Don't wanna be here? Send us removal request.
Link
24 मई 2019 राशिफल : कैसा रहेगा आज का दिन - Daily Gyan Hindi
0 notes
Link
23 मई 2019 राशिफल : कैसा रहेगा आज का दिन - Daily Gyan Hindi
0 notes
Link
23 मई 2019 राशिफल : कैसा रहेगा आज का दिन - Daily Gyan Hindi
0 notes
Text
Vishnu puran : विष्णु पुराण अध्याय 2
विष्णु पुराण अध्याय 2 सत्यव्रत की बातें सुनकर मछली समुद्र के बीच पहुँची, एक महा पर्वत की भांति समुद्र की लंबाई तक फैलकर बोली, ‘‘सत्यव्रत, देखा, तुम्हारी वाणी अचूक निकली और अचूक रहेगी। न मालूम मैं यों बढ़ते-बढ़ते क्या से क्या हो जाऊँगी? सत्यव्रत ने हाथ जोड़कर प्रणाम किया, और उसकी स्तुति करने लगा, ‘‘मत्स्यावतार वाले हे नारायण ! आप रक्षा की माँग करने आये और मेरी रक्षा करने के लिए आपने मत्स्यावतार लिया। आप मत्स्य के रूप में अवतरित लीलामानुष स्वरूप हैं ! आपकी लीलाओं को समझने की ताक़त मेरे अन्दर कहाँ है? इसके जवाब में मत्स्यावतार में रहनेवाले विष्णु ने कहा, ‘‘हे राजन्, सात दिनों के अंदर कल्पांत होनेवाला है। प्रलयकाल के जल में सारी दुनिया डूब जाएगी। लेकिन ज्ञान, औषधियों और बीजों का नाश नहीं होना चाहिए। तुम्हारे वास्ते एक बड़ी नाव गहरे अंधेरे में चिराग की तरह जलती आएगी। उसके अन्दर सप्त ऋषि होंगे ! वह रोशनी उन्हीं लोगों की है ! ‘‘तुम अपने साथ औषधियों और बीजों के ढेर को नाव में पहुँचा दो। मेरे सिर पर जो सींग हैं, उस पर नाव को कस कर थामे रहूँगा और उसके डूबने से मैं बचाऊँगा। इसी के वास्ते मैंने इस रूप में अवतार लिया है। इस व़क्त ब्रह्मा निद्रा में निमग्न हैं, उनके जागने तक यह नाव ध्रुव नक्षत्र को दिशा सूचक बनाकर यात्रा करेगी। अगले कल्प में तुम वैवस्वत के नाम से मनु बनोगे। सत्यव्रत ने विष्णु की आज्ञा को शिरोधार्य कर नत मस्तक हो उन्हें प्रणाम किया। मत्स्यावतार अपने चार पंखों को फड़-फड़ाते, ऊँची लहरों को चीरते समुद्र के अन्दर चला गया। ब्रह्मा गहरी नींद सो रहे थे। अंधकार में प्रलय तांडव हो रहा था। हयग्रीव नामक सोमकासुर समुद्र तल से ऊपर आया, फिर अचानक चमगीदड़ की तरह ब्रह्मा के सत्य लोक में उड़कर चला गया। ब्रह्मा जब नींद के मारे पहले जंभाइयाँ ले रहे थे, तब उनके चारों मुखों से सफ़ेद, लाल, पीले और नीले रंगों में चमकनेवाले चार वेद बाहर निकले और नीचे गिर गये। हयग्रीव ने उन वेदों को उठा ले जाकर समुद्र के अन्दर छिपा दिया। हयग्रीव देवताओं और विष्णु का भी ज़बर्दस्त दुश्मन था। वेदों के बिना ब्रह्मा सृष्टि की रचना नहीं कर सकते थे। हर एक कल्प में विष्णु अच्छाई को बढ़ावा देकर उसका विकास करना चाहते थे। उनके इस संकल्प को बिगाड़ देना ही हयग्रीव ......... Read more https://www.dailygyanhindi.in/2019/04/vishnu-puran-adhyay-2.html?m=1
0 notes
Text
0 notes
Text
Rashifal : 23 April 2019 कैसा रहेगा आज का दिन
0 notes
Link
व्रत और पुजा हनुमान जयंती के दिन प्रात: काल सभी नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन व्रत रखने से आपको धन लक्ष्मी का लाभ होता है। इसके बाद यज्ञोपवीत धारण करके किसी सिद्ध हनुमान मंदिर में जाकर चमेली का तेल या घी चढ़ायें और दिया जलायें, फिर हनुमान जी का श्रंगार करके चोला चढ़ाएं। मिट्टी के दीपक से आरती करें और उस मिट्टी के दीपक पर चार दाने उड़द की दाल डाल कर उनसे शुभ मंगल की कामना के लिए प्रार्थना करें। इस वर्ष शुक्रवार 19 अप्रैल 2019 को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जायेगा। प्रचलित हैं। इन बातों का रखें ध्यान हनुमान जी की पूजा में ब्रह्मचर्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। चन्दन, केसरी, सिन्दूर, लाल कपड़े और भोग हेतु लड्डू अथवा बूंदी चढ़ती है। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, क्योंकि यह बुरी शक्तियों का विनाश करने और मन को शान्ति प्रदान करने की क्षमता रखती है। हनुमान अवतार को महान शक्ति, आस्था, भक्ति, ताकत, ज्ञान, दैवीय शक्ति, बहादुरी, बुद्धिमत्ता, निःस्वार्थ सेवा-भावना आदि गुणों के साथ भगवान शिव का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है। हनुमान भक्त हनुमान जी की प्रार्थना उनके जैसा बल, बुद्धि, ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए करते हैं। इनके भक्तों के द्वारा इनकी पूजा बहुत से तरीकों से की जाती है; कुछ लोग अपने जीवन में शक्ति, प्रसिद्धी, सफलता आदि प्राप्त करने के लिए बहुत समय तक इनके नाम का जाप करने के द्वारा ध्यान करते हैं। हनुमान जी के मंत्र हनुमान जी की उपासना में नीचे लिखे मंत्रों का विशेष महत्व होता है
0 notes