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kirandas · 3 days
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#शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रानुकूल
शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना
समाज में प्रचलित शिव जी भगवान की साधना विधि जैसे कांवड़ यात्रा करना, शिवरात्रि मनाना आदि शास्त्रों के विरुद्ध साधना है। क्योंकि गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में तमोगुण (शिवजी) की साधना को व्यर्थ बताया है। जबकि शंकर भगवान स्वयं परमात्मा से प्राप्त मंत्र जाप करते हैं और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज स्वयं नाम (मंत्र) जाप की विधि बताते हैं जो कि शास्त्रों के अनुकूल साधना है।
अधिक जानकारी के लिए देखिये Sant Rampal ji Maharaj Youtube Channel
Tattvadarshi Sant Rampal Ji
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kirandas · 3 days
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#शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रानुकूल
शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना
मनमानी पूजा करना, हठ योग, मैडिटेशन, शास्त्र विरुद्ध कर्मकांड, श्राद्ध आदि शास्त्रों के विरुद्ध साधनाएं हैं।
संत रामपाल जी महाराज ने ऋग्वेद मण्डल 1 अध्याय 1 सूक्त 11 मन्त्र 3, गीता अ. 17 श्लोक 23, सामवेद मंत्र संख्या 822 से प्रमाणित करके नाम जप की विधि बताई है जो कि शास्त्र के अनुकूल साधना है।
Tattvadarshi Sant Rampal Ji
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kirandas · 3 days
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#शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रानुकूल
शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना
गीता अध्याय 7 श्लोक 20-23 में स्पष्ट कहा है कि जो लोग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं, वे अल्पबुद्धि हैं और उन्हें केवल क्षणिक फल प्राप्त होते हैं।
जबकि गीता अध्याय 15 श्लोक 4 व अध्याय 18 श्लोक 62 के अनुसार पूर्ण परमात्मा की भक्ति से परम शांति और सनातन परम धाम सतलोक की प्राप्ति होती है। जहाँ जाने के बाद दोबारा संसार में नहीं आना पड़ता।
Tattvadarshi Sant Rampal Ji
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kirandas · 3 days
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#शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रानुकूल
शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना
यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 9 में कहा गया है कि जो लोग शास्त्र विरुद्ध साधना अर्थात अविद्या (देवी-देवताओं की पूजा) में लगे रहते हैं, वे अंधकार में जाते हैं।
जबकि वेदों के संक्षिप्त रूप गीता अध्याय 4 श्लोक 34, अध्याय 15 श्लोक 1 में कहा है कि तत्वदर्शी संत मिलने के पश्चात् परमेश्वर के परम पद अर्थात् सतलोक की खोज करनी चाहिए जहाँ गये हुए साधक फिर लौटकर संसार में नहीं आते अर्थात उनका पूर्ण मोक्ष हो जाता है। जोकि शास्त्र अनुकूल साधना से संभव है।
Tattvadarshi Sant Rampal Ji
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kirandas · 9 days
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#आदिगणेश_सर्व_देवों_का_स्वामी
क्या श्री गणेश जी की भक्ति से हमारा मोक्ष हो सकता है।
मोक्ष प्राप्ति के लिए आदि गणेश अर्थात कबीर परमात्मा की भक्ति जरूरी है।
अधिक जानकारी के लिए देखें Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel
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kirandas · 9 days
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#आदिगणेश_सर्व_देवों_का_स्वामी
रिद्धि सिद्धि के दाता गणेश जी को तो सब जानते हैं लेकिन वह आदि गणेश कौन है जिनकी भक्ति साधना से सर्व सिद्धियां, सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है। देखें Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel
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kirandas · 9 days
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#आदिगणेश_सर्व_देवों_का_स्वामी
इस गणेश चतुर्थी पर जरुर जानिए, गणेश जी को प्रसन्न करने का वास्तविक मंत्र क्या है?
जानने के लिए देखें Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel
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kirandas · 9 days
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#आदिगणेश_सर्व_देवों_का_स्वामी
इस गणेश चतुर्थी पर अवश्य जानिए कि वह आदि गणेश कौन है जिसे पाने के बाद हमारा जन्म-मरण का रोग सदा के लिए समाप्त हो जाएगा तथा हमें शाश्वत स्थान मिलेगा।
अधिक जानकारी के लिए देखें Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel
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kirandas · 9 days
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#आदिगणेश_सर्व_देवों_का_स्वामी
इस गणेश चतुर्थी पर अवश्य जानिए कि वह आदि गणेश कौन है जिसे पाने के बाद हमारा जन्म-मरण का रोग सदा के लिए समाप्त हो जाएगा तथा हमें शाश्वत स्थान मिलेगा।
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kirandas · 1 month
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#Satlok_Vs_Mrityulok
सतलोक बनाम मृत्युलोक
सतलोक में गए हुए प्राणी आपस में मिलजुल कर प्रेम से रहते हैं और एक-दूसरे से मधुर वाणी बोलते हैं। आपस में किसी प्रकार का कोई झगड़ा नहीं करते।
जबकि पृथ्वी अर्थात मृत्यु लोक में प्राणियों का आपस में कटु वचन बोलना, लड़ाई-झगड़ा करना आम बात है। साथ ही, यहाँ के प्राणी अनेक प्रकार के कष्ट एक-दूसरे को देते हुए दुखी रखते हैं।
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kirandas · 1 month
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#Satlok_Vs_Mrityulok
सतलोक vs मृत्युलोक
सतलोक में गए हुए मानव को कभी वृद्धा अवस्था नहीं आती वह हमेशा जवान ही रहता है।
पृथ्वी (मृत्यु लोक) पर वृद्धावस्था के कारण आने वाले दुखों को प्रत्येक प्राणी को सहन करना पड़ता है।
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kirandas · 1 month
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#Satlok_Vs_Mrityulok
सतलोक vs मृत्युलोक
सतलोक में मानव को जन्म-मरण के कष्ट से सदा के लिए मुक्ति मिल जाती है।
मृत्यु लोक यानि पृथ्वी पर मानव को जन्म-मरण, 84 लाख योनियों के कष्टों को निरंतर सहना पड़ता है।
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kirandas · 1 month
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#Satlok_Vs_Mrityulok
सतलोक में प्रत्येक हंस आत्मा का परमात्मा जैसा नूरी शरीर है। जिसका तेज 16 सूर्यों के समान है।
जबकि काल लोक/मृत्यु लोक (पृथ्वी) पर सभी का पांच तत्त्व से बना नाशवान शरीर है। जिसमें हजारों तरह की बीमारियां सदैव बनी रहती हैं।
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kirandas · 1 month
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#Satlok_Vs_Mrityulok
काल लोक/मृत्यु लोक (पृथ्वी) में पांच तत्व का शरीर होता है।
लेकिन सतलोक में हमारा पांच तत्व का शरीर नहीं होता। वहाँ हमारा नूरी शरीर होता है। जो नश्वर नहीं होता।
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kirandas · 2 months
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#सृष्टि_रचना_की_जानकारी
How did we come into this world? Who created this world?
Watch Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel to know
God Kabir Creator Of Universe
⤵️
https://youtu.be/_7CqSU5w0ys?si=3E97muH2zX-5cu8j
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kirandas · 2 months
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#मुहर्रमपर_अल्लाहकबीर_कासंदेश
कबीर साहेब अल्लाह है।
पवित्र कुरान शरीफ में वर्णित है कि प्रभु सशरीर है तथा उसका नाम कबीर है।
-बाखबर संत रामपाल जी महाराज
Baakhabar Sant Rampal Ji
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kirandas · 2 months
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#मुहर्रमपर_अल्लाहकबीर_कासंदेश
कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था।
पवित्र क़ुरान सूरह अल-फुरकान नं. 25 आयत नं. 58
Baakhabar Sant Rampal Ji
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