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parasparivaar · 5 months
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8 दिसंबर- उत्पन्ना एकादशी
हर एकादशी की तरह उत्पन्ना एकादशी भी श्रीहरि विष्णु को समर्पित है। यह एकादशी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यताओं के मुताबिक इस एकादशी के दिन व्रत करने से व्यक्ति के पिछले जन्म के पापों का नाश तो होता ही है साथ ही उसे मुक्ति भी मिलती है।
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parasparivaar · 6 months
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parasparivaar · 6 months
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Paras Parivaar Charitable Trust with our great spiritual leader
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parasparivaar · 6 months
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शिवलिंग क्या है और सनातन परंपरा में क्या है इसकी पूजा का महत्व ?
शिवलिंग क्या है और इसको क्यों पूजा जाता है। भगवान शिव से जुड़ी सबसे खास बात यह है कि वो केवल शिव ही हैं जिन्हें मूर्ति और निराकार लिंग दोनों रूपों में पूजा जाता है। आइये आज हम इस आर्टिकल में आपको शिवलिंग से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताएंगे।
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parasparivaar · 6 months
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रमा एकादशी 2023
महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार, रमा एकादशी व्रत का पालन करने से धन, समृद्धि और सुखी जीवन मिलता है। साथ ही आपको वर्तमान और पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि
रमा एकादशी व्रत को सबसे महत्वपूर्ण एकादशी में से एक माना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है। रमा एकादशी के दिन सबसे पहले स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से अभिषेक कराएं। 
फिर व्रत का संकल्प लेकर श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा करें। जिस प्रकार आप व्रत कर सकते हैं, उसी के अनुसार संकल्प लें, जैसे यदि पूरा दिन निराहार रहना चाहते हो या फिर एक समय फलाहार करना चाहते हैं। भगवान विष्णु को दीप, धूप, नैवेद्य, फल, पुष्प आदि अर्पित करें। फिर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और रमा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें। ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लें। 
रमा एकादशी को पुण्य कर्म करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसे भगवान विष्णु के सबसे प्रिय एकादशी में से एक जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। भोग में विष्णु भगवान को पीले रंग की मिठाई चढ़ानी चाहिए। इस दिन व्रत करने से मां लक्ष्मी भी आपको ऐश्वर्य, कीर्ति, धन का आशीर्वाद देती हैं। पुराणों के अनुसार रमा एकादशी व्रत को करने से व्रती अपने सभी पापों का नाश करते हुए भगवान विष्णु का धाम प्राप्त करता है और मृत्यु के बाद मोक्ष को प्राप्त करता है।
“महंत श्री पारस भाई जी’ के मुताबिक जो भक्त, प्रभु की भक्ति श्रद्धा और आस्था के साथ करते हैं उनके सभी कष्टों का निवारण प्रभु अवश्य करते हैं।
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parasparivaar · 6 months
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रमा एकादशी 2023
महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार, रमा एकादशी व्रत का पालन करने से धन, समृद्धि और सुखी जीवन मिलता है। साथ ही आपको वर्तमान और पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर��ण स्थान रखता है। रमा एकादशी का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। रमा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को बैकुंठ में जगह मिलती है। चलिए जानते हैं इस साल रमा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और क्या है एकादशी व्रत की पूजा विधि और महत्व।
कब है रमा एकादशी व्रत ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल यह व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा। साधक को 10 नवंबर को सुबह पूजा पाठ करके व्रत का पारण कर लेना चाहिए। यह रमा एकादशी दिवाली से पहले आती है। “महंत श्री पारस भाई जी” के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत बाकी एकादशी में शुभ और अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। 
ऐसा माना जाता है कि रमा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। जो इस व्रत को रखता है उसे ब्रह्महत्या के साथ कई पापों से मुक्ति मिल जाती है। रमा एकादशी का व्रत करने से सभी पाप मिट जाते हैं। सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए यह व्रत सुख और सौभाग्यप्रद माना गया है। 
रमा एकादशी व्रत पूजा विधि
रमा एकादशी व्रत को सबसे महत्वपूर्ण एकादशी में से एक माना जाता है। इस दिन जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है। रमा एकादशी के दिन सबसे पहले स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से अभिषेक कराएं। 
फिर व्रत का संकल्प लेकर श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा करें। जिस प्रकार आप व्रत कर सकते हैं, उसी के अनुसार संकल्प लें, जैसे यदि पूरा दिन निराहार रहना चाहते हो या फिर एक समय फलाहार करना चाहते हैं। भगवान विष्णु को दीप, धूप, नैवेद्य, फल, पुष्प आदि अर्पित करें। फिर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और रमा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें। ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लें। 
रमा एकादशी को पुण्य कर्म करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसे भगवान विष्णु के सबसे प्रिय एकादशी में से एक जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। भोग में विष्णु भगवान को पीले रंग की मिठाई चढ़ानी चाहिए। इस दिन व्रत करने से मां लक्ष्मी भी आपको ऐश्वर्य, कीर्ति, धन का आशीर्वाद देती हैं। पुराणों के अनुसार रमा एकादशी व्रत को करने से व्रती अपने सभी पापों का नाश करते हुए भगवान विष्णु का धाम प्राप्त करता है और मृत्यु के बाद मोक्ष को प्राप्त करता है।
“महंत श्री पारस भाई जी’ के मुताबिक जो भक्त, प्रभु की भक्ति श्रद्धा और आस्था के साथ करते हैं उनके सभी कष्टों का निवारण प्रभु अवश्य करते हैं।
रमा एकादशी व्रत का महत्व
सभी एकादशियों में रमा एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे रम्भा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जो भी व्यक्ति रमा एकादशी का व्रत करता है, उससे भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। 
इसके अलावा उस व्यक्ति को बैकुंठ की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि रमा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक के सभी प्रकार के दुःख दूर होते हैं और सुखों की प्राप्ति होती है। रमा एकादशी के व्रत रखने के साथ ही इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने का भी विधान है। एकादशी व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और अगले दिन द्वादशी तिथि को समाप्त होता है। इस व्रत को रखने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। 
साल में कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं और ऐसा माना जाता है कि जो इस शुभ दिन पर उपवास रखते हैं, वे अपने पिछले जन्म के बुरे कर्मों से मुक्त हो जाते हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। इस व्रत को करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। यानि मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए भी यह दिन सबसे शुभ माना जाता है। धन-धान्य और सुख की प्राप्ति के अलावा विवाह में हो रही देरी की समस्याओं को दूर करने के लिए रमा एकादशी का व्रत जरूर रखें।
“महंत श्री पारस भाई जी” ने बताया कि इस दिन श्री नारायण की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को उत्तम लोक की प्राप्ति होती है। इसके अलावा एकादशी का व्रत को करने से मन और तन दोनों स्वस्थ रहते हैं।
रमा एकादशी के दिन दान करने का क्या है महत्व ?
जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनायें पूरी होती हैं और समस्याओं से छुटकारा मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान करने से 11 हजार गाय के दान करने के बराबर पुण्य फल मिलता है। तो आइये जानते हैं रमा एकादशी के दिन दान करने का क्या है महत्व और इस दिन किन चीजों का दान करना फलदायी माना जाता है।
अन्न का दान करें 
रमा एकादशी के दिन गरीब या जरूरतमंदों लोगों को अन्न का दान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने पर माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
तेल का दान करें
रमा एकादशी के दिन सरसों के तेल का दान करना अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से शनि महाराज खुश होते हैं और आपके कष्ट दूर होते हैं।
पढ़ाई से संबंधित चीजें दान करें
इस दिन पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई से संबंधित चीजें जरूर दान करें। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से माँ लक्ष्मी तो प्रसन्न होती ही है। साथ में माँ सरस्वती भी प्रसन्न होती हैं, क्योंकि माँ सरस्वती विद्या की देवी हैं। ऐसा करने से आपको करियर और जीवन में सफलता मिलती है।
पीले फल का दान करें
ऐसी मान्यता है कि रमा एकादशी के दिन पीले फल का दान करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और आपके जीवन में खुशहाली आती है।
 कंबल का करें दान
इस दिन गरीबों को कंबल का दान करना अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन समर्पण के साथ उपवास रखते हैं उनके जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं।
रमा एकादशी व्रत के दिन इन नियमों को ध्यान में रखें
किसी का अनादर न करें और झूठ न बोलें
रमा एकादशी के दिन तुलसी माता को जल नहीं चढ़ाएं
एकादशी के दिन चावल का सेवन न करें
एकादशी व्रत के दिन तामसिक चीजों से दूर रहें
केवल सात्त्विक भोजन ही ग्रहण करें
महंत श्री पारस भाई जी कहते हैं कि कार्तिक मास में प्रात: सूर्योदय से पूर्व उठने का और दान आदि करने का विधान है। इसलिए इस ��ाह में प्रात: उठकर केवल स्नान करने मात्र से ही मनुष्य को जहां कई हजार यज्ञ करने का फल मिलता है, वहीं इस महीने में श्रद्धापूर्वक किए गए किसी भी व्रत का फल हजारों गुणा अधिक मिलता है। शास्त्रों में विष्णुप्रिया तुलसी की महिमा अधिक है इसलिए व्रत में तुलसी पूजन करना और तुलसी की परिक्रमा करना अति उत्तम माना गया है।
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parasparivaar · 8 months
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Cow Sewa - Cow Care With Paras Guru Ji
In Hindu Religion, we worship the Cow like a Goddess because we believe that the Cow is like our mother. After all, she feeds us with her milk. Her love for us is pure. To show some love towards Cow, Our Guruji Paras Bhaiji has started a campaign to contribute to her Sewa.
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parasparivaar · 9 months
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