Thoughts of Jagadguru Ramanujacharya Swami Rajnarayanacharya, Bhakti Vatika, Deoria, India
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Verna & Caste
Esteemed Reader, Please take a moment to read the following brief discourse. “The sky, the wind, the fire, the water, the earth, the stars, the living beings, the directions, the trees, the rivers, the oceans—everything that exists is a manifestation of the divine body of the Supreme Lord. Let those who are devoted bow down to all beings as an expression of their reverence for Him.”—[Śrīmad…

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जाति और वर्ण
महानुभाव! निम्नलिखित लघुप्रबन्ध को अवश्य पढ़ें । खं वायुमग्निं सलिलं महीं चज्योतींषि सत्त्वानि दिशो द्रुमादीन्।सरित्समुद्रांश्च हरेः शरीरंयत्किंच भूतं प्रणमेदनन्य:॥{ श्रीमद्भागवत ११।२।४१ } सनातनधर्म में भगवान् की कोई जाति नहीं होती है ।भगवान् तो मछली { मत्स्यावतार }कछुआ { कूर्मावतार }शूकर { वाराहावतार }सिंह { नृसिंहावतार }मनुष्य { वामनावतार ब्राह्मण वंश }{ परशुराम ब्राह्मण वंश }{ श्रीराम…
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आज का चिन्तन
देवता,भगवान्,पुरुष,महापुरुष,विभूति,महाविभूति ये लौकिक तथा अलौकिक दो प्रकार की उपाधियाँ हुआ करती हैं।देव,देवता,पुरुष,महापुरुष,विभूति तथा महाविभूति शब्दों का प्रयोग तो श्रीभगवान् श्री नारायण के लिए भी धर्मग्रंथो में हुआ है। ये सारी उपाधियाँ अलौकिक हैं अर्थात् प्रकृति के नियंत्रक भगवान् के लिए हैं।प्रकृति के अधीनस्थ देवताओं एवं मनुष्यों के लिए भी तो यही सब उपाधियाँ धर्मग्रंथों में मिलती हैं,पर ये…

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जगदाचार्य श्रीमद्विष्वक्सेनाचार्य श्रीत्रिदण्डी स्वामी जी महाराज की पावन जयंती ‘तिरुनक्षत्र’
॥श्रीमते रामानुजाय नमः॥॥ श्रीवादिभीकर महागुरवे नमः॥ जगदाचार्य श्रीमद्विष्वक्सेनाचार्य श्रीत्रिदण्डी स्वामी जी महाराज की पावन जयंती ‘तिरुनक्षत्र’26 अप्रैल 2024 ई श्रीवैष्णव जगत् के देदीप्यमान मार्तण्डश्री सनातनधर्ममूर्ति पदवाक्यप्रमाण पारावारीण महान योगी जगद्वन्द्य जगदाचार्य श्रीमद्विष्वक्सेनाचार्य श्रीत्रिदण्डी स्वामी जी महाराज कीआज शुक्रवार को पावन जयंती पर्व ‘ तिरुनक्षत्र अनुराधा है।भारत के…

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परम भागवत श्रीहनुमान् जी
महानुभाव! श्रीहनुमज्जयंती के पावन अवसर पर निम्नलिखित लघुप्रबन्ध को अवश्य ही पढ़ें। इस वासनाविजड़ित शरीर से भक्ति के परमाचार्य श्रीहनुमान् जी के समग्र चरित्रों का यथार्थ निरुपण तो सम्भव नहीं है,फिर भी यथामति किंचित् निवेदन कर रहा हूँ ।श्रीहनुमान् जी पवनसुत,आंजनेय आदि अनकों नामों से पूजित हैं,वेभक्तों को श्रीराम जी की अमोघ शरणागति कराने का कैंकर्य करते रहते हैं।श्रीहनुमान् जी अपने आचरण के द्वारा…

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श्रीराम नवमी महापर्व
“श्रीराम जन्म महोत्सव “दि. १७ अप्रैल २०२४ को पूर्ण सनातनब्रह्म भगवान् श्रीराम का प्राकट्य महोत्सव श्रीरामनवमी महापर्व है।श्रीतिरुपति बालाजी मन्दिर,भक्ति वाटिका, रामानुजाचार्य मार्ग, कसया रोड, देवरिया में श्रीराम जन्म महोत्सव परसों मंदिर की परम्परा के अनुसार मनाया जायेगा।प्रात:काल श्रीवेंकटेश्वर भगवान् का नित्य आराधन के बाद अभिषेक,श्रृंगार आदि होगा।मध्याह्न १२ बजे श्रीरामजन्म महोत्सव की १०८…

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श्रद्धा
॥ श्रद्धा ॥महानुभाव! आप सभी निम्नलिखित संदर्भ को अवश्य पढ़ें।भगवान् श्रीमन्नारायण कोई ऐतिहासिक या भौगोलिक वस्तु नही है, जिसे हम काल या किसी देश विशेष में देख सकें, उन्हें देखने के लिए श्रद्धा की परम आवश्यकता है ।श्रद्धावित्तो भूत्वा आत्मन्येव आत्मानं पश्येत् ।{ माध्यन्दिनशतपथ }श्रीभगवान् के दिव्य पादपद्मों में निष्ठा होने दृढ़ होने के लिए श्रद्धा के साथ उनकी दिव्य कथाओं को सुनना परम आवश्यक है –…

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शरणागति से भगवद्प्राप्ति
श्रीभगवान् की शरणागति ही श्रीभगवान् तक पहुँचने का अन्यतम मार्ग है। ” नान्य: पन्था विद्यतेऽयनाय” ( शु. यजुर्वेद मा. शाखा ३१ ) अस्तु । श्रीभगवान् ने मेरे जैसे तुच्छ प्राणी को भी अपना लिया है, ये उनका सौलभ्य गुण है। किसी भी स्थिति, परिस्थिति में रहते हुये उस विषम परिस्थिति को भी अनुकम्पा मानकर सभी में सभी को उन्हीं में देखते हुये अन्य आश्रयों का परित्याग कर भगवद्भागवताचार्य कैंकर्य पारायण होकर सदा…

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प्रसाद
महानुभाव! आप सभी निम्नलिखित संदर्भ को अवश्य पढ़ें। पूर्ण सनातनब्रह्म भगवान् श्रीमन्नारायण तो सदैव ही प्रसाद देने के लिए तत्पर रहते हैं ‘…प्रसाद

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प्रसाद
महानुभाव! आप सभी निम्नलिखित संदर्भ को अवश्य पढ़ें। पूर्ण सनातनब्रह्म भगवान् श्रीमन्नारायण तो सदैव ही प्रसाद देने के लिए तत्पर रहते हैं ‘प्रसादाभिमुखम्’।भगवान् श्रीमन्नारायण को ही अयोध्या में श्रीराम तथा श्रीवृन्दावन में श्रीकृष्ण नाम से सम्बोधित किया जाता है ।वे भगवान् श्रीनारायण ही सुन्दर,शरण्य तथा करुणा,दया के समुद्र हैं।वेदों में ‘नृम्णं’ शब्द का प्रयोग अतिशय सुन्दर के अर्थ में हुआ है ।वेदों…

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श्रीसीताराम
॥श्रीसीताराम ॥श्रीमते रामानुजाय नमःऐतिहासिक श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर में श्रीरामलला भगवान् के श्रीचरणारविन्दों में पुष्पांजलि अर्पित है ।दोहा-कूर्मद्वादशी पौष सित मकर राशि पर सूर्य ।मृगशिरा भा अवध में सूर्य वंश के सूर्य।१।सम्वत् नकुल शिशिर ऋतु तिथि वार अनुकूल।नभ वसु गगन नयन हरि प्रकटे सरयु कूल।२।जन्मभूमि श्रीराम की श्रीअर्चा अवतार।नव्य भव्य प्रासाद में दीनबन्धु सरकार ।३।हाथ जोड़ विनती करूँ प्रकट…

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अमृतसंदेश
श्री गोदा देवी का धनुर्मास उत्सव का २७वाँ दिन।शहर के तिरुपति बालाजी मंदिर में पाँच दिनों तक चलने वाले गोदा देवी विवाह उत्सव का दुसरा दिन था।आज २७ वें पाशुर का वाचन हुआ।हज़ारों क्षेत्रीय भक्त प्रातःकाल की गोदाम्बा जी की गोष्ठी में उपस्थित थे ।पायसम्,पोंगल एवं दधिओदन का भरपूर प्रसाद वितरण किया गया।सायंकाल में गोदा देवी का अभिषेक, नूतन ऋंगार के बाद हल्दी चढ़ाकर चुमावन हुआ। ये सभी कार्यक्रम बालाजी…
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गोस्वामीतुलसीदासजयंती
वासनाविजड़ित शरीर से भगवद्भक्ति के महान आचार्य संत तुलसीदास जी की जीवन गाथा का यथार्थरूप से समग्र निरुपण शक्य नहीं है।भारतीय आस्तिक जन आक्रांता मुग़ल साम्राज्य के कपटपूर्ण विध्वंसक व्यवहार से व्यथित होकर पूर्ण सनातनब्रह्म भगवान् श्रीनारायण से आर्त्त क्रन्दन करते हुए प्रार्थना किये तब आदिकाव्य श्रीरामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार संत तुलसीदास के रूप में हुआ था,ऐसी आस्तिक हिन्दुओं की…

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श्रीभगवान् की पूजा।
भगवान् श्रीविष्णु के किसी भी स्वरूप के मंदिरों में पाँच प्रकार से पूजा की विधि आगम शास्त्रों में मिलती है।ये है पाँच प्रकार- १.अभिगमन २.उपादान ३.इज्या ४.स्वाध्याय ५. योग। उपर्युक्त पाँच प्रकार की पूजा कैसे की जाती है उसे समझें।१.अभिगमन- नित्य श्रीभगवान् के मन्दिर में जाकर वहाँ की व्यवस्था में यथासम्भव सहयोग करना अभिगमन कहलाता है।यथा सम्भव मन्दिरों में सेवा की जाती है- तन, मन, धन के द्वारा…
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श्रीगोदा देवी
।श्रीगोदारंगमन्नारदिव्यदम्पतिभ्यां नम:। *श्रीगोदा जयंती २२ जुलाई २०२३ ई. *इसी पुण्य अवसर पर जगज्जननी श्रीमती गोदाजी के दिव्यपादपद्मों में समर्पित कवित्त।॥कवित्त॥गोदा गोपाल प्रिया गोपी भाव भावित मतिगोकुल स्वरूप व्रज धन्वीपुर वाली हैं।विष्णुचित्त विप्र आल्वार जी की पुत्री श्री,तुलसी के कानन में प्रकटीं रसरानी हैं॥१॥ अभिनव आराधिका श्रीराधिका स्वरूपभूता,कृष्ण की दिवानी तिरुप्पावै व्रत ठानीं हैं।ऋतु…
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॥श्रीदेवशयन एकादशी के पावनपर्व पर परम आराध्य श्रीवेंकटेश भगवान् के दिव्य पादपद्मों में समर्पित पद॥ गोविन्द शक्तिमान् मम स्वामी ।मैं मतिमन्द गँवार गुँसाईं तुम विभु अन्तर्यामी॥१॥ अन्त:करण प्रकाश प्रकाशक पतित उद्धारक नामी।हाथ जोड़ भक्ति वर माँगूँ कमलापति प्रणमामी॥२॥ कारण कार्य कृपानिधि केशव जगद्वन्द्य अविरामीचित् अचित् विशिष्ट श्रीमाधव अद्वय ब्रह्म नमामी॥३॥ नारायण हरि राम कृष्ण अज करुणाकर…
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सहयोग
विगत इक्कीस जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।ज्ञातव्य है कि इस समय प्रतिदिन अन्तर्देशीय सहयोग दिवस मनाने की आवश्यकता है ।सत्य बात तो ये है कि जितने भी कार्यों की अपेक्षा लोगों को सरकार से है,उन सभी कार्यों में जनता का सहयोग परम आवश्यक है।गंगा,गोवंश एवं वृक्षों की रक्षा के लिये उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा नीति निर्धारण,योजना,परियोजनाएँ तो बनती रहती हैं,पर उसका धरातल पर पूर्णतः क्रियान्वयन…

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