Tumgik
#आचार्यसांदीपनि
chaitanyabharatnews · 5 years
Text
जन्माष्टमी 2019 : नटखट कान्हा से जुड़ी ये रोचक बातें जो हर किसी को जानना चाहिए
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज श्रीकृष्ण का जन्मदिन यानी जन्माष्टमी का पर्व देशभर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। अपनी बाल-लीलाओं से लोगों को मंत्र मुग्ध करने वाले श्री कृष्ण को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। लेकिन उनके जीवन से जुड़ी कई रोचक बातें ऐसी भी हैं जिन्हें बहुत कम ही लोग जानते हैं। जन्माष्टमी के इस खास पर्व पर आज हम आपको बताएंगे श्रीकृष्ण की वहीं खास बातें।
Tumblr media
भगवान श्रीकृष्ण की अनसुनी बातें  श्रीकृष्ण को सात रत्न प्राप्त हुए थे जिसमें से पहला रत्न उन्हें राधा के द्वारा वैजयंतीमाला के रूप में प्राप्त हुआ था। फूलों में श्रीकृष्ण को पारिजात के फूल बेहद पसंद है। इनमें से भी उन्हें शरद ऋतु की शीतल सुबह की ओस से भीगा हुआ फूल पसंद है। प्राणियों में कृष्ण को सबसे अधिक घोड़ा पसंद है। उनके रथ गरुड़ध्वज में चार घोड़े हुआ करते थे। जिन्हें कृष्ण ने उनकी खूबियों के अनुसार शैव्य, सुग्रीव, बलाहक और मेघपुष्प नाम दिए थे।
Tumblr media
कृष्ण को 'श्रीजी' भी कहा जाता है। उन्हें यह नाम उनकी प्रिय पत्नी रुक्मणि द्वारा दिया गया था। 'वासुदेव' की उपाधि कृष्ण को भीष्मपितामह ने दी थी। जब द्वारिका की स्थापना की गई थी उस दौरान 'कृष्णसोपन' का भी निर्माण किया गया था। कहा जाता है कि, इसके निर्माण के समय मात्र 25 सीढ़िया हुआ करती थी लेकिन समय के साथ यह सीढ़िया श्रीकृष्ण के जीवन में लोगों की महत्ता बढ़ने के साथ बढ़ती गई। आचार्य सांदीपनि ने कृष्ण को 'अजितंजय' नामक धनुष भेंट किया था। यह भी कृष्ण के साथ रत्नों में से एक था।
Tumblr media
शंखासुर नामक बलाढ्य असुर को जब यादव सेना ने निष्प्राण किया था। तब रेत पर पड़े उसके शंख के प्रति श्रीकृष्ण आकर्षित हुए थे। मथुरा लौटने के समय कृष्ण ने शंख को अपने माथे से लगाकर गुरु सांदीपनि के चरणों में रख दिया था। तब आचार्य ने इसे 'पांचजन्य' नाम देकर कृष्ण को सात रत्नों में द्वितीय रत्न के प्राप्त होने का बोध कराया था। ये भी पढ़े... कृष्ण की जन्मभूमि में दो दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी जन्माष्टमी पर ये दिव्य उपाय कर श्री कृष्ण को करें प्रसन्न, पूरी होगी हर मनोकामना भारत की तरह विदेशों में भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है जन्माष्टमी Read the full article
0 notes