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जरा सी छुअन से टूट जाते हैं,
जरा सी छुअन से टूट जाते हैं, जो फूल नाजुक होते हैं,जरा सी बात से रूठ जाते हैं, जो लोग भावुक होते हैं,दिल में भी दर्द तो होता है जब बदन पर चोट पड़ती है,पर जो दिशा दिखाती है घोड़े को, वही चाबुक होते हैं। मेरी जुबान से अगर किसी का दिल टूटे,मेरी बातों से अगर किसी का मन रूठे,बोलने का फिर मुझको कोई हक नहीं है,रह लूँ मौन जब तक दिल से दिल जुटे।-अमित राज
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सफर आसमाँ तक जाता है
कभी वो समय भी आता है,सफर आसमाँ तक जाता है।सभी हाथ खाली ही आते,भला कौन क्या ला पाता है?किसी को मिली सारी दुनिया,कहीं पेट भर से नाता है।भला क्यों लड़े हैं बेटे सब,भई एक भारत माता है।बचे हो मुसीबत से तुम जो,तेरा बाप तेरा छाता है।सहे दर्द छलके आँसूँ भी,तभी आज दिल ये गाता है।खुशी चेहरे पर है मेरे,मुझे गम छुपाना आता है।करे जो दिखावा यारी का,वही जख्म भी दे जाता है।कहो ‘राज’ गर्दिश वालों से,रहो शांत…
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गुलाबी गुलाबी
लगे आज तू भी समाँ भी गुलाबी,बसा आँख में बस गुलाबी गुलाबी।नजर तूने डाली हुआ दिल गुलाबी।लगे हैं फिजाँ ये गुलाबी गुलाबी।पहन आज तू जो चली है कयामत,रखी ओढ़ सर पे ये चुनरी गुलाबी।लगे हैं मुझे ये अदा क़ातिलाना,गुलाबी बदन और ऱुख भी गुलाबी।कभी थाम लूँ मैं जो हाथों में बोतलछलकता हुआ जाम ये भी गुलाबी।निहारूँ कभी आसमाँ एकटक मैंलगे हैं कहीं वो गुलाबी गुलाबी।कटी है कई रात उसके सहारे,हुई ‘राज’ आँखें मेरी भी…
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बचा लो न पानी
जरूरत नहीं तो निकालो न पानी,कमी हीं कमी है बचा लो न पानी।कहीं प्यास से ना मिटा लो जवानी,जमीं आज सूखी, बचा लो न पानी।जमीं में नहीं है यहाँ और पानी,करोगे भला क्या, बचा लो न पानी।लिखेगी हमारी तुम्हारी कहानी,सुखी जीवन को, बचा लो न पानी।करो तुम कभी भी न बर्बाद इसको,कहीं बह रहा तो बचा लो न पानी।कहीं न मिटा दे तुम्हारी निशानी,हुई आज कातिल, बचा लो न पानी।तुम्हारी नहीं बस फँसी जिंदगानी,फँसे जानवर भी, बचा…
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बहाओ न पानी
सिखाओ न दादी सिखाओ न नानी,वजह बिन कभी भी, बहाओ न पानी।न होंगे सदा साथ अपने तुम्हारे,तुम्हें जो जिलाये, बहाओ न पानी।हवा हो रही है बड़ी आज कातिल,लहर को मिटाये, बहाओ न पानी।मरे हैं कई लोग अब और प्यासे,मिटा जिंदगी है, बहाओ न पानी।करे रोज गलती करे जो नबाबी,जरा सा नहा लो, बहाओ न पानी।तड़पते रहोगे कहीं प्यास से तुम,न होगा अगर ये, बहाओ न पानी।बड़ी आज गरमी सताए मुझे है,बुझा प्यास जो दे, बहाओ न पानी।बताओ…
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बिहार और बिहारी
है चिंतन की बात यही, चिंता की भी बात,क्यों बिहार हमारा अपना, खो रहा जज्बात।जो रहा था दुनिया के लिए बना हमेशा खास,क्यों बिहारवा��ी भूल रहे हैं अपना ही इतिहास।बिहार हमारा जो कभी मौर्य गुप्त की राजधानी थी,सुख, स्मृद्धि और ज्ञान की बहती पवन सुहानी थी।साहित्य, कला, विज्ञान थी इस मिट्टी में सनी हुई,अपने स्वाभिमान के खातिर वीरों की भौंहें तनी हुई।अकाल और सत्ता समकाल ने पलटी सब कहानी है,आज गरीबी-…
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तुम्हारी नजर
मिली जब तुम्हारी नजर से नजर है,जहन भी न वश में, न वश में जिगर है।डूबा हूँ नशीली उसी आँख में मैं,पता हीं न अब और जाना किधर है।किया है मुझे जो सुबह शाम घायल,गुलाबी बदन और पतली कमर है।गई ले मुझे है कहीं दूर मुझसे,न मालूम मुझको कहाँ रहगुज़र है।न शब से सहर तक रही नींद अब तो,भुलाता नहीं याद आठों पहर है।करें तो करें क्या बता ‘राज’ अब तुम,रहूँ रोज मरता ये हुस्न का कहर है।-अमित राजनालन्दा, बिहार
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पानी
बना दे ये गरमी इसे कब कबर है,बचा है जो पानी बचा ये शहर है।बहाओ न इतना कि रह जाओ प्यासे,अभी तो बचा एक लंबा सफर है।मरा जा रहा हूँ न मिलता है पानी,पिला दो जरा कुछ भरी दोपहर है।रहेगी सलामत तेरी जिंदगी भी,किया तू अगर यार इसकी कदर है।बचेगा भला कौन जिंदा यहाँ पर,नहीं है जो पानी खुदा का कहर है।छुपा लो कहीं ‘राज’ तुम भी ये पानी,न नदियाँ बचीं हैं न कोई नहर है।-अमित राजनालन्दा, बिहार
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महँगाई
महँगाई के घाव ग��रे हैं, सब देख हुए आज बहरे हैं।किसके दर जाए गरीबी ये,घर घर लूटेरों के पहरे हैं।डूबी है अब सोच में दुनिया,ठिठके सबके पाँव ठहरे हैं।मोहब्बत होती कहाँ है अब?दिल जीने खातिर ही लहरे हैं।जिसका मजहब, देश, रोटी है,हाथ तिरंगा कैसे फहरे हैं?मुश्किल है दो वक़्त रोटी भी,सुन के हीं दिल ‘राज’ सिहरे हैं।-अमित राजनालन्दा, बिहार
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पानी तेरी अलग कहानी
पानी, तेरी अलग कहानी,16तुझसे ही है ये जिन्दगानी।16फिर भी सब करते नादानी,16सुबह शाम बेकार बहानी।16पानी, तेरी अलग कहानी। कीमत नहीं दिखाई देती,16मुफ्त में जो यूँ ही मिल जाती।17गर्मी जब भी प्यास बढ़ाती,16सबसे अनमोल इसे बनाती।17हीरे मोती तब बेमानी,16पानी, तेरी अलग कहानी। जलस्तर भी फिर नीचे गिरता 16मनुज तलाशी में है मरता। 16पास हो तो करे मनमानी,16न हो तो पड़े, जान गँवानी।16पानी, तेरी अलग कहानी।16 तड़पन…

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आपन बिहार
आपन बिहार
आपन बिहार बढ़बे बनाबे खातिर कर द जाँ निसार हो,सबके दिलवा में रहे इ आपन बिहार हो। ई माटी ह देशरतन के, शिक्षा के दरबार बा,बुद्धि औ ज्ञान के कर्जा त, दुनिया पे उधार बा।संभल संभल हे लोग, न कर इतिहास बदनाम हो,काहे भटकत हे युवा, कर न अपना सुधार हो।बढ़बे बनाबे खातिर कर द जाँ निसार हो,सबके दिलवा में रहे इ आपन बिहार हो। ई धरती ह चन्द्रगुप्त के, चाणक्य के संस्कार बा,चमकत रहीं ईहाँ गुरु गोविंद सिंह के…

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बिहार से है
बिहार से है विश्व गुरु नालन्दा के द्वार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। बुद्ध प्रबुद्व करे उस बयार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। गर्वित कुँवरसिंह की तलवार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। गुरु गोविंद सिंह के दरबार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। जुड़ा जैनधर्म के आधार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। पहले राष्ट्रपति के घरबार से है, तो यार मेरे, तुम…

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#अतिथि#आधार#उपहार#औजार#कविता#कुँवरसिंह#कोशी#गंगा#गुरु#गोविंद#घरबार#चित्रकार#चोखा#छठ#जैनधर्म#तकरार#तलवार#दरबार#नालन्दा#प्यार#प्रकृति#प्रथम#बयार#बहार#बाग#बिहार#बिहार से है#बुद्ध#मधुबनी#मधुर
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बिहार से है
बिहार से है विश्व गुरु नालन्दा के द्वार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। बुद्ध प्रबुद्व करे उस बयार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। गर्वित कुँवरसिंह की तलवार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। गुरु गोविंद सिंह के दरबार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। जुड़ा जैनधर्म के आधार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। पहले राष्ट्रपति के घरबार से है, तो यार मेरे, तुम…

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बिहार से है
बिहार से है विश्व गुरु नालन्दा के द्वार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। बुद्ध प्रबुद्व करे उस बयार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। गर्वित कुँवरसिंह की तलवार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। गुरु गोविंद सिंह के दरबार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। जुड़ा जैनधर्म के आधार से है, तो यार मेरे, तुम बिहार से है। पहले राष्ट्रपति के घरबार से है, तो यार मेरे, तुम…

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प्रार्थना
प्रार्थनाभटक रहा हूँ मैं हे मैया, मुझको राह दिखाओ न,डुब रही है मेरी नैया, अब तो पार लगाओ न। सौ लोगों की सौ-सौ बातें, माँ मुझको भरमाती है, जाउँ किधर मैं समझ न पाऊँ, राह मुझे भटकाती है।अंधकार में जीवन है मैया, कोई प्रकाश दिखाओ न,डुब रही है मेरी नैया, अब तो पार लगाओ न। हो गया घर से दूर हूँ मैं, मंजिल भी न दिखाई देती है,हैं रास्ते बड़े टेढ़े मेढ़े, पग-पग पे कठिनाई देती है,थक हो गया हूँ अब निराश, कोई…

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माँ और माँ भारती(गीत)
माँ और माँ भारती(गीत) एक माँ ने जन्म दिया, एक माँ ने है पाला,पूरी जिंदगी मेरी, माँ के आँचल ने है संभाला। हर पल साथ रही वो, जीवन के हर क्षण,एक गोद थक गई तो, मिला माँ धरती का उपवन।रहा खेलता मैं सदा, ममता के हीं छावों में,आँसू निकले हैं उनके, लगे काँटे जब मेरे पावों में।है हृदय ऐसा ही माँ का, यही रहा है सिलसिला,एक माँ ने जन्म दिया, एक माँ ने है पाला,पूरी जिंदगी मेरी, माँ के आँचल ने है…
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EMU HOWRAH TEAM
EMU HOWRAH TEAM👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻
सुप्रभात की वेला में, ओजमयी सूर्य बिखेरे सुप्रभा, दे अंधकार अज्ञान से मुक्ति, प्रदान करती प्रतिभा।
सादर नमन वंदन करे, जगत उनपर रख विश्वास, सारे काज आरम्भ करे, जन उनसे कर अरदास।
प्रभु की पूजा वंदन को, चले गोस्वामी तुलसीदास, भक्तिभाव से अर्पित किया,प्रज्वलित दीपक दास।
राम नाम का जाप करें, सदा भुल के सारे क्लेश, उनकी ही गाथा गाते हैं, जो हैं अयोध्या राजेश।
उन…
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#Abhishek Kumar#Amit Raj#Ankit Upadhyaya#Dipak Das#Kamlesh Marandi#Rajesh goswami#Rajesh Kumar#Rishi kumar sagar#Suprabha Kumari#Vikash Yadav
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