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GK Exam
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lets-gkexams-posts-blog · 6 years ago
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आईबीपीएस क्लर्क प्रिलिम्स 2019 अपडेट: बैंकिंग चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा सोमवार यानी नवंबर 19,2018 तक क्लर्क प्रिलिम्स 2019 परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी करने की उम्मीद है । अभ्यर्थियों को थोड़ी देर इंतजार करना पड़ सकता है और फिर आईबीपीएस की अधिकारिक साइट पर अपने संबंधित प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के लिए ibps.in पर जा सकते हैं । अभ्यर्थी प्रवेश पत्र और अन्य विवरणों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए भी इस वेबसाइट पर जा सकते हैं । अभी तक,उम्मीदवार क्लर्क परीक्षा के लिए आईबीपीएस प्री-परीक्षा Admit Card डाउनलोड कर सकते हैं । आईबीपीएस क्लर्क प्रिलिम्स 2019 लिखित परीक्षा देश भर के विभिन्न केंद्रों पर 8,9,15 और 16 दिसंबर 2018 को आयोजित की जाएगी । मुख्य परीक्षा 20 जनव��ी,2019 को आयोजित की जाएगी । चयनित उम्मीदवारों की अस्थायी आवंटन सूची अप्रैल 2019 के महीने में जारी की जाएगी । आईबीपीएस के अंतर्गत आने वाले विभिन्न बैंकों के लिए कुल 7275 क्लर्क भर्ती किए जाएंगे । प्रारंभिक परीक्षा में अंग्रेजी भाषा,संख्यात्मक क्षमता और तर्कसंगतता शामिल होगी । प्रत्येक पेपर के लिए समय अवधि 20 मिनट है और इसमें अंग्रेजी भाषा में 30 अंक और 30 प्रश्न होंगे और 35 अंक और 35 अन्य प्रश्न होंगे । उम्मीदवार आईबीपीएस क्लर्क 2019 परीक्षा के बारे में और जानने के लिए आईबीपीएस अधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं । ( ibps clerk admit card 2018 download)
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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राजस्थान में खनिज संसाधन राजस्थान में खनिज संसाधन खनिज संसाधनों में राजस्थान एक समृद्ध राज्य है क्योंकि यहाँ अनेक प्रकार के खनिज उपलब्ध है। इसी कारण भूगर्भवेत्ताओ ने इसे ‘खनिजों का संग्रहालय‘ कहा है। यहाँ की प्राचीन एवं विविधतापूर्ण भूगर्भिक संरचना ने खनिज संसाधनों में भी विविधता को जन्म दिया है। भारत में राजस्थान का खनिज उत्पादन में विशेष महत्व है। जेस्पार, गार्ने ट, वोलस्टोनाइट और पन्ना का राजस्थान देश का एकमात्र उत्पादक राज्य है। देश में उत्पादित जस्ता का 99 91प्रतिशत, जिप्सम का 93 प्रतिशत, ऐस्बस्टोस का 89 प्रतिशत, घिया पत्थर (सोप स्टोन) का 85 प्रतिशत, सीसा का 77 प्रतिशत, रॉक फास्फेट का 75 प्रतिशत, फेल्सपार का 70 प्रतिशत, बुल्फेमाइट का 50 प्रतिशत, तांबा का 36 प्रतिशत तथा अभ्रक का 22 प्रतिशत भाग राजस्थान का है। इसके अतिरिक्त इमारती पत्थर विषेषकर संगमरमर के उत्पादन में भी राजस्थान का विशेष महत्व है। राज्य के खनिजों को तीन श्रेणियो में विभक्त किया जाता है- 1. धात्विक खनिज ; डमजंससपब डपदमतंसेद्ध 2. अधात्विक खनिज ; छवद दृ उमजंससपब डपदमतंसे द्ध 3. ऊर्जा उत्पादक खनिज ; च्वूमत च्तवकनबपदह डपदमतंसेद्ध 1. धात्विक खनिज: राजस्थान के धात्विक खनिजों में लोहा-अयस्क, मैंगनीज, तांबा, सीसा, जस्ता, चांदी, बैरेलियम, टंगस्टन तथा केडमियम प्रमुख है। राज्य के धात्विक राजस्थान के प्रमुख धात्विक खनिज राज्य के प्रमुख धात्विक खनिजों के उत्पादन क्षेत्रों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है- लौह अयस्क - लौह अयस्क में राजस्थान महत्वपूर्ण नहीं है। राज्य में जयपुर, सीकर के कुछ क्षेत्रों में बूंदी से भीलवाड़ा, कांकरोली, उदयपुर, डूँगरपुर होती हुई बांसवाड़ा की पेटी में लोहा अयस्क के भण्डार है, किन्तु राज्य में व्यापारिक स्तर पर इसका खनन लाभकारी नहीं है। मैंगनीज - राजस्थान में बांसवाड़ा जिले के लीलवानी, नरडिया, सिवोनिया, कालाखूंटा, सागवा, इटाला, काचला, तलवाड़ा आदि में निकाला जाता है। जयपु���, उदयपुर, और सवाई माधोपुर में भी मैंगनीज पाया जाता है। सीसा और जस्ता - राजस्थान सीसा-जस्ता उत्पादन में अग्रणी है। सीसा-जस्ता उत्पादक क्षेत्रोंमें चाँदी भी मिलती है। राज्य के प्रमुख सीसा-जस्ता के साथ ही चाँदी भी मिलती है। राज्य के प्रमुख सीसा-जस्ता उत्पादक क्षेत्र दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान में उदयपुर, राजसमंद, डँूगरपुर, बाँसवाड़ा और भीलवाड़ा में स्थित है। प्रमुख जस्ता-सीसा उत्पादक क्षेत्र है- जावर, राजपुरा-दरीबा एवं आगूचा-गुलाबपुरा। ताँबा- ताँबा राजस्थान के कई स्थानों पर मिलता है, इनमें झुंझुंनू जिले में खेतड़ी, सिंघाना तथा अलवर जिले में खो-दरीबा क्षेत्र महत्वपूर्ण हैं। खेतडी क्षेत्र में लगभग 8 करोड़ टन ताँबे के भण्डार का अनुमान है। अलवर में खो-दरीबा के अतिरिक्त थानागाजी, कुषलगढ़, सेनपरी तथा भगत का बास में भी ताँबे की खाने मिली है। टंगस्टन- राज्य में डेगाना (नागौर जिला) क्षेत्र में टंगस्टन के भण्डार है। डेगाना स्थित खान देश में एक मात्र खान है, जहाँ टंगस्टन का उत्पादन हो रहा है। चाँदी- राजस्थान में सीसा-जस्ता के साथ मिश्रित रूप में चाँदी का उत्पादन होता है। उदयपुर तथा भीलवाड़ा जिलो की सीसा-जस्ता खदानो से चाँदी प्राप्त होती है, वार्षिक उत्पादन लगभग तीस हजार किलोग्राम है। अधात्विक खनिज राजस्थान अधात्विक खनिजों के उत्पादन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, इन्हे निम्न श्रेणियो में विभक्त किया जा सकता है- उर्वरक खनिज- जिप्सम, रॉक फास्फेट, पाईराइट बहुमूल्य पत्थर- पन्ना, तामड़ा, हीरा आणविक एवं विद्युत उपयोगी- अभ्रक, यूरेनियम ऊष्मारोधी, उच्चताप सहनीय एवं मृतिका खनिज- एस्बेटास, फेल्सपार, सिलिका सेण्ड, क्वाटर्टज, मेगनेसाइट, वरमेकुलेट, चीनी मिट्टी, डोलोमाइट आदि। रासायनिक खनिज- नमक, बेराइट, ग्रेनाइट, स्लेट आदि। अन्य खनिज- घीया पत्थर, केल्साइट, स्टेलाइट आदि। राजस्थान के प्रमुख अधात्विक खनिज प्रमुख अधात्विक खनिजों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत है- ऐस्बेस्टॉस- राजस्थान ऐस्बेस्टास का प्रमुख उत्पादक है और भारत का 90 प्रतिशत भाग उत्पादित करता है। ऐस्बेस्टास के प्रमुख उत्पादक जिले उदयपुर, डूँगरपुर है तथा अजमेर, उदयपुर तथा जोधपुर में सीमित उत्पादन होता है। फेल्सपार- राजस्थान भारत का 60 प्रतिशत फेल्सपार का उत्पादन करता है। राज्य का अधिकांष फेल्सपार अजमेर जिले से प्राप्त होता है। जयपुर, पाली, टोंक, सीकर, उदयपुर, और बाँसवाड़ा में भी सीमित मात्रा में फेल्सपार मिलता है। अभ्रक- राजस्थान में अभ्रक उत्पादन की तीन पेटियाँ-जयपुर-टोंक पेटी, भीलवाड़ा-उदयपुर पेटी और अन्य में सीकर में तोरावाटी तथा अजमेर, राजसमंद, अलवर तथा पाली जिलो में हैं। जिप्सम- राजस्थान भारत का 90 प्रतिशत जिप्सम उत्पादित करता है। इसके प्रमुख उत्पादक क्षेत्रहै- बीकानेर, हनुमानगढ़, चूरू क्षेत्र, नागौर क्षेत्र, जैसलमेर-बाड़मेर, पाली- जोधपुर क्षेत्र हैं। रॉक फास्फेट- राजस्थान देश का लगभग 56 प्रतिशत रॉक फास्फेट उत्पादित करता है। इसके उत्पादक जिले उदयपुर, बाँसवाड़ा, जैसलमेर और जयपुर है। डोलोमाइट- राज्य के बाँसवाड़ा, उदयपुर और राजसमंद जिलो में प्रमुखता से तथा अलवर, झुंझुनूं, सीकर, भीलवाड़ा, नागौर जिलो में सीमित उत्पादन होता है। घिया पत्थर- राजस्थान में देश का 90 प्रतिशत घिया पत्थर उत्पादित होता है। राज्य में राजसमंद, उदयपुर, दौसा, अजमेर, अलवर, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, करौली एवं भीलवाड़ा जिलो से घिया पत्थर का उत्पादन होता है। इमारती पत्थर- राजस्थान इमारती पत्थर के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का संगमरमर प्रसिद्ध है। इसके लिए मकराना भारत भर में प्रसिद्ध है। संगमरमर के अन्य उत्पादक क्षेत्र किशनगढ़, अलवर, सीकर, उदयपुर,राजसमंद, बाँसवाड़ा में है। जालौर, पाली, बूंदी, अजमेर में भी संगमरमर सीमित खनन हो रहा है। चूना पत्थर सिराही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बूंदी, कोटा, जैसलमेर, बाँसवाड़ा, अजमेर, अलवर, जयपुर, नागौर और जोधपुर जिलो में मिलता है। सेण्ड स्टोन अर्थात बालुआ पत्थर जोधपुर, कोटा, बूंदी, भीलवाड़ा, जिलो में प्रमुखता से मिलता है। अन्य इमारती पत्थरो में ग्रेनाइट, सिस्ट, क्वार्टजाइट, स्लेट, कॉजला भी राजस्थान में मिलता है।
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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Bikaner Shaili बीकानेर शैली Rajasthan Gk Notes in Hindi. Audio mp3 pdf Theoretical Gk Ebooks
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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KishanGadh Shaili किशनगढ़ शैली Rajasthan Gk Notes in Hindi. Audio mp3 pdf Theoretical Gk Ebooks
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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यह शैली मुगल शैली तथा जयपुर शैली का सम्मिश्रण माना जा सकता है। यह चित्र औरंगजेब के काल से लेकर बाद के मुगल कालीन सम्राटों तथा कम्पनी काल तक प्रचुर संख्या में मिलते हैं। जब औरंगजेब ने अपने दरबार से सभी कलात्मक प्रवृत्तियों का तिरस्कार करना शुरु किया ते राजस्थान की तरफ आने वाले कलाकारों का प्रथम दल अलवर में आ टिका, क्योंकि कि मुगल दरबार से यह निकटतम राज्य था। उस क्षेत्र में मुगल शैली का प्रभाव वैसे तो पहले से ही था, पर इस स्थिति में यह प्रभाव और भी बढ़ गया।
इस शैली में राजपूती वैभव, विलासिता, रामलीला, शिव आदि का अंकन हुआ है। नर्त्तकियों के थिरकन से युक्त चित्र बहुतायक में निर्मित हुए। मुख्य रुप से चित्रण कार्य स्क्रोल व हाथी-दाँत की पट्टियों पर हुआ। कुछ विद्वानों ने उपर्युक्त शैलियों के अतिरिक्त कुछ अन्य शैलियों के भी अस्तित्व को स्वीकार किया है। ये शैलियाँ मुख्य तथा स्थानीय प्रभाव के कारण मुख्य शैलियाँ से कुछ अलग पहचान ब��ाती है।
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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Rajasthani ChitraKala Amer Shaili Uniyaara Shaili Dungarpur Upshaili Devagadh Upshaili राजस्थानी चित्रकला आमेर शैली उणियारा शैली डूंगरपूर उपशैली देवगढ़ उपशैली Rajasthan Gk Notes in Hindi. Audio mp3 pdf Theoretical Gk Ebooks
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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Dhatu Murti Kala धातु मूर्ति कला Rajasthan Gk Notes in Hindi. Audio mp3 pdf Theoretical Gk Ebooks
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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इसके अन्तर्गत तोप, बन्दूक, तलवार, म्यान, छुरी, कटारी, आदि अस्र-शस्र भी इतिहास के स्रोत हैं। इनकी बनावट इन पर की गई खुदाई की कला के साथ-साथ इन पर प्राप्त सन् एवं अभिलेख हमें राजनीतिक सूचनाएं प्रदान करते हैं। ऐसी ही तोप का उदाहरण हमें जोधपुर दुर्ग में देखने को मिला जबकि राजस्थान के संग्रहालयों में अभिलेख वाली कई तलवारें प्रदर्शनार्थ भी रखी हुई हैं। पालकी, काठियां, बैलगाड़ी, रथ, लकड़ी की टेबुल, कुर्सियां, कलमदान, सन्दूक आदि भी मनुष्य की अभिवृत्तियों का दिग्दर्शन कराने के साथ तत्कालीन कलाकारों के श्रम और दशाओं का ब्यौरा प्रस्तुत करने में हमारे लिए महत्वपूर्ण स्रोत सामग्री है।
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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अन्ततः: लोककला के अन्तर्गत बाध्य यंत्र, लोक संगीत और नाट्य का हवाला देना भी आवश्यक है। यह सभी सांस्कृतिक इतिहास की अमूल्य धरोहरें हैं जो इतिहास का अमूल्य अंग हैं। बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध तक राजस्थान में लोगों का मनोरंजन का साधन लोक नाट्य व नृत्य रहे थे। रास-लीला जैसे नाट्यों के अतिरिक्त प्रदेश में ख्याल, रम्मत, रासधारी, नृत्य, भवाई, ढाला-मारु, तुर्रा-कलंगी या माच तथा आदिवासी गवरी या गौरी नृत्य नाट्य, घूमर, अग्नि नृत्य, कोटा का चकरी नृत्य, डीडवाणा पोकरण के तेराताली नृत्य, मारवाड़ की कच्ची घोड़ी का नृत्य, पाबूजी की फड़ तथा कठपुतली प्रदर्शन के नाम उल्लेखनीय हैं। पाबूजी की फड़ चित्रांकित पर्दे के सहारे प्रदर्शनात्मक विधि द्वारा गाया जाने वाला गेय-नाट्य है। लोक बादणें में नगाड़ा ढ़ोल-ढ़ोलक, मादल, रावण हत्था, पूंगी, बसली, सारंगी, तदूरा, तासा, थाली, झाँझ पत्तर तथा खड़ताल आदि हैं।
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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Rajasthani Kala Rajasthan Ki Kala राजस्थानी कला Rajasthan Gk Notes in Hindi. Audio mp3 pdf Theoretical Gk Ebooks
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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Murti Kala मूर्ति कला Rajasthan Gk Notes in Hindi. Audio mp3 pdf Theoretical Gk Ebooks
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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राजस्थान एक परिचय विषय सूची राजस्थान एक परिचय विषय सूची Rajasthan Gk Notes in Hindi. Audio mp3 pdf Theoretical Gk Ebooks
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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Rajasthani Kala Rajasthan Ki Kala राजस्थानी कला Rajasthan Gk Notes in Hindi. Audio mp3 pdf Theoretical Gk Ebooks.
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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राजस्थान की प्रमुख नदियों के आंकड़े सरकार द्वारा इन नदियों के लिए कराये गए विस्तृत सर्वे QKPCIIOS की रिपोर्ट से लिए गए है। अतः पूर्णत सही है। इसकी रिपोर्ट  IMTI कोटा में मौजूद है। राज्य की नदियों की लम्बाई के आंकडे जो पूर्व में प्रचलित थे एवं अभी भी अन्य पुस्तकों में दिये गए है। वे निम्न प्रकार है। अतः परीक्षा के दृष्टिकोण से निम्न लम्बाई को भी ध्यान रखे.     
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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 हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और 2  [राष्ट्र की एकता और अखंडता]   सुनिश्चित करने वाली बंधुता बनाने के लिए दृढसंकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ईo (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मसमर्पित करते हैं।
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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Rajasthan Samaanya Gyaan Rajasthan Gk In hindi राजस्थान सामान्य ज्ञान Rajasthan Gk in Hindi Rajasthan Gk Notes in Hindi. Audio mp3 pdf Theoretical Gk Ebooks
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lets-gkexams-posts-blog · 7 years ago
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Rajasthan Gk Rajasthan Pashu Sampada 19 pasu ganana pdf राजस्थान पशु सम्पदा 19वीं पशु गणना Ebook Mp3
Rajasthan Pashu Sampada 19 pasu ganana राजस्थान पशु सम्पदा 19वीं पशु गणना Rajasthan Gk Notes in Hindi. Audio mp3 pdf Theoretical Gk Ebooks
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