Don't wanna be here? Send us removal request.
Text

माघ माह शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी विक्रम संवत 1575 (सन 1518) को कबीर साहेब ने एक चादर नीचे बिछाई और एक ऊपर ओढ़ ली। कुछ फूल कबीर साहेब के नीचे वाली चादर पर दो इंच मोटाई में बिछा दिये। थोड़ी देर में आकाशवाणी हुई कि मैं तो सतलोक जा रहा हूँ। जब लोगों ने देखा तो कबीर साहेब का शरीर वहाँ नहीं था बल्कि वहाँ शरीर के बराबर फूल मिले।
0 notes
Text
निर्वाण दिवस पर संपूर्ण विश्व को निमंत्रण
लगभग 507 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर मगहर से सशरीर सतलोक गए जिसे निर्वाण दिवस के रूप में जाना जाता है।
इसी उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में दिनांक 6 से 8 फरवरी 2025 को देश-विदेश के 11 सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ, शुद्ध देसी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवी कार्यक्रम होंगे।
इस महासमागम में आप सभी सहपरिवार सादर आमंत्रित हैं।

1 note
·
View note
Text
सतभक्ति के बिना कोई भी प्रयास व्यर्थ है। चाहे काशी में मृत्यु हो या करौंत से गर्दन कटाई जाए, मोक्ष केवल सत्य साधना से ही मिलता है।
विकारी मन का समाधान केवल सत्भक्ति से होता है। गलत साधनाओं से मन के दोष और बढ़ते हैं, जिससे मोक्ष और दूर हो जाता है।

1 note
·
View note
Text
अगर मांस खाने से परमात्मा प्राप्ति होती, तो सबसे पहले मांसाहारी जानवरों को होती, जो केवल मांस ही खाते हैं।
मांस खाकर आप परमात्मा के बनाए विधान को तोड़कर परमात्मा के दोषी बन रहे हो। ऐसा करने वाले को नर्क में डाला जाता है।

1 note
·
View note
Text

धर्मराज के तिल तिल का लेखा
परमात्मा के विधान के अनुसार, जो लोग जानवरों को मारते हैं और उनका मांस खाते हैं, वे काफिर होते हैं। इसके अलावा, जो लोग हुक्का पीते हैं वे भगवान के दरबार में काफिरों के रूप में खड़े होते हैं क्योंकि वे खु�� को एक जघन्य पाप में शामिल करते हैं।
काफिर सो जो मुरगी काटे, वे काफिर जो सीना चाटे ।
काफिर गूदा घटें सलाई, काफिर हुक्का पीवें अन्यायी ।।
youtube
1 note
·
View note
Text
श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया या काल ने?
गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में गीता ज्ञानदाता ने कहा कि "मैं काल हूँ"। इस्कॉन वाले श्री कृष्ण जी को गीता ज्ञानदाता बताते हैं, जबकि गीता ज्ञान काल ने ही श्री कृष्ण जी में प्रवेश करके दिया है।
अवश्य पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।
1 note
·
View note
Text

संत रामपाल जी महाराज ने सर्वप्रथम प्रमाण सहित बताया कि सच्चिदानंद घन ब्रह्म अर्थात पूर्ण परमात्मा को पाने का तीन मंत्र का जाप है।
जिसका प्रमाण श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 17 श्लोक 23 (ॐ, तत, सत), सामवेद मंत्र संख्या 822 और कुरान शरीफ सूरह शूरा 42 आयत 1 (ऐन् सीन् काफ जोकि सांकेतिक ह��ं) में है।
youtube
जिसे तत्वदर्शी संत/बाख़बर ही बता सकता है।
वह तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
2 notes
·
View notes