि- मेरे पांच घंटे के साथ के दौरान मोदी बार-बार बखान करते रहे थे कि- ‘हमने काबुल में एक लायब्रेरी बनवा दी है’- इस पर ट्रंप ने खिल्ली सी उड़ाते हुए अंदाज में कहा कि- शायद वो चाहते थे कि मैं इस पर उन्हें थैंक्यू कह दूँ| ट्रम्प ने आगे मोदी जी को उनकी ‘औकात’ समझाते हुए यह भी कहा कि- जितने की यह लायब्रेरी बनवाई गई है, उतना पैसा तो हम हर पांच घंटे में वहां खर्च कर रहे हैं|
वैसे इण्डिया में भी मोदी जी कौन सी पढ़े-लिखों जैसी बातें करते हैं, यहाँ भी ऐसी ही बातें करते हैं जैसी हमारे स्कूल में ननुआ किया करता था|
ननुआ के विषय में मैंने आपसे पहले भी शेयर किया था| वह उ०प्र० के नजीबाबाद जिले के नगीना कस्बे का रहने वाला लड़का था तथा संयोगवश उसके जीवन की काफी घटनायें मोदी जी के जीवन से मिलती जुलती हैं|
खैर- पापा बताते हैं जब वो स्कूल में था, वो तभी से बहुत ज्यादा लफ्फाज था| बातों का तो वह पूरा शेर ही था| वैसे हरफन मौला तो वह पूरा का पूरा था ही| एक बार किसी एक अन्य छात्र ने उसे क्लास टीचर की अलमारी से कुछ चाक व पैंसिल चुराते हुए देख लिया था- उसने क्लास में आकर सबको बता दिया कि- ननुआ चोर है| इस पर पहले तो ननुआ ने फिर उसके सभी चमचों ने भी मिल कर उस आरोप लगाने वाले से भी दुगुनी आवाज में चिल्लाना शुरू कर दिया कि *यह खुद चोर है, इसकी माँ चोर है, इसकी साथ पीढ़ियाँ चोर हैं|* ननुआ ने अपनी चोरी की कोई सफाई नहीं दी-
पापा बताते हैं कि जब तक हम उस स्कूल में रहे ननुआ के ऐसे खेल-तमाशे अक्सर देखने को मिल ही जाया करते थे, क्योंकि ननुआ पढता-लिखता कम था, और जुमलेबाजी व तमाशेबाजी ज्यादा किया करता था|
पर हर आदमी का नसीब तो मोदी जी जैसा होता नहीं है, मोदी जी को तो गुजरात से ही ब्रह्मज्ञानी संत पूज्य आशारामजी बापू के दर्शनों व सत्संगों का सौभाग्य मिल गया था इसीलिए वो तो आज यहाँ तक पहुँच गया किन्तु ननुआ कहाँ गुम हो गया है, यह तो शायद पापा को भी मालूम नहीं है- किन्तु ननुआ का भविष्य मोदी जी से हर हालत में बेहतर होगा- यह तो मुझे भी मालूम है| क्योंकि शास्त्र वचन हैं कि- *संत को सताने से तेज, बल व वंश तीनों खत्म हो जाते हैं|* मोदी जी अगर आपको इतनी भी समझ नहीं थी तो ��म से कम कांग्रेस का हाल ही देख लिया होता-
दिनांक 04-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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गद्दारों का खेल-तमाशा (6)
मैंने अपनी कल की पोस्ट में गद्दारों के सेनापति अर्जुन उर्फ पंकज वीरचंदानी के कुछ अपराधों का खुलासा किया था| मुझे इसका काफी से भी बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है| देश-विदेश के काफी गूरुभाई-बहनों ने लिखा है कि हमें यह जानकार काफी हैरानी हुई है कि इतनी मीठी भाषा बोलने वाला यह व्यक्ति इतना बड़ा अपराधी है| कल ही कुछ गुरुभाइयों ने मुझसे यह भी कहा है कि- दीदी आप इस गुरुद्रोही अर्जुन के अपराधों की एक सूची हमें भी भेज दें- हम अपने स्तर पर भी इस व्यक्ति के खिलाफ कुछ ना कुछ कार्यवाई जरुर करेंगे| ऐसे चार गुरुभाईयों में से दो वकील हैं, एक आई.पी.एस ऑफिसर है तथा एक जोशीला ‘युवा’ भी है|
मैं अपनी यह पोस्ट पिछले लगभग 6 महीने से लगातार लिख रही हूँ| लाखों साधक भाई-बहन रोजाना यह पोस्ट पढ़ते भी हैं, फिर मेरे से ही पूछते रहते हैं कि- हमें क्या करना चाहिए| तो इस पर मेरा कहना है कि *यदि कोई व्यक्ति तुम्हारे सगे माँ-बाप के साथ वही व्यवहार करे जो आज करोड़ों-करोड़ों साधकों के ‘बापूजी’ के साथ किया जा रहा है,* तो क्या तुम फिर भी मेरे से पूछने आओगे कि- दीदी, मेरे निर्दोष पिता को तो अर्जुन ने जेल में बंद करवा द���या है, तथा अब वह उनकी धन-सम्पत्ति पर कब्जा करने के लिए उन्हें जल्दी से जल्दी समाप्त कर देने के प्रयास भी कर रहा है- बताओ मुझे अब क्या करना चाहिए?
तो इस पर मेरा जवाब है कि यदि तुम्हारी रगो में सचमुच का खून दौड़ रहा है तो-तुम अपने पिता के अपराधी को एक ऐसा सबक सिखाओ कि फिर कोई अन्य आदमी भी ऐसी जुर्रत ना कर सके, ध्यान रहे आपका सबक पूरी तरह से कानून के दायरे में होना चाहिए|
और यदि रगो का खून पानी हो चुका है, तो भाई बैठ कर मन्त्र जाप करो, कौन सा जपें? यह पूज्य गुरुदेव का कोई भी साधक तुम्हें बता सकता है, क्योंकि आज अधिकांश वही तो कर रहे हैं-
पूज्य गुरुदेव को कारागार में पहुँचाते ही अर्जुन व इसके गद्दार साथियों ने आश्रम की अचल सम्पत्तियों से नकद पैसा जुटाना शुरू कर दिया था| आश्रमों के आस-पास की जमीनें खरीद-खरीद कर भी बिल्डरों के साथ एग्रीमेंट किए जा रहे हैं| आश्रमों की खाली पड़ी जमीनों पर फ्लैट बना-बना कर बेचे जा रहे हैं| स्थिति का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि हरिद्वार आश्रम में पूज्य गुरुदेव की कुटिया के ऊपर भी कई मंजिलें फ्लैट बना कर वहां लिफ्ट भी लगा दी गई है|
अपने हरिद्वार प्रवास के दौरान पूज्य गुरुदेव शाम को भोजन करके अक्सर अपनी कुटिया की छत के ऊपर टहलने चले जाया करते थे- किन्तु अब वहां गद्दारों ने फ्लैट बना कर बेच दिए हैं|
गाजियाबाद आश्रम का स्कूल तोड़कर वहां भी फ्लैट बना कर बेचने की योजना बनाई जा रही है, किन्तु गाजियाबाद समिति के कुछ गुरुभक्त साधकों ने गद्दारों की इस योजना को अभी तक क्रयान्वित नहीं होने दिया है|
कल की पोस्ट के जवाब में कुछ गुरुभक्त साधकों ने अर्जुन गद्दार के कुछ और अपराधों का खुलासा भी मुझे भेजा है, मैं अपने स्तर पर इनकी सत्यता की जांच- परख करवा रही हूँ, इन्हें फिर मैं आपके साथ भी शेयर करुँगी|
कुछ गुरुभक्त भाईयों ने मुझे यह जानकारी भी दी है कि इस गद्दार शिरोमणि अर्जुन को किस प्रकार एक दोहरी जिन्दगी जीनी पड़ रही है| उन्होंने कहा कि दिन में तो यह बिना प्रेस किया कुर्ता-पाजामा पहने आश्रम में दिखाई पड़ता है किन्तु अपनी रात यह दिल्ली में ग्रीन पार्क की एक कोठी में अपनी महिला-मित्र ‘मधु’ के साथ गुजरता है|
अपनी हजारों-करोड़ की प्रोपर्टी अर्जुन ने अपने कुछ ख़ास चेलों के परिवार के सभी सदस्यों के नाम करवा रखी है| किन्तु मुझे तो लगता है कि यह प्रॉपर्टी, यह धन-सम्पत्ति कम से कम अर्जुन गद्दार तो भोग नहीं पाएगा| हाँ, रामानुज जैसे इसके चेले-चपाटे व इनके परिवार जरुर भोगेंगे और कुछ समय बाद ऐसे व्यक्ति ही अर्जुन गद्दार के उसी प्रकार दुश्मन भी बन कर खड़े हो जायेंगे- जैसे कि आज यह पूज्य गुरुदेव का बना हुआ है|
अंत में आज मैं अपने सभी गुरुभक्त भाई-बहनों से अपील करती हूँ कि अर्जुन गद्दार के अपराधों के विषय में आपके पास यदि कोई छोटी से छोटी जानकारी भी है तो आप कृपया मुझे भी अवश्य भेजे दें- क्योंकि यह व्यक्ति केवल हमारे पूज्य गुरुदेव संत श्री आशारामजी बापू एवं उनके पूरे परिवार का ही अपराधी नहीं है बल्कि यह तो उन करोड़ों-करोड़ों गुरुभक्त शिष्यों का अपराधी भी है जिनके पितृतुल्य गुरुदेव को पिछले पांच वर्षों से इसने कारागार में रख छोड़ा है तथा खुद पूज्य गुरुदेव के आश्रमों में अपने एक हाथ में माला तथा दूसरे हाथ में गुरुगीता की पुस्तक लिए एक ‘गुरुभक्त’ का वेश बनाए घूम रहा है-
स्मरण रहे हमें हर हालत में अपने पूज्य गुरुदेव को 2019 के चुनावों से पूर्व-पूर्व ही बाहर लाने का हर-संभव प्रयत्न करना है और इसके लिए हमें सतर्क भी रहना होगा| मेरे विचार में ‘पैरोल’ कि सुनवाई जनवरी में ही होनी है- इस पर जरुर नजर रखें कि गद्दार लोग इस बार क्या खेल-तमाशा करते हैं|
*(अभी बाकी है)*
दिनांक 03-01-2019
-सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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गद्दारों का खेल-तमाशा (5)
हम पिछले कई दिनों से गद्दारों के सेनापति अर्जुन उर्फ पंकज वीरचंदानी व मोदी जी के खासमखास अमित शाह उर्फ टकला की सहमति से बने एक भयंकर *‘विष षड्यंत्र’* की बातें कर रहे थे| नागपुर के एक वरिष्ठ वकील ने जज लोया की हत्या के मामले में दायर अपनी एक याचिका में जस्टिस लोया की ह्त्या का कारण अति-दुर्लभ न्यूक्लियर पायजन को बताया था| अपनी इस याचिका में एडवोकेट महोदय ने नागपुर में अमित शाह व महाराष्ट्र परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष की मुलाकात को भी इसी सन्दर्भ में रेखांकित भी किया था|
मैंने खुलासा किया था कि इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को भी जेल में ही समाप्त करने के लिए *आश्रम के गद्दारों व मोदी के सिपहसलारों की एक मीटिंग में सहमती हो गई है| इसी कार्य को अंजाम देने के लिए ही हिन्दू संत आशारामजी बापू को जमानत व पैरोल तक पर भी बाहर नहीं आने दिया जा रहा है|*
यह खुलासा होते ही गद्दारों की मण्डली तथा इस मामले की मोदी जी की तरफ से देख-भाल कर रहे ‘भाजपाई’ दोनों ही पूर्ण-अचंभित रह गए थे तथा इसीलिए अब यह मामला टाल दिया गया है|
मेरे को यह देख कर बहुत अच्छा लग रहा है कि अब चारों तरफ से ही पूज्य गुरुदेव के पक्ष में आवाजें खुलनी भी शुरु हो गई हैं| भाजपा के कई बड़े नेताओं ने मेरे से बिल्कुल स्पष्ट कहा है कि- मैडम आप अपने आश्रम के इन गद्दार लड़कों को संभाल लें, यह लोग ही हम���रे पीछे-पीछे घूमते हैं और कई प्रकार की खतरनाक से भी खतरनाक स्कीमें बना-बना कर लाते रहते हैं|
मैंने उन्हें समझाते हुए कहा कि- सर, इन गद्दार लड़कों की कमान आजकल जिस अर्जुन उर्फ पंकज वीरचंदानी के हाथ में है वह कोई साधारण अपराधी नहीं है बल्कि वह तो देश का एक छटा हुआ ‘वांटेड अपराधी’ है| आज की तारीख में भी इस पर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से लेकर महाराष्ट्र के नागपुर तक में इस के खिलाफ ह्त्या, अपहरण, एसिड अटैक व दंगा भड़काने की कोशिश करना- जैसी संगीन धाराओं में अनेकों मामले दर्ज हैं| इसके अतिरिक्त भी इसने कितने ही गुरुभक्त साधकों को भी ‘बापू जी का मुखबिर’ कह-कह कर इस दुनिया से ही गायब कर दिया है- ऐसी गिनती भी कम से कम एक दर्जन तक पहुँच सकती है|
इसके अलावा इस युग के एक महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू व उनके पूरे परिवार के विरुद्ध इसने अब तक कितने गंभीर षड्यंत्र किए हैं- इनका रिकॉर्ड तो बनना अभी बाकी है| हाँ, 25 अप्रैल 2018 को पूज्य गुरुदेव का फैसला आने के बाद इसने एन.आर.आई साधकों से ‘मनी-लांड्रिंग’ करके अब तक विदेशों से कितना पैसा ‘चीट’ किया है, और ‘बेनामी संपत्ति कानूनों’ का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए इसने वह इकट्ठा किया हुआ हजारों करोड़ पैसा कहाँ-कहाँ इन्वेस्ट किया हुआ है, या ब्याज पर चढ़ाया हुआ है, वह भी रिकॉर्ड में आना अभी बाकी है|
मेरी बातों को सुन कर लगभग सभी नेताओं ने भी एक ही बा�� कही कि- आप चिंता ना करें मैडम, जिस दिन भी यह कानून के हत्थे चढ़ गया- उसी दिन इन सभी बातों का इससे पूरा हिसाब जरुर-जरुर ले लिया जाएगा, आप इन सबकी एक लिस्ट बना कर जरुर तैयार रखें तथा बस इन चुनावों तक आप थोड़ी शांत हो जायें-
मैंने कहा कि इन बीते पांच सालों में मोदी व शाह की इस गुजराती जोड़ी ने भाजपा का जो सबसे बड़ा नुक्सान किया है, वो यही है कि आज भाजपा पर कोई भी विश्वास ही नहीं करता है, कांग्रेस का दोबारा से खड़े हो जाने का भी यही एक बड़ा कारण रहा है| *वरना तो हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के साथ षड्यंत्र करने के बाद तो कांग्रेस पूरी तरह से मृतप्राय: हो ही चुकी थी,* मोदी व शाह ने हिन्दू संतों व गौमाता पर इतने भारी अत्याचार शुरू कर दिए कि कांग्रेस तो इस रेस में फिर बहुत पीछे छूट गई| आज स्थिति यह बन गई है कि राहुल ने यदि कह दिया कि दस दिन में कर्ज माफ़ हो जाएगा तो किसानों ने फ़ौरन विश्वास कर लिया, और जबकि भाजपाई कितनी भी उछलकूद व नौटंकी दिखाते रहे और किसानों को बड़े-बड़े सब्ज-बाग भी दिखाते रहे किन्तु अब इनका यकीन करने वाला कोई नहीं था-
भाजपा के एक मित्र ने फिर ‘हिंदुत्व’ को एक ढाल की तरह इस्तेमाल करते हुए मुझसे कुछ दिन शांत रहने के लिए फिर से कहा तो मैंने उनसे कहा कि मेरी तो आज भी केवल वही माँग है, जो पहले दिन थी-
*1) पूज्य गुरुदेव को जमानत देकर शीघ्र ही केरला उपचार का प्रबंध करवायें तथा*
*2) 2019 के चुनावों से पहले-पहले ही ‘संत श्री’ को न्याय देकर पूर्ण रुप से स्वतंत्र किया जाये-*
इस पर मेरे भाजपाई मित्रों ने कहा कि- आपकी बातें काफी हद तक ठीक हैं और पार्टी के लोगों में अब इस पर चर्चा भी होने लगी है|
इनमें से एक नेता ने मुझे आश्वासन भी दिया है कि वो इस विषय में जरुर कुछ ना कुछ करेगा-
खैर, नेताओं से ज्यादा मुझे अपने गुरुभक्त भाई-बहनों पर ज्यादा विश्वास है| मुझे बहुत खुशी है कि इस अल्प समय में ही मेरे साथ अब लाखों-लाखों गुरुभक्त भाई-बहनों के हाथ और जुड़ गए हैं| पूज्य गुरुदेव के साथ किए जा रहे इस घोर अन्याय की बातें अब अधिक से अधिक साधकों तक पहुँचनी शुरू हो गई हैं- वरना तो *बापूजी की आज्ञा, बापूजी की लीला* और *हिंदुत्व* के नाम पर असुरों की पौ-बारह पिछले पांच सालों से चल ही रही थी, आश्रम के गद्दार तो नोट इकट्ठे किए जा रहे थे और मोदी-शाह की जोड़ी वोट-
अब दोनों पार्टियाँ ही यह भली प्रकार नोट कर लें- कि ऐसा चलने वाला बिल्कुल भी नहीं है, इस युग के एक महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को न्याय अब देना ही पड़ेगा|
*(अभी बाकी है)* दिनांक 02-01-2019 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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भाजपा की आत्महत्या
मोदी जी की ईगो व अहंकार को पोसने के लिए दर्जनों हत्याओं के आरोपी रह चुके अमित शाह व पूज्य बापूजी के आश्रमों पर कब्जा जमाए बैठे गद्दारों के कुछ प्रतिनिधियों ने जोधपुर कारागार में बंद हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को अब कारागार में ही समाप्त करने का निर्णय ले लिया है| निर्णय के अनुसार-
इस कार्य के लिए ‘सामान’ का प्रबंध करने का जिम्मा अमित शाह की टीम के जिम्मे होगा तथा ‘प्रयोग’ करने की जिम्मेवारी बापूजी के गद्दार शिष्यों को दी गई है|
सूत्रों द्वारा भेजी गई इस जानकारी में ‘सामान’ का अर्थ किसी विशेष प्रकार के *विष अथवा जहर* से लगाया जा रहा है जो धीरे-धीरे हफ्ते या दस दिन में असर करे तथा ‘प्रयोग’ का मतलब इसे किसी भी चीज में मिला कर खिला देना है-
मेरी कल की पोस्ट में उपरोक्त खुलासे के बाद से पूज्य गुरुदेव के साधकों में हडकंप-सा मच गया है| कल से आज तक मुझे अनगिनित मैसेजेस तथा समाचार मिल चुके हैं और उनमें सभी का लगभग यही कहना है कि-दीदी आप अपनी पोस्ट में भाजपा व गद्दारों को बिल्कुल साफ-साफ जरुर बतायें तथा बार-बार बतायें कि यह जघन्य पाप उन लोगों के लिए *‘आत्महत्या’* ही सिद्ध होगा| उनका क���ना है कि- हालाँकि इस बार हमने NOTA का प्रयोग किया था, किन्तु हम लोगों की सहानुभूति फिर भी भाजपा के साथ थी, यदि चुनावों से पहले-पहले संत आशारामजी बापू को *‘पैरोल’* तक भी मिल जाती तो इन राज्यों में आज स्थिति कुछ और ही होती| हम दशकों से भाजपा के वोटर जरुर रहे हैं किन्तु *हमारे जीवन में ‘बापूजी’ का स्थान सब से पहला है और वह हमेशा बना रहेगा|*
खैर...| मैं सभी भाई-बहनों को बता दूँ कि मैंने इस षड्यंत्र की पूरी जानकारी कल ही राजस्थान के मुख्यमंत्री को स्वयं दे दी है तथा उन्होंने इस विषय में समुचित कार्यवाई करने का आश्वासन भी दे दिया है|
वैसे सच कहूँ तो मुझे समझदारी के मामले में कांग्रेस पार्टी इन भाजपाईयों से इक्कीस जान पड़ती है| सितम्बर 2013 में निर्दोष हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को कारागार में भेजना इनको कितना महँगा पड़ा था, यह इनको जल्दी ही समझ में आ गया है| यही कारण है कि राहुल गाँधी अब हिन्दू मंदिरों की चौखटों पर मत्था रगड़-रगड़ अपने इस पाप का प्रायश्चित सार्वजनिक रुप से बार-बार कर भी रहे हैं|
दूसरी तरफ ‘मोदीधारी भाजपा’ भगवान की भी जातियाँ ढूंढ-ढूँढ कर वोट बटोरने की तिकड़में करती नजर आ रही है| हिन्दू-संतों व गौ-माता पर अत्याचार पर अत्याचार किए जा रहे हैं, गौ-रक्षकों को गुण्डा घोषित किया जा रहा है| आखिर यह सब कब तक चल सकता है| जिस हिन्दू समाज ने इन्हें यह तख्तो-ताज दिया है, यह लोग अब उन्हीं के संतों व पूजनीया गौ-माता के दुश्मन बन कर खड़े हो गये हैं- यह आत्महत्या नहीं तो और क्या है?
हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू एक *‘ब्रह्मज्ञानी’* संत हैं| ब्रह्मज्ञानी का अर्थ होता है जो स्वयं ‘ब्रह्म’ का साक्षात्कार कर उसका *ज्ञान* प्राप्त कर ले| हमारे शास्त्र ऐसे पुरुषों की महिमा से भरे पड़े हैं| गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी कहा है कि- *‘जानत तुम्हीं, तुम ही हो जाई|’* यानि- ‘हे परमात्मा जो आपका साक्षात्कार कर लेता है वह आपके समान ही पूजनीय हो जाता है|’
गुरु नानक देव जी ने भी वही बात कही है कि-
*ब्रह्म गिआनी कउ खोजह महेसुर| ब्रह्म गिआनी आपि परमेसुर||*
ऐसे ब्रह्मज्ञानी संत समाज में सैकड़ों-हजारों साल बाद दिखाई पड़ते हैं, वरना अधिकांश तो ब्रह्म, परमात्मा से एकाकार होकर उसके आनन्द में निमग्न रह कर एकांत में ही अपना जीवन व्यतीत कर देते हैं|
कोई-कोई ब्रह्मज्ञानी संत अपना ब्रह्मरस छोड़कर भी ‘करूणावश’ मानवजाति के कल्याण हेतु समाज में उतर आता है| ऐसे महापुरुष अपने सभी आराम व सुखों को त्यागकर अपना जीवन ही समाज को अर्पण कर देते हैं| इतिहास बताता है कि गुरुनानक देव जी ने मनुष्यजाति के कल्याण हेतु विदेशों तक भी पैदल यात्रायें की हैं-
हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू भी पिछले पचास वर्षों से मानवजाति के हित के लिए लगातार भ्रमण कर रहे हैं| हर दूसरे-तीसरे दिन हवा-पानी बदल जाने से मानव-शरीर पर अत्यंत विपरीत प्रभाव पड़ता है किन्तु पूज्य गुरुदेव विभिन्न आयुर्वेदिक व परम्परागत नुस्खों तथा योगासनों से ना केवल अपना शरीर स्वस्थ रखते आए हैं बल्कि अपने भक्तों व शिष्यों को भी यही सिखलाया है-
यही कारण है कि इस युग के महान हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के करोड़ों-करोड़ों भक्त व शिष्य पूरे देश में ही फैले हुए हैं| उत्तर-प्रदेश, बिहार व मध्य भारत के पूरे हिंदी क्षेत्र में पूज्य गुरुदेव का प्रभाव सबसे अधिक है| और यही वह क्षेत्र है जहाँ से 2014 में भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं- तो फिर केवल और केवल अपनी ‘ईगो व अहंकार’ के कारण इस क्षेत्र को खराब कर देना यदि ‘आत्महत्या’ नहीं तो और क्या है|
2019 के चुनावों में जाने से पहले हर भाजपाई को इस पर गंभीरता से विचार करना होगा| भाजपा किसी एक व्यक्ति की निजि पार्टी नहीं है| इसको यहाँ तक पहुँचाने में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी व पंडित दीनदयाल उपाध्याय सहित सैकड़ों अन्य अनाम कार्यकर्ताओं का बलिदान भी तो शामिल है, जिससे पार्टी की छवि या गुडविल बनी है-
हिन्दू संत आशारामजी बापू के साथ मोदी जी का आज का व्यवहार भाजपा की इस ‘छवि’ या ‘गुडविल’ को ही ‘डेमेज’ कर रहा है-
आज हर हिन्दू तथा हर भाजपाई का यह कर्तव्य है कि मोदी जी पर वह दबाव बनायें कि- कृपया वह ऐसा ना क���ें, वरना *उनका यह काम भाजपा के लिए आत्महत्या ही सिद्ध होगा|*
दिनांक 27-12-2018 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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हत्या का एक और प्रयास
मैं अपनी आज की यह पोस्ट केवल गुरुभक्त साधकों व भक्त हिन्दू समाज के लिए ही नहीं लिख रही हूँ बल्कि आज तो मैं अपने हर हिन्दू भाई-बहन से बात करना चाहती हूँ| क्योंकि आज की बात केवल हिन्दू समाज के वर्तमान हितों से संबंधित नहीं है बल्कि यह तो हिन्दू-समाज के भविष्य को भी निर्धारित करने वाली हैं-
सी.बी.आई जज बृजमोहन लोया व गुजरात के भूतपूर्व गृहमंत्री हीरेन पांड्या की हत्या सहित दर्जनों फर्जी एनकाउन्टरों के आरोपी रह चुके अमित शाह तथा पूज्य आशारामजी बापू के आश्रम के गद्दारों के कुछ प्रतिनिधियों के बीच अभी हाल ही में एक गुप्त मीटिंग हुई है| इस मीटिंग में जो फैसला किया गया है वह केवल 2019 में होने वाले आम चुनावों को ही नहीं बल्कि पूरे हिन्दू-समाज के भविष्य को भी प्रभावित करने वाला है|
इस मीटिंग में फैसला किया गया है कि *2019 के आम चुनावों ��े पहले-पहले ही हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को जेल में ही निपटा दिया जाएगा|* पूज्य ‘संत श्री’ को एक दिन के लिए भी जेल से बाहर ही नहीं आने देने का निर्णय भी किया गया है|
दिनांक 19-12-2018 के हाईकोर्ट के फैसले को भी जिसमें बापूजी की ‘पैरोल एप्लीकेशन’ को बिना ठोस वजह के तीस दिन के लिए और लटका दिए जाने को भी आप इसी षड्यंत्र के सन्दर्भ में देख सकते हैं|
अभी हाल ही में तीन विधान सभा चुनावों में मिली हार को भाजपा अब किसी भी कीमत पर 2019 के आम चुनावों में दोहराना नहीं चाहती है| इसीलिए चुनावों से पहले-पहले ही वो हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू का मुद्दा पूरी तरह से समाप्त करके इसका सारा दोष भी कांग्रेस की अशोक गहलोत की सरकार के सिर पर मढ़ना चाहती है|
सभी जानते हैं कि वर्ष 2013 में जब निर्दोष संत आशारामजी बापू को गिरफ्तार किया गया था, उस समय राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार थी| और अब यदि भाजपा सरकार द्वारा यह प्रचार किया जाएगा कि संत आशाराम जी बापू की संदिग्ध मृत्यु में शक की सुई अशोक गहलोत की ओर ही घूम रही है- तो इस पर आसानी से विश्वास भी किया जा सकेगा|
*संत आशारामजी बापू को तीन चरण में समाप्त करने की योजना बनाई गई है|* पहली बार में उनकी तबियत काफी बिगड़ जाएगी तथा पूज्य गुरुदेव के सभी आश्रमों में इसके लिए सामूहिक जप, प्रार्थना व यज्ञ अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा| इसका लाभ यह होगा कि आजकल आश्रम के गद्दारों के कारण नाराज चल रहे साधक भी धीरे-धीरे फिर से आश्रम आने शुरू हो जायेंगे- तथा गद्दारों की दुकानदारी फिर से चमक जाएगी तथा दूसरा अशोक गहलोत से नाराजगी के कारण साधकों के करोड़ों वोट फिर से भाजपा को मिलने शुरू हो जाएंगे|
सामूहिक जपों व यज्ञों के बाद बापूजी की तबियत में कुछ दिन के लिए सुधार लाया जाएगा तथा इसके फिर कुछ दिन बाद तीसरे और एक आकस्मिक झटके में इन्होंने बापूजी की लीला समाप्त करने की योजना बनाई गई है|
यह सभी बातें मैं अपने अति विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से बता रही हूँ| इससे पूर्व भी इस विषय में मेरे सूत्रों द्वारा दी गई लगभग सभी जानकारियाँ बिल्कुल ठीक साबित हुई हैं-
मैंने हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू को उम्रकैद की सजा सुनाने के बारे में मोदी सरकार के पूरे षड्यंत्र का खुलासा मार्च-2017 में ही कर दिया था| नई दिल्ली की एक मासिक हिंदी पत्रिका ‘आदर्श पंचायती राज’ ने इस पर उसी समय आठ पृष्ठ का एक विशेष परिशिष्ट भी प्रकाशित किया था| यह अब उनकी वेबसाइट www.adarshpanchayatiraj.in पर निशुल्क उपलब्ध भी है|
इससे पूर्व वर्ष 2016 में यू.पी विधान सभा चुनावों से पूर्व भी इन लोगों ने संत आशारामजी बापू को जेल में ही निपटा देने की सुपारी तत्कालीन डी.आई.जी जेल तेजराज सिंह खरोडिया को भी दी थी| किन्तु इसकी जानकारी मिलते ही मैंने फौरन ही नैशनल एवं इन्टरनैशनल दोनों ‘प्रेस-मीडिया’ में इस षड्यंत्र का पूरे जोर-शोर से खुलासा कर दिया था, परिणामस्वरुप षड्यंत्रकारियों को उस समय अपने कदम वापिस खींच लेने पड़े थे|
इस बार भी यह खबर मिलते ही मैं इसका खुलासा आप लोगों के सामने तो कर ही रही हूँ मैं आज ही नैशनल व इंटरनैशनल मीडिया सहित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी इसकी पूरी जानकारी दे रही हूँ|
मेरा आप सभी से आज निवेदन है कि आप इस अत्यंत घिनौने षड्यंत्र की जानकारी ना केवल अपनी इस पोस्ट के माध्यम से बल्कि बाकी अन्य सभी उपलब्ध माध्यमों से भी हिन्दू-समाज के अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचायें ताकि केवल वोटों व नोटों की खातिर किए जा रहे इस घोर धर्म-विरोधी षड्यंत्र को रोका जा सके-
दिनांक 26-12-2018 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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माफिया डॉन, रावण या भस्मासुर और चोर
उ०प्र० के ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर एक कहावत कही जाती है कि- *‘चोरी, जारी, मल्लई-थोड़े टाइम चल्लई’|* ‘मल्लई’ का अर्थ ‘दबंगई या गुंडागर्दी’ से है| लगता है मोदी-शाह की गुजराती जोड़ी पर अब यह कहावत लागू होनी शुरु हो गई है| वर्ष 2014 में इस जोड़ी ने जब केंद्र की राजनीति में एक धमाके के साथ अपने कदम रखे थे तो किसे अनुमान था कि केवल पांच सालों में ही भारत की राजनीति के यह सूरमा इतनी जल्दी *‘पस्त’* दिखाई पड़ने लगेंगे|
हाल ही में देश के राजनैतिक पटल पर घट रही कुछ घटनायें हमारी इन्हीं बातों का स्पष्ट अनुमोदन करती नजर आ रही हैं-
एक तो भाजपा में से ही इन लोगों के खिलाफ अब ना केवल खुल कर आवाजें उठ रही हैं बल्कि उत्तर प्रदेश की सांसद सवित्री बाई फूले के बाद अब कई अन्य सांसद भी भाजपा छोड़ने के लिए अपना बोरिया-बिस्तर बांधकर बिल्कुल तैयार बैठे हैं, इन्हें जैसे ही अन्य किसी पार्टी से कोई ठोस आश्वासन मिल जाएगा यह लोग फ़ौरन चले जायेंगे|
दूसरा भारतीय राजनीति के एक बड़े ‘मौसम वैज्ञानिक’ कहे जाने वाले रामबिलास पासवान ने शाह से बातचीत में अपनी राज्यसभा की सदस्यता 2019 के चुनावों से पहले ही दे देने की शर्त रख दी थी| इसका सीधा सा अर्थ यह हुआ कि रामबिलास पासवान को 2019 की चुनावी डगर अब भाजपा के लिए बहुत मुश्किल जान पड़ रही है| इसीलिए उन्होंने अपने लिए ‘राज्यसभा’ की सीट मांगकर अपने बेटे चिराग की ‘राह’ को भी आसान कर दिया है| राम बिलास पासवान इस समय जिस हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से चुन कर आते हैं, यह इनकी पारम्परिक सीट रही है तथा यह इनके लिए ���अति-सुरक्षित’ सीट मानी जाती है| अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय रामबिलास पासवान जी स्वयं राज्यसभा में जाकर अपने कार्यकारी अध्यक्ष पुत्र चिराग पासवान को अपनी यह अति सुरक्षित सीट भी देना चाह रहे हैं-
अत: यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि मौसम वैज्ञानिक राम बिलास पासवान जी की भी वही भविष्यवाणी है जैसा कि हमारा अनुमान है कि इस गुजराती-जोड़ी की दबंगई इस बार खत्म होने जा रही है|
आज से लगभग 6 माह पूर्व हमने जब अपनी यह ‘पोस्ट’ लिखनी प्रारम्भ की थी तो अहंकार रूपी रावण के सम्पूर्ण विनाश हेतु हमने अपना प्रथम लक्ष्य हमने इन विधानसभा चुनावों को निर्धारित किया था, जो कि हमारे लाखों गुरुभक्त भाई-बहनों व हिन्दू भक्त समाज के परिश्रम ने कर दिखाया है|
देखिये, जिस माफिया-स्टाइल में मोदी-शाह की यह जोड़ी देश में हकूमत चलाना चाहती है उसमें ‘भय, डर या टेरर’ भी एक बड़ा फैक्टर होता है| इन विधानसभा चुनावों में तीन बड़े राज्यों को गँवाने के अतिरिक्त भाजपा का जो और बड़ा नुक्सान हुआ है वह है- भाजपा के सुलतान नरेन्द्र मोदी का भय या टेरर खत्म हो जाना|
मुझे याद है कि दिल्ली में मेरे पापा के पास एक पत्रकार कुमार विकल आया करते थे| वह मूलरूप से बिहार के रहने वाले थे किन्तु बम्बई में रहकर ‘मनोहर कहानियाँ’ टाइप पत्रकारिता भी किया करते थे| माफिया व अपराध जगत से संबंधित इनके लेख व कहानियाँ अक्सर लोकल समाचार पत्रों व मनोहर कहानियाँ या इस सरीखी कई अन्य पत्रिकाओं में अक्सर ही छपती रहती थीं| इसके अलावा वो भोजपुरी फिल्मों में निर्देशन व लेखन का काम भी करते थे| पापा के साथ विकल जी जो भी बातें करते थे वो सब सुन-सुन कर ही मुझे जानकारी मिली थी कि *एक माफिया टाइप व्यक्ति के लिए उसका भय या टेरर बना कर रखना कितना जरुरी होता है|*
विकल जी ने उन्हीं दिनों माफिया डॉन दाउद इब्राहीम पर एक बड़ा लेख लिखा था, तो वो बता रहे थे कि-लेख छपने के बाद जब मैं दाउद के घर गया तो उसने मेरी बहुत आवभगत की थी तथा फिर मेरे सामने ही अपने एक आदमी से उसे अख़बारों की फाइल में लगा देने के लिए भी कहा था|
इस पर मेरे मन में शंका हुई तथा मैंने विकल जी से कहा कि- अंकल, उसे तो अपने बारे में छपी किसी भी खबर से परेशानी होनी चाहिए थी, फिर वह आपकी इतनी मेहमाननवाजी क्यों कर रहा था-? विकल जी कहने लगे ‘देखो बेटा, परेशानी उसे होती है जिससे कभी कोई अपराध आवेश में या गलती से हो गया हो, किन्तु दाउद का तो यह धंधा है| जितने अधिक लोगों तक उसके अपराधों की खबर पहुंचेगी, उतने अधिक लोग ही उससे डरेंगे या भयभीत होंगे और उसका धंधा भी उतना ही बढ़ेगा| डर, भय या टेरर ही तो इन लोगों की ‘गुडविल’ है|’
तो पिछले पन्द्रह वर्षों तक गुजरात में माफिया-स्टाइल की सरकार चलाने के बाद अब यही फार्मूला दिल्ली में भी लागू कर अगले 50 साल और राज करने का मंसूबा पाल रही इस ‘माफिया-जोड़ी’ की ‘गुडविल’ भी अब खत्म हो रही है| आज छोटे से छोटा राजनेता भी इनको *चोर, माफिया डॉन, रावण या भस्मासुर* कह कर इन लोगों की खिल्ली उड़ाने लगा है-
ब्रह्मज्ञानी हिन्दू संत पूज्य आशारामजी बापू के संकल्पों व आशीर्वाद से मोदी जी आज राजनीति के उच्च शिखर पर पहुंच गए हैं, और फिर ऊपर पहुँच कर ‘संत श्री’ को ही ‘नेस्तनाबूद’ करने के प्रयत्नों में जुट भी गए हैं| अब मोदी जी का व्यवहार उन्हें माफिया डॉन साबित करता है, रावण साबित करता है या फिर भस्मासुर और चोर, इसका निर्णय आप स्वयं करें-
दिनांक 25-12-2018 -सुनन्दा पी तंवर अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार व मानवाधिकार कार्यकर्ता लंदन, यू,के
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