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atar-7067 · 1 year ago
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atar-7067 · 1 year ago
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atar-7067 · 1 year ago
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atar-7067 · 1 year ago
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कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2024 | मगहर लीला: जब कबीर परमेश्वर मगहर से सशरीर सतलोक गए
कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2024: परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी के 506वें निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में सतगुरु रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 17 से 20 फरवरी 2024 को अमरग्रन्थ साहेब के 4 दिवसीय खुले पाठ का आयोजन किया जा रहा है। आज से लगभग 506 वर्ष पूर्व (मास माघ, शुक्ल पक्ष, तिथि एकादशी वि. स. 1575 सन् 1518 को) परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी ने उत्तरप्रदेश के मगहर कस्बे से लाखों लोगों के सामने सशरीर सतलोक (ऋतधाम) को प्रस्थान किया था। उसी दिन की याद में 10 सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इसमें निःशुल्क नामदीक्षा, रक्तदान शिविर, दहेज व आडंबर रहित आदर्श विवाह आदि का भी आयोजन किया जा रहा है। आज इस लेख में आप जानेंगे कि कहाँ हैं कबीर या वेदों में वर्णित कविर्देव। जानिए 20 फरवरी कबीर परमेश्वर जी के सह-शरीर सतलोक गमन के विषय में विस्तृत जानकारी।
कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2024 | कबीर साहेब परमेश्वर हैं
वास्तविकता यह है कि प्रसिद्ध कवि एवं जुलाहे की भूमिका करने वाले महान सन्त के रूप में विख्यात कबीर साहेब ही पूर्ण परमेश्वर हैं। वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद) में वे कविर, कविर्देव कहे गए हैं कुरान में कबीरा, कबीरु, अकबीर, खबीरा, खबीरन (सूरत अल फुरकान आयत 52-59) एवं बाइबल (Iyov 36:5) में कबीर लिखे गए हैं। वेदों में तो यह तक कहा गया है कि पूर्ण परमेश्वर ऊपर से गति करके स्वयं प्रकट होता है एवं निसंतान दम्पत्तियों को मिलता है। वह पृथ्वीलोक में वाणियों, कविताओं के माध्यम से तत्वज्ञान सुनाता है व कवि की उपाधि धारण करता है (ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 96 मन्त्र 18) और अच्छी आत्माओं को मिलता है।
बाईबल में भी स्पष्ट कहा गया है कि पूर्ण परमेश्वर कबीर हैं और कुरान में अल्लाह कबीर द्वारा ही छह दिन में सृष्टि रचना हुई बताया है। वेदों में वर्णन है कि पूर्णब्रह्म कबीर साहेब प्रत्येक युग में प्रकट होते हैं एवं तत्वज्ञान समझाते हैं। सतयुग में सतसुकृत नाम से, त्रेतायुग में मुनीन्द्र नाम से और द्वापरयुग मे करुणामय नाम से प्रकट होते हैं तथा कलियुग में अपने वास्तविक नाम कबीर से प्रकट होते हैं।
यदि कबीर परमेश्वर हैं तो अन्य देवी देवता कौन हैं?
इसके लिए विस्तार से जानने के लिए पढ़ें सृष्टि रचना । इस पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवात्माएं पूर्ण परमेश्वर यानि सत्यपुरुष कबीर परमेश्वर की संतानें है। काल ब्रह्म ने तपस्या की व 21 ब्रह्मांड प्राप्त किये एवं हम सभी आत्माएँ उस पर आसक्त होकर अपना निज निवास छोड़कर सतलोक से काल ब्रह्म के 21 ब्रह्मांड में आ गईं। सतलोक में कर्म का सिद्धान्त नहीं है अर्थात् वहाँ बिना कुछ किये सब प्राप्त होता है। न वहां मृत्यु है, ना मरण, न जरा, न रोग और न ही किसी भी प्रकार का कोई रोग शोक। किन्तु काल ब्रह्म जिसे शास्त्रों में क्षर पुरूष कहा है, इसके लोक में हमें कर्म फल भोगने होते हैं जहां जीव असंख्यों पापों से लदा हुआ है। क्षर पुरुष अव्यक्त रहता है कभी दर्शन नहीं देता एवं उसने अपने पुत्रों ब्रह्मा जी, विष्णु जी, शिव जी के ��ाथों में जीव उत्पत्ति, पोषण और संहार का कार्य सौंप दिया है। किंतु वे तो केवल निमित्त हैं असली पालनहार तो पूर्णब्रह्म कबीर साहेब हैं जो सर्व लोकों में प्रविष्ट होकर सबका धारण पोषण का कार्य करते हैं। पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब ही असंख्य ब्रह्मांडों का ब्रह्मा-विष्णु-महेश है।
कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2024 पर विशाल समागम
परमेश्वर स्वरूप सतगुरु रामपाल जी महाराज के सानिध्य में "परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी के 506वें निर्वाण दिवस" के उपलक्ष्य में 17-20 फरवरी 2024 तक अमरग्रन्थ साहेब का 4 दिवसीय खुला पाठ किया जा रहा है। आज से लगभग 506 वर्ष पूर्व (मास माघ, शुक्ल पक्ष, तिथि एकादशी वि. स. 1575 सन् 1518 को) परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी ने उत्तरप्रदेश के मगहर कस्बे से लाखों लोगों के सामने सशरीर सतलोक (ऋतधाम) को प्रस्थान किया था। उसी दिन की याद में 10 सतलोक आश्रमों  -- सतलोक आश्रम धनाना धाम (हरियाणा), सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा), सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा), सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान), सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश), सतलोक आश्रम खमाणो�� ( पंजाब ), सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब), सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली), सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश) तथा सतलोक आश्रम जनकपुर (नेपाल) में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इसमें निःशुल्क नामदीक्षा, रक्तदान शिविर, दहेज व आडंबर रहित आदर्श विवाह आदि का भी आयोजन किया जा रहा है। इस विशाल भंडारे में आप सभी सादर आमंत्रित हैं।   
कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2024: कलयुग में परमेश्वर कबीर की लीला
परमेश्वर कबीर समर्थ, सर्वशक्तिमान, अचल, अजन्मा, अमर, श्रेष्ठतम परमात्मा है। सारी सृष्टि उन्होंने ही रची है। वे प्रत्येक युग में स्वयं शिशु रूप में प्रकट होते हैं क्योंकि पूर्ण परमेश्वर का जन्म माता से नहीं होता (ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 4 मन्त्र 3) वे स्वयं पृथ्वी पर सशरीर शिशु रूप में प्रकट होकर निसंतान दम्पत्ति को प्राप्त होते हैं। कलियुग में परमात्मा कबीर काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर विराजमान हुए थे। इस बात के साक्षी रामानन्द जी के शिष्य ऋषि अष्टानंद जी थे जो वहाँ साधना कर रहे थे।
कबीर परमेश्वर निसंतान दम्पत्ति नीरू और नीमा को मिले जो ब्राह्मण दम्पत्ति थे व अन्य ब्राह्मणों की ईर्ष्या का शिकार हुए थे एवं जबरन धर्म परिवर्तित कर दिए जाने पर कपड़ा बुनकर रोजगार चला रहे थे। बालक कबीर ने कुछ भी खाया पिया नहीं किन्तु जब नीमा का रो रो कर बुरा हाल हो गया तब साहेब कबीर ने कुँवारी गाय के दूध पीने की लीला की। (ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त1 मन्त्र 9)। परमेश्वर कबीर ने विवाह नहीं किया जैसा कि ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 4 मन्त्र 4 में वर्णित है कि पूर्ण परमात्मा कभी भी स्त्री से सम्बंध नहीं रखते हैं। पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब सशरीर आये और अनेकानेक लीलाएं करके पुनः सशरीर सतलोक गए क्योंकि पूर्ण परमात्मा कभी भी न जन्म लेता है और न उसकी मृत्यु होती है।
साहेब होकर उतरे, बेटा काहू का नाहीं।
जो बेटा होकर उतरे, वो साहेब भी नाहीं।।
परमेश्वर कबीर साहेब ने जगत की दृष्टि में रामानंद जी को गुरु धारण किया किन्तु वास्तव में परमेश्वर कबीर उनके गुरुदेव थे। आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने कहा है-
जाति मेरी जगतगुरु, परमेश्वर है पंथ |
गरीबदास लिखित पढ़े, नाम न���रंजन कन्त ||
हे स्वामी सृष्टा मैं, सृष्टि मेरे तीर |
दास गरीब अधर बसूं, अविगत सत कबीर ||
कबीर परमेश्वर जी के "सह-शरीर सतलोक प्रस्थान" की घोषणा
परमेश्वर कबीर साहेब 120 वर्ष तक इस पृथ्वीलोक में रहे और तत्वज्ञान का प्रचार किया। उस समय दिल्ली का बादशाह बहलोल लोदी का पुत्र सिकन्दर लोदी था जिसका पीर गुरु शेखतकी था। कबीर परमेश्वर के तत्वज्ञान एवं चमत्कार के कारण अन्य ब्राह्मण जिनकी नकली दुकानें भोली जनता को गुमराह करके ठगने की बंद हो रही थीं वे परमेश्वर कबीर से ईर्ष्या करने लगे। शेखतकी भी कबीर साहेब से ईर्ष्या करता था। इस कारण अनेकों बार कबीर परमात्मा को नीचा दिखाने व मार डालने की असफल योजनाएं बनाई गईं किन्तु परमेश्वर जो सबका सृजनहार है उसे भला कौन मार सकता है।
गरीब, पानी से पैदा नहीं, श्वासा नहीं शरीर |
अन्न आहार करता नहीं, ताका नाम कबीर ||
उस समय नकली ब्राह्मणों ने यह भ्रम संसार में फैला रखा था कि जो काशी में मरता है वह सीधा स्वर्ग जाता है और जो मगहर में मरता है वह नरक गमन करता है। जबकि वास्तविकता यह है कि सही विधि से भक्ति करने वाला कहीं भी प्राण त्याग दे वह अपने सही स्थान पर जाता है। तो ब्राह्मणों द्वारा फैलायी इस भ्रांति को तोड़ने के लिए परमेश्वर कबीर साहेब ने काशी के सभी पंडित, ज्योतिषशास्त्रियों से कह दिया कि इस दिन वे मगहर में देह त्याग करेंगे तथा वे अपने-अपने पोथियों में जांच लें कि मैं कहाँ गया हूँ स्वर्ग या उससे भी श्रेष्ठ स्थान सतलोक में।
ऐसा कहकर कबीर साहेब ने काशी में मगहर के लिए प्रस्थान किया। कबीर साहेब के शिष्यों में दोनों धर्मों के लोग थे। राजा बीर सिंह बघेल एवं बिजली खां पठान भी परमेश्वर कबीर के शिष्य थे वे चाहते थे कि अपने गुरुदेव का अपनी धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार करें। बीरसिंह भी शरीर न मिलने पर युद्ध के उद्देश्य से अपनी सेना लेकर चल पड़े। अन्य हजारों की संख्या में दर्शक एवं शिष्य मगहर गए।
कबीर परमात्मा ने अमानवीय काशी करौंत कुप्रथा को किया समाप्त
व्यापक अफवाहों के कारण लोगों में दृढ़ विश्वास पैदा हो गया कि काशी में मरने से स्वर्ग की प्राप्ति होगी और इसके विपरीत मगहर में मरने से नरक में जगह मिलती है और उसके बाद गधे की प्रजाति में जन्म होता है। ये स्वर्ग और नरक की प्राप्ति कर्म के सिद्धांत के विरुद्ध होगी। 
 
ऐसी कुप्रथा के कारण बड़ी संख्या में वृद्ध लोग जीवन के अन्तिम दिनों में स्वर्ग प्राप्ति की दृष्टि से काशी में आने लगे। ये लोग काशी के झूठे पुरोहितों के पास रहा करत��� थे। काशी में अपने ही घरों में रहने वाले बुजुर्गों की देखभाल के लिए पुजारी मोटी रकम वसूल रहे थे। धीरे-धीरे वृद्ध लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि होने लगी। पुजारियों के लिए बूढ़ों की बड़ी संख्या की देखभाल करना मुश्किल हो गया।
इस समस्या का पुजारियों ने काशी करौंत (काशी करवट) नाम से एक अमानवीय समाधान बनाया। करौंथ मनुष्य को काटने के लिए एक विशेष प्रकार का ब्लेड है और इसे एक रस्सी की सहायता से एक नदी के किनारे समायोजित किया जाता था। पुजारियों ने काशी में 'काशी का करौंथ' के नाम से उसका प्रचार किया। पाखंडी पंडितो ने काशी में यह झूठ फैलाया कि जिनको जल्दी स्वर्ग जाना है उनके लिए परमात्मा ने काशी करौथ बनवाया है जहां ऊपर से करौंतआता है और लोगों ने स्वर्ग जाने के लिए अपनी गर्दन कटवाना भी यह सोचकर शुरू कर दिया कि एक ना एक दिन तो मरना ही है। कई बार रस्सी के अटक जाने से करौथ नीचे नहीं आता था तो पाखंडी पंडित बोलते थे कि अभी भगवान तुम्हें नहीं बुला रहे हैं तुम्हारे पाप कर्म ज्यादा है जिससे लोगों को उनकी इस बात पर विश्वास गहरा हो जाता था कि वास्तव में यह भगवान के द्वारा बनाया गया एक माध्यम है। बाद में वे स्वार्थी पंडित रस्सी को ठीक करके लोगों की नृशंस हत्या का काम फिर से शुरू कर देते थे।
गरीब, काशी करौंथ लेत है, आन कटावे शीश |
बन-बन भटका खात है, पावत न जगदीश ||
परमेश्वर कबीर जी ने काशी करौंत मिथक को लोगों के सामने उजागर किया था। उन्होंने बताया कि भगवान इस दुष्ट प्रक्रिया से अपनी प्यारी आत्माओं को मुक्ति नहीं दे सकते। इसलिए वे अपनी 120 साल की लीला के अंत में मगहर आ गए ताकि लोगो को संदेश दे सके कि अच्छे कर्मों के करने वाले कही भी शरीर त्याग करे उसकी सद्गति होती है। उन्होंने सर्वशक्तिमान ईश्वर को प्राप्त करने के लिए एक पूर्ण संत से तीन चरणों का मंत्र ओम तत् सत् निर्धारित किया। यही पवित्र गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में बताया है।
संत गरीबदास जी कहते हैं:
गरीब, बिना भक्ति क्या होत है, भावे काशी करौंत  लेह |
मिते नहीं मन बसना, बहुविधि भरम सन्देह ||
कबीर परमेश्���र द्वारा सूखी पड़ी आमी नदी में जल बहाना
जब बिजली खां पठान को पता चला कि कबीर साहेब यहाँ आ रहे हैं तो उसने भी सेना तैयार कर ली इस उद्देश्य से कि यदि सतगुरु के शरीर को हासिल करने के लिए युद्ध करना पड़े तो करेंगे एवं अपनी धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार करेंगे। कबीर साहेब मगहर पहुँचे तो राजा ने कबीर साहेब से स्नान हेतु प्रार्थना की। परमात्मा ने कहा कि वे बहते जल में स्नान करेंगे। तब बिजली खां पठान ने बताया कि उन्होंने कबीर साहेब के लिए ��ानी की व्यवस्था की तो है लेकिन बहते हुए पानी की नहीं और पास ही सूखी पड़ी आमी नदी के विषय में परमात्मा को बताया। तब परमात्मा कबीर साहेब ने आमी नदी देखने की इच्छा व्यक्त की। आमी नदी को देखकर कबीर साहेब ने हाथ से आगे बढ़ने की ओर इशारा किया उतने में ही नदी जल से प्रवाहित हो गई और बहने लगी। वह नदी आज भी बह रही है जो शिवजी के श्रापवश सूखी पड़ी थी किन्तु परमेश्वर कविर्देव ने उसे पुनः जीवन दिया।
कबीर साहेब का "सह-शरीर सतलोक प्रस्थान"
"सह-शरीर सतलोक प्रस्थान" के समय परमेश्वर कबीर साहेब ने दोनो राजाओं को सेना लाने के लिए फटकार लगाई क्योंकि वे अंतर्यामी थे एवं सब जानते थे। तथा पुनः समझाया कि तुम एक पिता की संतान हो हिन्दू मुस्लिम अलग नहीं हो व झगड़ा करने से मना किया। वास्तव में एक बहुत बड़ा गृहयुद्ध परमात्मा ने टाल दिया। फिर परमात्मा ने एक चादर बिछवाई एवं उसके ऊपर स्वयं लेटकर अन्य चादर ओढ़ ली। कुछ फूल नीचे वाली चादर पर बिछा दिए। ततपश्चात आकाशवाणी हुई कि कोई झगड़ा न करे, इस चादर के नीचे जो भी मिले उसे आप हिन्दू व मुसलमान आधा-आधा बांट लें और परमेश्वर बोले कि वे स्वर्ग से भी ऊँचे स्थान सतलोक में जा रहे हैं। जब चादर हटाई गई तो केवल सुंगधित फूलों के अलावा कुछ न मिला क्योंकि कबीर परमेश्वर सशरीर सत्यलोक चले गए थे।
वे सह-शरीर आये थे व सह-शरीर चले गए। उस स्थान में रुदन होने लगा। बिना झगड़ा किये दोनों धर्मों ने आधे-आधे फूल बांटे एवं उस पर एक यादगार बना दी। आज भी मगहर में यह यादगार विद्यमान है। आज भी मगहर में कबीर परमेश्वर के आशीर्वाद से हिन्दू व मुस्लिम भाईचारे के साथ रहते हैं व धर्म के नाम पर आपस में कोई झगड़ा नहीं करते हैं।
गरीब दास जी महाराज ने कहा है-
तहां वहां चादरि फूल बिछाये, सिज्या छांडी पदहि समाये |
दो चादर दहूं दीन उठावैं, ताके मध्य कबीर न पावैं ||
अन्य वाणी में गरीबदास जी महाराज ने लिखा है-
चदरि फूल बिछाये सतगुरु, देखै सकल जिहांना हो |
च्यारी दाग सैं रहत जुलहदी, अविगत अलख अमाँना हो ||
मलूक दास जी महाराज जिन्हें परमेश्वर कबीर साहेब मिले एवं अपनी शरण में लिया उन्होंने भी परमेश्वर की महिमा गाई है-
काशी तज गुरु मगहर गए, दोऊ दीन के पीर ||
कोई गाड़ै कोई अग्नि जलावै, नेक न धरते धीर |
चार दाग से सतगुरु न्यारा, अजरो अमर शरीर ||
परमेश्वर कबीर साहेब के परम शिष्य आदरणीय धर्मदास जी ने भी परमेश्वर कबीर की महिमा गाई है:
हिन्दू के तुम देव कहाये, मुसलमान के पीर ||
दोनो दीन का झगड़ा छिड़ गया, टोहे न पाये शरीर ||
कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2024: नाम सुमर ले, सुकर्म कर ले
परमेश्वर कबीर सह-शरीर आये और पृथ्वी पर 120 वर्ष रहे तत्वज्ञान समझाया और सबके समक्ष ही सह-शरीर सतलोक वापस चले गए। वे पूर्ण परमेश्वर ��ैं जिनकी भक्तिविधि कोई पूर्ण तत्वदर्शी सन्त ही बता सकता है। वर्तमान में सन्त रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त हैं। उनसे नामदीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाएं अन्यथा मनुष्य जन्म में भक्ति नहीं की तो विभिन्न योनियों में चक्कर काटते रहना पड़ेगा। बन्दीछोड़ कबीर परमेश्वर की स्तुति जो पूर्ण तत्वदर्शी सन्त द्वारा बताई जाए उसी से जीव का मोक्ष सम्भव है। कबीर परमेश्वर ने कहा है-
"क्या माँगूं कुछ थिर न रहाई | देखत नैन चला जग जाई ||
एक लख पूत सवा लाख नाति | उस रावण घर दीया न बाती ||
आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने कहा है-
मर्द गर्द में मिल गए, रावण से रणधीर |
कंश केशी चाणूर से, हिरणाकुश बलबीर ||
तेरी क्या बुनियाद है, जीव जन्म धर लेत |
गरीबदास हरि नाम बिना, खाली परसी खेत ||
मनुष्य जीवन क्षणिक है समय रहते भक्ति कर्म में लगना श्रेयस्कर है। धन या नाते रिश्ते कुछ भी साथ नहीं जाने वाला है।
कबीर, लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट ।
पीछे फिर पछताओगे, प्राण जायेंगे छूट।।
“परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी के 506वें निर्वाण दिवस” पर आप क्या करें?
"परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी के 506वें निर्वाण दिवस" के उपलक्ष्य में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सत्संग का विशेष प्रसारण 20 फरवरी 2024 को सुबह साधना टीवी पर होगा। इस कार्यक्रम को Youtube- Sant Rampal Ji Maharaj, Facebook - Spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj पर भी प्रसारित किया जाएगा। उपरोक्त कार्यक्रमों में ऑनलाइन सम्मिलित होकर परमात्मा कबीर साहेब के सतज्ञान को जानकर आध्यात्मिक विकास का लाभ उठाएं। आप सभी सतज्ञान अर्जित करने के उपरांत सतगुरु रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर सतभक्ति करके अपना कल्याण कराएं और अपना मनुष्य जीवन यथार्थ सिद्ध करें।
काशी तज गुरु मगहर गये, दोनों दीन के पीर।
कोई गाड़े कोई अग्नि जरावे, ढुंढा ना पाया शरीर।।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान को कैसे अर्जित करें? 
"परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी के 506वें निर्वाण दिवस" पर आप तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा रचित पवित्र पुस्तकें "ज्ञान गंगा" और "जीने की राह" पढ़ें और संत रामपाल जी महाराज एप्प डाउनलोड करके सत्यज्ञान अर्जित करें। संत रामपाल जी से निःशुल्क नामदीक्षा लेने के लिए या अपने नजदीकी नामदीक्षा सेंटर का पता करने के लिए संपर्क करें :- 8222880541। संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तकें (ज्ञान गंगा और जीने की राह) निःशुल्क मंगवाने के लिए अपना पूरा नाम, पूरा पता, पिन कोड और मोबाइल नम्बर हमारे WhatsApp नम्बर पर Message करें :- 7496801825।  
और भी अनेकों पुस्तकें PDF में Download करने के लिए हमारी वेबसा��ट JagatguruRampalJi.org के Publications Page पर Visit करें।  जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन सुप्रसिद्ध TV चैनल्स पर (भारतीय समयानुसार {GMT+5:30 IST}) साधना चैनल पर शाम 07:30 से 8:30 बजे तक, ईश्वर चैनल पर सुबह 06:00 बजे से 07:00 बजे तक, श्रद्दा Mh1 चैनल पर दोपहर 02:00 से 03:00 बजे तक देखें।
संत गरीबदास जी महाराज बोध दिवस: तिथि, उत्सव, घटनाएँ, इतिहास → 
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atar-7067 · 1 year ago
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#TheMission_Of_SantRampalJi #SantRampalJiBodhDiwas
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🎉संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य - दहेज मुक्त समाज, नशा मुक्त समाज, रिश्वतखोरी को समाप्त करना आदि आदि ।
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atar-7067 · 1 year ago
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#hinduism#TheMission_Of_SantRampalJi #SantRampalJiBodhDiwas
#BodhDiwas #SantRampalJiMaharaj #SaintRampalJi #hindu #hinduism #india #innovation #management #productivity #creativity #future #god #goals #focus #initiation
🎉 17 फरवरी को उस महापुरुष का बोध दिवस है जिन्होंने दहेज मुक्त, नशा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त समाज तथा विश्व शांति का बीड़ा उठाया है। विश्व कल्याण क��� लिये प्रकट वह महापुरुष जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं।
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atar-7067 · 1 year ago
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atar-7067 · 1 year ago
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📌📌क्या आप जानते हैं ?📌📌
📝 ब्रम्हा, विष्णु, महेश के माता-पिता कौन हैं ?
📝 शेरावाली माता (दुर्गा अष्टांगी) का पति कौन है ?
📝 हमको जन्म देने व मारने में किस प्रभु का स्वार्थ है ?
📝 हम सभी देवी-देवताओं की इतनी भक्ति करते हैं, फिर भी दुखी क्यों हैं ?
📝ब्रम्हा, विष्णु, महेश तीनो स्वयं त्रिलोकीनाथ होने के बाद भी आखिर किसकी भक्ति करते हैं ?
📝 पूर्ण संत की क्या पहचान होती है एवं पूर्ण मोक्ष कैसे मिलेगा ?
📝पूर्ण परमात्मा साकार है या निराकार ?
📝 किसी भी गुरु की शरण में जाने से मुक्ति संभव है या नहीं ?
📝तीर्थ, व्रत, तर्पण, श्राध्द निकालने से लाभ संभव है या नहीं ?
📝श्री कृष्ण जी काल नहीं थे, फिर भी उन्होंने गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में स्वयं को काल क्यों कहा है ?
📝पूर्ण परमात्मा कौन तथा कैसा है ? कहाँ रहता है ? कैसे मिलता है ? किसने देखा है ?
📝 समाधि अभ्यास(Meditation) हरे राम, हरे कृष्ण, हरिओम, हंस, तीन व पाँच नामों तथा वाहेगुरु आदि- आदि नामों के जाप से सुख एवं मुक्ति संभव है या नहीं ?
📝 वर्तमान समय में प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं के अनुसार वह महान संत कौन है ?
इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए कृपया पढे़ पुस्तक ज्ञान गंगा या जीने की राह या गीता तेरा ज्ञान अमृत और सुनिए संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन साधना चैनल पर शाम को 7:30 से 8:30 बजे तक !
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अधिक जानकारी के लिए निचे लिंक पर क्लिक करे।
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atar-7067 · 1 year ago
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atar-7067 · 1 year ago
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https://fb.watch/q6y3jqfE_A/?mibextid=HSR2mg
📌📌क्या आप जानते हैं ?📌📌
📝 ब्रम्हा, विष्णु, महेश के माता-पिता कौन हैं ?
📝 शेरावाली माता (दुर्गा अष्टांगी) का पति कौन है ?
📝 हमको जन्म देने व मारने में किस प्रभु का स्वार्थ है ?
📝 हम सभी देवी-देवताओं की इतनी भक्ति करते हैं, फिर भी दुखी क्यों हैं ?
📝ब्रम्हा, विष्णु, महेश तीनो स्वयं त्रिलोकीनाथ होने के बाद भी आखिर किसकी भक्ति करते हैं ?
📝 पूर्ण संत की क्या पहचान होती है एवं पूर्ण मोक्ष कैसे मिलेगा ?
📝पूर्ण परमात्मा साकार है या निराकार ?
📝 किसी भी गुरु की शरण में जाने से मुक्ति संभव है या नहीं ?
📝तीर्थ, व्रत, तर्पण, श्राध्द निकालने से लाभ संभव है या नहीं ?
📝श्री कृष्ण जी काल नहीं थे, फिर भी उन्होंने गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में स्वयं को काल क्यों कहा है ?
📝पूर्ण परमात्मा कौन तथा कैसा है ? कहाँ रहता है ? कैसे मिलता है ? किसने देखा है ?
📝 समाधि अभ्यास(Meditation) हरे राम, हरे कृष्ण, हरिओम, हंस, तीन व पाँच नामों तथा वाहेगुरु आदि- आदि नामों के जाप से सुख एवं मुक्ति संभव है या नहीं ?
📝 वर्तमान समय में प्रसिद्ध भविष्यवक्ताओं के अनुसार वह महान संत कौन है ?
इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए कृपया पढे़ पुस्तक ज्ञान गंगा या जीने की राह या गीता तेरा ज्ञान अमृत और सुनिए संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन साधना चैनल पर शाम को 7:30 से 8:30 बजे तक !
👇👇👇👇👇👇
अधिक जानकारी के लिए निचे लिंक पर क्लिक करे।
https://youtube.com/@SaintRampalJiMaharaj
◾🔲◾🔲◾🔲◾🔲◾🔲
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atar-7067 · 1 year ago
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📝 ब्रम्हा, विष्णु, महेश के माता-पिता कौन हैं ?
📝 शेरावाली माता (दुर्गा अष्टांगी) का पति कौन है ?
📝 हमको जन्म देने व मारने में किस प्रभु का स्वार्थ है ?
📝 हम सभी देवी-देवताओं की इतनी भक्ति करते हैं, फिर भी दुखी क्यों हैं ?
📝ब्रम्हा, विष्णु, महेश तीनो स्वयं त्रिलोकीनाथ होने के बाद भी आखिर किसकी भक्ति करते हैं ?
📝 पूर्ण संत की क्या पहचान होती है एवं पूर्ण मोक्ष कैसे मिलेगा ?
📝पूर्ण परमात्मा साकार है या निराकार ?
📝 किसी भी गुरु की शरण में जाने से मुक्ति संभव है या नहीं ?
📝तीर्थ, व्रत, तर्पण, श्राध्द निकालने से लाभ संभव है या नहीं ?
📝श्री कृष्ण जी काल नहीं थे, फिर भी उन्होंने गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में स्वयं को काल क्यों कहा है ?
📝पूर्ण परमात्मा कौन तथा कैसा है ? कहाँ रहता है ? कैसे मिलता है ? किसने देखा है ?
📝 समाधि अभ्यास(Meditation) हरे राम, हरे कृष्ण, हरिओम, हंस, तीन व पाँच नामों तथा वाहेगुरु आदि- आदि नामों के जाप से सुख एवं मुक्ति संभव है या नहीं ?
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इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए कृपया पढे़ पुस्तक ज्ञान गंगा या जीने की राह या गीता तेरा ज्ञान अमृत और सुनिए संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन साधना चैनल पर शाम को 7:30 से 8:30 बजे तक !
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atar-7067 · 1 year ago
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