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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की असली चोट कहां पहुंची है यह देखिए....
नौशाद भाई को अस्सलाम वालेकुम.. नौशाद भाई आप बंगाल से उत्तर प्रदेश आये हैं तो हमारे मेहमान हुए.. आपका दर्द सुना मैंने...महसूस भी किया..और हम हिंदू किसी धर्मस्थल से जुड़ा दर्द महसूस न करेंगे तो क्या अरब वाले करेंगे?
नौशाद भाई , अब काशी की ट्रिप तो आपकी बेकार हो गई..आप मेरे साथ चलो घूमने..बनारस से हम लोग दिल्ली चलेंगे.. वहाँ मैं तुम्हें अपने पुरखों के बनाये विष्णु स्तंभऔर जैन मंदिर कॉम्प्लेक्स दिखवाऊंगा... एक इस्लामी शासक ने उन्हें तोड़कर उनका नाम कुतुबमीनार रख दिया ...वहीं एक बहुत प्राचीन मंदिर है कालका जी मंदिर...पुराना वाला तो एक इस्लामी शासक ने तुड़वा दिया था..ये वाला हमने उसके मरने के तुरंत बाद बनवा लिया था... वहां से हम मथुरा चलेंगे.. वहां मेरे कृष्ण भगवान की जन्मभूमि है.. एक बहुत सुंदर मंदिर है वहां हालांकि जन्मभूमि वाली जगह पर जो ओरिजिनल मंदिर था उसे इस्लामी शासक औरंगजेब ने तुड़वा दिया था और मस्जिद बनवा दी थी. .. वहीं पास में वृंदावन है...वहां गोविंद देव मंदिर है..सात मंजिले इस मंदिर की चोटी पर जो दीपक जलते थे वे आगरा से देखे जा सकते थे..पर अब केवल 2 ही मंज़िल बची हैं क्योंकि बाकी की उसी इस्लामिक शासक औरंगजेब ने तुड़वा दी थीं. इस्लाम के नाम पर... फिर तुम मेरे शहर चलना..मेरे पुरखे बताते थे वहाँ की जामा मस्जिद को मेरा एक मंदिर तोड़कर उसके ऊपर बनाया गया है..तुम देखना उसे.. वहीँ से हम जगन्नाथपुरी चलेंगे.. बहुत भव्य मंदिर है पर दिल्ली के एक इस्लामी शासक ने उसे 1670 के आस पास तुड़वा दिया था ...अब तो फिर से बहुत सुंदर बन चुका है..वहीँ मैं तुम्हें एक मूर्ति दिखाउंगा.. मूर्ति माने बुत. ..जिसकी नाक उन्हीं लोगों ने तोड़ दी थी जो मंदिर तोड़ने आये थे..
वहीँ पास में कोणार्क का सूर्य मंदिर देखने भी चलेंगे.. बहुत भव्य मंदिर है..बहुत विशाल..सैंकडों मूर्तियां है..सब मूर्तियों की एक खासियत है...पता है क्या ? इन सब में से कोई एक भी ऐसी न है जिसकी आँख /नाक/मुंह/कान न तोड़े दिए गये हों.. ये भी इस्लाम के नाम ही टूटे थे.. नौशाद भाई.. आप बताना मुझे पूछकर कि वो कौन सा खुदा है जो एक बेजुबान मूर्ति से इतना डरता है कि तुड़वा देता है? खैर कोई न ..यहां से हम नगरकोट/कांगड़ा देवी चलेंगे..ये हिमाचल प्रदेश में है..बहुत सिद्ध पीठ है..ग़ज़नवी से लेकर अकबर तक सबने लूटा है इसे.. पहले बहुत बड़ा मंदिर था..200 गाये बंधी रहती थीं प्रांगड़ में...मज़हबी आक्रमणकारियों ने मंदिर लूटा.. फिर गाये काटीं.. उनका रक्त जूतों में भरकर वो जूते मंदिर की दीवारों पर फेंक दिए..खैर.. फिर कश्मीर चलेंगे.. वहां अनन्त नाग जिले में हमारा मार्तण्ड सूर्य मंदिर है.. मंदिर क्या है बस कुछ दीवारें हैं बची हुई..मंदिर क�� एक इस्लामी शासक ने तुड़वा दिया..पूरा टूट न सका तो उसमें आग लगवा दी थी...सिकन्दर बुतशिकन नाम था उसका.. और भी बहुत कुछ है दिखाने को.. लंबा टूर है..नौशाद भाई आप चलोगे न मेरे साथ?
औरंगजेब की बनाई ज्ञानवापी गुंबद में तहजीब अदा करने के लिए बंगाल से नौशाद आया।
फिर तक वाले ने माइक सटाकर पूछा, "कैसा लग रहा है?" नौशाद रो पड़ा।
इसलिए रो पड़ा कि उसने कहा, "काशी विश्वनाथ की भव्यता के सामने गुंबद नजर नहीं आ रहा।"
उसने कहा कि पूरे जीवन में उसे इतना तकलीफ नहीं हुआ,जितना आज हुआ।
हमारी भव्यता से उसके अंदर उत्पन्न ईर्ष्या महसूस करने की चीज है।
हमारा धर्म स्थल तोड़कर उस पर गुंबद लगाकर तहजीब का स्टीकर कोई आतताई औरंगजेब आकर चिपका दे, तब वह बहुत खुश रहता है।
लेकिन उस गुंबद को हम छुए भी ना और अलग से ही अपने सांस्कृतिक विरासत को भव्य करने लगें,तो हमारी यह आध्यात्मिक उन्नति नौशाद की रूह जला देती है।
अब हम क्या करें नौशाद भाई !
हम पर तो वैसे भी असहिष्णु होने का पिछले 7 वर्षों में लेबल चिपका दिया गया है। तुम तो इंसानियत की तालीम बांटते हो।
तो फिर हमारी उन्नति देखकर रोते क्यों हो ?
अगर हमारे मोदी योगी की तरफ देख रहे हो तो यह जान लो,जिस खजाने से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बना है उस खजाने में हम लगातार पूरे भारत भर की मंदिरों के दान पेटी का धन उड़ेलते आ रहे हैं।
दान तो छोड़ो अगर दक्षिणा भी कोई पुजारी अपनी जेब में रख ले तो पूरा भारत कोहराम काटने लगता है।
और फिर काशी विश्वनाथ को कोरिडोर के नाम पर धन दिया गया है जो कि आध्यात्मिक नहीं इन्फ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट का कार्य है।
प्रिय नौशाद, तुम्हारे पास तो उम्मत की तलवार है।
तुमने 57 देश कब्जा कर लिया है। धीरे-धीरे तो तुम आने वाले समय में पूरे विश्व पर कब्जा कर सकते हो। हम कहां जाएंगे ?
हमारा तो एकलौता भारत ही बस मेरे पास है।
उसमें भी पूरब और पश्चिम से काट काट कर आधा से ज्यादा भारत हमने तहजीब के नाम पर लुटा दिए हैं।
अब इतने में भी हम खुलकर सांस लेना चाहते हैं तो तुम रोने क्यों लगते हो याद है ?
तुम जिस आक्रमणकारी वंशज की पीढ़ी से आते हो,उसे हमारे प���र्वजों ने जीवित रहने के लिए टैक्स दिया था। जजिया टैक्स।
अगर वे टैक्स नहीं देते तो उनकी सांसे छिन जाती।
काशी के जिस गुंबद के लिए आज तुम आंसू बहा रहे हो,वह गुंबद कभी काशी विश्वनाथ की अनुषंगिक मंदिर का गर्भगृह हुआ करता था।
जिसका प्रमाण आज भी आधा मौजूद है, जमीन के ऊपर।
हम जब जब भी काशी विश्वनाथ जाते हैं, मस्जिद परिसर में बैठा नंदी उस गर्भ गृह की ओर मुंह करके हमको याद दिलाता रहता है।
लेकिन हम तो सदियों से खून का घूंट पीकर चुप हैं।
मैं बचपन से कट्टर हिन्दू नहीं था
और मेरे माता पिता ने मुझे कट्टरवाद तो क्या, कभी हिन्दुवाद भी नहीं सिखाया ? मुझे बचपन से यह रटाया गया की "हिन्दू-मुस्लिम" भाई भाई, मुझे बचपन से ही क्लास 10 तक सेकुलरिज्म का पूरा dose दिया गया। याद है मुझे अभी भी की 10 वीं कक्षा के History बुक में मुझे यह रटाया जाता की-" अकबर महान था, हुमायूं महान था, औरंगजेब वीर था" इत्यादि। पर मेरी अंतरात्मा ने कभी मुझे दिल से secularism के गंदे रास्ते पर नहीं जाने दिया ! जब मैंने दुनिया को जानना शुरू किया समझना शुरू किया तब मैंने देखा की मेरा धर्म तो यह भी कहता है की- "गाय हमारी माँ है" तो फिर जिनको मैं भाई कहता हूँ वो मुसलमान मेरी ही माँ को काट कर क्यों खाते हैं? पता चला की औरंगजेब ने 89 लाख हिन्दुओं को जींदा कटवा दिया हज़ारों मंदिरों को तुडवा दिया फिर मैंने सोचा की- " जिसने इतना अत्याचार किया वो औरंगजेब वीर और महान कैसे हो सकता है?" इतना हुए अत्याचारो को जानते हुए अगर कोई सेकुलर है, तो उसे अपना DNA Check करवाना चाहिए। शायद बाबर का वंशज हो। फिर मेरे मन में एक सवाल आया की यदि मुसलमान सच मे भाईचारे के साथ रहते हैं तो फिर पाकिस्तान और बांग्लादेश की जरुरत ही क्यों पड़ी? अब भगवान की कृपा से मैं भगवा भक्त बनने में सफल हुआ। अब भगवा ही मेरा सबकुछ है। जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्
जय श्रीराम 🚩🚩 वन्देमातरम् 🇮🇳🇮🇳
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*'मां' और 'सास' में अंतर कुछ नहीं
रोते हुए 'संसार' में आई, तब 'मां' ने गोद में उठाया.! रोते हुए 'ससुराल' गई, तब 'सास' ने गले से लगाया.!
'मां' ने 'जीवन' दिया तो... 'सास' ने 'जीवन-साथी' दिया..!
'मां' ने 'चलना-बैठना' सिखाया तो... 'सास' ने 'समाज में उठना-बैठना' सिखाया.!
'मां' ने 'घर के काम' सिखाए तो... 'सास' ने 'घर चलाना' सिखाया.!
'मां' ने 'कोमल कली' की तरह संभाला तो... 'सास' ने 'विशाल वृक्ष' जैसा बनाया.!
'मां' ने 'सुख में जीना' सिखलाया तो... 'सास' ने 'दुख में भी जीना' सिखलाया.!
'मां'.. 'ईश्वर' के समान है तो... 'सास'.. 'गुरु' के समान है..। नमन दोनों मां को😊🎺
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अपने होने का भ्रम निकाल दो अपने मन से, ____________ अपना ना कोई है, ना था, और ना कभी होगा !!
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मैं लिखने बैठा ख्वाब लिख बैठा बहुत ही प्यासा था तो शराब लिख बैठा |
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हाँ.. मैं हार रहा हूँ.. परन्तु इसका ये तो मतलब नही.. कि मैं जीतूंगा ही नही..!!!
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"मैं मानता हूं मेरा वक्त बुरा चल रहा है लेकिन इसका ये तो मतलब नही कि मैं भी बुरा बन जाऊं..!!!"
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दोनों ही क़तिल है पर तरिका ए वारदात अलग अलग है
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रखना है तो, जिगर बड़ा रखिए, जुबान तो हर किसी की लंबी होती है..
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🌹 प्यार के तीन शब्द 🌹 धरती पर प्यार से तीन शब्दों की रचना हुई है, 1. BOYFRIEND 2. GIRLFRIEND, 3. FAMILY किन्तु एक बात ध्यान देने वाली है कि, BOYFRIEND और GIRLFRIEND, इन दो शब्दों के अंतिम 3 अक्षर से बनता है, " END " इसलिये ये सम्बन्ध एक दिन खत्म हो जाते हैं ! परन्तु तीसरा शब्द है FAMILY, जिसके पहले तीन अक्षर से बनता है 😗 FAM = FATHER AND MOTHER, और अन्तिम 3 अक्षर से ILY = I LOVE YOU. अतः जिस शब्द का आरंभ, पिता और माता से और अंत प्यार के साथ हो वह शब्द सही मायने में परिवार है ! HAPPY WORLD FAMILY DAY.
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मैं #भारत हूँ। 🚩
मैं वह भारत हूँ जिसने पिछले पाँच हजार वर्ष में कभी अपने किसी बेटे का नाम दुशासन नहीं रखा, क्योंकि उसने एक स्त्री का अपमान किया था। मैं वह भारत हूँ जो कभी अपने बच्चों को रावण या कंश नाम नहीं देता, क्योंकि इन्होंने अपने जीवन में स्त्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया था। मैं वह भारत हूँ जहाँ कोई गांधारी अपने सौ पुत्रों की मृत्यु के बाद भी द्रौपदी पर क्रोध नहीं करती, बल्कि अपने बेटों की असभ्यता के लिए क्षमा मांगती है। मैं वह भारत हूँ जहाँ निन्यानवे प्रतिशत बलात्कारियों को अपना गाँव छोड़ देना पड़ता है, और उसे धक्का कोई और नहीं, खुद उसके खानदान वाले देते हैं। मैं वह भारत हूँ जहाँ गुस्सा आने पर सामान्य बाप बेटे को भले लात से मार दे, पर बेटी को थप्पड़ नहीं मारता! मैं वह भारत हूँ जहाँ एक सामान्य बाप अपने समूचे जीवन की कमाई अपनी बेटी के लिए सुखी संसार रचने में खर्च कर देता है। मैं वह भारत हूँ जहाँ अब भी बेटियाँ लछमी होती हैं। मैं वह भारत हूँ जहां बेटे बाप के हृदय में बसते हैं और बेटियां उसकी आत्मा में बसती हैं।
सभ्यता में असभ्यता के संक्रमण से उपजी आधुनिक कुरीतियों ने बेटियों के जन्म पर उपजने वाले उल्लास का रंग भले मार दिया हो, पर अब भी पिता सर्वाधिक खुश अपनी बेटी की मुस्कान देख कर ही होता है। मैं वह भारत हूँ जिसके सौ करोड़ बच्चे अब भी नहीं लांघते मर्यादा की लकीर! उनमें बसते हैं, राम, बसते हैं कृष्ण, बसते हैं शिव... उनके बीच निर्भय हो कर मुस्कुराती है कोई राधा, कोई मीरा, कोई अनुसुइया... मैं वह भारत हूँ जिसके हृदय में अब भी धर्म बहता है।
समाज की प्रतिष्ठा पराजित नहीं होती हिजड़ों के अश्लील ठहाकों से,
रोजी के लिए राष्ट्र पर प्रहार करने वाले चर्चित भले हों, प्रतिष्ठित नहीं होते। मैं वह भारत हूँ, जिसकी प्रतिष्ठा स्वयं प्रकृति तय करती है, जिसके मस्तक पर तिलक स्वयं सूर्य लगाते हैं। मैं भारत हूँ... मैं ही आर्यवर्त हूं...
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माेदी जी लाैटा दाे हमको वाे पुराने ही दिन ---------------------------------------------- वाे अपहरण की रातें , वाे घाेटालाें के दिन वाे आजम का ईश्क ,वाे थरूर के सिन
कश्मीरी पंडितो का घर से बेघर होना देश की सत्ता प्रतिष्ठान का खामोश रहना !
जंगलराज का वो आदमी अवतार पशुओं का चारा तक निगलता बिहार !
वाे वाड्रा का व्यापार , वाे 84 का दंगा माेदी जी हमकाे रहने दाे नंगा !
अच्छा हाेता तू पहाड़ाें में साेता वँही पर हँसता, वँही पर राेता
तेरा क्यूँ हृदय दुख से भरा था गाेधरा में तेरा काैन मरा था !
पहले क्या हम कभी गुलाम नँही रहे बाबर के हाथाें के क्या जाम नँही रहे
कयूँ संसद के दरवाजे पर तूने माथा था टेका हिन्दुस्तान का क्यों तूने लिया है ठेका !
जब देश में बढ़ती जैचन्दी जमात उस पर गौरी पुत्रो का नया हमास !
शेर को ललकारता वो सूअरों का झुण्ड मंदिरों से गायब करते पूजा के कुण्ड !
बस तू लाैटा दे हमारे वाे ही दिन बस तू लाैटा दे हमारे वाे ही दिन
एक सहिष्णु धर्म निरपेक्ष जिसका न धर्म न देश।
हम हिन्दू नही सुधरने वाले, गुलामी मे ही रहने वाले ।
हम सिर्फ अपना स्वार्थ देखते है, देश /धर्म से हम को नही मतलब क्योंकि हिन्दू है हम ....😔😭
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मित्रता हमेशा एक मधुर ज़िम्मेदारी है , अवसर कभी नहीं .
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मुझे ज़रा सोच समझ कर परखना... मैं आवारा जरूर हूँ पर अंधा नहीं हूँ...!!!
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देश के गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री का यह रूप देखकर समाज अपने आप में गौरवान्वित हो रहा हैं।
#ganagsnan #yogi #amitshah
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- जिंदगी के उस रास्ते पे अपना सिर पटक रहा हूं जहां एक और सफलता की मूरत है और दूसरी ओर असफलता की जिंदादिली.. वैसे तो सभी जानते है जिंदगी में सफल होना कितना जरूरी होता है परंतु मैं कभी-कभी असफल होकर भी खुद पे गर्व महसूस करता हूँ..!!!
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