🧭जितने भी नकली संत, महंत हैं वे सभी सनातन धर्मग्रंथ के विपरीत विधान बताते हैं कि परमात्मा निराकार है।
जबकि संत रामपाल जी महाराज सनातन धर्म ग्रंथ पवित्र यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15, अध्याय 5 मंत्र 1, पवित्र ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 82 मंत्र 1-2, सूक्त 86 मंत्र 26-27 आदि से स्पष्ट करते हैं कि परमात्मा मानव सदृश्य साकार, राजा के समान दर्शनीय है, उसका नाम कबीर है
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सनातन धर्म महान
#GodMorningTuesday
#आओ_जानें_सनातन_को
सनातन परमात्मा एवं सनातन धर्म की सम्पूर्ण जानकारी केवल सूक्ष्मवेद में ही उपलब्ध होती है,
जिसके लिए गीताजी अध्याय 4 श्लोक 32 में संकेत है। एवं अध्याय 4 श्लोक 34 अनुसार उस सूक्ष्मवेद के गूढ़ आध्यात्मिक तत्वज्ञान को तत्वदर्शी संतों से ही यथार्थ स्प में समझा जा सकता है।
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#आओ_समझें_इल्म_क़ुरआन
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 58:
Allah Kabir
हजरत मुहम्मद जी जिसे अपना प्रभु मानते हैं वह कुरान ज्ञान दाता अल्लाह किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था।
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आइये सीखें कर्मकांड पूजा विधि Karmakand Sikhe
आइये सीखें कर्मकांड पूजा विधि Karmakand Sikhe
कर्मकांड पूजा विधि: एक आध्यात्मिक यात्रा
श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र में आपका स्वागत है, जहाँ आप कर्मकांड पूजा विधि सीख सकते हैं। कर्मकांड का अभ्यास भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से आत्मिक शांति और संतोष की प्राप्ति में मदद करता है। यहाँ पर आप केवल 5 महीनों में कर्मकांड पूजा विधि की विधिवत तैयारी कर सकते हैं।
कर्मकांड का महत्व
कर्मकांड, जिसे हिन्दू धर्म में अनुष्ठान और पूजा विधियों का संग्रह माना जाता है, हमारे जीवन में विशेष स्थान रखता है। यह न केवल व्यक्तिगत भक्ति का साधन है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक है। कर्मकांड का अध्ययन हमें निम्नलिखित बातों का ज्ञान कराता है:
धार्मिक अनुष्ठान: कर्मकांड पूजा विधि विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करने में मदद करती है, जो व्यक्ति को ईश्वर के निकट लाने का कार्य करती है।
सामाजिक एकता: सामूहिक पूजा और अनुष्ठान समुदाय को एकजुट करते हैं और आपसी संबंधों को मजबूत बनाते हैं।
आध्यात्मिक विकास: नियमित पूजा से व्यक्ति का मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है�� यह आत्मा को शुद्ध करने और सकारात्मकता लाने में सहायक है।
संस्कारों का पालन: कर्मकांड हमें संस्कारों और परंपराओं को बनाए रखने में मदद करते हैं, जो पीढ़ियों से आगे बढ़ते हैं।
प्रशिक्षण केंद्र का उद्देश्य
श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र का उद्देश्य आपको कर्मकांड पूजा विधि का गहन अध्ययन और अभ्यास कराना है। यहाँ पर आप निम्नलिखित लाभ उठा सकते हैं:
विधिवत अध्ययन: आप कर्मकांड की विधियों को विस्तार से समझ सकते हैं और उन्हें सही तरीके से लागू कर सकते हैं।
ऑनलाइन क्लासेस: यह सुविधा आपको घर बैठे सीखने की अनुमति देती है। आप किसी भी समय और स्थान से कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं।
अनुभवी शिक्षक: हमारे प्रशिक्षित शिक्षक आपको पूजा विधियों की विस्तृत जानकारी देंगे, जिससे आप इसे सही तरीके से सीख सकें।
कक्षाओं का विवरण
श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र में विभिन्न ऑनलाइन कक्षाएँ निम्नलिखित हैं:
कर्मकांड ऑनलाइन क्लास
समय: 04:00 PM से 05:00 PM
भागवत पुराण मूलपाठ ऑनलाइन क्लास
समय: 06:05 PM से 07:00 PM
भागवत पुराण साप्ताहिक कथा ऑनलाइन क्लास
समय: 07:30 PM से 09:00 PM
राम कथा ऑनलाइन क्लास
समय: 09:05 PM से 10:00 PM
कक्षा में जुड़ने की प्रक्रिया
आप कक्षा में शामिल होने के लिए निम्नलिखित लिंक का उपयोग कर सकते हैं:
Join Zoom Meeting: Join Zoom Meeting
Meeting ID: 419 969 0017
Passcode: Radhe
सभी कक्षाओं में जुड़ने का लिंक वही है, इसलिए बस आपको समय का ध्यान रखना है।
कैसे तैयारी करें
कक्षा में शामिल होने के लिए निम्नलिखित सुझावों का पालन करें:
पंजीकरण: पहले से संपर्क करें और अपनी सीट सुनिश्चित करें।
सामग्री की तैयारी: कक्षा से पहले अध्ययन सामग्री को पढ़ें और किसी भी प्रश्न को नोट करें।
अनुशासन बनाए रखें: कक्षा में भाग लेते समय ध्यान और अनुशासन बनाए रखें ताकि आप बेहतर तरीके से सीख सकें।
कर्मकांड पूजा विधि की मूल बातें
कर्मकांड पूजा विधि में निम्नलिखित महत्वपूर्ण तत्व शामिल होते हैं:
पूजा की तैयारी: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री का संग्रह करना जैसे फूल, दीपक, धूप, और नैवेद्य।
शुद्धता का ध्यान: पूजा के समय शुद्धता का ध्यान रखना आवश्यक है। इसे मन, वचन, और क्रिया से पालन करना चाहिए।
मंत्रों का उच्चारण: सही मंत्रों का उच्चारण करना आवश्यक है, क्योंकि मंत्रों की शक्ति विशेष होती है। सही उच्चारण से पूजा का प्रभाव बढ़ता है।
नैवेद्य अर्पण: भगवान को भोग अर्पित करना और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करना महत्वपूर्ण है।
आरती और प्रार्थना: पूजा के अंत में आरती करना और प्रार्थना करना, ईश्वर की कृपा प्राप्त करने का एक साधन है।
निष्कर्ष
कर्मकांड पूजा विधि केवल धार्मिक कृत्यों का पालन नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा है जो हमें सिखाती है कि जीवन को किस प्रकार से सार्थक बनाया जाए। श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से आप इस अद्भुत विधि का अध्ययन कर सकते हैं और अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं।
इस यात्रा में शामिल होकर आप न केवल कर्मकांड की विधियों को जानेंगे, बल्कि अपने जीवन में सकारात्मकता और शांति का अनुभव भी करेंगे। हम आपके सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए यहाँ हैं। आइए, इस आध्यात्मिक यात्रा में कदम रखें और अपने जीवन को समर्पित करें।
आइये सीखें कर्मकांड पूजा विधि Karmakand Sikhe
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#दहेज_लालची_के_मत_ब्याहो_बेटी
संत रामपाल जी महाराज के हजारों शिष्यों ने उनके मार्गदर्शन में दहेज मुक्त शादियाँ की हैं। ये विवाह समाज को यह संदेश देते हैं कि सच्ची मानवता में दहेज जैसी कुप्रथाओं के लिए कोई स्थान नहीं है। यह एक अनूठा अभियान है जो समाज में समता, आदर्श और निष्कलंक प्रेम को स्थापित करता है। जिसका नजारा एक बार फिर सतलोक आश्रम धनाना धाम (हरियाणा) में देखने को मिला, जहाँ 20 जोड़ों ने बिना किसी दहेज के विवाह बंधन में बंधे।
अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए ज्ञान गंगा किताब पढ़ें l
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#गीता_प्रभुदत्त_ज्ञान_है
💥श्री ज्ञानानंद जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 32 में ’’ब्रह्म’’ शब्द का अर्थ ’’वेद’’ लिखा है जोकि गलत है क्योंकि ’’ब्रह्म’’ का अर्थ ’’परमात्मा’’ होता है। वेद परमात्मा का संविधान है। ’’ब्रह्म’’ का अर्थ ’’वेद’’
नहीं लिखना चाहिए। ये अर्थ का अनर्थ करना है, जबकि इन्हीं अनुवादकतार्ओं ने गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में
’’ब्रह्म’’ का अर्थ ’’सच्चिदानंद घन ब्रह्म’’ अर्थात पूर्ण परमात्मा किया है जिससे स्पष्ट होता है कि गीता अध्याय 4 श्लोक 32 में ’’ब्रह्म का अर्थ ’’वेद सही नहीं है।
- जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
अधिक जानकारी के लिए देखें Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel
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#आओ_जानें_भगवान_को
आओ जानें भगवान (अल्लाह) को
क़ुरआन मजीद, सूरः अस् सज्दा-32 आयत नं. 4 में क़ुरआन का ज्ञान देने वाले प्रभु ने कहा है,
वह अल्लाह ही है जिसने आसमानों और जमीन को और उन सारी चीजों को जो इनके बीच है, छः दिन में पैदा किया और उसके बाद सिंहासन पर विराजमान हुआ।
तो सारी क़ायनात को बनाने वाला अल्लाह कौन है?
जानने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App में पढ़िये ई-बुक "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरआन"
Sant Rampal Ji Maharaj
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#आओ_जानें_भगवान_को
**आओ जानें भगवान को**
गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा गया है, हे भारत! तू उस परमेश्वर की शरण में जा। उस परमात्मा की कृपा से ही तू परम शांति को पाएगा।
जानें Sant Rampal Ji Maharaj App पर
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