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#StoryOfAadiGanesha
गीता जी अध्याय 8 श्लोक 16 में यह स्पष्ट किया गया है कि ब्रह्मलोक की प्राप्ति के बाद भी सभी प्राणी जन्म और मृत्यु में ही रहते हैं, वे सभी प्राणी पुनरावृत्ति में होते हैं। इसलिए, इन मनमानी प्रथाओं को तुरंत त्याग देना चाहिए। भक्तों को गणेश जी की सही भक्ति विधि अपनानी चाहिए जिसके करने से गणेश जी भक्तों को लाभ प्रदान करते हैं।
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#StoryOfAadiGanesha
इस गणेश चतुर्थी जाने भगवान गणेश की पूजा का सही तरीका क्या है?
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#StoryOfAadiGanesha
इस तरह की प्रथाएं व्यर्थ हैं जो आत्माओं को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त नहीं कर सकती। गीता अध्याय 9 श्लोक 25-26 और अध्याय 8 श्लोक 8,9,10 में कहा गया है कि ‘साधक जिस भी भगवान की पूजा करते हैं वह उन्हीं के लोक को प्राप्त करते हैं।
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#StoryOfAadiGanesha
गीता अध्याय 9 श्लोक 23-24 देवी-देवताओं की पूजा का समर्थन नहीं करता क्योंकि यह शास्त्रों के विपरीत है जो उनके पतन का कारण है। गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में गीता ज्ञान दाता कहता है ‘राक्षस स्वभाव को धारण किये हुए, मनुष्यों में नीच, दूषित कर्म करने वाले मूर्ख प्राणी मुझे भी नहीं भजते ’।
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#StoryOfAadiGanesha
गीता अध्याय 9 श्लोक 23-24 देवी-देवताओं की पूजा का समर्थन नहीं करता क्योंकि यह शास्त्रों के विपरीत है जो उनके पतन का कारण है। गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में गीता ज्ञान दाता कहता है ‘राक्षस स्वभाव को धारण किये हुए, मनुष्यों में नीच, दूषित कर्म करने वाले मूर्ख प्राणी मुझे भी नहीं भजते ’।
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#StoryOfAadiGanesha
भगवान शिव को मृत्युंजय, कालिंजय, त्रिकालदर्शी, सर्वोच्च भगवान कहा जाता है। वह क्यों नहीं पहचान सके कि गणेश को देवी पार्वती ने बनाया है और वह उनका पुत्र है?
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#StoryOfAadiGanesha
क्या आदि गणेश, भगवान गणेश से भिन्न हैं? आइए हम यह समझने की कोशिश करें कि आदि गणेश तथा पूजनीय भगवान कौन है?
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#Aadi_Sanatan_Dharma
सनातन धर्म महान
पवित्र गीताजी के अध्याय 18 श्लोक 62 में उस परमात्मा के सनातन परम धाम की महिमा की गई है एवं अध्याय 15 के श्लोक 17 में तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करने वाले उत्तम पुरुष को अविनाशी, परमेश्वर, परमात्मा बताया गया है। गीताजी अध्याय 8 श्लोक 9 में सबका धारण पोषण करने वाले सूक्ष्म से भी अति सूक्ष्म उस अनादि सच्चिदानन्दघन परमेश्वर का नाम "कबीर देव" बताया है।
पूर्ण संत रामपाल जी
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#Aadi_Sanatan_Dharma
पवित्र गीता जी के गूढ़ रहस्य का उजागर संत रामपाल जी महाराज ने किया शास्त्र अनुकूल भक्ति सनातन धर्म की स्थापन कर रहे हैं।
पूर्ण संत रामपाल जी
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#Marriage_In_17Minutes
दहेज के लालच में हो रही है बेटी की हत्या
लेकिन अब नहीं जाएगी दहेज के लिए बेटी की जान।
क्योंकि संत रामपाल जी महाराज बना रहे हैं दहेज मुक्त भारत अभियान।
Dowry Free India
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#Marriage_In_17Minutes
एक तरफ जहां दहेज न देने पर महिलाओं को मार दिया जाता है।
वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी अंतर्जातीय व दहेज मुक्त विवाह करके एक नये मानव समाज का निर्माण कर रहे हैं।
Dowry Free India
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#1DayLeft_For_AvataranDiwas
भारत में उत्पन्न वह पूर्ण संत गौर वर्ण के हैं, उनके न दाढ़ी है, ना मूछें हैं और उनके सर पर सफेद बाल हैं। - फ्लोरेंस
अमेरिका की इस प्रसिद्ध भविष्यवक्ता की उपरोक्त भविष्यवाणी संत रामपाल जी महाराज पर बिल्कुल खरी उतरती है।
Sant Rampal Ji Maharaj
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#SaviorOfTheWorldSantRampalJi
अमेरिका के भविष्वक्ता ‘‘श्री चाल्र्स क्लार्क’’ के अनुसार 20 वीं सदी के अन्त से पहले एक देश विज्ञान की उन्नति में सब देशों को पछाड़ देगा परन्तु भारत की प्रतिष्ठा विशेषकर इसके धर्म और दर्शन से होगी, जिसे पूरा विश्व अपना लेगा, यह धार्मिक क्रांति 21 वीं सदी के प्रथम दशक में सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित करेगी और मानव को आध्यात्मिकता पर विवश कर देगी।
భూమి పైన అవతారము
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#SaviorOfTheWorldSantRampalJi
अमेरिका के भविष्वक्ता ‘‘श्री चाल्र्स क्लार्क’’ के अनुसार 20 वीं सदी के अन्त से पहले एक देश विज्ञान की उन्नति में सब देशों को पछाड़ देगा परन्तु भारत की प्रतिष्ठा विशेषकर इसके धर्म और दर्शन से होगी, जिसे पूरा विश्व अपना लेगा, यह धार्मिक क्रांति 21 वीं सदी के प्रथम दशक में सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित करेगी और मानव को आध्यात्मिकता पर विवश कर देगी।
భూమి పైన అవతారము
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#SaviorOfTheWorldSantRampalJi
फ्रांस के डाॅ. जूलर्वन के अनुसार सन् 1990 के बाद योरोपीय देश भारत की धार्मिक सभ्यता की ओर तेजी से झूकेंगे। सन् 2000 तक विश्व की आबादी 640 करोड़ के आस-पा�� होगी। भारत से उठी ज्ञान की धार्मिक क्रांति नास्तिकता का
नाश करके आँधी तूफान की तरह सम्पूर्ण विश्व को ढक लेगी।
భూమి పైన అవతారము
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#PropheciesAboutSantRampalJi
संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्राी में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।
ਧਰਤੀ ਤੇ ਅਵਤਾਰ
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