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जो मेन स्ट्रीम मीडिया छुपाती हैं वो यहाँ देख सकते हैं।
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truthneverfall · 2 years ago
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क्या भारत देश का सुप्रीम कोर्ट न्याय में पक्षपात करता हैं ?
दो केस को एनालिसिस किया जाए तब समझ मे आएगा भारत देश का सुप्रीम कोर्ट की मंशा , प्राथमिकता क्या हैं ।
एक केस का नाम- गोधरा कांड में ऊंच अधिकारियों को फसाने वाली औरत तीस्ता शीतलवाड़ और बेल
दूसरा केस का नाम - मनीष कश्यप पर NSA एक्ट के तहत जेल में रखना और बेल
आप देखेंगे तीस्ता शीतलवाड़ को गुजरात हाई कोर्ट ने आदेश दिया जल्द से जल्द सरेंडर करें जिसको लेकर यह फ्रॉड महिला सुप्रीम कोर्ट गयी । ऐसी वक़्त गयी जिस सुप्रीम कोर्ट में जजों का छुट्टी था। चीफ जज छुट्टी को फॉलो करते हुए भरतनाट्यम सांस्कृतिक कार्यक्रम देख रहे थे । किसी का कॉल आता हैं चीफ जज चंद्रचूड़ को और तुरंत 2/3 जजों के बेंच बना के इस पर सुनवाई करते हुए इस फ्रॉड महिला को तुरंत राहत देते हुए बेल दे दिया ।
दूसरे केस में आ देखेंगे मनीष कश्यप जो बार बार सुप्रीम कोर्ट मे अर्जी लगाया बेल ��ाने के लिए लेकिन यही सुप्रीम कोर्ट बार बार यह कहते हुए मामले को खारिज कर दिया कि पहले पटना हाई कोर्ट और तमिलनाडु में जो हाई कोर्ट हैं उससे सलत के आओ। और मामले में जोर लगा तब सुप्रीम कोर्ट में बैठें जज बोलता हैं मेरे पास समय नहीं हैं वहुत से मामले को देखना हैं। भागो यहाँ से।
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किसी केस का डायरी में रजिस्ट्रेशन किसी के लिए 1 सेकंडों में हो जाना और किसी के लिए नहीं। जज के पास मनीष कश्यप के लिए समय नहीं हैं लेकिन फ्रॉड महिला तीस्ता शीतलवाड़ के लिए रात को भी कोर्ट खोल के जमानत दे देता हैं । ऐसा सुविधा सिर्फ फ्रॉड अपराधियों जो लेफ्टिस्ट विचारधारा का समर्थक है सिर्फ उसके लिए क्यों हैं रइटिस्ट विचारधारा वालो के लिए यही समान सुविधा क्यो नहीं हैं ?
जज न्याय दे रहा या न्याय बेच रहा । जजों के फैसला देख के अंदाजा लगता हैं न्याय बेचा जा रहा । एक विचारधारा वाले को दबाया जा रहा हैं।
गरीबों के लिए ऐसी सुविधा पर सोचना बंद कर दीजिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में बैठे जज गरीबी और अमीरी देख के मामलों को तरजीह देता हैं। इसका परफेक्ट उदाहरण 1- "तीस्ता शीतलवाड़ vs मनीष कश्यप" से देखा जा सकता हैं।
2- सलमान खान vs 4 लोग हिट रन केस
अब आपके पास अगर करोड़ रुपया हैं या लेफ्टिस्ट्स विचारधारा मानने वाले हैं तब आपके मामले की सुनवाई को सेकंडों में तरजीह दिया जाएगा ।
जो संस्था देश मे भेदभाव खत्म करने के लिए बनी थी वे ही चुपचाप भेदभाव करती हैं , बढ़ावा देती हैं लोग सवाल उठाते हैं तब यह संस्था कंटेम्प्ट का डर दिखाती हैं।
भगवान भरोसे न्याय व्यवस्था हैं । आप अपना न्याय खुद लीजिए इनके भरोसे रहिएगा तो आपको न्याय मिलता रह जाएगा 7 जन्म तक।
जय हिंद🇮🇳🙏
#supremecourt #India
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